They attribute Kerala’s success till date to 28-day quarantine
First flight with passengers from Dubai to land on May 12
The first train from Thrissur to Uttar Pradesh, arranged for migrant workers and their families, left the Thrissur railway station at 4.45 p.m. on Fri
The police registered a case on Friday against 13 migrant workers for blocking a road at Ramanthali, near Payyannur, on Thursday evening seeking to re
A special train carrying 1,053 migrant workers commenced journey from Kanhangad railway station to Jharkhand on Thrusday night. Following instructions
Figure falls to 7, as against the UN-set target of 8 for 2020
V. Ramachandran, Mahe MLA, has urged the Puducherry Chief Minister to stop the semi high speed rail project from passing through Mahe. The MLA pointed
Patient from Chennai suffers from kidney ailment also
When the KSRTC buses with 38 Pravasis from the Nedumbassery airport reached Mammiyur near Guruvayur by 3.30 a.m., Minister for Local Self-Governments
To pre-empt a possible third wave of COVID-19 infection
Yellow alert for several north Kerala districts
1,851 rooms ready for expatriates: Minister
She lands in Kochi on first evacuation flight from Abu Dhabi
As Italians sing on their balconies to keep their morale high, this priest renders 'Aayiram Kannumayi' from the 1984 film 'Nokketha Doorathu Kannum Nattu'
भोपाल में सीजन में पहली बार दिन का तापमान 42.9 डिग्री दर्ज किया गया। ये सबसे गर्म दिन था, लेकिन दोपहर 3:30 बजे अचानक मौसम बदल गया तेज हवा चलने लगी। इसके बाद घने बादल छा गए। शाम 4:30 बजे के बाद गरज चमक के साथ तेज बारिश। दो घंटे के ब्रेक के बाद 6.30 बजे से फिर से तेज हवाओं के साथ बारिश हुई। जोरदार बारिश शहर के सभी इलाकों में हुई। इससे लोगों को दिनभर की तपिश से राहत मिली। हालांकितेज हवा की वजह से कुछ जगहों पर पेड़ गिरने औरनुकसान होने की खबरेंभी मिल रही हैं। अगले 24 घंटेमें प्रदेश के10-12 जिलों मेंबारिश होने का अनुमान है। प्रदेश में शनिवार को भीअधिकांश स्थानों पर गर्मी के तेवर बने रहे।
द्रोणिका ने कराई बारिश : मौसम विज्ञानी
भोपाल मौसम विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक उदय सरवटे ने बताया कि प्रदेश की मौसम को प्रभावित करने में सेंट्रल मध्यप्रदेश से लेकर तमिलनाडु के मध्य एक द्रोणिका बनी है। इसके असर से आज कई स्थानों पर शाम के पहर हल्की बारिश और तेज हवाएं चली है। प्रदेश के महाकौशल अंचल में आने वाले कई स्थानों पर शाम के समय आसमान में बादली छायी रही।इससे मौसम खुशनुमा बन गया।उन्होंने बताया कि द्रोणिका के अलावा राज्य में बंगाल व अरब सागर की ओर से नमी भी आ रही है तथा पश्चिमी हवाओं का रुख बना हुआ है। उन्होंने बताया कि द्रोणिका का असर विशेषकर पश्चिमी मध्यप्रदेश में ज्यादा बना रहेगा। उन्होंने आशंका जाहिर की है कि मौसम का मिजाज प्रदेश में एक दो दिन ऐसा ही बना रह सकता है।
इन जिलों में गरज चमक के साथ बारिश और हवाएं
प्रदेश के होशंगाबाद संभाग के जिलों के अलावा बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, नीचम, मंदसौर, डिंडोरी, सिवनी एवं बालाघाट जिले में अगले 24 घंटों के दौरान कहीं-कहीं हल्की बारिश तो कहीं-कहीं गरज चमक की स्थिति के साथ बौछारें पड़ सकती है। इन स्थानों पर तेज गति से हवाएं चलने का अनुमान है।मौसम विभाग के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान जबलपुर संभाग के जिलों में कहीं कहीं हल्की बारिश दर्ज की गई। बाकी संभागों में मौसम शुष्क बना रहा। राज्य के रीवा, शहडोल, सागर एवं ग्वालियर संभागों के जिलों में अधिकतम तापमान दूसरे स्थानों की तुलना में काफी बढ़ा। प्रदेश के खरगोन में अधिकतम तापमान सबसे अधिक दर्ज हुआ है।
मौसम वैज्ञानिक पीके साहा ने बताया कि मौसम में इस बदलाव के तीन कारण हैं, मध्य प्रदेश के मध्य भाग से लेकर तमिलनाडु के दक्षिणी हिस्से तक एक ट्रफलाइन बनी हुई है। दूसरा, राजस्थान के उत्तरी हिस्से में ऊपरी हवा का एक चक्रवात बना है। तीसरा, भोपाल में दिनभर तेज धूप रही और पारा करीब 43 डिग्री पर पहुंच गया, जिससे गरज चमक वाले बादल बन गए थे। मध्य प्रदेश शनिवार को सबसे ज्यादा तापमान खरगोन में 45 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। वहीं जबलपुर में 41.9 और ग्वालियर में 42.6 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया।
भोपाल के मुख्य स्टेशन पर आज एक बड़ा होने से बच गया। पूरे मामले में रेलवे की चूक भी उजागर हुई है। एलपीजी गैस लीक करती मालगाड़ी खंडवा से भोपाल 270 किलोमीटर का सफर करते हुए आ गई। जब गुड्स ट्रेन भोपाल स्टेशन पर खड़ी हुई तब अधिकारियों को इस बात का पता चला की एलपीजी लीक हो रही है। गैस लीक सूचना के बाद स्टेशन पर हड़कंप जैसे हालात हो गए आनन-फानन में फायर बिग्रेड की टीम को गैस लीक रोकने के काम में लगाया गया। करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद गैस लीक होना बंद हुई ट्रेनको भौरी बकोनिया गैस प्लांट के लिए रवाना किया गया।
जानकारी के अनुसार कोकण से 34 वैगन की मालगाड़ी में 2610 टन एलपीजी गैस लेकर दोपहर करीब 12 बजे भोपाल स्टेशन पर पहुंची थी। सिग्नल नहीं होने के कारण इसे भोपाल स्टेशन पर खड़ा किया। कुछ ही देर में पूरे प्लैटफार्म पर गैस की बदबू आने लगी। स्टेशन पर मौजूद लोगों ने स्टेशन मास्टर को गैस लीक होने की जानकारी दी। आनन-फानन में पूरा स्टेशन खाली करा लिया गया। रेलवे के स्टाफ को भी बाहर निकाल दिया गया।
इसके बाद फायर ब्रिगेड को गैस लीक होने की सूचना दी गई। इससे पहले रेलवे ने गर्मी में कोई हादसा नहीं हो इसलिए टैंकर पर पानी की बौछार करना शुरू कर दिया। करीब 30 मिनट में फायर ब्रिगेड की टीम स्टेशन पहुंच गई। टीम के कहने पर ओवर हेड लाइन लाइन की सप्लाई बंद करा दी गई।टीम ने तत्परता दिखाते हुए जिस वैगन से गैस लीक हो रही थी उसमें मिट्टी डसवाना शुरू कर दिया। करीब 25 बोरी मिट्टी डालने के बाद गैस का रिसाव बंद हो गया। इसके बाद ट्रेन को भौरी बकोनिया स्थित प्लांट पर रवाना कर दिया गया।
रेलवे की लापरवाही उजागर
भोपाल में शनिवार को 30 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं, इसमें 15 मरीज शहर के हॉटस्पॉट बने जहांगीराबाद और मंगलवारा क्षेत्र से हैं। स्वास्थ्य विभाग बाकी की जानकारी निकाल रहा है। भोपाल में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 700 के पार हो गई है। अब यहां पर मरीजों की संख्या 709 पर पहुंच गई है। वहीं मृतकों की संख्या 29 मौतें हो चुकी हैं, इसमें कोरोना से एक दिन में सबसे ज्यादा 4 मौतें शुक्रवार को हुई हैं। अब मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या 200 के पार हो गई है।
शहर में शुक्रवार को कोरोना के 24 नए मरीज मिले थे। चार लोगाें की मौत की पुष्टि हुई, जिनमें 95 साल के एक बुजुर्ग भी शामिल थे।जहांगीराबाद में संक्रमण कम नहीं हो रहा है। यहां शुक्रवार को भी12 नए मरीज मिले। राहतभरी खबर यह भी है कि राजधानी में शुक्रवार काे 20 और मरीज स्वस्थहाेकर अस्पताल से अपने घराें काे रवाना हुए। इनमें सात जमातियाें के अलावा मां-बेटा भी शामिल हैं। जिन मरीजाें की छुट्टी हुई उनमें 18 मरीज चिरायु अस्पताल के हैं, जबकि दाे मरीज एम्स के भी शामिल हैं। अब तक यहां 703 में से 419 मरीज कोरोना को मात दे चुके हैं।
कर्मवीर योद्धाओं का ग्राम वासियों ने फूल बरसाए
कोरोना संक्रमण की रोकथाम व बचाव में युद्ध जैसे हालात में विगत महीने से 24 घंटेसेवाएं दे रहे थाना सूखीसेवनिया के कर्मवीर योद्धाओं का आज पैदल भ्रमण के दौरान ग्रामवासियों ने फूलों की बारिश की और तालियां बजाकर स्वागत किया। ऐसा करके लोगों ने पुलिस कर्मियों काउत्साह एवं मनोबल बढ़ाया। साथ ही ग्रामवासियों ने कोरोना को हराने में पुलिस और प्रशासन का लगातार सहयोग करने का संकल्प लिया।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा-डेढ़माह में ही भाजपा सरकार ने प्रदेश की तस्वीर बदल दी
भोपाल में 29 मौत, इसमें 19 गैस पीड़ित
राजधानी में कोरोना से 32 दिन में अब तक 29 मौत हो चुकी हैं। इनमें 19 गैस पीड़ित थे। 17 पुरुष थे, जबकि 2 महिलाओं की मौत हुई है। ज्यादातर मरने वालों की उम्र 35 से ऊपर थी। शहर में करीब साढ़े 5 लाख गैस पीड़ित हैं। राजधानी में 6 अप्रैल को कोरोना से पहली मौत हुई थी। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, मृतकों में 7 गैस पीड़ितों को डायबिटीज और हायपरटेंशन था। वहीं 6 काे अस्थमा के कारण सांस लेने में तकलीफ होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था। जहां पर इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इनमें चार की मौत अस्पताल पहुंचने के पहले ही हो गई थी। बाद में शव से लिए गए सैंपल की जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। मरने वाले 19 गैस पीड़ित में से 17 पुरुष व दो महिलाएं थीं। इनमें से अधिकतर की उम्र 38 साल से ज्यादा थी।
पश्चिमी मध्य रेलवे नेश्रमिकों के लिए स्टेशनों मेंराशन औरपानी की व्यवस्था की
##19 संक्रमितों की नहीं मिल पा रही है हिस्ट्री
भोपाल में मरने वाले 19 लोगों कोरोना से कैसे संक्रमित हुए, इसकी कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। इसका पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अफसर सोर्स का पता लगाने में जुटे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है कि गैस पीड़ितों में दूसरी कोई न कोई बीमारी थी। इसके चलते उनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाने के चलते उनकी मौत हो गई।
जहांगीराबाद में संक्रमितों की संख्या 151 हुई
स्वास्थ्य विभाग के अफसरों नेबताया कि जहांगीराबाद इलाके में पॉजिटिव मरीजों की संख्या 138 से बढ़कर 151 हो गई है। हर दिन यहां 10 से ज्यादा पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं। शहर में अब तक 29 लोगों की कोरोना से जान जा चुकी है। इसमें से 9 जहांगीराबाद इलाके के हैं। सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि हॉटस्पॉट बने जहांगीराबाद, अशोका गार्डन, ऐशबाग और मंगलवारा इलाके में रोजाना टीम भेजकर सैंपल कलेक्शन किया जा रहा है। कंटेनमेंट एरिया में 100 फीसदी सैंपलिंग का लक्ष्य है। इलाकों में अनाउंसमेंट भी करा रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग सैंपल कराएं, ताकि समय पर बीमारी को कंट्रोल किया जा सके।
कोरोनावायरस की वजह सेप्रदेश में बने गंभीर हालत पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार कोआड़े हाथों लिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा-डेढ़माह में ही भाजपा सरकार ने प्रदेश की तस्वीर बदल कर रख दी। राज्यमें कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 3400 पार है।मौतों का आंकड़ा 200 पार हो गया। प्रदेश के भोपाल-इंदौर की स्थिति बेहद गंभीर और चिंताजनक बनी हुई है।
कमलनाथ ने कहा- गांवों की ओर बढ़ रहा संक्रमण
मंदिर-मस्जिद सब बंद, शराब की दुकानें खोल दी गईं
कमलनाथ ने कहा-प्रदेश में लॉकडाउन के चलते मंदिर-मस्जिद सब बंद हैं, लेकिन शिवराज सरकार ने शराब की दुकानें खोल दी हैं।ये इनकी कथनी और करनी है? प्रदेश में भले कोरोना का कहर बढ़ जाए लेकिन शराब की कमाई आवश्यक है। पता नहीं प्रदेश को कहां ले जाएंगे?
