खेल डेस्क.कोरोनावायरस के कारण ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच 3 वनडे की सीरीज रद्द कर दी गई। शुक्रवार को सिडनी के खाली स्टेडियम में हुएपहलेमैचऑस्ट्रेलिया ने71 रन से जीत दर्ज की। सीरीज रद्द होने के साथ ही कीवी टीम अपने देश लौट गई।न्यूजीलैंड की टीम सिडनी मैदान पर लगातार छठा वनडे हारी। दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया ने लगातार 5 वनडे हारने के बाद कोई मैच जीता। सिडनी वनडे में ऑस्ट्रेलिया ने 7 विकेट पर 258 रन बनाए। जवाब में न्यूजीलैंड की टीम 187 रन बनाकर आउट हो गई। मिशेल मार्श (27 रन, 3 विकेट) प्लेयर ऑफ द मैच बने।
डेविड वॉर्नर (67) और एरोन फिंच (60) ने पहले विकेट के लिए 124 रन जोड़े। हालांकि इसके बाद टीम लड़खड़ा गई और स्कोर चार विकेट पर 165 रन हो गया। मार्नस लबुशेन (56) और मिचेल मार्श (27) ने 59 रन जोड़कर टीम को संभाला।
न्यूजीलैंड की शुरुआत बेहद धीमी रही
जवाब में न्यूजीलैंड की शुरुआत बेहद धीमी रही। टीम ने पहले 10 ओवर में सिर्फ 28 रन बनाए और एक विकेट गंवाया। मार्टिन गप्टिल ने 40 रन बनाए। 96 रन पर पांच विकेट गिरने के बाद लाथम (38) और ग्रेंडहोम (25) ने छठे विकेट के लिए 51 रन जोड़े। हेजलवुड ने लाथम को आउट कर साझेदारी को तोड़ा। पूरी टीम 41 ओवर में 187 रन बनाकर आउट हो गई।
खेल डेस्क. इंग्लिश चैनल पार कर चुके मध्यप्रदेश के दिव्यांग तैराक सतेंद्र लोहिया की सक्सेस स्टोरी देशवासियों को दिखाई जाएगी। 2007 में तैराकी शुरू करने के बाद 7 नेशनल और 3 इंटरनेशनल पैरा स्वीमिंग चैंपियनशिप में भाग ले चुके हैं। नेशनल में कुल 20 मेडल जीते हैं, जिसमें 5 गोल्ड शामिल हैं। पहला इंटरनेशनल गोल्ड मेडल मार्च 2017 सिडनी में मिला था। इसके अलावा 23 जून 2018 को लंदन में इंग्लिश चैनल रिले पार किया था। उसके बाद 18 अगस्त 2019 को यूएसए में कैटलीना चैनल पार कर दूसरी उपलब्धि हासिल की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के बाद दिव्यांग तैराक और विक्रम अवार्डी सतेंद्र सिंह लोहिया ने भास्कर को इंटरव्यू दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं गुरुवार को इंदौर में था। शाम 6 बजे दिल्ली के पीएमओ ऑफिस से फोन आया कि शुक्रवार को 11 बजे संसद भवन में प्रधानमंत्री मोदी से आपकी मीटिंग है। पहले तो मुझे विश्वास नहीं हुआ। लगा कोई मजाक तो नहीं कर रहा है, लेकिन पुष्टि होने के बाद मैंने दिल्ली के लिए उड़ान भरी। शुक्रवार को 10.30 बजे संसद भवन पहुंचा। वहां कुछ देर इंतजार करने के बाद मुझे संसद भवन में बने पीएम कक्ष में मिलने के लिए भेजा गया।’’
‘मोदी को देखकर खुशी का ठिकाना नहीं रहा’
उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी को सामने देख मन ही मन खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मिलते ही उन्होंने सबसे पहले मेंरे अचीवमेंट को देखा और सुना। पिछले साल इंग्लिश चैनल पार करने के दौरान सुगम्य भारत और स्वच्छ भारत अभियान के बैनर के माध्यम से जो लंदन में प्रचार किया। उसकी उन्होंने जमकर प्रशंसा की और आगे अच्छे कार्य करने के लिए प्रोत्साहित भी किया। साथ ही अपने पीएमओ को मेरे खेल करिअर और अचीवमेंट की सक्सेस स्टोरी नोट करने के लिए कहा, ताकि आगामी समय में यह स्टोरी लोगों के बीच शेयर की जा सके। उनसे भेंट के दौरान उनके द्वारा कहे गए एक-एक शब्द मेरे कान में अभी भी गूंज रहे हैं।’’
मोदी ने ट्वीट किया
प्रधानमंत्री मोदी ने सतेंद्र से मुलाकात के बाद ट्वीट किया, ‘‘मैं सतेंद्र सिंह उत्कृष्ट दिव्यांग तैराक से मिला। उन्होंने कई पुरस्कार जीते हैं और उनकी जीवन यात्रा कई लोगों को प्रेरित कर सकती है। कुछ समय पहले कैटलीना चैनल तैरकर आए हैं। मैं उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं।’’
अब आयरलैंड का नार्थ चैनल पार करने की चुनौती
सतेंद्र 10 जुलाई 2020 को आयरलैंड जाएंगे। वहां वे 7-8 डिग्री तापमान में करीब 36 किलोमीटर तैरकर नार्थ चैनल पार करेंगे। इसके लिए उन्हें करीब 11-12 घंटे तैरना होगा। ग्वालियर निवासी सतेंद्र इंदौर में कामर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट में क्लर्क हैं। उन्हें 2014 में विक्रम अवॉर्ड मिला थाा, उसी के आधार पर उन्हें खेल कोटे में जॉब मिला है। वे शुक्रवार रात को ग्वालियर लौट आए।
खेल डेस्क. देश में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए बीसीसीआई ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 3 मैचों की वनडे सीरीज के बाकी बचे दो मैच रद्द कर दिए। धर्मशाला मेंपहला मैचबारिश के कारण नहीं हो पाया था। सीरीज का दूसरा मैच 15 मार्च को लखनऊ, जबकि 18 मार्च को तीसरा मुकाबला कोलकाता में खेला जाना था। बीसीसीआई ने बयान जारी कर कहा- दक्षिण अफ्रीका टीम बाद में 3 वनडे की सीरीज खेलने के लिए भारत आएगी। जल्द ही दोनों बोर्ड बदला हुआ कार्यक्रम जारी करेंगे। इससे पहले, बीसीसीआई भीइंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के मौजूदा सीजन को 15 अप्रैल तक के लिए टाल चुकी है।
पहले यह टूर्नामेंट 29 मार्च से होना था, लेकिन कोरोनोवायरस और विदेशियों के वीजा पर प्रतिबंध होने की वजह से बीसीसीआई ने फिलहाल इसे नहीं कराने का फैसला लिया है। फ्रेंचाइजियों को भी इसकी जानकारी दे दी गई है। दूसरी तरफ, पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) में खेल रहे विदेशी खिलाड़ी भी अब स्वदेश लौटने लगे हैं।
सरकार ने 15 अप्रैल तक वीजा प्रतिबंध लगाए, आईपीएल भी तब तक के लिए रोका गया
केंद्र सरकार ने कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बाद बुधवार को यात्रा और वीजा से जुड़े कुछ प्रतिबंध लगाए थे। इसके तहत भारत आने वाले विदेशी नागरिकों के वीजा 13 मार्च से 15 अप्रैल तक के लिए सस्पेंड कर दिए गए हैं। सिर्फ डिप्लोमैटिक, ऑफिशियल, यूएन और अंतरराष्ट्रीय संस्थान, प्रोजेक्ट और एम्प्लॉयमेंट वीजा को ही छूट दी गई है। आईपीएल में आने वाले विदेशी खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ को बिजनेस वीजा मिलता है। ऐसे में उन्हें भी देश में आने की अनुमति नहीं होगी।
सरकार के निर्देशों का बीसीसीआई पालन करेगी
बीसीसीआई ने कहा, ‘‘बोर्ड अपने सभी हितधारकों और सामान्य रूप से सार्वजनिक स्वास्थ्य के बारे में चिंतित और संवेदनशील है। आईपीएल से जुड़े सभी लोग सुरक्षित माहौल में क्रिकेट का मजा ले सकें, इसलिए हम सभी जरूरी कदम उठा रहे हैं। बीसीसीआई इस संबंध में खेल, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ मिलकर काम करेगा। इसके अलावा राज्य सरकार के निर्देशों पर भी अमल होगा।’’
पीएसएल से 9 खिलाड़ी हटे
पीएसएल की 6 टीमों में 122 पाकिस्तानी जबकि 34 विदेशी खिलाड़ी हैं। पीएसएल का फाइनल 22 मार्च को खेला जाएगा। लेकिन, कोरोनावायरस के डर के चलते विदेशी खिलाड़ी लीग को छोड़कर जाने लगे हैं। 9 खिलाड़ी शुक्रवार रात को पाकिस्तान छोड़ देंगे। दूसरी तरफ, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने साफ कर दिया है कि जो प्लेयर्स पीएसएल छोड़कर जाना चाहते हैं, वो ऐसा कर सकते हैं। पाकिस्तान में शुक्रवार तक कोरोनावायरस के 22 मामलों की पुष्टि हो गई। आईपीएल के कुछ मैच कराची में खेले जा रहे हैं। यह सिंध प्रांत में आता है। यहां के मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि उनके पास संक्रमण से निपटने की व्यवस्थाएं नहीं हैं।
आईपीएल की 8 टीमों के 60 विदेशी खिलाड़ी भारत नहीं आ सकते थे
आईपीएल की 8 टीमों में 189 खिलाड़ी हैं। इनमें 64 विदेशी खिलाड़ी हैं। सरकार के वीजा प्रतिबंधों की वजह से 64 में से 60 विदेशी खिलाड़ियों पर सस्पेंस बना हुआ था। बीसीसीआई के एक अफसर ने कहा, ‘‘फ्रेंचाइजियां बगैर दर्शकों के मैच कराने के लिए तैयार थीं, लेकिन विदेशी खिलाड़ियों को लीग में खिलाना चाहती थीं। वीजा 15 अप्रैल तक सस्पेंड होने के कारण ऐसा मुमकिन नहीं था, इसलिए आईपीएल टालने का फैसला किया गया।’’
अफ्रीका के 4 खिलाड़ी अभी भारत में
दक्षिण अफ्रीका के चार खिलाड़ी क्विंटन डीकॉक, फाफ डू प्लेसिस, लुंगी एनगिडी, डेविड मिलर 3 वनडे की सीरीज के लिए भारत दौरे पर ही हैं। इस बार आईपीएल में डीकॉक मुंबई इंडियंस, मिलर राजस्थान, डू प्लेसिस और एनगिडी चेन्नई के लिए खेलेंगे।
टीम | खिलाड़ी |
चेन्नई सुपर किंग्स | इमरान ताहिर, एल. एनगिडी, शेन वॉटसन,मिशेल सेंटनर, फाफ डुप्लेसिस, ड्वेन ब्रावो, जोश हेजलवुड, सैम करेन |
दिल्ली कैपिटल्स | कगिसो रबाडा, मार्कस स्टोइनिस, संदीप लमिछाने, क्रिस वोक्स, शिमरॉन हेटमायर, एलेक्स कैरी, जेसन रॉय, कीमो पॉल |
किंग्स इलेवन पंजाब | जिमी नीशम, क्रिस जॉर्डन, ग्लेन मैक्सवेल, मुजीब उर-रहमान शेल्डन कॉट्रेल, निकोलस पूरन, क्रिस गेल, हार्डस विजॉन |
कोलकाता नाइट राइडर्स | इयॉन मॉर्गन, पैट कमिंस, हैरी गुर्नी, सुनील नरेन, आंद्रे रसेल, लॉकी फर्ग्युसन, टॉम बेन्टन, क्रिस ग्रीन |
मुंबई इंडियंस | क्विंटन डीकॉक, नाथन कुल्टर नाइल, ट्रेंट बोल्ट, किरोन पोलार्ड,लसिथ मलिंगा,क्रिस लिन, शेरफिन रदरफोर्ड, मिशेल मैक्लॉघन |
राजस्थान रॉयल्स | बेन स्टोक्स, एंड्रू टाइ, स्टीव स्मिथ, ओश्ने थॉमस, जोफ्रा आर्चर, डेविड मिलर, जोस बटलर, टॉम करेन |
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु | क्रिस मॉरिस, जॉस फिलिप, मोईन अली, एरोन फिंच, एबी. डिविलियर्स, इसरू उडाना, डेल स्टेन, केन रिचर्डसन |
सनराइजर्स हैदराबाद | डेविड वॉर्नर, राशिद खान, मिशेल मार्श, मोहम्मद नबी, फैबियन एलेन, बिल स्टैंकल, केन विलियम्सन, जॉनी बेयरेस्टो |
दिल्ली सरकार ने आईपीएल मैच नहीं कराने का फैसला किया
केंद्र सरकार ने खेलों को लेकर एडवायजरी जारी की थी। इसमें साफ कहा गया था कि जिन टूर्नामेंटों को टाला नहीं जा सकता है, उन्हें दर्शकों के बिना ही करवाया जाए। इसके बाद बीसीसीआई ने भारत-दक्षिण अफ्रीका के बीच 15 मार्च को लखनऊ में होने वाले दूसरे वनडे और 18 मार्च को काेलकाता में होने वाले तीसरे वनडे को बिना दर्शकों के कराने का फैसला किया। राज्य सरकारें अभी आईपीएल के पक्ष में नहीं हैं। महाराष्ट्र सरकार ने कहा था कि आईपीएल के मैच बिना दर्शकों के कराए जाएं। इसके बाद दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को साफ कर दिया कि राष्ट्रीय राजधानी में आईपीएल के मैच नहीं होंगे।
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1# वीजा प्रतिबंधों के कारण बीसीसीआई के पास आईपीएल कराने के क्या विकल्प थे?
