कोरोना काल के दौरान लोगों में डर व दहशत पैदा करने के लिए शरारती तत्व कई तरह की हरकत कर रहे हैं। इसमें बेबुनियाद खबरों से लेकर अफवाह फैलने की कोशिश की जा रही है। एक और तरीका भी खासा लोकप्रिय हो रहा है। इसमें सड़क पर नोट गिरा दिए जाते हैं। इसके बाद ऐसी अफवाहें फैला दी जाती हैं कि सड़क पर गिरे हुए नोटों से संक्रमण फैल सकता है।
इंदौर, भोपाल जैसे शहरों में इस तरह की घटनाएं खूब हुईं और एक भी मामले में यह साबित नहीं हुआ कि नोटों में ऐसा कुछ था कि जिससे संक्रमण फैल सके। अब असामाजिक तत्वों का यह हथकंडा छोटे शहरों में भी फैलने लगा है। राघौगढ़ में शुक्रवार को जनपद पंचायत कार्यालय के रास्ते पर 500-500 रुपए के नोट मिले। इसे लेकर लोगों में घबराहट फैल गई। डर ऐसा था कि किसी की हिम्मत नहीं पड़ी की वह यह नोट उठा ले। आखिर पुलिस तक सूचना पहुंची तो उसने इन नोटों को कब्जे में ले लिया। पता चला कि पूरे 6000 हजार रुपए सड़क पर गिरे हुए थे। अब इनकी जांच की जाएगी।
बजरंगगढ़ थाने से 14 किमी दूर स्थित गांव सतनपुर में एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई। इस दौरान बड़ी संख्या में आरोपी एकत्रित हुए और घर पर चढ़ाई कर दी। इस गांव में एक ही परिवार पर हुए हमले में 52 वर्षीय लक्ष्मीनारायण जोशी की हत्या कर दी गई।वहीं उनके 4 बेटे, दो बेटी और बुजुर्ग माता-पिता भी घायल हुए है। इस मामले में पुलिस पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगे हैं। क्योंकि आरोपियों ने 3.30 घंटे के भीतर 3 बार हमला किया, लेकिन पुलिस को सूचना के बाद भी इसे रोक नहीं पाई। परिजनों का कहना है कि अगर पहले हमले के समय ही पुलिस आरोपियों को गांव से पकड़कर थाने ले आती तो हत्या रोकी जा सकती थी? लेकिन पुलिस सिर्फ गांव पहुंची, उल्टे फरियादी पक्ष से कहने लगी कि तुम लोग अब विवाद न करना लेकिन आरोपी पक्ष से कुछ नहीं कहा, इसी वजह से दो बार हमला किया।
जब थाना प्रभारी राकेश शर्मा से पूछा कि पहला हमला हुआ तब आरोपियों पर क्या कार्रवाई की तो उन्होंने कहा मैं इस बारे में जवाब नहीं दे सकता हूं। आरोपी सहित 11 लोगों पर मामला दर्ज किया है
8 बजे कचरा डाला तो बुजुर्ग पर गिरा तो हुआ विवाद : सतनपुर गांव में 80 वर्षीय देवीलाल जोशी का परिवार निवास करता है। शुक्रवार सुबह 8 बजे घर के बाहर देवीलाल और उनकी पत्नी शांति बाई बैठी थी। इसी दौरान गांव के एक व्यक्ति ने घर के सामने कचरा डाला जो देवीलाल पर गिरा। इसे लेकर उन्होंने आपत्ति जताई तो आरोपियों ने मारपीट कर दी। सूचना पर डायल 100 और थाने से बाइक से आरक्षक पहुंचे। फरियादी पक्ष के दिनेश जोशी का कहना है कि पुलिस ने उल्टा कहा कि तुम लोग झगड़ा करते हो, अगर फिर किया तो ठीक नहीं होगा। जबकि जिन लोगों ने घर पर आकर हमला किया था, उनसे कुछ नहीं कहा ।
हम मदद मांगते रहे लेकिन पुलिस ने हमारी नहीं सुनी
मृतक के दामाद दिनेश जोशी ने बताया कि अगर सुबह 8 बजे हमले के समय ही पुलिस आरोपियों पर कार्रवाई करती तो यह स्थिति न बनती। हमने मदद के लिए सुबह से डायल 100, पुलिस और एंबुलेंस 108 को कई कॉल किए, लेकिन कोई नहीं आया। एक बार पुलिस आई, लेकिन वह भी आरोपियों को पकड़कर नहीं ले गई। वह हमला करते समय चिल्ला रहे थे कि देख लो पुलिस ने हमारा क्या बिगाड़ा, तुम्हारी मदद के लिए कोई नहीं आएगा।
सवालों से बचते नजर आए थाना प्रभारी
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर थाना प्रभारी बजरंगगढ़ राकेश शर्मा से बात की तो वह सवालों से बचते नजर आए। उनसे पूछा कि 3 बार हमला हुए पहली बार में ही आरोपियों को क्यों नहीं पकड़ा? मदद के लिए पुलिस क्यों नहीं पहुंची। इस पर वह कुछ न बोले, कहने लगे मैं इस बारे में कुछ भी नहीं बता पाऊंगा।
आरोपियों के हौंसले बढ़े, क्योंकि पुलिस ने कार्रवाई नहीं की
पहला हमला सुबह 8 बजे और दूसरा 9 बजे के लगभग किया। इसमें भी परिवार के सदस्यों की पिटाई लगा दी। इसके बाद गुना में रहने वाला जोशी परिवार का देवीलाल अपने दामाद और बेटों को लेकर गांव पहुंचा। यह सभी घर पर खाना खाने लगे और अपने पिता लक्ष्मीनारायण ने कहा कि मैं आरोपी जगदीश धाकड़ को समझा दूंगा। लेकिन कुछ ही देर में 11.30 बजे के लगभग आरोपी 30 से 35 साथियों के साथ आ धमका। लक्ष्मीनारायण जोशी को इतना मारा कि वह गंभीर घायल हो गया। उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे तो डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। वहीं हमले में उनके परिवार के अन्य सदस्य भी घायल हुए हैं।
काेराेना संक्रमण... 32 दिन में 29 माैतें। इसमें से 19 गैस पीड़ित। इनमें से 7 गैस पीड़िताें काे डायबिटीज और हायपरटेंशन था। वहीं 6 काे अस्थमा के कारण सांस लेने में तकलीफ होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था। जहां पर इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इनमें चार की मौत अस्पताल पहुंचने के पहले ही हो गई थी। बाद में शव से लिए गए सैंपल की जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। मरने वाले 19 गैस पीड़ित में से 17 पुरुष व दो महिलाएं थीं। इनमें से अधिकतर की उम्र 38 साल से ज्यादा थी।
बड़ा सवाल...
