(पवन पासी) अम्बाला कैंट सिविल अस्पताल के निर्माणाधीन स्टाफ क्वार्टर्स साइट की वजह से कोरोना का खतरा और बढ़ता दिख रहा है। क्योंकि यहां जो लेबर के लिए छोटी-छोटी कोठरियां बनी हैं, उनमें से कई में तो 9 श्रमिक रह रहे थे। यहां 6 कोठरियों व एक शेड में 72 श्रमिक थे, जिनमें से 16 कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। बाकियों के सैंपल की रिपोर्ट का इंतजार है। ऐसी कोई कोठरी नहीं है, जहां कोरोना पॉजिटिव न मिला हो।
10 बाई 10 की कोठरियां हैं। यहां एक कोठरी में 9 श्रमिक ठहरे थे, जिनमें 3 पॉजिटिव मिले हैं। दूसरी कोठरी में 3 में से 1, तीसरी में 6 में से 3, चौथी में 5 में से 2 (बाप-बेटा), पांचवीं में 4 में 3 और छठी में 3 में से 2 पॉजिटिव मिले हैं। 35 फुट लंबे शेड के नीचे 42 श्रमिक परिवारों समेत रह रहे थे। इनमें सुपरवाइजर समेत 2 पॉजिटिव मिले हैं। इसी शेड में फुटबॉल स्टेडियम की लेबर को भी ठहराया गया था। अकेले अम्बाला कैंट में चल रहे सरकारी प्रोजेक्ट साइटों पर 557 लेबर रह रही है। अब कैंट और सिटी दोनों जगह पर सरकारी साइट पर रह रही लेबर स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में आ गई है। क्योंकि ये हॉट स्पॉट बनने का खतरा है।
डिस्ट्रिक्ट क्वारेंटाइन कमेटी के इंचार्ज डॉ. राजेंद्र राय की रिपोर्ट के मुताबिक संक्रमित मिले 34 वर्षीय साइट इंजीनियर के 2 बच्चे हैं। वह यूपी का रहने वाला है। वह दिल्ली की कृष्णा बिल्डिंग कंपनी में काम कर रहा है और जनवरी से यहां साइट पर है। यह इंजीनियर पन्ना कॉटेज में एक घर में बने गेस्ट हाउस में रहता है। कमरा तो अलग है लेकिन बाथरूम कंपनी के इलेक्ट्रिशियन के साथ शेयरिंग में है। यह इंजीनियर साइट के एक कुक से खाना लेता था। दूसरा संक्रमित 24 वर्षीय इंजीनियर करनाल का रहने वाला है। वह 12 दिनों से अम्बाला में था। इसके पिता पानीपत में प्राइवेट जॉब करते हैं और करनाल रेलवे स्टेशन के पास घर है। घर में 9 साल की बहन है।
एसडीएम अम्बाला कैंट ने मंगलवार काे पन्ना काेटेज का दाैरा किया। पुलिस बल से स्क्रीनिंग और व्यवस्था के बारे में पूछताछ भी गई। एसडीएम सुभाष के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम साथ थी। पन्ना काेटेज के साथ डाॅक्टरों के रिहायशी क्वार्टर का निर्माण होना है। पीडब्ल्यूडी बीएंडआर की ओर से लॉकडाउन के चलते कामकाज बंद किया हुआ है लेकिन यहां पर रह रहे कुछ मरीजों में लक्षण मिलने से लोगों की परेशानी को बढ़ा दिया गया है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर पन्ना काेटेज के साथ रहने वाले रिहायशी लोगों के सैंपल लेने में जुटी है। इतना ही जहां पर लेबर रह रही थी उस एरिया को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। इतना ही सेनिटाइज करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को आदेश दिए हैं कि पूरी सावधानी के साथ इस एरिया में चेकअप कार्य किया जाए।
शुगर मिल केमिस्ट के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद से शाहाबाद सहकारी चीनी मिल संकट में आ गई। मिल बंद होने से हजारों किसान भी परेशानी में पड़ गए। पहले शाहाबाद मिल का गन्ना भादसों व यमुनानगर की मिलों में शिफ्ट किया, लेकिन मंगलवार दोपहर बाद भादसों शुगर मिल बंद हो गई।
इसका पता चलते ही किसानों में रोष पनप गया। काफी संख्या में किसान शुगर मिल के बाहर जमा हो गए। शुरू में तो किसान सोशल डिस्टेंस मेंटेन करके खड़े रहे। पता चलते ही विधायक रामकरण काला वहां पहुंचे। जिस पर कोरोना के डर के साथ ही किसान सोशल डिस्टेंस भी भूल गए। काफी देर तक मिल प्रबंधन के साथ किसान प्रतिनिधियों की मीटिंग चलती रही। शुगर मिल के एमडी के अलावा सीएम, डिप्टी सीएम व डीसी से भी बातचीत की, लेकिन शाहाबाद शुगर मिल चलाने की अनुमति नहीं मिली। बाद में तय हुआ कि भादसों की बजाय किसानों का गन्ना कैथल मिल में शिफ्ट किया जाएगा। किसान चाहे तो यमुनानगर मिल में गन्ना डाल सकते हैं, लेकिन इस बात पर किसान राजी नहीं हुए और मंगलवार देर शाम तक बातचीत का दौर जारी था।
मिल एरिया कंटेनमेंट जोन, 350 कर्मी घर में क्वॉरेंटाइन : एमडी सुशील कुमार ने बताया कि कोरोना के कारण मिल को कंटेनमेंट जोन में बदल दिया है। लिहाजा मिल को नहीं चलाया जा सकता। मिल के 350 से ज्यादा कर्मचारी अपने-अपने घरों में क्वॉरेंटाइन किए हैं और लगभग 150 कर्मचारी मिल कॉलोनी में क्वॉरेंटाइन हैं। ऐसे में मिल को चलाना असंभव है।
विधायक ने सीएम व डिप्टी सीएम से की चर्चा
मौके पर पहुंचे विधायक रामकरण काला ने कहा कि शुगर मिल के लिए वर्कर प्रदेश की अन्य सहकारी चीनी मिलों से उपलब्ध करवा देंगे, लेकिन किसानों का गन्ना शाहाबाद शुगर मिल में पेराई होना चाहिए। इसे लेकर विधायक ने सीएम, डिप्टी सीएम और डीसी से बात की, लेकिन इन सभी ने डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइंस का हवाला देकर मिल को चलाने से इंकार कर दिया।
बातचीत में यह बनी सहमति
इसके बाद बातचीत में तय हुआ कि 25 प्रतिशत गन्ना किसानों की सहमति से कैथल शुगर मिल में डाला जाएगा। 75 प्रतिशत गन्ना सरस्वती शुगर मिल यमुनानगर में भेजा जाएगा। इसके अलावा लगभग 200 लदी हुई ट्राली को प्राथमिकता के आधार पर कैथल शुगर मिल में भेजा जाएगा। जिनका आने जाने का सारा खर्चा मिल की आगामी बोर्ड बैठक में पास करके दिया जाएगा। एमडी कार्यालय में विधायक के अलावा नायब तहसीलदार परमिंदर सिंह, डीएसपी सुरेंद्र मांजू, कुलदीप सिंह मुल्तानी, सूबे सिंह त्यौडी, किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी, विष्णु भगवान कलसाना, थाना प्रभारी विपिन कुमार, रामकुमार बुहावी, जयपाल तेजपाल जन्धेडी,राजबीर, सहित भारी संख्या में किसान मौजूद रहे ।
किसान किराए के तौर पर ~10 प्रति क्विंटल देने को तैयार थे
मीटिंग में उक्त निर्णय लेनेे के बाद सभी प्रशासनिक अधिकारी एवं किसान नेता मिल गेट पर पहुंचे और किसानों को निर्णय बताया, लेकिन किसान सुनने को राजी नहीं हुए। शुगर मिल के एमडी सुशील कुमार, विधायक रामकरण काला, और गुरनाम सिंह ने किसानों को जब यह निर्णय सुनाया तो वह इस बात पर राजी नहीं हुए। किसानों का कहना था कि उन्होंने गन्ना शाहाबाद शुगर मिल के लिए लगाया था और मिल उनका गन्ना खरीदने को बाध्य है। इसलिए किसान गन्ने को शाहाबाद शुगर मिल में डाल देंगे और इसके बाद मिल ट्रकों में लादकर इस गन्ने को चाहे कहीं भी भेजे। किसान किराए के तौर पर 10 रुपए प्रति क्विंटल देने को भी तैयार थे, लेकिन कोई बात सिरे नहीं चढ़ी।
लॉकडाउन तीन में सरकार ने बाजार खोलने की छूट दी है। सोमवार को पहले ही दिन शहर के अधिकांश बाजार खुल गए। स्थानीय प्रशासन की तरफ से बाकायदा रोस्टर भी तय किया। इसी रोस्टर के तहत बारी-बारी से दुकानें खोली जाएंगी। पहले दिन ही भीड़ जुटती देख प्रशासन को सुबह सात से शाम सात बजे तक दुकानें खोलने का फैसला वापस लेना पड़ा।
बाद में 9 से शाम पांच बजे तक का समय किया। शाम होते-होते इसे बदल कर 9 से 2 बजे तक की टाइमिंग तय कर दी। आदेशों के चलते दुकानदार भी दुविधा में पड़े हैं। वहीं मंगलवार को एक बार फिर से प्रशासन ने आदेश जारी किए। इसके तहत शहर के कमर्शियल सेक्टरों में अब दुकानें नहीं खुलेंगी। मंगलवार को सुबह 9 बजे इन इलाकों में दुकानें खुल भी गई, लेकिन कुछ ही देर बाद पुलिस ने दुकानें बंद करा दी। इससे दुकानदारों में भी रोष पनपा हुआ है।
सेक्टर-10 व 17 में नहीं खुलेंगी दुकानें
सोमवार को शहर के सभी बाजारों और कंटेनमेंट जोन को छोड़कर बाकी सेक्टरों में भी दुकानें खोलने की अनुमति दी थी। बाकायदा सभी दुकानदारों के पास आदेश व हिदायतों के साथ नोटिस भी भेजे गए, लेकिन मंगलवार को शहर के सेक्टर-17 और दस में दुकानों को पुलिस ने बंद करा दिया। सिटी इंस्पेक्टर जसपाल ढिल्लों की अगुवाई में पुलिस की टीमें दुकानें बंद कराने पर जुटी।
बाद में डीएसपी अजय राणा ने स्पष्ट किया कि यह प्रशासन का फैसला है। कहा कि उक्त दोनों सेक्टरों में काफी भीड़ जुटती है। क्योंकि ये कामर्शियल सेक्टर हैं। लिहाजा यहां भीड़ न जुटे, इसीलिए लॉकडाउन की अवधि तक दुकानें बंद करने का फैसला लिया है। पुलिस ने सेक्टर-17 के साथ लगते पिपली रोड पर स्थित मार्केट में भी दुकानें बंद करने के आदेश दिए, लेकिन बाद में विधायक सुभाष सुधा के हस्तक्षेप से पिपली रोड पर दुकानें खोलने की छूट दी, लेकिन सेक्टर-17 व दस में दुकानें बंद रखी जाएंगी।
15 लोगों के दोबारा लिए सैंपल श्रद्धालुओं की रिपोर्ट निगेटिव
शाहाबाद में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मंगलवार को शुगर मिल कॉलोनी के 22 लोगों के सैंपल लिए। कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज करनाल में ये सैंपल भेजे। एडिशनल एसएमओ डॉ. कुलदीप राज के मुताबिक कोरोना से पीड़ित के प्राथमिक संपर्क में आने वाले 15 लोगों के सैंपल लिए गए थे। 72 घंटे बाद उनके सैंपल दोबारा लिए गए हैं। इसके अलावा सात और लोगों के सैंपल लिए हैं। वहीं नांदेड़ से लौटे दोनों श्रद्धालुओं के सैंपल की दूसरी रिपोर्ट भी निगेटिव आई है। उन्हें शाहाबाद के गुरुद्वारा में क्वॉरेंटाइन किया है।
शुगर मिल के आसपास डेढ़ किमी एरिया में रहेगा बफरजोन
शाहाबाद में शुगर मिल कॉलोनी को कंटेनमेंट जोन बनाया है। वही शुगर मिल के डेढ़ किलोमीटर क्षेत्र को बफर जोन बनाया है। इसमें डीडी बिहार किलोनी, शांति कॉलोनी, छपरा, छपरी और जंधेड़ी गांव शामिल हैं। इन क्षेत्रों में आशा वर्कर घर-घर जाकर सर्वे कर रही हैं। सभी की थर्मल स्केनिंग से भी जांच की जा रही है।
पुलिस ने शाम को निकाला फ्लैग मार्च
विधायक सुभाष सुधा ने शहर के बाजारों का मुआयना किया। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र में रोस्टर प्रणाली के अनुसार दुकानों को सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक खोलने का समय निर्धारित किया है। रोस्टर प्रणाली का निरीक्षण करने और दुकानदारों को जागरुक करने के उद्देश्य से दोपहर पौने दो बजे बाजारों का निरीक्षण किया। दुकानदारों ने हिदायतों की पालना की। वहीं देर शाम पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाला।
प्रशासन ने बंद करवाई दुकानें
मंगलवार को नायब तहसीलदार परमिंद्र सिंह ने नगर में दौरा कई दुकानों को बंद करवाया। उन्होंने बताया कि प्रशासन के आदेशानुसार मंगलवार, गुरुवार व शनिवार को केवल आयरन स्टोर, हार्डवेयर स्टोर, सेनेटरी स्टोर, शैटरिंग मैटिरियल, बिल्डिंग निर्माण सामग्री, इलैक्ट्री व इलेक्ट्रॉनिक गुड्स, मोबाईल, कम्पयूटर, ऑपटिकल, घडि़यों, क्रॉकरी, बर्तन, ज्वैलरी व स्नैक्स की दुकानें ही खोली जाएगी। जिनका समय सुबह 9 बजे से 2 बजे तक होगा। प्रशासन ने बाजार तो खोल दिए, लेकिन लोग सोशल डिस्टेंस की पालना नहीं कर रहे। अधिकांश बाजारों में भीड़ जुटी रही। पुलिस ने छोटे बाजार व बडे़ बाजार में गश्त भी की। लोगों को हिदायतें भी दी। कई वाहन चालकों के चालान भी काटे।
एक व्यक्ति ने उसकी बेटी के साथ खेलने आई पड़ोस की 7 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पोक्सो एक्ट-छह के तहत केस दर्ज कर आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पिपली की एक कॉलोनी वासी महिला ने बताया कि वह व उसका पति दिहाड़ी-मजदूरी का काम करते हैं। उसकी 7 वर्षीय बेटी जो तीसरी कक्षा में पढ़ती है। पड़ोस में अपनी सहेली के घर खेलने गई थी। सोमवार देर शाम बेटी ने बताया कि उसके पेट में दर्द है। साथ ही पेशाब में खून आ रहा है जिस पर उसे तुरंत सिविल अस्पताल में ले जाया गया जहां जांच के बाद चिकित्सकों ने बच्ची के साथ गलत काम होने बारे कहा तो बच्ची से पूछा।
बच्ची ने बताया कि तीन-चार दिन पहले वह पड़ोस में सहेली के साथ खेलने उसके घर गई थी। इसी दौरान सहेली का पिता राजकुमार उसे उठाकर चोबारे में ले गया। वहां उसने उसके साथ गलत काम किया। सदर थाना प्रभारी आईपीएस उपासना की टीम ने मामले की जांच सब इंस्पेक्टर सतीश कुमार की टीम को सौंपा थी। छानबीन के बाद आरोपी राजकुमार को पुलिस ने गिरफ्तार किया। आरोपी ने बच्ची के साथ दुष्कर्म की वारदात कबूली। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है।
अम्बाला में एक ही दिन में 23 कोरोना पॉजिटिव सामने आने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग ने सैंपलिंग बढ़ा दी है। मंगलवार को 306 सैंपल लिए गए। इनमें कैंट और सिटी सिविल अस्पतालों की कंस्ट्रक्शन साइट पर रह रही लेबर के बड़ी मात्रा में सैंपल शामिल हैं। सोमवार और मंगलवार को लिए गए कुल 445 सैंपलों की रिपोर्ट पर काफी कुछ निर्भर रहने वाला है।