खेल डेस्क.कोरोनावायरस के कारण यूईएफए चैम्पियंस और यूरोपा फुटबॉल लीग एक हफ्ते के लिए टाल दी गई है। दोनों लीग में अगले हफ्ते शुक्रवार से क्वार्टर फाइनल मुकाबले खेले जाने थे। लेकिन अब यह मैच नहीं होंगे। यह फैसला यूरोपीय फुटबॉल कैलेंडर तय करने के लिए होनी वाली बैठक से 4 दिन पहले लिया गया है। इसी बैठक में 2020 की यूरोपीय चैम्पियनशिप को 1 साल टालने का फैसला हो सकता था।
चैम्पियंस लीग में बुधवार को बार्सिलोना-नेपोली और बार्यन म्यूनिख-चेल्सी के बीच होना था। लेकिन इटली और स्पेन के बीच यात्रा पर प्रतिबंध और दो फुटबॉल खिलाड़ियों कलुम हडसन-ओडोई और डेनली रुगानी के संक्रमित होने के बाद इन मैचों को भी टाल दिया गया। कोच मिकेल अर्टेटा की टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद आर्सेनल की टीम और सपोर्ट स्टाफ आइसोलेशन में हैं। इस बीच, ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज केन रिचर्डसन की कोरोनावायरस टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आई है।
युवेंटस के संक्रमित खिलाड़ी से मिलने वालों को आइसोलेशन में रखा जाएगा
युवेंटसने कहा, ‘‘रुगानी में कोरोनावायरस पॉजिटिव पाया गया है। क्लब फिलहाल हर तरह के आइसोलेशन की व्यवस्था कर रहाहै।इसमें उन लोगों को भी रखा जाएगा, जिनसे रुगानी ने संपर्क किया था।’’ इटली सरकार ने कोरोनावायरस के कारण 3 अप्रैल तक सभी टूर्नामेंट्स को स्थगित कर दिया है। युवेंटस का यूईएफए चैम्पियंस लीग में अगला मुकाबला लियोन से है। इसमैच को देखने के लिए मैदान में दर्शक मौजूद नहीं होंगे।
रिचर्डसन की रिपोर्ट नेगेटिव
केन रिचर्डसन हाल ही में दक्षिण अफ्रीका दौरे से लौटे थे। उन्हें गले में दर्द और खराश की शिकायत थी। इसके बाद उन्हें क्वॉरंटाइन किया गया। शुक्रवार दोपहर उनकी टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आई।ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड इस वक्त वनडे सीरीज खेल रहे हैं।इस सीरीज के सभी मैच खाली मैदान में होंगे। वहीं, ऑस्ट्रेलिया में फॉर्मूला-1 ग्रां प्री का एक सदस्य भी संक्रमित पाया गया। इसके बाद टूर्नामेंट को रद्द कर दिया गया। कोरोनावायरस से दुनिया के 110 देशों में 4,973 लोगों की मौत हो चुकी है और 1 लाख 34 हजार से ज्यादा संक्रमित हैं। सबसे ज्यादा मामले चीन, इटली, ईरान, जापान, स्पेन और अमेरिका में सामने आए हैं।
अन्य खेलों पर असर
खेल डेस्क. कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बीच बैडमिंटन खिलाड़ियों ने टूर्नामेंट कराने को लेकरवर्ल्ड बैडमिंटन फेडरेशन (बीडब्ल्यूएफ) की आलोचना की है। इसमें साइना नेहवाल, किदांबी श्रीकांत समेत कई विदेशी खिलाड़ी शामिल हैं। साइना ऑल इंग्लैंड चैम्पियनशिप में हिस्सा लेने इंग्लैंड गईं थीं।उन्होंने ट्वीट किया- मैं हैरान हूं कि जब पूरी दुनिया में कोरोनावायरस के कारण लोगों की जान जा रही है। ऐसे में बीडब्ल्यूएफ कैसे टूर्नामेंट करा रहाहै। इस बीच, पीवी सिंधु ने खेल मंत्री किरन रिजिजू को फोन कर सलाह मांगी है कि क्या वह मौजूदा हालात में टूर्नामेंट खेलना जारी रख सकती हैं। सिंधु शुक्रवार को चैम्पियनशिप के क्वार्टर फाइनल से बाहर हो गईं।
##खेल मंत्री ने शुक्रवार को कहा, ‘‘सिंधु ने मुझे फोन किया था। मैंने उन्हें सलाह दी है कि जो खिलाड़ी ओलिंपिक क्वालिफाइंग टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहे हैं। वे संबंधित देश द्वारा जारी हेल्थ एडवायजरी पर अमल करें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद हालात पर नजर बनाए हुए हैं। सरकार गंभीर है। लोगों की सेहत प्राथमिकता है। ऐसे में सरकार पहले ही यह फैसला ले चुकी है कि ऐसे कोई भी इवेंट नहीं होंगे, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हों।’’
डेनमार्क के खिलाड़ी ने कहा- खिलाड़ी अपने स्वास्थ्य को खतरे में डाल रहे
साइना केअलावा पूर्व वर्ल्ड नंबर-8 डेनमार्क के हैन्स क्रिस्चियन ने भी ट्वीट कर बीडब्ल्यूएफ के फैसले पर नाराजगी जताई। उन्होंने लिखा, ‘‘कुछ टूर्नामेंट हो रहे हैं, जबकि कई रद्द कर दिए गए। ओलिंपिक का साल होने के कारण क्वालिफायर भी चल रहे हैं। खिलाड़ियों के पास सिर्फ दो ही विकल्प हैं। या तो वह अपने स्वास्थ्य को खतरे में डालें या अपने आस-पास के लोगों को। हालांकि, हमें ऐसे हालात में सफर नहीं करना चाहिए।’’
##सिंधु क्वार्टर फाइनल में जापानी खिलाड़ी ओकुहारा से हारीं
वर्ल्ड चैम्पियन पीवी सिंधु भी शुक्रवार को ऑल इंग्लैंड चैम्पियनशिप से हारकर बाहर हो गईं। उन्हें क्वार्टर फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा ने 12-21, 21-15,21-13 से हराया। यह मैच 68 मिनट चला। सिंधु की हार के बाद इस चैम्पियनशिप में भारत की उम्मीदें खत्म हो गईं हैं। दोनों के बीच इससे पहले 16 मुकाबले हुए हैं। इसमें सिंधु ने 9, जबकि जापानी खिलाड़ी ने 7 जीते।
खेल डेस्क. 70 साल पहले बनी सौराष्ट्र टीम ने शुक्रवार को पहली बार रणजी ट्रॉफी का खिताब जीता। बंगाल के साथ राजकोट में हुआ फाइनल मुकाबला ड्रॉ रहा। नियम के मुताबिक, पहली पारी में बढ़त (44 रन) के आधार पर सौराष्ट्र को जीत मिली।सौराष्ट्र ने पहली पारी में 425 और दूसरी में 4 विकेट के नुकसान पर 105 रन बनाए, जबकिबंगाल की पूरी टीम पहली पारी में 381 रन पर ऑलआउट हो गई थी। सौराष्ट्र की ओर से अर्पित वसावदा ने पहली पारी में 106 और चेतेश्वर पुजारा ने 66 रन बनाए। वहीं, बंगाल के गेंदबाज आकाश दीप ने 4 विकेट लिए।
##इससे पहले, मैच के पांचवें दिन की शुरुआत में बंगाल ने कल के 354 रन पर 6 विकेट के स्कोर से आगे खेलना शुरू किया। लेकिन बंगाल ने अपने आखिरी 4 विकेट 27 रन के भीतर गंवा दिए और टीम 381 रन पर आउट हो गई। सौराष्ट्र के लिए धमेंद्र सिंह जडेजा ने 4, जबकि कप्तान जयदेव उनादकट और प्रेरक ने 2-2 विकेट हासिल किए। बंगाल को आउट करने के बाद उनादकट ने पूरे स्टेडियम का चक्कर भी लगाया। उन्होंने इस सीजन के 10 मैच में 67 विकेट लिए।
##सौराष्ट्र पिछले फाइनल में विदर्भ से हारा था
सौराष्ट्र पिछले सीजन में भी फाइनल में पहुंचीं थी। लेकिनविदर्भ ने उसे हरा दिया था।इससे पहले 2012-13 और 2015-16 में वह रनर अप रही। दोनों मौकों पर मुंबई ने उसे मात दी थी। सौराष्ट्र ने पिछले 8 सीजन में 4 बार फाइनल खेला।
1950 में सौराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन बना
1929 में बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट यानी बीसीसीआई का गठन हुआ। तब वेस्टर्न इंडिया स्टेट्स क्रिकेट एसोसिएशन बीसीसीआई कासदस्य था।1934-35 में शुरू हुई रणजी ट्रॉफी में इस टीम ने हिस्सा लिया। इसके एक साल बाद 1936-37 में इस रीजन की एक और टीम नवानगर रणजी ट्रॉफी का हिस्सा बनी। 1946-47 से पहले यह पूरा क्षेत्र कठियावाड़ क्रिकेट एसोसिएशन के नाम से पहचाना जाता था। तब नवानगर और वेस्टर्न इंडिया स्टेट्स यह दोनों टीमेंइसी क्षेत्र से खेलती थी। लेकिन 1950 में सौराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन की स्थापना हुई। इसके बाद से ही गुजरात में यह संघ संचालित हो रहा है।
खेल डेस्क.करीब 110 देशों को अपनी चपेट में ले चुका कोरोनावायरस का असर टोक्यो ओलिंपिक पर भी पड़ सकता है। इंटरनेशल ओलिंपिक कमेटी (आईओसी) के प्रमुख थॉमस बाक ने गुरुवार को कहा कि कोरोनावायरस को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से सलाह ली जा रही है। इसके बाद ही ओलिंपिक को रद्द करने या टालने का फैसला लिया जाएगा। इस साल यह टूर्नामेंट जापान की राजधानी टोक्यो में 24 जुलाई से 8 अगस्त के बीच होगा। कोरोनावायरस से दुनियाभर में अब तक 4,973 लोगों की मौत हो चुकी है और 1 लाख 34 हजार से ज्यादा संक्रमित हैं। वहीं, दो फुटबॉलर और एक कोच का कोरोनावायरस टेस्ट पॉजिटिव पाया गया है।
जर्मन मीडिया को दिएइंटरव्यू में बाक ने कहा, ‘‘आईओसी फरवरी से लगातार डब्ल्यूएचओ के संपर्क में है। विशेषज्ञों से लगातार सलाह ली जा रही है। यदि वे ओलिंपिक को रद्द करने या टालने की सलाह देते हैं, तो उस पर अमल किया जाएगा। फिलहाल, ऐसी कोई संभावना नहीं है और ओलिंपिक की तैयारियां जोरों से चल रही हैं।’’
खाली स्टेडियम में ओलिंपिक कराने से टालना बेहतर
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पहले विदेशी नेता हैं, जिन्होंने टोक्यो ओलिंपिक को टालने की सलाह दी। उन्होंने ओवल ऑफिस में पत्रकारों से कहा कि टूर्नामेंट को एक साल के लिए टाल देना चाहिए। यह शर्मनाक होगा, लेकिन खाली स्टेडियम में ओलिंपिक कराने से तो बेहतर है।
ओलिंपिक रद्द नहीं होगा: टोक्योगर्वनर
वहीं, टोक्यो की गर्वनर यूरिको कोएके ने कहा कि कोरोनावायरस का ओलिंपिक पर प्रभाव जरुर पड़ सकता है, लेकिन इन खेलों को रद्द नहीं किया जाएगा। इससे एक दिन पहले जापान आयोजन समिति के बोर्ड सदस्य हारुयुकी ताकाहाशी ने कहा था कि ओलिंपिक 1 या 2 साल के लिए स्थगित किए जा सकते हैं, लेकिन रद्द नहीं किए जाएंगे। इस बीच यूनान ओलिंपिक समिति के सूत्र ने बताया कि टूर्नामेंट को लेकर कोई भी फैसला मई में किया जाएगा।
ऑस्ट्रेलिया में फॉर्मूला-1 ग्रां प्री रद्द
इंग्लैंड के फुटबॉल क्लब चेल्सी के खिलाड़ी कलुम हडसन-ओडोई, युवेंटस के डेनीले रुगानी और आर्सेनल के कोच माइकल अर्टेटा का कोरोनावायरस टेस्ट पॉजिटिव पाया गया है। सभी के लिए आइसोलेशन की व्यवस्था की गई है। इनके संपर्क में आए अन्य खिलाड़ियों की भी जांच की जा रही है। ऑस्ट्रेलिया में फॉर्मूला-1 ग्रां प्री का एक सदस्य भी संक्रमित पाया गया। इसके बाद टूर्नामेंट को रद्द कर दिया गया। वहीं, ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज केन रिचर्डसन की कोरोनावायरस टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आई है।
खेल डेस्क. कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) को टालने या रद्द करने पर फैसला शनिवार को बीसीसीआई की बैठक में होगा। बीसीसीआई द्वारा आईपीएल गवर्निंग काउंसिल की मीटिंग बुलाई गई है। इसमें सभी 8 फ्रेंचाइजीस के प्रतिनिधी शामिल होंगे। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण अब बीसीसीआई के पास मुख्य तौर पर दो ही विकल्प हैं। पहला- आईपीएल रद्द किया जाए। दूसरा- इसे बिना दर्शकों के कराया जाए। खाली स्टेडियम में मैच कराने के प्रस्ताव को बोर्ड पहले ही खारिज कर चुका है।
फ्रेंचाइजी से बातचीत जरूरी
बीसीसीआई ने आईपीएल गवर्निंग काउंसिल मीटिंग में सभी आठ फ्रेंचाइजी को बुलाया है। बोर्ड के एक अफसर ने कहा- हम सभी फ्रेंचाइजीस से बातचीत करना चाहते हैं ताकि उनका नजरिया समझा जा सके। हालांकि, अब इसके रद्द करने की संभावना ही सबसे ज्यादा है। इसकी दो मुख्य वजह हैं। पहली- वीजा पर सरकार के नए नियम। इनके तहत डिप्लोमैटिक और एम्प्लॉयमेंट कैटेगरी को छोड़कर सभी कैटेगरीज के वीजा 15 अप्रैल तक सस्पेंड कर दिए गए हैं। खिलाड़ी बिजनेस वीजा कैटेगरी में आते हैं। लिहाजा, 15 अप्रैल तक तो वो आईपीएल नहीं खेल सकेंगे। दूसरी- इस बात की संभावना बेहद कम है कि ब्रॉडकास्टर और फ्रेंचाइजीस खाली स्टेडियम में मैच कराने को तैयार होंगी।
हाथ से निकलती जा रही हैं चीजें
न्यूज एजेंसी से बातचीत में एक फ्रेंचाइजी के अधिकारी ने कहा, “धीरे-धीरे चीजें हमारे हाथ से निकलती जा रही हैं। एक के बाद एक राज्य सरकारें आईपीएल मैचों के आयोजन से इनकार कर रही हैं। अब एक ही रास्ता है कि हम बिना दर्शकों के मैच खेलें। दिल्ली सरकार ने भी यही किया। फिलहाल, ये भी नहीं कहा जा सकता कि आगे हालात काबू होंगे या फिर ज्यादा बिगड़ेंगे। ये कैसे कहा जा सकता है कि 15 अप्रैल के बाद हालात सुधर ही जाएंगे। अगर ऐसा नहीं हुआ तो? बहरहाल, शनिवार को बीसीसीआई से बातचीत के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।”
विदेशी खिलाड़ियों का होना जरूरी
विदेशी खिलाड़ियों के न आने पर इस अधिकारी ने कहा, “हमने अपनी टीमें विदेशी खिलाड़ियों को ध्यान में रखकर ही तैयार की हैं। अगर ये नहीं खेलेंगे तो आईपीएल भी मुश्ताक अली या विजय हजारे ट्रॉफी जैसा घरेलू टूर्नामेंट बनकर रह जाएगा। रोमांच बनाए रखना है तो फॉरेन प्लेयर्स का होना जरूरी है। वर्तमान हालात में खाली स्टेडियम में मैच कराना ज्यादा बेहतर विकल्प है। आईपीएल रद्द करना ठीक नहीं होगा।”
बोर्ड ने माना- विदेशी खिलाड़ियों का हिस्सा लेना मुश्किल
खेल मंत्रालय ने गुरुवार को ही साफ कर दिया था कि बीसीसीआई समेत देश के तमाम खेल संगठनों को स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशों का सख्ती से पालन करना होगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने खेल आयोजनों में भीड़ जुटाने से परेहज करने को कहा है। आईपीएल की फैन फॉलोइंग देखते हुए ये बेहद मुश्किल होगा कि दर्शकों को मैच देखने से रोका जाए। हालांकि, अंतिम फैसला बोर्ड को ही लेना है। आईपीएल गवर्निंग काउंसिल के एक अफसर ने कहा, “हम जानते हैं कि विदेशी खिलाड़ी उपलब्ध नहीं होंगे। हम इस पर और बाकी तमाम मुद्दों पर शनिवार को बातचीत करेंगे।” इस साल आईपीएल 29 मार्च से 24 मई के बीच खेला जाना है। पहला मैच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में प्रस्तावित है। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने गुरुवार को दूसरी बार कहा था कि आईपीएल या तो खाली स्टेडियम में खेला जाए या फिर इस साल इसे रद्द कर दिया जाए।
