लॉकडाउन 3.0 में अनुमत की गयी औद्योगिक गतिविधियों में औद्योगिक परिसर एवं कारखानें परिसर में साफ सफाई एवं सेनेटाइजेशन का कार्य भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार सम्पादित करना होगा। साथ ही राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा समय समय पर जारी गाइडलाइन, एडवाइजरीकी पालना किया जाना सुनिश्चित किया जाए।
कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने बताया कि औद्योगिक प्रतिष्ठानों में प्रवेश के समय थर्मल तापमान यंत्र के माध्यम से प्रत्येक कार्मिक एवं श्रमिकों का शरीर का तापमान लिया जाना आवश्यक होगा। यदि किसी कार्मिक या श्रमिकों का तापमान मानक के अनुरूप हो तो उसे प्रवेश दिया जाये एवं यदि उसमें कोई कोरोना के प्रथम दृष्टया लक्षण नजर आते है तो उसकी सूचना निकटतम चिकित्सा अधिकारी अथवा इंसीडेंट कमांड को दी जाए। कोरोना वायरस महामारी को दृष्टिगत रखते हुए यथा संभव श्रमिकों की सभाओं से परहेज किया जावें। यदि किसी प्रवासी श्रमिक या कार्मिक को कार्य पर रखा जाता है तो कार्य प्रारम्भ करने से पूर्व उसकी ठीक से जॉच कराई जाये और उसकी यात्रा का विवरण, परिवार का विवरण, जिस क्षेत्र से आया है उसका विवरण आदि भी एकत्रित किया जाये।
औद्योगिक इकाई में काम आने वाले के सभी उपकरणों, पोर्टेबल मशीनरी संयत्र आदि को सेनेटाइज कराया जाए। नियोजक द्वारा श्रमिकों या कार्मिकों के समय समय पर जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएं ताकि उन्हें कोविड 19 वायरस से होने वाले संक्रमण को रोका जा सके। यदि किसी औद्योगिक प्रतिष्ठान के कार्यरत किसी परिवार का सदस्य कोविड 19 के संक्रमण से पीडित या संदिग्ध है तो ऐसे श्रमिक से परिसर में तब तक कार्य नही कराया जाये, जब तक कि संबंधित परिजन कोरोना मुक्त घोषित न किया जाये या उसकी जॉच रिपोर्ट नेगेटिव ना आ जायें।
किसी भी परिस्थिति में औद्योगिक परिसर में सभा, सामूहिक मेल मिलाप आदि गतिविधियां आयोजित नहीं की जायें। कार्यस्थल पर सेनेटाईजेशन, हाथ धोने हेतु साबुन, पानी आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जायें। यदि औद्योगिक प्रतिष्ठान पारियों में चलता है तो प्रत्येक पारी में 1 घंटे का अंतराल रखा जाये ताकि एक पारी से छूटने वाले श्रमिक या कार्मिक एवं दूसरी पारी के लिए आने वाले श्रमिक या कार्मिक की परिसर के प्रवेश द्वार पर भीड़ एकत्रित ना हो और न्यूनतम भौतिक दूरी भी बनी रहे।
औद्योगिक प्रतिष्ठानों में लंच ब्रेक के लिये भी एक साथ अनुमत ना कर अलग अलग अंतराल में अनुमति दी जाये ताकि ज्यादा लोग एक साथ एक स्थान पर एकत्रित ना हो सकें। राज्य सरकार द्वारा अति आवश्यक श्रेणी के उत्पादन यथा आटा, दाल, चावल, तेल आदि उद्योगो में आवश्यकतानुसार श्रमिकों स ेअब आगामी 3 माह तक 8 घंटे के स्थान पर 12 घंटे तक अतिरिक्त मजदूरी के भुगतान पर कार्य लिया जा सकता है। उन्होनें बताया कि लॉकडाउन 3.0 अवधि में राज्य में प्रत्येक नागरिक (चिकित्सा आकस्मिकता को छोड़कर) सुबह 7 बजे से सायं 7 बजे तक ही आवागमन अनुमत गतिविधियों हेतु कर सकता है इसलिये औद्योगिक प्रतिष्ठान में यदि एक पारी में कार्य लिया जाता है तो सायं 6 बजे तक समाप्त कर दें ताकि उस प्रतिष्ठान में कार्य करने वाले कार्मिक या श्रमिक सांय 7 बजे से पूर्व अपने निवास पर पहुॅच सकें।
यदि एक से अधिक पारियों में कार्य किया जाता है तो रात्रि पारी के श्रमिकों को भी सायं 7 बजे से पूर्व परिसर में बुलाना सुनिश्चित किया जाये और दूसरे दिन सुबह 7 बजे के बाद ही उन्हें परिसर से बाहर निकलने हेतु अनुमत किया जाए।
शनिवार को बसेडी विधायक खिलाड़ीलाल बैरवा ने बसेड़ी पंचायत समिति सभागार में उपखंड स्तरीय विभागो के अधिकारियों की बैठक आयोजित कर कोरोना वायरस सहित बिजली, पानी व मनरेगा के कार्यों की समीक्षा की।
विधायक ने संबन्धित विभागो के अधिकारियो को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि कोरोना वायरस महामारी के साथ साथ आमजन को राहत देने के लिए बिजली, पानी की व्यवस्था दुरूस्त की जावे वही अधिक से अधिक श्रमिको को मनरेगा से जोडकर रोजगार मुहैया कराया जावे।
विधायक ने कहा कि बिजली, पानी की शिकायतो का त्वरित निस्तारण किया जावे। साथ ही एसडीएम को सुझाब देते हुए कहा कि उपखंड कार्यालय में बिजली, पानी की समस्याओ के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया जावे वही मोबाइल नम्बर सर्कृलेट कर ग्रामीणो की समस्या इंद्राज की जावे जिससे आमजन को राहत मिल सके। विधायक ने बिजली, पानी की समस्याओ में लापरवाही मिलने पर सख्त कार्यवाही करने की नसीहत दी। विधायक ने मनरेगा की समीक्षा करते हुए श्रमिको की संख्या बढाने पर बल दिया। विकास अधिकारी गिर्राजसिह ने बताया कि मनरेगा के तहत शनिवार को बसेडी व सरमथुरा उपखंड में 8758 श्रमिक को मनरेगा के तहत रोजगार दिया गया है।
शुक्रवार को श्रमिकों की संख्या 6700 थी। विधायक ने 15 मई तक मनरेगा में 15 हजार श्रमिको को रोजगार देने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया। वही प्रत्येक रेवन्यू विलेज में मनरेगा के तहत कार्य कराने के निर्देश दिए।
इसीप्रकार विधायक ने कोविड 19 के तहत मोडीफाइड लाॅकडाउन 3 की समीक्षा करते हुए प्रवासी श्रमिको के लिए ठहराव व खानपान की सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए। बसेड़ी विधायक खिलाड़ीलाल बैरवा ने कहा कि लाॅकडाउन की अवधि में प्रशासनिक अधिकारियों ने भामाशाहो का सहयोग लेते हुए व्यवस्थाओं को सुचारु रखा उसके लिए सभी का आभार व्यक्त करता हूं।
एसडीएम को सुझाब देते हुए कहा कि बसेडी में कोरोना वाॅरियर्स बनकर डॉक्टर, मेलनर्स, सफाईकर्मी, पुलिसकर्मी, पटवारी, एंबुलेंसकर्मी आदि ने अपने जीवन को संकट में डालकर कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने पर रोक लगाई ऐसे कोरोना वाॅरियर्स का हौसला बढाने के लिए उपखंडस्तर पर सम्मानित किया जावे। इस मौके पर एसडीएम प्यारेलाल सोठवाल, विकास अधिकारी गिर्राजसिह, जेईएन अवधेश कुमार, पूर्व लाखनसिंह खिडोरा, ब्लॉक अध्यक्ष रविंद्रसिंह परमार, अरुण जैन, शुशांक कौशिक मौजूद थे।
विधायक ने दिए लाइनमैन और ठेका कर्मी को हटाने के निर्देश
बसेडी विधायक खिलाड़ीलाल बैरवा ने गर्मी में आमजन को राहत पहुंचाने के लिए सबसे अधिक ध्यान बिजली, पानी पर केन्द्रित किया। बैठक में हरजूपुरा जीएसएस पर तैनात लाइनमैन देवेन्द्र व बसेडी जीएसएस पर ठेका पर तैनात कार्मिक भोलू द्वारा बिना कारण बिजली काटने की शिकायत मिलने पर नाराजगी जताते हुए लाइनमैन व कार्मिक को तुरंत हटाने के निर्देश निगम के अधिकारियो को दिए। विधायक ने कहा कि अघोषित कटौती कतई बर्दाश्त नही की जाएगी। इस दौरान विधायक बैरवा ने पिछले दिनों आए अंधड से प्रभावित गांवो में तुरंत विद्युत आपूर्ति शुरू करने के निर्देश निगम अधिकारियों को दिए।
कस्बे के समीप राजस्थान-मध्यप्रदेश बॉर्डर पर शुक्रवार रात को पूर्व विधायक व भाजपा कोटा संभाग प्रभारी हेमराज मीणा ने हालातों का जायजा लिया।
इस दौरान मीणा ने पत्रकार वार्ता में बताया कि अभी भी बड़ी संख्या में पैदल चलकर प्रवासी मजदूर सीमा पर पहुंच रहे हैं। प्रतिदिन डेढ़ से दो हजार लोगों का आना-जाना लगा हुआ है। उनकी व्यवस्थाओं को लेकर और जागरूक होने की जरूरत है। राज्य सीमा लॉक होने के बाद भी लोग खेतों व जंगलों के रास्ते से सीमा पार कर रहे हैं। जिनको रोकने के लिए अतिरिक्त जाब्ता लगाने की जरूरत है। प्रवासी मजदूरों में छोटे बच्चे, महिलाएं भी पैदल चलकर सीमा पर पहुंच रहे हैं। जिनकी सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाना चाहिए। प्रवासी मजदूरों को सीमा पर रात के समय जंगल व हाईवे के डिवाइडर पर विश्राम करना पड़ रहा है, जिससे उनके साथ हादसा होने का डर बना रहता है। उनके लिए कस्बे में क्वारेंटाइन सेंटर बनाकर उसमें रुकने की व्यवस्था की जानी चाहिए।
भाजपा नेता ने सरकार को पत्र लिखकर पेट्रोल डीजल पर से वेट कम करने की मांग की। राजस्थान सरकार ने पेट्रोल व डीजल पर “मूल्य वर्धित कर” यानी वेट टैक्स 4% और बढ़ा दिया है पेट्रोल पर वैट 30% से बढ़कर 36% और डीजल पर वैट को 22% से बढ़ाकर 28% कर दिया है, वैट की कीमत में वृद्धि से पड़ोसी राज्यों की सीमा से सटे पेट्रोल डीजल पंप, सरकार की नीति की वजह से बंद होने की कगार पर आ गए हैं।
पड़ोसी राज्यों में पेट्रोल व डीजल के मूल्य कम होने के कारण लोगों को पड़ोसी राज्यों से खरीदने पर मजबूर होना पड़ रहा है जिससे सरकार को राजस्व की हानि के साथ प्रदेश के किसानों, उपभोक्ताओं को अपनी कृषि कार्य हेतु महंगी दरों पर खरीदना पड़ रहा है।
भाजपा नेता अशोक शर्मा में आगे कहा कि कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी केंद्र सरकार की पेट्रोलियम पदार्थों पर टैक्स बढ़ाने को लेकर सरकार का विरोध कर रही है और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पेट्रोलियम पदार्थों पर अनावश्यक रूप से आमजन पर बोझ डाल रहे हैं। कांग्रेश अध्यक्ष सोनिया गांधी की कथनी और करनी में अंतर है।
केंद्र सरकार का विरोध जनता के हितों के लिए कर रही है दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी द्वारा शासित प्रदेश में इसके विपरीत जनता के हितों से खिलवाड़ कर रही है अतः इस महामारी में प्रदेश की जनता, किसानों के हितों को ध्यान रखते हुए पेट्रोलियम पदार्थों जैसी आवश्यक वस्तु पर राजस्थान प्रदेश सरकार वैट वृद्धि कम करने का कदम उठाएं।
न्यू पेंशन स्कीम एम्पलॉइज फेडरेशन के प्रदेश संयुक्त सचिव अरुण मधुकर ने बताया कि कोरोना महामारी के दौर में सरकारी राजकोष को मजबूत करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार को पुरानी पेंशन व्यवस्था दोबारा लागू करनी चाहिए।
नवीन पेंशन योजना नामक म्यूचल फंड में केंद्र एवं राज्यों के सरकारी कार्मिकों का संचित धन ही वर्तमान में देश के सकल घरेलू उत्पाद के दो प्रतिशत के बराबर लगभग चार लाख करोड़ रुपए हो चुका है, जिसको शेयर बाज़ार से हटाकर राज्यों व केंद्र सरकार के एनपीएस कार्मिकों के जीपीएफ खाते खोल कर जमा कराना बहुत जरूरी है। क्योंकि महामारी व विश्वव्यापी मंदी के दौर में शेयर बाज़ार में एनपीएस में संचित धन के डूबने का पूरा जोखिम है।
वहीं दूसरी ओर एनपीएस में संचित धन राज्य सरकारों के साथ केंद्र सरकार को संकट की घडी में वित्तीय मदद साबित होगा। साथ ही पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग कर रहे प्रदेश के 4,75,523 एनपीएस सरकारी कार्मिकों सहित अन्य राज्यों के 47,53,870 व केंद्र के 21,01,972 कुल 68,55,842 एनपीएस सरकारी कार्मिकों के 16 वर्ष का पेंशन बनवास समाप्त होने से उनके घरों में दिवाली मनाई जा सकेगी।
सेवा भारती शाखा ने शनिवार को धर्मादा धर्मशाला में डॉ. मीनाक्षी नागर एवं कंपाउंडर श्याम नागर के सानिध्य में आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाया। यह काढ़ा मौसमी बीमारियों से बचाव एवं शरीर की इम्युनिटी बढाने में लाभकारी है।