इन मरने वाले 19 लोगों को कोरोना का संक्रमण कहां से लगा इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। इसका पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अफसर सोर्स का पता लगाने में जुटे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है कि गैस पीड़ितों में दूसरी कोई न कोई बीमारी थी। इसके चलते उनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाने के चलते उनकी मौत हो गई।
समय पर हो सैंपलिंग
रचना ढींगरा, संयोजक भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन के मुताबिक,हाई रिस्क वाले गैस पीड़ित जिनको कैंसर और अन्य तरह की गंभीर बीमारियां हैं। उनकी सैंपलिंग कैंप लगाकर की जाए।
कोरोना पॉजिटिव केस सामने आने के बाद आने वाले समय में हमारे जिले को ग्रीन जोन वाली रियायतें वापस मिलेंगी या नहीं यह 9 या 10 मई को तय हो जाएगा। इस दौरान बीनागंज के बापचा लहरिया निवासी युवक की दूसरी और उसके 6 परिजनों के सैंपल की रिपोर्ट आ जाएगी। अगर वह निगेटिव आती है तो यह बहुत बड़ी राहत होगी। अगर पॉजिटिव आई तो फिर सैकड़ों लोग संदिग्ध हो जाएंगे। कारण यह है कि पॉजिटिव युवक के परिवार ने 28 अप्रैल को गांव में भंडारा किया था। उससे पहले उसके पिता बीनागंज मंडी व बाजार में आते जाते रहे। इसके बाद बड़े पैमाने पर जांच अभियान चलाना पड़ सकता है। नतीजे में पूरे जिले को अब तक के सबसे कड़े प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।
उधर कलेक्टर एस. विश्वनाथन और एसपी तरुण नायक ने शुक्रवार को गांव का जायजा लिया। गांव के बाहर पुलिस तैनात कर दी गई है। संक्रमित युवक के परिवार को उनके घर में ही क्वारेंटाइन किया गया है। घर के बाहर पुलिस के जवान टेंट लगाकर 24 घंटे निगरानी कर रहे हैं। इस गांव ही नहीं पूरे बीनागंज का संपर्क आसपास के गांव से हटा दिया गया है। जामनेर, मधुसूदनगढ़ आदि इलाकों से बीनागंज की ओर जाने वाले रास्ते पर पुलिस ने मिट्टी का ढेर लगाकर उसे बंद किया है।
गुना, बीनागंज और चांचौड़ा में सुबह 7 से 10 बजे तक दूध मिलेगा, किराना नहीं मिलेगा
बीनागंज के बापचा लहरिया में कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद जिले को ग्रीन जोन की वजह से मिली छूट पर रोक लगा दी गई है। कलेक्टर एस विश्वनाथन ने धारा 144 के तहत आदेश जारी करते हुए सेवाओं पर प्रतिबंध लगाए हैं। 8 मई से सुबह 7 बजे से लेकर अगले आदेश तक यह रोक रहेगी। संपूर्ण जिले में अंतर जिला एवं जिले के भीतर बसों के परिवहन एवं ऑटो रिक्शा तथा टैक्सी के परिवहन पर पूर्णतः रोक लगाई है। नगर पालिका क्षेत्र गुना एवं नगर पंचायत चांचौडा-बीनागंज क्षेत्र एवं ग्राम पंचायत बापचा लहरिया में पूर्ण लॉकडाउन घोषित किया गया है। इस दौरान दूध डेयरी खुलने का समय सुबह 07:00 से 10.00 बजे तक रहेगा। इसके अलावा दवाई एवं चिकित्सीय उपकरणों की दुकानों,एटीएम, पेट्रोल पम्प एवं एलपीजी गैस सप्लाई पर कोई रोक नहीं रहेगी।
अब यही कामना कि कहीं संक्रमण की बड़ी श्रृंखला न बन जाए
1. पिता ने कोरोना से शांति के लिए 28 को कराया था भंडारा, : गांव में 28 अप्रैल को एक भंडारा हुआ था। यहां कंवर जी महाराज नामक एक श्रद्धास्थल है, वहां करीब 300 लोगों ने प्रसादी ग्रहण की। खास बात यह है कि इसका आयोजन संक्रमित युवक के पिता ने ही कराया था।
2. फसल बेचने 3 बार गए बीनागंज : सूत्र यह भी बताते हैं कि संक्रमित युवक के आने के बाद से उसके पिता तीन बार बीनागंज गए। तीनों बार फसल बेचने के सिलसिले में उनका जाना हुआ। इस दौरान वे कई लोगों के संपर्क में आए।
3. गांव की आबादी 2500 : ढाई हजार की आबादी वाले इस गांव के 240 लोग तो संक्रमण के सबसे सीधे खतरे में हैं। दरअसल यह संक्रमित युवक का पूरा कुटुंब है जो एक ही बाड़े में रहता है। लॉकडाउन के चलते आसपास के शहरों में रह रहे सदस्य भी इन दिनों घर पर आ गए हैं।
सुपर स्प्रेडर न बन जाए यह युवक
सुपर स्प्रेडर ऐसे शख्स को कहते हैं जो किसी बीमारी के बड़े पैमाने पर फैलने की वजह बन जाए। कोरोना काल में यह शब्द उसी तरह अस्तित्व में आया है, जैसे कि हॉट स्पॉट। इंदौर से आए संक्रमित युवक के मामले में यह शब्द सटीक बैठ सकता है। उसके आने से लेकर 28 तारीख तक की गतिविधियां बहुत ज्यादा चिंता बढ़ाने वाली हैं। इस दौरान जो चेन बन रही है, उसके सबसे करीबी घेरे में ही ढाई सौ लोग आ रहे हैं। दूसरे दायरे में तो तीन से चार गुना ज्यादा लोग आ रहे हैं। तीसरे दायरे का तो अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।
28 अप्रैल से ही सैंपल लेने की जिद कर रहा था लेकिन मुझसे कहा कि तुम्हारे लिए कानून नहीं बदला जाएगा
जिले के पहले कोरोना पीड़ित से भास्कर ने शुक्रवार को फोन पर बातचीत की। इसमें उसने बीते करीब 20 दिन का ब्यौरा विस्तार से बताया। उसका दावा है कि घर में 6 दिन सेल्फ आइसोलेशन में रहने के बाद वह खुद स्वास्थ्य अमले के पास पहुंचा। 28 तारीख से वह लगातार इस बात पर जोर देता रहा कि उसका सैंपल लिया जाए लेकिन उसे एक ही जवाब मिलता था कि उसमें किसी तरह के लक्षण नहीं है। इसलिए तय प्रोटोकॉल के हिसाब से उसका सैंपल नहीं लिया जा सकता। जिला अस्पताल आने पर भी जब उसने यह मांग की तो जबाव मिला कि तुम्हारे लिए क्या कानून बदल दें। युवक ने बताया कि गुरुवार शाम को जैसे ही रिपोर्ट आई तो उसे एक अलग कमरे में शिफ्ट कर दिया गया। शुक्रवार को दोपहर एक बजे तक उसे कोई देखने नहीं आया।