खेल डेस्क. लोअर बैक इंजरी के कारण हार्दिक पंड्या 6 महीने तक इंटरनेशनल क्रिकेट से दूर रहे। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज में लिए उन्हें टीम में जगह मिली है। पंड्या ने कहा कि जब वे चोट से जल्द ठीक नहीं हो पा रहे थे तो मानसिक रूप से दबाव में आ गए थे। पंड्या ने इंग्लैंड में खेले गए वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ आखिरी वनडे खेला था।
पंड्या ने कहा, ‘‘मैंने छह महीनों में सबसे ज्यादा यह माहौल मिस किया। मैं कोशिश कर रहा था कि जल्द फिट हो जाऊं, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा था। उस समय मानसिक रूप से काफी दबाव में आ गया था। रिहैब अच्छा हुआ।’’ पिछले दिनों डीवाई पाटिल ट्रॉफी में पंड्या ने दो शतक लगाए थे। पंड्या ने कहा 158 रन की पारी अहम रही। इस पर उन्होंने कहा,‘‘पारी से मेरे आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती रही और छक्के भी लगते रहे। मैंने सोचा कि अगर छक्के लग रहे हैं तो मुझे रूकना नहीं चाहिए। 20 छक्के लगाने के बारे में सोचा नहीं था।’’
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए देश के रेड जोन से बिहार आने वाले लोगों की प्राथमिकता के आधार पर टेस्टिंग का आदेश दिया है।
शुक्रवार को संक्रमण से बचाव की तैयारियों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले कुछ दिनों में विदेशों से भी जो लोग आएंगे, उनकी भी कोविड-19 प्रोटोकॉल के हिसाब से टेस्टिंग और क्वारेंटाइन की व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंनेजिलों में तैनात अधिकारियों को तमाम जनप्रतिनिधियों से समन्वय करके लोगों को जागरूक करने की मुहिम चलाने का आदेश दिया। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव दीपक कुमार को कहा कि प्रखंड क्वारेंटाइन केंद्रों में रह रहे लोगों की संख्या के अनुपात में वहां किचेन की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि समय पर लोगों को भोजन मिले।
आपदा प्रबंधन विभाग को इसकी लगातार मॉनिटरिंग करते रहनी चाहिए। कोरोना संक्रमितों की काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग के साथ पूरी कार्ययोजना बनाकर रैंडम टेस्टिंग की व्यवस्था में तेजी लाए। सभी जिलों में टेस्टिंग के लिए ट्रू-नैट किट्स की उपलब्धता जल्द से जल्द करा ली जाए। जिससे जांच की संख्या बढ़ाई जा सके।
क्वारेंटाइन सेंटर में सुविधा बढ़ाएं
राज्य में पिछले चार दिनों से कम कोरोना मरीजों के मिलने का सिलसिला शुक्रवार को टूट गया। 29 संदिग्धों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इनमें पांच बीएमपी के जवान हैं। सभी राजधानी के खाजपुरा में रहते हैं। बीएमपी से रिटायर हवलदार हाल में पॉजिटिव पाए गए। पांचों जवान उनके साथ मेस में खाते थे। अब राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 579 हो गई। 38 में से 36 जिलाें में कोरोना पहुंच चुका है। शुक्रवार को तीन नए जिले सुपौल, सहरसा और खगड़िया भी जुड़ गए। अब केवल दो जिले जमुई और मुजफ्फरपुर ही बचे हैं।
शुक्रवार को जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, उनमें से 19 तीन दिन पहले ही दूसरे राज्यों से विशेष ट्रेन से बिहार आए हैं। विशेषज्ञों ने कहा है कि ट्रेन के लंबे सफर में संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। पॉजिटिव मजदूरों मेंं समस्तीपुर के 6, दरभंगा के 4, खगड़िया के 4, सहरसा के 2, बांका-भागलपुर और पूर्वी चंपारण के 1-1 लोग तीन दिन पहले आए हैं। इनके अलावा कटिहार, बेगूसराय, नालंदा, नवादा व सुपौल के 1-1 मरीज की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है।
कोटा से अब तक 13473 छात्र लाए गए
कोटा में फंसे बिहार के छात्रों को वापस लाने का काम पूरा हो गया। शुक्रवार को छात्रों को लेकर आखिरी ट्रेन आई। परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि छात्रों में सबसे अधिक 1250 पटना के थे। नालंदा में 952, प. चंपारण में 756, मधुबनी और दरभंगा में 6-6 सौ जबकि गया में 553 बच्चे लाए गए। 11 ट्रेनों से इन छात्रों को लाने के लिए राज्य सरकार ने किराए के रूप में रेलवे को 78 लाख रुपए का भुगतान किया।
70 ट्रेनों से अब तक 83 हजार प्रवासी लौटे, आज 18115 आएंगे
आईपीआरडी सचिव अनुपम कुमार ने बताया कि विभिन्न राज्यों में फंसे हुए 83 हजार प्रवासियों को 70 ट्रेनों के जरिए शुक्रवार तक वापस लाया गया। शनिवार को 15 और ट्रेनों से 18115 लोग बिहार आएंगे। प्रखंड स्तर पर बनाए गए 3314 क्वारेंटाइन सेंटर में 44869 लोग रखे गए हैं। 8 को 17 ट्रेनों से 20629 श्रमिक वापस आए।
579 मरीजों में से 267 ठीक हुए
स्वास्थ्य सचिव लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि राज्य में कोरोनावायरस संक्रमित 579 मरीजों में से 267 लोग स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। इस तरह बिहार में 47.3% मरीज ठीक हो चुके हैं। पिछले 24 घंटे में 49 लोग कोरोना से ठीक हुए हैं। संक्रमितों की पहचान के लिए कराई जा रही डोर टू डोर स्क्रीनिंग अंतिम दौर में है।
राज्य में जच्चा-बच्चा की सेहत पर फोकस का नतीजा है कि एक साल में लगभग 10 हजार बच्चों की जान बचा ली गई। यह खुलासा सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) 2020 के बुलेटिन हुआ है। नए आंकड़ों के अनुसार राज्य की शिशु मृत्यु दर में कमी आई है। प्रति हजार होने वाली बच्चों की मृत्यु 35 से कम होकर 32 हो गई है।
बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का नतीजा है कि जन्म के समय प्रति हजार तीन और बच्चों की जान बच गई। अब बिहार का शिशु मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत के बराबर हो गया। इंडियन एकेडमी ऑफ पेडियाट्रिक की राज्य शाखा के पूर्व सचिव डॉ. एनके अग्रवाल और दी जार्ज इंस्टीट्यूट ऑफ ग्लोबल हेल्थ के सीनियर फेलो डॉ.विकास केसरी ने बताया कि शिशु मृत्यु दर में तीन अंकों की कमी होने से सालाना लगभग 10 हजार बच्चों की जान बचेगी। यह राज्य की बड़ी उपलब्धी है।
मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से भी कम
बिहार ने मृत्यु दर पर भी लगाम लगाई है। यह दर भी राष्ट्रीय आंकड़े 6.2 से नीचे चली गई है। बिहार में यह प्रति हजार 5.8 है जो राष्ट्रीय दर से 0.4 कम है। जन्म दर में मामूली गिरावट दर्ज की गई है। यह वर्ष 2017 के 26.4 की तुलना में 0.2 कम होकर 26.2 रह गया है।
जांच-इलाज में सुधार से ये संभव हुआ : मंगल पांडेय
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि राज्य में शिशु मृत्यु दर में कमी की बड़ी वजह जेंडर आधारित भेदभावपूर्ण में कमी और प्रसव पूर्व होने वाली जांच में हुए सुधार हैं। बेहतर टीकाकरण, सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में बाल चिकित्सा गहन देखभाल इकाई (पिकू), जिला अस्पतालों में नवजातों की देखभाल के लिए एसएनसीयू और लड़कियों की शादी की उम्र में हुई बढ़ोतरी जैसे सामाजिक कारक भी इसमें सहायक हैं।
सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) 2020
2017 का आंकड़ा | देश | बिहार |
शिशु मृत्यु दर | 33 | 35 |
अशोधित मृत्यु दर | 6.3 | 5.8 |
अशोधित जन्म दर | 20.2 | 26.4 |
2018 का आंकड़ा | देश | बिहार |
शिशु मृत्यु दर | 32 | 32 |
अशोधित मृत्यु दर | 6.2 | 5.8 |
अशोधित जन्म दर | 20.0 | 26.2 |
लॉकडाउन में श्रमिकों की घर वापसी के बीच उनका बिहार से बाहर जाने का क्रम भी शुरू हो गया है। खगड़िया से 222 मजदूरों को लेकर पहली ट्रेन शुक्रवार को हैदराबाद से सटे लिंगमपल्ली स्टेशन पहुंची। यह ट्रेन गुरुवार सुबह 3.45 बजे खगड़िया से रवाना हुई थी। यह वही ट्रेन थी जो सिकंदराबाद से मजदूरों को लेकर आई थी।
लिंगमपल्ली स्टेशन पर स्क्रीनिंग के बाद श्रमिकों को नलगोंडा, मिरयालगुडा, करीमनगर, जगतियाल, पेड्डापल्ली, सुल्तानाबाद, मनचेरियल और सिद्दीपेट जिलों की मिलों तक भेजा गया। मजदूरों के लिए ट्रेन का इंतजाम तेलंगाना सरकार ने किया था। वहां की राइस मिलों में खगड़िया के कुशल श्रमिकों की खास मांग है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कहा कि बिहार से बड़ी संख्या में श्रमिक आना चाहते हैं और हम 20,000 मजदूरों को लेने को तैयार है। राव ने बीते माह बिहार सरकार से मजदूरों को भेजने का अनुरोध किया था। तेलंगाना की राइस मिलों में 90% श्रमिक बिहार के हैं और सभी होली में घर लौटे थे।
खगड़िया के जिलाधिकारी बोले- मजदूर राजी हुए तो उन्हें भेजा
मजदूरों की रवानगी पर डीएम आलोक रंजन घोष ने बताया कि तेलंगाना सरकार ने बिहार सरकार से मजदूरों को वापस काम पर भेजने का आग्रह किया था। देर रात शाॅर्ट नोटिस पर सूचना मिली तो तेलंगाना सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई मजदूरों की सूची में शामिल मजदूरों से संपर्क साधा गया। उनलोगों ने काम पर वापस जाने की इच्छा जताई। इसके बाद सभी को श्रमिक स्पेशल ट्रेन से वापस भेजा गया। बिहार से जाने वाली यह पहली श्रमिक ट्रेन है।
कर्नाटक ने मजदूरों की वापसी रोकी तो मचा था बवाल
कर्नाटक के रियल स्टेट और निर्माण क्षेत्र के दिग्गजों संग बैठक के बाद वहां की सरकार ने प्रवासी मजदूरों की घर वापसी से इनकार कर दिया था। हो-हल्ला मचा तो सीएम येदियुरप्पा उन्हें भेजने को राजी हो गए। शुक्रवार को वहां से बिहार के लिए ट्रेनें खुलने की सूचना है। कर्नाटक सरकार ने राज्य को सूचना दे दी है। यहां बता दें कि मजदूरों की वापसी पर रोक की बात सामने आने के पूर्व कर्नाटक से दो ट्रेनें बिहारआ चुकी है।
राजद ने दागे सवाल, कोरोना संक्रमित राज्य में क्यों भेजा?
राजद ने मजदूरों के भेजने पर सवाल उठाए हैं। पार्टी के जिलाध्यक्ष कुमार रंजन ने कहा कि आखिर कोरोना पीड़ित तेलंगाना में मजदूरों को ट्रेन से क्यों भेजा गया। जिला प्रशासन को भेजे गये मजदूरों का ब्योरा सार्वजनिक करना चाहिए था। लॉकडाउन के बावजूद मजदूर स्टेशन कैसे पहुंचे। आखिर भेजे गए मजदूरों के टिकट का आरक्षण कब हुआ और किसने कराया। आश्चर्य है कि केंद्रीय मंत्री ने यह जानकारी मीडिया में दी।
कोरोना महामारी से लड़ने में अहम भूमिका निभा रहे नप के सफाई कर्मियों को चेंबर्स ऑफ कॉमर्स के सदस्यों ने माला पहनाकर सम्मानित किया। इसके साथ ही उनके सम्मान में ताली बजाई।चेंबर्स ऑफ कॉमर्स के सदस्य अमित रूंगटा ने बताया कि जिस तरह से इन लोगों ने इस महामारी से लड़ने में समाज की मदद की है ।
उसे लोग आजीवन याद रखेंगे। इस दौरान सफाई कर्मियों के पैर को धोकर सभी को सेनिटाइजर से हाथ धुलाकर सम्मान के साथ माला पहनाया गया। वहीं उन्हें खाद्य सामग्री का पैकेट भी दिया गया। इस दौरान संजीव कुमार पिंकी ,कुमार हर्षवर्धन,परमात्मा सिंह ,सुरेश प्रसाद ,योगेन्द्र प्रसाद और चंदन चौरसिया शामिल थे।
प्रखंड के सामपुर बाजार में अवैध रूप से बिना आदेश के खुल रहे दुकानों के सूचना पर प्रशासन ने छापेमारीकी। जिससे बाजार में हड़कंप मच गई। बताया जा रहा है कि सीओ रामबचन राम और अपर थानाध्यक्ष अनुसंधान कृष्ण कुमार को गुप्त सूचना मिली कि सामपुर बाजार में कुछ कपड़ा व्यवसायी अवैध रूप से बिना आदेश के दुकान का शटर और गेट सटाकर दुकान के अंदर ग्राहकों की भीड़ लगाकर खरीद बिक्री की जा रही है।
सूचना के आधार पर पहुंच कर सीओ रामबचन राम, अपर थानाध्यक्ष कृष्ण कुमार, पुलिस पदाधिकारी नुरैन अंसारी के द्वारा पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर कई दुकानों पर छापेमारी किया गया। इस दौरान कई कपड़ा की दुकानें अंदर से बंद पाई गई।प्रशासन द्वारा उन दुकानों को अंदर से खुलवाने का भी प्रयास किया गया। परंतु दुकानदारों द्वारा अंदर से बंद दुकानों को नहीं खोला गया। जिसके बाद प्रशासन द्वारा दुकानों की निगरानी के लिए मौके पर चौकीदार को भी तैनात कर दिया गया।
इस दौरान सीओ रामबचन राम द्वारा बाजार में आदेशानुसार केवल इलेक्ट्रॉनिक सामान, ऑटोमोबाइल और उनके पार्ट्स पुर्जे, मोटर गैराज, वर्कशॉप, सीमेंट, छड़, बालू, गिट्टी, हार्डवेयर, सैटरिंग आदि निर्धारित दुकानों को ही निर्धारित समय पर खोलने का निर्देश दिया। इस दौरान सीओ ने बिना आदेश वाले वस्तुओं की दुकान खोलने पर व्यवसायियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही का आदेश दिया है। प्रशासन के छापेमारी के बाद व्यवसायियों के बीच हड़कंप मची रही।
ग्रामीणों के बीच मास्क व सेनेटाइजर बांटी गई
फुलवरिया प्रखंड के चमारी पट्टी पंचायत के कंठी बथुआ गांव में शुक्रवार को स्वर्गीय पंडित राजकुमार शुक्ल स्मृति संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश भट्ट के आवाह्न पर गोपालगंज जिला इकाई एवं प्रदेश अध्यक्ष कमलेश शर्मा के द्वारा ग्रामीणों के बीच फेस मास्क व सेनेटाइजर वितरण किया गया।