स्काउट सचिव राजेन्द्र शर्मा, मोतीलाल मीणा तथा सेवा भारती अध्यक्ष मोहनलाल टेलर ने बताया कि धर्मशाला के सामने सड़क पर 2 काउन्टर लगाकर लगभग 1000 व्यक्तियों को काढ़ा पिलाया गया। इस दौरान शारीरिक शिक्षक मनोज गुर्जर एवं धनराज राठौड़ ने सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाई। वहीं काढ़ा वितरण में विक्रमसिंह खींची, उग्रसेन मीणा, हेमन्त विजय, गोकुल विजय, मुकेश मेघवाल, गोविंद शर्मा, प्रवीण भार्गव, घांसीलाल मेघवाल, बालचंद पारेता ने सहयोग किया। काढ़ा वितरण के बाद सेवा भारती के अध्यक्ष ने सभी को धन्यवाद दिया।
आयुर्वेदिक काढ़े का किया वितरण
शहर में शनिवार को श्रीमहावीर जैन औषधालय एवं चिकित्सा विभाग के सहयोग से आयुर्वेदिक काढ़े का वितरण किया गया। आयुर्वेदिक डाॅ. राजकुमार गोयल, डॉ. प्रताप मेहता एवं महेंद्र उपाध्याय ने काढ़ा तैयार किया। श्रीमहावीर जैन औषधालय के मंत्री वीरेंद्र बड़जात्या ने बताया कि रविवार को भी सुबह आठ से 10 बजे तक अयुर्वेदिक काढ़े का वितरण किया जाएगा।
क्षेत्रीय निदेशक इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय जयपुर से प्राप्त निर्देश अनुसार पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में सत्र जुलाई 2020 की प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है।
क्षेत्रीय केन्द्र के परिपत्र अनुसार एमबीए, एमबीए बैंकिंग, एमएसडब्ल्यू, बीएससी पुराना पाठ्यक्रम तथा इंटीग्रेटेड बीसीए-एमसीए पाठ्यक्रमों में भी प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। इच्छुक छात्र शीघ्र ई-मित्र व ईग्नू की अधिकृत वेबसाइट के माध्यम से प्रवेश प्राप्त करें।
साथ ही बीए पार्ट द्वितीय, तृतीय, एमए अंतिम वर्ष में प्रवेश की अंतिम तिथि विश्वविद्यालय द्वारा 31 मई तक बढ़ा दी गई है। अतः सम्बन्धित छात्र ई-मित्र व ईग्नू की अधिकृत वेबसाइ के माध्यम से सम्बन्धित कक्षा में आवश्यक रूप से 31 मई तक प्रवेश लें। अनुसूचित जाति, जनजाति के छात्र इन कक्षाओं में प्रवेश के लिए अपने पूर्व के प्रवेश-पत्र, जाति प्रमाण-पत्र के साथ महाविद्यालय में उपस्थित हों।
इनके प्रवेश महाविद्यालय स्तर से होंगे। डाॅ गिर्राज सिंह मीणा, समन्वयक इग्नू ने बताया गया कि क्षेत्रीय केन्द्र जयपुर से प्राप्त परिपत्र अनुसार माह जून 2020 में आयोजित होने वाली सत्रीय परीक्षा स्थगित कर दी गई है। नवीन तिथि के लिए इग्नू की वेबसाइट का अवलोकन करते रहें। अल्प समय की सूचना पर परीक्षा आयोजन संभव है। डाॅ मीणा के अनुसार सत्र् जून-जुलाई 2020 की संभावित परीक्षा में प्रविष्ट होने वाले छात्र (सर्टिफिकेट/डिप्लोमा/स्नातक/स्नातकोत्तर) अपने सत्रीय कार्य मूल्यांकन तैयार कर पीडीएफ फाइल बनाकर इग्नू क्षेत्रीय केन्द्र जयपुर के अधिकृत ई-मेल आईडी पर 31 मई से पूर्व आवश्यक रूप से प्रेषित कर दें।
सत्रीय कार्यों को अध्ययन केन्द्र पर भी जमा करने की व्यवस्था की गई है। अतः अध्ययन केन्द्र पी.जी. महाविद्यालय धौलपुर में भी सत्रीय कार्य पूर्व की भांति जमा किये जा सकते हैं। जमा कराने का समय सुबह 10 बजे से 2 के मध्य रहेगा।
राजस्थान शिक्षक संघ युवा के प्रदेशाध्यक्ष रामचंद्र जाखड़ के निर्देश पर जिलाध्यक्ष महेंद्र सिंह मीणा ने प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भुवनेश मालव की सहमति से जिला कार्यकारिणी का गठन किया। जिसका कार्यकाल एक साल का रहेगा।
कार्यकारिणी में जिला संरक्षक राजमल मीणा, रामकल्याण नागर, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य, भुवनेश मालव, अभिजीतसिंह सिसोदिया, हरिप्रकाश मेघवाल, अनवर हुसैन, जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष रविंद्रकुमार शर्मा, धर्मेंद्र मालव, अमित गोचर, ममता गुप्ता, विजय मेघवाल, जिला उपाध्यक्ष राकेश नागर, अनिल मालव, गिरधर मीणा, उषा मालव, श्यामबिहारी मीणा, जिला संगठन महामंत्री फुरकान अली, राकेश शृंगी, चेतन मीणा, सुरेंद्र मालव, बहादुर गोचर, जिला ओपीएस प्रभारी चेतन मीणा, मनीष कुमावत, जिला सभाध्यक्ष गिरिराज गोचर, सुमन मालव, जिला महामंत्री रविंद्रसिंह हाड़ा, निर्मल वैष्णव, महावीर मीणा, हेमराज गोचर, शैलेष शर्मा, जिला सचिव प्रेमबिहारी मीणा, गोगाराम गोचर, बद्रीलाल मेघवाल, कोषाध्यक्ष देवकीनंदन
मीणा, जिला प्रवक्ता भंवरसिंह मीणा, जिला संगठन मंत्री हरिओम मीणा, धर्मेंद्र चौधरी,
सुरेश नामा, जिला मंत्री विमल नागर, सोनू मेघवाल, जिला महिला मंत्री मीनाक्षी शर्मा, चित्रलेखा मीणा को मनोनीत किया गया है।
राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष ग्रामीण मुरारी मीणा ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर नर्सिंगकर्मी के पदनाम को नर्सिंग आफिसर करने की मांग की है।
जिला अध्यक्ष मुरारी मीणा ने बताया कि नर्स ग्रेड द्वितीय का पदनाम नर्सिंग आफिसर, नर्स ग्रेड प्रथम का सीनियर नर्सिंग ऑफिसर, पब्लिक हेल्थ नर्स का व्याख्याता, नर्सिंग ट्यूटर स्कूल का वरिष्ठ व्याख्याता, नर्सिंग ट्यूटर कालेज का सहायक प्रोफेसर व जिला मुख्य नर्सिंग अधीक्षक का पदनाम चीफ नर्सिंग आफिसर करने की मांग की है।
उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के बीच नर्सिंगकर्मी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसलिए 12 मई को नर्सेज दिवस पर पदनाम बदलने की अनुशंसा की जाए।
वो शादीशुदा है, बच्चे हैं, हाइली एजुकेटेड हैं, अमेरिका रहती है, सब जानती है...पर मां तो मां है, मन कहां मानता है, रातों को सो नहीं पाती। बिटिया और नाती-नातिन के बारे में सोचती रहती हैं। पूजा का वक्त भी बढ़ा दिया है।
महामृत्युंजय, हनुमानाष्टक, दुर्गा कवच से लेकर कभी ना पढ़े मंत्रों का भी जाप कर लेती हैं, दो-दो बार, आखिर वो मां हैं। जब अमेरिका में दिन होता है, बूंदी में तब रात होती है, आधी रात को मां दो-दो घंटे बिटिया को नसीहतें देती रहती हैं। कोरोना को लेकर अमेरिका से आने वाली हर खबर मां की मां की नींद उड़ा देती है। न्यू कॉलोनी की विभा माथुर पीजी कॉलेज में एचओडी से रिटायर्ड हैं। बिटिया परिवार के साथ अमेरिका के शिकागो शहर में सेटल हैं। शिकागो का डाउनटाउन कोरोना से इफेक्टेड है। एक साल विभाजी पति एडवोकेट राजकुमार माथुर के साथ बिटिया से मिलने अमेरिका चली जाती हैं तो अगले साल बिटिया बूंदी आ जाती है। इस बार बिटिया को आना था, पर वहां भी लॉकडाउन है। मां को फिक्र सताती रहती है, जब भी वीडियो कॉलिंग-फोन पर बात होती है तो भारतीय मां की तरह नसीहतों का पिटारा खुल जाता है। पत्ता गोभी, पालक अवाइड करना, तेल, चीनी, नमक एडवांस में लेकर रख लेना, रेस्टोरेंट में मत जाना, मास्क लगाकर रहना। बिटिया प्रीति दूरदर्शन में एंकर रह चुकी है। सेन फ्रांसिस्को में हिंदी रेडियो में एंकर रही, अभी शिकागो में ऑनलाइन एंकरिंग कर रही है। विभाजी कहती हैं, मेरे बस में बस पूजा है, ईश्वर पर भरोसा है बस।
मदर्स-डे स्पेशल... अमेरिका और रूस से आने वाली हर खबर पर रहती है नजर
मां को कहती हूं, फिक्र मत कर, पर वो कहां मानती: प्रीति ने भास्कर को बताया कि शिकागो में भी कोरोना फैला है, खासकर डाउन टाउन में। रेस्टोरेंट्स, मॉल, सिनेमा हॉल, पब, बार सब बंद हैं। कुछ इंडियंस स्टोर्स, कुकिंग और जरूरी सामान की शॉप्स ही खुली हैं। वीजा सस्पेंड है, लगता नहीं कि एक-डेढ़ साल इंडिया आ भी पाएंगे। मां हमारे लिए काफी चिंतित रहती हैं, तकरीबन हर रोज बात हो जाती है। मैं कहती भी हूं, आप चिंता ना करें, पर उन्हें हर वक्त हमारी फिक्र रहती है।
सब्जी बेचकर कर रही है गुजर-बसर ताकि रूस से डॉक्टर बनकर लाैटे बेटा
मेहनत-मजदूरी कर पाई-पाई जोड़कर कर बेटे को डाॅक्टर बनाने का सपना आंखों में संजोए मां संपतबाई को रूस में फंसे बेटे सोनू सैनी के लौटने का इंतजार है। लाखेरी की संपतबाई देश में बढ़ते कोरोना के संक्रमण को लेकर भी परेशान हैं और लोगों को कोरोना से लड़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं। सोशल डिस्टेसिंग रखकर मास्क लगाने के लिए जागृत करती हैं। कोरोना से लोगों की मौत गरीब मां को विचलित कर देती है, लेकिन उसे विश्वास है कि मां की ममता कोरोना को अवश्य हराएगी। सब्जी खरीदने आए लोगों को मास्क लगाने और सोशल डिस्टेसिंग की हिदायत देना नहीं भूलती। संपतबाई के पति की बस दुर्घटना में मृत्यु हुई थी। तभी से गृहस्थी का भार उन पर आ गया। वे सब्जी बेचकर गुजर-बसर कर रही है। परिवार में दो बेटी व एक छोटा बेटा है। अपने बड़े बेटे सोनू सैनी को डाॅक्टर बनाने के लिए रूस के केमेरोवो में पढ़ने भेजा।
सीआई की मां को विश्वास है कि बेटा कोरोना जंग जीतकर आएगा
तालेड़ा. जयपुर के फागी गांव में कोरोना फाइटर तालेड़ा सीआई रमेश तिवाड़ी की 70 साल की मां शांतिदेवी को विश्वास है कि मां की ममता देश में कोरोना को हराकर मानेगी। तीन माह से बेटे के इंतजार में पथराई आंखों में बेटे के घर लौटने का इंतजार है। 11 वर्ष पहले पिता की कैंसर से हुई असामयिक मौत के बाद परिवार के सबसे बड़े बेटे सीआई तिवाड़ी ही मां की देखभाल करते रहे हैं, लेकिन लाॅकडाउन के चलते 3 माह से घर नहीं जा सके। मां रोज बेटे की सलामती की दुआ मांग रही है। तिवाड़ी कोटा-बूंदी जिले की सीमा सील करके तालेड़ा क्षेत्र को संक्रमणमुक्त रखने में लगे हैं, वहीं मां शांतिदेवी, पत्नी मंजू तिवाड़ी, बेटी प्रीति-बेटे आदित्य भी कोरोना हराने में अहम भूमिका निभा रहे है। मां को वीडियो कॉल पर जल्द घर आने का दिलासा दे रहे हैं। मां अपने बेटे को कोरोना हराकर ही घर लौटने का आशीष दे रही है। सीआई कहते हैं कि मां से बड़ी दौलत इस दुनिया में कोई नहीं।
हिंडाैली क्षेत्र में एनएच-52 पर बाइक से फिसलकर एक किशाेरी घायल हो गई, जिसकी अस्पताल में मौत हो गई, जबकि घायल पिता का अस्पताल में इलाज चल रहा है। पूर्व सरपंच कन्हैयालाल गुर्जर ने बताया कि चतरगंज निवासी 15 वर्षीया पार्वती गुर्जर पुत्री भंवरलाल गुर्जर की दुर्घटना में मौत हो गई। भंवरलाल अपनी इस बेटी को बाइक पर बैठाकर चतरगंज से हिंडाैली की ओर जा रहा था। नेशनल हाईवे पर शुक्रवार देरशाम को गैस गोदाम के पास बाइक फिसलकर गिर गई, जिससे पिता और पुत्री दोनों घायल हो गए, जिन्हें 108 एंबुलेंस ले जाकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां देररात को पार्वती की मौत हो गई। पूर्व सरपंच कन्हैयालाल गुर्जर ने बताया कि एनएच 52 पर जगह-जगह हाईवे कंपनी द्वारा पुनर्निर्माण के लिए लाइनें खोद रखी है, जिससे आए दिन बाइक सवार गिरकर घायल हो रहे हैं
कोरोना संकट के दौरान कस्बे की सफाई व्यवस्था पर लॉकडाउन लग गया है। ग्राम पंचायत के पास फंड की व्यवस्था नहीं होने के कारण सफाई कर्मियों का भुगतान अटक गया है।
भुगतान नहीं होने की वजह से सफाई कर्मियों के द्वारा सफाई कार्य रोक दिया गया है। जिससे कस्बे के सार्वजनिक स्थलों सहित मुख्य बाजार एवं कई मोहल्लों की सफाई व्यवस्था चौपट हो गई है। जगह-जगह खुले में कूड़े कचरे के ढेर लगने से गंदगी फैल रही है। ऐसे में कस्बे वासियों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वही कूड़े-कचरे के ढेर लगने से मक्खी मच्छरों के पनपने से गर्मी के सीजन में संक्रामक बीमारियां फैलने की आशंका बनी हुई है।