कोरोना पॉजिटिव मरीजों का बढ़ता आंकड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को भोपाल, उज्जैन और देवास में कोरोना के 49 नए केस सामने आए। भोपाल में 30, उज्जैन में 15 और देवास में 4 पॉजिटिव मिले। प्रदेश में अब तक 3390 संक्रमित मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। उधर, शुक्रवार को महाराष्ट्र के औरंगाबाद में रेल हादसे मेंमरने वाले श्रमिकों के शव विशेष ट्रेन से शहडोल और उमरिया लाए गए।मरने वालों में शहडोल के 11 और उमरिया के 5 श्रमिक हैं। इससे पहलेजबलपुर में इस ट्रेन में सवार1300 श्रमिकों को उतारा गया।
शहडोल के अंतौली गांव में एक साथ 11 लोगों की अर्थियां तैयार की गईं। इनमें से 9 लोग एक ही परिवार के थे। यह लोग एक ही मोहल्ले के रहने वाले थे। पूरे गांव में मातम पसरा है। अंतौली गांव में रहने वाले रामनिरंजन के तीन बेटे थे। इनमें दो रावेंद्र और निर्वेश स्टील कंपनी में काम करने गए थे। दोनों हादसे का शिकार हो गए। इसी तरह गजराज सिंह के दो बेटे और दो बेटियां थीं। गजराज के दोनों बेटे बुद्घराज सिंह और शिवदयाल सिंह भी हादसे का शिकार हुए हैं। वहीं, चाचा धन सिंह के साथ काम करने गया दीपक सिंह भी हादसे का शिकार हो गया। रामनिरंजन और गजराज सिंह भी रिश्ते में दूर के भाई लगते हैं।
32400 मजदूरों को गुजरात और महाराष्ट्र से लाएंगी 27 ट्रेनें
कोरोना अपडेट्स
कोरोनावायरस संकट के बीच प्रवासीमजदूरों के आने का सिलसला जारी है। महाराष्ट्र के रेड जोन एरिया से पैदल चलकर आए आए एक मजदूर की गुरुवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात उदनखेड़ी के पास तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। उसके साथ दो मजदूर और थे,उन्हें क्वारैंटाइन किया गया है। मजदूर के शव को रात में हीपचोर भेजा गया, जहां से बीएमओ ने उसे कोरोना संदिग्ध मानते हुए शव काे रात में ही जिला अस्पताल जांच के लिए भेज दिया।
इधर, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस विधायकों और समाजसेवी संस्थाओं, कार्यकर्ताओंसे अपील की है कि प्रदेश की सीमाओं, मार्गों पर गरीब- बेबस मजदूर भाइयों की भीड़ लगी है, जो लॉकडाउन में रोजगार के अभाव में भूखे-प्यासे अपने घरों को वापस लौट रहे है। उनके खाने-पीने और राशन का इंतजाम करें।
बड़ी लापरवाही यह रही कि लोग मजदूर शव लेकर जिला अस्पताल पहुंचते थे, वे रात में परेशान होते रहे। उन्होंने न पीपीई गाउन पहने थे न ही सभी मास्क लगाए थे। इससे संदिग्ध को लाने की गाइडलाइन का भी पालन नहीं हुआ।फिलहाल, मजदूर के शव को मर्चुरी में रखा गया है। उसकी जांच के लिए सैंपल भोपाल भेजे गये हैं, जांच रिपोर्ट आने के बाद प्रोटोकॉल के तहत आगे की प्रक्रिया की जाएगी। जानकारों के मुताबिक यदि मजदूर को कोरोना संदिग्ध माना गया था, तो उसके शव को भेजते वक्त प्रोटोकॉल का पूरा ख्याल रखना जरूरी था, नहीं तो संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहती है। मृतक मजदूर के साथ दो अन्य साथी और भी थे, जिन्हें क्वारैंटाइन किया गया है।
कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा- मुख्यमंत्री केवल बैठकों में बयानबाजी कर रहे
उदनखेड़ी के टोल बूथ के पास रात 9 बजे हुई थी मजदूर की मौत
गुरुवार की रात करीब 9 बजे उदनखेड़ी टोल बूथ से गुजरते समय उसकी तबीयत बिगड़ गई, जिससे उसकी मौत हो गई। मौके पर मौजूद जनपद सदस्य रोशन खत्री, समाजसेवी गुफरान मंसूरी, कमल तोमर उदनखेड़ी, चौकी प्रभारी अंकित बघेल, प्रधान आरक्षक अशोक कटारिया पहुंचे। वहां से मजदूर के शव को पचोर अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन एम्बुलेंस के आने के पहले ही संतराज ने दमतोड़ दिया था।घटना के बाद मौके पर पुलिस पहुंच गई थी।
तीन दिन पहले भोपाल से नहीं लाने दिया था शव
मजदूर के संदिग्ध होने के मामले में जहां पूरी लापरवाही बरती गई वहीं तीन दिन पहले जब सारंगपुर के एक यूनानी डॉक्टर का भोपाल में निधन हुआ था, उसके शव को सारंगपुर नहीं लाने दिया गया था। तब गृह मंत्रालय की गाइडलाइन का हवाला देते हुए भोपाल स्थानीय प्रशासन द्वारा भोपाल में ही दाह संस्कार किया गया था, इधर मजदूर की मौत के बाद उसके शव को एंबुलेंस के द्वारा पचोर से जिला अस्पताल भेजा गया।
मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या 200 हो गई है। गुरुवार को यह आंकड़ा 194 था। शुक्रवार को छह लोगों की जानें गईं। राज्य में अब तक 3341 लोग संक्रमित हैं। इनमें सबसे ज्यादा इंदौर में1727 और भोपाल में 679 लोगों को संक्रमण है।
जबलपुर लाए जाएंगे 16 मजदूरों के शव
औरंगाबाद में ट्रेन हादसे का शिकार हुए 16 मजदूरों के शव मध्य प्रदेश लाए जाएंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और रेल मंत्री पीयूष गोयल से बात करके ट्रेन की व्यवस्था करवाई है। शवों को ट्रेन से जबलपुर लाया जाएगा। यहां से मजदूरों के शव उनके गृह जिलों में भेजे जाएंगे। ट्रेन औरंगाबाद (महाराष्ट्र) से 8 मई को शाम 7 बजे रवाना हो गई। मुख्यमंत्री ने औरंगाबाद पहुंचे राज्य सरकार के दल से फोन पर चर्चा कर ट्रेन दुर्घटना में घायल हुए श्रमिकों के संबंध में जानकारी ली। मध्य प्रदेश के ये मजदूर 10 शहडोल और 5 उमरिया के रहने वाले थे।
शहर में शुक्रवार को कोरोना के 24 नए मरीज मिले। चार लोगाें की मौत की पुष्टि हुई, जिनमें 95 साल के एक बुजुर्ग शामिल हैं। जहांगीराबाद में संक्रमण कम होने का नाम नहीं ले रहा है। यहां फिर 12 नए मरीज मिले हैं। मरने वालों में भी दो इसी इलाके के हैं। हालांकि राहतभरी खबर यह भी है कि राजधानी में शुक्रवार काे 20 और मरीज स्वस्थ हाेकर अस्पताल से अपने घराें काे रवाना हुए। इनमें सात जमातियाें के अलावा मां-बेटा भी शामिल हैं। जिन मरीजाें की छुट्टी हुई उनमें 18 मरीज चिरायु अस्पताल के हैं, जबकि दाे मरीज एम्स के भी शामिल हैं। अब तक यहां 703 में से 419 मरीज कोरोना को मात दे चुके हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अफसरों नेबताया कि जहांगीराबाद इलाके में पॉजिटिव मरीजों की संख्या 138 से बढ़कर 151 हो गई है। हर दिन यहां 10 से ज्यादा पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं। शहर में अब तक 29 लोगों की कोरोना से जान जा चुकी है। इसमें से 9 जहांगीराबाद इलाके के हैं। सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि हॉटस्पॉट बने जहांगीराबाद, अशोका गार्डन, ऐशबाग और मंगलवारा इलाके में रोजाना टीम भेजकर सैंपल कलेक्शन किया जा रहा है। कंटेनमेंट एरिया में 100 फीसदी सैंपलिंग का लक्ष्य है। इलाकों में अनाउंसमेंट भी करा रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग सैंपल कराएं, ताकि समय पर बीमारी को कंट्रोल किया जा सके।
लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में फंसे प्रदेश के विभिन्न जिलों के मजदूरों को मप्र सरकार द्वारा विशेष ट्रेनों से लाने की कवायद की जा रही है। शुक्रवार की सुबह दो श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनों से कुल 2391 मजदूर विदिशा स्टेशन पर उतरे। पहली ट्रेन सुबह 7.33 बजे राज्य के कोझीकोड राज्य से विदिशा आई है। इस ट्रेन में प्रदेश के 34 जिलों के 1135 मजदूर आए। जबकि दूसरी श्रमिक एक्सप्रेस महाराष्ट्र के अहमदनगर से करीब 12 बजे आई।
इस ट्रेन में प्रदेश के 30 जिलों के 1256 मजदूर विदिशा पहुंचे है। इन सभी मजदूरों को उनके गंतव्य स्थानों तक पहुंचाने की गाइड लाइन और मंशा के तहत जिला प्रशासन ने हर संभव इंतजाम किए। एहतियात के तौर पर रेलवे स्टेशन परिसर में बड़े पैमाने पर बैरिकेडिंग की गई थी ट्रेन से उतरने के बाद मजदूरों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कतारबद्ध तरीके से बाहर लाया गया। पुरुष-महिलाएं और बच्चों की अलग-अलग स्क्रीनिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग की 30 टीम लगी हुई थीं। इसमें डॉक्टर सहित पैरामेडिकल स्टॉफ को मिलाकर करीब 70 से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मचारी यहां स्वास्थ्य परीक्षण करने में जुटे हुए थे। सीएमएचओ डॉ. केएस अहिरवार ने बताया कि स्क्रीनिंग के दौरान सभी व्यक्ति स्वस्थ्य पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि इन सभी मजदूरों को मास्क भी वितरित किए गए हैं।
केरल से आई ट्रेन में इन जिलों के मजदूरों को भेजा उनके घर
केरल राज्य की कोझीकोड से रवाना हुई श्रमिक एक्सप्रेस में प्रदेश के 34 जिले क्रमशः आगर मालवा, अनूपपुर, बालाघाट, बडवानी, बैतूल, भिंड, भोपाल, बुरहानपुर, छतरपुर, छिंदवाडा, दमोह, दतिया, धार, गुंना, ग्वालियर,होशंगाबाद, जबलपुर, कटनी, खण्डवा, खरगौन, मंदसौर,मुरैना, नीमच, रीवा, सतना, सिवनी, शहडोल, शाजापुर, श्योपुर, शिवपुरी, सीधी, सिंगरौली, टीकमगढ़, उमरिया
शामिल है।
महाराष्ट्र से आई ट्रेन से इन जिलों के मजदूर को भेजा घर
महाराष्ट्र के अहमदनगर से रवाना होकर विदिशा पहुंची है। उक्त स्पेशल ट्रेन में मध्यप्रदेश के तीस जिले क्रमशः बडवानी, बुरहानपुर, धार, इन्दौर, खण्डवा, खरगौन, बैतूल,हरदा, बालाघाट, छिंदवाडा, जबलपुर, कटनी, मण्डला,नरसिंहपुर, सिवनी, शहडोल, उमरिया, रीवा सतना, सीधी,सिंगरोली, दतिया, शिवपुरी, भिण्ड, मुरैना, देवास, नीमच, छतरपुर, सागर, पन्ना के श्रमिक उतरे हैं।
ये जरूरी है... नपा अध्यक्ष ने मजदूरों को बांटे मास्क, बसों को कराया सैनिटाइज