प्रवासियों के बीच मुखिया ने बांटे मास्क, साबुन और सेनेटाइजर
थावेप्रखंड में प्रवासी मजदूरों के लिए बने चार क्वांरटाइन सेंटर में अप्रवासी मजदूरों को रखने के लिए व्यवस्था की गई है। वही मुखीराम हाई स्कूल क्वांरटाइन सेंटर पर अप्रवासी मजदूरों को रखा गया है। मुखीराम हाई स्कूल में विदेशीटोला पंचायत के मुखिया उमेश यादव द्वारा अप्रवासी मजदूरों के रूम को सेनेटाइजर कराया। इसके साथ ही सभी अप्रवासी मजदूरों को मास्क, साबुन व सेनेटाइजर उपलब्ध कराया।
गुरुवार की अपराह्न मीरगंज बड़कागांव मुख्य मार्ग पर अनियंत्रित बाइक सवार के द्वारा ठोकर मार दिए जाने से एक महिला की जहां घटना पर ही मौत हो गई ,वहीं उसके साथ जा रही बच्ची घायल हो गई जिसे इलाज के लिए हथुआ अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतक महिला का पहचान कृष्णावती देवी ( उम्र 35 वर्ष) के रूप में किया गया है जो बढ़ेया गांव के अवधेश साह की पत्नी है।
घटना के समय मृतिका कृष्णावती देवी अपनी बच्ची के साथ बड़कागांव बाजार में सब्जी खरीदने जा रही थी। वही बाइक सवार भी दुर्घटना के बाद सड़क पर गिरकर घायल हो गया को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है।वहीं घटना के बाद तीनों अबोध बच्चियां अनाथ हो गई हैं क्योंकि घर पर रहने वाली उसकी मां गुजर चुकी तो वही पिता खाड़ी देश में असहाय होकर फंसा हुआ है। ऐसे में तीनों बच्चियां पड़ोसियों के रहमों करम पर रहने को विवश हैं।
बच्चियों के खाने-पीने का जिम्मा संभाल रखा है पड़ोसियों ने
घटना के बाद पड़ोसियों ने तीनों अबोध बच्चियों का खाने-पीने का जिम्मा संभाल रखा है वही वीडियो कॉलिंग से घटना के बारे में जानकर अवधेश साह बिलख बिलख कर रोने लगा। स्थानीय लोगों ने बताया कि वह करीब साल भर पहले कमाने के लिए खाड़ी देश गया था और वहीं से कमाकर रुपए भेजता था जिससे उसके परिवार का यहां भरण पोषण चलता था। घटना के बाद पूर्व मुखिया शशि मौके पर पहुंचे और परिवार को ढांढस बधाया। उन्होंने कहा कि मृतक महिला बीपीएलधारी श्रेणी में आती है, ऐसे में परिवारिक लाभ योजना समेत अन्य लाभों के लिए अधिकारियों से संपर्क किया गया है।
थावे के मुखीराम हाई स्कूल में बने क्वारेंटाइन सेंटर पर 32 प्रवासी मजदूर क्वारेंटाइन सेन्टर में रखे गए हैं।जिनको स्थानीय प्रशासन द्वारा नाश्ता अौर खाना दिया जा रहा है। शुक्रवार को नास्ता ,खाना में बदबू निकलने से नाराज मजदूरों ने स्थानीय प्रशासन के खिलाफ सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए आक्रोश प्रदर्शन किया। इसके साथ ही अनशन पर बैठ गए।मजदूरों का आरोप था कि सड़ा हुआ सोयाबीन , पटल व आलू का सब्जी खाने में दिया जा रहा है। दोनो टाइम चावल व दाल खिलाया जा रहा है।
जो चावल व दाल खाने लायक नहीं रहता है। उनलोगों ने बताया कि शुक्रवार सुबह नाश्ता व खाना पोलोथिन में कसकर प्लास्टिक के बोरे में भरकर अन्य जगह से लाया गया। खाना देने के समय काफी बदबू दे रहा था। पॉलीथिन में चना व चूड़ा रखा गया था, जो खाने लायक भी नहीं था। सेन्टर पर पानी की भी व्यवस्था ठीक से नही है। मजदूरों ने आरोप लगाया कि इसकी शिकायत कई बार स्थानीय पदाधिकारी को दी गई। लेकिन इसमें कोई सुधार नही हुआ।
जबकि सेंटर पर रह रहे प्रवासी मजदूरों को जिलाधिकारी के आदेश पर सेंटर पर ही खाना बनाकर खिलाने का प्रावधान है। ऐसे में पदाधिकारियों द्वारा लापरवाही की जा रही है। अनशन पर बैठे प्रवासी मजदूर निर्मल मांझी, राज हंस कुमार, राज कोकिल पांडेय, केदार सिंह, गुड्डू कुमार साह, कुमार, केदार सिंह व अनिल प्रसाद सहित 32 प्रवासी मजदूर शामिल थे। इसके बारे में एसडीओ सदर उपेन्द्र कुमार पाल ने बताया कि सेन्टर पर बीडीओ को भेजा रहा है।
(संजय पांडेय)लॉकडाउन ने प्रकृति को संजीवनी दे दी है। प्रदूषण कम होने से न केवल धरती पर जलवायु सुधरी है, बल्कि अंतरिक्ष में भी कई तरह के बदलाव नजर आने लगे हैं। अंतरिक्ष के ये रहस्य वाकई आपको सुखद अनुभव कराने वाले हैं। यह खबर पढ़ने के बाद आपके भी मन में ये विचार आएंगे कि क्यों न आज ही रात इस अद्भूत खगोलीय बदलाव का अध्ययन किया जाए। कुछ दिन पहले जो आकाशी सितारे हमें टेलीस्कोप से भी नजर नहीं आ रहे थे, उन्हें हम नंगी आंखों से देख रहे हैं। प्रदूषण के कारण जो ग्रह- नक्षत्र आंखों से ओझल हो चुके थे, वह भी इन दिनों करीब नजर आ रहे हैं। रात में तारों की चमक 30 फीसदी तक बढ़ गई है। ... और यह सब संभव हो सका है- लाॅकडाउन से।
गंडक के पानी पर इसका प्रभाव:हमारे जिले में गंडक नदी मानसून से ज्यादा प्रभवित होती है। हिमालय के पर्वत श्रेणी से ज्यादा नेपाल के तराई क्षेत्रों में होने वाली बारिश के कारण बाढ़ लाती है। ऐसे में अतिवृष्टि के कारण गंडक की धारा उफनायेगी, लेकिन विनाशकारी बाड़ का संकट कम रहेगा।
रहस्य पर्दा हटा रहे खगोलशास्त्री:कमला रॉय कॉलेज के जियोग्राफी विभाग के प्रो. मनीष कुमार के साथ हमने रात्रि 11 बजे मकान की छत से आकाशीय रहस्य को देखा। टिमटमाते सितारों की रोशनी, चमकता चांद, दक्षिण- पूर्व कोने पर दमकते सप्तऋषि मंडल से हमारी पहचान कराई। छत से नजर उठाते ही सभी साफ नजर आ रहे हैं। अब तो ध्रुव तारे को भी खोजने की जरूरत नहीं पड़ रही है।
10 डिग्री कम हुआ है वैश्विक तापमान
लॉकडाउन ने वैश्विक तापमान को भी कम कर दिया है। आप खुद ही इसका अनुभव कर रहे हैं। मई महीने के पहले पहले सप्ताह में प्रचंड गर्मी रहती थी। पारा 45 डिग्री सेल्सियस को पार कर जाता था। अभी तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के आस पास है। वैश्विक टेंपरेचर में 10 डिग्री तक कमी आई है। कारण है कि प्रदूषण को बढ़ाने वाले कल-कारखाने और वाहनों से धुंआ निकलना बंद हो गया है।
तो इस बार बाढ़ का भी खतरा कम होगा
वैश्विक तापमान में आई गिरावट ग्लेसियर को भी प्रभावित करेगी। हमारे यहां प्रमुख नदियों का उद्गम स्थल हिमालय है। यह बर्फ से ठका रहता है। तापमान बढ़ने पर बर्फ तेजी से पिघलने लगते हैं और पानी का प्रवाह बाढ़ का रूप ले लेता है। करीब 10 डिग्री तापमान कम होने से इस बार बर्फ का पिघलाव कम होगा। इससे बाढ़ के खतरे कम होंगे।
सांझ ढलने के साथ शुक्र ग्रह को भी देख सकेंगे
खगोलशास्त्री प्रो. मनीष कुमार के अनुसार पहले इनमें तो कुछ टेलीस्कोप से भी नजर नहीं आ रहे थे। लाॅकडाउन से आसमान के स्तर पर भी प्रदूषण नाम मात्र रह गया है। इन दिनों सांझ ढलने के बाद शुक्र यानी वीनस को पश्चिम के आकाश में टिमटिमाते बल्ब की तरह देखा जा सकता है। इनके अलावा ओझल तारों को भी स्पष्ट देखा जा सकता है। नेप्च्यून व बुध को टेलीस्कोप से निहार सकते हैं। हालांकि पहले प्रदूषण के कारण यह संभव नहीं था।
दूसरे प्रदेशों से चलकर बिहार बार्डर पर पहुंचने वाले प्रवासी मजदूरों का कारवां लगातार बढ़ रहा है। उन्हें अलग-अलग जिलों में पहुंचाना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई थी। ऐसे में राज्य सरकार के निर्देश पर अलग-अलग ट्रांजिट कैंप बना दिए गए हैं। इससे मजदूरों को उनके गृह जिला जाने सहुलियत हो गई है। बार्डर पर पहुंचे मजदूरों को स्क्रीनिंग के बाद अब उनके नजदीकी ट्रांजिट कैंप पर भेजा जा रहा है। वहीं से वे सरकारी बसों द्वारा अपने गृहजिला भेजे जाएंगे। शुक्रवार को दोपहर 2 बजे तक 70 बसों से 3500 लोग तीन ट्रांजिट कैंप के लिए विभिन्न रास्तों से रवाना किए गए। बिहार बार्डर से फोटो जर्नलिस्ट जफर असद के साथ गप्पु शाही की रिपोर्ट ......
दोपहर 2 बजे तक 3500 मजदूरों का रजिस्ट्रेशन हुआ, संदिग्ध को तत्काल क्वारेंटाइन किया जा रहा
यहां से ट्रांजिट कैंप और वहां से गृह जिला
पहले प्रवासियों को उनके गृह जिले के लिए बलथरी चेक पोस्ट से बसें खोली जाती थी। इससे प्रशासन और प्रवासी मजदूरों को भी परेशानी उडानी पड़ती थी। संबंधित जिले की मजदूरों की संख्या कम होने पर उन्हें बस भरने तक रूकना पड़ता था। इससे उनकी बेचैनी ज्यादा बढ़ जाती थी। अब उन्हें ट्रांजिट कैंप तक ही छोड़ना है। वहां से स्थनीय प्रशासन की जिम्मेदारी है उनके गृह जिलों तक पहुंचाना।
स्क्रीनिंग के साथ दर्ज हो रही है सभी की ट्रैवल हिस्ट्री
बिहार बार्डर पर दूसरे प्रदेशों से आए सभी मजदूरों की स्कैनिंग हो रही है। उनकी ट्रेवल हिस्ट्री भी फार्मेट में दर्ज की जा रही है। पूरा व्योरा तैयार कर पीडीएफ बनाने के बाद उसे संबंधित ट्रांजिट कैंप व संबंधित जिला प्रशासन को मेल कर दिया जा रहा है। अब उन्हें वहां स्क्रीनिंग की जरूरत नहीं होगी। सीधे क्वारेंटाइन सेंटर भेज दिए जाएंगे।
कोंच प्रखंड के गौहरपुर पंचायत के सिंदूआरी गांव में दो दिन पूर्व जदयू नेता समेत अन्य ने अंधाधुंध फायरिंग कर चार लोगों को गोली मार दी थी, जिसमें दो की मौत हो गई थी। दो का इलाज पीएमसीएच में चल रहा है। दिनदहाड़े इस तरह की बड़ी वारदात के बाद अब राजनीतिक दलों के लोगों का सिंदुआरी आना-जाना शुरू हो गया है। घटना इसलिए राजनीतिक रंग ले रहा, क्योंकि जदयू के नेता राकेश यादव ने इस तरह के कांड के सरगना के रूप में अपनी भूमिका निभाई थी।
गुरुवार के बाद शुक्रवार को कई नेता गांव में आए और पीड़ित परिवार से मुलाकात कर शोक व्यक्त किया, इस तरह की घटना की निंदा की है। नवादा के सांसद चंदन सिंह के अलावे जहानाबाद के पूर्व सांसद डा. अरूण कुमार और औरंगाबाद सांसद सुशील सिंह के प्रतिनिधि के रूप में उनके भाई सुनील सिंह सिंदुआरी गांव को पहुंचे।
राज्य सरकार के किसी मंत्री या नेता का नहीं आना दुर्भाग्यपूर्ण : जहानाबाद के पूर्व सांसद डा. अरूण कुमार ने कहा कि यह घटना सरकार में शामिल लोगों के इशारे पर हुआ है और इसकी जितनी भर्त्सना की जाए, वह कम है। कहा कि बिहार में अब तक के सबसे कमजोर शासक के रूप में वर्तमान सरकार है, क्योंकि इस तरह की घटना होने के तीन दिन बीतने के बाद भी सरकार का कोई भी मंत्री या नेता इस गांव में नहीं आए हैं। मांग किया कि पीड़ित परिवार को बीस-बीस लाख रूपया मुआवजा एवं योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी मुहैया कराया जाए।
नवादा सांसद ने कहा-लोकसभा में मामले को उठाएंगे: नवादा के सांसद चंदन सिंह ने दूरभाष पर जोनल आईजी-एसएसपी से बात कर घटना से संबंधित जानकारी ली। यह भी कहा कि घटना के 72 घंटे बीतने के बावजूद न तो घटना में प्रयुक्त हथियार बरामद हुआ है और न ही सभी की गिरफ्तारी हो सकी है, जो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। सीएम से इस तरह की घटना को लेकर मुलाकात करने की बात कही। साथ ही कहा कि लोकसभा में इस मामले को उठाएगें।
कई प्रतिनिधि और भाजपा नेता भी गांव पहुंचे: शुक्रवार को टिकारी के जिला परिषद पति पिंक राज, गुरारू के जिला परिषद राहुल कुमार उर्फ मोती, सोलरा पंचायत के पूर्व मुखिया संटू सिंह भी पहुंचे।
इधर, घटना के बाद जदयू नेता ने दिया पद से इस्तीफा
कोंच के सिंदूआरी में हुए गोलीकांड में दो किसानों की हत्या ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। शुक्रवार को जदयू नेता रविशंकर कुमार ने पार्टी के खेलकूद प्रकोष्ठ के जिला संगठन प्रभारी के पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने लिखित आवेदन पार्टी के वरीय अधिकारियों को भेजा है । जदयू नेता रविशंकर कुमार ने कहा कि वर्तमान राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियों के कारण संगठन की जिम्मेदारियों को निभाना मुश्किल हो रहा था। रविशंकर ने अपने इस्तीफे का मूल कारण हाल में हुए कोंच थाना के सिंदुआरी गांव में निरीह किसानों की दिनदहाड़े हत्या बताया है।
पूर्व मध्य रेलवे कर्मचारी यूनियन की पहल पर शुक्रवार को जंक्शन के डेल्हा साइड रनिंग रूम में रेलकर्मियों व उनके परिवार को होम्योपैथी की दवा दी गई। कोरोना से बचाव को लेकर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से दवा का वितरण किया। इसके तहत ट्रेन के ड्राइवर, गार्ड व उनके परिवार के सदस्यों को मिलाकर 326 यूनिट दवा वितरण किया गया। दवाओं का वितरण व परामर्श रेलवे अनुमंडल अस्पताल के होम्योपैथी डॉक्टर एमएस निरुल्लाह के द्वारा किया गया।
संघ के सहायक महामंत्री मिथलेश कुमार ने बताया कि कोरोना से बचाव को लेकर हर संभव प्रयास किया जा रहा है। होम्योपैथ की दवा आर्सेनिकम एल्बम 30 रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा करता है। गला व फेफड़े के संक्रमण में भी इसका उपयोग किया जाता है। यह भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के परामर्श के बाद रेलवे के विभिन्न विभागों में किया जा रहा है। मौके पर शाखा अध्यक्ष अनिल कुमार सिन्हा, एमएल मंडल, एके ओझा, राम प्रवेश प्रसाद, लक्ष्मण प्रसाद, बीके जयसवाल, धीरज कुमार, उतम कुमार, क्रू सेल चीफ कंट्रोलर एसजेड हक व अन्य थे।