जानकारी के अनुसार स्थानीय ग्राम पंचायत के द्वारा पिछले 5 वर्ष से कस्बे में सफाई कर्मचारी लगाकर सफाई व्यवस्था कराई जा रही थी। लेकिन इस बार स्थानीय पंचायत का चुनाव नहीं होने एवं कोरोना महामारी की वजह से लॉक डाउन लगने के बाद ग्राम पंचायत संसाधन एवं बजट की कमी से जूझ रही है ऐसे में सफाई कर्मचारियों को मासिक भुगतान नहीं होने के कारण सफाई व्यवस्था रोक दी गई है।
ग्राम विकास अधिकारी गजेंद्र सिंह ने बताया कि सफाई कर्मियों को भुगतान करने के लिए न तो निजी आय में फंड बचा है और ना ही अन्य मदों में। जिसके चलते सफाई श्रमिकों को भुगतान किया जाना संभव नहीं हो पा रहा है। उधर लॉक डाउन में सफाई श्रमिकों को ग्राम पंचायत द्वारा भुगतान नहीं किए जाने से सफाई कर्मियों को घर गृहस्थी चलाना मुश्किल हो रहा है। सफाई कार्य का भुगतान नहीं होने से परेशान सफाई कर्मियों के द्वारा मजबूरन सफाई कार्य रोक दिया गया है। ऐसे में सफाई के अभाव में कस्बे के बाजारों सहित कई मोहल्ले कूड़ा कचरा फैलने से गंदगी की चपेट में आ गए हैं।
लॉक डाउन में नए ठेके नहीं होने से भुगतान रुका
सरपंच स्नेहलता परमार ने बताया कि ग्राम पंचायत द्वारा निजी आय से साफ सफाई व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाया जा रहा था। कोरोना संक्रमण के चलते लॉक डाउन से ग्राम पंचायत को निजी आय देने वाले सब्जी हाट से लेकर, तहबाजारी आदि ठेके नहीं होने की वजह से पंचायत को आय प्राप्त नहीं हुई। ऐसी स्थिति में सफाई कर्मियों को मार्च एवं अप्रैल के माह का भुगतान नहीं किया जा सका है। उन्होंने उपखंड मुख्यालय के बाजारों एवं सार्वजनिक स्थानों पर साफ सफाई व्यवस्था को सुचारू करने के लिए लेकिन कार्यकाल पूरा होने के बाद ग्राम पंचायत में सफाई व्यवस्था पटरी से उतर जाएगी इसकी उम्मीद नहीं थी। सरपंच स्नेहलता ने पंचायत समिति के विकास अधिकारी राम बोल गुर्जर से सफाई व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने की मांग की है।
लाॅक डाउन के चलते गांव नगंला बंध सैधली में प्रशासन की माैजूदगी में विवाह सम्पन्न कराया गया। इसमें सोशल डिस्टेंस का खास ख्याल रखते हुए विदाई के बाद दुल्हा-दुल्हन सहित मौके पर मौजूद लोगों का स्वस्थ्य परीक्षण कराया गया।
राउमावि सैधली संस्था प्रधान निरजंन लाल पाण्डे ने बताया कि गांव नंगला बंध, सैंधली निवासी बाबूलाल माली की 23 वर्षीय पुत्री रिंको सैनी की शादी जिला अलवर के कस्बा तिजारा निवासी 24 वर्षीय महेश कुमार के साथ प्रशासन की अनुमति के बाद सोशल डिस्टंस पालना करते हुए पंडित द्वारा सम्पन्न कराई गई।
राज्य सरकार द्वारा किसान कल्याण काेष के नाम पर बढ़ाए गए 2 प्रतिशत मंडी टैक्स को तुरंत वापस लेने की मांग को लेकर भाजपा जिलाध्यक्ष छीतरलाल राणा और विधायक अशोक डोगरा के नेतृत्व में कलेक्टर काे राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया।
ज्ञापन में लिखा कि राज्य सरकार का यह निर्णय इस मुश्किल दौर में खाद्य पदार्थ व्यापारियों के लिए घातक साबित होगा। राज्य में गेहूं, चना, सरसों सरप्लस है। सरसों का तेल-चने की दाल बनकर बाहर जाती है, जिससे किसानों को उपज का अच्छा दाम मिलता है। कृषि जिंस पर दो फीसदी टैक्स लगाने से किसान को अपनी जिंस का दाम कम मिलेगा, उद्योगों को भी इसका भार वहन करना पड़ेगा। बाहर जाने वाले माल का मुनाफा खत्म हो जाएगा, मिलें बंद हो जाएगी-बेरोजगारी बढ़ेगी। मप्र-गुजरात के मुकाबले राजस्थान में पहले से ही मंडी टैक्स ज्यादा है। प्रदेश में कृषि जिंस पर अभी तक 1.60 प्रतिशत मंदी शुल्क लगता है। अब 2 प्रतिशत टैक्स बढ़ाकर 3.60 प्रतिशत करने का सीधा असर आमजन पर पड़ेगा। इस दाैरान गोपाल पचेरवाल, योगेंद्र शृंगी, लक्ष्मणसिंह हाड़ा, सुरेश अग्रवाल, रामबाबू शर्मा, तेजनारायण दुबे, शिशुपाल मीणा, संपत जैन, पवन चौहान, महावीर खंगार, राधेश्याम गुर्जर, शशि शर्मा साथ रहे। बाद में विधायक अशोक डोगरा के निवास पर हुई बैठक में टैक्स को वापस नहीं लेने पर लॉकडाउन के बाद जिलास्तर पर आंदोलन करने का निर्णय लिया। यह जानकारी प्रवक्ता मनीष पाटनी ने दी।
सरकार द्वारा कृषि जिंस पर लगाए गए दो फीसदी किसान मंडी टैक्स का भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध किया। भाजपा मंडल अध्यक्ष लोकेश बागड़ा के नेतृत्व में उपतहसील कार्यालय पर नायब तहसीलदार मोहनलाल खटीक को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। इस दौरान पालिका चेयरमैन मुकेश मीणा, वाइस चेयरमैन रमेश गोस्वामी, भाजपा ग्रामीण मंडल अध्यक्ष धनराज मीणा, राजेंद्र पाटनी, विष्णु शृंगी, अंबरीश व्यास, दिनेश खारोल, अशोक चौरसिया, सत्यनारायण मेघवाल, शिवशंकर उपाध्याय, छीतरलाल गुर्जर, वीरेंद्रसिंह हाडा, संतोष शृंगी मौजूद रहे।
भाजपाइयों ने 2 प्रतिशत मंडी टैक्स बढ़ाने को अनुचित बता इसका विरोध कर राज्यपाल के नाम करवर उपतहसील में रीडर शीशराम को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान भाजपा मंडल अध्यक्ष मुकेश जिंदल, कजोड़ीलाल प्रजापति, करवर व्यापार मंडल महामंत्री मदन नागर, पवन तिवारी, बृजेश तिवारी, रेखराज नागर, आंतरदा सरपंच मेघराज गुर्जर, देवीशंकर बड़गुर्जर, बाबूलाल कोली, हरिप्रसाद नागर, दिनेश जिंदल, मोनू जैन, नवलकिशोर शर्मा मौजूद थे।
हिंडाैली मंडल के भाजपा कार्यकर्ताओं ने तहसीलदार को राज्यपाल के नाम ज्ञापन देकर कृषक कल्याण शुल्क को स्थगित करने की मांग की है। ज्ञापन में बताया है कि टैक्स बढ़ाने से मंडियों में व्यापार ठप हो गया है। जिंसों के भाव पहले से भी गिर गए हैं। कृषक कल्याण शुल्क स्थगित कर मंडियों में कृषि जिंसों के व्यापार को सुचारू कर किसानों को जिंसों का उचित मूल्य दिलवाया जाए। ज्ञापन में टोंक जिले में नाबालिग को अगवा कर गैंगरेप करने वालों को कड़ी सजा दिलाने की मांग भी की गई है। ज्ञापन देने वालों में भाजपा मंडल अध्यक्ष रामेश्वर सैनी, महावीर बरमुंडा, बृजराजसिंह राजावत, मनीष जैन, रामेश्वर वर्मा, उपसरपंच ईश्वर सैनी, प्रभुलाल राव शामिल थे।
केशवरायपाटन. कृषि जिंस पर मंडी टैक्स बढ़ाने को लेकर भाजपा शहर और ग्रामीण मंडल कार्यकर्ताओं ने एसडीएम कार्यालय के बाहर सरकार के खिलाफ रोष जताते हुए राज्यपाल के नाम एसडीएम को ज्ञापन दिया। ज्ञापन देने वालों में शहर और ग्रामीण अध्यक्ष भगवान मलिक, गोपाल नागर, मदन पचेरवाल, श्रीनाथ गुप्ता, राजेश सैनी, राकेश प्रजापत, दौलत गुर्जर, पार्षद रामसिंह गुर्जर, युमो नेता शुभम शर्मा, आशीष गौतम शामिल रहे।
तहसील कार्यालय में शनिवार को भाजपा शहर और ग्रामीण मंडल की ओर से तहसीलदार नरेंद्रसिंह को राजस्थान के राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन देने वालों में भाजपा के शहर मंडल अध्यक्ष धन्नालाल सैनी, ग्रामीण मंडल अध्यक्ष महावीर जैन, भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पदाधिकारी प्रह्लाद महावर, सूरजमल सैनी, नवीन राठौर, मुकेश पारीक, राधेश्याम सैनी, हेमराज गौतम, अशोक वर्मा, सूरजमल मीणा, श्याम दीक्षित, हनुमान सैनी, मोतीलाल मीणा मौजूद रहे।
भाजपा मंडल कार्यकर्ताओं ने किसानों से कर वसूली के विरोध में उपखंड अधिकारी को ज्ञापन दिया। बसोली भाजपा मंडल अध्यक्ष पुरुषोत्तम सोमानी, किसान मोर्चा के कैलाश गौतम, महावीर शर्मा, महावीर मीणा, गौतम शर्मा, लालचंद सैनी, हेमराज सैनी, भीमराजसिंह मौजूद रहे।
कृषि जिंस पर कर लगाने के खिलाफ नमाना मंडल भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष शिवराज पूनिया, मंडल महामंत्री हंसराज योगी, महामंत्री अमरजीतसिंह, मंडल मंत्री गौरीशंकर पाराशर, मंत्री लखविंदरसिंह, जुगराज गुर्जर, शोजीलाल मीणा, सुरेश राठौर, सोहनलाल मीणा ने राज्यपाल के नाम का ज्ञापन नमाना थानाप्रभारी कौशल्या गालव दिया।
हिंगोनिया में तिलम संघ खरीद केंद्र में शामिल दो ग्राम पंचायतों के किसानों के गेहूं की तुलाई स्थानीय एफसीआई खरीद केंद्र पर एसडीएम के दखल के बाद हो सकी। कस्बे के कृषि मंडी में एफसीआई का गेहूं खरीद केंद्र संचालित है। हिंगोनिया केंद्र में शामिल चरडाना व बलकासा के किसानों के चार दिन बाद भी तुलाई नहीं की गई। शनिवार को भी क्वालिटी इंस्पेक्टर नवीन कुमार ने तुलाई करने से इनकार कर दिया। किसानों ने केपाटन एसडीएम को शिकायत की। बाद में एसडीएम अभिषेक चारण व तहसीलदार प्रमोदकुमार ने अाकर एफसीआई अधिकारियों से चर्चा के बाद तुलाई शुरू करवाई। एसडीएम चारण ने कहा कि हिंगोनिया खरीद केंद्र पर कई तरह की शिकायतें मिली थी। अब दोनों पंचायतों के टोकनधारी किसानों के गेहूं की तुलाई कापरेन मंडी में एफसीआई खरीद केंद्र पर करवाई जा रही हैं। 12 मई के बाद हिंगोनिया में व्यवस्था में सुधार के बाद पुनः दोनों ग्राम पंचायतों के किसानों को वापस हिंगोनिया भेज दिया जाएगा।
जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने बताया कि लॉकडाउन के चलते कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों का उपचार करने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुरू की गई मोबाइल ओपीडी वैन आम रोगियों के वरदान साबित हो रही है। इस मोबाइल ओपीडी सुविधा से कंटेन्मेंट जोन तथा अन्य प्रभावित क्षेत्रों में आमजन को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो रही है।
उन्होनें बताया कि लॉकडाउन में आमजन को जांच एवं दवा वितरण की सेवाएं मोबाइल ओपीडी वैन के मध्यम से दी जा रही है. धौलपुर जिले के 6 उपखंडों में वर्तमान में 11मोबाइल मेडिकल ओपीडी वैन संचालित की जा रही है.जिनमे गत 23 तारीख से शुरू हुए मोबाइल ओपीडी सुविधा के दौरान प्रारम्भ में 6 मोबाइल ओपीडी संचालित थी। जिन्हें बढ़ाकर 11 कर दिया है। मोबाइल मेडिकल ओपीडी वैन से शहरी क्षेत्रा और सभी उपखण्डों में विभिन्न स्थलों पर लोगों की जांच एवं उपचार किया जा रहा है, जिनमें पुरूष, महिला व बच्चे भी शामिल हैं।
इस मोबाइल मेडिकल ओपीडी वैन में नियुक्त चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ सर्दी, जुकाम, बुखार, मधुमेह, हाईपरटेंशन की जांच एवं उपचार के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच कर रहे हैं.अब तक जिले में कुल 10 हजार 244 लोगों को निःशुल्क जाँच व उपचार की सुविधा उपलब्ध हो चुकी है। उन्होनें सीएमएचओ को निर्देश दिए है कि अधिक से अधिक लोगों तक मोबाइल ओपीडी सुविधा का लाभ पहुंचना चाहिए।
कृषि उपज उचित मूल्य पर बेचने की आस में किसानों ने कृषि उपज मंडी में रजिस्ट्रेशन करवाया था, लेकिन किसानों को उपज को सस्ते दाम पर बेचना पड़ रहा है। कृषि मंडी में एक हजार किसानों का रजिस्ट्रेशन कृषि जिंस को बेचने के लिए खुली नीलामी में हो चुका है। हाल ही में कृषक कल्याण कर के विरोध में व्यापारियों के मंडी नीलामी प्रकिया में भाग नहीं लेने से किसानों को अपनी जिंस को खुली नीलामी में बेचने से रह गए। मंडी में पहले ही एक दिन में दो पारियों में सिर्फ चालीस ट्रॉली माल की खरीद हो रही है। बंद से अब दो दिन पहले आने वाला नम्बर दो दिन पीछे चला गया और अब कितना पीछे जाएगा, यह तो विरोध बंद होने के बाद ही पता चलेगा। किसान जिंस को बाहर बेचने पर मजबूर हो चुके है। किसानों ने कृषि उपज मंडी में नीलामी प्रकिया शुरू करवाने की मांग की है। उधर, कृषि उपज मंडी सचिव नरेंद्र स्वर्णकार ने बताया कि जो व्यापारी बिना लाइसेंस माल खरीद रहा है तो कार्रवाई की जाएगी। किसानों के माल की तुलाई मंडी शुरू होने पर ही होगी। मंडी के बाहर खरीद के लिए व्यापारियों द्वारा सीधे खरीद का लाइसेंस ले रखा है। जिसका टैक्स व्यापारियों द्वारा चुकाना पडे़गा।