18 अप्रैल को बुखार आया था तब मेडिकल स्टोर से दवा लेकर काम चला लिया : कोरोना पाॅजिटिव युवक ने बताया कि वह उज्जैन की 32वीं वटालियन में आरक्षक के पद पर है। उसका काम सिपाहियों के लिए खाना बनाना है। एक मौखिक आदेश से मुझे इंदौर भेज दिया गया। जहां होशंगाबाद डीआईजी अरविंद सक्सेना की पत्नी व दो बच्चों के लिए मैं खाना बनाता था। 18 अप्रैल को मुझे तेज बुखार आया था। मैंने मेडिकल स्टोर से दवा ले ली। 19 अप्रैल तक मैंने डीआईजी के परिवार के लिए खाना बनाया। तबियत ज्यादा खराब होने लगी तो मैंने छुट्टी ले ली। अगले दिन बीनागंज के लिए रवाना हो गया। वह देवास के पास एक पेट्रोल पंप पर रुका था।
वैश्विक कोरोना वायरस महामारी से लड़ाई लड़ रहे कोरोना योद्धाओं का शुक्रवार दोपहर 3 बजे तालियां बजाकर और पुष्पवर्षा कर स्वागत किया।यादव समाज ने कोरोना से लड़ाई लड़ रहे डॉक्टरों, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों, पुलिस स्टाफ, राजस्व स्टाफ एवं पत्रकारों का विश्रामगृह में सम्मान कर उनका उत्साहवर्धन किया। इस दौरान सभी योद्धाओं को श्रीफल भेंट किए गए। इसके बाद सभी ने तालियां बजाकर और पुष्प बरसाकर सभी का स्वागत किया।
अतिथियों ने कहा कि कोरोना योद्धाओं द्वारा किए गए दायित्व के निर्वहन से आज हमारा शहर एवं क्षेत्र सुरक्षित है। साथ ही हमारा जिला कोरोना वायरस से मुक्त बना है। संकट की इस घड़ी में डॉक्टर, पुलिस एवं राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारी लगातार अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
इस मौके पर पूर्व विधायक राजकुमार सिंह यादव, पूर्व जिलाध्यक्ष दादा सिरनाम सिंह यादव, हरपाल सिंह यादव, दशरथ सिंह कोहरवास, महादेव यादव सहित समाज के लोग मौजूद थे।
औरंगाबाद में हुए ट्रेन हादसे में मप्र सरकार मृतकों को 5-5 लाख रुपए और घायलों को एक-एक लाख रुपए देगी। सुबह घटना की जानकारी लगने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चाैहान ने विशेष विमान से मंत्री मीना सिंह, अपर मुख्य सचिव आईसीपी केसरी और एडीजी राजेश चावला को औरंगाबाद भेजा, जहां उन्होंने 16 श्रमिकों के शव लाने के संबंध में तमाम औपचारिकताएं कीं। इसके बाद मुख्यमंत्री ने खुद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और रेल मंत्री से बात कर ट्रेन की व्यवस्था करवाई। शुक्रवार देर शाम यह ट्रेन शवाें काे लेकर औरंगाबाद से रवाना हुई, जाे शनिवार सुबह सीधे जबलपुर पहुंचेगी। यहां से शवाें काे उनके गृह स्थान भेजा जाएगा। शेष | पेज 7 पर
औरंगाबाद दुर्घटना में मृत श्रमिकों के नाम
शहडोल के धन सिंह गोंड, रबेंद्र सिंह गोंड, सुरेश सिंह कोल, राजबोहरम पारस सिंह, बृजेश भइयादीन, दयाल सिंह, अशोक सिंह गोंड, धर्मेंद्र सिंह गोंड, निरवेश सिंह गोंड व बुद्धराज सिंह गोंड, उमरिया के अच्छे लाल सिंह, बिगेंद्र सिंह चैन सिंह, मुनीम सिंह शिवरतन सिंह, नेमशाह सिंह व प्रदीप सिंह गोंड और संतोष नापित।
- घायल
हादसे में सज्जन सिंह माखन सिंह धुर्वे जिला, मंडला घायल हुए हैं। इंद्रलाल कमल सिंह धुर्वे, मंडला, वीरेंद्र सिंह चेन सिंह गौर, उमरिया और शिवमानसिंह हिरालाल गौर, शहडोल सुरक्षित रहे।
बस स्टैंड पर स्थित एक चाय नाश्ते की दुकान लॉकडाउन में प्रतिबंध के बाद भी खुली थी। इसकी शिकायत मिलने पर नायब तहसीलदार और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया। दुकान खुली मिलने पर दुकान को सील कर दिया।दरअसल, कोरोना वायरस को लेकर प्रशासन ने चाय, नाश्ते की दुकानों को खोलने पर प्रतिबंध लगाया है। इसके बाद भी कस्बे में बस स्टैंड पर यादव रेस्टोरेंट खुली हुई थी। इसकी सूचना मिलने पर नायब तहसीलदार अमित जैन, एसआई नीतू अहिरaवार, सहित राजस्व और पुलिस विभाग के स्टाफ ने कार्रवाई की। नायब तहसीलदार अमित जैन ने बताया कि सूचना मिलने पर पुलिस और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम ने निरीक्षण किया।इस दौरान उक्त रेस्टोरेंट खुली मिली थी। इस पर मौके पर ही पंचनामा बनाकर दुकान को सील कर दिया गया है।
जिले के मजदूर अन्य प्रदेशों में फंसे हुए हैं, जिनको बस इंतजार है तो अपनी घर वापसी का। फिलहाल ये संभावना भी उनको नजर आती नहीं दिख रही। लॉकडाउन से कामकाज तो बंद है ही साथ ही इनको खाने का इंतजाम भी नहीं हो पा रहा। आर्थिक संकट ऐसा ही कि खुद का इलाज कराने तक के पैसे नहीं बचे हैं। हालांकि रेड क्रांस की ओर से 478 मजदूरों के खाते में 4 लाख 78 हजार रुपए डाले जाने की बात कही गई है लेकिन जिन हाल में ये जी रहे हैं उसमें 1 हजार रुपए में खर्च किसी भी हाल में नहीं चल पाएगा। ऐसे ही दो मजदूर जो राजस्थान और गुजरात में फंसे हैं उनसे जब भास्कर ने बात की तो उन्होंने अपना आपबीती सुनाई।
दवा इतनी जरूरी नहीं बस भगवान मुझे घर पहुंचा दे