सिटी सिविल अस्पताल में 8 लोगों को आइसोलेट किया गया है। इनमें शाहाबाद से डिलीवरी के लिए आई एक गर्भवती, बंद फाटक के स्लम एरिया के एक परिवार के 6 लोग जिनमें 4 माह का बच्चा भी शामिल है। इसके अलावा दो खंभा चौक व एक अन्य कॉलोनी के दो केस हैं। जेल से तीन सैंपल लिए गए हैं। कोरोना संक्रमित मिली नूरपुर पीएचसी के अधीन काम करने वाली दुखेड़ी की आशा वर्कर के संपर्क में आई 4 आशा वर्कर, 2 एएनएम, 2 आंगनबाड़ी वर्करों व 2 अन्य के सैंपल लिए हैं।
आमजन काे अब गर्मी का सामना करना पड़ेगा। सप्ताहभर से हाे रही हल्की बूंदाबांदी से जहां तापमान में ठंडक बनी हुई थी वहीं अब सूर्यदेव की तेज चमक के कारण वातावरण गर्म होने लगा है। पिछले दो दिन से तापमान में निरंतर बढ़ाेतरी हो रही है। दो दिन में तापमान में तीन डिग्री तक बढ़ाेतरी देखने को मिली।
मंगलवार को दिन का अधिकतम तापमान 33 डिग्री व न्यूनतम तापमान 21 डिग्री रहा। वहीं 13 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चली गर्म हवा ने लोगों को परेशान किया। वहीं मौसम विशेषज्ञ बुधवार, शनिवार, रविवार, सोमवार को आसमान में बादल छाने की संभावना जता रहे है लेकिन इससे तापमान में कोई गिरावट नहीं आएगी।
सप्ताहभर में तापमान के 40 डिग्री तक जाने की संभावना जताई जा रही है। इस सप्ताह में शनिवार अब तक का सबसे गर्म दिन होगा। शनिवार को तापमान 40 डिग्री तक जा सकता है। बता दें कि बुधवार को अधिकतम तापमान 35 डिग्री व न्यूनतम तापमान 21 डिग्री, गुरुवार को अधिकतम तापमान 35 डिग्री व न्यूनतम तापमान 21 डिग्री, शुक्रवार को अधिकतम तापमान 37 डिग्री व न्यूनतम तापमान 23 डिग्री, रविवार को अधिकतम तापमान 38 डिग्री व न्यूनतम तापमान 24 डिग्री रहेगा।
सड़क दुर्घटना व हार्ट अटैक से कस्बे के दो युवा व्यापारियों की मौत हो गई है। युवा व्यापारी पिंटू जिंदल की अचानक तबीयत बिगड़ी उन्हें अस्पताल में लाया गया जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
बताया जा रहा है कि पिंटू जिंदल की मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई है। वहीं दूसरे वार्ड तीन में रहने वाले व्यापारी संजीव बंसल शनिवार को आगरा के लिए निकले थे। उनके साथ कैथल के दो व्यापारी भी कार में मौजूद थे। आगरा पुलिस ने मृतक के बड़े भाई नरेश बंसल को सूचना दी कि आगरा से 5 किलोमीटर पहले कार व कैंटर की आमने-सामने टक्कर हो गई है। इसमें कार क्षतिग्रस्त हो गई है और संजीव बंसल की मौके पर ही मौत हो गई है जबकि कार में मौजूद दो अन्य व्यापारी घायल हो गए है। जिनकी हालत गंभीर बनी हुई है। कैंटर चालक मौके से फरार हो गया है।
सूचना मिलने पर परिजन आगरा पहुंचे और शव की शिनाख्त की। बताया जा रहा है कि कार कैथल के व्यापारी की थी और उसे संजीव चला रहा था। सभी धान व चावल के सैंपल लेकर निकले थे। संजीव अनाजमंडी में पहले आढ़त की दुकान करते थे और अब वे धान व चावल के व्यापार का काम देख रहे थे। वे ब्लॉक समिति के सदस्य भी रह चुके हैं। लॉकडाउन व सोशल डिस्टेंसिंग के चलते लोग कस्बे के विभिन्न वॉट्सएप ग्रुपों पर शोक संदेश भेज रहे हैं।
देश-दुनिया में कोरोना वायरस का कहर बरपा हुआ है। मार्च में देश में भी अचानक से लॉकडाउन की घोषणा की थी ताकि कोरोना वायरस की चेन को तोड़ा जा सके। इसके चलते जो जहां था, वहीं फंस गया। भविष्य को लेकर अनिश्चित प्रवासी वापस अपने घरों को लौटना चाह रहे हैं।
वहीं विदेशों में कई लोग, खासकर पढ़ने गए युवा फंसे हैं। उक्त लोग भी अपने वतन लौटना चाह रहे हैं लेकिन लॉकडाउन में घरेलू व इंटरनेशनल सभी फ्लाइट बंद पड़ी हैं। मूवमेंट पर पाबंदी है। हालांकि सरकार ऐसे युवाओं को वापस लाने की कवायद में लगी है इसीलिए उन लोगों का ब्यौरे समेत आवेदन मांगे हैं। ऐसे युवाओं के परिवारों को प्रशासन के पास सूचना व ब्यौरा देना होगा। पिछले 5 दिनों में प्रशासन के पास 69 युवाओं के परिजन आवेदन कर चुके हैं। हालांकि अभी सिर्फ ब्यौरा जुटाया जा रहा है। इसके बाद रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेजी जाएगी। सरकार की तरफ से ही उन लोगों को वापस वतन लाने के प्रयास होंगे।
जारी रहेगी हेल्पलाइनः 11936 ने मांगी फोन पर रोटी : बेशक लॉकडाउन में बाजार खोलने के फैसले हो चुके हैं लेकिन प्रशासन द्वारा बनाए गए कंट्रोल रूम पर अभी भी लोग मदद मांग रहे हैं। पिछले 40 दिनों में हजारों लोग मदद मांग चुके हैं। हेल्पलाइन नंबर 1950 पर लॉकडाउन के प्रथम और द्वितीय चरण के 40 दिनों में 26 मार्च से 4 मई तक 12629 लोगों ने मदद मांगी। डीसी धीरेंद्र खड़गटा के मुताबिक अभी यह हेल्पलाइन जारी रहेगी। कहा कि लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही लघु सचिवालय में कंट्रोल रूम स्थापित करके हेल्पलाइन नंबर 1950 शुरू किया गया। चार मई तक कुल 12629 लोगों ने अलग-अलग तरह की मदद मांगी। खास बात यह है कि इनमें से 11936 लोगों ने भोजन और राशन की मांग की जबकि स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 78 लोगों ने सहायता मांगी। वहीं पुलिस सहायता के लिए 23, पास बनवाने के लिए 311 और अन्य कार्यों के लिए 281 लोगों ने मदद मांगी।
69 लोग वापसी को रहे मचल : जिले के विदेशों में फंसे लोगों को वापस लाने में प्रशासन मदद करेगा। वहीं प्रवासियों को भी वापस उनके राज्यों में भेजा जाएगा। पिछले पांच दिनों में जिले के 69 ऐसे युवाओं के परिजन आवेदन भी दे चुके हैं जो विभिन्न देशों में फंसे हुए हैं। इनके परिजनों का कहना है कि कइयों को उक्त देशों में भोजन के लिए भी भटकना पड़ रहा है। इनमें से ज्यादातर युवा पढ़ने के मकसद से आस्ट्रेलिया, यूके, अमेरिका व कनाडा आदि में हैं। वहीं कई लोग काम के मकसद से गए थे। कई खाड़ी देशों में फंसे हुए हैं।
प्रवासी मजदूरों ने लगाई वापस भेजने की गुहार
प्रवासी लोगों को भी वापस उनके राज्यों में भेजा जाएगा। बता दें कि जिले में बनाए शेल्टर होम में से कइयों को प्रशासन ने उनके राज्यों में भेजा भी है। हालांकि इनमें यूपी, पंजाब व उत्तराखंड के लोग ही वापस भेजे हैं जबकि बिहार, असम जैसे राज्यों के लोग अभी यहीं शेल्टर होम में हैं जबकि कई बिहार निवासी लोग उन्हीं जगह पर हैं, जहां वे काम कर रहे थे। कुरुक्षेत्र से 1752 प्रवासी लोगों ने प्रशासन से मदद मांगी है। डीसी धीरेंद्र के मुताबिक इनकी सूची तैयार की जा रही है। उक्त लोगों को वापस भेजने का अंतिम फैसला सरकार लेगी। सरकार की तरफ से ही उन्हें भेजने के प्रयास होंगे।
गेहूं सीजन लगभग सिमटने को हैं, जिलेभर में चार लाख एमटी की खरीद हो चुकी है। इसमें करीब डेढ़ लाख एमटी उठान के इंतजार में मंडियों में पड़ी है। विगत तीन दिन से उठान का आंकड़ा 62 प्रतिशत से आगे नहीं बढ़ पा रहा है। लेबर की कमी के कारण कई-कई दिन बाद बाद गाड़ियां खाली हो पा रही हैं।
हैफेड व एफसीआई के गोदामों पर लंबी कतारें वाहनों की लगी हैं। वहीं बारिश के कारण अमीन सहित कई खरीद केंद्रों जिनमें फड़ पक्का नहीं है, वहां दीमक गेहूं के चट्ठों पर लगने लगी है। जिससे अनाज खराब होने का भी डर व्यापारियों को सता रहा है। वहीं लस्टर लॉस को लेकर कोई गाइड लाइन न आने के कारण व्यापारी एफसीआई गोदाम की बजाए हैफेड आदि गोदामों में गाड़ियां ले जा रहे हैं। व्यापारियों का कहना है एफसीआई से गाड़ियां वापस लौटाने पर व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। व्यापारी लस्टर लॉस संबंधी जल्दी गाइडलाइन की मांग कर रहे हैं।
आज आने की उम्मीद, एफसीआई डीएम : एफसीआई के डीएम जनार्दन पासवान का कहना है लस्टर लॉस को लेकर उच्च स्तर से नई गाइडलाइन बुधवार तक आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा उतराई में भी पूरी तेजी लाई जा रही है। उन्होंने कहा पिपली केंद्र पर 100 गाड़ी मंगलवार को उतरी, इसे 150 गाड़ी रोजाना तक का टारगेट पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। हर संभव प्रयास है, मंडियों से अनाज को जल्द सुरक्षित गोदामों तक पहुंचा दिया जाए।
एसडीएम सोनू राम के दिशा-निर्देशानुसार लॉकडाउन के तीसरे चरण में रोस्टर के अनुसार दुकानों के खोलने व बंद करने का समय निर्धारित किया गया है।
मंगलवार को तहसीलदार चेतना चौधरी के नेतृत्व में गठित टीम के सदस्यों ने पिहोवा के बाजारों का निरीक्षण किया। देखा कि दुकानें रोस्टर के अनुसार खुली हैं या नहीं। टीम ने पाया कि कई दुकानें रोस्टर की अवहेलना करते हुए खोली गई हैं इसलिए पहली बार इन दुकानदारों को चेतावनी देकर दुकानों को बंद करवा दिया गया है। तहसीलदार चेतना चौधरी ने कहा कि उपमंडल थानेसर में लॉकडाउन-3 में दुकानों को खोलने के लिए रोस्टर प्रणाली लागू की है। इसके अनुसार ही दुकानें खोलनी होंगी। यदि कोई अवहेलना करेगा तो उस पर केस दर्ज कराया जाएगा।
चेतावनी देकर छोड़ा : इस रोस्टर प्रणाली के अनुसार ही दुकानों को खोलने की इजाजत दी गई है लेकिन निरीक्षण के दौरान पाया गया कि कई दुकानें रोस्टर के विपरीत खोली गई थी इसलिए इन दुकानदारों को नोटिस देकर छोड़ दिया गया है। चेतना चौधरी ने कहा कि अगर ये दुकानदार दोबारा नियमों की अवहेलना करेंगे तो नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी।
एनएचएम कर्मचारी काेराेना महामारी में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। एनएचएम कर्मचारी डबल सैलरी दिए जाने काे लेकर मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया। लेकिन वे डबल सैलरी लेने से मना कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कोरोना में सेवा प्रदान करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को महामारी खत्म होने तक दोगुना वेतन दिए जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा था की डबल सैलरी कर्मचारियों में हौसला और जोश बढ़ने का काम करेगा, लेकिन कर्मचारियों ने इसे अपनी जिम्मेदारी बताया था। वहीं अब हाल ही में मुख्यमंत्री ने प्रदेश में रक्तदान की कमी को देखते हुए रक्तदाताओं से रक्तदान करने की अपील की थी। जिसपर एनएचएम कर्मचारियों ने रक्त की कमी को पूरा करने के लिए रक्तदान करने का बीड़ा उठाया हैं। एनएचएम कर्मचारी यूनियन प्रधान विक्रम संग्रोहा, ज्वाइंट सेक्रेटरी कुलविंद्र कौर, महासचिव राजेश ने कहा कि यूनियन ने पांच दिन रक्तदान करने का फैसला लिया है। रक्तदान शिविर में करीब 600 कर्मचारी रक्तदान करेंगे।
गुरुवार से 11 मई तक एलएनजेपी में लगेगा रक्तदान शिविर
ज्वाइंट सेक्रेटरी कुलविंद्र कौर ने कहा कि कोरोना महामारी से लड़ने के लिए एनएचएम कर्मचारियों सहित स्वास्थ्य विभाग का एक एक कर्मचारी पूरी लगन से योगदान दे रहा है। कुलविंद्र कौर ने कहा कि 7 मई से 11 मई तक यूनियन सदस्य रक्तदान शिविर का आयोजन करेगी। सुबह साढ़े दस बजे से रक्तदान शिविर का आयोजन होगा।
विधायक रामकरण काला ने कहा कि विश्वभर में फैली कोरोना महामारी से लोगों को बचाए रखने के लिए प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारी जान हथेली पर रख कर काम कर रहे हैं। सही मायनों में कोरोना वॉरियर्स के रूप में सबसे बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। इन्हीं के नेतृत्व में आमजन खुद को सुरक्षित महसूस कर रहा है। वे मंगलवार को प्रशासनिक अधिकारियों को सम्मानित करते समय बोल रहे थे।
इस दौरान जजपा की तरफ से डीसी, एसपी, एसडीएम व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को सम्मानित किया है। इन अधिकारियों को उनके कार्यालयों में पहुंच कर सम्मानित किया गया। प्रशासनिक अधिकारियों को ये विश्वास दिलाया कि प्रशासन को जहां कहीं भी उनकी जरूरत पड़ेगी वहां जजपा कार्यकर्ता वॉलंटियर्स के रूप में हाजिर मिलेंगे।
विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि पुलिस का हर जवान कोरोना वायरस से कुरुक्षेत्र वासियों को बचाने के लिए अपनी ड्यूटी कर रहा है। इनका उत्साहवर्धन करना सभी का कर्तव्य बनता है। विधायक मंगलवार को सेक्टर-13 पुलिस थाने में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस दौरान पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्मानित किया। सुधा ने सभी को फूल भेंट किए और पुष्प वर्षा कर शहरवासियों की तरफ से सम्मान किया। सभी को मास्क भी बांटा। उन्होंने कहा कि लोग अपने घरों में ही रहे, सुरिक्षत रहे और इस वैश्विक महामारी को फैलने से रोका जा सके।
आकाशवाणी कर्मियों को भी किया सम्मानित
