शहर में शनिवार काे काेराेना पाॅजिटिव के पांच अाैर नए मरीज मिले। इस तरह जिले में अब तक कुल 58 मरीज मिल चुके हैं। इसमें से जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में 13, इंदौर में 4 व भोपाल एम्स में एक कोरोना पॉजिटिव मरीज भर्ती है। जबकि जिला अस्पताल से अबतक 32 व इंदौर से एक कोरोना पॉजिटिव मरीज की छुट्टी हो चुकी है।
शनिवार को इंदौर भेजे गए चार कोरोना संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इनमें से तीन मरीज कोरोना पॉजिटिवाें के संपर्क में आने के कारण संक्रमित हुए। वहीं एक मरीज स्वास्थ्य विभाग के सामान्य सर्वे में कंटेनमेंट एरिया में मिला। 7 मई को खंडवा से भोपाल रैफर किए गए बांबे बाजार निवासी मरीज की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई। मरीज को एम्स के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया है। गौरतलब है तीन दिन पहले इसी मरीज की इंदौर भेजे सैंपल की रिपोर्ट नहीं आई है। जबकि भोपाल में सात तारीख को लिए सैंपल की रिपोर्ट मात्र 24 घंटे में ही आ गई। जानकारी के मुताबिक शनिवार को मिले चार में दो कोरोना पॉजिटिव सिंधी कॉलोनी के गली नंबर-1 के निवासी बाप-बेटे हैं, जो नंबर-4 के कोरोना पॉजिटिव मरीज, जाे अभी इंदौर में भर्ती है, के संपर्क में रहे हैं। वहीं गंज बाजार निवासी मरीज भी अस्पताल में भर्ती कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आकर संक्रमित हुआ। वहीं बड़ाबम निवासी मरीज सर्वे में पॉजिटिव मिला।
कोरोना पॉजिटिव के परिवार से रहवासी दबाव बनाकर बोले- घर खाली करो
शनिवार दोपहर 12 बजे बांबे बाजार से सराफा की ओर जाने वाला रास्ता, यहां शनिवार को मिले नए कोरोना पॉजिटिव मरीज के बाद स्थानीय रहवासी मरीज के परिवार पर रहम करने की बजाय उन्हें घर खाली करने के लिए दबाव बनाने जुट गए। मरीज के समाज के लोगों को उनकी बेटी ने भोपाल से फोन लगाकर जानकारी दी। इस बात की जानकारी मिलने पर भाजपा प्रवक्ता सुनील जैन मौके पर पहुंचे। लोगों से मिलकर वहां के स्थानीय जनों को मरीज के परिजन के साथ सहानुभूति रखने की अपील की। उन्होंने निगमकर्मियों को बुलाकर मरीज के घर व आसपास के क्षेत्र को सैनिटाइज कराया।
कोरोना पॉजिटिव मरीज का बेटा बांटता है दूध, कई परिवारों से संपर्क
बड़ाबम निवासी कोरोना पॉजिटिव मरीज का बेटा दूध की बंदी बांटने का काम करता है। मरीज के संक्रमित होने के बाद भी उनका बेटा दूध बांटने का काम करता है। मरीज के पॉजिटिव होने की पुष्टि के बाद लोगों में डर फैल गया है कि दूध बांटने के दौरान यह जिनके संपर्क में आया होगा, उनके स्वास्थ्य का क्या?।
स्वास्थ्य दल की टीमाें ने 2224 घराें का सर्वे किया
स्वास्थ्य विभाग के दल शहर के विभिन्न वार्डो में घर-घर जाकर सर्वेक्षण का कार्य कर रहे है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. डीएस चौहान ने बताया शनिवार को सर्वे दलाें ने कुल 2224 घरों में जाकर सर्वे किया व वहां के परिवारों के स्वास्थ्य की जानकारी ली।
भोपाल रैफर मरीज की खंडवा से भेजी रिपोर्ट नहीं आई
इंदौर भेजे 4 मरीजों की कोरोना टेस्ट रिपाेर्ट पॉजिटिव आई। वहीं खंडवा से भोपाल रैफर मरीज की इंदौर से अभी तक रिपोर्ट नहीं आई। मरीज के परिजन ने बताया कि भोपाल में लिया गया सैंपल पॉजिटिव आया। उनके घरवालों का जांच के लिए सैंपल लिया जाएगा।
डॉ.योगेश शर्मा, जिला महामारी विशेषज्ञ
कोविड-19 के तहत चल रहे लॉकडाउन में पंधाना तहसील स्थिति खंडवा सोया प्लांट में अप्रैल में काम बंद रहा। लॉकडाउन-3 में छूट मिलने पर प्लांट में काम शुरू हुआ। कर्मचारियों ने अप्रैल माह का वेतन मांगा तो इनकार कर दिया गया। प्लांट प्रबंधन ने कहा जितना काम उतना दाम। काम नहीं हुआ तो वेतन किस बात का। इस जवाब से कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ गया। शनिवार सुबह सैकड़ों कर्मचारियों ने प्लांट गेट पर विरोध प्रदर्शन किया। सूचना मिलने पर पंधाना तहसीलदार पहुंचे। कर्मचारियों ने उन्हें ज्ञापन देकर वेतन दिलाने की मांग की।
सोया प्लांट कर्मचारियों ने बताया हम यहां किराये के मकान लेकर परिवार के साथ रहते हैं। डेढ़ माह से जैसे-तैसे परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे। प्लांट में काम पर लौटने के बाद अप्रैल का वेतन मांगा तो इनकार कर दिया गया। हमें परिवार व नौकरी की चिंता सताने लगी है। प्रधानमंत्री व राज्य सरकार ने फैक्ट्री संचालकों को स्पष्ट निर्देश दे रखे हैं कि वे लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों का वेतन नहीं रोकें। इसके बावजूद खंडवा सोया प्लांट ने कर्मचारियों का वेतन देने से इनकार कर दिया है। कर्मचारियों ने कहा 25 साल से यहां कोई नया कारखाना या उद्योग नहीं लगने से कर्मचारियों का लगातार शोषण हो रहा है। क्षेत्र के युवा बेरोजगार की मार झेल रहे हैं। मजदूरों के हंगामे की सूचना पर पंधाना तहसीलदार विजय सेनानी प्लांट पहुंचे। कर्मचारियों उन्हें ज्ञापन देकर समस्या बताई। उन्होंने निष्पक्ष जांच व उचित कार्रवाई की आश्वासन दिया। प्लांट प्रबंधक अशोक संचेती ने कहा मार्च तक का सभी को पैमेंट कर दिया है। अप्रैल में जिस कर्मचारी ने काम किया, उसे भी भुगतान कर दिया गया है। फिर भी तहसीलदार द्वारा जो भी नोटिस दिया जाएगा उसका जवाब देंगे।
खंडवा-होशंगाबाद हाईवे से उत्तरप्रदेश, बिहार व म.प्र. के कई मजदूर पैदल ही अपने घर जा रहे हैं। यह सिलसिला कई दिन से चल रहा है। इन मजदूरों को गांव के दिलीप सिंह चौहान नाश्ते के पैकेट बांट रहे थे। 5 मई से पार वाली माताजी मंदिर पर जय माता दी सेवा समिति द्वारा इनके भोजन की व्यवस्था की गई है। यहां से पैदल निकलने वाले मजदूरों को सुबह से शाम तक भोजन कराया जा रहा है। प्रतिदिन 150 से 200 मजदूर यहां भोजन कर रहे हैं। समिति को गांव के लोग भी यथासंभव अनाज व आर्थिक मदद कर रहे हैं।
लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने महाराणा प्रताप जयंती मनाई। क्षत्रिय राजपूत युवा महासभा अध्यक्ष ठाकुर इंदल सिंह पंवार के मुख्य आतिथ्य में कार्यक्रम किया। इसमें समाज के युवाओं को त्याग बलिदान वीरता के प्रतीक महाराणा प्रताप की फोटो वितरित की गई। इस अवसर करणी सेना शहर अध्यक्ष शिवा पवार, मोहन सिंह सावनेर, दीपक सिंह सावनेर, जितेंद्र सिंह पवार, धर्मेंद्र सिंह मौर्य, मोहित सिंह मौर्य, शंकर सिंह राजपूत उपस्थित थे।
अभाविप ने कोरोना वारियर्स के उत्साहवर्धन एवं विद्यार्थियों में सृजनशीलता के लिए चित्रकला स्पर्धा का आयोजन किया। परिषद के जिला संयोजक शांतम दुबे ने बताया कोरोना वारियर्स के उत्साहवर्धन एवं विद्यार्थियों में सृजनशीलता के विकास के लिए चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में पूरे जिले से लगभग 70 विद्यार्थियों ने भाग लिया। चित्रकला का विषय जिस प्रकार दिन रात एक कर कर जो हमारे योद्धा इस महामारी से लड़ रहे हैं ऐसे योद्धाओं को धन्यवाद अर्पित करना था। इससे पहले बुद्ध जयंती पर भी परिषद के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से अपनी श्रद्धा व्यक्त की थी। स्पर्धा में परिषद के संदीपसिंह चौहान, शुभम सवाले, दीपिका गंगराडे, शुभम पटेल, रुद्रांश ओझा का योगदान रहा।
किशोर नगर के श्री सिद्धि विनायक गणेश मंदिर में सात दिवसीय कालों के काल महाकाल भगवान शिवजी के महामृत्युंजय मंत्रों की पूर्णाहुति हुई। सातों दिन सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखते हुए मंदिर प्रमुख पं. संजय राजवैध के दिशा निर्देश में पं. शरद सोहनी, पं. गुणवंत राय चौरे, पं. आनंद उपाध्याय, और पं. कपिल चंद्रे द्वारा पूर्ण आस्था एवं विश्वास के साथ महामृत्युंजय मंत्र का सवा लाख जाप किया गया। सात दिवसीय मंत्र जाप के दौरान मंदिर में बाहरी श्रद्धालुओं का प्रवेश निषेध रहा।
ग्राम धनोरा में राजपूत समाज ने वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जयंती संक्षिप्त रूप में मनाई। समाज के प्रमुख जगदीश निकुम व महाराणा सेना तहसील अध्यक्ष हरीशंकर राजपूत ने महाराणा की प्रतिमा पर पुष्पमाला पहनाकर व दीप प्रज्जवलित किया। इस मौके पर समाज ने प्रात: 9 बजे से राज्य मार्ग से गुजर रहे मजदूरों को भोजन करना प्रारंभ किया है। इस व्यवस्था में जितेंद्रसिंह सोलंकी, श्रवण राजपूत, महेंद्र राजपूत, अनुराग ठाकुर व सोनू निकुम आदि समाजजन अन्नदान कर सहयोग प्रदान कर रहे हैं। यह व्यवस्था सतत जारी रहेगी।
नगर के राजपूत समाज ने शनिवार को क्षत्रिय कुलभूषण वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती मनाई। लॉकडाउन के चलते समाज इस साल कोई कार्यक्रम का आयोजन नहीं कर सका। समाज के लोगों ने हरदा तिराहे स्थित महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद समाज ने सफाई कर्मियों को मास्क का वितरण भी किया। इस मौके पर समाज के गोल्डी राजपूत, जयसिंह राजपूत, शंकर सोलंकी, राकेश राजपूत, भूपेंद्र राजपूत, जितेंद्र राजपूत सहित युवा उपस्थित थे।
राजपूत समाज के बाद खिरकिया भाजपा मंडल द्वारा भी इसी स्थान पर महाराणा प्रताप को नमन किया। उनकी प्रतिमा पर पुष्पवर्षा की गई। इस मौके पर मंडल अध्यक्ष गोलू राजपूत ने कहा महाराणा प्रताप ने अपनी मान-मर्यादा की रक्षा के लिए जंगल में रहकर घास की रोटी खाने से भी गुरेज नहीं किया। उन्होंने पूरे देश को एक सूत्र में बांधने का प्रयास किया। इस मौके पर विजयंत गौर, बबलू पंवार, सोनू तिवारी, हरिओम बांके, मानसिंग पंवार, गंगाबिशन राजपूत आदि उपस्थित थे।
राजपूत समाज द्वारा शनिवार को महाराणा प्रताप जयंती पर हर साल की तरह कोई बड़ा कार्यक्रम नहीं किया गया। समाज के वरिष्ठजनों की उपस्थिति में महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलित किया गया। समाज नगर अध्यक्ष शिवराजसिंह चौहान, युवा इकाई अध्यक्ष राहुल सिंह चौहान ने बताया लॉकडाउन में कोई कार्यक्रम नहीं किया जा सकता था। समाज ने इस मौके पर कोरोना से जंग में सहयोग कर रहे वारियर्स पुलिस व नगर परिषद के अफसर-कर्मचारियों का सम्मान किया। थाने में प्रभारी अंतिम पंवार सहित स्टाफ को महाराणा प्रताप की प्रतिमा भेंट कर पुष्पहार से सम्मान किया। इस मौके पर समाज के धनसिंह दरबार, शैलेंद्र सोनगरे, भगवानसिंह सूर्यवंशी, ब्रजमोहन मौर्य, विराजसिंह राजपूत, निखिल सोलंकी आदि उपस्थित थे।
सरकार द्वारा पर्यावरण सुधार के लिए हर साल करोड़ों रुपए खर्च कर पौधे लगाए जा रहे हैं। वही गांव के एक शिक्षक ने सिंगोट-खालवा रोड पर भाम नदी किनारे बिना अनुमति 28 पेड़ काट डाले।
गांव के मनोज यादव की सूचना पर सिंगोट पटवारी दिलीप सैनी ने मौके पर पहुंचकर कटे पेड़ों का पंचनामा बनाया। इसमें नीम के 8, रिंझोड़ा का 1, अस्तरा का 1, बबूल का 1, शिव बबूल के 2 तथा अरल के 3 पेड़ शामिल हैं। खेत मालिक के पुत्र बसंत डोंगरे व उनके बटाईदार भगवान भाई ने बताया पेड़ किसने काटे हमें नहीं पता। हम तो लॉकडाउन में खेत ही नहीं जा रहे हैं। मनोज यादव ने बताया लगभग ग्राम पांचबेड़ी के 10-11 मजदूर आज सुबह भी पेड़ काट रहे थे। उन्होंने ही बताया कि बसंत डोंगरे के कहने पर ही पेड़ काटने आए थे। उसने कहा था जितनी लकड़ी निकले ले जाना।
इंदौर-इच्छापुर हाईवे स्थित भमराड़ी पुल पर शुक्रवार रात 12 बजे केले से भरे ट्रक क्रमांक यूपी-83 एटी-1011 एक अन्य ट्रक ने पुल से ओवरटेक करते हुए टक्कर मार दी। टक्कर से ट्रक पुल की दीवार से जा टकराया। यह अच्छा रहा कि दीवार नहीं टूटी वरना ट्रक पुल के नीचे गिर जाता। टक्कर से ट्रक के अगले पहिये का कमानी पत्ता टूटने व स्टेयरिंग जाम हो गया। अन्य वाहनों को पुल से निकलने में काफी मशक्कत करना पड़ा।