लॉकडाउन ने प्रकृति के रंग को बदल दिया है। वायु प्रदूषण कम होने से आसमान पानी की तरह साफ हो गया हैं। इसका असर मौसम पर देखने को मिला। विभाग से मिले आंकड़ा के बाद पिछले दस वर्षों में इस साल अप्रैल माह में काफी कम गर्मी पड़ी है। पूरे महीने गया का अधिकतम तापमान नॉर्मल से नीचे रहा। मात्र दो दिन 12 और 16 अप्रैल को गया का पारा 39.0 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था। इसके बाद तापमान 36 से 38 डिग्री के बीच ही रहा, जबकि अप्रैल माह में गया का नार्मल अधिकतम पारा 40 डिग्री हैं।
विभाग से मिली सूचना के बाद इस बार अप्रैल माह में गया का अधिकतम पारा 40 डिग्री के नीचे ही रहा हैं। मई में भी गर्मी अन्य वर्षों की अपेक्षा कम पड़ेगी। मौसम वैज्ञानिक ए.के.सिंह ने बताया कि गर्मी कम पड़ने का खास कारण लॉकडाउन हैं। इससे वातावरण काफी स्वच्छ हो गया हैं। हवा में पार्टिकुलेट मैटर 10 नष्ट हो गया हैं। आसमान से धुंध गायब हैं। इस वजह से कई वर्षों के बाद अप्रैल माह में गर्मी काफी कम पड़ी हैं।
लॉकडाउन का असर
वैज्ञानिकों की माने तो वायु प्रदूषण कम होने से तापमान में आयी कमी
मॉनसून 2020 को लेकर मौसम विभाग ने फर्स्ट स्टेज का जारी किया लॉग रेंज फॉरकास्ट
12 अक्टूबर तक गया में होगी मॉनसून की बारिश
हर वर्ष की अपेक्षा इस साल अप्रैल माह में काफी कम पड़ी गर्मी
पूरे माह में एक दिन अधिकतम पारा 39 डिग्री सेल्सियस पर रहा
दिन में पृथ्वी गर्मी करती हैं ऑब्जर्व, छोड़ती है रात में
मौसम वैज्ञानिक श्री सिंह ने पृथ्वी के गर्म और ठंडा होने के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दिन में पृथ्वी गर्मी को अब्जॉब करती है, इस वजह से लोगों को अधिक गर्मी लगती है, जबकि रात में इस गर्मी को छोड़ती है। लॉकडाउन के पूर्व आसमान में धुंध रहने से गर्मी आसानी से अंतरिक्ष में नहीं जा पाती थी, जो अब आराम से चली जा रही हैं। इस वजह से इस बार रात में गर्मी का ज्यादा अनुभव नहीं हो रहा। रात में मौसम में ठंडापन भी है।
मॉनसून 2020 का लॉग रेंज फॉरकास्ट जारी
मौसम विभाग ने साउथ वेस्ट मॉनसून 2020 का लॉग रेंज फॉरकास्ट जारी कर दिया हैं। अब गया में 16 जून को मॉनसून दस्तक देगा। 08 अक्टूबर तक मॉनसून की झमाझम बारिश होगी। केरल के तट पर जून के शुरूआती दिनों में मॉनसून पहुंच जाएगा। वैज्ञानिकों की माने तो मॉनसून के आगमन की गणना 1961-2019 के डाटा के अनुसार की गई है। इस साल भी गया में अच्छी बारिश की संभावना हैं।
गया शहरी क्षेत्र के नागरिकों को गर्मी के दौरान पेयजल संकट का सामना न करना पड़े। इसके लिए गया नगर निगम कृत संकल्पित दिख रही है। यही कारण है कि निगम के द्वारा न सिर्फ युद्धस्तर पर पेयजल स्त्रोतों की मरम्मती का कार्य कराया जा रहा है। बल्कि नए जल स्त्रोतों के जरिए नागरिकों को पेयजल संकट से बचाने की भी कोशिश की जा रही है। इसी क्रम में शुक्रवार को गया नगर निगम के सभागार में मेयर वीरेंद्र कुमार उर्फ गणेश पासवान की अध्यक्षता में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए बैठक का आयोजन किया गया। बैठक का संचालन नगर आयुक्त सावन कुमार ने किया। बैठक में शहरी क्षेत्र के नागरिकों को पेयजल संकट से बचाने के लिए कई निर्णय लिए गए।
बैठक में निगम के विभिन्न वार्डों में 250 वैट का निर्माण कराने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा आपदा मद से 40 अतिरिक्त वैट का निर्माण कराने का भी निर्णय लिया गया। बैठक के दौरान वैट निर्माण कार्य से जुड़े संवेदक ने निर्माण कार्य में हो रही परेशानियों की जानकारी मेयर-डिप्टी मेयर अखौरी ओंकारनाथ उर्फ मोहन श्रीवास्तव व नगर आयुक्त को दी।
एनआईटी करेगी सिंगरा स्थाना पानी टंकी की जांच
बैठक के दौरान शहरी क्षेत्र में पानी टंकी निर्माण का कार्य कर रहे संवेदक श्रीराम एजेंसी के प्रतिनिधि ने बताया कि शहर में सिंगरा स्थान और आईटीआई के समीप पानी टंकी का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। बैठक के दौरान करसिल्ली पानी टंकी का मामला भी उठाया गया। डिप्टी मेयर श्री श्रीवास्तव ने कहा कि जिस संवेदक से दो पानी टंकी का निर्माण कराया गया है। उक्त संवेदक द्वारा करसिल्ली पानी टंकी का निर्माण ढ़ग से नहीं किया गया। जिसके कारण आज भी उक्त पानी टंकी की समस्या बनी हुई है। नगर आयुक्त श्री कुमार ने कहा कि शहर के दो स्थानों पर बनाए गए नई पानी टंकी की जांच एनआईटी, पटना की टीम करेगी। जांच के दौरान निर्माण में खामी पाए जाने पर संवेदक के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
10 नए बोरिंग कराने का निर्देश: अधिकारियों ने बताया कि शहर में जलापूर्ति के लिए कराए गए 10 बोरिंग पूरी तरह से फेल हो चुके हैं। नगर आयुक्त ने उक्त सभी बोरिंग के स्थान पर नया बोरिंग कराने का निर्देश दिया। इसके अतिरिक्त निगम के 49 बोरिंग्स में से 29 बोरिंग का ड्रेसिंग कराने का निर्णय बैठक के दौरान लिया गया।
जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से सहयोगी संस्थाओं की मदद से कोटा से गया लौटकर आए छात्र-छात्राओं की घर-घर जाकर स्क्रीनिंग की जा रही है। शुक्रवार तक गया शहर लौटे 182 छात्रों में से 145 की स्क्रीनिंग कर ली गई वहीं एक छात्र के परिजन ने स्क्रीनिंग करवाने से इंकार कर दिया। जब स्थानीय स्वराजपुरी रोड स्थित इस छात्र के मोबाइल नंबर पर टीम के सदस्यों ने फोन कर उनके घर का पता पूछा तो कहा गया कि उन्हें जांच नहीं करवानी है और उनका बेटा पूर्ण स्वस्थ है।
टीम के सदस्यों ने इसकी सूचना अपने उच्चाधिकारियों को दी और अब यह देखने वाली बात होगी कि जांच से इंकार करने वालों पर जिला व स्वास्थ्य प्रशासन की ओर से क्या कार्रवाई होती है। इससे पहले छात्रों की जांच के लिए डीएम के निर्देश पर चार टीमें बनाई गई। पहली टीम में डॉ. धीरज कुमार के साथ डब्लूएचओ शहरी मॉनिटर दीपक कुमार, दूसरी टीम में डॉ. गगन, डब्लूएचओ के अमजद जावेद व केयर इंडिया की अल्पना स्क्रीनिंग कर रही है।
एक और बार की जाएगी कोशिश
गया सिविल सर्जन डॉ. ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि स्क्रीनिंग से इंकार करने वाले छात्र के परिजनों से फिर से एकबार संपर्क कर स्क्रीनिंग की कोशिश की जाएगी। टीम के लोगों को इसके लिए निर्देशित किया गया है।
लॉकडाउन के दौरान विदेश में फंसे बिहार वासियों को वंदे भारत मिशन के अंतर्गत बिहार लाने की तैयारी चल रही है। बिहार के लिए गया एयरपोर्ट का चयन लैंडिंग पॉइंट के लिए किया गया है। इस संबंध में एयरपोर्ट और बीटीएमसी सभागार में आयुक्त मगध प्रमंडल, असंगबा चुबा आओ की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। सरकार ने उन्हें इसका नोडल पदाधिकारी बनाया गया है।
बैठक में सीआईएसएफ के डिप्टी कमांडेंट वीके सिंह ने एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा निर्धारित मानक की जानकारी दी और गया हवाई अड्डे के विमानपत्तन निदेशक दिलीप कुमार ने विदेशी बिहारियों के आगमन के दौरान हवाई अड्डा पर किए जाने वाली तैयारी को पावर पॉइंट प्रस्तुतिकरण किया।
जनवरी से चल रही स्क्रीनिंग, नहीं मिला एक भी संक्रमित : आयुक्त ने कहा कि जनवरी माह से ही गया हवाई अड्डे पर एहतियात बरती गई, जिसके कारण अंतरराष्ट्रीय स्थल रहते हुए भी यहां संक्रमण नहीं फैल पाया।
सैनेटाइजर स्प्रिंकलर लगाएं
आयुक्त ने कहा कि प्रवासियों के बैग को सैनिटाइजेशन करने के लिए मूविंग ट्राली पर ही सैनिटाइजर स्प्रिंकलर लगवाना पड़ेगा। गया हवाई अड्डा पर निजी गाड़ी एवं अनाधिकृत व्यक्तियों के लिए प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। यदि कोई अनाधिकृत व्यक्ति प्रतिबंधित क्षेत्र में पाया जाएगा, तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कहा कि गया हवाई अड्डा पर सभी की स्क्रीनिंग होगी और किसी पर जरा सी भी संदेह होने पर उन्हें गया हवाई अड्डा से ही पृथक (आइसोलेट) कर दिया जाएगा।
गुजरात के रेड जोन सूरत से शनिवार को श्रमिकों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन(09495) गया जंक्शन पहुंचेगी। रेल सूत्रों के अनुसार इसमें करीब 1000 श्रमिक होंगे। गया जंक्शन पर ट्रेन 11:30 में पहुंचने की संभावना है। वहीं शुक्रवार को हरियाणा के भिवानी से आने वाली ट्रेन रद्द रही।
स्पेशल ट्रेन से उतरने वाले श्रमिकों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कतारबद्ध स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है। सभी को क्वारेंटाइन मुहर व पंजीकरण के बाद प्लेटफार्म से बाहर निकाला जाएगा। जंक्शन परिसर में खड़ी बसों से उन्हें गंतव्य के लिए भेजे जाएंगे। इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से तैयारी की गई है। अबतक बिहार के बाहर कोटा (राजस्थान), बीबीनगर (तेलंगाना), वीरमगाम (गुजरात) से तीन स्पेशल ट्रेनों से 4310 प्रवासी गया जंक्शन आ चुके हैं। ट्रेन से आने वालों में बिहार के कई जिलों के लोग शमिल हैं।
अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल से 12 पॉजिटिव मरीज कोरोना से जंग जीतकर ठीक हुए जिन्हें अस्पताल कर्मियों ने फूल की पखुड़ियां बरसाकर विदा किया। इनमें से एक चार साल का बच्चा मो. एहसान भी शामिल है जो कैमूर जिले का रहने वाला है। इसके अलावा कैमूर जिले का ही 12 वर्षीय मो. अनस, 60 वर्षीय अलीअकबर खान, 24 वर्षीय मो. असीम कुरैशी, 18 वर्षीय फातिमा जरीना, 19 वर्षीय मो. नाज, 17 वर्षीय गुलदस्ता परवीन और 35 वर्षीय मो. खुर्शीद आलम शामिल हैं।
इनके अलावा औरंगाबाद जिले के 18 वर्षीय अनिल कुमार सिंह व 21 वर्षीय राहुल कुमार पासवान, जहानाबाद का 28 वर्षीय चंदन कुमार और रोहतास के 60 वर्षीय लालमोहन प्रसाद भी कोरोना की लड़ाई जीतकर अपने गृह जिला गए। नोडल पदाधिकारी डॉ. एन के पासवान ने बताया कि इन सभी को उनके गृह जिला भेज दिया गया है जहां वे अभी क्वारेंटीन सेंटर में रखे जाएंगे। डॉ. पासवान ने बताया कि अब अस्पताल के कोरोना लेवल टू आइसोलेशन वार्ड में सिर्फ दो पॉजिटिव मरीज हैं।
जिनमें से एक नवादा की महिला है जिसका पहला फॉलोअप रिपोर्ट पॉजिटिव आया है। इसके अलावा रोहतास जिला का एक मरीज भी भर्ती है जिसका पहला फॉलोअप रिपोर्ट नेगेटिव आया है। उन्होंने बताया कि सभी ठीक हुए मरीजों को तौलिया, सेनेटाइजर, मास्क व पानी बोतल के साथ आवश्यक दवाएं भी दी गई।
विधि मण्डल के महामंत्री रवि रंजन प्रसाद सिंह ने बताया है कि वैश्विक महामारी के चलते लॉक-डाउन होने के कारण अधिवक्ता पेशा से जुड़े अधिवक्तागण लगभग बेरोजगार हो गए हैं। उनकी परेशानियों को देखते हुए छपरा विधि मण्डल ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर नियमित 1733 सभी अधिवक्ताओं को हाजिरी प्रपत्र, वकालतनामा, बेल बॉन्ड एवं दुकान से प्राप्त किराया जोड़कर 18,80,305 रुपया भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य शाखा में बराबर- बराबर उनके बैंक अकाउंट मे आज भेज दिया गया|
प्रति अधिवक्ता 1085/- (एक हजार पचासी) रुपया भेजा गया। वैसे अधिवक्ता जिनका वेलफेयर की राशि बिहार अधिवक्ता कल्याण न्यास परिषद, पटना का बकाया है उस मद मे विधि मण्डल द्वारा 100/- (एक सौ) रुपया सीधे बिहार अधिवक्ता कल्याण न्यास परिषद,पटना को भेज दी जाएगी। अतः वैसे अधिवक्ताओं के बैंक अकाउंट में 985/- (नौ सौ पचासी) रुपया भेजी गई है| छपरा विधि मण्डल का मासिक सब्सक्रिप्शन फीस जो प्रति अधिवक्ता 10 रुपया प्रति माह छपरा विधि मण्डल,छपरा द्वारा लिया जाता है वैसे लोगों का 10 महीने का बकाया 100 रुपया छपरा विधि मण्डल,छपरा के खाते मे जमा कराया गया है|
इस तरह से कुछ अधिवक्ताओं को 885 रुपया भी उनके बैंक अकाउंट मे भेजा गया है। जिन अधिवक्ताओं के बैंक अकाउंट की जानकारी विधि मण्डल को नहीं है, उनका रुपया विधि मण्डल मे ही जमा है। वैसे अधिवक्ता जब भी अपना बैंक अकाउंट डीटेल विधि मण्डल को जमा करेंगे उनके बैंक अकाउंट मे रुपया भेज दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को जनता दल यूनाइटेड के 55 प्रदेश पदाधिकारियों व प्रकोष्ठों के अध्यक्ष के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की। इस दौरान बिहार सरकार के मंत्री संजय कुमार झा, डॉ अशोक चौधरी व एमएलसी संजय गांधी भी मौजूद रहे। वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार सरकार द्वारा कोरोना काल में राज्य की वास्तविक स्थिति के साथ बिहार सरकार द्वारा किए जा रहे राहत कार्यक्रमों और भविष्य की योजनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
साथ ही मुख्यमंत्री ने अप्रत्याशित रूप से लगातार बदल रहे मौसम पर भी विस्तृत चर्चा की। किसानों के प्रति चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री ने बदले मौसम और बदली परिस्थितियों के अनुरुप फसल चक्र तैयार करने की भी बात कही। इस दौरान मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में भाग ले रहे पदाधिकारियों के साथ चर्चा भी की। क्वारंटाइन सेंटर्स पर रह रहे लोगों को मिल रही समुचित सुविधाएं के बारे में जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश सचिव शैलेंद्र प्रताप सिंह ने जानकारी दी।
जीविका के कार्यों की सराहना की