विधायक ने कहा कि आकाशवाणी के अधिकारियों व कर्मचारियों ने कोरोना वायरस से बचाव करने के लिए कुरुक्षेत्र ही नहीं आसपास के जिलों और राज्यों के लोगों को भी जागरूक किया। इस आकाशवाणी केन्द्र से सरकार और प्रशासन की आवाज को जन-जन तक पहुंचाया। मंगलवार को सेक्टर-10 आकाशवाणी केन्द्र में पहुंच आकाशवाणी कर्मियों को सम्मानित किया। केंद्र निदेशक डीएस राणा, आशु, रजत व अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों को फुल व प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया।
आईएएस अधिकारी रीना नागर के त्याग पत्र के बाद गुर्जर समाज में रोष है। उन्होंने कहा कि समाज का आरोप है कि यदि उनकी बेटी के साथ बेइंसाफी हुई या उसे डराने धमकाने की कोशिश की गई तो समाज चुप नहीं बैठेगा। समाज के नेता जसमेर भटेड़ी ने कहा कि सरकार पूरी तरह फेल हो गई है। जो एक महिला आईएएस को सुरक्षा नहीं दे पा रही। वो आम महिलाओं को क्या सुरक्षा देगी। उन्होंने कहा कि मुसीबत के समय इस पूरा समाज अपनी बेटी के साथ है और हर कदम पर रीना नागर का साथ दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जल्द ही एक प्रतिनिधिमंडल रानी नागर से मुलाकात करके उन्हें त्याग पत्र वापस लेने के लिए राजी करेगा। जसमेर ने कहा कि गुर्जर समाज सीएम के सामने मांग रखी है कि रीना नागर को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया करवाई जाए। स्वतंत्र एजेंसी से पूरे प्रकरण की जांच की जाए। साथ ही नागर की नियुक्ति गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र में की जाए ताकि ये अधिकारी बेखौफ होकर काम कर सके। उन्होंने कहा कि मामले को लेकर समाज का प्रतिनिधिमंडल जल्द ही केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलेगा।
लाडवा की अनाजमंडी में मंगलवार दोपहर लॉक डाउन थ्री के चलते अपना व अपने परिवार का पेट की भूख मिटाने के लिए लाडवा डेरे के दो छोटे-छोटे बच्चें घर से दो मेज लगाकर मसालेदार छोले बेचते हुए नजर आए। एक आठ वर्षीय राखी ने बताया कि लॉक डाउन के चलते उनके पिता के पास कोई काम नहीं है घर पर खाने के लिए न तो राशन है और न ही राशन लाने के लिए पैसे है। इसलिए अनाजमंडी में वह अपने चचेरे भाई के साथ घर से मसालेदार छोले बनाकर लेकर आई है। जिससे कि वह कुछ पैसे कमाकर अपने घर से लिए राशन ले जा सकें।
वहीं नौ वर्षीय गौरव ने बताया कि वह अपनी चचेरी बहन को अकेले नहीं आने देना चाहता था उनके घर पर भी खाने के लिए नहीं है। इसलिए यह भी अपनी चचेरी बहन के साथ मसालेदार छोले लेकर अनाजमंडी में बेचने के लिए आ गया। उन्होंनेे कहा कि शहर के अंदर लॉक डाउन के कारण ग्राहक नहीं है। परंतु अनाजमंडी के अंदर गेंहू के सीजन को लेकर उन्हें उम्मीद है कि वह छोले बेचकर कुछ न कुछ कमाकर जरूर ले जाएंगे। इतना ही नहीं हालाकि दोनों गरीब बच्चें थे। परंतु दोनों ही बच्चों ने कोरोना वायरस के चलते मास्क भी लगा रखे थे। (फोटो नरेश गर्ग)
कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के दौरान विभिन्न राज्यों में फंसे हरियाणा के लोगों और प्रदेश में फंसे अन्य राज्यों के लोगों की सुचारु आवाजाही करने के लिए सरकार ने मानक संचालन प्रक्रिया यानी एनओसी जारी की है। प्रदेश से बाहर जाने के इच्छुक लोगों को सरकार द्वारा ई दिशा पोर्टल पर वेबपेज में अपना पंजीकरण कराना होगा। ऐसे पंजीकरण सहायता के लिए हारट्रोन द्वारा एक कॉल सेंटर चलाया जा रहा है जो ई दिशा पोर्टल पर पंजीकरण करेगा। नंबर 1950 या संबंधित जिलों के नियंत्रण कक्ष से या नंबर 1100 पर राज्य नियंत्रण कक्ष से संपर्क किया जा सकता है।
बाहर से आने वालों की होगी जांच | सरकार के आदेशों में बताया गया है कि जो लोग दूसरे जगह से प्रदेश में आना चाह रहे हैं। उनकी मेडिकल जांच कराई जाए। केवल उन लोगों को अनुमति मिले जिनमें कोविड-19 के लक्षण नहीं हैं। इतना ही नहीं, प्रदेश से जाने वालों की भी जांच होगी। अपने वाहनों से यात्रा करने वालों को वेब लिंक पर अपना पंजीकरण कराना होगा। अनुमति को डाउनलोड करना होगा। मेडिकल स्क्रीनिंग के दौरान इस प्रारूप को दिखाना होगा। संबंधित जिलों से परमिट के लिए आवेदन करेंगे। उन्हें स्पष्ट रूप से गंतव्य, यात्रा की तारीख और मार्ग का उल्लेख करना होगा।
आरोेग्य सेतु एप डाउनलोड करना जरूरी
हर आने वाले व्यक्ति को उसके मोबाइल पर आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने के बाद ही उसे आगे जाने दिया जाएगा। प्रदेश में आने वाले सभी व्यक्ति न केवल पंजीकरण कराने के लिए बाध्य होंगे बल्कि उन्हें पंजीकरण की डाउनलोड प्रति स्मार्ट फोन में या साफ्टकॉपी दिखानी होगी। आने व जाने वाले को हर व्यक्ति को अपनी पहचान के लिए पहचान पत्र या कोई अन्य दस्तावेज साथ रखना होगा। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जारी गाइडलाइन को गंभीरता से पालन करना हाेगा। ऐसा न करने पर कानूनी कार्रवाई का शिकार हो सकते हैं।
लॉकडाउन-3 में प्रशासन की ओर से मार्केट खोल दी गई। कंटेनमेंट जोन को छोड़कर अन्य एरिया की दुकानें सुबह 8 से शाम चार बजे तक खुलेंगी। आठ से चार के समय में मेडिकल स्टोर को शामिल किया है कि नहीं, इसकी स्थिति स्पष्ट नहीं की गई। इनका प्रशासनिक टाइम टेबल में सुबह सात से शाम 6.30 बजे बताया गया। पुलिस की टाइमिंग इससे मैच नहीं कर रही। गैर जरूरी सामान के साथ जरूरी सामान की दुकानें 4 बजते ही बंद कराई जा रही है। मेडिकल स्टोर व करियाना, दूध डेयरी से जुड़े लोगों का कहना है कि इनके गाइडलाइन जारी हों, जिसके अनुसार कार्य कर सकें।
जगाधरी व सिटी में मेडिकल स्टोर, डेयरी शाम 7 बजे तक खुल रही हैं। ऐसे आदेश प्रशासनिक आदेशों में भी जारी किए गए। बूड़िया में मेडिकल स्टोर बाजार की अन्य दुकान की तरह 4 बजे बंद करा देते हैं। दोनों एरिया नगर निगम के हैं। संचालकों का कहना है कि समय को लेकर वे खुद दुविधा में हैं। सोमवार को उनके मेडिकल स्टोर 4 बजे बंद करा दिए गए। इस समय के बाद खोलने पर कार्रवाई की बात कही गई। इन दिनों चार बजे बंद कर देेते हैं जबकि सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज में भी 6.30 बजे तक का समय दिखाया जा रहा है। इस समय को लेकर प्रशासन गाइडलाइन जारी करे, जिससे वह लोग भी लॉकडाउन के नियम का अनुपालन कर सकें। किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से खुद को बचा सकें।
बंद नहीं कराए जा सकते मेडिकल स्टोर:डीसी
डीसी मुकुल कुमार ने बताया कि जरूरी सेवा में मेडिकल स्टोर 24 घंटे खोलने के आदेश हैं इसलिए इन्हें बंद नहीं कराया किया जा सकता। डेयरी और करियाना स्टोर सुबह सात से शाम सात बजे तक खुले रहेंगे। बाजार को लेकर पुलिस की ओर से कोई स्पष्ट नहीं है, जिस कारण समय को लेकर दुविधा में हैं।
एथलेटिक्स में ओलिंपिक मेडल जीतना आसान नहीं है। उसके लिए खिलाड़ी और कोच में संयम, मेहनत और अनुशासन की जरूरत है। इस खेल में मेडल दिलाने के लिए देश की अलग-अलग एजेंसियों को मिलकर गंभीरता से काम करना होगा। तभी परिणाम निकलेगा। मुझे टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय एथलीट से मेडल की उम्मीद नहीं है। यह कहना है फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर विश्व प्रसिद्ध एथलीट मिल्खा सिंह का।
उन्होंने एथलेटिक्स मेडल की संभावनाओं पर कहा, ‘ये इतना आसान नहीं है। एथलेटिक्स ओलिंपिक में नंबर-1 खेल है। बाकी खेल उससे पीछे हैं, चाहे वह कुश्ती हो या शूटिंग। यह क्रिकेट नहीं है, जिसमें सिर्फ 5-7 देश ही खेेलते हैं। जिसमें आज भारत जीत गया तो कल हार गया। ओलिंपिक गेम्स में 200 से 220 देेशों के एथलीट हिस्सा लेते हैं। ऐसे में एथलेटिक्स में ओलिंपिक तमगा मिलने वाला नहीं है। आजादी के बाद से कुछ ही एथलीट हैं जो फाइनल तक पहुंच सके हैं, जैसे मैं खुद, पीटी ऊषा, श्रीराम, गुरुबचन सिंह रंधावा, अंजू बॉबी जॉर्ज। हालांकि, हम मेडल नहीं जीत सके। लेकिन, फाइनल में पहुंचना भी आसान नहीं होता।’
केन्या, जमैका की एथलीट फिनिश लाइन से पहले बाजी पलट देती हैं
90 साल के मिल्खा ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि टोक्यो में हमें एथलेटिक्स में कोई मेडल मिल पाएगा। दूती चंद और हिमा दास बेशक बहुत अच्छी खिलाड़ी हैं। लेकिन, उन्हें बेहतर ट्रेनिंग की जरूरत है। उन्हें सही गाइडेंस मिले तो वे कुछ कर सकती हैं। अभी भारत को एथलेटिक्स का स्टैंडर्ड नहीं पता है। अमेरिका, केन्या, जमैका, ऑस्ट्रेलिया की लड़कियां तूफान हैं। वे फिनिश लाइन से पहले बाजी पलट देती हैं।’
खिलाड़ी को वर्ल्ड रिकॉर्ड को ध्यान में रखकर प्रैक्टिस करनी होगी
मिल्खा ने कहा, ‘मैं कोच को जिम्मेदार नहीं ठहराता क्योंकि, वे हमेशा मेरे खिलाफ रहते हैं। मेरा कहना है कि यदि पुलेला गोपीचंद ने वर्ल्ड लेवल के शटलर तैयार किए हैं। पीटी ऊषा के कोच पीतांबरम ने उसे तैयार किया। कुश्ती, बॉक्सिंग, शूटिंग के कोच ओलिंपिक मेडलिस्ट खिलाड़ी तैयार कर सकते हैं तो एथलेटिक्स के कोच क्यों नहीं। जरूरत है तो दृढ़ इच्छा शक्ति और कठिन परिश्रम की।’ उन्होंने कहा, ‘हमारे कोच और खिलाड़ियों को जरूरत से ज्यादा गंभीर होना होगा। हर एथलीट को अपने-अपने इवेंट के वर्ल्ड रिकॉर्ड को ध्यान में रखकर प्रैक्टिस करनी होगी।’
मिलकर काम करने की जरूरत- मिल्खा
स्प्रिंटर हिमा दास लॉकडाउन के कारण पटियाला में रूकी हुई हैं। वे हॉस्टल में रह रही हैं और घरवालों को मिस कर रही हैं। उन्होंने कहा, 'इस समय मैं योग और मेडिटेशन कर रही हूं। साथ ही इंडोर फिटनेस पर भी फोकस है। खिलाड़ियों को फिटनेस पर ज्यादा से ज्यादा फोकस करना चाहिए। इसके साथ ही उनको मानसिक तौर पर मजबूत रहने की जरूरत है। कोरोनावायरस के कारण खेल गतिविधियां बंद है। ऐसे में खिलाड़ियों को निगेटिव होने की जरूरत नहीं है।'
उन्होंने कहा, 'हम सभी इस खराब समय को पार कर लेंगे। टोक्यो ओलिंपिक को बढ़ाया जाना अच्छा है। ओलिंपिक की तैयारी को लेकर उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण तैयारी अच्छे से नहीं हो पा रही है। लॉकडाउन के बाद ही अच्छे से ट्रेनिंग शुरू हो पाएगी। असम की रहने वाली 20 साल की खिलाड़ी ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट में भी अभी खेल पूरी तरह से बंद है।'
पूर्व पाकिस्तानी कप्तान इंजमाम उल हक ने कहा कि 2002 में न्यूजीलैंड और पाकिस्तान टीम की होटल के पास हुए बम धमाके ने सबको डरा दिया हुआ था। अपने यूट्यूब चैनल पर इंजमाम ने कहा कि धमाके के वक्त होटल में मौजूद न्यूजीलैंड के खिलाड़ी रोने लगे थे। उन्होंने कहा कि इस घटना में किसी भी खिलाड़ी को कोई चोट नहीं पहुंची, लेकिन सभी डर गए थे।
इंजमाम ने कहा, ‘‘मेरा रूम उस हादसे वाली जगह के बिल्कुल पास था, जहां बम धमाका हुआ था। शुक्रगुजार हूं कि मैं उस वक्त कमरे में ही था। इस वक्त खिड़की का कांच टूटकर दूसरी तरफ दीवार पर जाकर लगा था।’’
न्यूजीलैंड टीम सीरीज रद्द कर वतन लौट गई थी
2002 में कराची की शेराटोन होटल के पास फिदायीन हमला हुआ था, जिसमें 14 लोगों की जान गई थी। यह धमाका विस्फोटक से भरी एक कार में हुआ था। इस घटना के बाद पाकिस्तान-न्यूजीलैंड सीरीज को रद्द कर दिया था। साथ ही कीवी टीम तुरंत ही अपने देश लौट गई थी।
‘ज्यादातर नाश्ते के लिए जाने वाले थे’
इंजमाम ने कहा, ‘‘जिस समय यह घटना हुई थी, तब हम लोग मैदान पर जाने के लिए निकलने ही वाले थे। ज्यादातर खिलाड़ी नाश्ते के लिए जाने वाले थे। हमने कुछ सुना, लेकिन समझ नहीं पाए की हुआ क्या। मैंने गार्ड से पूछा, तो उसने बताया कि यहां पास में बम धमाका हुआ है। मैंने सभी से बेसमेंट में जाने के लिए कहा। तब मैंने देखा कि न्यूजीलैंड के खिलाड़ी स्वीमिंग पूल में नहा रहे थे। वे सभी रो रहे थे। उन खिलाड़ियों ने कभी इस तरह का अनुभव नहीं किया था।’’
पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने 19 की उम्र को याद करते हुए इंस्टाग्राम पर 2 फोटो शेयर की हैं। एक तस्वीर में वे अपना पासपोर्ट दिखाते नजर आ रहे हैं। जबकि दूसरे फोटो में वे इंग्लिश काउंटी क्लब यॉर्कशायर की ओर से खेलते नजर आ रहे हैं। उन्होंने पोस्ट में लिखा कि काउंटी क्रिकेट ने उन्हें बहुत कुछ सिखाया है। सचिन ने पोस्ट में हैशटैग के साथ फ्लैश बैक फ्राइडे भी लिखा।
सचिन ने लिखा, ‘‘यह तस्वीर मेरे काउंटी क्रिकेट के दिनों की याद दिलाती है। 19 साल का था, तब मैं यॉर्कशायर क्रिकेट क्लब की ओर से खेल रहा था। मेरे लिए यह बहुत ही खास लम्हा था, जिसने मुझे सही दिशा दी। इसी काउंटी की बदौलत मुझे इंग्लिश परिस्थितियों को समझने का मौका भी मिला। बहुत प्यारी यादें।’’