उपखंड क्षेत्र में पिछले 4 दिन से जीरो मोबिलिटी है। यह कर्फ्यू गुम्मट गैरत खेल क्षेत्र में मिले कोरोना पॉजिटिव मरीज के चलते लगाया गया है जो लगभग पूरे बाड़ी शहर में प्रभावी है। दूसरी ओर आदमपुर गांव में मिले कोरोना मरीज के कारण आदमपुर गांव के 1 किलोमीटर क्षेत्र भी कर्फ्यू लगा हुआ है, जिसमें छोटे-बड़े करीब 10 गांव शामिल हैं।
पिछले 4 दिन से जारी कर्फ्यू के चलते बसेड़ी रोड स्थित फल एवं सब्जी मंडी भी नहीं खुली है, जबकि वह कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्र से बाहर है, जिसके चलते जहां फलों के दाम आसमान पर पहुंच गए वहीं सब्जी विक्रेताओं ने भी कीमतें बढ़ा दी हैं। गलियों में ढकेल लेकर आने वाले बेंडर्स भी लोगों से सब्जी के मनमाने दाम वसूल रहे हैं, जिसके चलते लोग परेशान हैं। दूसरी ओर आवश्यक खाद्य वस्तुओं की भी किल्लत होने लगी है।
इस मामले को लेकर उपखंड प्रशासन का कहना है कि कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्र में आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति के लिए दूध वितरण करने वाले लोगों को पास जारी किए हैं, वहीं सब्जी की ढकेल कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्र के अलग-अलग वार्डो में लगाई गई है। राशन सामग्री के लिए एक वाहन रवि कुमार एवं गौरी शंकर को अनुमति दी है जो लोगों को सप्लाई पहुंचा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि जिस शहर में 250 से अधिक ठेल-ढकेल और दुकानदार सब्जी की आपूर्ति करते थे, अब उस शहर में एक वार्ड में केवल एक बेंडर्स स्वीकृत किया है। वहीं राशन सामग्री के लिए भी एक ही वाहन स्वीकृत है। ऐसे में लोगों को अपनी जरूरत की चीजें कितनी और कैसे मिल रही होंगी, यह अंदाजा स्वत: ही लगाा जा सकता है।
इनका कहना है
हमने आवश्यकता अनुसार व्यवस्था कर दी हैं। इसके बावजूद यदि कोई समस्या आती है तो इसका समाधान किया जाएगा।
बृजेश मंगल, एसडीएम बाड़ी
न बैंड बजा, न शहनाई, हो गई शादी। ऐसी एक शादी वार्ड 18 शिवाजी कॉलोनी में हुई। जिसमें वर-वधु पक्ष के 5-5 जने शामिल हुए।
शिवाजी कॉलोनी निवासी छोटीपड़ाप मिडिल स्कूल के प्रधानाध्यापक दशरथलाल मीणा ने एसडीएम की स्वीकृति से अपनी पुत्री सुमित्रा की शादी इंद्रगढ़ के मुकेश मीणा के साथ करवाई। इसमें एसडीएम के स्वीकृति आदेशानुसार पूरी तरह से सोशल डिस्टेंस का पालन किया। विवाहस्थल निजी आवास पर सेनेटराइजर व मास्क की व्यवस्था की गई थी। विवाह में दूल्हा सहित 5 बराती शामिल हुए। जिनमें दूल्हा मुकेश व इसके पिता पन्नालाल, मां पार्वती, भाई लोकेश व शिक्षक बलराम मीणा शामिल है। इधर, दुल्हन पक्ष की ओर से दुल्हन सुमित्रा, इसके पिता दशरथलाल मीना, मां सोभागीदेवी, पुत्र हिमांशु व पं. राधेश्याम शर्मा शामिल थे। पं. राधेश्याम ने दूल्हा-दुल्हन की वैदिक मंत्रोचार के साथ फेरों की रस्म करवा कर विवाह करवाया। दुल्हन की दोनों सगी बहनें कविता व गायत्री रावतभाटा व उदयपुर में होने से लॉकडाउन के चलते विवाह समारोह में नहीं पहुंच सकी। उन्होंने वीडियो कॉलिंग से ही अपने बहन काे आशीर्वाद दिया। हालांकि उन्होंने बताया कि शादी में शामिल नहीं होने का मलाल है।
पदनाम परिवर्तित कर कोरोना योद्धा नर्सेज को पुरस्कृत करने की मांग को लेकर राजस्थान राज्य नर्सेज एसोसिएशन भामसं के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मेघवाहन सिंह ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। इन योद्धाओं का मनोबल बनाए रखने के लिए 12 मई को नर्सेज दिवस पर नर्स द्वितीय का पद नाम नर्सिंग ऑफिसर, नर्स प्रथम का पदनाम सीनियर नर्सिंग ऑफिसर, नर्सिंग ट्यूटर का पदनाम लेक्चरर इन नर्सिंग और नर्सिंग अधीक्षक का पदनाम प्रिंसिपल इन नर्सिंग करके पुरस्कृत किया जाए।
देई में भी दिया ज्ञापन
उपतहसील कार्यालय में देई यूनियन की ओर से नायब तहसीलदार राधेश्याम नागर को मुख्यमंत्री और चिकित्सा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर नर्सिंग कर्मचारियों ने पदनाम केंद्र के अनुरूप करने की मांग की।
नर्स ग्रेड द्वितीय को नर्सिंग ऑफिसर, नर्स ग्रेड प्रथम-सीनियर नर्सिंग ऑफिसर, पब्लिक हेल्थ नर्स को व्याख्याता, नर्सिंग ट्यूटर (नर्सिंग स्कूल) सहायक प्रोफेसर, नर्सिंग ट्यूटर (नर्सिंग कॉलेज) को चीफ नर्सिग ऑफिसर पदनाम करने की मांग की है।
कस्बे व अकतासा कस्बे के मध्य निकल रही तालेड़ा नदी में अस्पताल के अपशिष्ट के ढेर डले होेने से संक्रमण के खतरे को लेकर शनिवार को कस्बेवासियों ने एसडीएम को ज्ञापन दिया।
क्षत्रिय खटीक महासभा के तरुण खरेड़िया व समाजसेवी हेमपाल राठौर ने एसडीएम से कहा कि नदी में मेडिकल अपशिष्ट के ढेर से होने वाले संक्रमण से गंभीर बीमारियों का खतरा मंडरा गया है। तालेड़ा व अकतासा कस्बे की तमाम गंदगी नदी किनारे जमा होने से नदी का पानी संक्रमित होने लगा है। नदी का पानी नागरिकों द्वारा उपयोग में लिया जा रहा है। नदी किनारे जुड़े 6 गांव के ग्रामीण नदी के पानी को पीने के रूप में काम में ले रहे हैं। नदी के पानी में शामिल हो रहे अस्पताल के अपशिष्ट के संक्रमण से कभी भी कोई खतरा हो सकता है। भाजपा कार्यकर्ता मोहित बिरला ने नदी का वीडियो बनाकर सोशल साइट पर वायरल किया। एसडीएम ने जांच के आदेश दिए हैं।
कस्बे के लगभग सभी काेराेना संक्रमिताें की रिपाेर्ट नेगेटिव आने के बाद अब व्यापारिक संगठनाें ने भी प्रशासन से पूरे बाजार काे खाेलने की मांग तेज कर दी है।
पिछले दिनाें से लगातार बढ़ रहे तापमान को देखते हुए तथा लाेगाें की जरुरताें काे हवाला देते हुए व्यापार संगठनाें ने क्रमबद्ध तरीके से सभी तरह की दुकानोंकाे खाेलने की मांग की है।
शनिवार काे व्यापार संघ के अध्यक्ष कमल आर्य व महामंत्री डाॅ. शैलेन्द्र, व्यापार महासंघ संरक्षक रविकांत गाेयल, रिटेल कपड़ा संघ के घनश्याम मित्तल, महामंत्री ओमप्रकाश लहचाेरा, खेमचंद, मुकेश, फर्नीचर एसाेसिएशन के अनिल शर्मा, इलेक्ट्रीकल एसाेसिएशन के भूषण शर्मा आदि ने प्रशासनिक अधिकारियाें काे ज्ञापन दिए।
जिला प्रभारी मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने बूंदी जिले को अब तक कोरोना मुक्त रहते हुए ग्रीन जोन में बने रहने के लिए शाबाशी दी है। बूंदी मॉडल की सराहना की है। उन्होंने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कहा कि बूंदी वालों की वर्किंग बहुत अच्छी-आमजन की भूमिका सराहनीय है। आगे भी इसी तरह डटकर हमें कोरोना को हराना है। थकना नहीं है। इस लड़ाई को सब मिलकर जीतेंगे, ऐसा पूरा विश्वास है।
उन्होंने कहा कि कोई भूखा नहीं रहे, यह ध्यान रखना है। कहीं से भी कोई भी जरूरतमंद भोजन के लिए आए तो उसको आवश्यक राशन सामग्री-भोजन अवश्य मिले। धीरे-धीरे स्थितियां सामान्य होने की ओर है। ग्रीन जोन में उद्योग व्यवसाय आरंभ हो चुके हैं। ऐसे में श्रमिकों का पलायन सही नहीं होगा। जलसंकट पर कलेक्टर अंतरसिंह नेहरा ने बताया कि कंटींजेसी प्लान के तहत पानी भेजने की तैयारी कर ली गई है। एसपी शिवराज मीणा ने बताया कि लाॅकडाउन के दौरान 8000 वाहन जब्त किए गए, जिन्हें अब धीरे-धीरे छोड़ा जा रहा है। 10 लाख रुपए का जुर्माना भी किया गया। कलेक्टर ने बताया कि राजस्थान में सर्वाधिक राशन वितरण 90.93 प्रतिशत बूंदी में हुआ है। जरूरतमंदाें के लिए पहले ही सभी जरूरी सामान युक्त किट दिए जा चुके हैं। सूखे राशन किट भी दे रहे हैं। सीईओ मुरलीधर प्रतिहार ने बताया कि नरेगा में जिले में अच्छी प्रगति है। राज्य में पहला परिवार बूंदी जिले से है, जिसने 100 दिन का रोजगार कर आवास बनाया है।
कोविड 19-जांच में 531 सैंपल निगेटिव
सीएमएचओ डाॅ. जीएल मीणा ने बताया कि अब तक 568 सैंपल लिए गए है। इनमें 9 सैंपल रिजेक्ट होने के बाद 531 सैंपल निगेटिव आ चुके है। 28 सैंपल की रिपोर्ट अभी पेंडिंग है। उन्होंने बताया शनिवार को 12 सैंपल लिए गए हैं।
गर्मी बढ़ने के साथ पानी की डिमांड बढ़ गई है, लेकिन गर्मी से पहले शहर को जितना पानी मिल रहा था, उतना ही पानी अभी आ रहा है। चंबल से पानी आने के बाद शहर में पेयजल व्यवस्था सुधारनी चाहिए, लेकिन सप्लाई व्यवस्था और गड़बड़ा रही है।
हर 3-4 दिन में शहर के किसी एक हिस्से की सप्लाई को काटा जा रहा है। रखरखाव के नाम पर बिजली कटाैती से व्यवस्था और चरमरा जाती है। इसका सीधा असर पानी के समयचक्र पर पड़ रहा है। देरी से हो रही सप्लाई के कारण आमजन परेशान हाे रहा है। शहर के कई हिस्सों में पर्याप्त पानी नहीं आने से टैंकर मंगवाने पड़ रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार शहर को चंबल से प्रतिदिन 20 एमएलडी पानी दिया जा रहा है। फ्लो मीटर नहीं होने से यह कह पाना मुश्किल है कि वास्तव में कितना पानी आ रहा है, क्योंकि जो पानी आ रहा है, उससे डिमांड पूरी नहीं हो पा रही है। पहले 14 टंकियां भर रहे थे, अब 20 टंकियां भरी जा रही है। इसी के कारण हर 3-4 दिन में सप्लाई काटनी पड़ रही है। गर्मी बढ़ने के साथ ही पानी की डिमांड भी बढ़ गई है।
कर्मचारी सो गया, नहीं भर पाई टंकी
कर्मचारी की लापरवाही के कारण शुक्रवार रात की मालीपाड़ी की टंकी नहीं भर पाई। इससे शनिवार को पुरोहित गली, सोत्यापाड़ा, कालामहलों की गली, आचार्य गली में पानी की सप्लाई नहीं हो पाई। जिस कर्मचारी को टंकी भरने के लिए रखा हुआ था, उसकी लापरवाही से टंकी रात के समय नहीं भर पाई। अधिकारियों ने कर्मचारी को हटाकर उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए एसई को पत्र भेजा है।
कंटीजेंसी प्लान तैयार
नगर परिषद द्वारा शहर में पेयजल संकट के हालात से निबटने के लिए कंटीजेंसी प्लान तैयार किया है। आवश्यकता पड़ने पर टैंकरों से सप्लाई की जा सकेगी। यहां तक कि सप्लाई में टेक्निकल फाल्ट आता है तो भी शहर में टैंकर से सप्लाई की जाएगी।
कंटीजेंसी प्लान तैयार कर लिया गया है। आवश्यकता पड़ने पर शहर में टैंकर चलाए जा सकेंगे। बिजली व्यवधान से भी शहर की जलापूर्ति व्यवस्था पर असर पड़ता है।
-अरुणेश शर्मा, कार्यवाहक आयुक्त, नगर परिषद
नयागांव निवासी विवाहिता 21 वर्षीया उमाकुमारी गाैड़ ने साड़ी से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। अचानक खुदकुशी करने से परिवार सकते में आगया। तीन साल पहले ब्याही गई महिला के आत्महत्या करने के कारणाें की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
थानाधिकारी बुद्धिप्रकाश नामा ने बताया कि नयागांव निवासी उमाकुमारी पत्नी दिनेश गौड़ ने शनिवार सुबह कमरे के अंदर से कुंदी बंद कर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजन उसे अस्पताल लेकर गए, जहां डाॅक्टरों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया। सूचना पर थानाधिकारी नामा व एसडीएम अभिषेक चारण घटनास्थल पर पहुंचे और घटनाक्रम की जानकारी ली। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। पुलिस के मुताबिक घटना की जांच एसडीएम चारण कर रहे है। विवाहिता की तीन वर्ष पहले शादी हुई थी। प्रथम दृष्टया जांच में आत्महत्या करने का कोई कारण सामने नहीं आया है।