शैलेंद्र प्रताप सिंह ने जिला प्रशासन के कार्यों के साथ जीविका दीदी के योगदान के बारे में भी मुख्यमंत्री को बताया। साथ ही छपरा में हुई फसल क्षति के बारे में मुख्यमंत्री को बताया और मुआवजा दिलाने की मांग की। इस दौरान जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने पार्टी के पदाधिकारियों को जागरूकता के लिए सोशल मीडिया पर व्यापक अभियान चलाते रहने की सलाह दी। जबकि भवन निर्माण मंत्री डॉ अशोक चौधरी ने राहत कार्यों के बारे में चर्चा की।
कोरोना लॉकडाउन में जिले से बाहर जाने की अनुमति बांटने वाले लापाेद के प्रिंसिपल सुरेश कुमार देवड़ा काे तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए हैं। कलेक्टर अंशदीप ने शुक्रवार काे यह आदेश जारी कर उसका मुख्यालय बीकानेर रहेगा। लापाेद स्कूल के प्रिंसिपल ने खुद काे नाेडल अधिकारी घाेषित करने के बाद अधिकारियों से बाहर जाते हुए एक ही परिवार काे दाे बार राजसमंद जाने के आदेश दिए थे। इसमें एक बार ताे प्रिंसिपल ने बाइक पर तीन लाेगाें काे जाने की अनुमति भी जारी कर दिए थे। भास्कर में इस मामले की खबर प्रकाशित हाेने के बाद कलेक्टर ने इस मामले काे गंभीरता से लिया। जानकारी के अनुसार गांवों में कोविड-19 को लेकर केंद्र व राज्य सरकार के मिले दिशा-निर्देशों तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से जारी की गई गाइडलाइन की पालना कराने के लिए हर ग्राम पंचायत स्तर पर नोडल अधिकारी की नियुक्ति कर रखी है।
लॉकडाउन के चलते किसानों को घर में रहने की मजबूरी एवं सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने के चलते गेहूं की फसल कटनी एवं दवनी समय से नहीं होने। ऊपर से मौसम की बेरुखी के कारण आंधी, पानी एवं ओला वृष्टि ने फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है। प्राकृतिक आपदा के डबल मार किसानों को काफी मुश्किलों में डाल दिया है तथा भविष्य के लिए चिंता भी बढ़ा दिया है। ऐसे में सैकड़ों किसानों ने रिविलगंज प्रखंड प्रमुख राहुल राज से फसल नुकसान के एवज में सरकारी सहायता दिलाने में मदद करने की गुहार लगाई है। इस संबंध में प्रखंड प्रमुख राहुल राज ने बताया कि किसानों की समस्याओं पर ध्यानाकर्षित कराते हुए बिहार सरकार के कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार जी को पत्र मेल किया गया है।
जिसमें कहा गया है कि आंधी, पानी व ओला वृष्टि से रिविलगंज प्रखंड में किसानों का काफी फसल क्षति हुई है। फसल क्षति की पूर्ती हेतु किसानों को सरकारी सहायता देना नितांत जरूरी है। प्रमुख राहुल राज ने कहा कि किसानों को फसल क्षति का उचित मुआवजा मिलना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि किसानों को फसल सहायता प्रदान कराने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। उन्होंने प्रखंड एवं जिला स्तर के संबंधित पदाधिकारियों से भी किसानों को सहायता हेतू जरुरी कदम उठाने की विशेष अनुरोध किया है।
इस संबंध में रिविलगंज प्रखंड कृषि पदाधिकारी शशि भूषण वर्मा ने बताया कि बिहार सरकार के कृषि विभाग के निर्देश के आलोक में पंचायतवार किसानों की हुई फसल नुकसान एवं रकबा का सर्वेक्षण कर प्रभावित फसलों का क्षति प्रतिवेदन कार्यालय को सुपुर्द करने हेतु सभी संबंधित किसान सलाहकारों एवं कॉडिनेटरों को निर्देशित किया गया है। लेकिन गत 19/04 को दिये निर्देश के बाद भी अभी तक कहीं से प्रतिवेदन नहीं प्राप्त हुआ है। बीएओ शशी भूषण वर्मा ने पुनः एक बार फिर सभी किसान सलाहकारों एवं कॉडिनेटरों को रिमाइंडर करते हुए क्षति प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि कार्य में लापरवाही बरदाश्त नहीं किया जाएगा। सरकारी निर्देशों का ससमय पालन करना सुनिश्चित करें।
अकीलपुर थाना क्षेत्र के दूधियां बाकरपुर सिवाना गांव में गुरुवार की बीती रात को बिजली के तार के फाल्ट को ठीक करने के दौरान करेंट लगने से एक युवक की मौत हो गई।मृतक की पहचान नया टोला मानस निवासी नरेश राय के 26 वर्षीय पुत्र विजय कुमार के रूप में की गई है। घटना के संबंध में ग्रामीणों ने बताया कि गुरुवार को दिन में आई तेज आंधी पानी के कारण कई जगहों की बिजली सप्लाई बाधित हो गई थी,जिसे ठीक करने के लिए मृतक विजय अपने साथी मिस्त्री चन्दन के साथ रात के पौने दस बजे पोल पर चढ़कर फाल्ट ठीक कर रहा था,उसी समय अचानक बिजली आ गई जिससे विजय को जोरदार झटका लगा और नीचे गिरकर अचेत हो गया।
घटना घटित होने के बाद साथी मिस्त्री चन्दन भयभीत होकर भाग कर अपने घर आ गया और बिना किसी को बताए सो गया।वही मृतक के परिजनों द्वारा विजय की खोजबीन की जाने लगी लेकिन रात मे कुछ पता नहीं चल सका।जब सुबह हुई तो परिजनों को विजय के मरने की खबर मिली। मृतक का शव बिजली के पोल के पास पड़ा हुआ था। बता दे कि दियरा क्षेत्र में जब से विद्युत सेवा बहाल हुई है तब से अभी तक कोई भी लाइन मैन नियुक्त नही किया गया है। कनीय अभियंता द्वारा किसी तरह प्राइवेट मिस्त्री से काम लिया जाता है।पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था।
मशरक थाना गश्ती दल शुक्रवार की शाम में हाइवे सड़क मशरक-छपरा पर गश्ती के लिए जा रही थी कि गश्ती दल के गाड़ी को देख मोटरसाइकिल सवार दूसरी तरफ मोटरसाइकिल मोड़ कर भागने लगे जिससे पुलिस को जिले के बड़े अपराधियों में एक होने का अंदेशा हुआ। जिससे पुलिस गश्ती दल में ड्यूटी पर मौजूद जमादार श्याम बिहारी पांडेय ने मोटरसाइकिल सवार का पीछा करना शुरू किया जिससे अपराधी हाइवे सड़क छोड़ गोपालवाड़ी गांव होते हुए डोइला जाने वाली ग्रामीण सड़क के तरफ तेजी से भागने लगे।
पीछे से तेजी से आ रही गश्ती दल बोलेरो गांव में तीखे मोड़ पर अनियंत्रित होकर गढ़े में पलटी मार दी जिससे सभी पुलिसकर्मी बोलेरो में दब गये। बोलेरो गाड़ी पलटने पर स्थानीय गांव वालों ने अपनी बहादुरी का परिचय देते हुए पलटी बोलेरो में दबे पुलिसकर्मी को बाहर निकाला और बोलरो को सीधा करके सड़क पर लाये। मौके की सूचना मिलते ही सीओ ललित कुमार सिंह, थानाध्यक्ष रत्नेश कुमार वर्मा दल बल के साथ पहुंचे और बोलरो को पुलिसकर्मी के साथ ले गए।
छपरा-सीवान रोड एन एच 531पर कोपा थाना क्षेत्र के पियानो होटल के समीप गेहूं लदा ट्रक अनियंत्रित होकर पलट गया। गेहूं लदा ट्रक यूपी के सलेमपुर( देवरिया) से पटना जा रहा था। जानकारी के अनुसार गेहूं लदा ट्रक बिजली के पोल में टक्कर मारने के बाद रोड के किनारे खाई में जाकर पलट गया। टक्कर बहुत तेज था।
पलटने के बाद चालक जख्मी हो गया। जिसका इलाज कोपा बाजार स्थित एक निजी क्लिनिक में कराया गया। जख्मी चालक देवरिया का ही वीरेंद्र कुमार बताया गया है। मौके पर बिजली विभाग के कर्मचारी कामेश्वर तिवारी एवं भूषण कुमार ने मौके पर पहुंच कर कोपा पुलिस को घटना की सूचना दी। घटना स्थल पर पहुंच कर कोपा पुलिस ने मामले की छानबीन की। जांच पूरी होने के बाद ही पुलिस कार्रवाई करेगी।
कन्नौज में सड़क हादसा में मशरक के एक व्यक्ति की मौत हो गयी। जबकि दूसरा युवक घायल हो गया है। प्रखण्ड क्षेत्र के बहरौली निवासी हरिकिशोर भगत का शव गांव पहुंचे ही कोहराम मच गया। पूरा गांव शोक में डूब गया। इसकी जानकारी मिलते ही मशरक सीओ ललित कुमार सिंह तथा मशरक थानाध्यक्ष रत्नेश कुमार वर्मा साथ ही जदयू के वरिष्ठ नेता कामेश्वर सिंह ने परिवार के दुख में शांति की कामना की। और सरकार के तरफ से सहायता दिलाने का आश्वासन दिलाया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सनौली निवासी इंद्रजीत भगत (20) दोनों युवक दिल्ली से मोटरसाइकिल से अपने-अपने गांव आ रहे थे। तभी उत्तरप्रदेश के कन्नौज जिला के शालीग्राम थाना के चेक पोस्ट पर सुरक्षा अधिकारी को देखकर दोनों युवक भागने लगे और अपना संतुलन खो बैठे और दोनों युवक गिर गए। जिसमे बहरौली निवासी हरिकिशोर भगत का मौत घटनास्थल पर ही हो गया। और इंद्रजीत भगत को मामूली सा चोट लग गया। इधर मौत का खबर सुन कर परिजन रोने लगे। स्थानीय मुखिया अजित सिंह को खबर लगा उन्होंने महराजगंज सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल से फोन पर बात किए। सांसद के प्रयास से परिजनों को मेडिकल कॉलेज सेरया पहुंचाया गया। इधर परिजन का रो रोकर बुरा हाल हो गया।
वाहन के धक्के से 5 वर्षीय बच्चे की गई जान
नयागांव थाना क्षेत्र के कपुरचक गांव में एक जुगाड़ गाड़ी से ठोकर लगने से एक पांच वर्षीय बच्चे की मौत हो गई। मृतक बच्चे की पहचान कपुरचक निवासी रामप्रवेश मांझी के पांच वर्षीय नाती के रूप में की गई है। घटना के बारे में लोगों ने बताया कि मृतक बच्चा गांव से गुजरने वाली सड़क के पास खेल रहा था उसी दौरान गांव के ही तीन लोग योगेंद्र राय मंगल राय और सरयुग राय जुगाड़ गाड़ी पर सवार होकर वहां से तेज गति से गुजर रहा था,उसी दौरान जुगाड़ गाड़ी का चालक गाड़ी से नियंत्रण खो दिया और बच्चे को ठोकर मरते हुए पास के दीवाल से टकरा गया।स्थानीय लोगो द्वारा घायल बच्चे को सोनपुर रेफरल अस्पताल ले जाया जा रहा था जहां रास्ते में ही बच्चे की मौत हो गई। घटना के बाद गांव में तनाव का माहौल था।
लगातार दूसरे दिन श्रमिक स्पेशल ट्रेन छपरा जंक्शन पहुंची। कल सूरत से पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन आयी थी और गुरुवार को तेलंगाना से आयी। सर्वप्रथम डीएम और एसपी के द्वारा ट्रेन की सबसे पिछली बोगी तक जाकर निकलने वाले सबसे पहले व्यक्ति का स्वागत किया गया। इसके बाद बारी-बारी से लोगों के उतरने का सिलसिला शुरू हुआ। लोगों ने अपने धैर्य का परिचय दिया और सभी प्रक्रियाओं का समुचित रूप से पालन किया।
प्लेटफार्म पर ही लोगों को और उनके बैग या थैले को सेनेटाइज किया गया। इसके लिए टीम लगी हुयी थी। प्लेटफार्म से बाहर निकलने पर सभी की स्क्रीनिंग की गयी जिसके लिए 14 काउंटर बनाये गये थे और सभी काउंटर पर दो-दो प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मी लगाये गये थे। इसके बाद सभी लोगों को जिला प्रशासन द्वारा तैयार कराए गए फूड पैकेट्स और पानी का बोतल दिया गया। बच्चों को अलग से बिस्किट, टाॅफी और कुरकुरे का पैकेट दिया गया उसके बाद लोगों को उनके गंतव्य के जिलों में बसों के माध्यम से भेज दिया गया।
इलाहाबाद से पहुंचे साइकिल से मिस्कारी टोला गाव के प्रवासी
बनियापुरप्रखंड के कन्हौली मनोहर पंचायत के मिस्कारी टोला गांव में 18 प्रवासी इलाहबाद से साइकिल से गांव पहुंचे जहां गांव वालों द्वारा हो हल्ला मचाने पर गांव के मदरसा को क्वारेंटाइन सेंटर बनाया है। जहां क्वारेंटाइन सेटर में प्रवासी मुन्ना मोहम्मद सहित सभी प्रवासियों ने बताया कि हम सभी इलाहबाद मेला में सदियों से बांसुरी बेचने के काम से जाते रहे है जहां लॉक डाउन के वजह से मेले में फंस गए।
जिसके बाद रहने खाने की समस्या विकट हो गयी। जहां तहां लम्बे लाक डाउन से स्थित दयनीय होने के बाद सइकिल से ही हम लोग 18 आदमी एक साथ घर के लिए रवाना हो गए। बनियापुर पहुंचने पर स्थानीय मुखिया के द्वारा थाना और अस्प्ताल भेजे गए। जहां जांचोपरांत प्रखंड क्वारें टाइन सेंटर भेजा गया।परन्तु पैदल और बिना रजिस्ट्रेशन के मजदूरों का व्यवस्था नहीं होने पर कहा गया कि गाव से दो सौ मीटर की दुरी पर आईसोलेट किए जाने को कहा गया।तब हम लोगो ने गांव के मदरसा को क्वारेंटाइन सेंटर बनाने का फैसला किया जो गाव से अलग है। घर से खाना माँगकर खाते है।
फूलों से सजाया गया था स्टेशन
छपरा जंक्शन पर काफी अच्छी व्यवस्था की गयी थी। रेलवे स्टेशन को फूलों और गुब्बारों से सजाया गया था। प्रवासी यात्री छपरा पहुंचकर काफी खुश दिखे। आगंतुकों के द्वारा यहां की गयी व्यवस्था को काफी अच्छा बताया गया।
सबसे अधिक मधुबनी के थे
छपरा आए 1250 लोगों में सबसे अधिक मधुबनी के 723, सीवान के 264 तथा सारण जिला के विभिन्न प्रखंडों के 263 व्यक्ति शामिल थे।
54 सैंपल जांच के लिए भेजा गया
डीएमने बताया कि बाहर से आये हुए प्रवासियों का 54 सैंपल जांच के लिए भेजा गया है तथा सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया है कि क्वारेंटाइन कैंप में रह रहे एवं आने वाले प्रवासियों में सभी बुजुर्ग व्यक्तियों तथा इन्फ्लूएंजा के लक्षण वाले व्यक्तियों का सैंपल लेकर जांच करा ली जाए।
कौन-कौन दुकानें कब खुलेगी
डीएम ने बताया कि ऑटोमोबाईल्स, टायर एवं ट्यूब्स, लुब्रीकेन्ट की दुकान सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को, सीमेंट, स्टील, बालू, स्टोन, गिट्टी सीमेंट ब्लाॅक, ईट, प्लास्टिक पाईप, हार्डवेयर, सैनिटरी फिटिंग, लोहा, पेंट, शटरिंग सामग्री की दुकाने 10ः00 से 1ः00 बजे तक प्रतिदिन, ऑटोमोबाईल, स्पेयर पाटर्स की दुकानें 9ः00 बजे से 2ः00 बजे तक केवल सोमवार, बुधवार, शुक्रवार को, गैरेज, साईकिल, मोटर साईकिल मरम्मत एवं वर्कशॉप 9ः00 बजे से 2ः00 तक केवल सोमवार, बुधवार, शुक्रवार को, इलेक्ट्रिक गुड्स पंखा, कुलर विक्रय व मरम्मत 3ः00 बजे से 6ः00 बजे तक केवल मंगलवार, गुरुवार व शनिवार को, इलेक्ट्रिाॅनिक गुड्स-यथा, मोबाईल, कम्प्यूटर, लैपटाॅप, युपीएस एवं बैट्री की विक्रय एवं मरम्मत 3 बजे से 6 बजे तक केवल मंगलवार, गुरुवार, एवं शनिवार को, हाई सेक्युरिटी रजिस्ट्रेशन पलेट की दुकान 11 बजे से 2ः00 तक प्रति दिन खुलेगी लेकिन इसके लिए जिला परिवहन पदाधिकारी, सारण से अनुमति प्राप्त कर जिला में केवल एक सेंटर खोला जाना है। प्रदूषण जांच केन्द्र 11 बजे से 2 बजे तक प्रतिदिन, सैलून, स्पा 7 बजे से 11ः00 बजे तक केवल रविवार, सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को दुकान खुलेगी।