सचिन ने पहला शतक इंग्लैंड के खिलाफ जड़ा था
भारतीय लेजेंड ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का पहला शतक भी इंग्लैंड के खिलाफ लगाया था। सचिन ने यह सेंचुरी 17 साल की उम्र में लगाई थी। इस तरह वे भारत की ओर से टेस्ट में शतक लगाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गए। 24 अप्रैल 1973 को जन्मे सचिन पिछले महीने ही 47 साल के हो गए हैं। कोरोनावायरस और लॉकडाउन के कारण उन्होंने अपना जन्मदिन नहीं मनाया।
सचिन के नाम 200 टेस्ट में 15921, 463 वनडे में 18426 रन हैं। उन्होंने एकमात्र टी-20 में 10 रन बनाए थे। आईपीएल के 78 मैच में सचिन ने 2334 रन बनाए हैं।
दक्षिण कोरिया में आज से के-लीग की शुरुआत हो गई है। कोरोनावायरस के बीच शुरू होने वाला यह पहला फुटबॉल टूर्नामेंट है। खाली स्टेडियम में खेले गए सीजन के पहले मैच में मौजूद चैम्पियन जियोनबुक मोटर्स ने सुवॉन ब्लूविंग्स को 1-0 से हरा दिया है।
के-लीग के इस सीजन का पहला गोल जियोनबुक मोटर्स के लिए ली डोंग-गूक ने किया। यह सफलता उन्होंने मैच के 83वें मिनट में हासिल की। मैच में सबसे 59 प्रतिशत पजेशन सुवॉन के पास रही, लेकिन टीम का कोई भी खिलाड़ी इसका फायदा नहीं उठा सका।
जियोन्जू स्टेडियम में खेला गया मैच
यह मुकाबला जियोन्जू स्टेडियम में होगा। 2002 में जब कोरिया और जापान ने संयुक्त रूप से फुटबॉल वर्ल्ड कप की मेजबानी की थी तो इस शहर में मुकाबला हुआ था। तीन दिन पहले ही देश में प्रोफेशनल बेसबॉल लीग शुरू हुई है।
पिछले साल 6 देशों में मैच लाइव दिखाया गया था
दुनियाभर के फुटबॉल फैन्स के लिए अच्छी खबर है कि इस मुकाबले के अलावा बाकी सभी मैच की यू-ट्यूब और ट्वीटर पर लाइव स्ट्रीमिंग होगी। इसके अलावा पहली बार 20 देशों में मुकाबले लाइव दिखाए जाएंगे। इसमें जर्मनी,स्विटजरलैंड और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। इस बार लीग ने इन देशों के बड़े ब्रॉडकास्टर्स से लाइव मैच दिखाने का करार किया है। पिछले साल सिर्फ 6 देशों को भी के-लीग के राइट्स बेचे गए थे और सभी एशिया महाद्वीप के ही थे।
विदेशों में मैच दिखाने से के-लीग की लोकप्रियता बढ़ेगी
इस मौके पर के-लीग के प्रवक्ता ली जॉन्ग ने कहा कि कॉम्पीटिटिव फुटबॉल के बावजूद के-लीग की दुनिया में पहचान उतनी बुलंद नहीं थी। इसकी एक वजह यह भी थी कि हमारे पास अंतरराष्ट्रीय दर्शक नहीं थे। लेकिन इस बार 20 देशों में मुकाबले लाइव दिखाए जाएंगे। इससे के-लीग पॉपुलर होगी।
खिलाड़ियों का मेडिकल परीक्षण होगा
लीग में सभी टीमों को सेफ्टी गाइडलाइन का पालन करना होगा। खिलाड़ियों को गोल के बाद जश्न मनाने की छूट नहीं होगी और न ही वे एक-दूसरे से बात कर सकेंगे। सभी मुकाबले बिना दर्शकों के खाली स्टेडियम में ही होंगे। इसके अलावा,खिलाड़ियों, कोचिंग स्टाफ और मैच ऑफिशियल्स का मेडिकल परीक्षण होगा।
हर मैच से पहले तापमान चेक होगा
हर मैच से पहले खिलाड़ी और कोचिंग स्टाफ का तापमान चेक किया जाएगा। पहले मैच में भी यही किया गया।अगर यह 37.5 डिग्री सेल्सियस (99.5 फारेनहाइट) से ज्यादा हुआ तो संबंधित खिलाड़ी या स्टाफ को आइसोलेट किया जाएगा और उनका कोरोना टेस्ट होगा। प्री-मैच प्रैक्टिस सेशन में भी खिलाड़ी एकदूसरे से हाथ नहीं मिला सकेंगे। उन्हें दूर से सिर झुकाकर एकदूसरे का सम्मान करने की इजाजत है।
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर माइकल हसी ने महेंद्र सिंह धोनी को रिकी पोंटिंग से ज्यादा बेहतर कप्तान बताया है। उन्होंने यूट्यूब चैनल पर रौनक कपूर से कहा कि धोनी किसी भी मैच को समझने और रणनीति बनाने में पोंटिंग से कहीं ज्यादा बेहतर हैं। धोनी युवा खिलाड़ियों पर भी दबाव नहीं बनने देते हैं। हसी ऑस्ट्रेलिया टीम में पोंटिंग और आईपीएल की चेन्नई सुपरकिंग्स में धोनी की कप्तानी में खेले हैं।
हसी ने कहा, ‘‘एमएस बहुत शांत और बहुत ज्यादा मापे हुए हैं। मेरा कहना है कि रणनीतिक तौर पर वे मैच को रिकी से कहीं ज्यादा बेहतर तरीके से समझते हैं। रिकी भी अच्छे रणनीतिज्ञ हैं। लेकिन मैदान पर धोनी कुछ कदम आगे बढ़कर जो फैसला लेते हैं, मैं सोच में पड़ जाता हूं कि वे यह सब (रणनीति) कहां से लाते हैं?’’
‘दोनों कप्तान के तरीके कारगर हैं’
ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर धोनी की रणनीति काम कर सकती है। यह कैसे आती है? वह सिर्फ उसके अंदरूनी अनुभव से है। दो अलग-अलग कप्तान, लेकिन दोनों अपने-अपने तरीकों में कारगर हैं।’’
‘यह धोनी की ताकत है’
हसी ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यह धोनी की महान ताकतों में से एक है। उनमें यह खास क्षमता है कि वे खिलाड़ियों खासकर युवाओं पर दबाव नहीं आने देते हैं। वह भी भारत में, जहां इस खेल को धर्म के रूप में माना जाता है। वे (धोनी) कहते हैं कि यह सिर्फ एक खेल है। मैदान पर जाओ और बस खेलो, आनंद लो। कुछ दिन तुम जीतते हो, कुछ दिन तुम हारते हो। जीवन में यही सबकुछ नहीं होता है। यह सब कप्तान के लिए काफी मुश्किल होता है, खासकर भारत में।’’
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने कहा है कि इस साल के आखिर में होने वाले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम इंडिया 2 हफ्ते के लिए क्वारैंटाइन होने को तैयार है।उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई अखबार सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड से यह बात कही।
धूमल ने कहा, ''कोई और विकल्प नहीं है... भारतीय टीम को क्वारैंटाइन में रहना ही होगा। अगर आपको क्रिकेट को फिर से शुरू करना है तो ऐसा करना ही होगा। दो हफ्ते का समय लॉकडाउन जितना लंबा नहीं है।'' उन्होंने सीरीज में 1 टेस्ट बढ़ाने के ऑस्ट्रेलियाई प्रस्ताव पर कहा-वे (ऑस्ट्रेलिया) रेवन्यू चाहते हैं और यह टेस्ट के मुकाबले वनडे और टी-20 से ज्यादा आता है।
323 करोड़ के होटल को आइसोलेशन सेंटर बनाया जा सकता है
भारतीय टीम को नवंबर-दिसंबर में होने वाले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 4 टेस्ट और 3 वनडे की सीरीज खेलना है। इस दौरान टीम इंडिया को42 मिलियन डॉलर ( करीब 323 करोड़ रुपए) से तैयार हुई नई ओवल होटल में ठहराया जा सकता है। कोरोनावायरस की वजह से138 रूम के इस होटल को खिलाड़ियों के लिए आइसोलेशन सेंटर के तौर पर इस्तेमाल करने का प्रस्ताव रखा गया है।
यह होटल सितंबर में शुरू हो सकता है। ऑस्ट्रेलिया इस सीरीज को किसी भी हाल में कराने की कोशिशों में जुटा हुआ है। क्योंकि अगर दौरा रद्द होताहै तो उसे टीवी राइट्स के तौर पर मिलने वाले 300 मिलियन डॉलर (करीब 2306 करोड़ रुपए) के राजस्व का नुकसान होगा।
टी-20 वर्ल्ड होना मुश्किल: धूमल
उन्होंने इस साल 18 अक्टूबर से 15 नवंबर तकऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप को लेकर कहा कि इस पर कोरोनावायरस का खतरा मंडरा रहा है। इस टूर्नामेंट का होना फिलहाल मुश्किल नजर आ रहा है। ऑस्ट्रेलिया ने कोरोनावायरस की वजह से अपने यहां 6 महीने तक विदेशियों के आने पर रोक लगा रखी है। ऐसे में कोई भी टीम वहां नहीं जा सकती है। हालांकि, अच्छी खबर यह है कि ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर मई के अंत में प्रैक्टिस शुरू कर सकते हैं। ऐसे में देश में क्रिकेट के लौटने की उम्मीद मजबूत हुई है।
‘आईपीएल को लेकर कोई प्लान नहीं बनाया’
बोर्ड कोषाध्यक्ष ने आईपीएल को लेकर कहा कि अब तक इसके लिए कोई फॉर्मेट या प्लान नहीं बनाया गया है।टूर्नामेंट के लिए विदेशी खिलाड़ियों को भी आना है। क्या वे इसके लिए तैयार होंगे और 2 हफ्तेअलग (क्वारैंटाइन) रह सकेंगे? इसके बाद भी वे आईपीएल में खेल पाएंगे या नहीं, यह कह पाना मुश्किल है। फिलहाल, हमने आईपीएल को लेकर कुछ नहीं सोचा है, जो कुछ खबरें चल रही हैं, वे मीडिया की सोची हुई हैं।बीसीसीआई ने 29 मार्च से होने वाले आईपीएल को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया है।
कोरोनावायरस (कोविड-19) के बाद खेल को पटरी पर लाने के लिए सभी क्रिकेट बोर्ड बगैर दर्शकों के मैच कराने का विकल्प तलाश कर रहे हैं। इसको लेकर भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा कि बगैर दर्शकों के क्रिकेट हो सकता है, लेकिन स्टेडियम में रोमांच और जादूई अहसास की कमी महसूस होगी। दरअसल, कोरोना महामारी के कारण आईपीएल को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है।
कोहली ने स्टार स्पोर्ट्स के क्रिकेट कनेक्टेड शो में कहा, ‘‘बगैर दर्शकों के मैच होना संभव है। ईमानदारी से कहूं तो मैं नहीं जानता की सभी लोग इसे किस तरह से लेंगे, क्योंकि हम सब दर्शकों से भरे मैदान में खेलने के आदी हो गए हैं।’’ इस साल अक्टूबर-नवंबर में टी-20 वर्ल्ड कप ऑस्ट्रेलिया में होना है, जिस पर कोरोना संकट के बाद छाए हुए हैं।
‘यह मैच भी अच्छे जज्बे के साथ होंगे’
भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘मैं जानता हूं यह मैच भी बहुत अच्छे जज्बे के साथ खेले जाएंगे, लेकिन दर्शकों का खिलाड़ियों से जुड़ाव का अनुभव और स्टेडियम में मैच का तनाव जिससे हर कोई महसूस करता है, इन सभी को लाना बहुत मुश्किल है। चीजें यूं हीं चलती रहेंगी, लेकिन मुझे शक है कि कोई भी वह जादू महसूस कर पाएगा, जो स्टेडियम के माहौल में बनता है।’’
कोहली ने 86 टेस्ट में 7240, 248 वनडे में 11867 और 81 टी-20 में 2794 रन बनाए हैं। उनके नाम आईपीएल के 177 मैच में 5412 रन हैं।
मैक्सवेल और एलेन बोर्डर इसके पक्ष में नहीं
इससे पहले इंग्लिश खिलाड़ी बेन स्टोक्स, जेसन रॉय, जोस बटलर के अलावा ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी पैट कमिंस भी खाली स्टेडियम में मैच कराने की बात कह चुके हैं। यदि इसके विरोध की बात करें तो ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल और पूर्व खिलाड़ी एलेन बोर्डर समेत कई खिलाड़ी इस तरह से मैचों कराने के पक्ष में नहीं हैं।
दक्षिण अफ्रीका के 25 साल के फर्स्ट क्लास क्रिकेटर सोलो एनक्वेनी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। स्कॉटलैंड में इलाज करा रहे एनक्वेनी ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। वे इस वायरस से संक्रमित होने वाले तीसरे प्रोफेशनल क्रिकेटर हैं।
इससे पहले पाकिस्तान के जफर सरफराज और स्कॉटलैंड के माजिद हक भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। सरफराज की तो पाकिस्तान में इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
मेरे साथ जो हुआ, उसे समझ नहीं पा रहा: एनक्वेनी
एनक्वेनी ने ट्वीटर पर लिखा- पिछले साल मुझे गुलियन बेरे सिंड्रोम (तंत्रिका तंत्र से जुड़ी बीमारी) हो गया था। मैं पिछले 10 महीने से इस बीमारी से लड़ रहा हूं और अभी पूरी तरह ठीक भी नहीं हुआ। इसी दौरान मुझे टीबी हो गया और मेरे लिवर और किडनी भी खराब हो गए और अब मैं कोरोना पॉजिटिव पाया गया हूं। मैं नहीं समझ पा रहा कि आखिर क्यों मेरे साथ ऐसा हो रहा है।
एनक्वेनी4 हफ्ते कोमा में रहे थे
बता दें कि गुलियन बेरे सिंड्रोम(जीबीएस) की वजह से ही पिछले साल यह क्रिकेटर कोमा में चला गया था। उन्हें 4 हफ्ते बाद होश आया था। उस समय एनक्वेनी स्कॉटलैंड के क्लब की तरफ से प्रोफेशनल क्रिकेट खेल रहे थे।
दक्षिण अफ्रीकीटीम मदद कर रही
मुश्किल वक्त में दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम उनकी मदद के लिए आगे आई है। इसी साल फरवरी में टीम ने उनके इलाज के लिए 50 हजार रैंड दिए थे। इसके अलावा उनके इलाज के लिए पैसे जुटाने के लिए कैम्पेन भी चलाया गया है। इसमें भी कई खिलाड़ी मदद कर रहे हैं।
एनक्वेनी अंडर-19 वर्ल्ड कप खेले हैं
एनक्वेनी 2012 में अंडर-19 वर्ल्ड कप खेलने वाली दक्षिण अफ्रीका टीम में शामिल रहे हैं। इसके अलावा वे फ्रेंचाइजी क्रिकेट में वॉरियर्स की तरफ से भी खेलें हैं। अब तक उन्होंने 36 फर्स्ट क्लास मैच खेले हैं। इसमें उन्होंने 735 रन बनाए और 60 विकेट लिए। इसके अलावा वे 34 टी-20 भी खेले हैं। इसमें उन्होंने 137 रन बनाए और 28 विकेट लिए हैं।
कोरोनावायरस की वजह से फॉर्मूला-1 का रेवेन्यू इस साल की पहली तिमाही यानी जनवरी-मार्च के बीच में 84 फीसदी घटकर 39 मिलियन डॉलर (292 करोड़ रुपए) रह गया। पिछले साल की इसी तिमाही में रेवेन्यू 246 मिलियन डॉलर यानी करीब 1845 करोड़ रुपए था। फार्मूला वन की पैरेंट कंपनी लिबर्टी मीडिया ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