पुलिस ने समय रहते शनिवार को दो पक्षों में होने वाले खूनी संघर्ष को टाल दिया। दोनों पक्षों के 28 लोगों काे शांतिभंग में गिरफ्तार किया है। बटवाडिया की टेक पर नाता प्रथा के झगड़े को लेकर दो पक्ष आमने-सामने हो गए। इनमें झगड़ा होने से पूर्व ही पुलिस को सूचना मिल गई। इस पर सीआई रामलाल मीना, एएसआई खेमराज मीना मय जाब्ते व महिला पुलिस को साथ लेकर पहुंचे और झगड़े को टाल दिया। पुलिस ने दोनों पक्षों की 16 महिलाओं सहित 28 जनों को शांतिभंग में गिरफ्तार किया है। दो पिकअप, 3 बाइक व लोहे के पाइप, लाठियां, पत्थर जब्त किए। पुलिस ने बताया कि तीन दिन पूर्व दोनों पक्षों के दो युवकों के बीच झगड़ा हो गया था। इसको लेकर शनिवार को दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए। सीआई रामलाल मीना ने बताया एक पक्ष के दारासिंह व दूसरे पक्ष के जगदीश के बीच नाते के झगड़े के फैसले को लेकर विवाद चल रहा था। पुलिस ने एक पक्ष के 19 व दूसरे पक्ष के 9 जनों को गिरफ्तार किया है।
कस्बे के भाटीहाला मोहल्ले में शुक्रवार रात चोर किराने की दुकान का ताला तोड़ 7 हजार रुपएसामान ले गए। जाते समय दुकान के गल्ला को दुकान से दूर बगीची के पास फेंक गए। इस मोहल्ले में दिव्यांग रामदेव लकड़ी की केबिन में किराने की दुकान चलाता है। शुक्रवार को लॉकडाउन की ढील खत्म होने के साथ ही 3 बजे दुकान को बंद कर गया था। शनिवार सुबह 7 बजे वो कोई जरूरत की चीज निकालने के लिए दुकान आया तो ताला टूटा हुआ एवं कुंदी लगी नजर आई। रामदेव ने बताया कि चोर दुकान से वाशिंग पावडर की थैलियां, साबुन, चाय, गल्ले में पड़ी रेजगारी, 7 हजार रुपए ले गए और गल्ले को बगीची के पास फेंक गए। एएसआई खेमराज मीना ने मुआयना कर जांच शुरू की। विदित रहे जजावर में 4 मई की रात को भी लंबी पीपल के भैरुजी के स्थान पर लगी दानपेटी का ताला तोड़कर चोर हजारों की नकदी ले गए थे।
लाखेरी का युवक कोटा में कोरोना पॉजिटिव आया है। गनीमत रही कि युवक की बूंदी से जुड़ी ट्रैवल हिस्ट्री सामने नहीं आई। इसके बाद प्रशासन काे राहत महसूस हुई। युवक के कोरोना पाॅजिटिव आने की सूचना पर पुलिस व मेडिकल टीमें अलर्ट हो गई। उसके परिवार को जरूरी हिदायतों के साथ होम आइसोलेट कर दिया गया है। पुलिस ने उसके व परिजनों की ट्रैवल हिस्ट्री की जांच शुरू की, पर कोई खास हिस्ट्री सामने नहीं आई। युवक तीन माह से लाखेरी नहीं आया था। युवक के परिजनों की भी ट्रैवल हिस्ट्री भी खंगाली गई। ये लोग भी उसके संपर्क में नहीं आए थे। हालांकि परिजनों के झालावाड़ जाकर लौटने की जानकारी मिली है। स्थानीय लोग कोविड-19 कंट्रोल रूम पर युवक के परिवार की ट्रैवल हिस्ट्री की जांच करवाने, परिजनों-परिचितों को होम आइसाेलेशन में रखने की मांग करते रहे।
पीपरवाला गांव में एक खेत में बनी टापरी में अचानक आग लगने से घरेलू और कृषि सामान जल गए। हालांकि कोई जनहानि नहीं हुई। एसटी मोर्चा मंडल अध्यक्ष रामप्रसाद मीना ने बताया कि पीपरवाला निवासी लड्डूलाल मीणा खेत पर टापरी बनाकर रहता था। शनिवार को अचानक आग लगने से सिंचाई के पाइप, बिजली स्टार्टर, 5 ट्रॉली भूसा, बिस्तर, खाने-पीने के सामान जल गए। सूचना पर खजूरा पटवारी सुमन पॉटर और करवर पुलिस मौके पर पहुंची। पर्चा बयान लेकर मौका रिपोर्ट बनाई। उधर, सरपंच रेशम बाई ने प्रशासन से पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देकर राहत देने की मांग की है।
हस्तिनापुर के पास जले सफेदे के कई पेड़
केशवरायपाटन. कोटा-लालसोट मेगा हाईवे किनारे हस्तिनापुर से अरनेठा के बीच आग लगने से कई सफेदे के पेड़ जल गए। सूचना पर वन विभाग कर्मचारियों ने पहुंचकर अपने सीमित संसाधनाें से आग बुझाने का प्रयास किया। कापरेन से पहुंची दमकल ने आग पर काबू पाया। वन अधिकारी घनश्याम मीणा ने कहा कि आग लगने का कारण पता नहीं चल पाया। पास के खेतों में किसान इन दिनों गेहूं की नोलाइयों में आग लगा रहे हैं, जिससे पेड़-पौधों को काफी नुकसान पहुंच रहा है।
मां एक अनुभूति, एक विश्वास, एक रिश्ता नितांत अपना सा। गर्भ में अबोली नाजुक आहट से लेकर नवागत के गुलाबी अवतरण तक, मासूम किलकारियों से लेकर कड़वे निर्मम बोलों तक, आंगन की फुदकन से लेकर नीड़ से सरसराते हुए उड़ जाने तक, मां मातृत्व की कितनी परिभाषाएं रचती है।
कवयित्री स्मृति की मां को समर्पित इन शब्दों को हमारे स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी डॉक्टर व एएनएम मां ओ ने चरित्रार्थ किया है। कोरोना वायरस जैसी महामारी में स्वयं के संक्रमित होने की परवाह नहीं करते हुए अपने बच्चों की सुरक्षा के उचित कदम उठाए। साथ ही आमजन को बचाने को भी इस महामारी से बचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। चाहे अस्पताल में मरीजों को इलाज करना हो या संक्रमित हॉट स्पॉट में जाकर सैंपलिंग करनी हो, हर कार्य को निर्भीक होकर अंजाम दे रही है। इनमें कुछ मां तो ऐसी हैं, जिन्हें मैटरनिटी लीव पर जाना था, लेकिन वे कोरोना से बचाने में लगी हुई है। हालांकि उनको अपने होने वाली संतान की फिक्र है और कोरोना मरीजों की भी।
बच्ची संक्रमित नहीं हो, इसलिए दादा के पास छोड़ा जिला जनाना अस्पताल में गायनिक विभाग में कार्यरत रेजिडेंट डॉ. मनीषा ने बताया कि उनकी छह साल की बेटी है। उनकी ड्यूटी कोविड-19 में भी लगी है। पिछले डेढ़ महीने से लगातार कोरोना मरीज व आने वाले गर्भवती महिलाओं के बीच रहकर उनका इलाज कर रही है। पहले बेटी साथ रहती थी, लेकिन स्वयं से बेटी संक्रमित नहीं हो जाए, इसलिए उसे अपने दादा और पापा के पास कोटा में छोड़ रखा है। रोज रात को अपनी बेटी से फोन पर वाॅयस या वीडियो कॉलिंग से बात करती है। बच्ची मम्मी के पास आने की जिद करती है, लेकिन समझाने पर वह समझ जाती है। ऐसे में बच्ची की सुरक्षा की और इधर लगातार मरीजों का इलाज कर सेवाएं दे रही हैं।
8 माह का गर्भ फिर भी संक्रमित क्षेत्र में दे रही सेवाएं
असनावर सीएचसी में किरण शेरावत स्टाफ नर्स को आठ माह का गर्भ है। उनको इस समय मैटरनिटी लीव पर होना चाहिए। उनको अपनी होने वाली संतान की फ्रिक भी है, लेकिन साथ ही मरीजों की भी। कोरोना महामारी से आमजन को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। संक्रमित क्षेत्रों में जाकर मरीजों की स्क्रीनिंग और डोर टू डोर सर्वे कार्य को अंजाम दे रही है। परिवार जनों ने उनको कई बार छुट्टी लेने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने अपने कर्म को प्राथमिकता दी।
बच्चे व परिवार सुरक्षित रहे इसलिए दूसरे रूम रहती हैं
कोविड-19 में सेवाए दे रही विधि वर्मा के 2 साल की और सीमा सोनी के 5 साल का बेबी है। ये दोनों महिलाएं बार्डर पर आने वाले मजदूरों व बसों में आने वाले राहगीरों की स्क्रीनिंग करती है। इसके अलावा वार्ड में ड्यूटी लगने पर संक्रमित एरिया में जाकर डोर टू डोर सर्वे भी कर रही है, लेकिन स्वयं बच्चे व परिवार संक्रमित नहीं हो, इसके लिए घर के बाहर वाले रूम में रहती हैं। वहीं खाना और सोना होता है। बच्चों को स्वयं के पास नहीं आने देती है। इससे दुखी भी होती है, लेकिन सुरक्षा के लिए उनको दूर रखती है। दोनों कोरोना वारियर्स के रूप में सेवाएं दे रही हैं।
चिकित्सा विभाग की ओर से शनिवार को सीएचसी पर 25 गर्भवती महिलाओं के कोरोना सेम्पल लिए गए। चिकित्सा अधिकारी डॉ. हेमेन्द्र बंसल ने बताया कि सर्वे के दौरान कस्बे के सभी वार्डों में ऐसी महिलाओं को चिन्हित किया गया, जिनकी मई व जून माह में डिलीवरी होने वाली है।
ऐसी 25 महिलाओं के शनिवार को सेम्पल लिए गए। बीसीएमओ डॉ. भरत मीना ने बताया कि कस्बे में अब रैंडम सेंपलिंग की प्रक्रिया शुरु की जा रही है। जिसके तहत कोरोना डयूटी में लगे लोगों के सैंपल लिए जाएंगे।
जिले में 8 हजार लोगों के 400 क्विंटल गेहूं का गड़बड़झाला सामने आया है। रसद विभाग की जांच में सामने आया कि जो लोग दो साल से राशन की दुकानों पर गेहूं लेने नहीं पहुंच रहे थे, लॉकडाउन पीरियड में जब गेहूं का वितरण होने लगा तो इन सभी के हिस्से का गेहूं निकल गया। ऐसे 2 हजार परिवारों के 8 हजार लोगों के हिस्से का गेहूं निकल गया।
अब विभाग की शक की सुई राशन डीलरों पर है कि ऐसे लोगों के हक का गेहूं राशन डीलरों ने निकाल लिया है। इसी को लेकर अब इसकी विस्तृत जांच होगी। इसमें सामने आएगा कि कितने राशन डीलरों ने दूसरों के हिस्सों का गेहूं निकाल लिया। दरअसल, लॉकडाउन के चलते लोगों को राहत देने के लिए सरकार ने निशुल्क गेहूं देना शुरू किए। इसमें खाद्य सुरक्षा में चयनित लोगों सहित बीपीएल, अन्त्योदय योजना में शामिल लोगों को निशुल्क गेहूं दिए गए। हालात यह हो गए कि डीलरों ने दूसरों के हिस्सों का गेहूं भी निकालना शुरू कर दिया। जब शिकायतें आने लगी तो विभाग ने इसकी सच्चाई जांची। इसमें सामने आया कि जो लोग दो-दो साल से अपना राशन लेने नहीं पहुंच रहे हैं, उनका सौ फीसदी गेहूं का वितरण हो गया।
दो साल से राशन लेने नहीं पहुंच रहे, फिर भी एक्टिव रखे राशन कार्ड, इसी से शुरू हुआ गड़बड़ी का खेल: जो उपभोक्ता दो साल से राशन लेने नहीं पहुंच रहे, उनके राशन कार्ड भी एक्टिव रखे गए। उनके नाम नहीं काटे गए। बस यहीं से ही गड़बड़ी का खेल शुरू हो गया। जैसे ही राशन डीलरों को नियमों में कुछ राहत दी गई तो उन्होंने इन्हीं लोगों के हिस्से के गेहूं को हड़प लिया।
दूसरे जिलों के उपभोक्ताओं के भी यहां उठा लिए गए गेहूं
जिले में ऐसे भी मामले सामने आ चुके हैं, जहां पर जैसलमेर, अजमेर सहित अन्य जिलों के उपभोक्ताओं के गेहूं भी यहां के डीलरों ने उठा लिए हैं। ऐसे में इन डीलरों के खिलाफ थानों में मुकदमे भी दर्ज हो चुके हैं। इसी तरह अनुपस्थित उपभोक्ताओं के हिस्से का गेहूं उठाने में भी कई डीलरों ने कसर नहीं छोड़ी। इसी का नतीजा रहा कि जिले में बड़ी मात्रा में गरीब के हिस्से का गेहूं कालाबाजारी में गया है।
अपात्रों की सूचना देंगे राशन डीलर
रसद विभाग ने अब राशन डीलरों से ऐसे लोगों की सूची मांगी है जो खाद्य सुरक्षा योजना में अपात्र की श्रेणी में हैं। राशन डीलरों को 12 मई तक यह सूची अपने क्षेत्र के रसद इंस्पेक्टर को देनी होगी। जिले में बड़ी संख्या में अपात्रों के नाम भी खाद्य सुरक्षा योजना में जुड़ गए थे। अब ऐसे ही नाम हटाने की तैयारी चल रही है।
करीब 2 हजार राशन कार्ड ऐसे हैं जो काफी समय से राशन लेने नहीं पहुंच रहे थे और उनका गेहूं लॉकडाउन के दौरान वितरित हो गया। ऐसे में अब जांच करवा रहे हैं कि कहीं यह गेहूं राशन डीलर ने तो नहीं उठा लिया।
आलोक झारवाल, डीएसओ, झालावाड़
चावल परमल की आड़ में विमल-पान मसाला की तस्करी करके ले जाते खंडिया चौराहे पर शुक्रवार रात को एक ट्रक पकड़ा है। जिससे बरामद गुटखा व पान-मसाला की कीमत करीब 11 लाख रुपए बताई गई है।