मजदूरों का प्रवेश द्वार पर विदिशा नगरपालिका अध्यक्ष मुकेश टंडन ने हाथ जोड़कर अभिवादन किया। इसके अलावा नपा अध्यक्ष ने सभी को मास्क भी बांटे और अपनी मौजूदगी में बसों का सैनिटाइज भी कराया गया। साथ ही मजदूरों के लिए भोजन पैकेट आदि व्यवस्थाओं में भी नपा अध्यक्ष ने सहयोग दिया। मजदूरों के भोजन, पानी सहित अन्य व्यवस्थाओं के लिए नपाका पूरा अमला भी यहां मौजूद रहा। नपा अध्यक्ष मुकेश टंडन के अलावा यहां विधायक शशांक भार्गव ने भी उनका हालचाल पूछा।
प्रशासन ने बसें रवाना होने से पहले एनाउंसमेंट कराया, ताकि कोई मजदूर छूट न जाए
कलेक्टर डॉ पंकज जैन और एसपी भी पूरे समय यहां मौजूद रहकर व्यवस्थाओं पर नजर रखे रहे। कलेक्टर डॉ. पंकज जैन बीच-बीच में मजदूरों से चर्चा करते नजर आए।एनाउंसमेंट के जरिए जहां ट्रेनों से जिलावार मजदूरों को उतारा गया, वहीं बसें रवाना करने से पहले कोई मजदूर छूट न जाए इसके लिए एनाउंसमेंट कराया गया।
अकोला से विदिशा आने वाली ट्रेन का स्टॉपेज हुआ खंडवा, इसमें 1347 मजदूर है सवार
महाराष्ट्र राज्य के अकोला रेलवेे से एक विशेष श्रमिक स्पेशल ट्रेन का स्टॉपेज विदिशा की जगह खंडवा कर दिया गया है। पहले इस ट्रेन के शनिवार को विदिशा आने की सूचना थी लेकिन रेलवे प्रबंधन ने इस ट्रेन के स्टॉपेज में परिवर्तन किया है। ट्रेन नम्बर 01921 का पूर्व में स्टापेज विदिशा था, जिसमें संशोधन कर अब खंडवा नया स्टापेज घोषित किया गया है। इस श्रमिक स्पेशल ट्रेन में प्रदेश के 36 जिलों के 1347 श्रमिक अा रहे हैं।
परवेज खान. गोबर के उपले (कंडे) अभी तक घरों में ईंधन के रूप में प्रयोग किए जाते थे लेकिन अब इनका उपयोग सूरज की तपिश को कम करने के लिए किया जा रहा है।
सबसे पहला प्रयोग एसडीएम प्रगति वर्मा ने अपने सरकारी आवास में किया। इसके बाद कई लोग अपनी पक्की छतों पर कंडे बिछाकर मकानों का तापमान कम कर रहे हैं। गर्मी के मौसम में अब दिनोंदिन तपिश तेज होती जा रही है। तापमान में बढ़ोतरी होती जा रही है। यही कारण है कि लोग गर्मी से बचने के लिए कई तरह के जतन करने में जुटे हुए हैं। जहां लोग पंखे और कूलर चलाकर गर्मी से निजात पाने की कोशिश कर रहे हैं तो वहीं तहसील कार्यालय में बने एसडीएम के आवास पर गर्मी को कम करने के लिए इसकी छत पर कंडों को बिछाया गया है। इससे तेज धूप छत पर सीधे असर नहीं कर पाती है।
घर के तापमान में 10 डिग्री का आया अंतर
एसडीएम के बाद सीएमओ एनएस चौहान ने नगर परिषद के रेस्ट हाउस में इसका प्रयोग किया। इस संबंध में एसडीएम प्रगति वर्मा ने बताया कि तहसील कार्यालय के पास ही बने एसडीएम क्वार्टर का भवन सिंगल स्टोरी होने के कारण गर्मी में दिक्कत होती है। यहां पर आस-पास कोई छायादार पेड़ नहीं होने के कारण काफी गर्म रहता था।
उन्होंने बताया कि मेरे मन में ख्याल आया कि गांव में गर्मी से बचने के लिए ग्रामीण मकानों कि चद्दरों पर कंडे व धान का पियाल बिछा देते हैं जिससे घरों का तापमान अधिक नहीं हो पाता है और मकान में ठंडक बनी रहती है।
इसके बाद मैंने एक ट्राली कंडों की व्यवस्था कराई और क्वार्टर के पूरे छत पर इनको बिछा दिया। इससे सूरज की तेज धूप छत पर नहीं पड़ती है कंडे सारी धूप गर्मी को अवशोषित कर लेते हैं । इससे घर के तापमान में लगभग 10 डिग्री का अंतर आया है।
सिरोंज मंडी में टैक्टर-ट्राॅलियों को प्रवेश नहीं देना राहगीरों और मंडी बायपास के रहवासियों के लिए बड़ा सिरदर्द साबित हो रहा है। इस वजह से मंडी बायपास रोड पर हर दिन सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक जाम की स्थिति बनी रहती है। एक ही सड़क पर मंडी, 5 बैंक और शार्ट टेक प्लांट होने की वजह से यह स्थिति बन रही है।
प्रशासन का मानना है कि मंडी में किसानों की भीड़ लगेगी तो सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं हो सकेगा। प्रशासन यदि किसानों की टैक्टर-ट्रालियों को पुरानी मंडी परिसर और बेगमबाग स्थित नीलामी परिसर के भीतर खड़ा करने का नियम बना दे तो इस समस्या से निजाद मिल सकेगी।
व्यापारी बोले- मंडी में तौल की अनुमति मिलना चाहिए
अनाज एवं तिलहन संघ के अध्यक्ष समीर भार्गव ने हम बाहरी हिस्से में उपज की नीलामी करवाने को तैयार हैं, लेकिन तौल मंडी परिसर में ही करवाना चाहते हैं। यदि ऐसा होता है तो इससे 90 प्रतिशत व्यापारी, हम्माल और तुलावटों का काम मिलेगा और किसानों को भी उनकी उपज के सही दाम मिल सकेंगे।
फिलहाल मंडी परिसर में तौल की अनुमति नहीं दे सकते
अनिल सोनी, एसडीएम सिरोंजके मुताबिक, मंडी में उपज की खरीदी सौदा पत्रक के माध्यम से ही की जा रही है। नीलामी के लिए नगर के बाहरी हिस्से में मैदान की तलाश की जा रही है। फिलहाल मंडी परिसर में नीलामी और तोल की अनुमति नहीं दे सकते।
इंदिरा नगर में कोरोना पॉजिटिव महिला के मिलने के बाद प्रशासन ने गुरुवार को इस क्षेत्र को कंटेनमेंट एरिया घोषित कर इसे सील कर दिया था। शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की 11 टीमों ने यहां पर दिनभर सर्वे किया।
इन टीमों में शामिल करीब 30 से अधिक कर्मचारी डोर-टू-डोर पहुंचे और संबंधित महिला के संपर्क में आए लोगों को चिन्हित किया गया। यहां पर 16 लोग मिले हैं। जबकि इन्हें मिलाकर जिला अस्पताल, प्राइवेट डॉक्टर व उनके कांटेक्ट में आए अन्य कुल 43 लोगों को चिन्हित किया गया और इन्हें होम क्वारेंटाइन किया गया। अभी तक इस मामले में 20 सैंपल लिए जा चुके हैं। जिले की बात करें तो शुक्रवार को कुल 16 लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए। इसके अलावा फोरलेन बायपास पर पैदल निकलने की मनाही थी और यहां पर बसों को इंतजाम करने की बात कही गई थी पर शुक्रवार को ऐसा कुछ नहीं दिखाई दिया। यहां पर बसों को इंतजाम नहीं होने से लोग इस क्षेत्र से पैदल ही निकलते नजर आए। इसके अलावा बाजार में भीड़ सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं होना चिंता का विषय है।
कंटेंटमेंट क्षेत्र के चाराें तरफ पुलिस की निगरानी
इंदिरा नगर को पुलिस ने पूरी तरह से चारों तरफ से सील कर दिया है। कई जगह बागड़ लगा दी गई है तो कई जगहों पर बेरिकेड्स लगाए गए हैं। सभी जगह पुलिस कर्मचारी तैनात किए गए हैं ताकि कोई इस प्रतिबंधित क्षेत्र में ना जा सके। हालांकि पहले दिन गुरुवार को यहां पर कम बल तैनात था लेकिन इसके बाद रात के समय यहां पर पूरा फोर्स तैनात कर दिया गया था।
पुलिस की भी नहीं सुन रहे... बाजार में हो रही भीड़ से बढ़ा संक्रमण का खतरा
बाजार में हर रोज भीड़ हो रही है। दुकानों पर लोग खरीदी करने तो आ रहे हैं लेकिन सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं हो पा रहा है। इसलिए खतरा अधिक है। लोगों से पुलिस वाहनों के माध्यम से जागरुक करते हुए उन्हें सोशल डिस्टेंस का पालन करने का कह रही है लेकिन इसके बाद भी लोग हैं कि नियमों का पालन करने को तैयार नहीं हैं। यही कारण है कि शुक्रवार को भी बाजार में काफी भीड़ देखी गई।
महिला वेंटीलेटर पर
कोरोना पीड़ित महिला हमीदिया अस्पताल में भर्ती है। उसका वहां पर इलाज चल रहा है। वह किडनी की मरीज है इसलिए शुक्रवार को उसका डायलिसिस कराया गया। महिला की स्थिति गंभीर बनी हुई है। उसके बेटे ने बताया कि उसे वेंटीलेटर पर रखा गया है। दरअसल महिला बीपी और किडनी की मरीज है जिसका सीहोर में इलाज चल रहा था।
बाजार में छूट का समय बढ़ सकता है
लगातार बाजार में हो रही लोगों की भीड़ को देखते हुए लॉक डाउन में दी जा रही चार घंटे की छूट को बढ़ाने पर प्रशासन विचार कर रहा है। शुक्रवार को कंट्रोल रूम में हुई बैठक में भी भीड़ को लेकर चर्चा हुई थी। यदि छूट का समय दो घंटे बढ़ा दिया जाता है तो यह माना जा रहा है कि बाजार में भीड़ कम हो जाएगी। अभी चार घंटे के समय में लोग खरीदी करने आते हैं तो फिर सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं करते हैं।
सुविधा: क्वारेंटाइन लोगों और उनके परिजनों काे हेल्पलाइन नंबर पर मिलेगा परामर्श
कोरोना कोविड-19 में क्वारेंटाइन लोगों तथा उनके परिजनों को भावनात्मक सहयोग एवं डॉक्टरी परामर्श देने के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन-18002330175 शुरू की गई है। इस पर क्वारेंटाइन लोगों के साथ आम लोग भी कोरोना संबंधित तनाव या किसी परेशानी पर विशेषज्ञों से सलाह और परामर्श कर सकते हैं। मिशन संचालक स्वाति मीणा नायक ने जानकारी दी है कि कोविड-19 संबंधी चिकित्सकीय एवं मनोवैज्ञानिक परामर्श के लिए यह हेल्पलाइन 24 घंटे सक्रिय है। इसके माध्यम से पूरी गोपनीयता बनाए रखते हुए परामर्श एवं सलाह दी जा रही है।
बैंकों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने कोई तैनात नहीं
सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं होने से इस बीमारी के फैलने का खतरा बढ़ रहा है। शहर की बात करें तो यहां पर बैंकों ने भीड़ को सोशल डिस्टेंस का पालन कराने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए हैं। शुक्रवार को बैंकों के बाहर इस तरह लोगों की भीड़ रही कि वहां पर सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ती दिखाई दीं। किसी को कोई परवाह नहीं थी। यही नहीं बैंक की तरफ से भी यहां पर कोई व्यवस्था बनवाने वाला नहीं था। इस स्थिति को रोकना जरूरी हो गया है।