इस दौरान लिबर्टी मीडिया का रेवेन्यू भी 200 मिलियन डॉलर (करीब 1511 करोड़ रु.) घट गया। वहीं, लीग के संचालन का घाटा भी पिछले साल के 47 मिलियन डॉलर (352 करोड़ रुपए) से बढ़कर 137 मिलियन डॉलर (1027 करोड़ रुपए) हो गया।
5 जुलाई को ऑस्ट्रिया से फॉर्मूला-1 सीजन शुरू होगा
कोविड-19 महामारी की वजह से इस साल सीजन शुरू नहीं हो पाया है। 10 रेस या तो रद्द या स्थगित कर दी गई हैं। तमाम कोशिशों के बाद भी 5 जुलाई को ऑस्ट्रिया से सीजन शुरू होगा।
दिसंबर तक 15 से 18 रेस कराने का लक्ष्य
कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा- हमें जुलाई से रेस शुरू होने की उम्मीद है। इसे हम दिसंबर तक जारी रहेंगे। इस दौरान हमारा लक्ष्य 15 से 18 रेस कराना है। हालांकि, इस दौरान दर्शक मौजूद रहेंगे या नहीं, फिलहाल ये तय नहीं हो पाया है।
अमेरिकी कंपनी के पास 3 साल से फॉर्मूला-1 का स्वामित्व
अमेरिकी अरबपति जॉन मालोन के स्वामित्व वाले लिबर्टी मीडिया के पास 2017 से फॉर्मूला वन का मालिकाना हक है। कंपनी की कमाई का बड़ा हिस्सा ग्रां प्री रेस के आयोजकों द्वारा चुकाई गई फीस, ब्रॉडकास्टर्स और स्पॉन्सरशिप से आता है। लेकिन कोरोना की वजह से एफ-वन रेस पूरी तरह बंद है। लेकिन कॉन्ट्रैक्ट से बंधे होने की वजह से इस अमेरिकन ग्रुप को अलग-अलग टीमों को 1.5 बिलियन डॉलर की राशि देनी पड़ी।
लिबर्टी मीडियाके स्टॉक की वैल्यू 33 फीसदी कम हुई
इस बीच, गुरुवार को अमेरिकी शेयर बाजार नैस्डैक में लिबर्टी मीडियाके शेयर में 0.4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इस साल की शुरुआत से कंपनी के स्टॉक की कीमत 33 फीसदी कम हो गई है।
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान वसीम अकरम ने पूर्व बल्लेबाज आमिर सोहेल के एक बयान के जवाब में कहा कि आज भी कुछ लोग खुद को आगे बढ़ाने के लिए उनके नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं। अकरम ने एक वेब शो पर यह बात कही।
सोहेल ने अकरम पर आरोप लगाया था कि 1992 के बाद से उनकी वजह से ही पाकिस्तान आज तक कोई वर्ल्ड कप नहीं जीत पाया है।
लोग चर्चा में बने रहने के लिए मेरे नाम का इस्तेमाल करते: अकरम
अकरम ने वेब शो में इसी आरोप पर जवाब देते हुए कहा- जब भी मैं अपने बारे में इस तरह की नकारात्मक बातें सुनता हूं तो बहुत दुखी हो जाता हूं। मुझे क्रिकेट छोड़े हुए 17 साल हो गए हैं। लेकिन फिर भी कुछ लोग चर्चा में बने रहने के लिए मेरे नाम का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कहा कि मैं भी ऐसी बातें कर सकता हूं। लेकिन फिर सोचता हूं कि इसका क्या फायदा। इसलिए चुप्पी साध लेता हूं।
'अकरम ने पाकिस्तान को वर्ल्ड कप जीतने नहीं दिया'
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान सोहेल ने अकरम पर निशाना साधते हुए कहा था कि 1996 और 1999 के वर्ल्ड कप में कप्तान और 2003 के टूर्नामेंट में बतौर सीनियर खिलाड़ी उनकी भूमिका यही थी कि पाकिस्तान कभी 1992 की तरह दोबारा विश्व कप नहीं जीत पाए।
'सलीम मलिक सरल कप्तान थे'
सोहेल ने कहा था कि यह बहुत आसान है, 1992 वर्ल्ड कप को एक तरफ रखकर अगर 1996 वर्ल्ड कप की बात करें तो इस टूर्नामेंट से एक साल पहले यानी 1995 में रमीज राजा कप्तान थे, उससे पहले सलीम मलिक के पास यह जिम्मेदारी थी, वो काफी सफल कप्तान थे। वो अगर एक साल और कप्तानी कर लेते तो वसीम अकरम को शायद कप्तानी करने की जरूरत ही नहीं पड़ती।
अकरम जिम्मेदारी अच्छे से निभाते तो पाकिस्तान 1996 में विश्व चैम्पियन होता: सोहेल
उन्होंने आगे कहा कि अगर आप देखें तो 2003 तक हर वर्ल्ड से पहले यही होता रहा कि मौजूदा कप्तान को हटाकर वसीम अकरम को टीम की कमान सौंप दी जाए।
अगर वह अपनी जिम्मेदारी अच्छे से निभाते तो पाकिस्तान 1996 और 1999 में वर्ल्ड कप जरूर जीतता। इन दोनों विश्व कप में पाकिस्तान के कप्तान अकरम ही थे। 1996 में पाकिस्तान क्वार्टरफाइनल से ही बाहर हो गया था। तब भारत ने उसे हराया था। वहीं 3 साल बाद इंग्लैंड में हुए विश्व कप में टीम फाइनल तक पहुंचीं थी। लेकिन खिताब नहीं जीत सकी। तब ऑस्ट्रेलिया ने उसे शिकस्त दी थी।
कोरोनावायरस से देश का स्पोर्ट्स मार्केट बुरी तरह प्रभावित हुआ है। गर्मी में समर कैंप और अन्य खेलकूद की गतिविधियां होती थीं। वे भी लॉकडाउन के कारण शुरू नहीं हुईं। खेल के व्यापार और बाजार से जुड़े विशेषज्ञों की मानें तो देश में खेल से जुड़े सामान की इंडस्ट्री को 4700 करोड़ रु. का नुकसान होने की आशंका है। इसमें देश में बिकने वाले सामान के अलावा निर्यात होने वाले सामान की भी हिस्सेदारी है।
लॉकडाउन से संकट खड़ा हुआ
जालंधर मेंपूरे देश का 70% स्पोर्ट्स गुड्स बनता है। विशेषज्ञ कह रहे हैं कि इंडस्ट्री की हालत अब मार्च में ही सुधरेगी। मेरठ के हिंद स्पोर्ट्स के मालिक कुलदीप सिंंह कहते हैं, ‘इस साल ओलिंपिक सहित कई बड़े स्पोर्ट्स इवेंट होने वाले थे। मांग ज्यादा रहती इसलिए मार्केट भी पूरी तरह से तैयार था। लेकिन लॉकडाउन से संकट खड़ा हो गया। इससे उबरने में पूरा एक साल लगने वाला है।’
देश के खेल सामान का 60% निर्यात होता है
भारतीय स्पोर्ट्स गुड्स मैन्युफैक्चररर्स के अनुसार, देश में बनने वाले खेल सामान का 60% निर्यात होता है। मेरठ से निर्यात होने वाले सामान का हिस्सा 45% है। अप्रैल में मेरठ की कंपनियों को 200 करोड़ का नुकसान हुआ है।
अकेले मेरठ-जालंधर में 50 लाख मजदूर
जालंधर और मेरठ में कुल 4 हजार से ज्यादा कंपनियां है। ये इंडस्ट्री कुल 319 खेल सामग्री का निर्माण करती हैं। यहां करीब 50 लाख मजदूर-कारीगर काम करते हैं। इन्हें एक दिन की मजदूरी 300-400 रुपए मिलती है।
नुकसान की राज्यवार स्थिति
राज्य | कितना नुकसान (रुपए में) |
महाराष्ट्र | 200 करोड़ |
राजस्थान | 150 करोड़ |
मध्यप्रदेश | 150 करोड़ |
पंजाब | 100 करोड़ |
गुजरात | 100 करोड़ |
उत्तरप्रदेश | 60 करोड़ |
प.बंगाल | 50 करोड़ |
छत्तीसगढ़ | 40 करोड़ |
2 हजार करोड़ के क्रिकेट मार्केट का विकेट गिरा
इस साल क्रिकेट के सामान की बहुत ज्यादा खपत होने वाली थी क्योंकि आईपीएल के अलावा टी20 वर्ल्ड कप भी होना था। लेकिन इनके आयोजन पर संकट है। ऐसे में क्रिकेट के बाजार को दो हजार करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है। इसमें भी क्रिकेट गुड्स की कंपनियों का 1300 करोड़ का स्पोर्ट्स इक्विपमेंट निर्यात होने वाला था।
ये सामान बनकर गोदामों में पड़ा
सामान | संख्या |
बल्ले | 3.5 लाख |
गेंद | 2.7 लाख |
विकेट | 80 हजार |
पैड्स | 90 हजार |
ग्लव्स | 1 लाख |
हेलमेट | 1.25 लाख |
किट | 2 लाख |
अन्य खेलों के मार्केट को 1500 करोड़ रु. का घाटा
फुटबॉल, बैडमिंटन, शतरंज, हॉकी, टेनिस, एथलेटिक्स, टेटे, वॉलीबॉल, फेंसिंग आदि खेलों का सामान बनाने वाले कारोबारियों के 1500 करोड़ डूबने की आशंका है। निर्यात न होने से इन खेलों का सामान भी गोदामों में भरा है। स्पोर्ट्सवियर बनाने वाली कंपनियों को भी 500 करोड़ का नुकसान हुआ है।
इन खेलों के बाजार को बड़ा नुकसान
खेल | नुकसान (करोड़ रु. में) |
क्रिकेट | 2000 |
फुटबॉल | 1200 |
टेनिस | 500 |
बास्केटबॉल | 300 |
बॉक्सिंग औरफेंसिंग | 200 |
स्पोर्ट्स वियर | 500 |
इंग्लैंड की क्रिकेट टीम को जुलाई से मैदान पर उतरना है। टीम को वेस्टइंडीज और पाकिस्तान से छह टेस्ट मैच खेलने हैं। खिलाड़ियों को बोर्ड की ओर से सुरक्षा के उपाय बताए गए हैं। टीम में चुने जाने वाले संभावित खिलाड़ियों को 9 हफ्ते परिवार से दूर रहना होगा। रोज उन्हें शरीर का तापमान और स्वाब चेक कराना होगा।
कप्तान जो रूट और टीम के खिलाड़ियों को इस बारे में जानकारी दी गई। 8 जुलाई से शुरू होने वाले पहले टेस्ट से पहले 30 खिलाड़ियों को चुना जा सकता है।
बिना फैंस के मैच कराए जा सकते हैं
इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड को सरकार की ओर से दिए जाने वाले सुरक्षा उपायों के बारे में इंतजार करना होगा। बोर्ड दो मैदान एजिअस बाउल और ओल्ड ट्रैफर्ड का उपयोग करेगा। इसके एक ओर होटल है। रिस्क को कम करने के लिए बिना फैंस के मैच कराए जा सकते हैं। सभी खिलाड़ियों को 23 जून को इकट्ठा होना है। उन्हें अगस्त तक साथ में रहना होगा।
टेस्ट के बाद छोटे ग्रुप में ट्रेनिंग करेंगे खिलाड़ी
टेस्ट के बाद खिलाड़ी छोटे ग्रुप में ट्रेनिंग करेंगे। टीमों को अलग-अलग मैदान पर प्रैक्टिस की सुविधा दी जाएगी। इंग्लैंड को खिलाड़ियों को रोटेट करना होगा क्योंकि उन्हें 7 हफ्ते में 6 टेस्ट खेलने हैं। संक्रमण का स्तर कम होने पर पाक सीरीज के पहले घर जाने की अनुमति मिल सकती है।
ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी मई के अंत से ट्रेनिंग कर सकते हैं
इधऱ, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) महीने के अंत से ट्रेनिंग की तैयारी कर रहा है। चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. जान आर्चर्ड और स्पोर्ट साइंस व स्पोर्ट्स मेडिसिन के हेड एलेक्स कोंटूरिस रणनीति बना रहे हैं।
कोंटूरिस ने कहा- वायरस के कारण पैदा हुई स्थिति का क्रिकेट जैसे खेल की ट्रेनिंग पर अधिक असर नहीं पड़ेगा। नेट्स पर खिलाड़ियों के बीच दूरी होती है। प्रत्येक नेट पर 2-3 गेंदबाज होते हैं। एक बार में एक गेंदबाज गेंद फेंकता है, बल्लेबाज 22 गज की दूरी पर होता है इसलिए यह बड़ी समस्या नहीं है।
भारतीय विकेटकीपर पार्थिव पटेल ने पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज मैथ्यू हेडल की दोस्ती और हल्की-फुल्की लड़ाई को लेकर बात की। उन्होंने कहा कि एक समय 2004 की वनडे सीरीज के एक मैच में मेरे जश्न मनाने के तरीके से हेडन चिढ़ गए थे और उन्होंने मुझे मुंह पर मुक्का मारने की धमकी दी थी। हांलांकि, आज सबकुछ ठीक है। पार्थिव ने कहा कि वे और हेडन अब बहुत अच्छे दोस्त बन चुके हैं। दरअसल, दोनों ही खिलाड़ी आईपीएल की फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए साथ खेल चुके हैं।
पार्थिव ने रेडियो प्रोग्राम में 2004 की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आईपीएल में एक साथ खेलने के बाद हेडन मेरे बहुत अच्छे दोस्त बन गए हैं। साथ ही आईपीएल के बाद हेडन ने पार्थिव को डिनर के लिए ऑस्ट्रेलिया में अपने घर पर बुलाया भी था।
पार्थिव ने हेडन को आउट होने के बाद चिड़ाया था
उन्होंने 2004 की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ब्रिसबेन में मैच खेला जा रहा था। ऑस्ट्रेलिया की हालत खराब थी। हेडन शतक बना चुके थे। तभी इरफान पठान ने उन्हें आउट कर दिया। मैं ग्राउंड में ड्रिंक्स लेकर जा रहा था। हेडन मेरे बगल से गुजरे तभी मैं जश्न मनाते हुए ‘हू-हू’ करने लगा। वे गुस्सा हो गए।’’
हेडन की धमकी के बाद पार्थिव ने सॉरी कहा था
भारतीय विकेटकीपर ने कहा, ‘‘जब वे (हेडन) आउट होकर ब्रिसबेन के ड्रेसिंग रूम पहुंचे, तो उन्होंने मुझे काफी कुछ कहा। उन्होंने कहा कि अगर फिर से मैंने उन्हें छेड़ा तो वे मुझे मुंह पर मुक्का मार देंगे। मैने उनकी बातों का जवाब नहीं दिया और उन्हें सॉरी बोलकर चला गया।’’ पटेल ने कहा कि आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से खेलने के दौरान दोनों अच्छे दोस्त बन गए। दोनों एक साथ चेन्नई सुपर किंग्स के लिए पारी की शुरूआत करते थे।
एम्योचोर इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन (एआईबीए) के अंतरिम अध्यक्ष मोहम्मद मुस्ताहसाने ने बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया(बीएफआई) को चेतावनी दी अगर उसने जल्द ही जुर्माने की राशि नहीं जमा की तो उसकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी।
पिछले महीने ही एआईबीए ने भारत से 2021 में होने वाली वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप की मेजबानी छीन ली थी। साथ ही5 लाख डॉलर (3 करोड़ 70 लाख रुपए) जुर्माना भी लगाया था।एआईबीए का कहना था कि बीएफआई ने मेजबानी की फीस निर्धारित तारीख तक नहीं भरी।
यह था विवाद
इंटरनेशनल बॉक्सिंग फेडरेशन ने 2021 में होने वाली वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के लिए पहली परबीड 2017 में निकाली थी। उस समय मेजबानी की फीस 41 लाख डॉलर निर्धारित की गई थी। तब भारत के अलावा किसी अन्य देश ने मेजबानी में रूचि नहीं दिखाई। इसलिए भारत को इसके आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
बीएफआई का आरोप-बिना जानकारी मेजबानी की फीस बदली