प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि पान-मसाला ट्रक से कोटा ले जाया जा रहा था। एसपी राममूर्ति जोशी ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण व महामारी को फैलने से रोकने के उद्देश्य से देश मे लॉकडाउन किया हुआ है। राज्य में जर्दा तम्बाकू गुटखा पान मसाला खाने थूंकने, बेचने व परिवहन पर प्रतिबन्ध लगाया हुआ है, लेकिन कई जगहों पर लॉकडाउन का उल्लघंन कर गुटखा, तम्बाकू की कालाबाजारी कर कई गुणा अधिक दाम वसूल करने की सूचनाएं मिल रही थी। इस पर प्रभावी कार्रवाई के लिए डीएसपी विजय शंकर शर्मा के सुपरविजन में जिला स्पेशल टीम को टास्क दिया गया। बीती रात तीनधार की तरफ से एक ट्रक में अवैध विमल पान मसाला परिवहन कर कोटा की तरफ जाने की खबर मिली। इसके बाद खंडिया चौराहा पर नाकाबंदी की गई। इस दौरान पाटन रोड की तरफ से आए एक ट्रक को रुकवाया, जिसमें चावल परमल के कट्टे भरे हुए थे। तलाशी लेने पर ट्रक में परमल के कट्टों के नीचे अवैध रूप से सूत के बोरों में भरे विमल पान मसाला की खेप बरामद हुई। ट्रक चालक कोटा बूढ़ादीत कोटड़ादीपसिंह निवासी ओमप्रकाश पुत्र मांगीलाल माली को लॉकडाउन का उल्लंघन कर अवैध रूप से प्रतिबंधित तंबाकू पान मसाला परिवहन करने के आरोप में गिरफ्तार कर ट्रक जब्त कर लिया।
ये माल बरामद हुआ
ट्रक में कुल 38 बोरों के अन्दर 152 कट्टों में भरे 2,38,640 पाउच गुटखा,जिसकी मार्केट वेल्यू 11 लाख रुपए है।
एंबुलेंस में गुटखा-जर्दा ले जाते दो गिरफ्तार
लॉकडाउन के दौरान एंबुलेंस में छिपाकर पान-मसाला व जर्दा ले जाते पुलिस ने दो जनों को पकड़ा है। सीआई जगदीश मीणा ने बताया कि गिंदौर तिराहे पर नाकाबंदी के दौरान एंबूलेंस काे रोेककर तलाशी गई, जिसमें धूम्रपान सामग्री भरी हुई। उसमें से 300 पाउच पान मसाला, 300 पाउच जर्दा और 120 बीड़ी के बंडल बरामद हुए। एंबुलेंस सवार झालावाड़ कुम्हार मोहल्ला निवासी युवराज प्रजापति व बंटी कुम्हार को गिरफ्तार कर लिया गया।
छापी पेयजल योजना की राइजिंग लाइन क्षेत्र के टेकला रघुनाथपुरा गांव के पास टूट जाने से हजारों लीटर पानी व्यर्थ बह गया। जिसके कारण आगामी एक-दो दिनों के लिए बकानी कस्बे की जलापूर्ति प्रभावित हो सकती है। पीएचईडी के जेईएन सोनू बलवानी ने बताया कि शनिवार को एक किसान द्वारा अपने खेत में पाइप लाइन डालने के लिए जेसीबी से खुदाई करते दौरान खेत में छापी पेयजल योजना की 300 एमएमडीआई को क्रॉसिंग के स्थान पाइप लाइन टूट जाने से लाइन में भरा पानी बह गया। सूचना मिलने पर तुरंत कर्मचारियों को भेजकर लाइन दुरुस्त करने की कवायद शुरू कर दी है, लेकिन लाइन में पानी होने से उसे खाली होने के बाद ही मरम्मत किया जा सकता है।जिसके चलते आगामी एक-दो दिन बकानी कस्बे के लगभग 70 फीसदी हिस्सों मे पेयजल वितरण व्यवस्था बाधित रहेगी।
आरबीएम अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग से ओपीडी और सभी वार्ड अब नई बिल्डिंग में शिफ्ट कर दिए गए हैं। पुरानी बिल्डिंग में अब केवल कोरोना रोगियों को ही रखा जाएगा। हालांकि नई बिल्डिंग में भी कोरोना रोगियों के लिए अलग से विंग बनी हुई है। इधर, कोरोना संक्रमण की वजह से अस्पताल में आने वाले सामान्य रोगियों की संख्या काफी घट गई है।
मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डा. मुकेश गुप्ता ने बताया कि कोरोना से पहले आरबीएम अस्पताल में सभी प्रकार की ओपीडी 1000 से ज्यादा रोगियों की रहती थी। वह अब घटकर करीब 300 रह गई है। इसी तरह इंडोर मरीजों की संख्या भी 250 से घटकर लगभग 70 रह गई है। इन दिनों सर्जरी तो लगभग बंद सी ही हैं। बेहद जरुरी होने पर ही ईएनटी और हड्डी के ऑपरेशन होते हैं।
अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग अनुपयोगी घोषित
आरबीएम अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग जर्जर होने की वजह से पीडब्ल्यूडी ने अनुपयोगी घोषित की हुई है। इसलिए उसे खाली करना पड़ा है। नई बिल्डिंग में अब सभी आवश्यक सुविधाएं शुरू कर दी गई हैं। कोरोना का कहर खत्म होते ही पुरानी बिल्डिंग को पूरी तरह से खाली कर दिया जाएगा। इसके बाद इस बिल्डिंग को गिराकर नया प्लान तैयार किया जाना प्रस्तावित है।
सभी सुविधाएं जारी
आरबीएम अस्पताल की नई बिल्डिंग में सभी तरह की ओपीडी और इमरजेंसी ट्रोमा सेवाएं भी जारी हैं। अस्पताल में अब कोरोना और सामान्य मरीजों के लिए अब अलग-अलग व्यवस्थाएं हैं। ब्लाक ए में सामान्य रोगी एवं अन्य सेवाएं और ब्लाक बी, सेंट्रल लैब की बिल्डिंग एवं पुरानी बिल्डिंग में कोरोना तथा संदिग्ध मरीजों को रखा जाएगा। अस्पताल में इन दिनों संक्रमण की वजह से सिर्फ इमरजेंसी के रोगी ही आ रहे हैं। इसलिए ओपीडी और इंडोर कम हुआ है।
नवदीप सैनी, पीएमओ, आरबीएम अस्पताल
दांगीपुरा क्षेत्र से ड्यूटी कर लौटते समय शुक्रवार रात 10 बजे बाइक फिसलने से कनिष्ठ लिपिक की मौत हो गई। कोरोना महामारी में एक कोरोना योद्धा की दांगी पुरा इलाके में लोकेंद्रसिंह की ड्यटी लगा रखी है। शुक्रवार रात को वह अपनी ड्यूटी करके मनोहरथाना लौट रहा था, रास्ते में तलाई के पास मोड़ के यहां बाइक फिसल गई। वह गड्ढे में नीचे गिर गया। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
विकास अधिकारी हनुमान मीणा ने बताया कि लोकेंद्र सिंह व्यवहार कुशल कार्मिक रहा है। उसके लगभग 3 माह का एक बच्चा है। कोरोना योद्धा की हादसे में हुई मृत्यु परिवार सदमें में हैं।
अब समर्थन मूल्य पर गेहूं व सरसों खरीद सरकार द्वारा भारतीय खाद्य निगम व राजफैड द्वारा शुरू कराए जाने पर उन्हें राहत मिली है। कस्बा स्थित राधा-रानी कृषि फार्म पर भारतीय खाद्य निगम द्वारा 1925 रूपए प्रति क्विंटल गेहूं खरीद की जा रही है जिसमें एक हजार कट्टे गेहूं समर्थन मूल्य पर खरीदा गया।
राजफैड की ओर से छौंकरवाड़ा ग्राम विकास सहकारी समिति द्वारा सरसों की खरीद समर्थन मूल्य 4425 रूपए प्रति क्विन्टल से खरीद गई। निगम के क्वालिटी इंस्पेक्टर मनोज कुमार व भुगतान प्रभारी बाबूलाल मीना ने बताया कि भारत सरकार के मापदण्ड के अनुसार समर्थन मूल्य पर खरीद जारी है। इसके लिए किसान को ई-मित्र से टोकन लेकर आना होगा। खरीद का समय सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक है।
अधिग्रहित निजी अस्पतालों में क्षमता से अधिक मरीज पहुंचने पर मरीजों को लौटाए जाने लगा। वहीं ग्रामीण अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टरों की ड्यूटी निजी अस्पतालों में लगाने से वहां की व्यवस्था प्रभावित होने पर जनाना अस्पताल को सोमवार से शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
जिला जनाना अस्पताल में गायनिक और पीडियाट्रिक विभाग को शुरू किया जाएगा। जिला जनाना अस्पताल में कार्यरत रेजिडेंट डॉक्टर के कोरोना पॉजिटिव होने और बाद में अन्य रेजिडेंट के भी कोरोना पॉजिटिव होने पर सभी रेजिडेंट को क्वारेंटाइन करते हुए अस्पताल को सील कर जीरो मोबिलिटी घोषित कर दिया था। इसके बाद वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर शहर के निजी अस्पतालों को अधिग्रहित कर मरीजों को वहां पहुंचाया जा रहा था, लेकिन वहां भी क्षमता से अधिक मरीज होने पर व्यवस्था प्रभावित हो रही थी, कई मरीजों को बिना इलाज के लौटाया जा रहा था। इधर, मेडिकल कॉलेज में आने पर भी मरीजों को निराश लौटाया जा रहा था।
गायनिक व पीडियाट्रिक इमरजेंसी सेवाएं होगी शुरू
जनाना अस्पताल अधीक्षक डॉ. संजय जैन ने बताया कि जनाना अस्पताल में सोमवार से गायनिक व पीडियाट्रिक विभाग शुरू कर रहे हैं। यहां दोनों विभागों की इमरजेंसी सेवाएं शुरू होगी। ओपीडी मरीजों को भी इमरजेंसी में ही देखा जाएगा। अलग से कोई ओपीडी नहीं होगी। ग्रामीण व एमपी से आने वाले प्रसव केस व शिशु रोगियों को निजी अस्पताल नहीं भेजा जाएगा, उनका यहीं पर इलाज किया जाएगा।
सेनेटाइज करवाया
जनाना अस्पताल में इमरजेंसी मरीज होने से वैसे तो यहां प्रतिदिन सेनेटाइजर करवाया जा रहा है, लेकिन सोमवार से गायनिक व पीडियाट्रिक विभाग शुरू किए जाएंगे, इसके लिए वार्डों व इमरजेंसी को सेनेटाइजर करवाया जा रहा है।
प्रशासन ने सोमवार से जनाना अस्पताल को शुरू करने का निर्णय लिया है। अभी फिलहाल गायनिक व पीडियाट्रिक विभाग को शुरू किया जाएगा। एसआरजी में फिलहाल कोविड-19 के मरीजों को इलाज चल रहा है। अन्य विभागों के लिए निर्णय बाद में होगा।
डॉ. राजेंद्र गुप्ता, अधीक्षक
कोरोना महामारी में जहां चिकित्सक, पुलिस, स्वास्थ्यकर्मी व सफाईकर्मी अपनी भूमिका निभा रहे हैं वहीं डिस्कॉम के अभियंता व बिजलीकर्मी भी अपना दायित्व निभा रहे हैं।
कोरोना महामारी में लोग घरों में हैं और बिजली के बिना वर्तमान भीषण गर्मी के दाैर में दिनचर्या संभव नहीं हो पाती है। बिजली कार्मिक अपनी डयूटी अच्छे तरीके से निभा रहे हैं।
डिस्कॉम के एईएन विवेक शर्मा के अनुसार 26 अप्रैल की आंधी में 77 पोल व 3 मई की आंधी में 85 पोल टूटने के साथ 42 ट्रांसफार्मर धराशायी हो गए थे इससे शहर के साथ ग्रामीण इलाकों की सप्लाई बाधित हाे गई थी।
इतने नुकसान के बावजूद निगम कर्मियाें दिन-रात फील्ड में जुटकर शहर व ग्रामीण क्षेत्र की बिजली आपूर्ति 24 घंटों में बहाल कर दी थी।
शानदार कार्य व विभाग के त्वरित कार्य के लिए वीरमपुरा सरपंच के साथ ग्रामीणों ने डिस्कॉम के बयाना एईएन विवेक शर्मा, जेईएन फतेहसिंह के साथ 13 बिजली कर्मियों का साफा पहनाकर व पुष्प देकर सम्मानित किया गया। वीरमपुरा सरपंच राजेन्द्र सिंह ने बताया कि बिजलीकर्मी कडी मेहनत कर रहे हैं व असल में कोरोना वारियर्स हैं। आंधी तूफान व विषम परिस्थिति में भी बिजलीकर्मी शानदार कार्य कर रहे हैं। वहीं बताया गया कि इस समय लॉक डाउन चल रहा है। और भरतपुर जिले का बयाना हॉट स्पॉट रहा है जिसके तहत भी बिजली कर्मचारी एवं अन्य आवश्यक सेवाएं भी जरूरी जारी रखी जा रही है। जिससे किसी भी प्रकार की आमजन को किसी भी तरह से परेशानी नहीं हो। जिसक लिए बिजली कर्मचारी दिन रात एक करके आमजन को की सेवा में लगे हुए है। इस मौके पर सचिव रसीद खान, रामबाबू धाकड, जगराम आदि माैजूद रहे।
इसलिए कर रहे सम्मानित
लॉकडाउन में उपभोक्ताओंको दिक्कतों का सामना न करना पडे इसके लिए बिजलीकर्मी दिन-रात लगे हुए हैं। अब तक 995 रजिस्टर्ड शिकायतों का निपटारा व 42 ट्रांसफार्मर बदले जा चुके हैं। नतीजतन उपभोक्ताओं द्वारा डिस्कॉम कर्मियों को सम्मानित किया जा रहा है।
विवेक शर्मा, एईएन, विद्युत विभाग बयाना।
जिले के कई क्षेत्रों में करोड़ों रुपए की स्कीमों पर घर घर पाइप डालकर पानी पहुंचाया, लेकिन फिर भी ग्रामीणों को राहत नहीं मिल पाई। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अभी भी पानी के लिए भटक रहे हैं। सुनेल, चछलाव, पिड़ावा, असनावर, सारोला क्षेत्रों में अभी पेयजल योजनाओं के काम हुए ही हैं, लेकिन उसके बाद भी लोगों को उनकी जरूरत का पानी नहीं मिल पा रहा है।
इमलीपुरा, बारीबल्डा मोहल्ला, मेला मैदान, पाटलिया मोहल्ला सहित अन्य क्षेत्रों में लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। यहां कई क्षेत्रों में तो हालात यह है कि जब नल आते हैं तब बिजली गुल हो जाती है। इससे लोग खेंचू से पानी खींचने को मजबूर हैं। इन दिनों गर्मी में लोगों को पानी की अधिक जरूरत है, लेकिन इसके उपट 15 से 20 लीटर पानी ही मिल पा रहा है। ग्राम पंचायत चछलाव में 1 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से पेयजल योजना पूरी हुई। यहां दो कुओं और एक पानी की टंकी का निर्माण हो चुका है, गांव में घर घर पेयजल लाइन भी बिछा दी गई, लेकिन अभी तक घरों में पानी नहीं पहुंच पाया है। 500 परिवारों की बस्ती वाला गागरोन शहर में केवल 40 मिनट ही पानी आता है। 16 नल प्वाईंट पर लोगों को पानी भरना होता है। ऐसे में 200 परिवार ऊंचाई पर रहने के कारण पानी नहीं ले पाते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि औसाव, चछलाव और हेमड़ा में 2018 में ही घर घर नल कनेक्शन देकर पानी पहुंचाना था, लेकिन अभी तक पानी नहीं पहुंचा है। जेईएन जतीश प्रकाश डागल ने बताया कि यहां पीपलाद डेम से पानी की पंपिंग की जाती है। इसके बारे में उच्चाधिकारियों को सूचित कर दिया है। साथ ही नल आते समय बिजली भी बंद रहती है। इससे पंपिंग नहीं हो पा रही है।