शनिवार सुबह सूचना मिलने पर बोरगांव चौकी से द आरक्षक पहुंचे और वाहनों को एक-एक कर निकालते रहे। एक बार में एक ही वाहन निकल सकता था इस कारण पुल के दोनों ओर वाहनों को इंतजार करना पड़ा। ट्रक चालक संजय जाट निवासी बरेली (उ.प्र.) ने बताया संकरा पुल होने के बावजूद पीछे के वाहन को ओवरटेक नहीं करना चाहिए था। शाम 4 बजे तक ट्रक को पुल से बाहर नहीं निकाला जा सका था। 5 बजे के बाद जेसीबी से ट्रक को पुल से बाहर निकाला जा सका।
नकली सीबीआई एसपी बनकर लोगों के साथ धोखाधड़ी करने वाले आरोपी अनिरुद्ध पिता राजेंद्र मोतेकर निवासी सुभाष नगर का जमानत आवेदन न्यायालय ने खारिज कर दिया। मामले की सुनवाई प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश हरिओम अतलसिया की अदालत में हुई। आरोपी के वकील ने तर्क दिया कि उसे असत्य अपराध में फंसाया गया है। जिसका की आरोपी अनिरुद्ध से कोई लेना देना नहीं है। मामले में शासन की ओर से पैरवी कर रहे अपर लोक अभियोजक मनीष बरोले ने जमानत आवेदन पर आपत्ति दर्ज करते हुए तर्क दिया कि आरोपी ने बेहद गंभीर अपराध किया है जेल में बंद गंभीर मामलों के आरोपियों की फर्जी जमानत आदेश मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के नाम की सील लगाकर जारी कर दिए। इसके अलावा वन विभाग के परिवहन आदेश भी कूट रचित दस्तावेज बनाकर लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रुपए लिए हैं। आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी के गंभीर मामले दर्ज हैं। इसलिए उसे जमानत देना उचित नहीं होगा न्यायाधीश ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी की जमानत खारिज कर दी।
लॉकडाउन में समोसे बनाकर बेच रहा था, केस
लॉकडाउन के दौरान तीन पुलिया क्षेत्र में समोसे बनाकर बेच रहे सतीश केशवदास उपासीन, योगेश उर्फ योगी के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने धारा 188, 51ख आपदा प्रबंधन के तहत केस दर्ज किया है।
कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जारी राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन में अन्य प्रदेशों से क्षेत्र के मजदूर लौट रहे हैं। खालवा व बैतूल जिले के भीमपुर ब्लाक के 38 मजदूरों को गुजरात के भरूच से लाने के लिए बस भेजी गई। शनिवार को सभी मजदूर जोगीबीड़ा पहुंचे। यहां स्वास्थ्य परीक्षण उपरांत विधायक विजय शाह ने मजदूरों को कपड़े, मास्क, सैनिटाइजर व एक-एक बैग देकर घर के लिए रवाना किया।
विधायक शाह के जोगीबीड़ा स्थित वेयर हाउस प्रांगण में मजदूरों को भोजन कराया गया। उन्होंने मजदूरों से कोरोना से सुरक्षित रहने के लिए लॉकडाउन व सोशल डिस्टेंस के पालन का आग्रह किया। उन्होंने कहा सरकार प्रदेश के बाहर काम करने वाले मजदूरों को सुरक्षित घर तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व कर्नाटक के उडुपी से भी नवोदय विद्यालय के 20 बच्चों को खंडवा लाने के लिए विधायक ने बस भिजवाई थी।
इन गांवों के हैं मजदूर - जिले में खालवा ब्लाक के चाड़ीदा, चाकरा तथा बैतूल जिले के भीमपुर, चिल्लौर, दामजीपुरा व पाटलाखुर्द के 38 मजदूरों में नाहरू छोटेलाल, भोलाराम पतिराम, केंडे सोमालाल, बिल्ला मुन्नालाल, छोटू पिता गोमा ने बताया विधायक शाह की मदद से ही हम गांव तक पहुंच सके हैं। उन्होंने जिला प्रशासन का भी आभार माना। इस मौके पर भाजपा नेता अशोक वर्मा, संतोष सिटोके, संतोष सोनी, कमल खंडेलवाल, संजय जैन व केवलराम पटेल आदि भी मौजूद थे।
गांव में सुबह-सुबह एक व्यक्ति एक जगह-जगह बैठकर खांसता दिखाई दिया। ग्रामीणों ने पास जाकर देखा तो उसे सर्दी व बुखार भी था। उन्होंने सुबह 7.15 बजे एसडीएम व तहसीलदार को सूचना दी। 9 बजे कोटवार मौके पर पहुंचा। कोरोना संदिग्ध मानकर कोटवार ने 108 व 104 नंबर पर फोन किया। एक घंटे तक एक भी एंबुलेंस नहीं आई। इसकी सूचना मिलने पर तहसीलदार बीड पहुंचीं और युवक को अपने वाहन से ही मूंदी अस्पताल ले गईं। यहां से उसे कोविड सेंटर खंडवा भेज दिया गया।
पांच दिन पहले आरोग्य सेतु एप पर कोरोना पॉजिटिव इंगित होने से ग्रामीण पहले से ही डरे हुए थे। गांव में कोरोना संदिग्ध होने की सूचना फैल गई। एंबुलेंस नहीं आने की सूचना पर तहसीलदार सीमा मौर्य ने पटवारी से जानकारी ली। पटवारी द्वारा वाहन नहीं आने की बात कही तो तहसीलदार 10 बजे बीड़ पहुंचीं। चालक नहीं होने से उनके पति ही वाहन चलाकर लाए थे। उनके पूछने पर संदिग्ध पीड़ित ने अपना नाम छतरसिंह पिता बख्तावर सिंह निवासी गोराड़िया बताया। छतरसिंह को मूंदी अस्पताल में उतारने के बाद तहसीलदार के वाहन को सैनिटाइज किया गया। यहां बीएमओ डॉ. रामकृष्ण इंगला ने उसका प्राथमिक इलाज व नाश्ता कराकर दोपहर 12.30 बजे कोविड सेंटर खंडवा भेज दिया गया। अस्पताल में जलपान के साथ बिस्कुट भी खिलाए गए। उपचार के बाद दोपहर 12:30 बजे उसे एंबुलेंस से खंडवा कोविड सेंटर भेजा। बीड़ के लोगों ने तहसीलदार की संवेदनशीलता की जमकर प्रशंसा की।
सैनिटाइजर छिड़काव की मांग
गांव में दो संदिग्ध घटनाएं होने के बाद ग्रामीण अब पूरे गांव में सैनिटाइजर छिड़काव की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है एक बार वायरस फैल गया तो पूरा गांव चपेट में आ सकता है। उन्होंने बताया ग्राम पंचायत में सचिव और सहायक सचिव दोनों ही नदारद रहते हैं। सचिव खंडवा में रहने से नहीं आते और सहायक सचिव बीमार है। गांव में लॉकडाउन के दौरान एक बार भी दिखाई नहीं दिए।
लक्षण दिखने से खंडवा भेजा
तहसीलदार ने जिस व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाया उसे जुकाम व तेज बुखार था। उसमें कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे हैं इसलिए कोविड सेंटर जांच के लिए भेजा है। रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ पता चल पाएगा।
डॉ. आरके इंगला, बीएमओ, मूंदी
अमेरिका में एक इंजीनियर बेटी को भारत में अपने डॉक्टर पिता की चिंता सता रही है। भारत के कस्बाई इलाकों में डॉक्टरों को पीपीई किट नहीं मिल पा रही है। इस बेटी ने अपने पिता के लिए पीपीई किट भेजने के साथ आग्रह भी किया है कि इसे पहनकर ही अस्पताल में प्रवेश करें। मरीजों का इलाज करने के साथ अपनी सुरक्षा भी जरूरी है।
यह होनहार बेटी पुनासा अस्पताल में पदस्थ डॉ. कमल सेंधव की बेटी बबीता है। वह अमेरिका की एक मल्टीनेशनल कंपनी में साफ्टवेयर इंजीनियर है। दुनिया इन दिनों कोरोना संक्रमण से जूझ रही है। मरीजों का इलाज करने वाले कई डॉक्टर भी संक्रमित हो चुके हैं। ऐसे में बबीता भी अपने पिता को लेकर चिंतित रहती है। उसने अपने पिता व स्टाफ के लिए पीपीई किट भेजे हैं। डॉ. सेंधव ने कहा बेटी ने बताया है कि वह अमेरिका में सेफ जोन में और स्वस्थ है। उसने हमारे लिए 30 पीपीई किट भेजे हैं। डॉ. सेंधव ने कुछ किट मूंदी बीएमओ डॉ. आरके इंगला को भी भेजे हैं।
इंदौर के चमेली देवी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट द्वारा आदिवासी क्षेत्रों में मनरेगा के तहत काम कर रहे मजदूरों को मास्क व ओआरएस के पैकेट वितरित किए गए। ग्रुप के जमील खान ने बताया ग्रुप द्वारा प्रदेश के समस्त आदिवासी अंचलों में यह वितरण नि:शुल्क किया जाएगा। खारकला से इसकी शुरुआत की जा रही है। गर्मी व घबराहट से बचाव के लिए ओआरएस के पैकेट भी दिए जा रहे हैं। इस मौके पर क्षेत्र के स्वास्थ्य प्रभारी मोहन मंसूरे, पंचायत सचिव नरसिंग सावलनेर, सरपंच प्रतिनिधि गोपाल पटेल आदि उपस्थित थे।
क्वारंटाइन सेंटर पर जान जोखिम में डालकर करीब दो माह से सेवाएं दे रहे डॉक्टरों के साथ अभद्र व्यवहार का सिलसिला नहीं रुक रहा है। पिछले 3 दिन से मुल्तानपुरा कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति का इलाज करने वाला फर्जी डॉक्टर शासकीय डॉक्टरों व नर्सों से अभद्र व्यवहार कर रहा है। मामले में चिकित्सकों ने संबंधित की केस फाइल में शिकायत दर्ज करने के साथ उच्च अधिकारियों को भी मामले की जानकारी दी है। जिम्मेदार अधिकारी फर्जी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की बात कह रहे हैं।
जिले में चिकित्सकों व नर्सों के साथ अभद्र व्यवहार का दूसरा मामला सामने आया है। हैरानी की बात यह है कि अभद्र व्यवहार करने वाला स्वघोषित डॉक्टर है। इनके पास किसी प्रकार का लाइसेंस नहीं है। बावजूद वह खुलेआम संजीत नाके पर लोगों का इलाज कर रहा था। कुछ दिन पहले मुल्तानपुरा व्यक्ति की मौत के बाद उसकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। जांच में सामने आया था कि उक्त पॉजिटिव व्यक्ति ने संजीत नाका क्षेत्र स्थित इसी फर्जी डॉक्टर से इलाज कराया था। सुधार नहीं हुआ तो मरीज जिला अस्पताल पहुंचा। यहां से इंदौर रेफर करने के दौरान उसकी मौत हो गई। ट्रेवल हिस्ट्री में उक्त फर्जी डॉक्टर द्वारा इलाज की जानकारी सामने आई तो प्रशासन ने उसे होम क्वारंटाइन किया। इसके बाद भी वह इलाज व आसपास भ्रमण करता रहा। नियमों का पालन नहीं करने पर 3 दिन पहले प्रशासन ने फर्जी डॉक्टर को क्वारंटाइन सेंटर पहुंचाया। यहां वह रोज सेंटर पर चिकित्सकों व नर्सों के साथ अभद्र व्यवहार कर रहा है।
गुरुवार सुबह स्टाफ नर्स सेंटर पर भर्ती संदिग्धों का बीपी, शुगर जांच करने के लिए राउंड पर गई। फर्जी डॉक्टर फोन पर बात कर रहा था, उसने नर्स को गेट पर ही खड़ा कर दिया। फोन रखने से मना करते हुए नर्स से कहा कि मेरा चेकअप करने के लिए डॉक्टर को भेजो। इसके बाद वहां पदस्थ डॉक्टर उनकी जांच करने गए तो उन्हें भी गेट पर ही खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं डॉक्टर हूं, आपकी जांच करने आया हूं। इस पर भर्ती संदिग्ध ने डॉक्टर से निडल लेकर उंगली से खून निकालने का प्रयास किया। दो-तीन बार के बाद भी शुगर की जांच के लिए खून नहीं निकला तो डयूटी डॉक्टर ने उनसे कहा कि मैं कर दूं। इस बात पर फर्जी डॉक्टर ने लेंडसेट (डिस्पोजेबल नीडल) ड्यूटी डॉक्टर के ऊपर फेंक दी। इसकी शिकायत डॉक्टर ने अपने वरिष्ठ डॉक्टराें व जिपं सीईओ से की। वरिष्ठ चिकित्सकों ने केस शीट की फाइल में अभद्र व्यवहार का जिक्र कर नर्स व डॉक्टर के साइन ले लिए लेकिन जिला प्रशासन ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की।
कमरे में बिस्किट फेंककर बोला : इसे डस्टबिन में डाल दो
यही नहीं फर्जी डॉक्टर ने शुक्रवार सुबह खाने के लिए स्टाफ से बिस्किट मंगवाए। नर्स ने उसे बिस्किट का पैकेट उपलब्ध कराया। उसने दो बिस्किट खाकर पैकेट काे वहीं रख दिया। शाम को नर्स वापस राउंड पर गई तब फर्जी डॉक्टर ने बेड से ही बिस्किट का पैकेट फेंककर कहा कि इसे डस्टबिन में डाल दो। वह नर्सों व चिकित्सकों के साथ इस तरह का अभद्र व्यवहार कर रहा है।
आरआरटी के साथ किया हंगामा, सेंटर पर लाने में लगे 4 घंटे
प्रशासन ने फर्जी डॉक्टर को क्वारंटाइन करने के लिए तीन दिन पहले आरआरटी को भेजा था। तब भी उसने टीम के साथ अभद्र व्यवहार किया था। चार घंटे के हंगामे के बाद टीम उसको क्वारंटाइन सेंटर लाई।
जांच करने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी
क्वारंटाइन मेंं भर्ती डॉ. ताज मंसूरी के नाम पर कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है। डिग्री या किस आधार पर वह लोगों का चेकअप कर रहा है, जांच के लिए एसडीएम, एसडीओपी, बीएमओ की टीम गठित है। मामले की जांच कराई जाएगी। जांच के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. महेश मालवीय, सीएमएचओ