पुराने बस स्टैंड पर सालों से काबिज शराब की दुकान अचानक हटाकर शिफ्ट कर दी गई। पूर्व में यह शराब की दुकान जिस स्थान पर थी वहां के रहवासियों ने भी इसका विरोध किया था, वहीं अब अस्पताल रोड पर पहुंचने पर भी यह शराब की दुकान विवादों में आ गई है।
शुक्रवार को अस्पताल रोड पर पीली कोठी के पास इस अंग्रेजी शराब दुकान खुलने के बाद कई लोगों ने इसका विरोध जताया। लोग इस दुकान को यहां से हटाए जाने की मांग को लेकर कलेक्टोरेट भी जा पहुंचे। सुरक्षा के लिहाज से शराब दुकान पर बड़ी संख्या में पुलिस बल लगा दिया गया था। पुलिस के साए में यहां से शराब बेची गई।
कांग्रेस के जिला कार्यवाहक अध्यक्ष अर्पित उपाध्याय का कहना है कि पूर्व में पुराने बस स्टैंड से इस दुकान को हटाने की मांग की गई थी। उन्होंने बताया कि इस शराब की दुकान को मुख्य बाजार और रहवासी इलाकों से दूर शिफ्ट किया जाना चाहिए।
दुकानदार भी कर रहे विरोध
अस्पताल रोड पर इस दुकान को खोले जाने का न केवल स्थानीय रहवासी विरोध कर रहे हैं, वहीं आसपास के दुकानदार, मेडिकल संचालक, कोचिंग संचालक, निजी अस्पताल संचालक भी इसका विरोध जता रहे हैं। अस्पताल रोड पर कई कोचिंग संस्थान संचालित हैं। इसके अलावा यहां पर कई निजी अस्पताल और स्कूल भी हैं। इसके अलावा मुख्य बाजार में जाने के लिए बड़े वाहनों की एंट्री भी इस रोड से होने से सबसे ज्यादा ट्रैफिक दबाव यहीं रहता है। ऐसे में इस रोड पर शराब की दुकान खुलने से आने वाले दिनों में आवागमन में असुविधा हो सकती है, वहीं े मरीजों, छात्र-छात्राओं को भी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
रवि राठौर.लॉकडाउन-3 के बीच एक वर्ग भी जिसके ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। वह है मजदूर वर्ग, पिछले एक माह से देश के अलग-अलग हिस्सों से पैदल चलकर अपने-अपने घरों को लौट रहे मजदूरों के झुंड संघर्ष की एक अलग कहानी बयां करते हैं। यह सिलसिला अभी भी थमा नहीं है, अभी भी सैकड़ों मजदूर झुंड के झुंड में पैदल चलते हाईवे किनारे दिख जाते हैं, ऐसे ही कुछ मजदूरों से हमारे संवाददाता ने बातचीत की और जाने उनकी संघर्ष भरी दास्तां, पेश हैं ऐसे ही कुछ हिस्से।
इंदौर से कोटा लौट रहे एक दिव्यांग मजदूर मनोहर लाल ने बताया कि हम 8 दिन पहले इंदौर से निकले थे। पैदल ही कोटा के पास छोटा गांव में जा रहे हैं। इंदौर से लौट रहे अपंग मजदूर के साथ करीब एक दर्जन और मजदूर थे। जो तपती गर्मी में टूटे जूते-चप्पल पहने हुए लौट रहे थे।
मजदूरों ने बताया कि वह सुबह से पैदल चलना शुरू करते हैं। जहां रात हो जाती है, वहां थोड़ा विश्राम करके सुबह उजाला हाेने से पहले यात्रा शुरू कर देते हैं। इन मजदूरों ने बताया कि इंदौर में छोटे-मोटे खिलौने बेचने कर गुजारा करते हैं। करीब डेढ़ माह से भोजन पानी की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। इसलिए हम अपने घर की ओर निकल पड़े। एक पैर से अपंग यह मजदूर अपनी मां के साथ इंदौर से कोटा करीब 400 किमी पैदल जा रहे हैं।
कभी पैदल तो की मदद लेकर ट्रकों से कर रहे यात्रा
मध्यप्रदेश-राजस्थान सीमा से गुजर रहे यूपी से आ रहे करीब दर्जन भर मजदूरों से भास्कर ने बातचीत की, इनमें से एक मजदूर रतन सिंह ने बताया हमारे पास जितने रुपए थे उनसे लाॅकडाउन में काम चलता रहा। रुपए खत्म होने के बाद यूपी से अपने गांव राजस्थान पिड़ावा कोटड़ी की तरफ पैदल निकल पड़े। मजदूरों ने बताया कि वह करीब 15 दिन से कभी पैदल ताे कभी ट्रकों की सहायता से अपने गांव की तरफ निकल रहे हैं। कभी भोजन नहीं मिलता तो पानी पीकर ही काम चला रहे हैं। मजदूरों ने बताया कि अब मध्य प्रदेश राजस्थान सीमा पर आने के बाद अपने घर पहुंचने में 30 किलोमीटर की ओर दूरी शेष रह गई है।
बचत के पूरे पैसे खर्च हाे गए
जबलपुर से आ रहे 6 मजदूरों ने मजदूरों ने बताया कि जितने पैसे हमने काम करके बचत करके घर ले जाने के लिए रखे थे। लॉक डाउन में काम बंद हुआ, रोज के खर्च में पैसे खत्म हो गए। अब कुछ नहीं बचा इसलिए वह गांव की ओर जा रहे हैं। यह लोग पिछले 10 दिन से पैदल चल रहे हैं, इंदौर के पास एक गांव में पहुंचना है।
कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव को लेकर जारी लॉकडाउन-3 के बीच देश के अलग अलग हिस्सों से मजदूरों के आने का सिलसला जारी है। इसी के तहत महाराष्ट्र के रेड जोन एरिया से आए एक मजदूर की गुरुवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात उदनखेड़ी के पास तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। रात में ही उसके शव को पचोर भेजा गया, जहां से बीएमओ ने उसे कोरोना संदिग्ध मानते हुए उसके शव काे रात में ही जिला चिकित्सालय जांच के लिए भेज दिया। बड़ी लापरवाही यह रही कि लोग मजदूर शव लेकर जिला अस्पताल पहुुंचते थे, वे रात में परेशान होते रहे। उन्हाेंने न ताे पीपीई गाउन पहने थे न ही सभी मास्क लगाए थे। इससे संदिग्ध काे लाने की गाइडलाइन का भी पालन नहीं हुअा। इधर अस्पताल में भी काफी देर बाद आगे की प्रक्रिया की गई।
फिलहाल, मजदूर के शव को मर्चुरी में रखा गया है। उसकी जांच के लिए सैंपल भोपाल भेजे गये हैं, जांच रिपोर्ट आने के बाद प्रोटोकॉल के तहत आगे की प्रक्रिया की जाएगी। जानकाराें के मुताबिक यदि मजदूर को कोरोना संदिग्ध माना गया था, तो उसके शव काे भेजते वक्त प्रोटोकॉल का पूरा ख्याल रखना जरूरी था, नहीं ताे संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहती है। मृतक मजदूर के साथ दो अन्य साथी और भी थे, जिन्हें क्वारेंटाइन किया गया है।
हेल्थ बुलेटिन... अब जिले में स्थिति
उदनखेड़ी के टोल बूथ के पास रात 9 बजे हुई थी मजदूर की मौत
गुरुवार की रात करीब 9 बजे उदनखेड़ी टोल बूथ से गुजरते समय उसकी तबीयत बिगड़ गई, जिससे उसकी मौत हो गई। मौके पर मौजूद जनपद सदस्य रोशन खत्री, समाजसेवी गुफरान मंसूरी, कमल तोमर उदनखेड़ी, चौकी प्रभारी अंकित बघेल, प्रधान आरक्षक अशोक कटारिया पहुंचे। वहां से मजदूर के शव को पचोर अस्पताल पहुंचाया गया।
तीन दिन पहले भोपाल से नहीं लाने दिया था शव
मजदूर के संदिग्ध हाेने के मामले में जहां पूरी लापरवाही बरती गई वहीं तीन दिन पहले जब सारंगपुर के एक यूनानी डॉक्टर का भोपाल में निधन हुआ था, उसके शव को सारंगपुर नहीं लाने दिया गया था। तब गृह मंत्रालय की गाइडलाइन का हवाला देते हुए भोपाल स्थानीय प्रशासन द्वारा भोपाल में ही दाह संस्क्ार किया गया था, इधर मजदूर की मौत के बाद उसके शव को एंबुलेंस के द्वारा पचोर से जिला अस्पताल भेजा गया।
अब तक 50 हजार से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग की गई
इधर इस मजदूर के साथ जो दो लोग थे, उन्हें क्वारेंटाइन कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार शुक्रवार तक कुल 50446 की स्क्रीनिंग की जा चुकी है, कुल 395 मरीजों के सैँपल अब तक भोपाल भेजे गये हैँ, जिनमें से 362 की रिपोर्ट निगेटिव आई है, शेष की रिपोर्ट आना शेष है।
खिचलीपुर, माचलपुर में फिर बदला दुकानों के खुलने का समय
कोरोना वायरस पड़ाेसी जिलों दस्तक दे चुका है। इसके मद्देेनजर खिलचीपुर एसडीएम ने शुक्रवार को नया आदेश जारी किया है जो शनिवार 9 मई से लागू होगा। इस आदेश में सुबह 7 से दोपहर 4 तक खुल रही दुकानों को अब सुबह 7 से 12 बजे तक खोली जा सकेंगी। दोपहर 12 से 4 तक सम्पूर्ण लाकडाउन रहेगा। वही सीमेंट सरिया आदि की दुकानें पूर्व समय अनुसार दोपहर 4 से 7 बजे तक खोली जा सकेंगी। वहीं सब्जी बाजार फील्ड में लगाए जाने का आदेश जारी किया है। ये आदेश पृर्व में भी जारी हुआ था और फील्ड में दो दिन तक सब्जी बाजार भी लगा था, लेकिन तीसरे दिन फिर पहने जैसी स्थिति हो गई।
नरसिंहगढ़ : शहर से निकल रहीं दूसरे राज्याें की गाड़ियां, लोगों में नाराजगी
पिछले 4 दिनाें से श्रमिकाें अाैर अन्य लाेगाें काे लेकर दूसरे राज्याें के वाहन शहर के अंदर से हाेकर निकल रहे हैं। इससे स्थानीय लाेगाें में नाराजगी है। लाेकेश साहू का कहना है कि प्रशासन काे इन सभी वाहनाें काे बाहर बायपास से निकालना चाहिए। क्याेंकि इनमें से कई वाहन काेराेना संक्रमित क्षेत्राें से भी अा रहे हैं। इससे स्थानीय स्तर पर भी संक्रमण फैलने का खतरा है। इनमें राजस्थान, महाराष्ट्र, हरियाणा,अांध्रप्रदेश के लिए अाने-जाने वाले वाहन तक शामिल हैं।
सारंगपुर : प्रशासन ने 23 दिहाड़ी मजदूरों को छिंदवाड़ा के लिए रवाना कराया
सारंगपुर अनुविभाग के संडावता टप्पे के समीपस्थ ग्राम झिरी में रह रहे 23 दिहाड़ी मजदूरों को प्रशासन ने बस की व्यवस्था कर उन्हें अपने जिले छिंदवाड़ा के लिए रवाना किया। तकरीबन 75 दिन से रह रहे दिहाड़ी मजदूर लॉकडाउन होने के कारण ग्राम झिरी में फंसे थे। जिसे एसडीएम महोदय के निर्देशानुसार स्थानीय नायब तहसीलदार शंभू सिंह मीणा ने सभी मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया एवं भोजन दवाई पानी मास्क एवं सैनिटाइजर की व्यवस्था करा कर सोशल डिस्टनसिंग का पालन करते हुए बसों में बैठाया और रवानगी दी। इस दौरान ग्राम पंचायत सचिव संजय तोमर पटवारी आशीष पांडे अतुल सक्सेना स्टेनो महेंद्र जोनवार रीडर प्रदीप शर्मा एवं अमन गौड़ उपस्थित थे।
आम लाेगाें काे ताे मालूम नहीं रहता
-केके श्रीवास्तव, सीएमएचओ के मुताबिक, मजदूर महाराष्ट्र से रेड जोन से आया था, अब आम लोगों को तो मालूम नहीं रहता है, शेष अन्य दो को कोरेंटाइन किया गया है।
मृतक काेराेना संदिग्ध लगा था