गर्मी की दस्तक के साथ गहराई पानी की परेशानी
कस्बे में जलसंकट गहरा गया है। जलस्त्रोतों में काफी मात्रा मे पानी के बावजूद कुप्रबंध के चलते लोगों को जलसंकट का सामना करना पड़ रहा है। दलेलपुरा निवासी अरशद उल्ला, माता चौकी निवासी राजू माली, मुगलपुरा निवासी हनीफ खान, हरिजन बस्ती निवासी सुनील नरवाल, माता की बाड़ी निवासी सुरेश मेघवाल ने बताया की पिछले कुछ दिनों से पीएचईडी द्वारा अल्पमात्रा व कम दबाव से जलापूर्ति की जा रही है। कई बार अधिकारियों को बताया, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पाया।
जीरो मोबिलिटी में भी जलसंकट
माता चौकी, दलेलपुरा में कोरोना हॉटस्पॉट जॉन के चलते जीरो मोबिलिटी है। जीरो मोबिलिटी के बाद भी कम दबाव से जलापूर्ति की जा रही है। यहां के वाशिंदों ने बताया की महज 20 मिनट ही जलापूर्ति की जा रही है। गुरुवार को तो जलापूर्ति भी नही की गई। जीरो मोबिलिटी के बावजूद पेयजल की अन्य कोई व्यवस्था भी नही की गई। कर्फ्यू के चलते वह अन्य स्रोतों तक भी पानी नहीं पहुंच पाया। झीरी, मुगलपुरा, हरिजन बस्ती, माताजी की बाड़ी में मेघवाल बस्ती में भी कम दबाव से जलापूर्ति की जा रही है।
अथाह जलराशि फिर भी कंठ प्यासे
चंवली व गागरिन पेयजल परियोजनाओं से जलापूर्ति की जा रही है। अधिकांश चंवली बांध से ही जलापूर्ति होती है। लेकिन आंशिक रूप से गागरिन से भी पानी लिया जा रहा है।इस समय पीएचईडी के करीब 2 हजार नियमित उपभोक्ता हैं। चंवली बांध में काफी मात्रा में पानी है। वहीं 2 घंटे गागरीन से भी पानी लिया जा रहा है, लेकिन भी पीएचईडी की ओर से जलसंकट दूर नहीं किया जा रहा है।
संवेदक पर मेहरबान अभियंता
चवली बांध से कस्बे में पंप हाउस व तीन उच्च जलाशयों तक पानी पहुंचाने का काम ठेकेदार का है। हिम्मतगढ़ स्थित पम्प हाउस के कस्बे के पंप हाउस तक व यहां से उच्च जलाशयों तक पानी पहुंचाने का काम ठेकेदार के दर्जनों संविदाकर्मी करते हैं जो फील्ड में लाइन की देखरेख भी करते हैं। इधर जेईएन कौशल किशोर ने बताया कि मैने पिछले साल ही ज्वाइन किया है। लगातार व्यवस्थाएं बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। गुरुवार को दलेलपुरा में जलापूर्ति नहीं की गई है। जल संकट के बारे में नहीं बताया, नहीं तो वहां टैंकर भेज देते। मुगलपुरा और दलेलपुरा सहित कुछ क्षेत्रों में कम दबाव से जलापूर्ति की समस्या है।
असनावर कस्बे में आ रहा गंदा पानी
असनावर. कस्बे में गंदे पानी की सप्लाई हो रही है। इसके चलते भीषण गर्मी में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कस्बे के मनीष गौतम, रमेश चंद पांचाल, भंवर लाल धूलिया ने बताया कि कुछ दिनों से कस्बे में गंदा पानी आ रहा है। इससे बीमारियां फैलने की संभावना है। पीएचईडी के अधिकारियों को कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं कर रहा है। छापी बांध से ही गंदा पानी आ रहा है। वार्ड संख्या 8 के पंच दिलीप टेलर ने बताया कि कुछ दिनों से पीला पानी आ रहा है। जेईएन सोनू बलवानी ने बताया कि अभी तक उनके पास गंदे पानी की कोई शिकायत नहीं आई है। फिर भी जांच करवा कर सही पानी की सप्लाई करवाने और प्रेशर से पानी देने के प्रयास करेंगे।
कोरोना संक्रमण में आवश्यक ड्यूटी में लगे रामपुरिया पीईईओ व खेजड़िया का एक शिक्षक बिना बताए ड्यूटी स्थल ने नदारद हो गए। जिस पर एसडीएम श्रवण सिंह के सामने उपस्थित होने के निर्देश दिए गए। लेकिन दोनों हो उपस्थित नहीं हुए। इनको अब नोटिस देकर तलब किया जाएगा।
ग्राम पंचायत रामपुरिया की कोरोना कोर कमेटी के अध्यक्ष पीईईओ सुदामा पाराशर आपदा प्रबंधन के तहत आवश्यक सेवाओ के लिए नियुक्त थे। जिनका कार्य ग्राम पंचायत स्तरीय कोरोना आपदा राहत व बचाव कार्यों के साथ साथ ग्रामीणों दी जाने वाली आवश्यक सेवाओं की मॉनिटरिंग करना है, लेकिन पीईईओ पराशर गत 6 मई को ही मुख्यालय से अपने निवास भरतपुर चले गए। जबकि कोरोना के तहत ड्यूटी दे रहे कार्मिको को बिना अनुमति के मुख्यालय छोड़ने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके बावजूद भी वह नदारद हो गए।
रामपुरिया के पीईईओ व खेजड़िया के शिक्षक को 9 मई को मेरे समक्ष उपस्थित होना था। लेकिन दोनों ने आदेशो की पालना नहीं की। इस पर आगे कार्यवाही करते हुए दोनों को नोटिस जारी किए जा रहे है।
श्रवणसिंह राजावत, एसडीएम पिड़ावा
कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए जागरुकता और लॉकडाउन की पालना को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने ऑनलाइन पेंटिंग प्रतियोगिता शुरू की है।
प्रतियोगिता संयोजक प्रांत कार्यकारिणी सदस्य शुभम खत्री व सह संयोजक जतिन गर्ग ने बताया कि विद्यार्थी कोरोना से बचाव, जागरुकता व लॉकडाउन से संबंधित पेंटिंग्स बनाकर उन्हें वाट्सएप नंबरों 6377155011 (संजीव सिकन्दरा) व 9636363674 (शुभम खत्री) पर भेजनी होगी।
इन पेंटिंग्स को एबीवीपी जयपुर प्रांत के फेसबुक पेज पर अपलोड किया जाएगा। प्रतियोगिता की अंतिम तिथि 17 मई रखी गई है। खत्री ने बताया कि कई विद्यार्थियों ने अपनी बनाई हुई पेंटिंग्स भेजनी शुरु कर दी हैं। प्रतियोगिता में प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।
राजस्थान टैक्स टाइल्स मिल्स में पिछले कई दिनों से श्रमिक वेतन को लेकर मिल्स प्रबंधन व श्रमिकों के बीच चल रही गरमागरमी शनिवार शाम तक खुलकर सामने आ गई। अप्रैल माह में टैक्सटाइल मिल्स प्रबंधन द्वारा 40% से भी कम वेतन डालने के बाद स्थानीय मिल्स श्रमिकों के बाद बाहरी क्षेत्र के लेबर कॉलोनी में रहने वाले श्रमिकों का गुस्सा फूट पड़ा। 2,000 से अधिक संख्या में मौजूद श्रमिकों ने एकसाथ मिलकर पत्थरबाजी कर लेबर कॉलोनी गेट पर मौजूद गार्डरूम को तोड़फोड़ कर दिया। हालात यह रहे कि पुलिस प्रशासन को भी जान बचाकर भागना पड़ा।
पत्थरबाजी के बाद स्टाफ गेट में घुसे श्रमिक
श्रमिकों का गुस्सा फूटने के बाद पत्थरबाजी से शुरू हुआ मामला स्टाफ कॉलोनी के अंदर तक जा पहुंचा, जहां हजारों की तादाद में श्रमिक एक साथ दीवार कूदकर मिल्स प्रबंधक स्टाफ कॉलोनी में जा घुसे, जहां पर पुलिस को बल प्रयोग कर श्रमिकों को खदेड़ना पड़ा। स्थानीय पुलिस प्रशासन में जवानों की कमी के कारण मिश्रौली थाना पुलिस से जवानों को बुलाकर भवानीमंडी एवं मिश्रौली पुलिस द्वारा संयुक्त कार्रवाई कर मामले को संभाला गया।
यह है मजदूरों की मांग
स्थानीय मजदूरों ने बताया कि मिल्स प्रबंधन द्वारा लॉकडाउन के समय से ही मजदूरों का शोषण कर रही है। लेबर कॉलोनी से बाहर ना जाने देना-वेतन कटौती करना मजदूरों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। मजदूरों ने बताया कि 8000 प्रति माह तक कमाने वाला व्यक्तियों को मिल प्रबंधन द्वारा 2200 से लेकर 2500 रुपए तक वेतन दिया जा रहा है, जिससे श्रमिकों को लॉकडाउन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जनूथर की अपना घर सेवा समिति सदस्यों ने जनसहयोग से एकत्रित रसद सामग्री को अपनाघर आश्रम भरतपुर भेजा। रसद सामग्री से भरे तीन वाहनों को नायब तहसीलदार कैलाश मीणा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस मौके पर सेवा समिति के ब्लॉक संयोजक चन्द्रभान शर्मा एवं समिति डीग अध्यक्ष मान सिंह यादव मौजूद रहे। जानकारी के अनुसार रसद सामग्री के रूप में 45क्विंटल गेहूं, 13कट्टा चीनी, 14 कट्टा चावल, 2 कट्टा सूजी, 8 पीपा सरसों का तेल,चने की दाल व आटा सहित अन्य खाद्य सामग्री भेजी गई है। चन्द्रभान शर्मा ने बताया कि इस मौके पर सोशल डिस्टेंसिंग की पालना भी की गई।
भाजपा की ओर से दिहाड़ी मजदूरों और जरूरतमंदों को राशन सामग्री किट, भोजन पैकेट वितरित किए जा रहे हैं। भाजपा जिला महामंत्री संजय वर्मा ने बताया कि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और सांसद दुष्यंत सिंह पूरे जिले में मंडल, बूथ कार्यकर्ताओं से संपर्क कर लॉकडाउन में जरूरतमंदों के लिए भोजन की व्यवस्था करवा रहे हैं। इसी के तहत शनिवार को भी 136 लोगों को राशन किट, 2433 लोगों को भोजन पैकेट मुहैया करवाए। विवेक दुबे ने बताया कि भाजपा जिलाध्यक्ष संजय जैन ताऊ ने राड़ी के बालाजी रोड, मदारी खां तालाब, बैरवा बस्ती, दुर्गपुरा रोड, नया तालाब, मामा भांजा चौराहा पर पैदल राहगीरों, झालरापाटन रोड, कॉलेज चौराहा, धनवाडा बस्ती सहित अन्य क्षेत्रों में भोजन के पैकेट वितरित किए। इस मौके पर दिलीप प्रजापति, यतन सिंह यादव, संजय शुक्ला, चंद्रमोहन धाभाई, मनोज गुर्जर मौजूद रहे।
वहीं, शहर के कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों में कार्यरत नगर परिषद के कर्मचारियों की कोरोना के संक्रमण को देखते हुए थर्मल स्क्रीनिंग और टेस्टिंग करवाए जाने के लिए कलेक्टर को पत्र लिखा है।
सभापित मनीष शुक्ला ने कोरोना को देखते हुए कर्फ्यू ग्रस्त में कार्यरत सफाई कर्मचारियो, फायर कर्मचारियों, घर-घर कचरा सग्रहण में कार्यरत कार्मिकों की स्क्रीनिंग व टेस्टिंग करवाने की कलेक्टर से मांग की है।
पनवाड़. कोरोना महामारी के चलते कोटा जिले की सीमा पर कालीसिंध नदी के किनारे समदखेडी चैक पोस्ट पर प्रशासन द्वारा कड़ी निगरानी की जा रही है। पुलिस विभाग, शिक्षा विभाग, व चिकित्सा विभाग के कर्मचारी 8-8 घंटे की डयूटी कर रहे है। दूसरी और सांगोद रोड, आकोदिया हनुमान मंदिर के सामने एवं दहीखेड़ा से सांगोद रोड़ पर बागडसी के चैक पोस्ट पर इस समय तेज गर्मी, आंधी व बारिश में भी पुलिस व शिक्षा विभाग के कर्मचारी तैनात है।
कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर विभिन्न क्वारेंटाइन सेंटरों से अपने घरों को लौटे कसाईपाड़ा के लोगों के सामने व्याप्त राशन संकट को देखते हुए प्रशासन ने सहयोगात्मक कदम उठाया है। प्रशासन ने शनिवार को कसाईपाड़ा के परिवारों के लिए आटा, दाल सहित सब्जी की व्यवस्था की।
कस्बा पटवारी देवीसिंह गुर्जर ने बताया कि शनिवार दोपहर कसाईपाड़ा में तहसीलदार जीपी बंसल व नपा ईओ जितेन्द्र गर्ग के निर्देशन में खाद्य सुरक्षा योजना में चयनित 44 परिवारों को गेंहूं के स्थान पर 24 क्विंटल आटा, 44 किलो दाल का वितरण राशन डीलर भगवानदास व सुभाष सिंघल के जरिए कराया।
शेष 30 अन्य परिवारों को 10-10 किलो आटे की किट तथा कृषि उपज मंडी सचिव की ओर से 100 किलो आलू व 100 किलो प्याज का निशुल्क वितरण किया गया।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री रमेश चन्द मीना ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण बेरोजगारी झेल रहे श्रमिकों, किसानों एवं मजदूरों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा में अधिक से अधिक कार्य शुरू किए जाए। उन्होंने गर्मियों में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति नियमित रूप से करवाए जाने के निर्देश दिए।