वे मोटी सुई लाए थे, इससे मुझे डर लगता है
मेरे नाम पर कोई लाइसेंस नहीं है, मेरे भतीजा फजल डेंटिस्ट है। वह बैठता है क्लीनिक पर, लाइसेंस भी उसी के नाम पर है। मैं आयुर्वेदिक का उपचार करता हूं। कोई इंजेक्शन व बोतल ले आता है तो लगा देते हैं। मैं तो सेवा करता हूं। उसमें भी किसी ने गलत शिकायत कर दी। मरीज ने पता नहीं किससे उपचार कराया और मेरा नाम ले लिया। घर पर था तो किसी ने शिकायत कर दी कि मरीज देख रहे जबकि मैं तो घर पर ही बैठा था। गलत शिकायतें हैं। किसी डॉक्टर से विवाद नहीं किया। वह मोटी सुई लाए थे तो मैंने उनसे कहां कि पतली ले आओ मोटी से मुझे डर लगता है। विवाद जैसी कोई बात नहीं है।
ताज मंसूरी, क्वारंटाइन में भर्ती फर्जी डॉक्टर
सुतलीखेड़ा में अज्ञात बदमाश ने महिला की गला दबाकर हत्या कर दी। महिला शुक्रवार सुबह से घर से लापता थी। घटना के समय उसका पति पड़ोस के गांव गया था। बच्चों द्वारा दी सूचना पर पति गांव पहुंचा और महिला की तलाश की। इस पर उसका शव उसी के खेत के पास स्थित झाड़ियों में मिला। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच की।
पैनल पीएम के बाद महिला का शव परिजन के सुपुर्द किया गया।
शनिवार दोपहर 12 बजे सुतलीखेड़ा स्थित तालाब के पास श्यामूबाई (40) का शव तालाब की पाल के पास होने की सूचना खुद उसके पति पति रतनसिंह सौंधिया राजपूत ने थाने पर दी। एसडीओपी फूलसिंह परस्ते बल सहित मौके पर पहुंचे। यहां महिला का शव फूल चुका था और उसके कपड़े अस्त-व्यस्त थे। पुलिस ने एफएसएल टीम को सूचना दी। नीमच एफएसएल अधिकारी प्रकाश लोहिया पहुंचे और जांच की। महिला का अस्पताल में पैनल पीएम हुआ। लोहिया ने बताया क्राइम सीन देखकर लग रहा है कि महिला के साथ ज्यादती के बाद उसकी हत्या की गई है। शव दो दिन पुराना है। बीएमओ डॉ. आकाश चौधरी ने बताया शाॅर्ट पीएम रिपोर्ट में महिला की मौत गला दबाने से हुई है। ज्यादती की पुष्टि नहीं हुई है। इसके बाद भी विसरा प्रिजर्व किया है। विजाइना स्लाइड बनाई है। रिपोर्ट आने के बाद ही खुलासा हो सकेगा।
गला दबाकर की गई है महिला की हत्या
एसआई लाखनसिंह ने बताया महिला की मौत गला दबाकर से से हुई है। पति से हुई प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि वह शुक्रवार को पास के गांव पगारिया गया था। रात को वहीं रुका था। जब दिनभर पत्नी नहीं आई तो उसके बच्चों ने सूचना दी। इस पर शनिवार सुबह वह गांव पहुंचा। यहां बच्चों ने उसे बताया कि मां खेत पर लकड़ी लेने गई थी। इस पर वह खेत पर पहुंचा और तलाश की। तब उसे नाले के पास स्थित झाड़ियों में महिला का शव मिला। मामले में जांच की जा रही है। एसडीओपी परस्ते ने बताया मामले जांच कर जा रही है।
हरपालपुर नगर में शनिवार सुबह करीब 7 बजे अज्ञात वाहन में सवार लोगों ने 2 स्थानों पर 20-20 रुपए के नोट फैंके। इस प्रकार वाहन से नोट फेंके जाने के बाद नगर में कोरोना संक्रमण की आशंका के चलते अफरा तफरी मच गई। प्रशासन ने दोनों स्थानों पर फेंके गए 20-20 के 23 नोट जब्त कर जांच के लिए भेजे और एहतियातन बाजार बंद करवा दिया। हालांकि अभी नोट फेंकने वाले वाहन का पता नहीं चल सका है। पुलिस इन वाहनों की तलाश कर रही है।
सुबह करीब 7 बजे बाजार खुला था।
लोग सब्जी एवं अन्य उपयोगी सामग्री की खरीददारी करने के लिए बाजार पहुंचे थे। इसी दौरान एक बाइक, एक सफेद रंग का लोडर और एक स्कॉर्पियो वाहन एक साथ निकले। नगर के अग्रोहा गैस एजेंसी और पुलिस लाइन के सामने 20-20 के नोट फेंके गए। लोग यह नहीं समझ पाए कि यह नोट बाइक सवारों ने फेंके हैं, लोडर वाहन ने फेंके हैं या स्कॉर्पियों सवारों ने फेंके हैं। इस प्रकार गिरे नोटों को कुछ लोग उठाने लगे, इसी बीच किसी जागरूक व्यक्ति ने कोरोना की आशंका के चलते डायल 100 को सूचना दी, तत्काल डायल 100 टीम मौके पर पहुंची और 7 लोगों के कब्जे से 20-20 के 23 नोट जब्त किए। इस घटना के बाद नगर में अफरा तफरी मच गई। कुछ लोगों ने यह नोट संक्रमण की आशंका के चलते जला भी दिए थे।
सूचना मिलते ही नौगांव तहसीलदार बीपी सिंह, एसडीओपी श्रीनाथ सिंह बघेल, थाना प्रभारी दिलीप पांडेय मौके पर पहुंचे। लोगों से जानकारी ली। इन नोटों को उठाने वाले 7 लोगों को चिन्हित कर उन्हें थाने लेकर पहुंचे। थाने में मेडिकल टीम ने पहुंच कर सभी की थर्मल स्क्रीनिंग की। इसके बाद प्रशासन ने एसडीएम बीबी गंगेले के निर्देश पर नोट बीनने वाले इन सातों लोगों को 14 दिनों के लिए होम क्वारेंटाइन कर दिया। साथ ही उनके घरों के बाहर नोटिस चस्पा करके उन्हें बाहर नहीं निकलने की सख्त हिदायत दी। इसके बाद अधिकारियों ने एहतियात के तौर पर बाजार बंद करवा दिया। सुबह करीब 9 बजे पूरा बाजार बंद हो गया, हालांकि इसके दोपहर बाद प्रशासन ने एनाउंस करके बाजार खोलने की अनुमति दी, लेकिन फिर दोपहर करीब 12 बजे के बाद इक्का दुक्का दुकानें ही खुलीं, अधिकांश दुकानें बंद ही रहीं।
प्रशासन ने व्यापारियों और आम लोगों को चार दिनों तक 20 के नोट से लेन देन नहीं करने की दी हिदायत
तहसीलदार ने 4 दिनों के लिए 20 रुपए के नोट से लेन देन पर रोक लगा दी है। प्रशासन ने पूरे नगर में मुनादी कराई है कि 4 दिनों तक नगर का कोई भी दुकानदार या आम ग्राहक 20-20 रुपए के नोट न लें। इन नोटों में संक्रमण का खतरा हो सकता है। पुलिस प्रशासन ने इन 23 नोटों को छतरपुर भेज दिया है, वहां से उन्हें जांच के लिए लैब भेजा जाएगा।
दो घंटे में पूरे इलाके को किया सैनिटाइज
नोट फेंके जाने की इस घटना के बाद से पूरा प्रशासन अलर्ट हो गया। नगर परिषद ने जहां-जहां नोट फेंके गए थे। वहां पर कर्मचारी एवं फायर ब्रिगेड भेज कर पूरे इलाकों में सैनिटाइजर का छिड़काव किया। सैनिटाइजेशन का काम करीब दो घंटे तक चलता रहा। साथ ही लोगों से सावधानी बरतने और घरों के अंदर रहने की अपील की।
नोटों को जांच के लिए भेजा जाएगा
तहसीलदार बीपी सिंह ने बताया कि जब्त किए 23 नोटों को संक्रमण की आशंका के चलते छतरपुर भेजा है, जहां से जांच के लिए लैब भेजा जाएगा। नगर के दुकानदारों और आम लोगों से 3-4 दिन तक 20 के नोट लेने में सावधानी बरतने की अपील की है। नोट फेंकने वालों की तलाश की जा रही है।
जिला कोरोना संक्रमण से मुक्त होने के कारण ग्रीन जोन में है। इस कारण स्थानीय प्रशासन ने 5 मई को केंद्र सरकार के आदेशानुसार जरूरी सामग्री सहित अन्य प्रतिष्ठान खोलने और बस संचालन की अनुमति प्रदान की है। पर संचालकों से परिवाहन विभाग लॉकडाउन के लिए टैक्स की मांग रहा है। साथ ही 50 प्रतिशत सवारियों के साथ वाहनों का संचालन कराना चाहता है। इस कारण चार दिन बाद भी ऑपरेटरों ने बसों का संचालन शुरू नहीं किया है। इसके साथ ही सराफा व्यापारियों के पास सोना-चांदी की थोक खरीदी के रेट नहीं हैं, इस कारण वे गहने नहीं बेच पा रहे हैं।
जिला प्रशासन ने चार दिन पहले अन्य प्रतिष्ठानों सहित सराफा बाजार को खोलने की अनुमति व्यापारियों को दी। पर मुंबई सहित अन्य बड़े शहरों में सराफा बंद है। इस कारण से सोना और चांदी के रेट उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। सराफा व्यापारी संघ के जिलाध्यक्ष प्रभात अग्रवाल ने बताया कि प्रशासन ने प्रतिष्ठान खोलने की अनुमति तो प्रदान कर दी है। पर सोना और चांदी के थोक रेट मुंबई से संचालित होते हैं, उसी के आधार पर जिले का व्यापारी होता है। मुंबई शहर में कोरोना संक्रमण फैलने के कारण पूरा सराफा बाजार बंद पड़ा है, इस कारण थोक रेट नहीं आ पा रहे हैं।
इस कारण छतरपुर सहित पूरे देश में सोना और चांदी का व्यापार ठप पड़ा हुआ है। अनुमति मिलने के बाद सभी सराफा व्यापारी बाजार में आते हैं और अपने प्रतिष्ठान खोलते हैं, पर व्यापार नहीं करते। रेट तय न होने से प्रतिदिन शहर के 40 व्यापारियों को लाखों का नुकसान हो रहा है। वहीं सोना-चांदी के छोटे-छोट कारीगर भी बेरोजगार हो गए हैं।
वहीं बस ऑपरेटरों को जिले के अंदर 50 प्रतिशत सवारियों के साथ वाहन संचालित करने की जिला प्रशासन द्वारा अनुमति प्रदान की गई है। इतनी कम सवारियों के साथ बसों को संचालन करने से ऑपरेटरों का खर्च तक नहीं नकलेगा। इस कारण अनुमति मिलने के चार दिन बाद भी संचालकों ने बसें चलाना शुरू नहीं किया है। वहीं परिवहन विभाग बस ऑपरेटरों से लॉकडाउन के दौरान बंद रहे वाहनों का टैक्स मांग रहा है। इस कारण संचालकों ने बसें चलाना शुरू नहीं किया है। बस और सराफा बाजार शुरू न हो पाने के कारण सरकार सहित व्यापारियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
बस संचालकों ने मुख्यमंत्री को भेजा पत्र
कोरोना महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन के कारण समाज के सभी वर्गों को आर्थिक नुकसान हुआ है। पिछले डेढ़ माह बाद यात्री बसों को आधी सवारियों के साथ संचालन की अनुमति प्रशासन ने दी। इस संकट से बाहर आने के लिए जिला बस ऑपरेटर एसोसिएशन ने कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर मदद की मांग की है। कार्यकारी अध्यक्ष अरविंद चौरसिया ने बताया कि अप्रैल से 6 माह तक वाहन टैक्स माफ किया जाए, बीमा अवधि को आगे बढ़ाया जाए, वाहनों के फायनेंस पर 6 माह का ब्याज छोड़ा जाए, 6 माह तक टोल टैक्स मुक्त किया जाए। इसके साथ ही छतरपुर नगर पालिका द्वारा बस स्टैंड पर ही सभी बसों का सैनिटाइजेशन किया जाए, स्पेयर टैक्स सितंबर 20 तक माफ किया जाए। वहीं डीजल की कीमत में 10 रुपए की छूट, बारात, टूर के परमिटों में टैक्स की छूट दी जाए। बसों के कर्मचारियों का बीमा लाभ देने के साथ ही 50 प्रतिशत सवारियों के साथ होने वाली क्षति का हर्जाना सरकार द्वारा दिया जाए।
कोरोना के चलते 46 दिन से शहर में लॉकडाउन है। अब प्रशासन ने बाजार में आवश्यक सामग्री की दुकानों के लिए अलग-अलग समय पर राहत दी है। इस पर दो माह से कूलर-पंखे का इंतजार करने वाले लोग परिवार के साथ बाजार में पहुंचे। इससे बाजार में रौनक लौटने लगी।शनिवार को बाजार में सुबह से दुकानें खुलने के कारण कुछ लोग दिखाई दिए। दूध, सब्जी व फल के साथ किराना, नमकीन, मिठाई एवं ऑटोमोबाइल को छूट दी गई। इलेक्ट्राॅनिक्स की दुकानों को रात 8 से 11 बजे तक छूट होने के बाद भी कुछ व्यापारियों ने दुकान को खोलकर व्यापार-व्यवसाय किया।
कूलर व्यापारी सोहेल हुसैन का कहना है कि पहले ही बाजार में व्यापार नहीं बचा है। ऐसे में इलेक्ट्राॅनिक्स के लिए रात का समय गलत है। बाहर गांव से आने वाले किसान इस समय सामग्री खरीदने के लिए नहीं आ सकते। हमने कुछ समय के लिए दुकान के बाहर ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए व्यापार किया है। हम प्रशासन को सुबह का समय करने के लिए भी मांग पत्र भेंजेगे। इधर, साबाखेड़ा के किसान किशनलाल पाटीदार ने बताया दो माह से कूलर लेेने के लिए परिवार वाले कह रहे थे। बाजार नहीं खुलने के कारण नहीं ले पाया, आज कूलर लेने ही मंदसौर आना पड़ा है।
पहली बार इतने दिन घर में रहकर परेशान हो गए - गुरमीतसिंह
दयामंदिर रोड इलेक्ट्राॅनिक्स व्यापारी गुरजीतसिंह टूटेजा का कहना है कि डेढ़ माह से घर में बैठे बैठे परेशान हो गए थे। 50 साल की उम्र में पहली बार इतने दिनों तक घर में रहकर परेशान हो गए थे। प्रशासन ने दुकान खोलने के जैसे ही आदेश निकाला, जान में जान आ गई। बाजार में व्यापार हो या ना हो कम से कम डिप्रेशन तो कम होगा।