हरियाणा के गुडगांव में छ:घरा कॉलोनी अरविंद विश्वकर्मा फंसे हैं जो 3 महीने पहले मजदूरी करने गुडगांव गए थे और एक रेस्टोरेंट पर समोसे बनाने का काम करते थे। अरविंद बताता है लॉकडाउन के बाद सेठ जी ने रेस्टोरेंट पर ही रहने की व्यवस्था की है, खाने का सामान तो मिल रहा है लेकिन रुपए बिल्कुल भी नहीं बचे। मेरे लीवर में सूजन है, इलाज कराने तक रुपए नहीं हैं। जहां रहता हूं वहां से 15 किमी दूर सरकारी अस्पताल है, लेकिन रास्ते में पुलिस लगी है। मुझे दवा की नहीं अपने घर वापस लौटने का इंतजार है। भगवान से बस एक की इच्छा है कैसे भी घर पहुंचा दे। परिवार से फोन पर बात होती है, तो उनको कहता हूं सब ठीक है ताकि उनको टेंशन न हो।
रोटी और चावल खाकर कट रहे दिन, घर वापस आने की अनुमति का इंतजार
छ:घरा कॉलोनी निवासी गोपाल सिंह अपनी पत्नी प्रयागबाई के साथ जयपुर राजस्थान के दादी फाटक पर रहते हैं जो पांच महीने पहले वे अशोकनगेर से बेलदारी करने गए थे। गोपाल बताते हैं कि हमें तो अशोकनगर बुला लो। यहां सुबह 3 रोटी, सब्जी और शाम को सिर्फ चावल खा रहे हैं । 181 पर खाने के लिए शिकायत की तो बोलते हैं जब तुम्हारा नम्बर आएगा तब मिलेगा। एक सप्ताह से अशोकनगर वापस आने के लिए हर दिन अधिकारियों से मिल रहा हूं। थाने जा रहा हूं, बस
एक ही बात बोल रहे हैं अनुमति आएगी तब जा पाओगे।
घर वापस आने में ई पास न मिलना एक बड़ी परेशानी
दहीसर इस्ट बाम्बे में दिनेश सोनी फंसे हुए हैं जो डायमंड फेक्टरी में स्टोर कीपर हैं। पिछले 12 साल से यहां काम कर रहे हैं, जो 3 मार्च को बाम्बे गए थे। वापस आना चाहते हैं लेकिन ई पास ही नहीं मिल पा रहा। कई बार इसके लिए प्रयास कर चुके हैं। साथ ही संबंधित थानों में भी अपनी जानकारी दे चुके हैं। जो फैक्टरी के खाली कमरे में अन्य लोगों के साथ रहने को मजबूर हैं। उनका कहना है कि कही आना जाना ही नहीं हो पा रहा।
कोरोनावायरस से बचाव को लेकर जारी लॉकडाउन में ग्रीन जोन होने की वजह से दुकानें खोलने के निर्देश जारी किए गए। यह छूट कुछ शर्तों के आधार पर दी गई। लॉकडाउन खोलने जो शर्तें रखी गईं उनका पालन लोग नहीं कर रहे हैं। गुरुवार और शुक्रवार को दो दिन में 1 हजार लोगों पर जुर्माना लगाकर करीब 90 हजार की वसूली हो चुकी है। इसके बाद भी लोग समझने तैयार नहीं है कि यह छूट आपकी सुविधा ले लिए हैं मगर कोरोना ने छूट नहीं दी है।
बाजार खुलते ही दाेपहिया वाहनों पर दो से तीन सवारियां प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में घूम रही हैं। इन पर लगाम कसने के लिए 4 मई को सख्ती बरतते हुए जुर्माना की कार्रवाई की गई। लेकिन इसके बाद भी लोग सुधरने को तैयार नहीं है। लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद से अब तक करीब 1.80 लाख रुपए जुर्माना वसूला जा चुका है। लॉकडाउन की स्थिति में यह जुर्माना निश्चित तौर पर लोगों की जेब पर बहुत भारी है लेकिन इसके बाद भी लोग शर्तों का उल्लंघन करने से बाज नहीं आ रहे हैं। यहां तक बाजार में लॉकडाउन छूट के दौरान चार पहिया वाहनों का आवागमन भी अधिक हो रहा है।
लाॅकडाउन में व्यवस्थाएं बदली तो भीड़ में आई कुछ कमी
लॉकडाउन में छूट मिलते ही शुरुआत के दो दिन बाजार में छूट मिल जाना मानो पिकनिक जैसा रहा हो। इसके बाद आदेश में बदलाव कर जब सम और विषम सहित दुकानों के दिन निर्धारित किए तो इसके बाद भीड़ में अंतर दिखाई दिया। शुक्रवार को छूट के पांचवे दिन मंडी खुली रही इसके बाद भी बाजार में पिछले दिनों की अपेक्षा कम भीड़ रही।
चेतावनी: बाजार जा रहे हैं तो समझें खतरा साथ ही है
यह शब्द लिखने के पीछे हमारा मकसद आपको डराना नहीं बल्कि सचेत करना है। क्योंकि हमारे जिले की सीमा जिन जिलों से लगी है उनमें सभी जिलों में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं। शिवपुरी, विदिशा के बाद ग्रीन जोन में शामिल गुना में भी कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति निकल चुका है। ऐसे में अब हमारे यहां संक्रमण का सबसे अधिक खतरा बढ़ गया है। लोगों को इस और खुद को ध्यान देना चाहिए ताकि वह खुद, उनका परिवार व समाज स्वस्थ व सुरक्षित रह सके।
इनसे ही सीख ले लॉकडाउन में नियमों को तोड़ने वाले
गांधी पार्क पर नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों की चाबी लेकर पार्क के पास जमीन पर रख दी जाती है। वहीं दूर से ही नपा कर्मियों की तरफ इशारा कर जुर्माना भरने कहा जाता है। जुर्माना की रसीद दिखाने के बाद संक्रमण न फैले इसलिए चाबी बाइक चालक को खुद उठाना पड़ती है। इस बीच सोशल डिस्टेंसिंग का उदाहरण दे रही पुलिस, प्रशासन के लोगों को देखकर भी लोग समझने तैयार नहीं है।
शाढौरा में डेयरी, सब्जी सुबह 7 से 12, किराना, बेकरी, चक्की सुबह 10 से 4 बजे तक खुलेंगी