डॉ. देवांग शर्मा, चिकित्सा अधिकारी, पचोर के मुताबिक, मृतक मजदूर कोरोना का संदिग्ध लगा, पचोर में जांच की व्यवस्था नहीं होने के कारण उसकी डेथ बॉडी को राजगढ़ भेजा गया।
लॉकडाउन होने के कारण पिछले 45 दिनों से सब कुछ बंद पड़ा है। जिसका सबसे ज्यादा असर प्रदेश के मजदूरों पर पड़ा है। यही वजह है कि परेशान मजदूर अपने घर के लिए साधन नहीं होने पर भी पैदल ही निकल पड़ा है। बंद को 45 दिन होने को आ रहे हैं लेकिन इतने बड़े अंतराल के बाद ही अन्य प्रदेशों और अन्य जिलों से रोजी रोटी कमाने आए मजदूरों की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही।
इन मजदूरों को वाहन सुविधा प्राप्त नहीं होने के कारण आज भी कोई साइकिल से तो कोई पैदल अपने घरों की ओर पहुंचने की जद्दोजहद कर रहा है। ऐसी ही एक टोली गुरुवार रात नगर से निकल रही थी जिसमें 10 पुरुष 4 महिला कुल 14 मजदूर पैदल चले जा रहे थे। कुछ के हाथ में बैग तो कुछ के सर पर सामान की बोरी रखी हुई थी वही दो युवक मुंबई से अपने घर मिर्जापुर के लिए जाते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग 12 पर छींद मोड़ के पास मिले। जिन्होंने अपनी आपबीती सुनाई तो रोंगटे खड़े ही गए। जिला डिंडोरी के विकासखंड समनापुर ग्राम मानिकपुर के निवासी सरिता, मंगल, करण, कपूर, कृष्णा, लालू, सुनील, प्रकाश, सतीश, दयावती, भूपेंद्र सत्येंद्र, सुरेंद्र, केशव, जयंती सभी डिंडोरी के रहने वाले हैं। यह सभी लोग होली से पहले काम करने के लिए अपने गांव से मंडीदीप आ गए थे, लेकिन लॉकडाउन के साथ ही परिवहन बंद होने की स्थिति में लगभग डेढ़ महीने तक मंडीदीप में ही उन्होंने अपना समय गुजारा। इस बंद के चलते प्रशासन के द्वारा प्रतिदिन 24 घंटे में एक बार दोपहर 2:00 बजे भोजन दिया जाता था।
27 अप्रैल से मजदूरों को उनके गृह जिले पहुंचाने की शासन के द्वारा पहल की गई थी। जानकारी लगते ही यह सभी मजदूर तहसील कार्यालय मंडीदीप पहुंचे जहां अधिकारी कर्मचारियों से कई बार चर्चा की गई लेकिन इन मजदूरों को वहां से भगा दिया जाता था। जिससे अपना अपमान सहकर भी चुप रह जाते क्योंकि उन्हें किसी भी प्रकार से अपने घर जाना था।
प्रशासनिक अफसरों की बातों से पहुंची ठेस : भूपेंद्र ने बताया कि प्रशासन के द्वारा हमें घर पहुंचाने के लिए 1 मई की रात में मंडीदीप के एक मैरिज गार्डन में बुला लिया गया। कुछ अधिकारियों ने इस दौरान हमसे कहा कि तुम्हें कहां जाना है यह किसी से नहीं कहना और न ही कोई और मजदूरों को अपनी जाने की बात बताना। इसी दौरान वहां पर कुछ अन्य अधिकारियों ने और मजदूर भेज दीजिए जिसके कारण जिस अधिकारी ने हमें मैरिज गार्डन में बुलाया था उस अधिकारी ने हमसे बहुत ही बदतमीजी करते हुए भला बुरा कहा और हमें वहां से भगा दिया। जिससे उनको ठेस पहुंची। बता दें कि मंडीदीप से डिंडोरी की दूरी 472 किलोमीटर है।
इतने दिन गुजरने के बाद भी जब इन मजदूरों को वाहन की व्यवस्था नहीं हो सकी तो इन मजदूरों ने मंडीदीप से डिंडोरी पैदल ही चलना मुनासिब समझा। देर रात जब बरेली से निकलते समय तहसीलदार राजीव कहार ने इन सभी मजदूरों को भोजन पानी की व्यवस्था करवाई एवं छींद मोड़ के पास कुछ युवाओं ने इन मजदूरों को वाहन व्यवस्था कर इन्हें आगे के सफर की ओर रवाना किया।
मजदूरों की करवा रहे व्यवस्था
बृजेंद्र रावत, एसडीएम बरेली के मुताबिक, जिले की सीमा में आने वाले मजदूर आखिर कैसे जिले में प्रवेश कर रहे है यह चिंता का विषय है जबकि पूर्व में भी सैकड़ों की संख्या में पैदल मजदूर यहां से निकले हैं उन सभी को वाहनों के माध्यम से उनके घर तक पहुंचाया गया है। 7 मई को भी मंडीदीप से डिंडोरी जाने वाले मजदूरों को तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार के द्वारा भोजन व्यवस्था करवाई गई थी।
खोखले साबित हो रहे दावे
नगर के मध्य से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 12 पर प्रतिदिन ऐसे कई मजदूर देखे जा रहे हैं, जिन्हें परिस्थिति वश वाहन सुविधा नहीं होने के कारण अपने घर पैदल या साइकिलों से जाना पड़ रहा है। गौरतलब है कि प्रशासन के द्वारा विगत दिनों मजदूरों को अपने घर पहुंचाने के लिए वाहन सुविधा उपलब्ध कराई गई थी। जिसके चलते नगर, गांव, कस्बों में बाहर से आने वाले मजदूरों की सूची तैयार की गई थी। जिसके लिए पटवारी सचिव आदि को नियुक्त किया गया था। फिर आखिर कैसे इतनी बड़ी संख्या में इन मजदूरों को शासन की योजना का लाभ नहीं मिल पाया। जिसके कारण आज मजदूर इस स्थिति में अपने घर की ओर जा रहे है।
साइकिल से जा रहे मुंबई से मिर्जापुर, 1419 किमी की दूरी
मुंबई में मजदूरी करने वाले नितिन कुमार, शुभम कुमार 1 मई को वाहन नहीं मिलने के कारण मुंबई से मिर्जापुर उत्तर प्रदेश 1419 किलोमीटर का लंबा सफर साइकिल से तय करते हुए सातवें दिन बरेली पहुंचे। 7 दिन के लंबे सफर में कहीं भी इन दोनों युवकों को न ही रोका गया और न ही इनका मेडिकल चेकअप किया गया। वहीं शासन-प्रशासन के द्वारा इन मजदूरों को इनके घर तक पहुंचाने के लिए किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं की गई। बता दें कि मुंबई से बरेली तक आने में इन्हें 7 दिन का समय लग गया वही बरेली से मिर्जापुर पहुंचने में अभी और लगभग 7 से 8 दिन का समय और लगेगा।
नगर परिषद उदयपुरा द्वारा आज उत्कृष्ट विद्यालय परिसर को सैनिटाइज किया गया। उल्लेखनीय है कि उत्कृष्ट विद्यालय में गृह मूल्यांकन के लिए बोर्ड परीक्षा की कॉपियों का वितरण किया जाना था।
इसलिए मूल्यांकन करता शिक्षक बड़ी संख्या में कॉपियां लेने आए हुए थे।जिसको लेकर प्राचार्य ने पहले विद्यालय को सैनिटाइज करवाया। जिसके बाद रायसेन से आए प्रभारी शिक्षक मनोज दुबे एवं अभिषेक अग्निहोत्री की उपस्थिति में कापियों का वितरण किया गया,जिसमें ब्लॉक भर से आए विभिन्न विषय के शिक्षक उपस्थित रहे इसी को दृष्टिगत रखते हुए नगर पालिका द्वारा पूर्व से परिसर को ही सैनिटाइज किया जिससे बोर्ड परीक्षा मूल्यांकन के लिए पहुंचने वाले समस्त शिक्षक सुरक्षित रह सकें।
प्राचार्य एसपी मिश्रा द्वारा बताया गया कि मूल्यांकन से पूर्व नगर परिषद पालिका को सैनिटाइज्ड करने हेतु सूचित किया गया था इसी को दृष्टिगत रखते हुए नगर परिषद द्वारा संपूर्ण परिसर को सैनिटाइज्ड किया गया।
नर्मदा तट छीपानेर में निर्माणाधीन पुल के पास पानी के तेज बहाव में एक युवक बह गया तो वहीं साथ में मौजूद उसका चचेरा भाई बचकर बाहर निकल गया। युवक की तलाश की जा रही है। नायब तहसीलदार सहित एसडीओपी, गोपालपुर पुलिस मौके पर पहुंच गई। दोनों चचेरे भाई एक गमी के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद घर लौट रहे थे। दीपक पुत्र तुलसीराम अटेरिया 18 वर्ष एवं पवन अटेरिया जो आपस में चचेरे भाई हैं, छीपानेर में रहते हैं। सुबह दोनों ही भाई पवन की रिश्तेदारी में गमी के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गए थे। शाम करीब 4 बजे दोनों वापस लौट रहे थे। बताया जाता है कि छिपानेर के पास दोनों भाइयों ने निर्माणाधीन पुल के पिलरों का सहारा लेकर नर्मदा नदी को पार करने की कोशिश की। इस दौरान पवन अटेरिया तो किनारे पर लग गया लेकिन दीपक नर्मदा नदी की तेज धार में बह गया। बीच नदी में बहाव अधिक था जिससे वह संभल नहीं पाया और उसका संतुलन बिगड़ गया। तेज बहाव के चलते वह नर्मदा की धार के साथ आगे की ओर बह गया। स्थानीय गोताखोरों की मदद से देर शाम 7 बजे तक उसकी तलाश की जा रही थी। मौके पर एसडीओपी प्रकाश मिश्रा, नायब तहसीलदार रमाकालवा, अजय झा, गोपालपुर थाना प्रभारी उषा मरावी सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।
रात में भी होगी तलाश
जब शाम तक बहे युवक का पता नहीं चल सका तो प्रशासन ने भोपाल से गोताखोरों की टीम बुलाई। पुलिस द्वारा भोपाल से गोताखोरों की स्पेशल टीम बुलाई है और संभवत रात हो जाने के बाद अब शनिवार को युवक की नर्मदा नदी में तलाश की जाएगी।
महू से निकले तीन मजदूर साइकिलों से जबलपुर जा रहे हैं। वे रोज 50 से 60 किमी का सफर तय रहे है। जाने के लिए कोई वाहन नहीं होने से इन मजदूरों ने महू में नई साइकिलें भी खरीदना पड़ी। रास्ते में भोजन मिल जाता है तो उसे खाकर अपने पेट की आग बुझा रहे हैं। इसके बाद वे अपने सफर पर फिर निकल पड़ते हैं।
जबलपुर के रहने वाले डाल सिंह लोधी, रवि कुमार और प्रकाश ने बताया कि वे लंबे समय से लॉकडाउन के कारण महू में फंसे हुए थे, वहां पर मजदूरी बंद हो गई तो खाने पीने की समस्या पैदा होने लगी। इस कारण उन्हें अपने घर जबलपुर के लिए साइकिलों से निकलना पड़ा है। वाहनों का आवागमन बंद होने के कारण उन्हें नई साइकिलें खरीदना पड़ी। तीनों ने एक-एक साइकिल 4200-4200 रुपए में खरीदी है। उन्हें करीब 500 किमी से अधिक का सफर तय करना है। इसे पूरा करने में तीन-चार दिन का समय लग जाएगा।
आटे में शक्कर मिलाकर बनाया घोल, उससे भरा पेट
रायसेन के टपरा पठारी में रहने वाले 22 सदस्यीय लोग रोजी रोटी की तलाश में दो माह पहले उड़ीसा गए थे, लेकिन यह लोग लॉकडाउन लगने से वहां पर फंस गए। डेढ़ माह से वे उड़ीसा सरकार द्वारा भोजन पानी की व्यवस्था की जा रही थी। 4 मई को उन्होंने उड़ीसा से अपनी यात्रा प्रारंभ की थी। 6 मई को रायसेन की सीमा पर आ पाए। रायसेन की सीमा पर आने के बाद प्रवेश नहीं मिला तो उन्हें वहां पर एक दिन तक इंतजार करना पड़ा। उड़ीसा से लौटे मजदूर बीरु, संगीता बाई, चेतराम, अनीताबाई, दिलीप, सोनिया बाई, शांति बाई, ललिता बाई और आरती ने बताया कि उनके पास में सिर्फ एक किलो आटा बचा था, जिसमें उन्होंने शक्कर मिलाकर उसका घोल बना लिया और उसे पीकर ही अपने पेट की आग बुझाना पड़ी थी। बच्चों को भी यही पिलाना पड़ा।