कोरोना संक्रमण के चलते सरकार ने लॉकडाउन घोषित किया है। इस लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर दिहाड़ी मजदूरों पर पड़ा है। लाखों की संख्या में मजदूर दिल्ली, मुंबई, पुणे, नासिक सहित बड़े महानगरों में रहकर अपने बाल बच्चों का भरण पोषण कर रहे हैं। लेकिन लॉकडाउन के बाद काम बंद होने से उनकी रोजी रोटी पर संकट आ खड़ा हुआ है। मजदूरों को घर लौटने के लिए जो साधन मिल रहा है उससे वापस लौट रहे हैं, कोई पैदल तो कोई रेल की पटरियों के सहारे, कई मजदूर ट्रकों में भरकर वापस अपने गांव लौट रहे हैं।
ऐसा ही नजारा शनिवार की दोपहर झांसी जिले की सीमा में देवरी बांध चैक पोस्ट पर देखने देखने को मिला। यहां करीब 6-7 ट्रक बॉर्डर के उस पार खड़े थे। एमपी की सीमा में प्रवेश के लिए खड़े इन ट्रकों में मजदूर भरे हुए थे। मजदूरों को लेकर ट्रक महाराष्ट्र के नासिक से प्रयागराज जाने को निकले थे। बाद में अधिकारियों की अनुमति मिलने पर इन ट्रकों को गंतव्य के लिए रवाना कर दिया गया।
जयारोग्य अस्पताल में मेडिसिन विभाग के जूनियर डाॅक्टर के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद शुक्रवार रात से शनिवार तक हड़कंप की स्थिति रही। प्रबंधन ने आईसीयू, डायलिसिस यूनिट और पॉइजन वार्ड काे पूरी तरह से बंद कर दिया। संक्रमित डॉक्टर डायलिसिस यूनिट में ड्यूटी कर रहे थे। अगले दो से तीन दिन तक आईसीयू, डायलिसिस यूनिट और पॉइजन वार्ड में मरीज भर्ती नहीं किए जाएंगे। इनके मरीज अन्यत्र भर्ती किए जाएंगे, लेकिन डायलिसिस यूनिट पूरी तरह बंद रहेगी। यहां पदस्थ डॉक्टर और स्टाफ की रिपोर्टर आने के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी। इन सभी वार्ड अाैर यूनिट काे सेनिटाइज कराया जा रहा है। पांच सीनियर डाॅक्टराें ने एहतियातन अपने सैंपल दिए हैं और वे हाेम क्वारेंटाइन हाे गए हैं।
सीनियर ब्वायज हॉस्टल में 44 छात्रों को किया क्वारेंटाइन
संक्रमित डॉक्टर सीनियर ब्वायज हॉस्टल में रहते हैं। इस हॉस्टल में करीब 45 मेडिकल स्टूडेंट रह रहे हैं। उनके कमरे को सील कर दिया गया है। साथ ही हॉस्टल को सेनिटाइज कराने के बाद सभी मेडिकल स्टूडेंट से कहा है कि वह अपने कमरों में ही रहें।
डिलीवरी के बाद महिला को निकला कोरोना
कंपू स्थित कौल नर्सिंग हाेम में दाे दिन पहले अाॅपरेशन से बच्चे काे जन्म देने वाली महिला काेराेना संक्रमित पाई गई है। सिकंदर कंपू स्थित स्थित अपने मायके में तीन माह से रह रही महिला का भाई 20 मार्च को जयपुर से आया था। 5 मई की रात उसे प्रसव पीड़ा हाेने पर परिजन ने भर्ती कराया था। यहां 6 मई को डॉक्टरों ने कोरोना का टेस्ट प्राइवेट लैब पैथकाइन से कराया। 7 मई को ऑपरेशन से महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया। ऑपरेशन वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रत्ना कौल ने किया था। जच्चा और बच्ची दोनों स्वस्थ हैं। रिपोर्ट आने के बाद जिला प्रशासन की टीम नर्सिंग हाेम पहुंची। प्रभारी सीएमएचओ डॉ. बिंदु सिंघल का कहना है कि नर्सिंग होम संचालक को अभी ओपीडी संचालन और मरीज भर्ती करने से मना कर दिया है। महिला और उसकी मां का सैंपल पुन: जांच के लिए जीआरएमसी भेजा गया है। नर्सिंग होम संचालक डॉ. रत्ना काैल का कहना है कि हमने बच्चे को प्रसूता से अलग एक कमरे में रखा है। हमने पूरे स्टाफ और खुद को हाॅस्पिटल में ही क्वारेंटाइन कर लिया है। नए मरीज और इमरजेंसी केस लेना भी बंद कर दिए हैं।
कोरोना वायरस महामारी के चलते प्रशासन ने हमारी सुरक्षा के लिए शहर के मुख्य रास्तों को बंद कर दिया था। शनिवार को दुकानों को मिली छूट के दौरान लोगों ने विभिन्न स्थानों पर पुलिस द्वारा बंद किए रास्तों से बैरिकेड्स को ही खोल दिया। गांधी चौराहा, गोल चौराहा, धानमंडी, खानपुरा में पुलिस ने लोगों को राेकने के लिए काफी मशक्कत की।
तालाब में डूबने से शुक्रवार दोपहर 3 बच्चों की मौत हो गई। ये खेलते-खेलते तालाब के पास पहुंच गए। यहां उन्होंने किनारे पर रखी नाव तालाब में उतार दी। पानी भरने से नाव डूब गई। इसके साथ बच्चे भी डूब गए। उनके घर नहीं पहुंचने पर शुक्रवार शाम को परिजन ने गुमशुदगी दर्ज कराई। शनिवार
सुबह एक बच्चे का शव तालाब में मिला। सर्चिंग में तीनों के कपड़े मिले। इसके बाद पुलिस ने रेस्क्यू शुरू किया। करीब 8 घंटे चले रेस्क्यू के बाद बच्चों के शव निकाले जा सके। पीएम के बाद शव परिजन को सौंप दिए। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू की है।
शुक्रवार दोपहर अयोध्या बस्ती निवासी जुड़वा भाई योगेश व नागेश (10) मित्र खाती मोहल्ला निवासी दीपक पिता कमलेश (13) के साथ खेल रहे थे। योगेश व नागेश के पिता सुरेश प्याऊ में पानी पिलाने का काम करते हैं। बच्चे भी प्याऊ के पास ही खेल रहे थे। इसके बाद वे गोशाला होते हुए तालाब के पास पहुंच गए। यहां तालाब के किनारे रखी नाव को तालाब में उतारकर खेलने लगे। नाव में पानी भर गया और तीनों बच्चे पानी में डूब गए। शुक्रवार शाम तक घर नहीं पहुंचने पर परिजन ने थाने में पहुंचकर गुमशुदगी दर्ज कराई। शनिवार सुबह 8 बजे दीपक का शव तालाब में मिला। इस पर पुलिस ने मौके पर पहुंच कर तलाश की। यहां तालाब के किनारे तीनों बच्चों के कपड़े मिले। पुलिस ने सर्चिंग शुरू की। इसके बाद शाम 4 बजे अन्य दोनों बच्चों के शव मिले। टीआई अमित सोनी ने बताया कि सर्चिंग के दौरान शुक्रवार शाम को एक अन्य बच्चे ने तीनों बच्चों के तालाब की ओर जाने की पुष्टि की थी। रात होने से सुबह रेस्क्यू शुरू किया। इसमें अलग अलग समय पर करीब 50 लोगों की टीम ने सर्चिंग की। सबसे ज्यादा सहयोग तैराक दिलीप खाती का रहा, उसे पुरस्कृत किया है।
इधर तीनों बच्चों के परिवारों को कलेक्टर मनोज पुष्प ने तत्काल 4-4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की।
शहर के संदिग्ध लोगों की जांच के लिए सैंपल अभी भोपाल भेजे जा रहे हैं। ऐसे में वहां से रिपोर्ट आने में कभी- कभी दो से तीन दिन लग जाते हैं। ऐसे में संक्रमण फैलने का डर रहता है। अच्छी खबर यह है कि शासन ने रतलाम मेडिकल कॉलेज में कोरोना जांच की अनुमति जारी कर दी है। इससे शहर की जनता को विशेष लाभ होगा। डेढ़ से 2 घंटे में सैंपल रतलाम पहुंच जाएंगे व 5 से 7 घंटे में रिपोर्ट मिलने लगेगी। लोगों की जांच में तेजी आएगी, कोरोना रोकथाम में मदद मिलेगी। हालांकि सुविधा शुरू होने में एक सप्ताह लग सकता है।
कोरोना मरीजों का पता लगाने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा संदिग्ध लोगों के सैंपल भोपाल भेजे जा हरे हैं। कोई पॉजिटिव मिलने के बाद उसके संपर्क में आने वाले लोगों को क्वारंटाइन सेंटर पर भर्ती कर सैंपल भेजे जाते हैं। संख्या अधिक होने एवं भोपाल सैंपल भेजे जाने पर रिपोर्ट आने में तीन से पांच दिन तक लग रहे हैं। अब शहरवासियों के लिए अच्छी खबर है कि अब शासन ने रतलाम मेडिकल कॉलेज में कोरोना जांच की अनुमति दे दी है। यहां एक दिन में 200 सैंपल की जांच हो सकेगी। यहां जांच शुरू होते ही मंदसौर के सैंपल भी भोपाल की जगह रतलाम ही भेजे जाएंगे जिससे जांच रिपोर्ट में तेजी आएगी। अभी एम्बुलेंस से सैंपल भेजने में 7 से 8 घंटे का समय लगता है। उसके बाद दो से तीन दिन रिपोर्ट आने में लग रहे हैं। रतलाम में व्यवस्था शुरू होने के बाद डेढ़ से दो घंटे में सैंपल पहुंच जाएंगे व 5 से 7 घंटे में रिपोर्ट भी आ जाएगी। कोरोना पॉजिटिव की जल्द जानकारी मिलेगी तो जल्द उसके संपर्क में आने वाले को क्वारंटाइन कर संक्रमण के फैलाव को रोका जा सकेगा।
क्वारंटाइन सेंटर पर भीड़ कम होगी
क्वारंटाइन सेंटर में कई दिनों से 200 करीब लोग भर्ती हैं। इनकी रिपोर्ट आने में तीन से चार दिन लग जाते हैं। तब तक संदिग्ध लोगों को क्वारंटाइन सेंटर पर ही रखना पड़ता है। तत्काल रिपोर्ट आने पर निगेटिव आने वाले लोगों को जल्द डिस्चार्ज किया जा सकेगा। इससे क्वारंटाइन सेंटर पर भीड़ नहीं होगी व शासन पर भार कम होगा। एम्बुलेंस को भोपाल नहीं जाना होगा।
एसपी हितेश चौधरी का स्थानांतरण होने पर शनिवार को सुबह 11.45 बजे नवागत एसपी सिद्धार्थ चौधरी चार्ज लेने से पहले भोपाल से सीधे भगवान पशुपतिनाथ मंदिर पहुंचे। यहां बाबा के दर्शन करने के बाद रेस्ट हाउस गए। जहां तहसीलदार नारायण नांदेड़ा व सीएसपी नरेंद्र सोलंकी ने उनका स्वागत किया। दोपहर 12.45 बजे एसपी कार्यालय पहुंचे, यहां एसपी हितेश चौधरी व एएसपी मनकामना प्रसाद ने स्वागत किया। इसके बाद हितेश चौधरी ने सिद्धार्थ चौधरी को चार्ज सौंपा। इस दौरान नवागतएसपी ने कहा कि कोराेना की लड़ाई में सभी शहरवासी प्रशासन का सहयोग करें। वर्तमान स्थिति को देखते हुए आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकलें।
जनता में सहयोग की भावना, दिल से सैल्यूट
चार्ज देने के बाद आईपीएस हितेश चौधरी ने कहा कि मंदसौर की जनता में सहयोग की भावना है। बाढ़ आपदा से लेकर सरकार के ऑपरेशन माफिया हो या कोरोना महामारी के बीच लॉकडाउन, हर समय यहां की जनता ने पुलिस और प्रशासन का सहयोग किया। पुलिस टीम सहित प्रशासन के विभिन्न विभागों ने भी समन्वय के साथ काम किया है। जाते-जाते यहां की जनता और पुलिस एवं प्रशासनिक परिवार को दिल से सैल्यूट करता हूं।
लॉकडाउन से हर वर्ग का व्यक्ति आर्थिक रूप से कमजाेर हाे गया। राेजगार व काराेबार चौपट हाेने से मजदूर व मध्यमवर्गीय लाेगाें पर राेजी-राेटी का संकट हाे गया। इस बार गांधीसागर बांध में मछली पकड़ने का काम भी डेढ़ महीने से बंद है। इसी से कमाई करके घर-परिवार चलाने वाले करीब 2 हजार से अधिक मजदूरों पर संकट आ गया। मछुआरा महासंघ ने इनकी परेशानी को देखते हुए जून माह में दिया जाने वाला बोनस 1200 पंजीकृत मछुआरों को बांट दिया। इन लोगों को अब बारिश के तीन महीने परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
गांधीसागर डैम में 15 अगस्त के बाद से मछली पालन का काम शुरू हो जाता है। कोलकाता, महाराष्ट्र, दिल्ली सहित अन्य राज्यों में यहां से मछली सप्लाई की जाती है। पिछले वर्ष औसत से अधिक बारिश होने के कारण डैम व डूब क्षेत्र में जलस्तर सिंतबर तक अधिक रहा था। इस कारण पिछले वर्ष मत्स्य खेट का काम देरी से शुरू हुआ। यहां रोज करीब मछली पकड़ने के काम में करीब 2000 से अधिक मछुआरे लगते हैं। जो अपनी स्वयं की नाव तैयार कर डैम में उतारते हैं। 8 महीने तक इसी से कमाई करते है और बारिश के चार महीने घर बैठते हैं। इस बार लॉकडाउन के कारण डैम से मछली पकड़ने का काम बंद होने से सभी मजदूर 25 मार्च के बाद से ही घर पर बैठे हैं। जो बचत की थी वह भी खत्म हो गई। कई परिवार की हालत अधिक खराब हो गई। इसको देखते हुए मछुआरा महासंघ ने निर्णय लिया और जून की जगह अप्रैल में ही इनको बोनस बांट दिया।
जनप्रतिनिधि व प्रशासन ने नहीं की मदद
नीमच-मंदसौर जिले के दो हजार से अधिक मछुआरों पर लॉकडाउन के कारण आर्थिक संकट आ गय। जनप्रतिनिधि व प्रशासन द्वारा जरूरतमंद लोगों को राशन व भोजन की व्यवस्था की गई। लेकिन इन मछुआरा परिवारों की तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया। इनमें से अधिकांश परिवार गांधीसागर डूब क्षेत्र में ही रहते हैं। कई परिवारों के सामने डेढ़ महीने से रोजी-रोटी का संकट है।
महासंघ ने 84 लाख रु. का बाेनस बांटा
लॉकडाउन में डेढ़ महीने से मजदूर घर पर है। आर्थिक संकट काे देखते हुए समितियों के माध्यम से पंजीकृत 1200 मछुआरों काे मत्स्य महासंघ ने 84 लाख रुपए का बाेनस बांट दिया है। 800 मजदूर एेसे हैं जिन्हें बाेनस नहीं मिलता उन्हें 8 माह की कमाई से ही घर चलाना पड़ता है।
लॉकडाउन में मजदूरी दी जाए