बीएफआई का आरोप है कि इसके बाद एआईबीए ने बिना जानकारी दिए 2018 में दूसरी बीड निकाली। इसमें मेजबानी फीस को घटाकर 20 लाख डॉलर कर दिया। बीएफआई और एआईबीए के बीच इस मसले पर विवाद चलता रहा। इस बीच, बीएफआई ने नई बीडिंग के तहत मेजबानी के लिए तय की गई 20 लाख डॉलर की फीस चुकाने पर हामी भर दी। लेकिन इंटरनेशनल बॉक्सिंग फेडरेशन पुरानी मेजबानी फीस की मांग करता रहा।
बीएफआई इसके खिलाफ कोर्ट जाएगी
पिछले साल 31 दिसंबर तक दोनों पक्षों में मेजबानी की फीस को लेकर सहमति नहीं बन पाई।बीएफआई जुर्माना के विरोध में लुसाने स्थित कोर्ट ऑफ अब्रिटेशन फोर स्पोर्ट्समें जाने की तैयारी में है।
आंध्रप्रदेश के विशाखापट्टनम में गुरुवार तड़के एक केमिकल प्लांट से हुए गैस रिसाव हादसे में 11 लोगों की मौत होगई। इस पर भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली, सानिया मिर्जा के अलावा कई खिलाड़ियों ने दुख जताया है।
विराट ने ट्वीट किया- विशाखापट्टनम में गैस रिसाव की घटना में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। मैं घायलों के जल्द से जल्द ठीक होने की कामना करता हूं।
'लोगों की मौत की खबर से दुखी'
सानिया ने लिखा- आंध्रप्रदेश में गैस रिसाव होने के कारण लोगों की मौत की खबर से काफी दुखी हूं। इस हादसे में मारे गए लोगों के परिवार के प्रति संवेदनाएं और जो घायल हैं उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करती हूं।
##गैस रिसाव की खबर से हैरान: धवन
टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने भी कहा- गैस रिसाव की खबर से हैरान हूं। मुझे इस हादसे में मारे गए लोगों के लिए काफी दुख हो रहा है। उनके परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।
सायना नेहवाल ने भी ट्वीट किया- वाइजैग में गैस रिसाव के कारण लोगों की मौत होना हृदयविदारक है। भगवान से प्रार्थना है कि वे अपनों को गंवाने वाले परिवार को दुख सहने की शक्ति दें।
घायलों की ठीक होने की कामना करता हूं: छेत्री
इधर, भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने भी इस हादसे में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा- वाइजैग से आ रही खबर से दुखी हूं। घायलों के ठीक होने की कामना करता हूं। हमें लोगों की जान बचाने के लिए हरसंभव मदद करनी चाहिए।
केमिकल प्लांट से गुरुवार तड़के गैस लीक हुई
विशाखापट्टनम के आरआर वेंकटपुरम गांव स्थित एलजी पॉलिमर केमिकल प्लांट से गुरूवार तड़के जहरीली गैस का रिसाव हुआ। इस हादसे में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा सैकड़ों की संख्या में लोग प्रभावित हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एक दर्जन से ज्यादा लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है।
मैदान पर हमेशा शांत रहने वाले भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को भी डर लगता है और वे भी दबाव महसूस करते हैं। धोनी ने कहा कि भारतीय क्रिकेटर भी मानसिक परेशानी पर बात करने से कतराते हैं। ऐसे में टीम के साथ हमेशा एक मेंटल कंडिशनिंग कोच रहना चाहिए।
धोनी ने पूर्व क्रिकेटर एस.बद्रीनाथ की मेंटल हेल्थ को लेकर काम करने वाली संस्था के ऑनलाइन सेशन में क्रिकेट, वॉलीबॉल, टेनिस के शीर्ष कोचों के साथ चर्चा के दौरान यह बात कही।
टीम के लिए कंडिशनिंग कोच जरूरी
इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा कि मेंटल कंडिशनिंग कोच अगर कुछ दिनों के लिए टीम के साथ जुड़ता है तो उसका ज्यादा फायदा नहीं मिलेगा। क्योंकि तब वह कुछ दिनों के लिए खिलाड़ियों से अपने अनुभव साझा कर पाएगा।अगर वह टीम के साथ लगातार रहताहै, तो समझ सकताहैकि ऐसे कौन से क्षेत्र हैं, जो किसी खिलाड़ी के खेल पर असर डाल रहे हैं।
'देश में मानसिक परेशानी को स्वीकार करना बड़ा मु्द्दा'
उन्होंने कहा किभारत में आज भी मानसिक परेशानी को स्वीकार करना बड़ा मुद्दा है। खासतौर पर खिलाड़ियों के साथ ऐसा है। कोई भी वास्तव में यह नहीं कहता है कि, जब मैं बल्लेबाजी करने जाता हूं, तो पहली 5 से 10 गेंदे खेलते वक्त दिल की धड़कनें बहुत तेज हो जाती हैं। मुझे दबाव महसूस होता है, मुझे थोड़ा डर लगता है। हर कोई ऐसामहसूस करता है। लेकिन इसका सामना कैसे करना है, यह कोई नहीं बताता?
खिलाड़ी और कोच का रिश्ता अहम: धोनी
धोनी नेआगे कहा कि यह मामूली परेशानी है। लेकिन ज्यादातर मौकों पर खिलाड़ी कोच से इस बारे में बात नहीं करता है। खिलाड़ी और कोच का रिश्ता बहुत अहम होता है।
इस सेशन में टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने मेंटल हेल्थ को लेकर कहा किसिर्फ खेल ही नहीं, बल्कि जिंदगी में भी यहजरूरी है।
पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज आकिब जावेद ने बुधवार को यह आरोप लगाया है कि मैच फिक्सिंग माफियाओं के तार भारत से जुड़े हैं। उन्होंने पाकिस्तानी चैनल जियो न्यूज को दिए इंटरव्यू में यह बात कही।
जावेद ने अपने करियर को लेकर कहा कि मैं लगातार मैच फिक्सिंग के खिलाफ आवाज उठाता रहा। इसलिए टीम से बाहर होने के बाद दोबारा मेरी कभी वापसी नहीं हुई। इसमें शामिल लोगों ने मुझे धमकी दी थी अगर मैं चुप नहीं हुआ तो वे मेरे टुकड़े-टुकड़े कर देंगे। उन्होंने कहा कि अगर आप फिक्सिंग के खिलाफ बोलते हैं तो क्रिकेट में एक मुकाम तक ही जा सकते हैं। इसलिए मैं कभी पाकिस्तान क्रिकेट टीम का हेड कोच नहीं बन पाया।
पीसीबी ने गलत लोगों की टीम में वापसी कराई
इस पूर्व गेंदबाज ने फिक्सिंग के दोषी खिलाड़ियों की पाकिस्तान टीम में वापसी पर पीसीबी को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि मोहम्मद आमिर को इंग्लैंड में फिक्सिंग का दोषी पाया गया था। इसके अलावा सलमान बट्ट और मोहम्मद आसिफ को भी सजा हुई थी। लेकिन फिर आमिर की टीम में वापसी हो गई। ऐसी चीजें फिक्सिंग में शामिल लोगों का हौसला बढ़ाती है।
'क्रिकेटरों को सजा हुई, माफियाओं का कुछ नहीं हुआ'
आकिब ने कहा कि फिक्सिंग की जड़ें बहुत गहरी हैं। जो एक बार इसमें घुस जाता है, वह कभी वापस नहीं लौटता। इसमें शामिल कई क्रिकेटरों को तो सजा हुई। लेकिन माफियाओं का कुछ नहीं हुआ जबकि सजा उनको भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि क्रिकेट से इस बुराई को तभी खत्म किया जा सकता है। जब इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के साथ आजीवन बैन लगे।
बता दें कि जावेद इमरान खान की कप्तानी में 1992 में वर्ल्ड कप जीतने वाली पाकिस्तान टीम के सदस्य थे। उन्होंने 22 टेस्ट में 54 और 163 वनडे में 182 विकेट लिए थे।
कोरोनावायरस के बीच ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट मई के अंत में प्रैक्टिस शुरू कर सकते हैं। यह सब क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के मेडिकल चीफ ऑफिसर डॉ जॉन आर्चर्ड की निगरानी में होगा, जो प्रैक्टिस के लिए गाइडलाइन तैयार करवा रहा है। इसी साल अक्टूबर-नवंबर में ऑस्ट्रेलिया में टी-20 वर्ल्ड कप होना है, जिसके लिए अभी से तैयारी की जा रही है। आर्चर्ड के साथ स्पोर्ट्स एंड साइंस और स्पोर्ट्स मेडिसन के हेड काउंटोरिस भी शामिल हैं।
डॉ जॉन आर्चर्ड आईसीसी के समितियों के भी सदस्य हैं। जो खेलों को फिर से शुरू करने और जो गेंद को चमकाने के लिए लार या पसीने के इस्तेमाल को रोकने के लिए उपाय खोज रहे हैं। ऑस्ट्रेलियाई अखबार के एक रिपोर्ट के मुताबिक सीए की पहली प्राथमिकता खिलाड़ियों के ट्रेनिंग के लिए प्रोटोकॉल तैयार करना है।
प्रैक्टिस में बहुत कम खिलाड़ी होने से ज्यादा समस्या नहीं
क्रिकेट ऑफ ऑस्ट्रेलिया के स्पोर्ट्स एंड साइंस और स्पोर्ट्स मेडिसन के हेड काउंटोरिस का कहना है कि कोरोना ने ट्रैनिंग के तरीकों में बदलाव के लिए मजबूर कर दिया है। अब क्रिकेट के लिए बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि नेट्स पर 2 या 3 बॉलर ही गेंदबाजी करते हैं। बल्लेबाज 22 गज की दूरी पर होता है, इसलिए इसको लेकर कोई समस्या नहीं है। वहीं, दूरी बनाए रखना और गेंद को कैसे संभालना है यह भी आसान है।
मैच में जश्न मनाने के दूसरे विकल्प तलाशने होंगे
काउंटोरिस ने कहा कि फिल्ड पर सेलिब्रेशन एक बहुत बड़ी समस्या है। इसके लिए भी तरीके ढृंढने होंगे। उन्होंने कहा कि जब तक कोरोना के लिए वैक्सिन या दवा नहीं मिलती है तब तक विकेट लेने और जीतने के बाद खुशी जाहिर करने के लिए नए तरीके ढूंढने की जरूरत है।
कोरोनावायरस (कोविड-19) जैसी महामारी के बीच फुटबॉल फैन्स के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। जर्मनी में बुंदेसलिगा फुटबॉल लीग 15 मई से शुरू हो सकती है। मैच खाली स्टेडियम में कराए जाएंगे। जर्मन सरकार ने सख्त नियमों के साथ 13 मार्च से रुकी हुई इस लीग को शुरू करने की अनुमति दी है। हांलाकि, आखिरी फैसला अभी भी बाकी है, जो 36 पेशेवर क्लब के साथ बैठक के बाद लिया जाएगा। यदि ऐसा होता है तो बुंदेसलिगा टॉप-5 यूरोपियन फुटबॉल लीग की पहली लीग होगी, जिसके मैच शुरू हो जाएंगे।
साथ ही दो महीने के बाद दक्षिण कोरिया का फुटबॉल सीजन भी इसी शुक्रवार से शुरू होने जा रहा है। यह मैच भी बगैर दर्शकों के ही होंगे। साथ ही कोरोना संक्रमण से बचने के लिए नए दिशा- निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत गोल करने के बाद खिलाड़ी जश्न नहीं मना पाएंगे, हाथ नहीं मिलाएंगे और मैच के बीच में आपस में बात भी नहीं करेंगे।
जर्मनी में 13 मार्च से लीग मुकाबले नहीं हुए
महामारी के बीच ही जर्मनी के सभी फुटबॉल क्लब ने 5 अप्रैल से ट्रेनिंग शुरू कर दी थी। जर्मनी में 13 मार्च से लीग के मुकाबले नहीं हो रहे हैं। क्लब की टीमें छोटे-छोटे ग्रुप में ट्रेनिंग कर रही हैं। दरअसल, बुंदेसलिगा का एक खिलाड़ी कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। यूरोपियन फुटबॉल में इंग्लिश प्रीमियर लीग (ईपीएल), इटैलियन सीरी ए, स्पेनिश ला लिगा, जर्मन बुंदेसलिगा, फ्रेंच लीग-1, चैम्पियंस लीग और यूरोपा लीग के 541 मैच प्रभावित हैं।
27 जून को होगा फाइनल
लीग के शुरु होने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत सभी टीम, कोच और स्टाफ को दो हफ्ते तक लॉकडाउन में रहना होगा, जबकि जो खिलाड़ी पॉजिटिव पाए गए थे, उन्हें क्वारैंटाइन में रखा जाएगा। लीग के सेमीफाइनल मुकाबले 16 और 17 जून को खेले जाएंगे, जबकि फाइनल 27 जून को निर्धारित किया गया है।
के-लीग में गोल के बाद खिलाड़ी जश्न नहीं मनापाएंगे
कोरोना संक्रमण से बचने के लिए दक्षिण कोरिया की के-लीग को लेकर सख्त दिशा- निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत गोल करने के बाद खिलाड़ी जश्न नहीं मना पाएंगे, हाथ नहीं मिलाएंगे और मैच के बीच में आपस में बात भी नहीं करेंगे। मैच के बाद सभी खिलाड़ियों और टीम के स्टाफ का बुखार जांचा जाएगा। यदि कोई खिलाड़ी या टीम स्टाफ में फीवर हुआ था, तो उसके साथी खिलाड़ी, कोच और स्टाफ के अलावा विपक्षी टीम को भी दो सप्ताह का ब्रेक दिया जाएगा।
कोरोनावायरस (कोविड-19) जैसी महामारी ने खेल जगत को भी अपनी चपेट में ले लिया है। ब्राजील के फुटबॉल क्लब फ्लेमिंगो के 3 खिलाड़ी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। क्लब की ओर से बुधवार को कहा गया कि 30 अप्रैल से 3 मई तक 239 लोगों का टेस्ट किया गया, जिसमें से 38 पॉजिटिव पाए गए हैं। वहीं, इटली के क्लब टॉरिनो का भी एक खिलाड़ी संक्रमित पाया गया है। दोनों क्लब ने पीड़ित खिलाड़ियों के नाम नहीं बताए हैं।
हाल ही में 2022 कतर फीफा वर्ल्ड कप के ब्रांड एंबेसडर आदिल खामिस (54) का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव पाया गया था। इससे पहले भी वर्ल्ड कप की तैयारियों में जुटे 3 स्टेडियम के 8 कर्मचारी भी संक्रमित पाए गए थे। इन सभी के बावजूद फीफा वर्ल्ड कप की सभी तैयारियां जारी हैं। यह टूर्नामेंट नवंबर-दिसंबर 2022 में होना है।
मैच में 5 सब्सटिट्यूशन के नियम की तैयारी
कोरोना महामारी के बाद फुटबॉल के लिए फेडरेशन इंटरनेशनल फुटबॉल एसोसिएशन (फीफा) नया नियम बनाने जा रहा है। फुटबॉल मैच में अब तीन की बजाय 5 सब्सटिट्यूशन उतारने की अनुमति मिल सकती है। यह नियम अस्थायी तौर पर ही रहेगा, जिसकी घोषणा इसी हफ्ते हो सकती है। यह छठी बार है, जब इस तरीके का अस्थायी नियम बनाया जा रहा है। इससे पहले 2018 में 4 सब्सटिट्यूशन की अनुमति दी गई थी।