300 किमी पैदल चलकर देवास से सिलवानी आए मजदूर
सिलवानी तहसील के तीन और देवरी कस्बा का एक मजदूर 300 किलोमीटर का सफर पैदल ही तय कर बुधवार की सुबह सिलवानी आएं हैं। यहां उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। तहसील के आदिवासी बाहुल्य बिछुआ गांव निवासी 3 युवक रामचंद्र, अभिषेक, अमित अपने एक और साथी देवरी निवासी कमल सिंह के साथ देवास स्थित एक पाइप बनाने वाली फैक्टरी में काम करते थे। लॉकडाउन के कारण फैक्टरी बंद हो गई। पास में जो कुछ रकम थी, वह भी समाप्त हो गई। हालत यह थे कि ज्यादा दिन वहां रहते तो भूख से मौत हो जाती। चार दिन तक लगातार पैदल चलकर करीब 3 सौ किलोमीटर की यात्रा पूर्ण कर सिलवानी आने पर समाजसेवियों ने भोजन व नाश्ता की व्यवस्था की। स्वास्थ्य केंद्र में मेडिकल परीक्षण किया गया।
रायसेन के सांची थाने में आने वाले धोवाखेड़ी गांव में सोते समय अज्ञात हत्यारे एक 80 वर्षीय वृद्ध का सिर काटकर अपने साथ ले गए। वृद्ध गुरुवार की रात को खाना खाकर रोज की तरह बाहर खटिया पर सो गया। सुबह उसका बिना सिर के धड़ मिला। जानकारी मिलते एसपी मोनिका शुक्ला, एसडीओपी कृष्णपालसिंह, सांची थाना प्रभारी दुर्जनसिंह बरकड़े मौके पर पहुंचे और घटनास्थल पर जांच की। घर वालों से भी पूछताछ की लेकिन घटना के संबंध मे कोई क्लू नहीं मिल पाया। इसके बाद आरोपियों के संबंध में जानकारी देने वालों को 5000 रुपए का नगद इनाम देने की घोषणा भी की है।
एसपी ने बताया कि वृद्ध रात 8 बजे खाना खाकर घर के बाहर खटिया पर सोया हुआ था। सुबह जब उनकी बहू चाय देने के लिए पहुंची तो उसे खटिया पर वृद्ध बाबूलाल शर्मा पुत्र दुर्गाप्रसाद शर्मा 80 साल का बिना सिर के धड़ पड़ा मिला। उसने घर के अंदर जाकर परिजनों को बताया। इसके बाद परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। इस घटना लेकर मृतक के भाई दशरथ पुत्र दुर्गाप्रसाद शर्मा की शिकायत पर सांची थाने में हत्या का मामला दर्ज कर लिया है।
गर्दन में मिले कई निशान
खटिया पर वृद्ध कंबल ओड़ के सोया हुआ था। हत्यारों ने जिस भी हथियार से वृद्ध का गला काटकर सिर धड़ से अलग किया है। इसी दौरान हथियार से कंबल और विस्तर पर भी कटने से फट गए हैं। इसके अलावा गर्दन में कई निशान भी पाए गए हैं। पुलिस भी घटना को हत्या ही मान रही है लेकिन अंधा कत्ल होने से अभी आरोपियों के बारे में कोई क्लू नहीं मिला है।
किसी से कोई विवाद नहीं आैर न किसी पर शक
पुलिस की पूछताछ में ये बात भी सामने आई कि घर वालों को किसी पर शक नहीं है। घर वालों के मुताबिक उनका किसी से कोई विवाद भी नहीं है। इसलिए वे किसी पर शक होना भी नहीं बता पा रहे हैं। शहर की एफएसएल टीम और भोपाल से आए वरिष्ठ वैज्ञानिक एमपी भास्कर ने घटना स्थल पर पहुंचकर जांच की हैं।
कोली से जमीन देना एक किसान को महंगा पड़ गया। एक वर्ष के लिए दी गई जमीन पर कब्जा ही जमा लिया जब किसान ने विरोध किया तो उस पर कुल्हाड़ी से सिर पर हमला कर गंभीर घायल कर दिया। परिजन खून से लथपथ युवक को सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद उसे भर्ती कर लिया गया।
ग्राम मढ़िया निवारी निवासी जमना प्रसाद ने गांव के ही महेन्द्र तिवारी को अपनी ढाई एकड़ जमीन कोली से 40 हजार रुपए में एक वर्ष के लिए दी थी, जो इस वर्ष पूरी हो गई। एग्रीमेंट समाप्त होने पर शुक्रवार को वे फिर से जमीन बखरने लगे, तब जमना प्रसाद का बेटा लखन (35) वहां पहुंचा और जमीन बखरने से मना किया तो विवाद हो गया। विवाद के बाद महेन्द्र तिवारी, गोलू, अरूण, जीतू तिवारी, रोहित तिवारी एवं गुल्ली तिवारी ने लाठियों व कुल्हाड़ी से लखन कुशवाहा पर हमला कर दिया। पुलिस ने प्रकरण दर्ज लिया है।
युवक के साथ की मारपीट
बेगमगंज | मुख्य बाजार में बाइक निकालने को लेकर हुए विवाद में एक युवक के साथ कुछ लोगों ने मारपीट कर दी। मार्ग से निकलते समय महूना निवासी हेमंत गुर्जर की एक युवक से कहासुनी हो गई। कुछ लोगों ने इस युवक के साथ मारपीट कर दी। पुलिस ने हेमंत गुर्जर की रिपोर्ट पर युनुस पठान, तारिक खां, रिजवान खां, कलीम खां व फैजान के विरूद्ध मारपीट का प्रकरण दर्ज किया है।
जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने व बचाव के लिए जिला प्रशासन आम आदमी तक मास्क और सैनिटाइजर पहुंचाने के लिए काम कर रहा है।स्व सहायता समूहों की महिलाओं की मेहनत से ही पूरे प्रदेश में रायसेन जिले में सबसे ज्यादा मास्क बनाए गए और सबसे ज्यादा बांटे जा चुके हैं। सैनिटाइजर का वितरण भी प्रदेश में सबसे ज्यादा रायसेन में ही किया गया है। कलेक्टर उमाशंकर भार्गव व जिला पंचायत सीईओ अवि प्रसाद के निर्देशन में मास्क निर्माण और वितरण का कार्य किया जा रहा है।
रायसेन जिले में 602056 मास्क बनाकर रहा प्रथम
प्रदेश में 8481027 मास्क निर्मित एवं वितरित किए गए हैं। इसमें 602056 मास्क निर्माण व वितरण के साथ रायसेन जिला प्रथम स्थान पर है। छिंदवाड़ा 456515 बनाकर दूसरे स्थान पर एवं धार 406101 बनाकर तीसरे स्थान पर हैं। प्रदेश में अब तक 75279 लीटर सैनिटाइजर का वितरण किया गया है जिसमें रायसेन में 36753 लीटर (प्रदेश का 48.5 प्रतिशत सैनिटाइजर) सैनिटाइजर वितरण कर पहले स्थान पर है। पन्ना 5540 लीटर सैनिटाइजर वितरण के साथ दूसरे स्थान पर एवं खंडवा 3407 लीटर सैनिटाइजर वितरण के साथ तीसरे स्थान पर है।
गांव बड़नगर में लॉकडाउन का पालन करवाने की हिदायत देने पहुंचे पुलिसकर्मियों के साथ ग्रामीणों ने लाठी और डंडे से मारपीट कर दी। यही नहीं इन लोगों ने पुलिसकर्मियों की वर्दी भी फाड़ दी और करीब आधे घंटे तक कार में ही बंद करके बैठाकर रखा। सूचना के बाद जब सीहोर से पुलिस फोर्स पहुंची तब कहीं जाकर दोनों सिपाहियों को लाया गया और आरोपियों को भी हिरासत में लिया गया।
नायब तहसीलदार ने पुलिस को पाइंट दिया कि गांव बमूलिया में मेडिकल टीम के साथ ग्रामीण अभद्रता कर रहे हैं और उन्हें काम नहीं करने दे रहे हैं। जिस पर कोतवाली से प्रधान आरक्षक सुभाष कटारे और आरक्षक तेजपला वर्मा मोबाइल जीप से रवाना हुए। रास्ते में जब वे गांव बड़नगर से निकले तो हरिजन बस्ती में मंदिर के पास उन्होंने भीड़ देखी। उन्होंने गाड़ी रोककर ग्रामीणों को अपने-अपने घर जाने के लिए कहा और मास्क लगाने की समझाइश दी। जिस पर कुछ ग्रामीण तो वहां से चले गए, लेकिन आरोपी विनोद जाटव पुलिसकर्मियों से विवाद करने लगा कि हमारे गांव में कोई बीमार नहीं है, हम मास्क नहीं लगाएंगे और पुलिस को गाली-गलौच करने लगे।
पूरे परिवार ने पुलिस वालों को पीटा
पुलिस ने उसे गाली-गलौच करने से रोका तो विनोद ने उनके साथ मारपीट शुरु कर दी। जिस पर उसके परिवार के अन्य लोग भी आ गए और पुलिसकर्मियों के साथ लाठी व डंडों से मारपीट करने लगे। इसके बाद सभी ने दोनों पुलिसकर्मियों को गाड़ी में ही बैठाकर वहीं रोक लिया। सूचना मिलने के बाद करीब आधा घंटे में जिला मुख्यालय से एसडीएम आदित्य जैन, सीएसपी मंगल ठाकरे, कोतवाली टीआई मनोज मिश्रा सहित भारी पुलिस बल पहुंचा और दोनों पुलिसकर्मियों को मुक्त कराया। देखते ही देखते गांव छावनी में तब्दील हो गया। बताया जाता है कि पुलिस से जिस विनोद जाटव ने विवाद शुरु किया था वह सेना का जवान है।
चार दिन पहले भी हुआ था विवाद
ग्रामीणों के अनुसार चार दिन पहले भी पुलिस गांव में पहुंची थी और लोगों को भीड़ लगाने के लिए मना करते हुए लॉकडाउन का पालन करने की समझाइश दी थी। तब भी विनोद जवाट ने पुलिसकर्मियों के साथ विवाद किया था। लेकिन किसी तरह बाद में मामला शांत हो गया था।
11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
ग्रामीणों की मारपीट से प्रधान आरक्षक सुभाष कटारे और आरक्षक तेजपाल घायल हुए हैं। पुलिस ने मामले में विनोद के साथ-साथ बल्लू जाटव, बलदेव, महेश, सूरज, रामप्रसाद, कालूराम, भगवानसिंह, शुभम, मुन्नीबाई, भूरा जाटव के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज किया है।
दो पुलिसकर्मियों से मारपीट हुई है
समीर यादव, एडि. एसपी के मुताबिक, दो पुलिसकर्मियों के साथ ग्रामीणों ने मारपीट की थी, दोनों का मेडिकल करवाकर आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज किया है।
जिलेभर में कोरोना के 64 पॉजिटिव केस मिल चुके हैं, इसके बाद भी लोग सबक नहीं ले रहे हैं। राशि निकालने के लिए लोग बड़ी संख्या में बैंक पहुंच रहे है, जिससे बैंकों के बाहर लंबी-लंबी लाइनें लग रही है, जिससे बैंक प्रबंधन को व्यवस्था बनाने में तो दिक्कत आ रही है, वहीं कोरोना संक्रमण का खतरा भी बना हुआ है।
प्रशासन और पुलिस के अधिकारी बैंकों में पहुंच कर लोगों को समझा रहे है, जरुरत न हो तो बैंक से राशि निकालने के लिए न आए। यह बात लोग मनाने को तैयार नहीं है, यही कारण है कि सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक बैंकों के बाहर अच्छी खासी भीड़ देखी जा सकती है। केंद्र सरकार द्वारा जनधन खातों में फिर से राशि डाल दी है। इसके अलावा किसानों द्वारा खरीदी केंद्रों पर गेहूं बेचने के बाद उनकी राशि भी बैंकों में आना प्रारंभ हो गई, वहीं सरकारी और प्राइवेट कर्मचारियों का वेतन आ चुका है। यह सभी लोग अपनी जरुरत को पूरा करने के लिए बैंकों में पहुंच कर राशि निकाल रहे हैं, जिससे बैंकों के बाहर व्यवस्थाएं बिगड़ रही है। इतना ही नहीं लोगों को कई घंटों तक अपनी बारी आने का इंतजार भी करना पड़ रहा है।