एसडीएम सुरेश जाधव ने शाढौरा नगर परिषद के लिए नई व्यवस्था लागू की हैं। शुक्रवार की शाम उन्होंने आदेश जारी करते हुए प्रतिदिन दूध डेयरी, फल, सब्जी दुकानों को सुबह 7 से 12 बजे तक और किराना, बेकरी, आटा चक्की दुकानों को प्रतिदिन सुबह 10 से शाम 4 बजे तक खुलेंगी। जबकि प्रत्येक सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को कृषि उपकरण, खाद, बीज, उवर्रक, ऑटो पार्टस, रिपयेरिंग, टैंट दुकानें भी 10 से 4 बजे तक खुल सकेंगी। इसके अतिरिक्त मंगलवार, गुरुवार को कपड़ा, जनरल स्टोर, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, हार्डवेयर, सीमेंट दुकानें और शनिवार को फर्नीचर, ज्वेलर्स, घड़ी, स्टेशनरी सहित लॉकडाउन से छूट प्राप्त वे सभी दुकानें जिनका उल्लेख ऊपर नहीं हुआ है वे 10 से 4 बजे तक ही खुल सकेंगी। यह आदेश शाढौरा नगर परिषद में आमोदा और बामोरी ताल रोड क्षेत्र को छोड़कर सभी दुकानों पर लागू होगा।
मॉडल रेलवे स्टेशन पर चले जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण के काम में रेलवे स्टेशन परिसर में 100 फीट ऊंचा तिरंगा लगाया था। स्टेशन सहित शहर की सुंदरता इस तिरंगा के लगने से बढ़ गई थी। लेकिन यह तिरंगा कुछ ही दिन स्टेशन पर लहराया पाया क्योंकि मार्च माह में तेज आंधी के दौरान तिरंगा में लगे कपड़े का ऊपरी हिस्सा फट गया था। इसके बाद तिरंगे को तत्काल प्रभाव से सम्मान पूर्वक निकाल लिया गया था। ध्वज के उतरने के बाद स्टेशन परिसर में एक कमी दिखाई देने लगी थी। इस बीच लॉकडाउन की वजह से नया तिरंगा आ नहीं पाया। लेकिन शुक्रवार को एक बार फिर स्टेशन पर तिरंगा लहरा गया। बाहर से बनकर आए तिरंगे को पूरे सम्मान के साथ करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद लहराया जा सका।
मंडी में खुली नीलामी व्यवस्था सोशल डिस्टेंसिंग बनाने के लिए इस बार लागू नहीं की। सौदा पत्रक व्यवस्था के माध्यम से पिछले कुछ हफ्तों से किसानों की फसल व्यापारियों द्वारा खरीदी जा रही है। तीन बार नियमों में बदलाव भी किए, लेकिन उमड़ रही किसानों की भीड़ से यह व्यवस्था भी धराशायी हो रही है। शुक्रवार को जब मंडी खुली तो 1 हजार से अधिक ट्रॉलियां लेकर किसान पहुंच गए। गेट पास लेने के बाद ट्रॉलियों से नई मंडी में सोशल डिस्टेंसिंग बिगड़ गया। वहीं सौदा पत्रक व्यवस्था भी खुली नीलामी की तरह हुई। ट्रॉलियों पर एक साथ पहुंचकर व्यापारी भाव तय करते हैं। ऐसे में बोली भी लग रही है। अंतर सिर्फ इतना है कि खरीदी होने के बाद सौदा पत्रक पर जानकारी भरकर किसानों को दी जा रही है।
कोरोना वायरस से बचाव के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना जरूरी है। इसके लिए आयुष विभाग घर-घर पहुंचकर दवा उपलब्ध करा रहा है। विभाग की ओर से घरों पर पहुंचकर होम्योपैथिक गोली दी जा रही है साथ ही काडा भी बांटा जा रहा है। 1 लाख 33 हजार 902 व्यक्तियों को नि:शुल्क औषधियों को बांटा जा चुका है।
आयुष विभाग की एमएएसडब्लू कुमारी भारती परिहार ने बताया कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए जरूरी है लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जाए, जिसके लिए मुख्यमंत्री जीवन अमृत योजना के तहत आयुर्वेदिक त्रिकटु चूर्ण काडा और होम्योपैथिक अर्सेनिक एल्बम 30 औषधियाें को बांटा जा रहा है। हर दिन वार्डो में पहुंचकर यह दवा बांटी जा रही है। अब तक 1 लाख 33 हजार 902 लोगों को दवा बांटी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि जिला आयुष अधिकारी डॉ.विनोद कुमार की निगरानी में यह कार्य चल रहा है। हर दिन की रिपोर्ट उनको दी जाती है। इस दौरान लोगों को सोशल डिस्टेंस और मास्क लगाने की सलाह भी दी जा रही है। इस अवसर पर डॉ.वीरेन्द्र सिंह, एमएएसडब्लू कुमारी भारती परिहार, ब्रजेश कोरी, अनीता राठौर, गब्बर घरों पर पहुंचकर दवा बांट रहे हैं।
पांच दिनों से लगातार गर्मी से राहत मिलने के बाद शुक्रवार का दिन जमकर तपा। आसमान में बार-बार बादल छाए रहने के बाद भी तेज धूप और गर्म हवा की वजह से अब तक सीजन का सबसे गर्म दिन शुक्रवार ही रहा। अधिकतम तापमान 42.4 डिग्री दर्ज किया गया जो अब तक का सर्वाधिक तापमान रहा। वहीं दोपहर एक बजे से शाम पांच बजे तक 40 डिग्री से ऊपर पारा रहा।
पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता और अरब सागर के साथ बंगाल की खाड़ी से आने वाली नमी से भले ही मई के पहले हफ्ते में गर्मी से राहत मिली लेकिन शुक्रवार को एक बार फिर सूर्य ने अपने तेवर दिखा दिए। दोपहर को 3 बजे पारा पूरे शबाव पर रहा। अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री अधिक रहा, जबकि न्यूनतम पारा 24.6 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्य की तुलना में 1 डिग्री कम रहा।
आगे क्या
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक रविवार की दोपहर तक मौसम साफ रहने की उम्मीद है। 10 मई के बाद फिर बूंदाबांदी और आंधी का दौर आने की संभावना है। इससे तापमान में फिर गिरावट दर्ज होगी। फिलहाल शनिवार को शुक्रवार की तरह की गर्मी रहने की संभावना है।