कोरोनावायरस के बीच खेले जा रहे फिडे- चेस ऑनलाइन नेशनल कप शतरंज टूर्नामेंट के दूसरे दिन भारत को दो हार का सामना करना पड़ा। तीसरे राउंड में यूरोप और चौथे राउंड में शीर्ष वरीयता प्राप्त चीन से 1.5-2.5 से हार गई। टूर्नामेंट में पांचवें सीड के साथ शुरुआत करने वाली भारत चौथे राउंड के समाप्त होने के बाद अंक तालिका में 1 मैच पॉइंट और 6.5 बोर्ड पॉइंट के साथ सबसे नीचे है। वहीं चीन 7 मैच पॉइंट और 10.5 बोर्ड पॉइंट के साथ टॉप पर बना हुआ है। टूर्नामेंट का फाइनल 10 मई को खेला जाएगा।
चीन के साथ मैच के चौथे राउंड में 5 बार के विश्व चैम्पियन विश्वनाथ आनंद और डिंग लिरेन के बीच बाजी ड्रा रहा। दोनों 54 चालों के बाद पॉइंट बांटने पर सहमत हो गए। पी हरिकृष्णा ने भी यूं यंगई को ड्रॉ पर रोक कर टीम को मुकाबले में बनाए रखा। कोनेरू हंपी भी होउ यिफान के साथ अपना मुकाबला बराबरी पर रखने में सफल रही। लेकिन गुजराती ने लगातार तीसरा गेम वांग हाओ के साथ गंवा दिया। इस जीत के साथ ही चीन ने भारत से चौथा राउंड जीत लिया।
यूरोप से भी हारा भारत
इससे पहले यूरोप के साथ तीसरे राउंड में गुजराती को लेवो एरोनियन के हाथों हार का सामना करना पड़ा। जिससे यूरोप भारत से 1.5-2.5 से जीतने में सफल रहा। शीर्ष बोर्ड पर आंनद और मैक्सिम वचिएर लाग्रेव के बीच मुकाबला ड्रा रहा। हरिकृष्णा व जन क्रिज्सटॉफ डूडा और विश्व रैपिड चैंपियन हंपी और अन्ना मुजिचुक ने भी आपस में अंक बांट लिए।
टीम इंडिया टूर्नामेंट में बतौर 5वीं सीड खेल रहा
भारत इस टूर्नामेंट में पांचवीं सीड के रूप में शुरूआत की थी। इस टूर्नामेंट में भारत केवल संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ ही बराबरी करवाने में सफल रहा। वहीं रेस्ट ऑफ द वर्ल्ड के साथ भी भारत को 1.5-2.5 से हार का सामना करना पड़ा था।
राउंड रोबिन में हो रहे सभी मुकाबले
यह टूर्नामेंट डबल राउंड रोबिन के आधार पर खेला जा रहा है। जिसमें दो प्रमुख टीमें सुपर फाइनल में खिताब के लिए आपस में भिड़ेंगी। सभी मैचों में चार बोर्ड शामिल हैं। टीम में तीन पुरूष और एक महिला खिलाड़ी शामिल है।
रूस के व्लादिमीर भारतीय टीम के कप्तान हैं
इस टूर्नामेंट में भारत, रूस, अमेरिका, चीन, यूरोप और रेस्ट ऑफ द वर्ल्ड (बाकी दुनिया) की टीम शामिल हैं। इनके बीच 9 मई तक राउंड रॉबिन में मुकाबले खेले जाएंगे। इसके बाद टॉप-2 टीमों के बीच 10 मई को फाइनल होगा। इस टूर्नामेंट की इनामी राशि 1 लाख 80 हजार डॉलर (करीब 1.38 करोड़ रुपए) है। संन्यास ले चुके दिग्गज व्लादिमीर क्रेमनिक भारतीय टीम के कप्तान हैं।
भारत की स्टार टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने कहा है कि वे अपने खेल और मां होने की जिम्मेदारी दोनों को संभाल सकती हैं। 6 बार की ग्रैंड स्लैम चैम्पियन सानिया मिर्जा ने यह बात एक वेबिनार में कही। इस दौरान उन्होंने अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) और भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के कोचों से बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि लड़कियों को ट्रेनिंग देते वक्त कोच को काफी ध्यान रखने की जरुरत होती है। लड़कों के मुकाबले लड़कियों को ट्रेनिंग देते समय थोड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
सानिया ने मां बनने के दो साल बाद इसी साल जनवरी में कोर्ट में वापसी की थी। उन्होंने होबार्ट इंटरनेशनल टेनिस टूर्नामेंट का डबल्स खिताब जीता था। इसके साथ ही उन्होंने फेड कप में भी शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत को पहली बार प्लेऑफ में पहुंचाया था, जिसके कारण उन्हें फेड कप हर्ट अवार्ड के लिए नामित किया गया है। फिलहाल, फेड कप कोरोना के कारण बीच में ही टाल दिया गया है।
‘मेरी मां और बहन काफी मदद करती हैं’
सानिया ने कहा, ‘‘मैं जिस तरह अपने जीवन में दूसरी चीजों को संभालती हूं ठीक उसी तरह टेनिस और मातृत्व (मां होने की जिम्मेदारी) दोनों को संभाल रही हूं। मैं भाग्यशाली हूं कि मेरे आसपास ऐसे लोग हैं जो मेरी मदद करते हैं। मेरी मां और बहन मेरी काफी मदद करती हैं।’’
‘खुद को प्रैक्टिस में व्यस्त करना आपके हाथ में है’
पूर्व नंबर एक खिलाड़ी सानिया ने कहा, ‘‘जब मैं वापसी कर रही थी तो काफी लोग मुझसे पूछते थे कि मुझे अपना वजन कम करने के लिए इतना समय कहां से मिला। बच्चे को जन्म देने के बाद आपके शरीर में काफी परिवर्तन होता है, लेकिन खुद को प्रैक्टिस में व्यस्त करना आपके हाथ में है। आपको अपनी दिनचर्या से 2 घंटे निकालने हैं। अपने लिए समय निकलना किसी के जीवन के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है।’’
सानिया ने पिछले साल ही बेटे को जन्म दिया
भारतीय टेनिस स्टार ने पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मालिक से शादी की थी। उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में बेटे को जन्म दिया था। सानिया ने छह ग्रैंडस्लैम जीते हैं। वे जनवरी में होने वाले साल के पहले ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट ऑस्ट्रेलियन ओपन में अमेरिका के राजीव राम के साथ मिक्स्ड डबल्स में खेलने वाली थीं, लेकिन चोट के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो गईं।
कोरोनावायरस जैसी महामारी के बीच दो महीने के बाद दक्षिण कोरिया का फुटबॉल सीजन शुक्रवार से शुरू होने जा रहा है। हालांकि यह मैच बगैर दर्शकों के ही होंगे। साथ ही कोरोना संक्रमण से बचने के लिए नए दिशा- निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत गोल करने के बाद खिलाड़ी जश्न नहीं मना पाएंगे, हाथ नहीं मिलाएंगे और मैच के बीच में आपस में बात भी नहीं करेंगे। गाइडलाइन को लेकर सवाल भी उठने लगे हैं। इंचियोन यूनाइटेड के कप्तान किम डो हाइक ने कहा कि मैच में दौरान आपस में बिना बातचीत के फुटबॉल खेलना संभव नहीं है।
मैच के बाद सभी खिलाड़ियों और टीम के स्टाफ का बुखार जांचा जाएगा। यदि कोई खिलाड़ी या टीम स्टाफ में फीवर हुआ था, तो उसके साथी खिलाड़ी, कोच और स्टाफ के अलावा विपक्षी टीम को भी दो सप्ताह का ब्रेक दिया जाएगा।
यूरोप की सभी फुटबॉल लीग बंद
कोरोना के बाद फुटबॉल शुरू करने वाला दक्षिण कोरिया पहला देश है। हालांकि बेलारूस, तुर्कमेनिस्तान और ताइवान जैसे देशों ने कोरोनावायरस के कारण फुटबॉल मुकाबले नहीं रोके थे। के-लीग एशिया का पहला बड़ा टूर्नामेंट होगा, जिसमें मुकाबले खेले जाएंगे। यूरोप की बड़ी लीग अभी बंद हैं और सिर्फ जर्मनी की बुंडेसलीगा ने मैच दोबारा शुरू करने की योजना बनाई है। बुंदेसलीगा के एक क्लब के स्टाफ में 3 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले थे।
के-लीग का पहला मुकाबला शुक्रवार को जियोनबक और सुवॉन ब्लूविंग्स के बीच खेला जाएगा। लीग के अधिकारियों के मुताबिक मैच का लाइव युट्यूब और फेसबुक पर दिखाया जाएगा। इसके अलावा 10 विदेशी ब्रॉडकास्टर भी प्रसारित करेंगे।
चीन के बाद दक्षिण कोरिया में कोरोना का प्रकोप
दक्षिण कोरिया उन देशों में शामिल था, जिनमें चीन के बाहर शुरुआत में कोरोना वायरस का सबसे अधिक प्रकोप दिखा था जिसके बाद पेशेवर खेलों ने अपने सत्र रद्द कर दिए या स्थगित कर दिए थे और फिर बाद में दुनिया भर के देशों ने यही कदम उठाए थे। कोरिया ने हालांकि अपने मजबूत ‘पहचान, परीक्षण और उपचार’ कार्यक्रम से इस महामारी को नियंत्रित कर लिया है और मंगलवार को खाली स्टेडियम में बेसबाल की वापसी के बाद अब फुटबाल की वापसी होगी।
मौजूदा समय में कई खिलाड़ी अब इंटरनेशनल क्रिकेट की जगह टी-20 लीग को तरजीह दे रहे हैं। आईपीएल पैसे के लिहाज से दुनिया की सबसे बड़ी लीग तो है ही। खिलाड़ियों के प्रदर्शन के हिसाब से भी टॉप लीग है।
विजडन में छपे क्रिकबजके एनालिसिस को देखें तो आईपीएल का इंपैक्ट दुनिया की अन्य सभी लीग से ज्यादा है। क्रिकबज ने दुनिया के 4500 खिलाड़ी जो अलग-अलग लीग खेलते हैं, उनके प्रदर्शन के आधार पर यह डेटा तैयार किया गया है। पाकिस्तान सुपर लीग और ऑस्ट्रेलिया के बिग बैश लीग के खिलाड़ियों का इंपैक्ट टी20 इंटरनेशनल से ज्यादा है।
खिलाड़ी के प्रदर्शन में बदलाव का आकलन किया
उन खिलाड़ियों के प्रदर्शन को देखा, जिन्होंने कई टूर्नामेंट में हिस्सा लिया। खिलाड़ी के हर टूर्नामेंट में प्रदर्शन में बदलाव का आकलन किया। जैसे श्रीलंका का बल्लेबाज देश में अच्छा प्रदर्शन करता है, लेकिन पाक लीग (पीएसएल) में संघर्ष करता है, तो हम अनुमान लगा सकते हैं कि पीएसएल श्रीलंका में हुए टूर्नामेंट की अपेक्षा अच्छा है। यदि कोई इंग्लिश गेंदबाज भारत में संघर्ष कर रहा है तो आईपीएल को टी20 ब्लास्ट से अच्छा माना।
विदेशी खिलाड़ियों के कारण लीग इंटरनेशनल मैच से बेहतर
टी-20 लीग के इंपैक्ट को देखें तो यह इंटरनेशनल से अच्छा है, वजह-इंटरनेशनल टीमें केवल अपने देश के खिलाड़ियों का चयन कर सकती हैं, जबकि लीग में दुनिया भर के खिलाड़ियों को उतारा जा सकता है। जैसे पाक लीग से तेेज गेंदबाज मिलते हैं। बल्लेबाजी को मजबूत करने के लिए टीम विदेशी खिलाड़ियों को शामिल कर लेती हैं।
सभी फॉर्मेट के लिए अलग खिलाड़ी होते हैं, कोचिंग स्टाफ एक ही रहता है
{इंटरनेशनल टीम को टी-20 के अलावा क्रिकेट के दूसरेफॉर्मेट पर ध्यान देना होता है। सभी फॉर्मेट के लिए अलग खिलाड़ी होते हैं, लेकिन कोचिंग स्टाफ एक ही रहता है। वहीं, टी-20 लीग में टीम सिर्फ टी-20 पर ध्यान देती हैं। उनके कोचिंग स्टाफ की भी इसी फॉर्मेट के लिए विशेषज्ञता होती है।
दुनिया की आठ टी-20 लीग के प्रभाव को इन छह आधार पर समझा जा सकता है-
1. टीम की संख्या: जितनी अधिक टीमें रहेंगी, अच्छे खिलाड़ी बंट जाएंगे। आईपीएल, बांग्लादेश लीग, बिग बैश लीग में 8-8 टीम, द. अफ्रीका की मजांशी लीग, पीएसएल, कैरेबियन प्रीमियर लीग, न्यूजीलैंड के सुपर स्मैश में 6-6 जबकि इंग्लैंड के टी20 ब्लास्ट में 18 टीमें हैं।
2. टीम का उद्देश्य: जहां टीम सिर्फ टी-20 खेलती हैं, उनका प्रदर्शन अच्छा रहता है।
3. मालिकाना हक: अमीर टीमें अच्छे खिलाड़ियों को टीम में रखती हैं। आईपीएल, बांग्लादेश, वेस्टइंडीज और पाकिस्तान की लीग ऐसी हैं। अन्य लीग फंड आधारित हैं।
4. अच्छे घरेलू खिलाड़ी: जिस देश का घरेलू स्ट्रक्चर अच्छा रहता है। वहां अच्छे खिलाड़ी मिलते हैं।
5. अच्छे विदेशी खिलाड़ी: आईपीएल में अधिक पैसा होने के कारण अच्छे खिलाड़ी इसे प्राथमिकता देते हैं।
6. खिलाड़ियों का कॉन्ट्रैक्ट: आईपीएल में नीलामी के कारण कई खिलाड़ियों को बेस प्राइस से अधिक राशि मिलती है। अन्य लीग में ड्राफ्ट के हिसाब से पैसे दिए जाते हैं।
निष्कर्ष: आईपीएल कई बोर्ड की तुलना में काफी आगे है। इसे नेशनल और इंटरनेशनल विंडो भी दी जाती है। अन्य लीग में इंटरनेशनल विंडो नहीं है। टी20 ब्लास्ट सबसे पुरानी लीग होने के बाद भी इंपैक्ट नहीं छोड़ सकी।
पूर्व तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत की पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से तुलना को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पंत को धोनी के रिप्लेसमेंट के तौर पर देखा जा रहा है, लेकिन यह युवा खिलाड़ी न्यूजीलैंड दौरे पर खिलाड़ियों को पानी पिलाते हुए नजर आया था। ऐसे में दोनों की तुलना सही नहीं है। वहीं, नेहरा ने कप्तान विराट कोहली के वनडे फॉर्मेट को तवज्जो नहीं देने की भी आलोचना की है।
नेहरा ने एक रेडियो कार्यक्रम में पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा से बातचीत के दौरान कहा, ‘‘टीम मैनेजमेंट को युवा खिलाड़ियों को समर्थन देना चाहिए। जिस तरह से न्यूजीलैंड में 5 टी-20, 3 वनडे और दो टेस्ट मैचों में ऋषभ पंत को एक भी मौका नहीं मिला यह बहुत खराब था। वह दूसरे खिलाड़ियों को पानी पिलाते दिखाई दिए। ऐसे में वह कैसे धोनी का रिप्लेसमेंट बन पाएंगे।’’
नेहरा ने कोहली की आलोचना की
पूर्व तेज गेंदबाज ने कोहली को लेकर कहा,‘‘मैं कोहली की इस बात से सहमत नहीं हूं कि यह साल टी-20 का है। जब वनडे में जीतने पर आपका ध्यान नहीं था, तो आप खेलने के लिए ही क्यों उतरें। जीतने के बाद आप इस तरह का बयान देते हैं तो समझ में आता है। हारने के बाद इस तरह का बयान देना गलत है। इससे टीम की कोशिशों पर सवाल उठता है।’’
‘ऑस्ट्रेलिया की तुलना में अभी काफी सुधार की जरूरत’
नेहरा ने कहा, ‘‘साल 2000 के बाद इंडिया टीम की बल्लेबाजी और गेंदबाजी में सुधार हुआ है। लेकिन, ऑस्ट्रेलिया की तुलना में हमें अभी काफी सुधार करने की जरूरत है। हम उनसे अभी काफी दूर हैं। ऑस्ट्रेलिया 3 वर्ल्ड कप जीत चुका है। 1996 में फाइनल पहुंच चुका है। आप से घर और उसके बाहर ज्यादा टेस्ट मैच जीता है। मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में इंडिया और बेहतर करेगी।’’