कर्फ्यू होने के बाद भी बिना वजह निकल रहे
शहर में कोरोना के मरीज बढ़ने के बाद 26 अप्रैल से कर्फ्यू लगा हुआ है। 13 दिन से चल रहे कर्फ्यू में दो बार छूट मिली है, लेकिन छूट मिलते ही लोग बाजार में ऐसे उमड़ पड़ते है, जैसे उन्हें कोरोना वायरस से कोई डर नहीं है। वहीं पुलिस ने अब कर्फ्यू के दौरान बिना वजह घूमने वालों पर सख्ती करना प्रारंभ कर दिया है।
राहत : 15 में से 11 लोगों की रिपोर्ट आई निगेटिव
15 लोगों की रिपोर्ट आई है, जिसमें से 11 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव है, जबकि 4 लोगों की रिपोर्ट रिजेक्ट हो गई है। उल्लेखनीय है कि कोविड केयर सेंटर रायसेन में 22 मरीज, डीसीएचसी रायसेन में 6 मरीज, चिरायु अस्पताल भोपाल में 7 मरीज और एम्स भोपाल में दो मरीज भर्ती है।
पड़ोसी जिला विदिशा हो चुका है कोरोना मुक्त
हमारे पड़ोसी जिला विदिशा में मिले सभी 13 कोरोना पॉजिटिव ठीक होकर घर जा चुके हैं, जिससे विदिशा कोरोना से मुक्त हो गया है। वह ओरेंज से ग्रीन श्रेणी में शामिोल होने वाला है, जिससे वहां पर दुकानें खुलने के साथ ही बस परिवहन जैसे सुविधाएं भी प्रारंभ हो जाएंगी। ऐसे में अब रायसेन जिले के लोगों को भी समझना चाहिए कि रायसेन में लगातार मिल रहे मरीजों के कारण अभी छूट नहीं दी है।
5 पुलिसकर्मियों सहित 19 के लिए सैंपल
शुक्रवार को 19 लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भोपाल भेजे गए हैं, जिनमें पुलिस लाइन में होम क्वारेंटाइन में रह रहे 5 पुलिसकर्मियों के साथ ही कोरोना केयर सेंटर में भर्ती 14 कोरोना मरीजों के सैंपल शामिल है।
14 तक खुल जाएंगे 2 कंटेनमेंट एरिया
- उमाशंकर भार्गव, कलेक्टर रायसेन के मुताबिक, कोरोना मरीज मिलने के बाद जो कंटेनमेंट एरिया बनाए गए थे, उनमें से दो कंटेनमेंट एरिया 14 मई तक खुल जाएंगे। अभी लोगों को सतर्कता बरतने की जरुरत है, बिना किसी कारण के घर से बाहर नहीं निकलें। जिले को कोरोना मुक्त बनाने के लिए सभी लोग प्रशासन की मदद करें।
45 दिन से लॉकडाउन में फंसे मजदूर अपने घर जाते समय काफी खुश थे, उन्हें लग रहा था कि अब घर पहुंचकर उनकी सभी समस्याएं खत्म हो जाएंगी। दूसरे प्रदेशों में काम बंद होने से उनके सामने भोजन के भी लाले पड़ गए थे। ऐसे 24 जिलों के 1223 मजदूरों को औरंगाबाद से लेकर एक स्पेशल ट्रेन शुक्रवार की सुबह 7 बजे रायसेन जिले के ओबेदुल्लागंज रेलवे स्टेशन पर पहुंची।
यहां प्रशासन, पुलिस, डॉक्टरों की 8 टीमें पहले से ही मौजूद थीं। ट्रेन से उतरे मजदूर मयंक चतुर्वेदी के चेहरे पर एक गजब की चमक और मुस्कुराहट थी और आंखों में बड़ा सुकून और खुशी के आंसू। मयंक छतरपुर जिले के हरपालपुर का रहने वाला है जो औरंगाबाद की आयरन फैक्ट्री में मजदूर के रूप में काम कर रहा था। उसके चेहरे पर खुशी झलक रही थी क्योंकि अब उसे अपने घर वालों से मिलने के लिए बस कुछ घंटे का इंतजार करना था। रेलवे स्टेशन पर 7 बजे पहली घोषणा हुई कि औरंगाबाद से आने वाली पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन प्लेटफार्म पर कुछ ही मिनटों में आ रही है। इसकी सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारियों के साथ स्वास्थ्य अमला सतर्क हो गया। एडीएम अनिल डोमर, एएसपी एपी सिंह, गौहरगंज एसडीएम विनीत तिवारी ने वहां की व्यवस्थाएं संभाली। तहसीलदार संतोष बिटोलिया ने बताया कि विशेष ट्रेन से आने वाले श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन कराने के बाद उन्हें उनके गृह जिलों के लिए भेज दिया।
आपबीती : पुलिस वाले भैया बने देवदूत
छतरपुर के मयंक चतुर्वेदी बताते है कि वे जिस आयरन कंपनी में काम करते थे। उसने लॉकडाउन के बाद पैसा नहीं दिया। भूखे मरने की नौबत आ गई थी। तब एक पुलिस वाले भैया देवदूत बनकर आए 40 दिन तक उन्होंने मुझे भोजन कराया। कंपनी से किसी तरह की सहायता ना मिलने के कारण मैंने वापस घर आने का निर्णय लिया और इस विशेष ट्रेन से वापस लौट आया।
40 किमी पैदल चले तब बन पाया ई-पास
बालाघाट के कन्जेई निवासी बृजेश निवारे 22 वर्ष बताते है कि वे औरंगाबाद के पास स्थित अंबाला शहर में एलएनटी फैक्ट्री में ऑपरेटर का काम करते थे। वे बताते हैं कि औरंगाबाद रेड जोन में है और हमारे साथ काम करने वाले इंजीनियर औरंगाबाद से ही अप-डाउन करते थे। इसके अलावा हम एक रूम में 10-12 लड़के एक साथ रहते थे। 40 किमी चलकर थाने में ई-पास बनवाया और इस श्रमिक स्पेशल ट्रेन से यहां तक पहुंचे। अब काम करने वह वापस औरंगाबाद नहीं जाएगे।
ये भी जरूरी : जांच के बाद गृह जिलों के लिए भेजा
बीएमओ डॉ. अरविंद सिंह चौहान ने बताया कि सभी 1223 मजदूरों की मेडिकल स्क्रीनिंग कराई गई। इस दौरान ग्वालियर जिले के बेहट निवासी बृजकिशोर धाकड़ (26 वर्ष) को सांस लेने में दर्द और चक्कर आने की शिकायत मिली। जिसे प्राथमिक उपचार देने के बाद हमीदिया रेफर कर दिया गया।
प्रशासन द्वारा कस्बे में लगातार अनाउंसमेंट के बाद भी दुकानदारों द्वारा बरती जा रही लापरवाही को लेकर आज थाना प्रभारी ने सभी लोगों को बुलाकर नियमों का पालन करने की हिदायत दी और नहीं मानने वालों पर कार्रवाई करने की बात कही।
कस्बे में आज थाना प्रभारी वीपेंद्र सिंह चौहान ने सभी दुकानदारों को बुलाकर धारा 144 का नियमानुसार पालन करने एवं हाल ही में जिले के चांचौड़ा में पहला कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद प्रशासन द्वारा जो गाइडलाइन दी गई है उसका सख्ती से पालन करने की बात कही। उन्होंने सभी दुकानदारों को समझाइश दी की वह सुबह 10:00 से शाम 6:00 बजे तक अपनी-अपनी दुकानें खोलें एवं मास्क सैनिटाइजर और सोशलिस्ट डिस्टेंशन का विशेष ध्यान रखें। अगर नियमों की अनदेखी की गई तो ऐसे दुकानदारों के खिलाफ नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने दुकानदारों एवं सभी ग्रामीणजनों से अपील की कि वह इस विकट समय में शासन-प्रशासन का साथ दें। वही प्रतिबंधित बीड़ी, सिगरेट, पाउच आदि अगर किसी के पास पाई गई तो उस पर एफआईआर दर्ज करने की बात कही। इस दौरान कस्बे के दुकानदार मौजूद थे।
जिले में बाहरी मजदूरों के आने का क्रम जारी है। यह मजदूर अपने गंतव्य की ओर निकलने के लिए जिले की सीमा में प्रवेश कर निकल रहे हैं। जिले की राजस्थान सीमा से लगी राजपुरा चेक पोस्ट से खुले ट्राले में बैठकर 50 मजदूरों के जत्थे ने जिले की सीमा में प्रवेश किया। जिले की सीमा में प्रवेश करने पर इन्हें झागर में रोका गया। भौंरा गांव पर बनाई गई चेक पोस्ट से जैसे ही मजदूरों से भरा ट्राला निकला तो चेक पोस्ट कर्मियों द्वारा नायब तहसीलदार शैलजा मिश्रा को सूचना दी गई। नायाब तहसीलदार ने झागर गांव में ट्राले में बैठकर जा रहे मजदूरों को रोका। मजदूरों को शासकीय विद्यालय झागर में ठहराया गया। जहां पर मजदूरों को केवल चाय-नाश्ता कराया गया। 50 लोग शहडोल, उमरिया, भिंड, ललितपुर, होशंगाबाद, जाने के लिए पैदल आ रहे थे। बीच रास्ते में राजस्थान पुलिस द्वारा इन्हें ट्राले में बैठा दिया गया। तहसीलदार मोहित जैन ने बताया कि लोगों को खाने पीने की राशन सामग्री उपलब्ध कराकर मजदूरों को बसों द्वारा उनके गंतव्य तक पहुंचाने का प्रबंध किया गया।
प्रदेश के किसानों को फसल बीमा योजना के तहत 29 सौ करोड़ 90 लाख रुपए मंजूर हुए हैं जिसमें से जिले के किसानों को 18 करोड़ 71 लाख रुपए मिलेंगे।इससे जिले के 9 हजार 421 किसान लाभान्वित होंगे। भाजपा पदाधिकारियों ने बताया कि कांग्रेस सरकार द्वारा किसानों की बीमा की राशि नहीं भरी गई थी।
भाजपा ने प्रदेश की सत्ता संभालते हुए किसानों का हित में बीमा की किस्त भरी। इसके परिणामस्वरुप किसानों के लिए प्रदेश में 29 सौ करोड़ 90 लाख रुपए की बीमा राशि स्वीकृत हुई है। जल्दी ही यह राशि किसानों के खाते में डलवा दी जाएगी।
भाजपा मंडल अध्यक्ष गोविंद प्रसाद शर्मा, संजीव सोनी, राजेंद्र दुबे एडवोकेट, रामशंकर शर्मा, श्रवण जैन, देवेंद्र रघुवंशी हल्के, प्रमोद सक्सेना ने बताया कि कोरोना महामारी की इस संकट की घड़ी में किसानों को उक्त राशि काफी सहायक होगी।
कोरोना वायरस से सतर्क रहने एवं सटीक जानकारी के लिए आरोग्य सेतु एप का प्रचार-प्रसार कर लोगों को डाउनलोड करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इस कार्य को करने में गांवों में नेहरू युवा केंद्र के राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक भी जुटे हुए हैं।
जिला युवा समन्वयक आशुतोष गोंडली ने युवाओं को ऑनलाइन चर्चा कर समाज में सतत योगदान देने के लिए प्रेरित किया। ग्रामीण युवा मंडल भी ग्रामों में लगातार सक्रिय है यह समय फसल विक्रय का है कृषि मंडी में अधिक भीड़ न हो इसके लिए ग्रामीण युवा मंडल किसानों को भी मैसेज मिलने पर ही मंडी जाने की सलाह दे रहे है। साथ ही मुंह पर मास्क या गमछा पहनने के लिए जागरूक कर रहे है नगरीय क्षेत्रों में भी युवा स्वयं सेवक सक्रिय है युवा स्वयं सेवक सचिन जैन ने नागरिकों को मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और गैर जरुरी का से घर से बाहर न निकलने के लिए जागरूक किया। साथ ही कोरोना में होने वाले लक्षण बताने के लिए पंपलेट बांटकर भी जागरूक किया। युवा केंद्र के स्वयंसेवक पोस्टर्स के माध्यम से भी लोगों को जागरूक कर रहे है। इस कार्य में युवा आदर्श एकता मंडल भी अपना सहयोग प्रदान कर रहा है।