जब से लॉकडाउन हुआ है काम बंद हो गया। मछुआरों के सामने घर चलाने का संकट हो गया। डेढ़ माह से मजदूरी नहीं मिल रही। सरकार व मत्स्य महासंघ को चाहिए कि वह लॉकडाउन के दौरान भी सभी को मजदूरी का भुगतान करें। इस कारोबार से जुड़े मजदूरों के बाद कमाई का दूसरा माध्यम नहीं है। प्रशासन या जनप्रतिनिधि हमारी परेशानी ने तक नहीं आए। बारिश के चार महीने भी घर पर ही बैठना है।
सत्यनारायण भोई, सदस्य आदर्श मत्स्य समिति, रामपुरा
सरकार ने भी हमारी सुध नहीं ली
लॉकडाउन में मत्स्य महासंघ ने तो बोनस देकर इतिश्री कर ली। लेकिन सरकार या प्रशासन ने हमारी सुध नहीं ली। अधिकांश परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया है। जो बोनस राशि मिली वह भी खर्च हो गई। अब अगले चार महीने घर खर्च चलाने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा। कई परिवार ऐसे हैं जो रोज की मजदूरी से भोजन की व्यवस्था करते हैं।
दुधमल भोई, मुछआरा जमालपुरा समिति
महासंघ से की थी आर्थिक मदद मांग
डेढ़ महीने से सभी मछुआरे घर पर है। डैम किनारे नाव छोड़ रखी है। लॉकडाउन के कारण मछली पकड़ने का काम बंद हो गया। मजदूरों की परेशानी को देखते हुए महासंघ से आर्थिक मदद की मांग की थी। मजदूरों के वेतन में काटे जाने वाली राशि जून के अंत में काम बंद होने पर बोनस के रूप में दी जाती है उसका भुगतान कर दिया। महासंघ ने अपनी तरफ से मदद नहीं की।
-सत्यनारायण भोई, अध्यक्ष, मछुआरा समिति-हाड़ाखेड़ी
दो-दो हजार रु. का भुगतान करें
मछुआरों की परेशानी का निराकरण करने के लिए मत्स्य महासंघ बना रखा है। इसका काम मछली पालन से जुड़े मजदूरों की मदद करना है। लॉकडाउन में सभी पर आर्थिक मार पड़ी है। सभी समिति के सदस्यों ने मांग की तो महासंघ को प्रत्येक मजदूर को दो-दो हजार रुपए का भुगतान करना था। लेकिन उसने बोनस की राशि ही बांट दी। जबकि यह तो मजदूरों का हक है जो उसे मिलना ही था। इस संबंध में सरकार को पत्र लिखकर अवगत कराएंगे।
दिनेश पडायपंथी, सदस्य-जल भूमि अधिकार समिति भोपाल
महासंघ मछुआरों का ध्यान रख रहा
लॉकडाउन में काम नहीं होने से मछुआरों ने मदद मांगी थी। 1200 मछुआरों को राेज 4 रु. प्रति किलाे दिए जाते हैं तथा 4 रुपए मछुआरे की मजदूरी में से काटे जाते हैं। इस तरह एक दिन में आठ रुपए इनके जमा हाेते हैं। इस तरह इन्हें 84 लाख रुपए बाेनस का भुगतान इस बार जून की जगह अप्रैल में ही कर दिया। मप्र ही अकेला राज्य है जहां मछुआरे काे 32 रुपए मजदूरी दी जाती है। महासंघ हमेशा मछुआरों के हितों को ध्यान में रखकर निर्णय लेता है।
नैनसिंह यादव, क्षेत्रीय प्रबंधक-गांधीसागर जलाशय
कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच लाॅकडाउन को डेढ़ महीना होने को है। संक्रमण के खतरे के बीच के कंटेनमेंट जोन में सख्ती से नियमों का पालन करवाना, क्वाराइंटन सेंटरों पर व्यवस्थाओं की देख-रेख, संक्रमितों की जानकारी एकत्र कर उच्च अधिकारियों को अवगत कराना, लॉकडाउन की स्थिति में जनसमस्याओं का निराकरण करने के साथ उनकी मदद करना, हर परिस्थिति से निपटने के लिए प्रशासनिक अधिकारियाें की दिनचर्या में बदलाव आ गया है। जो कि कोरोना वाॅरियर्स के रूप में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। जिम्मेदारियां इतनी बढ़ गई है कि इन अधिकारियों का सामान्य दिनों की अपेक्षा ड्यूटी टाइम ही बदल गया है। सुबह 10 बजे से शाम के 5 बजे तक अपनी सेवा देने वाले यह अधिकारी अब रात के 2 से 3 बजे तक लगे हुए हैं। इस बीच परिवार से दूरी और अपनों से भी दूर होना किसी संकट से कम नहीं है।
देर रात तक आती है रिपोर्ट, घर आनेतक सो जाता है 4 साल का बेटा
लोक सेवा केंद्र के प्रबंधक वैभवकुमार बैरागी कोरोना संक्रमण के बीच कोरोना कंट्रोल रूम के प्रभारी है। कंट्रोल रूम पर हर दिन 100 से 150 शिकायतें गैस रिफिलिंग, राशन, ई-पास आदि की शिकायतें आती हैं। इनका समय पर निराकरण करना प्रमुख जिम्मेदारी होती है। पॉजिटिव लोगाें की रिपोर्ट आने पर कंटेनमेंट जोन के साथ आइसोलेशन और क्वारंटाइन अस्पतालों की की स्थिति से कलेक्टर, सीईओ को अवगत कराना। गूगल शीट में सारी जानकारी समय पर भोपाल भेजनी होती है। पहले कलेक्टोरेट से शाम के 5 बजे घर आ जाते थे। अब देर रात तक रिपोर्ट आने से रात के 2 बजे तक घर पहुंचना होता है, तब तक बेटा सो जाता है। सुबह के समय भी बेटे से मिल पाना मुश्किल होता है।
वैभवकुमार बैरागी, प्रबंधक, जिला लोकसेवा केंद्र
कंटेनमेंट जोन में जाकर मौके से सीनियर्स को देते हैं जानकारी, रात 2 बजे तक ड्यूटी
नायब तहसीलदार वैभवकुमार जैन के पास तहसील कार्यालय के अलावा क्वारंटाइन सेंटरों की देखरेख, आवश्यक होने पर होटल, धर्मशाला आदि का अधिग्रहण, कंटेनमेंट जोन में सख्ती से नियमों का पालन कराने की जिम्मेदारी है। शहर में हर दिन होने वाली मौतों की जानकारी भी सीनियर्स को देनी होती है। इमरजेंसी होने पर रात 2 बजे भी नए कंटेनमेंट जोन बनाना, स्वास्थ्य विभाग को सूचित कर लोगों को स्क्रीनिंग करवाना। जरूरतमंद लोगों तक राशन पहुंचाने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। इन्होंने बताया कि ऐसी परिस्थिति में परिवार से दूरी बन गई है। छोटा भाई डॉ. दीपक जैन साथ में रहता है। जो कि सिद्धि विनायक हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमित लोगों की देख-रेख कर रहा है।
वैभवकुमार जैन, नायब तहसीलदार
रात तक तैयार होता है गेहूं उपार्जन का डाटा, दो जिलों की जिम्मेदारी
जिला विपणन अधिकारी रोहितकुमार श्रीवास्तव के पास मंदसौर के साथ नीमच जिले की जिम्मेदारी भी है। वलॉकडाउन के बीच हर उपार्जन केंद्र पर जाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना, गेहूं की सैंपलिंग, समय रहते बारदान की सप्लाई, रोज गेहूं का परिवहन और भंडारण करवाना होता है। प्रतिदिन की जानकारी एकत्र करने में रात के 1 बजे तक का समय लग जाता है। नतीजा मंदसौर जिला प्रदेश में अव्वल है।
रोहितकुमार श्रीवास्तव, जिला विपणन अधिकारी
नगर में सुबह के समय सब्जीमंडी लग रही है। जहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है। यहां पुलिस प्रशासन भी सख्ती नहीं दिखा रहा है। ऐसे में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ता ही जा रहा है।
सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के बरायचखेरा गांव में शनिवार की दोपहर एक ही परिवार के तीन लोगों ने मिलकर छेड़छाड़ के आरोपी युवक को गोली मारकर घायल कर दिया। युवक को जब पिता और दो बेटों ने गोली मारी उस दौरान पुलिस इनके घर पर पीड़िता के बयान दर्ज कर रही थी। पुलिस ने घायल की शिकायत पर आरोपी सहित तीन पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार बरायचखेरा गांव का अर्जुन पिता सुंदर यादव उम्र 22 वर्ष शनिवार की दोपहर अपने घर से मंदिर की ओर जा रहा था। इस दौरान गांव के तीन लोगों ने मिलकर उसे राेकते हुए गोली मार दी। गोली लगने से घायल युवक को गांव में पहले से मौजूद पुलिस ने मौका मुआयना करते हुए थाने पहुंचाया। घायल के बयान पर पुलिस ने आरोपी सहित उसके दो बेटों पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया। इसके बाद पुलिस ने घायल को इलाज के लिए जिला अस्पताल पहंुचाया। यहां ड्यूटी पर मौजूद डॉ. सुनील चौरसिया ने युवक का इलाज करते हुए ट्रामा वार्ड में भर्ती करा दिया। डॉक्टर ने बताया कि युवक के बाएं हाथ को चीरते हुए गोली निकल गई है। उसकी हालत में पहले से सुधार है। टीआई जीतेंद्र वर्मा ने बताया कि पिछले दिनों बरायचखेरा गांव की महिला की शिकायत पर अर्जुन यादव पर छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया गया था। शनिवार की दोपहर हाथ में गोली लगने से घायल अर्जुन की शिकायत पर महिला के तीन परिजनों पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस एक-दूसरे से जुड़े दोनों मामलों की जांच कर रही है। फिलहाल पुलिस गोली मरने वाले तीनों आरोपियों की तलाश कर रही है।
पीड़िता के बयान दर्ज करने के दौरान हुई घटना
गुरुवार की देर रात गांव में हुई छेड़छाड़ की घटना के मामले में कोतवाली पुलिस शनिवार की दोपहर पीड़ित महिला के बयान दर्ज करने के लिए गांव पहुंची। पुलिस महिला से उसके घर पर पूछताछ कर ही रही थी कि ग्रामीणों ने सूचना दी कि इस मामले के आरोपी अर्जुन पर गोली चल गई है। घटना की जानकारी लगते ही पुलिस मौके पर पहुंची तो गांव के मंदिर के पास युवक घायल अवस्था में पड़ा मिला। पुलिस ने तुरंत अपने वाहन पर घायल को रखा और थाने लाकर बयान लेते हुए हुए महिला के परिवार के तीन लोगों पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया।
7 मई को पुलिस ने युवक पर किया थाछेड़छाड़ का मामला दर्ज
सिटी कोतवाली पुलिस ने बरायाचखेरा गांव की पीड़िता की शिकायत पर गोली लगने से घायल अर्जुन यादव पर घर में घुसकर छेड़छाड़ करने का मामला दर्ज किया था। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि 7 मई की देर रात 10 बजे युवक आया और उसके साथ छेड़छाड़ करने लगा। महिला के चिल्लाने पर आरोपी मौके से भाग गया। इसके बाद पुलिस ने पीड़ित महिला की शिकायत पर आरोप युवक पर छेड़छाड़ का मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी। वहीं छेड़छाड़ के आरोपी युवक ने बताया कि महिला और उसकी बहन उसे आए दिन अपने घर पर बुलाती हैं। इस बात की जानकारी लगने पर महिला का पति सहित परिवार के चार लाेग जबरन 7 मई की देर रात घर की ओर जाने के दौरान पकड़कर ले गए और छेड़छाड़ का मामला दर्ज करा दिया।
सिविल लाइन थाना क्षेत्र में गुरइया गांव के 35 वर्षीय युवक को शुक्रवार की देर शाम एक वाहन ने टक्कर मारकर घायल कर दिया। घायल को पुलिस ने इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया। पर घायल के हाथ, पैर और सिर में अधिक चोट आने के कारण इलाज के दौरान देर रात उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने बताया कि गुरइया गांव का छन्नू पिता लाड़के कुशवाहा उम्र 35 वर्ष शुक्रवार की देर शाम बाइक पर सवार होकर अपने गांव की ओर जा रहा था। इस दौरान सटई रोड पर एक वाहन ने युवक को टक्कर मारकर घायल कर दिया। वाहन की टक्कर से घायल को हाथ, पैर और सिर में अधिक चोट आने पर पुलिस ने 108 वाहन की सहायता से इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया। पर युवक की हालत गंभीर होने के कारण देर रात इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। शनिवार की सुबह पुलिस ने पंचनामा तैयार करते हुए मृतक का पीएम कराया और शव परिजनों को सौंप दिया।
केंद्र सरकार की अनुमति के बाद रविवार और सोमवार की सुबह हरियाणा के रेवाड़ी और भिवानी से श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन आ रही है। इन ट्रेनों के माध्यम से छतरपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंचने वाले प्रवासी मजदूरों, छात्रों सहित अन्य यात्रियों को स्थानीय प्रशासन द्वारा नाश्ता, खाना दिया जाएगा। इसके साथ ही गंतव्य स्थान तक भेजने की व्यवस्था, स्वास्थ्य परीक्षण के लिए अधिकारी, कर्मचारियों की ड्यूटी प्रशासन द्वारा निर्धारित की गई है।
कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने प्रवासी मजदूरों की स्क्रीनिंग और स्वास्थ्य परीक्षण के लिए एसडीएम प्रियांशी भंवर, सीएमएचओ डाॅ. विजय पथौरिया और सिविल सर्जन डाॅ. आरएस त्रिपाठी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसी तरह टेंट और कुर्सी की व्यवस्था, सोशल डिस्टेंसिंग के लिए गोले बनवाने का दायित्व संयुक्त कलेक्टर पियूष भट्ट, जिला संयोजक आरपी भद्रसेन, जिला कार्यक्रम अधिकारी अनिल जैन और सीएमओ अरुण पटेरिया को सौंपा गया है। प्रवासी मजदूरों के रजिस्ट्रेशन और बस में बैठाने की जिम्मेवारी संयुक्त कलेक्टर केके पाठक, जिला शिक्षा अधिकारी एसके शर्मा, डीपीसी आरपी लखेर, जिला प्रबंधक ई-गवर्नेंस राहुल तिवारी और प्रबंधक लोक सेवा गारंटी मुकेश शिवहरे को सौंपी है।
वहीं जिला आपूर्ति अधिकारी स्वाति जैन, तहसीलदार संजय शर्मा और नायब तहसीलदार शैवाल सिंह को प्रवासी मजदूरों के नाश्ता, खाना व पेयजल व्यवस्था की, डिप्टी कलेक्टर विनय द्विवेदी, आरटीओ सुनील सक्सेना और नायब तहसीलदार अंजू लोधी को बसों की व्यवस्था, बसों में स्टीकर लगवाने और डीजल व्यवस्था का दायित्व सौंपा गया है। एसडीएम अविनाश रावत, डिप्टी कलेक्टर विनय द्विवेदी और एसएलआर आदित्य सोनकिया को छतरपुर सहित अन्य जिलों के प्रवासी मजदूरों को बसों में बैठाकर गंतव्य के लिए रवाना करने, डीएफओ संजीव झा, ईई मनोज सक्सेना और सीएसपी उमेश शुक्ला को बैरिकेडिंग व्यवस्था का दायित्व सौंपा गया है। कलेक्टर ने सभी प्रकार की व्यवस्था का प्रभावी अधिकारी जिला पंचायत सीईओ हिमांशु चंद्र और एएसपी समीर सौरभ को बनाया है।
महाराणा प्रताप जयंती पर करणी सेना ने महाराणा प्रताप की प्रतिमा को जल से स्नान कराया। दीप प्रज्ज्वलित कर महाराणा प्रताप को नमन किया। 22 कार्यकर्ताओं ने जिला अस्पताल जाकर रक्तदान किया। वहीं उद्योगपति बालाजी समिति को 10 हजार रुपए जरूरतमंदों के लिए भोजन सहायता के लिए दिए।
करनी सेना के प्रदेश प्रवक्ता शैलेंद्रसिंह पटलावद ने बताया कि महाराणा प्रताप जयंती पर हर वर्ष पूरे प्रदेश में भव्यता के साथ बड़े-बड़े आयोजन किए जाते हैं। इस साल कोरोना संक्रमण को लेकर लॉकडाउन होने की वजह से समाजजन ने सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए महाराणा प्रताप की जयंती दीपोत्सव के रूप में मनाई। अपने घरों में रहकर महाराणा प्रताप की पूजा-अर्चना कर शाम को दीप जलाए। वहीं जिला अस्पताल के ब्लड बैंक जाकर ब्लड डोनेट किया। अब करनी सेना के कार्यकर्ता 31 मई तक रक्तदान शिविर आयोजित करेंगे। प्रदेश महामंत्री ठाकुर नेपालसिंह, जिला अध्यक्ष रवींद्रसिंह राणा, लखनसिंह सगवाली, प्रतीकसिंह राठौड़, तखतसिंह राठौड़, हिम्मतसिंह, लोकेंद्रसिंह, धर्मेंद्रसिंह भाटी सहित अन्य मौजूद थे।
नगर में 5 मई की शाम क्रिकेट खेलते समय हुए विवाद में आरोपियों ने मोतीलाल शिवहरे की गोली मार कर हत्या कर दी थी। इस मामले में पुलिस ने 6 लोगों के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज किया है। इस मामले में फरार चल रहे 3 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है।
पुलिस ने फरार चल रहे आरोपी निक्की डॉटकॉम उर्फ सौरभ चौरसिया, सोहन कुशवाहा एवं एक नाबालिग आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। हत्या के समय प्रयुक्त 2 मोटर साइकिलें भी पुलिस ने बरामद की हैं। इन सभी आरोपियों को थाना प्रभारी अरुण कुमार शर्मा ने पुलिस जवान दीपक, ब्रजेश, जगभान, रावेंद्र, सुनील और बाबूराम के साथ ग्राम सिंहपुर के पास घेराबंदी करके गिरफ्तार कर लिया। इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी राहुल चौरसिया, निक्की उर्फ विशाल चौरसिया एवं 2 नाबालिग आरोपियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार जेल भेज चुकी है। थाना प्रभारी अरुण कुमार शर्मा ने बताया कि आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए निवाड़ी जिले में दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया था। जिला प्रशासन ने डिस्ट्रिक्ट क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप निवाड़ी की बैठक मेें लॉकडाउन को चरण बद्ध तरीके से छूट दिए जाने का निर्णय लिया गया है। जिसके तहत 9 से 17 मई की मध्य रात्रि तक जिले की सीमाएं सील रहेंगी और साप्ताहिक हाट बाजार बंद रहेंगे। कोई भी व्यक्ति बिना मास्क पहने सार्वजनिक स्थानों पर नहीं जा सकेगा।
लॉकडाउन के दौरान आदेश में दी गई छूट, मुक्ति, सोशल डिस्टेंसिंग, सेनिटाइजेशन, मास्क उपयोग के निर्देश, सुरक्षा के अन्य निर्देश के पालन पर ही मानी जाएगी। ऐसा न होने पर आदेश में दी गई छूट स्वत: ही निरस्त हो जाएगी। दोषी के खिलाफ आगे वर्णित प्रावधानों के तहत दांडिक कार्यवाही की जाएगी। आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 तथा डिजास्टर मेनेजमेंट एक्ट 2005 की धारा 51 से 60 के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी। कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह के आदेशानुसार निवाड़ी में 10 से 17 मई तक सुबह 9 से शाम 5 बजे तक बाजार खोला जाएगा। जिले में लॉकडाउन 3.0 की शुरूआत से पूर्ण लॉकडाउन की कलेक्टर ने लागू किया था।
यहां प्रतिबंध लागू रहेगा
स्कूल, कोचिंग संस्थान, जिम, सभी धार्मिक स्थल बंद रहेंगे। किसी भी सामाजिक एवं धार्मिक आदि जमावड़े की अनुमति नहीं होगी। सभी मिठाई की दुकानें, रेस्टोरेंट, होटल, सैलून, चाट के ठेले, अंडा, फाॅस्ट फूड, आईसक्रीम, पान, गुटखा दुकानें बंद रहेंगी। लोक परिवहन जिसमें बस, ऑटो 17 मई 2020 तक बंद रहेंगे। आरटीओ, टीकमगढ़ एक सप्ताह में लोक परिवहन शुरू करने, किराया के दर आदि पर प्रतिवेदन देंगे, जिसके बाद लोक परिवहन चालू करने पर निर्णय लिया जाएगा।
इनके लिए वाहन प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे
आंगनबाड़ी के हितग्राहियों को घर जाकर सामग्री पहुंचाने वाले वाहन और व्यक्ति और वन विभाग के नर्सरी, वन्यजीव, अग्निशमन, प्लांटेशन, पेट्रोलिंग जैसे कार्यों में लगे लोग सोशल डिस्टेंसिंग और सेनिटाइजेशन का पालन करते लगातार काम करने के लिए प्रतिबंध से मुक्त होंगे। कार्यपालिक मजिस्ट्रेट एवं थाना प्रभारी मुख्य मार्ग पर हर 3 से 5 किमी के अंतराल पर मालवाहन के चालकों के लिए एक-एक ढ़ाबा, होटल, रेस्टोरेंट खुलवाना सुनिश्चित करेंगे। इन स्थानों पर भोजन परोसने के लिए डिस्पोजेवल मटेरियल के बने प्लेट, गिलास आदि का उपयोग किया जाए। इसके बाद उन्हें किसी बड़े थैले में संग्रहित कर जलाकर नष्ट कर दिया जाए।
कंट्रोल रूम की व्यवस्था
जिले में कंट्रोल रूम 24X7 की व्यवस्था जनपद पंचायत निवाड़ी फोन नं. 07680-232114, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र निवाड़ी मो. नंबर 7024780108 एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पृथ्वीपुर मो. नंबर 7999596785 स्थापित किया गया है। जिस पर बीमारी, आवश्यक सामग्री पूर्ति, आवश्यक अन्य मदद आदि की जानकारी दी जा सकती है। बैठक में सांसद डॉ. वीरेंद्र कुमार, निवाड़ी विधायक अनिल जैन, पुलिस अधीक्षक एमके श्रीवास्तव, एसडीएम निवाड़ी वंदना राजपूत सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
यह दुकानें प्रतिबंध से रहेंगी मुक्त
मेडिकल दुकान, अस्पताल, कोल्ड स्टोरेज, वेयर हाऊस, हार्वेस्टर, थ्रेसर, कृषि कार्य में लगे वाहन तथा कृषि यंत्रों की दुकानें खुली रहेगी। इमरजेंसी ड्यूटी अमला, पेट्रोल पंप, एलपीजी के प्रतिष्ठान, वाहन स्पेयर्स दुकान, वाहन मरम्मत दुकान, दाल, आटा मील, राशन दुकान, किराना, जनरल स्टोर, डेयरी ब्रेकरी, पोल्ट्री, बारदाना एवं पशु आहार की दुकानें खुलेगी। दूध विक्रेता, खाद, बीज, कीटनाशकों, इलेक्ट्रीकल, पंखे एवं सामान, इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, बढ़ई, मोटर मैकेनिक, लेटर, निर्माण सामग्री, सीमेंट, लोहा, हार्डवेयर, बर्तन, ज्वेलरी शॉप, फर्नीचर, स्टूडियो, स्टेशनरी, सीएसी, एमपी ऑनलाइन, कियोस्क, मोबाइल रिपेयर, रिचार्ज, चश्मा, फुटवेयर, कपड़े आदि की दुकानें सुबह 9 से शाम 5 बजे तक खोली जा सकेंगी। साथ ही माल वाहन प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे।
शहर में कोरोना पॉजिटिव की संख्या 12 होने पर प्रशासन द्वारा पांच क्षेत्रों को कंटेनमेंट बनाकर सील कर दिया। मरीजों की संख्या बढ़ने से लोगों में दहशत बढ़ गई है। संक्रमण से बचने के लिए अन्य क्षेत्र के लोग भी गली-मोहल्लों को कंटेनमेंट बना रहे हैं। हम्माल मोहल्ल, स्कीम नंबर 7, घंटाघर क्षेत्र, मेहनोत नगर के साथ ही लक्कड़ मंडी कंटेनमेंट क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। लोगें को आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी की जा रही है। लोगों के क्षेत्र से बाहर निकलने पर प्रतिबंध है। शहर के कई छोटे-बड़े मोहल्ले और कॉलोनियों में लोगों में डर हैै। उन्होंने अपने यहां के रास्तें बंद कर अनजान व बाहर से आने वालों पर निगरानी कर रहे हैं।
पॉजिटिव या संदिग्ध मरीज मिलने के बाद स्कीम नंबर 7, हम्माल मोहल्ला, घंटाघर व मेहनोत नगर को कंटेनमेंट बना दिया। 14 दिन तक यहां आने-जाने पर रोक रहेगी। प्रशासन ने पांच कंटेनमेंट क्षेत्र बनाए। लेकिन लोगों ने जागरूकता का परिचय देते हुए अपने क्षेत्रों को भी सुरक्षित करना शुरू कर दिया। शहर के कई गली-मोहल्लों व कॉलोनियों के रास्तों को रहवासियों ने ही बांस-बल्ली, वाहन, पतरे, लोहे के पाइप और अन्य अवरोधक लगाकर बंद कर दिया। कई जगह तो दिनभर रहवासी क्षेत्र के युवा तैनात रहते हैं। किसी जरूरी काम या इमरजेंसी होने पर वे उसका नाम पता नोट करने के बाद ही जाने देते हैं।
सैनिटाइजर से धुलवा रहे हाथ
पॉश कॉलोनियों में प्रवेश का एक ही मार्ग है। जहां 24 घंटे चौकीदार तैनात रहता है। जहां किसी भी बाहरी व्यक्ति काे प्रवेश पूछताछ के बाद ही प्रवेश दिया जाता है। हनुमान नगर निवासी अरुण गोयल ने बताया कॉलोनी में किसी को बाहर जाने व आने की अनुमति नहीं है। रहवासी जरूरी काम से कहीं जाता है तो वापस आने पर सैनिटाइजर से हाथ धुलाने के बाद ही प्रवेश दिया जाता है।
लोगों में जागरुकता बढ़ी है
शहर में जहां कोरोना पॉजिटिव व संदिग्ध मिलने व 4 क्षेत्रों को कंटेनमेंट बनाया है। दूसरी तरफ अन्य क्षेत्रों में भी लोगों ने जागरूकता दिखाते हुए निजी कंटेनमेंट बना दिए है। जहां किसी को प्रवेश नहीं देते हैं। नगरपालिका का कचरा या सैनिटाइजेशन वाहन जाता है तो वह पूरा सहयोग करते हैं। उनके लिए वह रास्ते खुलते है और बाकी 24 घंटे बंद रहते है।
विश्वास शर्मा, स्वास्थ्य अधिकारी, नपा, नीमच
इन क्षेत्रों में लोगों ने बना रखे निजी कंटेनमेंट
शहर में करीब 15 से 20 क्षेत्र ऐसे में जहां लोगों ने निजी कंटेनमेंट बनाकर मुख्य मार्गों को ब्लॉक कर रखा है। इसमें सनसिटी कॉलोनी महू रोड, उदयपुर विहार, विनोबा गंज, हनुमान नगर, शक्ति नगर, बंगला नंबर 58, राजस्व कॉलोनी, गांधी भवन के पास समेत कई रहवासियों ने पूरी तरह सख्ती से वहां के रास्ते व गलियां बंद कर रखी है।
टीकमगढ़ पृथ्वीपुर मार्ग पर ग्राम पंचायत मड़िया के गतारा गांव के पास तेज गति से जा रही बोलेरो गाड़ी पलटने से 4 व्यक्ति घायल हो गए। शनिवार की सुबह 4.30 बजे दिल्ली से इलाज कराकर मुहारा जा रही बोलेरो क्रमांक एमपी 16 बीडी 0641 जैसे ही गतारा ग्राम के पास पहुंची, तो उसके चालक रामसिंह यादव का नियत्रण बिगड़ गया और अचानक पुलिया के पास टकरा कर बोलेरो पलट गई।
जिसमें चालक रामसिंह यादव के अलावा दिलीप तिवारी, कुंजी राय, अभय रावत सभी निवासी मुहारा थाना जतारा घायल हो गए। थाना प्रभारी मृगेन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि जैसे ही उन्हें सूचना मिली कि बोलेरो वाहन गतारा गांव के पास पलट गया। वैसे ही तत्काल मौके पर पहुंचे और डायल 100 भी मौके पर पहुंची। घायलों को वहां से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उपचार के लिए भेजा गया। घायलों का डॉक्टरों ने उपचार किया।