सुबह-शाम कराया जाएगा योगाभ्यास: डीएम
इस अवसर पर मीडिया से वार्ता में डीएम सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि आये हुए सभी लोगों को उनके गृह जिला में भेजा जा रहा है जहाँ से उन्हें उनके गृह प्रखंड में बनाए गये क्वारें टाइन कैम्प में रखा जाएगा। सारण जिला में भी जो 263 लोग आज तेलंगाना से आये है उन्हें भी उनके गृह प्रखंड में बनाये गये क्वारेंटाइन कैम्प में भेजा जा रहा है। इस कैम्प में उन्हें 21 दिन रखा जाएगा। वहाँ सभी लोगों को डिग्निटी किट उपलब्ध कराया जाएगा जिसमें पहनने का कपड़ा, थाली-ग्लास, बाल्टी-मग, साबुन-सर्फ, ऐनक-कंघी, टूथपेस्ट-ब्रस आदि रहेगा। इन कैम्पों में सुबह में नाश्ता और दो बार का भोजन ससमय उपलब्ध कराया जाएगा। इन कैंप में मनोरंजन के लिए टेलीविजन (एलसीडी) भी लगाया गया है तथा सुबह-शाम योगाभ्यास भी कराया जा रहा है।
कोरोना काल में भी आशा प्रवासी मजदूरों व लक्षित समूहों के बीच परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों को घर-घर पहुंचा रही है तथा लॉक डाउन के दौरान दूसरे राज्यों से घर आए प्रवासियों को परिवार नियोजन के बारे में जागरूक भी कर रही हैं। डोर टू डोर सर्वे के दौरान वे लक्षित समूहों के बीच परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों का वितरण किया जा रहा है।
जनसंख्या स्थिरीकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से कृत संकल्पित है और इस कोरोना वायरस संक्रमण के बीच भी ऐसे महत्वपूर्ण अभियान को संचालित किया जा रहा है। इस अभियान को सफल बनाने में सबसे बड़ी भूमिका आशा निभा रही है। लॉक डाउन के दौरान काफी संख्या में प्रवासी अपने अपने घर को लौट आए हैं। इसके मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग की ओर से परिवार नियोजन सेवाओं को संचालित करने का निर्देश दिया गया था।
दी जा रही हैये जानकारी
अस्थायी साधनों का वितरण: केयर इंडिया के परिवार नियोजन समन्वयक प्रेमा कुमारी ने बताया कि स्टरलाइजेशन छोड़कर अन्य सभी सुविधाएं पूर्व की तरह दी जा रही है। आशा द्वारा घर-घर जाकर प्रवासी मजदूरों व महिलाओं के बीच माला-एन, छाया, इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स, कंडोम इत्यादि अस्थाई साधनों का वितरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एमपीए की सुविधा स्वास्थ केंद्रों पर उपलब्ध है। साथ ही सदर अस्पताल समेत अन्य स्वास्थ्य केंद्रों पर लगाए गए कंडोम बॉक्स के माध्यम से नि: शुल्क कंडोम का वितरण किया जा रहा है।
आरोग्य दिवस पर भी परिवार नियोजन की मिल रही सुविधाएं
केयर इंडिया के परिवार नियोजन समन्वयक प्रेमा कुमारी ने बताया कि डोर टू डोर विजिट के अलावा आरोग्य दिवस के दिन टीकाकरण स्थल पर आनेवाली गर्भवती महिलाओं को परिवार नियोजन की जानकारी दी जा रही है। साथ ही आवश्यकता अनुसार परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों का वितरण भी किया जा रहा है। इसके लिए एएनएम व आशा कार्यकर्ता को जरूरी साधन उपलब्ध कराए गए है।
कोरोना वायरस के प्रति जागरूक
आशा कार्यकर्ताओं व एएनएम द्वारा टीकाकरण स्थल पर बच्चों लेकर आनेवाले व गर्भवती महिलाओं तथा उनके साथ आने वाले परिवार के सदस्यों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के बारे में जानकारी दी जा रही है तथा सभी को सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन भी कराया जा रहा है। सभी को नियमित हाथों की धुलाई, मास्क का उपयोग व एक दूसरे से 1 मीटर की दूरी बनाकर रहने की सलाह दी जा रही है।
किसी भी देश की सेना या पुलिस के जवान के लिए उसका मनोबल और जज्बा ही सबसे बड़ी ताकत होती है। ...और यह जज्बा ही तो था जिसके बल पर राजस्थान पुलिस के जवान दीपक योगी ने न सिर्फ कोरोना को हराया बल्कि एक साफ संदेश दिया-इस बीमारी को हराने के लिए सिर्फ और सिर्फ विलपॉवर मजबूत रखने की जरूरत है। दीपक माणकचौक थाने में तैनात थे और उनकी ड्यूटी परकोटे के कर्फ्यू वाले इलाके में लगी थी। उनकी हल्की सी तबीयत खराब हुई। जांच कराने पर रिपोर्ट पॉजिविट आई। फिर दीपक को एसएमएस के वार्ड 4 एफ में भर्ती कर लिया गया। दीपक अब घर आ चुके हैं...आइए उन्हीं की जुबानी सुनते हैं पूरी कहानी....।
डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ हम होंगे कामयाब एक दिन से करते थे सुबह की शुरुआत... जो हमें दिनभर सकारात्मक रखता था, ठीक होने का एक ही सूत्र... समय पर दवा खाएं और ईश्वर से दुआ करें
दीपक बताते हैं कर्फ्यू ग्रस्त इलाके में ड्यूटी थी। इस दौरान मेरे 5-6 साथी कोरोना संक्रमित हो गए। 11 अप्रैल को तबीयत खराब हुई थी। कोरोना को लेकर आशंकाएं घर कर रही थीं। मन में उमड़-घुमड़ के बीच मैंने जांच कराई। जब तक रिपोर्ट नहीं आई थी तो बेचैनी सी थी...लेकिन 17 अप्रैल को रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही मेरा विलपॉवर मजबूत हो गया। मैं एसएमएस के वार्ड एफ 4 में भर्ती हो गया। अकेला नहीं था...साथ में कई लोग भर्ती थे। हर कोई डरा-सहमा सा...। लेकिन डॉक्टरों-नर्सिंग स्टाफ की सेवा और नसीहतों से डर कम हुआ। सुबह डॉक्टर-नर्सिंग स्टाफ के साथ....हम होंगे कामयाब दिन से शुरू होता। इससे माहौल पॉजिटिव हो जाता। एक दिन मेरे वार्ड से तीन मरीजों को वेंटिलेटर पर ले लिया गया...मन थोड़ा डरा लेकिन क्या सकता था, सब कुछ डॉक्टरों पर छोड़ दिया। धीरे-धीरे सब अच्छा होने का एहसास होने लगा। फिर वेंटिलेटर पर गए तीनों मरीज भी स्वस्थ लौटे तो लगा अब तो कोरोना को हरा कर ही निकलूंगा। 23 अप्रैल को डिस्चार्ज होकर पुलिस क्वारेंटाइन सेंटर में हूं। शुक्रवार को यहां से घर जाउंगा..फिर अपने ड्यूटी पर।
डॉक्टरों ने कहा तो मैं मरीजों के लिए प्लाज्मा डोनेट करूंगा
इन दिनों मैं न अपने परिवार से मिल सकता था और न ही बात कर सकता था। क्वारेंटाइन सेंटर से वीडियो कॉल किया। परिवार-रिश्तेदाराें का मनाेबल टूट चुका था। परिवार वाले रोने लगते तो मैं कहता था-गलत विचार लाओगे तो डिप्रेशन में जाओगे। मैं कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए अपना प्लाज्मा डोनेट करना चाहता हूं।
लोकनायक गंगा पथ ( गंगा एक्सप्रेस वे) का काम नवयुगा एजेंसी से छीना जा सकता है। लॉकडाउन में निर्माण की अनुमति मिलने के बाद भी एजेंसी ने अब तक काम शुरू नहीं किया है। शुक्रवार को इस संबंध में बिहार राज्य पथ विकास निगम के आला अधिकारियों ने समीक्षा के बाद अपने एमडी और परिवहन विभाग के सचिव संजय अग्रवाल से इस आशय की अनुशंसा करने का निर्णय किया। हालांकि, अंतिम निर्णय एमडी और पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा के स्तर पर लिया जाएगा।
नवयुगा की लेटलतीफी के चलते पहले ही इस प्रोजेक्ट का एक पार्ट (दुल्ली घाट से नुरुद्दीन घाट तक और दीदारगंज नेशनल हाइवे से जोड़ने वाला हिस्सा यानी कुल 4.1 किलोमीटर) पहले ही छीन कर अलग से टेंडर किया जा चुका है। नवयुगा एजेंसी की देरी करने के कारण परियोजना की लागत 3160 करोड़ से बढ़कर 3390 करोड़ हो गयी है। इस परियोजना को सितंबर 2017 में पूरा हो जाना था। नई समय अवधि तय करते हुए एजेंसी को इस वर्ष दिसंबर तक सिर्फ दीघा से कृष्णा घाट हिस्सा को ही पूरा करने का काम सौंपा गया था। एजेंसी के काम नहीं शुरू करने के कारण अब इस हिस्से के भी इस साल बनने का आसार कम ही हैं।
इस तरह से सुहाना होगा पटना में सफर
1. एल सीटी घाट महावीर वात्सल्य अस्पताल के सामने से
2. एएन सिन्हा इनस्टीच्यूट गोलघर के सामने से
3. कृष्णा घाट साइंस कॉलेज के समीप से
4. गायघाट गांधी सेतु के बगल से
5. कंगन घाट पटना सिटी गुरुद्वारा के सामने से
6. पटना सिटी में पटना घाट से
बनेंगे दो टॉल प्लाजा
बांस घाट और दीदारगंज चेकपोस्ट धर्मशाला घाट के समीप
गंगा एक्सप्रेस वे प्रोजेक्ट
जमीन पर निर्माण - दीघा से एएन सिन्हा इंस्टीच्यूट (5.9 किलोमीटर) और नुरूद्दीन से दीदारगंज चेकपोस्ट तक (2.9 किलोमीटर)
एलिवेटेड निर्माण - एएन सिन्हा इंस्टीच्यूट से मालसलामी के आगे नुरुद्दीनघाट तक (11.1 किलोमीटर) और दीदारगंज चेकपोस्ट से गोपघाट तक (600 मीटर)
एक्सप्रेस-वे आर-पार करने के लिए 13 अंडरपास और 8 जगह फुट ओवर ब्रिज बनेंगे
दीघा से एएन सिन्हा इनस्टीच्यूट और नुरुद्दीनघाट से गोप घाट तक फुटपाथ यानी गंगा नदी की तरफ 5 मीटर चौड़ा वॉकिंग ट्रैक, 8 बस पड़ाव और 8 यात्री शेड, 7 हाइटेक पार्क (एम्यूजमेंट पार्क) के साथ दीदारगंज में भारी वाहन बस अड्डा
किसी शातिर ने डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के नाम पर फर्जी फेसबुक एकाउंट खोल दिया। साथ ही लोगों को फेसबुक फ्रेंड भी बनाने लगा। 5 मई को फेसबुक एकाउंट खोला गया। फिर एक दिन में ही 11 हजार से अधिक फ्रेंड-फाॅलोअर्स जुड़ गए। सबसे पहल डीजीपी की टेक्निकल टीम को फर्जी एकाउंट के बारे में पता चला था। एक दिन बाद ही शातिर ने आईडी समेत पूरा एकाउंट डिलीट कर दिया।
बहरहाल, इस फर्जीवाड़े को लेकर शास्त्रीनगर थाने में आईटी एक्ट व अन्य कानूनी प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है। टेक्निकल टीम के स्तर से फेसबुक हेडक्वार्टर से भी संपर्क-समन्वय करके आरोपी व अन्य पहलुओंके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
साइबर सेल भी कर रही जांच
डीजीपी का फर्जी फेसबुक एकाउंट खोलने वाले साइबर अपराधी की पहचान करने में पुलिस के साथ साइबर सेल की टीम भी लगी है। ईओयू के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार के मुताबिक जांच में तकनीकी मदद दी जा रही है।
लोगों के कॉल से मिली जानकारी
एकाउंट खुलते ही बड़ी संख्या में लोग जुड़ने लगे। फ्रेंड रिक्वेस्ट मिलने पर औरंगाबाद के दाउदनगर के अभिनव कुमार समेत कुछ अन्य लोगों ने जब डीजीपी के मोबाइल पर संपर्क किया तो उन्हें सच्चाई का पता चला।
डुमरिया के धोलाबेड़ा पंचायत के जानेगोड़ा गांव की नीमडुंगरी टोला में जलापूर्ति योजना का लाभ मुहैया कराने के लिए शुक्रवार को प्रखंड विकास पदाधिकारी मुरली यादव तथा पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के जेई रविकांत कुमार गांव जाकर स्थल का निरीक्षण किया। प्रखंड विकास पदाधिकारी ने ग्रामीणों से कहा कि जैसे ही फंड उपलब्ध हो जाएगा, जलापूर्ति योजना का निर्माण शुरू करवा दिया जाएगा। नीमडुंगरी गांव के लगभग 25 परिवार आज भी नाले का पानी पीने के लिये अभिशप्त हैं। आज तक इन ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल देने के दिशा में सम्बंधित विभाग द्वारा कोई पहल नहीं किया गया। गांव में एक भी चापाकल व कुंआ नहीं होने के कारण यहां के ग्रामीण गंदा पानी पीने के लिए अभिशप्त हैं। ग्रामीण लगातार पेयजल की मांग को करते आ रहे है। बीडीओ के साथ उप प्रमुख बिमला सोरेन, मुखिया सहदेव मुर्मू व ग्रामीण उपस्थित थे।
गया के विष्णुपद थाना के मंगलागौरी गेट के अंदर मुहल्ले में ससुरालवालों द्वारा एक विवाहिता की हत्या कर शव को जला देने का मामला सामने आया है। घटना की जानकारी के बाद पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है। कांड को लेकर मृतका की मां ने विष्णुपद थाना में केस दर्ज कराया है, जिसमें छह को नामजद अभियुक्त बनाया गया है।
बताया जा रहा कि गुरुवार की संध्या को किसी बात को लेकर जितेन्द्र कुमार उर्फ विक्रम ने अपनी पत्नी निशा कुमारी को बेरहमी से पीट-पीटकर व गला दबाकर हत्या कर दी। पिटाई के दौरान विवाहिता की चीखें मुहल्ले के लोगों ने भी सुनी थी। बीते दिन की संध्या से ही अचानक उक्त घर में किसी प्रकार का शोरगुल नहीं होने के बाद लोगों को शक हुआ, कि निशा की कहीं हत्या तो नहीं कर दी गई। किन्तु इसके बीच एक बाइक से ससुरालवाले निशा को लेकर निकले थे, जिससे हत्या की बात को लेकर संशय बना हुआ था। इसी बीच शुक्रवार की सुबह को विवाहिता की मौत होने और शव जला दिए जाने की बात सामने आई। इसके बाद लोग उग्र दिखे और पुलिस को इस संबंध में जानकारी दी गई।
अजीब तर्क-कोरोना के झंझट से बचने के लिए शव जलाया
वहीं, बेटी की हत्या और उसका शव जला दिए जाने की जानकारी के बाद बेलागंज थाना के बलुआ से मायके वाले मंगलागौरी को पहुंचे। यहां पहुंचकर ससुरालवालों से घटना के संदर्भ में जानकारी लेना चाहा तो वे मारपीट करने लगे। मारपीट किए जाने की जानकारी तुरंत मायके वालों ने पुलिस को दी। वैसे ससुराल पक्ष की ओर से कुछ यह भी तर्क दे रहे, कि विवाहिता की मौत के बाद कोरोना के झंझट से बचने के लिए शव को जलाया।
बिहारशरीफ में ताड़ी पीने के विवाद में लाठी से पीट ताड़ी विक्रेता की हत्या