प्रभारी मंत्री शनिवार को शासन सचिवालय से वीसी के माध्यम से अपने प्रभार वाले झालावाड़ जिले के अधिकारियों को समीक्षात्मक बैठक के दौरान आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राशन की दुकानें नियमित रूप से खोली जाएं। इससे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को निशुल्क गेहूं एवं दाल का वितरण किया जा सके। उन्होंने भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में नियमित रूप से सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव करने के निर्देश दिए। इससे कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके। मंत्री ने कहा कि गेहूं, चना एवं सरसों के खरीद केन्द्रों पर कोरोना वायरस से संक्रमण से बचाव के लिए सामाजिक दूरी का विशेष ध्यान रखा जाए। सभी ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत कार्य स्वीकृत किया जाना सुनिश्चित करें। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके। उन्होंने कहा कि जो कार्य स्वीकृत किए गए हैं उनकी प्रभावी तरीके से मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने झालावाड़ जिले से मजदूरों के पलायन से उद्योगों पर पडने वाले प्रभाव एवं इसके समाधान पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा की।
ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति नियमित रूप से करें
मंत्री ने क्वारेंटाइन केन्द्र, होम आइसोलेशन, पॉजीटिव मरीजों एवं अब तक जांच किए गए व्यक्तियों के बारे में मोबाइल वेन द्वारा किए जा रहे परीक्षण और सामान्य चिकित्सा व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि आमजन के लिए चिकित्सा सेवाओं की पुख्ता व्यवस्था की जाए। उन्होंने हैडपम्प मरम्मत अभियान की प्रगति के साथ ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में टैंकरों के माध्यम से की जा रही पेयजल की आपूर्ति नियमित रूप से करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिलों में जो व्यक्ति गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं उसके आने-जाने सहित बेहतर तरीके से उपचार की व्यवस्था उपलब्ध करवाया जाना सुनिश्चित करें। खाद्य मंत्री ने कहा कि कॉटन एवं खादी के मास्क तैयार करने के लिए स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित किया जाए। जिले में जहां पर भी कर्फ्यू घोषित किया गया है वहां पर आमजन को आवश्यक वस्तुएं खरीदने के लिए पास जारी किए जाएं। जिले में जल संसाधन के स्रोतों का जिओ टेगिंग एवं टैंकरों से पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। उसका प्रभावी तरीके से पर्यवेक्षण करवाया जाना सुनिश्चित करें। जिले में लॉकडाउन की पालना सख्ती से करवाया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने क्वारेंटाइन केन्द्रों पर की जा रही व्यवस्थाओं की विस्तारपूर्वक जानकारी लेकर बेहतर व्यवस्था उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले में सफाई कर्मचारी, फल-सब्जी एवं दूध विक्रेताओं की नियमित रूप से जांच करवाने के निर्देश दिए।
राजस्थान राज्य भारत स्काउट गाइड स्थानीय संघ ने विश्व प्रवासी पक्षी दिवस मनाया।
स्काउट सचिव प्रकाश चन्द सुमन ने बताया कि इस दिवस के मौके पर बेजुबान पक्षियों के लिए पीने के पानी के परिंडे बांधे गए. भरतपुर दरवाजा हनुमान मन्दिर की बगीची में मन्दिर महन्त पं. राधाचरन शर्मा के साथ हैड कांस्टेवल राजेश कुमार थाना कुम्हेर, उत्तम सिंह यातायात पुलिस,करन सिंह सेवानिवृत प्रधानाध्यापक,रमेश चन्द बंसल,श्याम सुन्दर, खुशी, परी, ववली आदि ने विभिन्न स्थानों पर परिंडे लगाए।
कार्यक्रम में मुंह पर मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा गया। नियमित पानी भरने की जिम्मेदारी महन्त राधाचरन शर्मा ने सहर्ष स्वीकार की।
व्यापार सेवा संघ 22 मार्च से लेकर शनिवार तक गरीब निर्धन मजदूर लोगों की सहायता कर रहा है। समिति द्वारा शनिवार तक 750 राशन के किट वितरण कर चुका है। वहीं जैन सोशल ग्रुप, भारत विकास परिषद, प्रॉपर्टी डीलर एसोसिएशन, द्वारकाधीश पुष्टि सत्संग समिति, का पूर्ण सहयोग किया जा रहा है। इस दौरान व्यापार संघ अध्यक्ष विजय मेहता, सचिव चेतन नामदेव, कार्यकारिणी सदस्य राजेश शर्मा, अंशु गुप्ता, समाजसेवी गोविंद सोनी, मुकेश शारदा, यश भंडारी, अर्जुन कसारा, नितेश मूंदड़ा, प्रोपर्टी डीलर एसोसिएशन से तूफान गुर्जर, अजय गुर्जर, चंद्रप्रकाश राठौर,अमरीश सेठिया, द्वारकाधीश समिति से रविराज पाटीदार, रमेश माहेश्वरी, पदम गुप्ता, हरी गुप्ता राकेश चेलावत, सत्य प्रकाश माहेश्वरी आदि लोगों का नाश्ता वितरण किया। वहीं किसान ट्रेडिंग कंपनी के कार्यकर्त्ता द्वारा 500 पैकेट भोजन का वितरण किया गया। इस दौरान कृष्णमोहन गुर्जर, पार्षद अंबेश मीणा, प्रदीप यादव, बलराम गुर्जर, संजय चतुर्वेदी, हलवाई नंदा उस्ताद मौजूद रहे।
यह व्यंग्य, मेरे शहर कोटा को समर्पित है। जो केवल कचौरी को देखता है, कचौरी का संगीत सुनता है, और बस कचौरी की ही कहता है। आज लाॅकडाउन की वेला में, जब शराब के लिए लंबी लाइनों की चर्चा हो रही है। लोग लड़ाई-झगड़े कर रहे हैं। तो ऐसे में मुझे मेरे कोटा शहर की प्यारी कचौरी की बहुत याद आ रही है। सारे शहरवासी, कचौरी के बिना कैसे जी पा रहे हैं। यह मैं समझ नहीं पा रहा। मेरा कोटा शहर इस मामले में बिल्कुल अलग है। सारी दुनिया सुबह-सुबह जहां भगवान का नाम लेती है। वहां मेरे शहरवासी कचौरी-ध्यान से अपनी सुबह की शुरुआत करते हैं।
कभी आप सुबह कोटा शहर के भ्रमण पर निकलें। तो पाएंगे कि लोग जगह-जगह गोलाकार समूहों में खड़े होकर तप कर रहे हैं। आप उन्हें देखकर आश्चर्य न करें। वे सैकड़ों सेंटीग्रेट तापमान वाली भट्टी को घेरकर, कड़ाही के तैलीय स्वीमिंग-पूल में गोल-मटोल कचौरी को प्रेमपूर्वक निहारते पाए जाते हैं। पर वे केवल निहार भर रहे हैं, यह कहना गलत है। उनके आपसी प्रेम संवाद भी निरंतर चलते रहते हैं। कचौरी को अब पलटना चाहिए, सिंकाई ठीक नहीं हो रही है, अभी थोड़ी भूरी नजर आने लगी है, इधर से कच्ची है। कितना समय और लगेगा, आंच थोड़ी बढ़ानी होगी। कड़ाही से उठती हुई महक के कारण वहां नाना प्रकार की जंतु प्रजातियां, कुत्ता, गाय, सुअर आदि, बस गले लगने के मामूली डिस्टेंस पर ही खड़ी होती हैं। पर कचौरी तप में पड़े इस साधक की तपस्या इन अवरोधों से बिल्कुल भंग नहीं होती।
इसी कठोर तप के परिणामस्वरूप, साधक को कचौरी फल की प्राप्ति होती है। पर वर्षों से निरंतर खाने के कारण, शरीर का मूल स्वरूप तो बचता ही कहां है। बस कचौरी को खाते देख यही दिखाई देता है कि बड़ी कचौरी छोटी कचौरी को खा रही है। कचौरी, उसकी आत्मा में ऐसी बस जाती है कि वो खुद भी गोल-मटोल कचौरी की तरह नजर आने लगता है।
अब ऐसे में कोटा के मिर्चीले पिच पर बिचारा डाॅक्टर पेट को रोता ही रहे। पर यहीं, कोटा के किसी महान भोजन वैज्ञानिक ने नया वैज्ञानिक नियम प्रचलित कर दिया कि कोटा का पानी मिर्ची मांगता है। और इस वैज्ञानिक नियम को सारा शहर सर्वसम्मति से मानता है। अब यह प्रयोग, कौन सी वुहान की प्रयोगशाला में किया गया। यह आज तक कोई नहीं जान पाया।
प्रत्येक आदमी अपने नसीब में एक ससुराल लिए पैदा होता है और ससुराल से अच्छे संबंध रखना भारत-पाकिस्तान में भाईचारा रखने से कम नहीं है। लेकिन कोटावासियों के संबंध ससुराल से दूसरे भारतीय शहरों की तुलना में अच्छे हैं। उसके पीछे कचौरी का अमूल्य योगदान है। जब आदमी अपने परम्परागत शत्रु यानी साला-साली-सास-ससुर के सामने, कचौरी का बड़ा थैला रखता है, तो वो सारे गिले-शिकवे भूल जाते हैं। वो दुश्मन को भी गले लगा लेते हैं।
बस अब तो बहुत हो गया। अब तो सारा शहर, कचौरी के इंतजार में है। कब हम कचौरी की लाइन में लगेंगे। कब खट्टी और मीठी चटनी से कचौरी को पवित्र स्नान कर भोग लगाऐंगे। अब मुंह में पानी आ रहा है। अब अधिक देर नहीं है।
कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए किए गए लाॅकडाउन ने हमारे जीवन को कई तरह से प्रभावित किया है। समाज में ऐसे परिवर्तन भी देखने को मिल रहे हैं, जिनकी कुछ महीनों पहले तक कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। आमतौर पर हमारे यहां विवाह समारोह भव्य और खर्चीले होने लगे हैं, लेकिन इन दिनाें शादी में दूल्हा दुल्हन के अलावा उनके माता-पिता ही शामिल हाे रहे हैं। आमतौर पर सीमित मेहमानों की माैजूदगी में प्रेम विवाह ही होते हैं, लेकिन अब अरेंज मैरिज में भी ऐसा हाेने लगा है।
भारतीय मान्यताओं के अनुसार शादी एक संस्कार है, लेकिन बाजार की चकाचाैंध ने विवाह समारोहों को भी खास इवेंट बना दिया है। इसीलिए अब शादियों की ज्यादातर व्यवस्था किसी इवेंट एजेंसी के हवाले होती हैं। शादियों के सीजन में जेवरात वालों से लेकर हलवाइयों, दर्जियों और बैंडवालों काे अच्छे व्यवसाय की उम्मीदें जाग जाती हैं, लेकिन इस बार शादियाें का सीजन व्यावसायिक दृष्टि से बहुत सूना गुज़र रहा है। अधिकतर बुकिंग रद्द हो गईं। कोरोना ने केवल आदमी की सेहत की संभावनाओं को ही नहीं बहुत सारी चीज़ों को अपनी जकड़ में लिया है।
क्या किसी विवाह समारोह में भाग लेते हुए आपने कभी सोचा कि हमारी अधिकतर वैवाहिक रस्में किसी ऐतिहासिक युद्ध प्रसंग की याद क्यों याद दिलाती हैं? लड़के ने भले ही जीवन में कभी घुड़सवारी नहीं की हो, लेकिन वाे एक तलवार या कटार के साथ घोड़ी पर बैठकर लड़की वालों के दरवाज़े तक जाता है और वहां अपनी विजय के प्रतीक के तौर पर तोरण मारता है। अक्सर बारातियों का उत्साह किसी विजयी सेना के उन्माद से कम नहीं होता। दरअसल, विवाह एक आजीवन विश्वास के संस्कार का नाम है। यह विश्वास कोई औपचारिक बंधन नहीं देखता। लाॅकडाउन के दिनों में ही कानपुर में एक रोचक शादी हुई। लड़का घर से सब्जी और राशन लेने निकला, लेकिन लौटा तो उसके साथ उसकी नवब्याहता भी थी। लड़के की मां ने यह कहकर उन्हें घर में आने से रोक दिया कि उन्होंने लाॅकडाउन का नियम तोड़ा है। कोटा-झालावाड़ रास्ते में ऐतिहासिक भीम चैरी है। यह एक गुप्तकालीन शिवमंदिर का अवशेष माना जाता है। इसके साथ भी एक विवाह प्रसंग जुड़ा है। कहते हैं जंगल से गुज़रते हुए पाण्डुपुत्र भीम को एक यक्षिणी से प्रेम हो गया। यक्षिणी ने शर्त रखी कि वह सूर्योदय के पूर्व पत्थरों का एक सुंदर मण्डप तैयार कर दें तो वह भीम से विवाह कर लेगी। भीम ने बहुत कोशिश की, लेकिन वो मंडप पूरा नहीं कर सका। लोकमान्यताओं में कोटा का कंसुआ धाम भी एक पौराणिक गंधर्व विवाह से जुड़ा है। कहते हैं कि यहां पर महर्षि कण्व का आश्रम था और पुराण प्रसिद्ध दुष्यंत-शकुंतला का मिलन यहीं हुआ था। महान साहित्यकार जयशंकर प्रसाद ने अपने नाटक समुद्रगुप्त की भूमिका में यह बात लिखी है। जाने माने व्यंग्यकार शरद जोशी ने अपने एक व्यंग्य में लिखा था कि मनुष्य एक विवाहशील प्राणी है। लाॅकडाउन शादियों की धूमधाम पर प्रतिबंध लगा सकता है, लेकिन किसी संस्कार के साथ जीवन भर के लिए किसी का होने में जो सुख है- उस सुख के उल्लास पर कौन प्रतिबंध लगा सकता है?