कोरोना वायरस के चलते छोटे कारोबारियों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। जिससे उनके सामने आर्थिक संकट भी खड़ा होने लगा है। लाइट डेकोरेशन, डीजे साउंड का कामकाज भी पूरी तरह बंद है। जिसे लेकर लाइट डेकोरेशन डीजे साउंड सिस्टम यूनियन संघ ने आर्थिक मदद किए जाने की मांग की है। इसके लिए कलेक्टोरेट पहुंचकर ज्ञापन दिया है। लाइट डेकोरेशन, डीजे साउंड सिस्टम यूनियन संघ अध्यक्ष पहलवान कुशवाह ने बताया कि लॉकडाउन के चलते रोजगार बंद हो गए और सबकी आर्थिक व्यवस्था बिगड़ गई है। कई लोगों ने रोजगार करने के लिए गोदाम ले रखी थी लेकिन अब किराया भी नहीं दे पा रहे। शादी की जो भी बुकिंग थी वे वापस हो गईं। इस दौरान उन्होंने आर्थिक मदद कराए जाने की मांग की। इस अवसर पर रहीम, रफीक, विक्की राठौर, अशोक कोरी, चंदन साहू, शिवप्रताप यादव, बबलेश, दीकप, विनोद, राहुल जैन, राजकुमार कुशवाह आनंद साहू आदि मौजूद रहे।
लॉकडाउन में मिली छूट के दौरान चाय और नास्ता दुकानों को खोलने की परमिशन नहीं दी गई है। ऐसे में कई समोसे पकोड़ी बनाने वाले विक्रेता घर पर सामान बनाने के बाद थैला लेकर वार्डो वार्डो में सप्लाई कर रहे हैं। इस मामले की जानकारी जब एसडीएम सुरेश जादव को लगी।
उन्होंने शुक्रवार को शहर का निरीक्षण किया और वार्डो की व्यवस्था देखने भी पहुंचे। इस बीच उन्हें एक थैले में समोसे रखकर बेचता दुकानदार मिला, जिसे उन्होंने ग्राहक बनकर बुलाया और उसे जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा वायरस से बचाव के लिए चाय नास्ता दुकान को बंद रखा गया है, इस तरह यह सामान बनाकर बेच रहे हो कितने लोगों के संपर्क में आ रहे हो। इससे ओर लोगों को भी खतरा बढ़ेगा। इसके बाद वे उसे गाड़ी में बैठाकर गांधी पार्क ले गए और दंड स्वरूप उसका 300 रुपए की रसीद बनवाई। साथ ही उसे समझाइश दी कि अब इस तरह खाद्य सामग्री नहीं बेचेगा।
शहर में चारों तरफ अतिक्रमण फैला हुआ है। अतिक्रमण के कारण शहर के बीच से गुजरे गुना-अशोकनगर स्टेट हाइवे पर दिन में कई बार जाम की स्थिति बनती है। इसके बाद भी प्रशासन वर्षों पुराने अतिक्रमण को नहीं हटा पाया। इससे लोगों को परेशानी होती है। इसी तरह शहर के अमोदा रोड पर एक व्यक्ति ने 20 गुणा 20 फीट क्षेत्र गुमटी रखकर अतिक्रमण कर लिया था।
प्रशासन को इसकी जानकारी मिलने पर टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की। प्रशासनिक अधिकारियों की हिदायत और कार्रवाई के डर से अतिक्रमणकारी ने खुद ही अतिक्रमण को हटा लिया। गुना-अशोकनगर स्टेट हाइवे से तहसील कार्यालय की ओर जाने वाले अमोदा रोड किनारे शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कारी ने 20 बाई 20 क्षेत्र में लोहे की गुमटी रखकर अतिक्रमण कर लिया था। अतिक्रमण कारी ने अवैध दुकान में सीमेंट के बैग भी रख लिए थे। प्रशासन को इसकी जानकारी मिलने पर अतिक्रमण कारी का यह प्रयास सफल नहीं हो सका।
लोगों की शिकायत पर की कार्रवा: दरअसल, गुरुवार को अमोदा रोड किनारे अतिक्रमण कारी द्वारा अवैध दुकान बनाई जा रही थी।द् इसकी शिकायत लोगों ने प्रशासन को की। शिकायत पर तहसीलदार कमल सिंह मंडेलिया, नायब तहसीलदार आलोक श्रीवास्तव पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे, अवैध दुकान निर्माण कार्य को रुकवाया और दुकानदार को शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक अतिक्रमण हटाने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि यदि दोपहर तक अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाकर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। कार्रवाई के डर से अतिक्रमण कारी ने स्वयं ही अतिक्रमण हटा लिया।
कठोर कार्रवाई से लोगों को मिलेगी अतिक्रमण से मुक्ति: प्रशासन की कार्रवाई की लोगों द्वारा सराहना की जा रही है। लोगों ने बताया कि इस तरह की कठोर कार्रवाई शहर में होना चाहिए इससे लोगों को अतिक्रमण की समस्या से निजात मिल सकेगी। पहले भी लोगों ने शहर में हुए अतिक्रमण की शिकायत की थी। इस पर नगर परिषद ने अतिक्रमण कारियों को नोटिस भी दिए। लेकिन अतिक्रमण हटाने के लिए कठोर कार्रवाई नही हुई।
अतिक्रमण के कारण रुका नाली और सड़क का निर्माण कार्य
शहर में कई जगह हुए अवैध अतिक्रमण के कारण कई जगह नाली और सड़क निर्माण के कार्य पूरे नहीं हो सके। इससे स्थानीय रहवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने प्रशासन से शहर में हुए इन अतिक्रमणों को हटाने की मांग की है। इससे उनके मोहल्लों में नाली और सड़क का रुका हुआ काम फिर शुरू हो सके।
कोरोना काल में पिछले डेढ़ माह से अपने घर परिवार को छोड़कर एवं स्वयं की जिंदगी दांव पर लगाकर दूसरों को काेराेना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए गुना पुलिस के द्वारा जिले में सजग एवं तत्पर रहकर जो जनसेवा का कार्य किया जा रहा है, उसके परिणाम स्वरूप हम सुरक्षित है। और आगे भी इसे कोराेना के संक्रमण से बचाया जा सके, इसके लिए गुना पुलिस पूर्णतः तत्पर है।
गुना पुलिस के द्वारा की जा रही इस सेवा के लिए जिला वासियों द्वारा दिन-प्रतिदन तरह-तरह से पुलिस का सम्मान भी किया जा रहा है। इसी कड़ी में जिले के बजरंगगढ़ थाना प्रभारी एसआई राकेश शर्मा के नेतृत्व में कार्य कर रहे उनके थाना स्टाफ एवं कोरोना फाइटर्स के रूप में कार्य कर रहे हमारे ग्राम रक्षा समिति के सदस्यों द्वारा लॉक डाउन में दिन-रात की जा रही सेवा के लिए गत दिवस कस्बा बजरंगगढ़ के संभ्रांत लोगों के द्वारा कस्बे की गली-गली में पुष्पवर्षा कर एवं पुष्पहारों से पुलिस को सम्मानित किया गया।