साथ ही केंद्र द्वारा क्षेत्र के कोरोना वारियर्स का सम्मान किया और उन पर पुष्पवर्षा कर उनका हौंसला बढ़ाया।
सिविल अस्पताल आरोन में रेडक्रॉस दिवस पर एसडीएम केएल यादव के मार्गदर्शन में विश्व रेडक्रॉस दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें स्वास्थ्य कर्मचारियों व अधिकारियों ने कोराेना बचाव के लिए मास्क लगाने एवं सोशल डिस्टेंस रखने व सार्वजनिक स्थलों पर गुटखा, बीड़ी, तंबाकू आदि न खाने एवं सार्वजनिक स्थानों पर न थूकने की शपथ दिलाई गई।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि तंबाकू का सेवन जन स्वास्थ्य के लिए बड़े खतरों में से एक है। थूकना एक सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरा है और संचारी रोग के फैलने का एक प्रमुख कारण है। तंबाकू सेवन करने वालों की प्रवृति यहां-वहां थूकने की होती है। थूकने के कारण कई गंभीर बीमारी यथा कोरोना, इंसेफलाइटिस, यक्ष्मा, स्वाइन फ्लू आदि का संक्रमण फैलने की आशंका रहती है। इसलिए इसपर रोक लगाई गई है।
इस अवसर पर बीएमओ डॉ. सुनील यादव, मेडिकल ऑफिसर कृष्ण सिंह, नवीन लकरा, बीपीएम केपी रघुवंशी, बीसीएम भूपेंद्र सिंह पवार, लेखापाल नरेंद्र मोहन शर्मा, धीरेंद्र चक्रवर्ती, मुकेश त्रिपाठी ओमप्रकाश ओझा, ममता लांजीबार, रश्मि लोखंडे, नीता श्रीवास्तव, रचना कतिया, सरपंच रामपुर सचिव रामपुर एवं अन्य सचिव एवं स्वास्थ्य कर्मचारी उपस्थित थे।
एकता परिषद जन संगठन द्वारा वंचित और जरूरतमंद परिवारों को खाद्य सामग्री वितरण की गई। बमोरी ब्लॉक के ग्राम नोनेरा में 33 परिवारों को खाद्यान्न सामग्री वितरण की गई। ग्राम बागेरी में 40 परिवारों को खाद्य सामग्री बांटी गई ग्राम मोहन कॉलोनी में 20 परिवारों को सामग्री बांटी गई।
परिवार को 10 किलो आटा 1 किलो दाल वितरित की गई। जो परिवार पलायन कर अपने घर वापस लौटे हैं जिनके पास खाने-पीने की सामग्री नहीं है ऐसे परिवारों की एकता परिषद द्वारा खाद्य सामग्री वितरण की जा रही है। एकता परिषद जिला समन्वयक ने बताया अति गरीब लोगों को एकता परिषद द्वारा सामग्री दी जा रही है एवं ऐसी परिवारों की भी सूची तैयार की जा रही है जो लोग बेरोजगार हैं, गांव में कोई रोजगार नहीं है, ऐसे परिवारों को मनरेगा के तहत पंचायत सचिवों को सूची बनाकर सौंपी जाएगी। जिससे कि लोगों को मनरेगा के तहत रोजगार मिल सके। एकता परिषद के कार्यकर्ता राजाराम, भारत, कमल सिंह मुखिया ने जरूरतमंद लोगों को खाद्य सामग्री बांटी।
बमोरी ब्लाक के खरीदी केंद्र परवाह, हमीरपुर, में पिछले तीन दिनों वारदाना नहीं होने के कारण खरीदी बंद है। परवाह खरीदी केंद्र में 100 से अधिक ट्रेक्टर ट्रालियां खड़ी हैं। केंद्रों में पिछले दो दिनों से खरीदी पूरी तरह बंद है। किसान अपने ही खून पसीने की कमाई को बेचने केंद्र में चक्कर लगा रहे हैं।
इन केंद्रों में आसपास के कई ग्राम के किसान अपनी फसल बेचने समर्थन मूल्य पर बेचने आते है। जिसमें किसान अपने खेत से किराए की गाड़ी लेकर खरीदी केंद्र में आते है, किसानों का अनाज सड़क किनारे खुले आसमान के नीचे पड़ा रहता है जिसकी देख-रेख की जिम्मेदारी किसानों की होती है। किसान की फसल की तुलाई सही समय पर नहीं की जाती जिससे किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। विभाग के जिम्मेदार अधिकारी एवं कर्मचारी भी वारदाना नहीं होने की बात करते हुए अपना पल्ला झाड़ रहे है। वहीं खरीदी केंद्रों पर किसानों के लिए छाया पानी का इंतजाम भी नहीं होने से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हमीपुर में भी दो दिन से वारदाना नहीं होने से खरीदी बंद है। वरिष्ठ खाद्य आपूर्ति अधिकारी इंदू शर्मा ने बताया कि गुना में लॉक डाउन होने से गाड़ी व हम्माल नहीं मिलने से वारदाना नहीं पहुंच पा रहा है।
बमोरी में खत्म हुआ बारदाना : यहीं हाल बमोरी के उपज खरीदी केंद्र के हैं। यहां आए ग्रामीण ने बताया कि दो दिन से ट्राली लेकर खड़ा हुआ हूं अभी तक नंबर नहीं आया। केंद्र पर बारदाने की मात्र 10 गठानें बची हैं। जो शाम तक खत्म हो जाएंगी। गुना से बारदाना नहीं आया है। कल भी खरीदी हो पाएगी यह नहीं कहा नहीं जा सकता।
जिले के केंद्रों पर खुले में पड़ा अनाज
केंद्रों पर पर्याप्त परिवहन नहीं होने के कारण अनाज केंद्रों पर खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है। जिले के कई केंद्रों में हाल ही में हुई तेज बारिश, हवा एवं पानी के कारण अनाज गीला होकर खराब होने लगा है। वहीं किसानों एवं केंद्र प्रभारियों ने तिरपाल डाल कर अनाज को सुरक्षित बचाने का प्रयास किया गया। इसके अलावा भी किसानों का अनाज गीला हुआ है। परिवहन नहीं हाेने के कारण भी केंद्रों पर अनाज खुले में पड़ा हुआ है।
आरोन मंडी में बढ़ी आवक, तौल कांटे से कर रहे तुलाई
आरोन| मंडी में हुई गुुरुवार को आईं 9000 बोरी की आवक हुई। वहीं शुक्रवार 12 हजार बोरी के लगभग आवक होने की संभावना किसानों ने बताई। गुना में लॉक डाउन होने की वजह से भी किसान आरोन मंडी की ओर रवाना हो गए। वहीं एसडीएम केएल यादव ने बताया कि आरोन मंडी में लटेरी, सिरोंज, विदिशा, अशोकनगर का कोई भी किसान उपज नहीं लाएगा। वहीं उन्होंने कहा कि यदि कोई किसान या उसका रिश्तेदार यहां के आधारकार्ड पर फसल बेचता पाया गया तो उसके खिलाफ एफआईआर कर कार्रवाई की जाएगी। वहीं इस दौरान मंडी में कई स्थानों पर इलेक्ट्रानिक तौल कांटे से तुलाई न होते हुए तौल काँटे से तुलाई करते हुए व्यापारी देखे गए। मंडी सचिव ने बताया कि व्यापारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि तुलाई इलेक्ट्रानिक तौल कांटों से की जाए। अगर व्यापारी ऐसा करते पाए गए तो उनके खिलाफ लाइसेंस निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।
विवेक काॅलोनी में रहने वाली एक युवती का जन्म दिन पुलिस की वजह से खास बन गया। गुरुवार को उनका जन्म दिन था और कोरोनाकाल की पाबंदियों के चलते उन्हें केक तक मिलने की उम्मीोद नहीं थी। पर फिर कुछ ऐसा हुआ जिसकी उन्होंने उम्मीद भी नहीं की थी। काॅलोनी में रहने वाली अनामिका जैन के एक रिश्तेदार ने शहर की बेकरी पर ऑनलाइन केक बुक करा दिया था। उसका पेमेंट भी ऑनलाइन हो गया था। पर केक तैयार होने में देरी हो गई। इसी दौरान शाम के 7 बजे गए और लॉकडाउन की पाबंदियों के चलते दुकान बंद हो गई। बेकरी संचालक ने भी केक पहुंचाने में असमर्थता जाहिर की।
फिर संचालक ने पुलिस से बात की और यह समस्या बताई। सिटी कोतवाली में पदस्थ भागीरथ शाक्य ने कहा कि यह काम वह कर देंगे। उन्होंने कहा कि अगर केक तैयार है तो फिर उसे सही जगह पहुंचना ही चाहिए। उन्होंने न केवल केक बल्कि उसके साथ सजावट करने वाले सामान भी अनामिका के घर तक पहुंचा दिए। यह सरप्राइज की तरह था। कि पुलिस के हाथों उन्हें यह खुशी मिलेगी।
हाल ही कुछ दिनों पूर्व ही नगर में लाॅकडाउन 3.0 लागू होने के बाद अधिकांश व्यवसायों सहित मंडी भी खुल गई थी। इससे बाजार में पूर्व के भांति चहल-पहल शुरू हो गई थी और किसानों के चेहरों पर मुस्कुराहट देखने को मिली। परन्तु कोरोना पॉजिटिव मरीज होने से आगामी आदेशों तक मंडी सहित पूरा बाजार टोटल लाॅकडाउन कर दिया गया।
एक बार फिर मंडी बंद होने से किसानों पर संकट आन पड़ा है। मंडी प्रशासन द्वारा बारी-बारी से ग्राम पंचायतों से खरीदी की जा रही थी जिससे किसान अपनी पंचायत की तारीख आने का इंतजार कर रहे थे। कुछ किसानों द्वारा अपनी उपज की नीलामी कर दी गई, लेकिन शेष किसानों को लॉकडाउन खुलने का इंतजार करना पड़ेगा। कोरोना मरीज मिलने से प्रशासन फिर से पूर्व की भांति सख्ती के साथ लॉकडाउन के नियमों का पालन करा रहा है। जिससे बाजार और मंडी में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हो चुकी है। वहीं किसान जल्द मंडी खुलने की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी ऐसे मौके पर अपनी भूमिका सबसे प्रभावी ढंग से निभा कर मिसाल पेश कर रहे हैं। कई कर्मचारी तो महीने भर से बिना अवकाश के कोरोना के खात्मे का बीड़ा उठाए हुए हैं। ड्यूटी कर रहे स्वास्थ्य कर्मी अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
लोगों को सिखाया हाथ धोना और सोशल डिस्टेंस : विनीता राय कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर, हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर छीपोन जिला गुना बजरंगगढ़ में कार्यरत विनीता राय द्वारा कोरोना से जंग में लोगों को जागरुक करने दीवार लेखन, कोरोना पोस्टर्स सहित अन्य माध्यमों से सभी लोगों को अलग-अलग गांव जाकर उनको हाथ धोना और सोशल डिस्टेंस बनाए रखने व मुंह पर कपड़े या रुमाल का इस्तेमाल करना बता रहे हैं।
वहीं बुखार खांसी व सांस लेने में तकलीफ हो तो तुरंत चिकित्सक को दिखाने की सलाह देकर खुद को और अन्य लोगों को भी सुरक्षित रखने कार्य कर रही हैं।
हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के तहत आने वाले 11 गांव में जो भी व्यक्ति बाहर से आया उन सभी की टीम के साथ स्क्रीनिंग भी करवाई तथा उन सभी को होम आइसोलेशन में रखा गया तथा उनका प्रत्येक दिन फॉलोअप का कार्य भी किया गया।