कप्तान के तौर पर विराट को करना होगा और काम
पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज ने कहा, ‘‘मैं कोहली की कप्तानी के बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहूंगा, क्योंकि मैंने उनकी कप्तानी में ज्यादा क्रिकेट नहीं खेली है। लेकिन मेरा मानना है कि विराट की कप्तानी में अभी भी सुधार का काम चालू है। कोहली को एक खिलाड़ी के तौर पर किसी पहचान की जरूरत नहीं है, क्योंकि उनका ग्राफ सब कुछ दिखा देता है। खिलाड़ी के तौर पर वे शानदार काम कर चुके हैं।’’
कोरोनावायरस (कोविड-19) के कारण जून-जुलाई तक के लगभग सभी खेल टूर्नामेंट टाले या रद्द किए जा चुके हैं। इसका असर अगले साल की शुरुआत में होने वाले टेनिस टूर्नामेंट ऑस्ट्रेलियन ओपन पर भी पड़ सकता है। टेनिस ऑस्ट्रेलिया के मुख्य कार्यकारी क्रैग टिली ने साल के इस पहले ग्रैंड स्लैम के रद्द होने की आशंका जताई है। महामारी के कारण इस साल जून-जुलाई में होने वाले विंबलडन को रद्द कर दिया गया है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद पहली बार ऐसा हुआ है। अब यूएस ओपन पर भी खतरा मंडरा रहा है।
कोरोना महामारी के कारण साल के दूसरे ग्रैंड स्लैम फ्रेंच को सिंतबर तक के लिए टाल दिया गया है। आखिरी ग्रैंड स्लैम यूएस ओपन अक्टूबर-नवंबर में होना है, जिसको लेकर अगले महीने कोई फैसला लिया जा सकता है।
स्थिति ठीक रही तो बगैर दर्शकों के हो सकता है टूर्नामेंट
क्रैग टिली ने कहा, ‘‘2021 का ऑस्ट्रेलियन ओपन कोरोना के प्रभाव से अछूता नहीं रह पाएगा, क्योंकि विदेशी फैन्स इस टूर्नामेंट को देखने नहीं आ पाएंगे। टूर्नामेंट पर भी संकट मंडरा रहा है। यह सिर्फ एक ही शर्त पर हो सकता है कि इसे बगैर दर्शकों के कराया जाए। साथ ही खिलाड़ियों को क्वारैंटीन तकनीक से गुजारा जाए। सबसे खराब परिस्थिति यह भी हो सकती है कि टूर्नामेंट को रद्द करना दिया जाए।’’
नडाल ने भी जताई थी चिंता
हाल ही में वर्ल्ड के नंबर दो खिलाड़ी स्पेन के राफेल नडाल ने भी साल के पहले ग्रैंड स्लैम को लेकर चिंता जाहिर की थी। उन्होंने कहा था, ‘‘मैं उम्मीद करता हूं कि साल के आखिर तक टेनिस शुरु हो जाए, लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा संभव नहीं दिख रहा है। मैं 2021 के लिए खुद को तैयार कर रहा हूं। अगले साल होने वाले ऑस्ट्रेलियन ओपन के लिए भी चिंतित हूं।’’
इस साल ऑस्ट्रेलियन ओपन सफलतापूर्वक हुआ
इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलियन ओपन बगैर किसी बाधा के हो चुका है। टूर्नामेंट के फाइनल में सर्बिया के नोवाक जोकोविच ने ऑस्ट्रिया के डोमिनिक थिएम को हराकर 8वीं बार खिताब जीता था। जबकि महिला सिंगल्स के फाइनल में अमेरिका की सोफिया केनिन स्पेन की गारबिन मुगुरुजा को हराया था। सोफिया का यह पहला ग्रैंड स्लैम खिताब है।
इंग्लैंड टीम को पहली बार वनडे वर्ल्ड कप जिताने वाले कप्तान इयोन मोर्गन ने क्रिकेट को ओलिंपिक में शामिल करने की बात की है। उन्होंने कहा है कि क्रिकेट के टी-10 फॉर्मेट को ओलिंपिक में रखा जाना चाहिए। यह फॉर्मेट का काफी छोटा होता है और टूर्नामेंट 10 दिन में खत्म किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ओलिंपिक के लिहाज से ठीक भी रहेगा। इससे पहले क्रिकेट को क्रिकेट को 1900 के ओलिंपिक और 1998 के राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल किया गया था। हालांकि, यह कई खेलों वाले इवेंट का हिस्सा नहीं रह सका।
2022 में होने वाले बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में महिला टी-20 टूर्नामेंट को शामिल किया गया है। मौजूदा समय में टी-20 फॉर्मेट काफी पसंद किया जा रहा है। आईसीसी और अन्य संस्थाएं टी-10 को भी आजमा रही हैं। हाल ही में अबुधाबी में हुए टी-20 टूर्नामेंट में दिल्ली बुल्स टीम की कप्तानी भी मोर्गन ने ही की थी।
टी-10 फॉर्मेट दर्शकों के लिए भी आकर्षित रहेगा
मोर्गन ने वीडियो कॉन्फेंसिंग में कहा, ‘‘ओलिंपिक के लिहाज से टी-20, वनडे या टेस्ट के मुकाबले टी-10 सबसे बेहतर और छोटा फॉर्मेट रहेगा। 8 या 10 दिन में खत्म होने वाला यह फॉर्मेट दर्शकों के लिए भी आकर्षित रहेगा। ओलिंपिक या कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए यह फॉर्मेट सबसे सही है।’’ इंग्लैंड ने मोर्गन की कप्तानी में पिछले साल ही अपना पहला वनडे वर्ल्ड कप खिताब जीता था। विवादित फाइनल में इंग्लैंड ने मैच और सुपरओवर टाई होने के बाद बाउंड्री काउंट नियम से हराया था।
नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) के डायरेक्टर जनरल नवीन अग्रवाल ने कहा कि शुक्रवार से डोपिंग मामले की ऑनलाइन सुनवाई की जाएगी। उन्होंने न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा कि कोरोना के कारण पिछले दो महीनों से डोपिंग मामले की सुनवाई नहीं हो रही है। इस दौरान खिलाड़ियों को एंटी डोपिंग डिसिप्लिनरी पैनल और एंटी डोपिंग अपील पैनल के सामने अपनी बात भी रखनी होगी।
इसके लिए खिलाड़ियों को ऑडियो और वीडियो दोनों विकल्प दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पिछले साल दोनों कमेटियों ने बेहतर काम किया था और रिकॉर्ड180 मामलों का निपटारा किया था।
उन्होंने माना कि लॉकडाउन के कारण खिलाड़ियों का सैंपल नहीं ले पा रहे हैं। उन्होंने खेल मंत्रालय से निवेदन किया है कि उन्हें एनआईएस पटियाला और बेंगलुरु साई सेंटर में रुके हुए खिलाड़ियों के सैंपल लेने की अनुमतिदे। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि सैंपल लेने के लिए जाने वाले अधिकारी कोरोना के लिए दी गई गाइडलाइन का पालन करें।
‘ऐप से खिलाड़ियों, कोच और पेरेंट्स को जागरुक करेंगे’
अग्रवाल ने कहा कि नाडा जल्द ही डोपिंग के प्रति जागरूकता लाने के लिए ऐप लॉन्च करेगा। जिसके माध्यम से कोचों, खिलाड़ियों और उनके पेरेंट्स को जागरूक किया जा सके। उन्होंने कहा कि वाडा से अभी इंडिया की लैब को मान्यता नहीं मिली है। ऐसे में सैंपल को जांच के लिए विदेशों में भेजा जा रहा है। कार्गो फ्लाइट होने से वाडा से मान्यता प्राप्त विदेशी लैब में भेजने में कोई समस्या नहीं है। लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि सैंपल कहां से ली गई है और कुरियर सेवा कैसी है।
अजिंक्य रहाणे ने बुधवार को कहा कि कोरोना के बाद जब भी क्रिकेट की वापसी होगी तो खिलाड़ी विकेट का जश्न मनाने के लिए हाथ मिलाने की जगह एक दूसरे से नमस्ते कहेंगे।उन्होंने ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह बात कही।रहाणे ने कहा कि अब विकेट गिरने पर हमें पुराने तरीके से जश्न मनाना होगा। शायद हम अपनी जगह खड़े रह कर ताली बजाते हुए ही खुशी का इजहार करेंगे।
इस बल्लेबाज ने क्रिकेट की वापसी को लेकर कहा कि कोरोना का असर कम होने के बाद जब क्रिकेट की वापसी होगी तो खिलाड़ियों को खुद को तैयार करने में कम से कम एक महीने का वक्त लगेगा। उन्होंनेकहा किइसके बाद ही कोई खिलाड़ी घरेलू या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल सकेगा। हालांकि, यह भी तभी संभव होगा जब कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध होगी।
'फिटनेस के लिए योग का सहारा ले रहा हू्ं'
अपनी फिटनेस को लेकर रहाणे ने कहा कि मैं अभी घर पर फिटनेस पर ध्यान दे रहा हूं। इसके लिए योगऔर कराटे का भी सहारा ले रहा हूं। मुझे ट्रेनर ने एक ट्रेनिंग प्रोग्राम दिया है। मैं इसके मुताबिक ही ट्रेनिंग कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि मुझे अपनी बल्लेबाजी की कमी महसूस हो रही। लेकिन क्रिकेट तभी शुरू होना चाहिए जब हालात काबू में हों।
गेंद पर लार या पसीने के इस्तेमाल पर आईसीसी फैसला लेगी
गेंद पर लार और पसीने के इस्तेमाल को रोकने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा- मुझे नहीं पता कि इस मामले में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद और दूसरे क्रिकेट बोर्ड क्या फैसला लेंगे। व्यक्तिगत तौर पर मैं कोविड-19 महामारीखत्म होनेका इंतजार करूंगा। वैसे भी अगर कुछ बदलाव होता भी है तो क्रिकेट शुरू होने पर सबको पता चल ही जाएगा।
भारतीय वनडे टीम के उप-कप्तान रोहित शर्मा ने कहा है कि लॉकडाउन के बाद बल्लेबाजों की मैदान पर वापसी आसान नहीं होगी। उन्होंने तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी से सोशल मीडिया पर लाइव चैट के दौरान यह बात कही।
रोहित ने कहा कि बल्लेबाजों को पुरानी लय और टाइमिंग हासिल करने में कम से कम डेढ़ महीना लगेगा। हैंड आई कोऑर्डिनेशन बल्लेबाजी का अहम पहलू होता है। ऐसे में बल्लेबाज को गेंद की रफ्तार के साथ तालमेल बैठाने में वक्त लगेगा।
बल्लेबाजों को लय हासिल करने में ज्यादा वक्त लगेगा: रोहित
भारत के इस सलामी बल्लेबाज ने शमी से कहा कि गेंदबाजों की तुलना में बल्लेबाजों के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी ज्यादा चुनौतीपूर्ण होगी। क्योंकि बल्लेबाजों को प्रैक्टिस के लिए ज्यादा वक्त चाहिए होगा। वे 3 महीने से ज्यादा समय से मैदान से दूर हैं। इस दौरान उन्होंने बल्ले को हाथ तक नहीं लगाया है। ऐसे में दोबारा लय हासिल करना उनके लिए ज्यादा मुश्किल होगा।
'गेंदबाज शारीरिक रूप से तैयार रहेंगे'
तेज गेंदबाज होने के बाद भी शमी टीम के उप कप्तान की बात से सहमत नजर आए। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बावजूद तेज गेंदबाज वर्कआउट पर ध्यान दे रहे हैं। वे ट्रेडमिल पर भी दौड़ रहे हैं। इससे हमें शरीर के निचले हिस्से को मजबूत बनाए रखने में मदद मिलेगी। कोरोना के बाद जब क्रिकेट की दोबारा शुरुआत होती तो हमें बस गेंद छोड़ते वक्त कलाई की सही पोजीशन पर ही काम करना होगा और इसे हासिल करने में 10 से 15 दिन का वक्त ही लगेगा।
एनसीए में 1 महीने का ट्रेनिंग कैम्प हो: शमी
शमी ने कहा कि लॉकडाउन के बाद क्रिकेट मैदान पर वापसी से पहले नेशनल क्रिकेट एकेडमी यानी एनसीए में एक महीने का ट्रेनिंग कैम्प होना चाहिए। इस बारे में मैंने आशीष भाई(आशीष नेहरा) से भी बात की है कि जैसे ही लॉकडाउन खत्म हो, हम एनसीए में ट्रेनिंग कैम्प शुरू करें। इससे हम लय हासिल करने में तो मदद मिलेगी ही और यह भी पता लगाया जा सकेगा कि कोई गेंदबाज चोटिल तो नहीं।
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की फ्रेंचाइजी कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के सीईओ वेंकी मैसूर ने इंग्लैंड की क्रिकेट लीग ‘द हंड्रेड’ को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा है कि हर तरफ यह खबर है कि हम द हंड्रेड लीग में निवेश करना चाहते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। यदि हमें निवेश का प्रस्ताव मिलता है, तो हम इसका मूल्यांकन कर सकते हैं। ‘द हंड्रेड’ इसी साल जुलाई में होना था, लेकिन कोरोनावायरस के कारण एक साल टाल दिया गया है। इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने खिलाड़ियों के साथ किया गया कॉन्ट्रेक्ट भी खत्म कर दिया है।
ब्रिटिश न्यूजपेपर द टेलिग्राफ ने मंगलवार को मैसूर के हवाले से लिखा था कि वे द हंड्रेड लीग में निवेश का मौका तलाश रहे हैं। हालांकि, वैंकी मैसूर ने इन सभी खबरों को कयास बताए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता है कि यह खबर चल रही है । मैंने इतना ही कहा कि अगर हमसे संपर्क किया जाएगा तो हम इस लीग में निवेश की संभावना पर गौर करेंगे।’’
केकेआर ने दो बार आईपीएल खिताब जीता है
केकेआर के मालिक बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान और जूही चावला हैं। इस टीम ने दो बार आईपीएल खिताब जीता है। इस फ्रेंचाइजी ने 2015 में कैरेबियाई प्रीमियर लीग की टीम त्रिनिदाद एंड टोबैगो रेड स्टील भी खरीदी थी, जो अब त्रिनबैगो नाइट राइडर्स है। मैसूर ने कहा, ‘‘हम आईपीएल में सबसे बड़ा और क्रिकेट में एकमात्र वैश्विक ब्रांड हैं। इसी कारण दुनियाभर में क्रिकेट लीग हमसे जुड़ना चाहती हैं।’’
इंग्लिश लीग में पुरूषों और महिलाओं की 8- 8 टीमें भाग लेंगी
‘द हंड्रेड’ लीग में पुरूषों और महिलाओं की 8- 8 टीम को भाग लेना था। पिछले साल अक्टूबर में लीग की 8 टीमों ने ड्राफ्ट के जरिए पुरुष खिलाड़ियों का चयन कर लिया था। जबकि महिला टीम के लिए खिलाड़ियों की चयन प्रक्रिया चल रही थी। ईसीबी ने गर्मी की छुट्टियों को ध्यान में रखकर ‘द हंड्रेड’ लीग शुरू करने की योजना बनाई गई थी। प्रत्येक फ्रैंचाइजी की एक महिला और एक पुरूष टीम होगी।