आसुरी शक्ति का अंत करने में देवर्षि नारद की भूमिका हमेशा अग्रणी रही है। यह बात नारद जयंती पर चिंतन हाउस सर्राफा बाजार में आयोजित चिंतन वार्ता गोष्ठी में देवर्षि के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विचार व्यक्त करते हुए हिउस प्रमुख कैलाश मंथन ने कही।
उन्हाेंने कहा कि श्रीमद् भागवत गीता में भगवान कृष्ण ने दसवें अध्याय के 26 वें श्लोक में अपनी विभूति बतलाते हुए कहा कि ‘’देवर्षीणां च नारद देवर्षियों में नारद हूं। दरअसल देवर्षि नारद पौराणिक काल में पत्रकारिता के आदि देव एवं पुरोधा पुरुष कहे जा सकते हैं। भारतीय पौराणिक इतिहास में देवर्षि नारद ही एकमात्र ऐसे व्यक्तित्व हैं जो युग परिवर्तनकारी हैं। जब भी असुरों, दानवों एवं राक्षसों का अत्याचार और आतंक बढ़ा है, सृष्टि एवं मानवता की रक्षा के लिए देवर्षि नारद उद्यमशील रहे।
श्री मंथन ने कहा कि देवर्षि का एक ही व्रत है, जीव मात्र का कल्याण। वे पत्रकारिता के आदि देव भी कहे जा सकते हैं। पुराणों में नारद के जन्म के संबंध में कई कथाएं उपलब्ध होती है। प्रहलाद जब माता के गर्भ में थे, तभी गर्भस्थ बालक को लक्ष्य करके देवर्षि ने हिरण्यकश्यप की पत्नी कयाधु को भगवन्नाम-यश-कीर्तन का उपदेश किया था।
नारदजी के मार्गदर्शन में ही की गई थी दो ग्रंथों की रचना
रामायण एवं श्रीमद् भागवत जैसे महान ग्रंथों की रचना महर्षि वाल्मिकि एवं वेद व्यासजी ने देवर्षि नारदजी के मार्गदर्शन में ही की। नारदजी ने अनेक महान ग्रंथों की रचना की है जिसमें नारद स्मृति, नारद पुराण, नारद भक्ति सूत्र, नारद पांचरात्र आदि मुख्य हैं। वे भागवत धर्म के प्रधान आचार्यों में हैं। ब्रह्माजी के मानस पुत्र देवर्षि नारदजी का देवता, दैत्य सभी सम्मान करते हैं। देवर्षि नारद संगीत विद्या, ज्योतिष, आयुर्वेद, नीति, पत्रकारिता आदि के भी मुख्य आचार्य हैं।
गणेशपुरा निवासी पॉजिटिव आए 55 वर्षीय व्यक्ति की काॅंटेक्ट हिस्ट्री के आधार पर चिकित्सा विभाग द्वारा शुक्रवार को एक ही परिवार के 15 जनों को अस्पताल के क्वारेंटाइन वार्ड में भर्ती किया गया है।
जवाजा ब्लॉक से मिली जानकारी के अनुसार गणेशपुरा निवासी व्यक्ति सेदरिया अपनी एक रिश्तेदार से मिला था। जो बाद में कोरोना पॉजिटिव आई।
उक्त व्यक्ति की जांच में वह भी संक्रमित पाोया गया। संपर्क हिस्ट्री में सामने आया कि उक्त व्यक्ति की 60 वर्षीय बहन कुछ दिनों पूर्व मिलने आई थी और उनके साथ रुक कर वापस अपने गांव चली गई। शुक्रवार को 60 वर्षीय महिला समेत उनके परिवार के 15 जनों को क्वारेंटाइन वार्ड में भर्ती कर लिया गया।
ग्राम बम्होरी दुर्जन में जेपी पॉवर प्लांट का बन रहे धर्मकांटा पर चल रहे विवाद को लेकर शुक्रवार को ग्रामीण महिलाओं के साथ पुलिस द्वारा बेरहमी से मारपीट करने का मामला सामने आया है। मारपीट के मामले में शिकायत करने घायल महिलाओं सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण सिटी थाना पहुंचे और विधायक महेश राय के साथ एसडीओपी डीआरएस चौहान से शिकायत कर संबंधितों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है। वहीं महिलाओं की सिविल अस्पताल में जांच कराई गई है ।
गांव की नीतू आदिवासी,संगीता आदिवासी, सरोज आदिवासी ने बताया कि गांव के पास जेपी पॉवर प्लांट के द्वारा रेलवे लाइन पर धर्मकांटा लगाया जा रहा है। जिस पर एक एक बोगी का वजन किया जाएगा। यह धर्मकांटा बीच गांव में लगाया जा रहा है। जबकि रेलवे लाइन के दोनों तरफ बस्ती है। बोगियों का वजन होने के कारण ट्रेन धीमी चलेगी और बच्चें स्कूल नही जा पाएंगे। इसलिए गांव के लोग बनने वाले धर्मकांटा का विरोध कर धर्मकांटा का स्थान परिवर्तन की मांग कर रहे थे।
लेकिन शुक्रवार सुबह गांव में जेपी पॉवर प्लांट के जीएम आरके शर्मा एवं सिविल इंजीनियर साहिल खान कंजिया, भानगढ़ एवं सिरचौपी की पुलिस बल के साथ करीब सुबह 10 बजे वहां पहुंचे और पहले घरों से पुरुषों को भगा कर इन दोनों के इशारे पर पुलिस ने महिला एवं बच्चों के साथ डंडों से मारपीट कर दी । जिससे हाथ,पैर सहित शरीर के अन्य स्थानों पर चोट आई है। साथ ही इन दोनों के द्वारा महिलाओं से जातिगत गालियां देकर उन्हें अपमानित किया गया।बाद में जब वहां से शिकायत करने शहर आ रहे थे तो इन लोगों के द्वारा रास्ते में रोका जा रहा था।
विधायक पहुंचे गांव
घटना की सूचना लगते ही विधायक महेश राय कार्यकर्ताओं के साथ गांव पहुंचे और ग्रामीणों की आपबीती सुन उन्हें शहर आने को कहा। तब ग्रामीण बड़ी संख्या में तपती धूप में ट्रेक्टर ट्राली से थाने पहुंचे और विधायक के साथ एसडीओपी से शिकायत की। रोते हुए महिलाओं ने एसडीओपी से न्याय की गुहार लगाई। इस मामले में एसडीओपी चौहान ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। पीडि़तों के ब्यान लिए जा रहे है।वहीं विधायक राय ने कहा कि हम महिलाओं की सम्मान की बात करते है।लेकिन हम उनका सम्मान नही कर पा रहे है। उन्होंने मारपीट करने वालों के खिलाफ गैर जमानती धाराओं के तहत मामला दर्ज करने की बात कही है।