परबलपुर थाना अंतर्गत कतरु बिगहा गांव में गुरुवार की रात बदमाशों ने लाठी और ईंट-पत्थर से पीट-पीटकर ताड़ी विक्रेता को मौत के घाट उतार दिया। वारदात को अंजाम दे बदमाश बुलेट मौके पर छोड़, फरार हो गए। मृतक 40 वर्षीय पुत्र खीरु मांझी उर्फ रविन्द्र मांझी है। ताड़ी पीने के विवाद में विक्रेता का कुछ लोगों से झगड़ा हुआ था। उसी रंजिश में हत्याकांड को अंजाम देने का आरोप है। मृतक के भाई रामानंद मांझी ने 4 नामजद व दो अज्ञात पर केस दर्ज कराया है।
शुक्रवार को कलेक्ट्रेट के आपदा प्रबंधन विभाग में कार्यरत कर्मी रमण प्रसाद सिंह ने बिल भुगतान को लेकर डीएम डाॅ. निलेश रामचन्द्र देवरे द्वारा आपत्तिजनक व अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने का अाराेप लगाया। इस पर नाराज होकर अन्य कुछ कर्मियों के साथ रमण प्रसाद सिंह ने कलेक्ट्रेट के कैंपस में ही बैठक कर दी। साथ ही इसकी सूचना बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी संघ को भी दी। संघ को दिए गए आवेदन में इन्होंने कहा है कि मुजफ्फरपुर की निजी कंपनी की ओर से अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में 24 हजार 850 लीटर हाईपोक्लोराइड सोल्यूशन की आपूर्ति की गई थी। इसी बिल के भुगतान के लिए डीएम ने अपशब्द कहे।
वाट्सएप पर प्राप्त हुआ था बिल
रमण प्रसाद सिंह ने कहा कि पहला बिल हस्तलिखित रूप से 27 अप्रैल को निजी वाट्सएप पर दिया गया था। जिसमें उन्होंने प्रतिलीटर 26 रुपए की दर से जीएसटी व भाड़ा सहित 7 लाख 94 हजार 500 रुपए का बिल भेजा था। डीएम ने इसपर 21 रुपए प्रतिलीटर भुगतान करने का आदेश दिया था। साथ ही कंप्यूटर जेनेरेटेड बिल पर ही भुगतान करने की बात कही थी। हालांकि, कर्मी के आराेप को लेकर देर शाम तक भास्कर के रिपोर्टर ने डीएम से फोन पर बात करने की कोशिश की। वाट्सएप पर भी पूछा, पर उन्होंने ऑनलाइन होकर भी पक्ष नहीं दिया।
कर्मी ने कहा- डीएम के दबाव में पास किया बिल
कर्मी ने बताया कि डीएम के दबाव के कारण 5 मई को केवल कंप्यूटर से टाइप बिल को पारित कर दिया गया। 6 मई को जिला नजारत को भुगतान के लिए भेज दिया गया। साथ ही बताया कि संबंधित एजेंसी की ओर से कंप्यूटर जनरेटेड बिल नहीं दिया गया, और कार्यालय पर दबाव बनाकर डीएम द्वारा फर्जी बिल को पारित कराकर भुगतान किया गया। फर्म की ओर से पक्का बिल भी नहीं दिया गया। बावजूद बिल के भुगतान का आदेश दे दिया गया।
मध्यप्रदेश के कटनी में फंसे बिहार के 13 छात्र घर वापसी के लिए 15 दिनों से लगातार प्रयास कर रहे हैं। वे बिहार और मध्यप्रदेश के 1260 अधिकारियाें के साथ ही कोविड-19 से जुड़े अफसराें को फोन कर चुके हैं। प्रधानमंत्री अाैर मुख्यमंत्री काे भी ट्वीट किया। इसके बावजूद खगड़िया के डीएम को छोड़कर किसी ने भी उनकी वापसी की व्यवस्था करने की बात ताे दूर, सही तरीके से रिस्पांस भी नहीं दिया। कई ने फोन काट दिया, तो कई ने इंतजार करने काे कहा। जबकि, खगड़िया के डीएम ने छात्रों से उनकी समस्या को पूछते हुए वापसी के लिए प्रयास करने का आश्वासन दिया।
इसी तरह अहमदाबाद में फंसे चंदन कुमार आईटी कंपनी में कार्यरत हैं। वे 20 दिनों से अपने दोस्तों के साथ सड़क पर भोजन का पैकेट बांटने वालों के सहारे अपना गुजारा कर रहे हैं। पटना के डीएम कुमार रवि ने कहा कि देश के अन्य हिस्सों में फंसे लोगों की वापसी के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। हर दिन ट्रेन से अप्रवासी बिहार पहुंच रहे हैं। लोगों को धैर्य रखने की जरूरत है।
काेराेना के मरीजाें से भेदभाव करना गलत है। स्वस्थ हो चुके काेराेना के मरीजाें के साथ सामाजिक भेदभाव पर दैनिक भास्कर ने शुक्रवार को प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। यह खबर प्रकाशित होने के बाद 687 लोगों ने फोन और वाट्सएप से अपने विचार दिए। अधिकतर लोगों का कहना था कि किसी के बीमार होने पर उसे मानसिक सपाेर्ट की जरूरत है। उनसे भेदभाव करना पूरी तरह से गलत है।
यदि किसी के परिवार में कोई सदस्य बीमार होता है, तो क्या सभी लोग उससे दूरियां बना लेते हैं? पूर्णिया के मनीष कुमार पेशे से शिक्षित हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से ठीक हो चुके मरीज वास्तविक रूप से सच्चे सिपाही साबित होंगे। पटना सिटी के संतोष गुप्ता ने कहा कि इस तरह के भेदभाव से तो समाज ही समाप्त हो जाएगा। मोतिहारी की होजाफी सिद्दीकी ने कहा कि लोगों को एक साथ खड़े होने की जरूरत है। राजेंद्रनगर के योगेश कुमार ने कहा कि भास्कर में छपे विचार शब्द नहीं आह्वान है, जो लोगों को एक साथ खड़े होने के लिए अपील कर रहा है। कटिहार के आजमनगर निवासी प्रोफेसर मोहम्मद इसराइल ने कहा कि हमें भास्कर के विचार से सहमत होकर एक साथ खड़ा होना चाहिए। रांची की प्रियंका ने दैनिक भास्कर में छपे विचारों को अंतरआत्मा की आवाज बताया।
डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ के साथ ये भी हैं कोरोना योद्धा
बेगूसराय के रणधीर प्रसाद सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए हमें पुलिस, डॉक्टर, मेडिकल कर्मचारी, सफाईकर्मी, मरीज के साथ ही जो कोरोना वायरस से ठीक हुए लोगों का सहयोग करना चाहिए। पटना के छोटू सिंह ने कहा कि दैनिक भास्कर में प्रकाशित विचार से वह पूरी तरह से सहमत हैं। भोजपुर के जगदीशपुर निवासी एडी मुस्ताफा, मोतिहारी के महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के अमृत राज, सोनपुर के कुमार चंद्रवंशी, जहानाबाद के सुशील प्रताप सिंह समेत सैकड़ों लोगों ने दैनिक भास्कर के विचार पर अपनी सहमति व्यक्त की।
आईजीआईएमएस की नर्स समेत 20 अन्य स्टाफ की कोराेना जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आने वाले सभी चिकित्सकाें, नर्स, टेक्नीशियन, वार्ड ब्वाॅय, सफाईकर्मियाें की दोबारा जांच कराई गई। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। अब बंद पड़े गैस्ट्रो, नेफ्रोलॉजी, एमडीआर टीबी वार्ड काे खोलने पर विचार किया जा रहा है। सोमवार से संभवत: ये तीनों विभाग के वार्ड कार्यरत हो जाएंगे। तीन कोरोना संक्रमित मरीजों के चलते संस्थान के आठ विभागों के 20 डॉक्टराें समेत 60 से अधिक स्टाफ को क्वारेंटाइन किया गया था। सर्जरी विभाग की नर्स के पॉजिटिव मिलने से अभी सिर्फ गाइनी की चार डॉक्टर और नौ स्टाफ को क्वारेंटाइन किया गया है और लेबर रूम को सेनेटाइज करके बंद रखा गया है। इनलोगों की जांच पांच या सात दिन बाद कराई जाएगी। कम से कम 14 दिन तक ये सभी क्वारेंटाइन रहेंगी। इसके अलावा नर्सिंग क्वार्टर के जिस ब्लॉक में पॉजिटिव नर्स रहती है, उसके 11 फ्लैट में रहने वाले लोगों को भी क्वारेंटाइन किया गया है। उनकी भी जांच कराई जाएगी।
नौ और स्टाफ अस्पताल में ही क्वारेंटाइन
पॉजिटिव नर्स के संपर्क में आने वाले नौ और स्टाफ को अस्पताल में ही क्वारेंटाइन किया गया है। संपर्क आने वाले और लोगों की तलाश की जा रही है। नर्स का इलाज एनएमसीएच में चल रहा है। उसने मंगलवार को भी सर्जरी वार्ड में जनरल ड्यूटी की थी। बुधवार को उसकी जांच कराई गई थी। दूसरी ओर संस्थान के चिकित्सक, नर्स व कर्मचारी कोरोना से संक्रमित होने पर आईजीआईएमएस में ही इलाज की व्यवस्था करने की मांग कर रहे हैं। अस्पताल सूत्रों की मानें ताे इस मांग पर विचार किया जा रहा है। जिन कर्मचारियों का घर रेड जोन में आ गया है। उनके रहने की व्यवस्था पावर ग्रिड के विश्राम गृह में किया गया है।
कोरोना को परास्त करने वाले 11 मरीजों को शुक्रवार को एनएमसीएच से डिस्चार्ज किया गया। नोडल चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अजय कुमार सिन्हा व डॉ मुकुल कुमार सिंह ने बताया कि स्वस्थ हाेने वाले मरीजों में सासाराम का 28 वर्षीय शाहनवाज, भोजपुर की 25 वर्षीय हसीमा बेगम, मुंगेर के 76 वर्षीय मो मुस्ताक, छपरा की 35 वर्षीय पूजा देवी, सीवान के 60 वर्षीय लालबाबू महतो कोको अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
इनके अलावा पश्चिम चंपारण के 40 वर्षीय मनोज मुखिया, 5 वर्षीय कमलेश कुमार, 3 वर्षीय गुड़िया कुमारी व 1 साल की सीता कुमारी, भोजपुर बक्सर की आयशा व चांदनी कुमारी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। पश्चिम चंपारण के मरीज एक ही परिवार के हैं। अस्पताल से अबतक 119 मरीजों को स्वस्थ होने पर छुट्टी दे दी गई।
प्रखंड कार्यालय के समीप थाना से मात्र 200 मीटर की दूरी पर स्थित व्यापार मंडल परिसर में अवस्थित फिनो पेमेंट्स बैंक के ग्राहक सेवा केंद्र बदमाशों ने से 70 हजार रुपए नगद व संचालक का एक एंड्रॉयड मोबाइल फोन लूट लिया।
घटना को अंजाम देकर बदमाश आराम से फरार हो गए। घटना शुक्रवार के शाम की है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार तीन अपराधी एक काली पल्सर पर सवार होकर आए। एक अपराधी बाइक पर ही सवार रह गया, जबकि दो अपराधी उतर कर अंदर चले गए। तथा कैश मोबाइल लूट कर फरार हो गए। सीएसपी संचालक नीतेश कुमार ने बताया कि हथियार से लैस दो अपराधियों ने सीएसपी में आकर एक ने उनके ऊपर हथियार निकाल कर निशाने पर ले लिया। तथा रखे सत्तर हजार रुपए समेत मोबाइल लूट लिया। वहां मौजूद रुपए निकालने आए ग्राहक प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि हाथ मे पिस्टल लिए दूसरा अपराधी हथियार लहरा कर मौजूद अन्य ग्राहकों को शांत रहने की नसीहत देने लगा। बताते चले की उक्त परिसर के प्रथम तल्ला पर स्थानीय विधायक का भी आवास है। डीएसपी शैलेन्द्र कुमार ने घटना स्थल पर पहुंचकर घटना की छानबीन की। सीएसपी में कोई सीसीटीवी कैमरा भी नहीं लगा है।
शहर में शुक्रवार काे कई ऐसी दुकानें भी खुल गई थीं जिन्हें इजाजत नहीं थी। गांधी मैदान, कोतवाली, पीरबहोर, एसके पुरी, बुद्धा काॅलोनी आदि इलाकों मे ऐसे दो दर्जन दुकानों को पुलिस ने बंद करवाया और हिदायत दी कि आगे ऐसा करने पर एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया जाएगा। जो दुकानें खुल रही हैं वहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना और समय-समय पर जांच करते रहने का निर्देश थानेदाराें काे दिया गया है।शुक्रवार को गांधी मैदान थाने में छज्जूबाग स्थित मिठाई और घी दुकान पर एफआईआर हुई। दुकानदार राकेश कुमार बिना मास्क पहने मिठाई बेच रहा था। उसे गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं रिजवी कॉम्प्लेक्स में एक फोन कंपनी का शोरूम चलाने वाले पर एफआईआर हुई। उसने 4 और 5 मई को भी दुकान खोली थी और बिक्री की थी।
271 वाहनों से 2.90 लाख रुपए का जुर्माना वसूला
लॉकडाउन में कुछ दुकानों को मिलने वाली रियायत का शुक्रवार को पहला दिन था। एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने कई थाना इलाकों का खुद दौरा किया। एसएसपी दीघा, कदमकुआं, बाकरगंज, कोतवाली सहित कई इलाकों में औचक निरीक्षण किया। वहीं शुक्रवार को वाहन जांच के दौरान 271 वाहनों से 2.90 लाख रुपए का जुर्माना वसूला गया। 56 गाड़ियों का 91 हजार का चालान काटा गया और इस दौरान 104 गाड़ियां जब्त हुईं।
कोरोना महामारी ने मानवीय मूल्यों को इस कदर तार-तार कर दिया है कि मरे हुए लोगों का दाह संस्कार भी अब समय पर नहीं हो पा रहा है। इसका उदाहरण है संग्रामपुर प्रखंड के उत्तरी भवानीपुर पंचायत अंतर्गत ठिकहां निवासी हरिकिशोर दूबे उर्फ मंटू दूबे का शव, जो बीते मंगलवार से राेहतक में अटका हुआ है।
मंटू दूबे हरियाणा की एक कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते थे। बीते सोमवार को ड्यूटी के बाद आकर खाना बनाने के दौरान अचानक उनकी तबीयत खराब हुई। इसकी सूचना पर उनके एक भाई विनोद दूबे, जो वहीं काम करते हैं, ने उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। चिकित्सकों ने जांच के बाद ब्रेन हेमरेज की बात बताई। इलाज के दौरान ही मंगलवार को उनकी मौत हो गई। तब चिकित्सकों ने उनके शव को घर भेजने के बजाए पीजीआई रोहतक में भेज दिया। वहां उनके ब्लड का सेंपल कोरोना की जांच के लिए भेज दिया गया, जिसकी रिपोर्ट आने में तीन दिन लग गए। इधर, परिजन चार दिनों से दाह संस्कार के लिए भूखे-प्यासे शव के आने का इंतजार कर रहे हैं।
‘गाड़ी नहीं मिलने से पापा नहीं आ रहे थे’
मृतक मंटू दुबे की पत्नी शोभा देवी, सात वर्षीय बेटी साक्षी और पांच वर्षीय बेटा आर्यन घटना की खबर सुनकर बदहवास हैं। साक्षी और आर्यन काे ताे यह विश्वास ही नहीं हाे पा रहा है कि उनके पापा अब नहीं रहे। साक्षी कहती है, अंकल मेरे पापा छुट्टी (लाॅकडाउन) में फंस गए थे। घर आना चाह रहे थे, मगर गाड़ी नहीं मिलने से नहीं आ पा रहे थे। अब लाेग कह रहे हैं कि तुम्हारे पापा अब इस दुनिया में नहीं रहे। इतना कहकर वह राेने लगी। ढाढ़स देने वाले लोगों ने बताया कि हरिकिशोर की कमाई से ही परिवार का गुजारा चल रहा था। अब उसके मरने के बाद इन बच्चों की देखभाल कैसे होगी, यह एक बड़ा सवाल खड़ा हाे गया है। पत्नी और बच्चे चार दिनों से पिता के शव का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन, वह अाएगा कैसे, यहां ताे दाह-संस्कार करने का भी इन्हें सामर्थ्य नहीं है।