तहसील के ग्राम अनेड़ निवासी 17 वर्षीय युवक की शुक्रवार रात काे सैंपल रिपाेर्ट पॉजिटिव आने के बाद गांव में दहशत है। लाेग घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। प्रशासन, पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रात में युवक के निवास वाले क्षेत्र काे कंटेनमेंट बनाकर गांव काे सील कर दिया। युवक तीन मई को ई-पास पर अहमदाबाद से बाइक द्वारा गांव में आया था। आसपास के लोगों की सूचना पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पांच मई को गांव में पहुंचकर युवक सहित उसके संपर्क में आए 14 लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे थे। सभी लोगों को सिंगोली अस्पताल में क्वारंटाइन किया था। 13 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव तथा बाहर से आए युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली। युवक व उसका भाई अहमदाबाद में पढ़ाई कर रहे थे। लॉकडाउन में वहीं फंस गए। लॉकडाउन 3.0 में लोगों को घर जाने की छूट दी तो ई-पास बनवाकर दोनों भाई बाइक से गांव आ गए। सैंपल दोनों भाई के लिए थे। इसमें से एक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। शनिवार सुबह प्रशासन ने इनके संपर्क में आए 20 अन्य लोगों के सैंपल लेकर क्वारंटाइन किया है। तहसीलदार विवेक गुप्ता, टीआई आनंद सिंह आजाद, बीएमओ डाॅ. आरके मीणा, मेडिकल ऑफिसर मुकेश धाकड़ अलर्ट है।
जिले के बुड़ेरा थाना क्षेत्र के तालाब में शनिवार को नहाने गए दो दोस्तों की डूबने से मौत हो गई। जब बच्चे दोपहर बाद तक घर नहीं पहुंचे तो परिजनों ने खोजबीन शुरू की। तालाब पर कपड़े मिलने के बाद दोनों की तालाब में खोजा गया। जिस पर एक बच्चे का शव तालाब में उतराता मिला। वहीं दूसरे बच्चे के शव की रात तक खोजबीन चलती रही।
बुड़ेरा के वार्ड नंबर 4 अस्पताल मोहल्ला में रहने वाले गोविंद पिता मनोहर रैकवार उम्र 12 वर्ष और अली बाबा पिता साबिर खान उम्र 12 वर्ष दोनों दोस्त तालाब पर दोपहर 1 बजे नहाने गए थे। नहाने के दौरान एक दूसरे को बचाने के चक्कर में वह डूब गए। जब दोपहर बाद 4 बजे तक दोनों घर नहीं पहुंचे तो परिजनों ने खोनबीन शुरू की। जिस पर तालाब किनारे बच्चों के कपड़े रखे मिले।
ग्रामीणों ने बच्चों के तालाब में डूबने की शंका जाहिर की। इस दौरान परिजन और गांव के लोग तालाब में खोजबीन करने लगे, तो अली बाबा का शव उतराते मिला। इसके बाद गोविंद रैकवार की तालाब में खोजबीन शुरू की गई, लेकिन रात तक शव नहीं मिलने से गांव के लोगों के हाथ निराशा लगी।
एक ही माेहल्ले के रहने वाले है दोनों
घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों की भीड़ तालाब पर जुट गई। इस दौरान कई लोगों ने तालाब में उतर कर खोजबीन भी की, लेकिन शव नहीं मिला। थाना प्रभारी एमपी शर्मा ने बताया कि दोनों बच्चे एक ही मोहल्ले के रहने वाले है। दोनों साथ में घूमने गए थे। घटना की जानकारी मिलते ही तालाब में छानबीन शुरूकर दी गई है। रविवार को दूसरे बच्चे की तलाश की जाएगी। ग्रामीणों ने बताया कि दोनों बच्चे बचपन के साथी है। अक्सर साथ खेलते थे, गोविंद और अली बाबा कई बार साथ में तालाब की ओर जाते थे, लेकिन शनिवार को यह हादसा हो गया। एक ही मोहल्ले से एक की अर्थी उठेगी तो दूसरे की मैय्यत उठेगी। ग्रामीणों ने बताया कि गोविंद रैकवार परिवार में छोटा था और अली बाबा परिवार में बड़ा था।
नारकोटिक्स विभाग द्वारा प्रथम खंड का अफीम तौल रविवार से ही शुरू किया जाएगा। पहले दिन के लिए 50 किसानों को सूचना भेज दी है। शहर से पांच किमी दूर कनावटी रोड स्थित निजी होटल के परिसर को तौल केंद्र बनाया है। जहां शनिवार रात तक सभी तैयारी पूरी कर ली गई। अधिकारियों ने पहले सोमवार से तौल करने शुरू करने की रणनीति बनाई थी। लेकिन समय पर काम पूरा कराना चुनौती बना हुआ है इसलिए एक दिन पहले ही तौल शुरू होग।
जिले के मनासा व सिंगोली खंड में तौल कार्य चल रहा है। नीमच में पॉजिटिव मरीज मिलने के कारण दो दिन कर्फ्यू लगा दिया था। इसके कारण यहां तौल स्थगित कर दिया। हालात सामान्य होने पर प्रशासन ने शहर से बाहर केंद्र बनाकर तौल शुरू करने की अनुमति दी। इस पर विभाग के अधिकारियों ने दो दिन में सारी व्यवस्थाएं जुटाई तथा कनावटी रोड स्थित होटल मोटल के परिसर में तैयारी पूरी कर ली। रोज दो पारी में तौल होगा। पहले दिन रविवार को 25-25 किसानों को सुबह छह बजे व 10 बजे बुलाया है। तौल कार्य समय पर पूरा होने पर अगले दिन से किसानों की संख्या बढ़ाई जाएगी। जिला अफीम अधिकारी रंजना पाठक ने कहा कि पहले तैयारी सोमवार की थी। लेकिन शनिवार दोपहर ही सारी व्यवस्था हो गई। इसलिए रविवार से ही तौल शुरू कर देंगे। प्रथम खंड-नीमच, जावद व जीरन तहसील के किसानों की अफीम का तौल होगा। नीमच व जावद के 4315 तथा जीरन क्षेत्र के 1299 किसान है।
गाइडलाइन का सभी को पालन करना होगा
प्रथम खंड में तौल कार्य पिछड़ गया है। अब काम जल्दी पूरा करना है। इसलिए रविवार से ही तौल शुरू कर रहे हैं। पहले दिन 50 किसानों को सूचना भेज दी है। सभी को सोशल डिस्टेंस से बैठाकर नंबर से बुलाएंगे। एक कंटेनर के साथ एक किसान को ही केंद्र पर प्रवेश दिया जाएगा। सैनिटाइजर से हाथ धुलाने की व्यवस्था भी की है। संक्रमण से बचाव की गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया जाएगा।
रंजना पाठक, जिला अफीम अधिकारी, प्रथम खंड, नीमच
(संजय जैन)जनपद क्षेत्र के ग्राम पथरगुवां में रहने वाली सुमन राजा परमार पति की मृत्यु के बाद तीन बच्चों का पालन पाेषण करने के साथ अाज भी जिम्मेदारी निभा रही है। मां ने कड़े संघर्ष के चलते बच्चों को शिक्षित किया है। जब महिला से उनके संघर्ष की कहानी सुनी तो उन्होंने दबीं जुबांमें अपना दर्द बयां किया।
उन्होंने बताया कि उनकी शादी मार्च 1999 में पथरगुवां के प्रताप सिंह परमार से हुई थी। शादी के 1 साल बाद उसकी बड़ी पुत्री नेहा ने जन्म लिया और 2 साल बाद छोटी पुत्री निधि ने जन्म लिया। इस के बाद प्राइवेट डॉक्टर के प्रशिक्षण के लिए टीकमगढ़ में रहते थे। जब 5 नवंबर 2004 को उसके घर पुत्र का जन्म हुआ तो उसके पति यह कहकर घर से चले गए कि वह प्रशिक्षण लेने जा रहे हैं। 5 नवंबर 2005 को अपने बेटे के जन्मदिन को घर वापस आएंगे, लेकिन महीने बीत गए। पति घर नहीं लौटे। परेशान होकर खोजबीन की तो पता चला कि एक बस एक्सीडेंट में मृत्यु हो गई। इसके बाद परिवार के ऊपर पहाड़ टूट पड़ा। महिला ने बताया कि समय बीतता जा रहा था।
छोटे-छोटे बच्चों का भरण-पोषण करने के लिए कुछ समझ नहीं आया। जब परिवार का गुजारा चलाने के लिए कुछ नहीं मिला तो एक सिलाई मशीन खरीदी और गांव में ही कपड़े सिलना शुरूकर दिया। गांव के शासकीय स्कूल बच्चों को शिक्षा दिलाई। इस बीच कई परेशानियां भी आई, लेकिन अपना हौसला नहीं खोया।
बच्चे बड़े हुए तो मां का नाम किया रोशन
महिला सुमन राजा ने बताया कि आज बड़ी बेटी 21 वर्ष, छोटी बेटी 19 वर्ष और छोटा 16 वर्ष का हो गया है। बेटी नेहा पढ़ने के साथ-साथ खेलकूद व अन्य गतिविधयों में बढ़-चढ़कर भाग लेती थी। नेहा ने फुटबॉल में स्टेट लेवल तक अपने जौहर दिखा चुकी है। सॉफ्टबॉल में कोच बन कर भी इंदौर जा चुकी है। वर्तमान में इंदौर में अध्ययनरत है। इसके अलावा पलेरा आरएमएसए हॉस्टल में रहकर उसने लोकसभा में प्रधानमंत्री तक का भी रोल अदा किया है।
पति की मृत्यु के बाद सरकारी कार्यालयों के काटे चक्कर, नहीं मिली सहायता
महिला ने बताया कि थाने और कोर्ट के चक्कर लगाने के बाद भी कोई सहायता नहीं मिली। ऐसे में छोटी सी उम्र में बच्चों के सिर से पिता का साया उठ जाने से परिवार टूट पड़ा था। तीन बच्चों की जिम्मेदारी निभानी के लिए कड़े संघर्ष से गुजरना पड़ा। अभी सिलाई करके परिवार का गुजारा चलता है। उन्हाेंने बताया कि बच्चों को परवरिश देनी थी, लेकिन वह नहीं दे पाए। अब बच्चों को अपने पैरों पर खड़े होने में इंतजार है। अभी हाल में कोरोना महामारी के चलते लोगों को मास्क पहनना अनिवार्य किया है। जिस पर गांव में लोगों को मास्क बनाकर वितरण भी किए।
शहर में पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद बनाए कंटेनमेंट क्षेत्र से निकलने वाले कचरे का कलेक्शन व नष्टीकरण भी अलग होगा। ताकि इससे किसी प्रकार का संक्रमण नहीं फैले। कंटेनमेंट क्षेत्र के लिए सफाई कर्मचारी व कचरा कलेक्शन वाहन अलग रहेंगे। इन्हें कचरा एकत्र करने के बाद सैनिटाइज करके बाहर निकालकर सीधे ट्रेंचिंग ग्राउंड पहुंचाया जाएगा।
हम्माल मोहल्ला चूड़ी गली, स्कीम नंबर-7, घंटाघर क्षेत्र व मेहनोत नगर में सफाई व नागरिकों को आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रशासन ने तैयारी की है। शनिवार को जिपं सीईओ भव्या मित्तल ने नपा कार्यालय में नपा की स्वास्थ्य शाखा, लोक निर्माण शाखा सहित इंजीनियर व अन्य अधिकारी-कर्मचारियों की बैठक ली। इसमें कंटेनमेंट क्षेत्र में आवश्यक व्यवस्थाओं को लेकर चर्चा कर निर्देश दिए। सीएमओ रियाजुद्दीन कुरैशी, स्वास्थ्य अधिकारी विश्वास शर्मा उपस्थित थे।
कटेंनमेंट क्षेत्र में ऐसी रहेगी सफाई व्यवस्था
सफाई-कचरा कलेक्शन : प्रत्येक कंटेनमेंट क्षेत्र में 2-2 सफाई कर्मचारी तैनात रहेंगे। नपा इनको पीपीई किट, मास्क, ग्लव्ज, सैनिटाइजर सहित आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराएगी। सुबह 6 व 10 बजे कचरा कलेक्शन गाड़ी कचरा लेने जाएंगी।
कचरा नष्टीकरण : कंटेनमेंट क्षेत्र से कचरा एकत्र कर वाहन को सैनिटाइज करके ट्रेंचिंग ग्राउंड पहुंचाया जाएगा। जहां इंसीनरेटर में कचरा जलाकर नष्ट किया जाएगा। गीले कचरे को 10 फीट गहरे गड्ढे में ब्लीचिंग पाउडर डालकर डंप करेंगे।
कटेंनमेंट क्षेत्र में रहने वालों को यह करना जरूरी होगा
थैली में पैक करके दे कचरा : कंटेनमेंट क्षेत्र के प्रत्येक परिवार को गीला-सूखा कचरा अलग-अलग कर पॉलीथिन में पैककर देना होगा। विशेषकर पॉजिटिव व्यक्ति व उसके परिजन और जिन लोगों के लिए सैंपल लिए, जिन्हें होम क्वारंटाइन किया वे तथा परिवार के लोग कचरा सहित अन्य वेस्ट सामग्री पॉलीथिन में ही रखकर वाहन में डाले।
सड़क पर किसी भी प्रकार का कचरा या वेस्ट नहीं फेंके।
घर में अलग-अलग बाक्स बनाकर उसमें ही कचरा कलेक्शन करें।
सड़क पर कचरा या गंदगी करने वाले की सूचना कंटेनमेंट क्षेत्र के कंट्रोल रूम पर दें।
किसी व्यक्ति की तबीयत खराब हो या संदिग्ध लगता है तो तत्काल जानकारी दे।
पांचों कंटेनमेंट क्षेत्र की सफाई व्यवस्था अलग रहेगी
शहर के चारों कंटेनमेंट क्षेत्र के लिए अलग सफाई व्यवस्था रहेगी। कर्मचारी की तैनाती, कचरा-कलेक्शन व नष्टीकरण पर विशेष ध्यान रखा जाएगा। एेसे क्षेत्र के लोग कचरा सड़कों पर नहीं फैके। पॉलीथिन में पैककर गाड़ी में ही डाले।
रियाजुद्दीन कुरैशी,
काेराेना संक्रमण मरीजाें काे बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा हर कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक अपना फर्ज निभा रहे हैं। इसी में मनासा निवासी मोहनलाल पाल की बेटी उषा पाल जीएनएम स्टाफ नर्स कोविड-19 में सिद्धि विनायक हॉस्पिटल मंदसौर में सेवा दे रही है। पिता मोहनलाल ने बताया कि उषा ने आरबीएस कॉलेज से नर्सिंग करने के बाद एचसीजी कैंसर हॉस्पिटल अहमदाबाद में एक साल सेवा देने के बाद लौटी। वर्तमान में कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंदसौर के निजी अस्पताल में मरीजों को सेवा दे रही है।
मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा अब बकाया बिजली बिल वाले उपभोक्ताओं के विद्युत कनेक्शन काटे जाएंगे। इसके लिए विभाग द्वारा 7 टीमें बनाई गई हैं। इस संबंध में जबलपुर मुख्यालय से निर्देश मिलने पर कार्यपालन यंत्री आरके पाठक ने विभाग के अधिकारियों की बैठक कर बकायादारों के कनेक्शन काटने के निर्देश दिए हैं।
सहायक यंत्री सर्वेश शुक्ला ने बताया कि उपभोक्ताओंं की सुविधा के लिए कार्यालय द्वारा एटीपी काउंटर की सुविधा शुरू कर दी गई है। उपभोक्ता यहां मास्क लगाकर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर बकाया बिजली बिल जमा करा सकते हैं। उपभोक्ताओं के लिए ऑनलाइन बिजली बिल जमा करने की सुविधा पहले से मौजूद है। सभी उपभोक्ताओं से अपील की गई है कि बकाया बिजली बिल का तत्काल भुगतान करें। इसके बावजूद भी बिल जमा नहीं करने की स्थिति में कनेक्शन काटने की कार्रवाई की जाएगी।
विद्युत लाइन में आज से रखरखाव का कार्य शुरू, बंद रहेगी बिजली
शहर में 11 केवी फीडरों का मानसून पूर्व आवश्यक रखरखाव कार्य होने के कारण 10 से 14 मई तक सुबह 7 से 11 बजे तक संबंधित क्षेत्रों का विद्युत प्रदाय बंद रहेगा। 10 मई को 11 केवी सीताराम फीडर से संबद्ध चेतगिरी कॉलोनी, सीताराम कॉलोनी और फौलादी कलम क्षेत्र में, 11 मई को 11 केवी महर्षि फीडर से संबद्ध देरी रोड और बीड़ी कॉलोनी में, 12 मई को 11 केवी बगौता फीडर से संबद्ध सागर रोड, बगौता और परिहार मार्केट में, 13 मई को 11 केवी पन्ना नाका फीडर से संबद्ध सटई रोड, चौबे कॉलोनी, पुलिस लाइन और नरसिंहगढ़ पुरवा क्षेत्र में और 14 मई को 11 केवी बस स्टैंड फीडर से संबद्ध नौगांव रोड, विश्वनाथ कॉलोनी, नारायणपुरा रोड और जवाहर रोड क्षेत्र में विद्युत प्रदाय बंद रहेगा।
विद्युत वितरण केंद्र बारीगढ़ क्षेत्र के करीब 50 गांवों में पिछले 7 दिनों से विद्युत संकट है। लाइन न होने के के कारण सब्जी किसानों की फसलें सूखने लगी हैं। कोरोना महामारी के संक्रमण से बचाने सरकार द्वारा देश में लॉकडाउन लगाया है। शासन प्रशासन द्वारा लोगों से घराें के अंदर ही रहने की सलाह दी जा रही है। ऐसी भीषण गर्मी में विद्युत आपूर्ति दिन भर में दर्जनों बार ठप्प होती है। जिससे गर्मी में लोगों का बुरा हाल है।
आंधी आने से, बारीगढ़ से खेरा कसार मार्ग में किसानों के खेत का एक खंभा टूट कर गिर गया था। इससे किसान सूरजभान सिंह, किसान जयनारायन सिंह, जहान सिंह, ज्ञान सिंह, बलबीर सिंह की लाइट जुड़ी थी। यह लोग गर्मियों में बेजुबान मवेशियों को पानी पिलाने का काम अपने खेत से करते थे। लाइट और खंभे की कोई मरम्मत न होने के कारण इनके खेतों लाइन कटी है। विभाग द्वारा न ही इन खंभों को दुरुस्त कराया जा रहा हैं न ही इस दिशा में कोई पहल की गई। किसानों का कहना है कि दूसरी लाइन सही की जाए ताकि हम दूसरे खंभे से लाइन जोड़कर अपने पंप चला सकें और मवेशियों को पानी पिला सकें।
किसान रिसू कुशवाहा ने बताया कि एक एकड़ में बैगन, कददू, पालक, भिंडी, धनियां, मिर्ची कि फसल लगाई थी। लाइट न होने के कारण एक सप्ताह से फसलों को पानी नहीं मिल पा रहा है। उसने बताया कि हमारी फसल 3 महीने की है, लॉकडाउन लगने से पहले सप्ताह में 5 से 7 हजार रुपए तक का मुनाफा हो जाता था, लेकिन विभाग की उदासीनता के चले एक सप्ताह से विद्युत आपूर्ति बाधित हो रही है। किसान सूरज भान सिंह ने बताया कि उसके खेत में पालक और बैगन लगे हैं। पशुपालन भी किया है, लेकिन पर्याप्त पानी न मिलने के कारण खेतों में खड़ी फसल सूख रही है।
लाइन में फाल्ट होने से आ रही समस्या
इस संबंध में खजुराहो के कनिष्ठ अभियंता प्रदीप कुमार राजपूत का कहना है कि संजय नगर से लवकुशनगर के बीच लाइन फाल्ट है। अभी व्यवस्था के तौर पर बारीगढ़ नगरीय क्षेत्र कि लाइन को जोड़ने के लिए बंसतपुर 33 केवी लाइन से जोड़ा जा रहा है। लाइन मे लोड न बढ़े इसके लिए देहातों में कम सप्लाई रहेगी। जल्द सप्लाई पहले की जैसे ही की जाएगी।
तीन दिन में सात पॉजिटिव केस मिलने के बाद शनिवार को राहतभरी खबर मिली है। भोपाल से मिले 36 सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव ही रही। जिन लोगों के सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव है, उनमें शिवनगर, जावरा फाटक क्षेत्र के लोगों के साथ ही ओपीडी में आने वाले लोग भी शामिल है।
शहर में शुक्रवार को शिवनगर क्षेत्र के एक ही परिवार के तीन लोग संक्रमित मिले थे। ये सभी शिव नगर के एक अन्य युवक के पाॅजिटिव मिलने के बाद सामने आए थे। इधर, स्वास्थ्य विभाग का अमला अब इन लोगों की कान्टेक्ट ट्रेसिंग में जुट गया है। शनिवार को नए पॉजिटिव के संपर्क में आए लोगों को तलाशा गया। इन लोगों की भी सैंपलिंग की जाएगी। अब तक शहर में 23 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं। इनमें से 13 लोग तो ठीक होकर घर चले गए हैं, 10 का अभी मेडिकल कॉलेज में इलाज हो रहा है।
भोपाल से ही मिली रिपोर्ट
मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार को आईसीएमआर ने रूटीन टेस्ट करने की परमिशन दे दी थी। हालांकि, अभी कॉलेज प्रबंधन को आईसीएमआर के पोर्टल का लॉगइन व पासवर्ड नहीं मिल सका है। ऐसे में शनिवार से जांच शुरू नहीं हो सकी है। कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित ने बताया लॉगइन व पासवर्ड मिलने के बाद ही आगे का काम शुरू हो सकेगा।
कोरोना वायरस के त्राहिमाम में सबसे ज्यादा दबाव चिकित्सा जगत पर रहा और इस दौरान दवाओं के लिए जमकर कतारें लगीं। भास्कर ने जब शहर के विभिन्न मेडिकल शॉप व सप्लायरों से रुझान लिया ताे पता चला कि लॉकडाउन में सबसे ज्यादा बिक्री हाई ब्लडप्रेशर व शुगर की दवा की रही। इसकी बिक्री सामान्य से 30 गुना अधिक हुई। शुरुआत में इस कारण इन दवाओं का शॉर्टेज हो गया क्योंकि बाहर से माल भी नहीं आ रहा था।
शहर की करीब तीन लाख आबादी ने सबसे पहले किराना और इसके बाद दवाओं के साथ मास्क व सैनिटाइजर की खरीदी की। मेडिकल संचालकाें के अनुसार इसकी बिक्री शत-प्रतिशत हुई। इस समय सैनिटाइजर की सबसे अधिक डिमांड का प्रभाव डेटॉल लिक्विड पर पड़ा है। यह सामान्यत: चिकित्सक व पुरुष ऑफ्टर शेव के रूप में इस्तेमाल करते हैं।
दवाओं का स्टॉक कर डाला
भास्कर की पड़ताल में सामने आया कि यूं तो बीपी व शुगर की दवाओं की कमी नहीं थी लेकिन रोगियों ने घबराहट में दो महीने की दवाएं स्टॉक कर डालीं। विटामिन सी की लिमसी, शुगर में गलिसिटेक, ग्लाइनएस, ब्लड प्रेशर में पेलानोम-50 सहित अन्य की डिमांड ज्यादा रही। बिक्री सामान्य दिनों की तुलना में 30% अधिक हुई।
राहत : सबसे कम बच्चे बीमार पड़े
लॉकडाउन में सबसे स्वस्थ बच्चे रहे। मेेडिकल संचालक के अनुसार इस दौरान ओपीडी सामान्य दिनों की तुलना में लगभग नगण्य रही। बच्चे बाहर ही नहीं निकले। स्कूल भी बंद रहे। वातावरण भी शुद्ध रहा। इस बात की पुष्टि रावटीवाला अपार्टमेंट के समीपी अरिहंत मेडिकल संचालक संतोष पांचाल ने भी की। उन्होंने बताया लॉकडाउन के शुरुआती दोनों चरणाें में ओपीडी जीरो हो गई थी।
जानिए, लॉकडाउन में कैसे रहे शहर के मेडिकल संचालकों के अनुभव
सबसे ज्यादा च्यवनप्राश बिका
कॉलेज रोड स्थित श्रीराम केमिस्ट के चंद्रेश भाग्यवानी के अनुसार शुरुआत में स्टॉक होने से जरूरी दवाओं का संकट हो गया था। सबसे ज्यादा बिक्री च्यवनप्राश की हुई। इस दौरान शहद भी बिका। हमने भी पहली बार गर्मियों में च्यवनप्राश बेचा। यह तो ठण्ड में बिकने वाले आइटम हैं। गिलोय रस व च्यवनप्राश की डिमांड 50% बढ़ी। वहीं बुखार की दवाओं की बिक्री 20% अधिक हुई। सदी-जुकाम की दवाएं शुरुआत में अच्छी बिकीं। वहीं प्रेग्नेंसी किट की बिक्री में 10% का इजाफा हुआ। हालांकि यह आंकड़ा ज्यादा भी हो सकता है क्योंकि गली-मोहल्लाें की मेडिकल शॉप पर इसकी बिक्री ज्यादा होती है। मास्क व सैनिटाइजर का प्रतिशत नहीं निकाला जा सकता क्योंकि यह पहली बार ही बिके हैं।
विटामिन सी की डिमांड भी बढ़ी
दवाओं का मिला-जुला असर रहा है। व्यापारी मितेश अग्रवाल के अनुसार शुगर, ब्लड प्रेशर के साथ ही विटामिन सी की गोलियों की भी डिमांड रही। विटामिन सी के रूप में इस्तेमाल हाेने वाली लिम्सी का इस्तेमाल सबसे ज्यादा हुई।
डिटॉक्सिफिकेशन में भी च्यवनप्राश का इस्तेमाल-माणकचौक स्थित फखरुद्दीन नजर अली अत्तार दुकान के संचालक इकबाल हुसैन अत्तार कहते हैं कि आजकल हर चीज में मिलावट है। इस वजह से शरीर में जहर जाता है। ऐसे में लोगों का रुझान च्यवनप्राश की ओर बढ़ा। सामान्य दिनों से यह 25 से 30% बिका। हमारे वहां यूनानी व आयुर्वेदिक सभी तरह की दवाओं के ग्राहक इस दौरान इम्यूनिटी बढ़ाने वाले काढ़े, च्यवनप्राश आदि ले गए।
बाल चिकित्सालय की ओपीडी ऐसी रही
4 मई - 53
5 मई - 57
6 मई - 68
7 मई - 53
8 मई - 72
(सामान्य दिनों में ओपीडी 150 से 200 के आसपास रहती है)
एक्सपर्ट व्यू
गर्म पानी, दूध व काढ़े से बढ़ता है इम्यूनिटी सिस्टम
नोडल अधिकारी प्रमोद प्रजापति ने बताया आयुष विभाग की गाइडलाइन के मुताबिक गर्म पानी, दूध का सेवन इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार है। च्यवनप्राश का सेवन, तुलसी, हर्बल चाय/काढ़ा भी लाभप्रद रहता है।
जलकर भरना कोरोना संक्रमण की वजह बन सकता है, शनिवार को लगी यह कतार कोरोना को आमंत्रण दे रही थी। नगर निगम का मुख्यालय होने के बावजूद यहां पर किसी तरह की सोशल डिस्टेंसिंग नजर नहीं आई। यहां जिसकी मर्जी है, वैसा अपना दोपहिया वाहन खड़ा कर बिल भरने के लिए कतार में लग गया।
बोहरा बाखल कंटेनमेंट जोन खुल गया है। क्षेत्र में 14 अप्रैल को पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद से ही यह एरिया सील हो गया था। ऐसे में प्रशासन के साथ ही समाज की अलग-अलग कमेटियों ने अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया।
शनिवार को कमेटी के मेंबरों का समाज केआमिल साहब शेख जौहर भाई शाकिर ने सम्मान किया। उन्होंने समाज की तरफ से सभी को धन्यवाद भी दिया। कमेटी मेंबरों ने बताया कि आमिल साहब का भी समय-समय पर सहयोग मिलता रहा। वे सभी का हौसला बढ़ाने के साथ ही सैयदना साहब के निर्देशों को आमजन तक पहुंचाते रहे। सम्मान के बाद कमेटी मेंबरों ने सेवा को अपनी जिम्मेदारी बताया।
जानिए... किसने क्या जवाबदारी संभाली
कमेटी - बुरहानी गार्ड
मेंबर : अली असगर रायपुरियावाला, मुस्तफा हैंडसम, पिल्लु, मुर्तजा सांघा वाला, फखरूद्दीन भाई, अब्बास कोटावाला।
जिम्मेदारी : दूध, दही, दवाइयां का वितरण करता था। समाजजन को किराने सहित अन्य जरूरत का सामान उपलब्ध करवाते थे।
कमेटी - शबाब कमेटी
मेंबर : अली असगर रावटीवाला, मोहम्मद नजमी, ताहेर नजमी, हुसैन समोसा वाला, हाकिम भाई बासवाड़ावाला, खोजेमा नजमी।
जिम्मेदारी : फल व सब्जी की जवाबदारी इनके जिम्मे थी। कोई बीमार हो जाता तो उन्हें इलाज दिलवाने के साथ ही अस्पताल पहुंचाने का जिम्मा भी उठाते थे। किसी के घर मौत होने पर कमेटी के मेंबर घरों में जाकर समझाते थे ताकि वे डिप्रेशन का शिकार ना हो।
कमेटी - पीआरओ कमेटी
मेंबर : सलीम आरिफ, अली असगर कलकत्तावाला, जोहर हुसैन सैफी।
जिम्मेदारी : कंटेनमेंट एरिया से बाहर समाज के सलीम आरिफ थे। ऐसे में समाजजनों के बैंक के काम, डॉक्टरों से बात करवाना, सामान की कमी सहित अन्य मामलों का समाधान करवाया। कंटेनमेंट एरिया के अंदर के सदस्यों ने सूचनाओं के आदान प्रदान का ध्यान रखा। इस कमेटी ने प्रशासन व समाज के बीच सेतु की तरह काम किया।