^इस मामले में जेपी पॉवर प्लांट के ज्वाइंट प्रसीडेंट एके शर्मा ने बताया कि गांव में हमारी जमीन पर से निकले रेलवे ट्रैक पर इलेक्ट्रिक धर्मकांटा लगाया जा रहा है। जहां धर्मकांटा लगाया जा रहा है वहां पर नियमानुसार रेलवे ट्रैक सीधा है। अब ग्रामीण उसका स्थान परिवर्तन कराना चाहते है जो संभव नही है । ग्रामीण शुक्रवार को काम रोकने के लिए आए थे। तभी महिला आरक्षकों के द्वारा धक्का मुक्की की गई है।मारपीट जैसी बात गलत है।
थानांतर्गत दो अलग अलग मामलों में मारपीट व जान से मारने धमकी के मामले सामने आए है। पुलिस ने शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है ।
पुलिस ने बताया कि फरियादी चन्द्रा स्वामी पिता श्याम मनोहर अहिरवार उम्र 32 वर्ष निवासी ग्राम नौगांव ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। आरोपी संजू पिता कमल अहिरवार व श्रेता अहिरवार दोनों निवासी नौगांव ने नल पर पानी भरने को लेकर मारपीट कर जान से मारने की धमकी दी । वहीं दूसरे मामले में फरियादी बहादुर पिता गणेश राम ठाकुर उम्र 46 वर्ष निवासी मनोरमा वार्ड ने रिपोर्ट दर्ज कराई है।
आरोपी रामबाबू पिता सुन्ने पटेल व रूप नारायण पिता राम सिंह पटेल दोनों निवासी मढ़िया वार्ड ने बजरा घाट मंदिर के समीप खेत पर समय मारपीट कर चोटें पहुंचाई व जान से मारने की धमकी दी है। पुलिस ने दोनों मामलों में आरोपियों के खिलाफ धारा 294,323,506,34 के तहत मामला दर्ज किया है।
सिविल अस्पताल में पूर्व विधायक एवं रेड क्राॅस बीना की अध्यक्ष डाॅक्टर विनोद पंथी ने शुक्रवार को सिविल अस्पताल के डाॅक्टर्स,अस्पताल स्टाफ व मरीजों को कोरोना महामारी से बचाव के लिए 10 पीपीई किट, 200 फेस मास्क, साबुन, हेंडवाश सहित सुरक्षा उपकरण सामग्री वितरित की गई। इन पीपीई किट को सागर जिला के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅक्टर एमएस सागर, बीएमओ डाॅक्टर संजीव अग्रवाल एवं चिकित्सा अधिकारी डाॅक्टर वीरेन्द्र सिंह ठाकुर को दी गई । डाॅक्टर पंथी ने सभी डाॅक्टर्स एवं शहर के नागरिकों को आश्वासन दिया कि हर मुश्किल घड़ी में रेड क्राॅस सरकारी अस्पताल व क्षेत्र के मरीजों की सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर रहेगी। साथ ही हाल ही में बीना के गांधी वार्ड में मिलने वाले कोरोना पाॅजिटिव मरीज के कारण उत्पन्न आपातकालीन परिस्थिति के मद्देनजर उन्होनें समस्त डाॅक्टर्स,अस्पताल स्टाफ व आम नागरिकों को कोरोना से सुरक्षा बरतने, मास्क पहनने, शोसल डिस्टेंसिंग का उचित पालन करने की सलाह दी ताकि शहर एवं समस्त सागर जिला कोरोना मुक्त बनाया जा सके।
रिफाइनरी से काम कर घर वापस लौट रहे थाइसन कंपनी के कर्मचारी की शुक्रवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई। कर्मचारी की मौत के बाद आगासौद पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं मृतक का पीएम सिविल अस्पताल में कराने के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया है।
पुलिस ने बताया कि रिफ़ाइनरी में थाइसन कंपनी के कर्मचारी दिनेश पिता सुंदर लाल पटेल उम्र 45 वर्ष निवासी खुरई, हाल निवासी नानक वार्ड नाइट ड्यूटी कर सुबह 6 बजे घर जा रहे थे । वह काम बंद कर प्लांट के अंदर बस का इंतजार कर रहे थे,तभी उसे अटैक आ गया और उसे दर्द होने लगा। कर्मचारी को इलाज के लिए रिफाइनरी अस्पताल ले जाया गया। जहां मौजूद डॉक्टर ने कर्मचारी को मृत घोषित कर दिया।बाद में मृतक की सूचना आगासौद पुलिस को दी गई और मृतक का शव पीएम के लिए सिविल अस्पताल भेजा गया। जहां मृतक का पीएम करने के बाद शव परिजनों को सौंपा गया ।
कोरोना महामारी से छाई आर्थिक मंदी से आए दिन देश भर के कर्मचारी प्रभावित हो रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकारों ने अपने कर्मचारियों के जनरल प्रोविेडेंट फंड (जीपीएफ) में जमा राशि पर ब्याज दर 7.9 से घटाकर 7.1 प्रतिशत कर दी है। इसे हाल ही में राज्य सरकार ने भी लागू कर दिया है। इससे प्रत्येक कर्मचारी को हर महीने 5 हजार और अधिकारियों को 10 हजार रुपए तक का नुकसान हो रहा है।
दरअसल कर्मचारी अपने सेवाकाल में जीपीएफ में राशि जमा करवाते हैं जो कटौत्रा वेतन का 50 फीसदी तक हो सकता है। इस तरह कर्मचारियों के जीपीएफ खाते में 50 लाख से 1 करोड़ रुपए तक जमा हो जाते हैं। यह राशि उन्हें रिटायरमेंट पर ब्याज समेत मिलती है। शेष | पेज 4 पर
जीपीएफ की जमा राशि में एक यह भी प्रावधान रहता है कि कर्मचारी सेवाकाल में जरूरत के हिसाब से कुल जमा राशि का 90 फीसदी हिस्सा तक निकाल सकता है। वहीं, बचत के हिसाब से अधिकांश कर्मचारी जीपीएफ में जमा राशि में से कम अंश ही निकालते हैं।
कर्मचारी भविष्य निधि में होने वाले कटौतरे में पांच से छह साल पहले तक 12 प्रतिशत तक ब्याज दर रही है जो बैंकों में जमा राशि पर मिलने वाले ब्याज से ज्यादा होती थी। इसे बाद में घटाकर 9.5 और 8.5 प्रतिशत तक कर दिया गया। हाल ही में इसे 7.9 से घटाकर 7.1 प्रतिशत तक किया गया।
ब्याज देने की व्यवस्था अब त्रैमासिक
चार से पांच साल पहले तक जीपीएफ में जमा राशि पर देय ब्याज की दर वार्षिक होती थी, जिसमें परिवर्तन कर इसे त्रैमासिक कर दिया गया और बाजार से जोड़ दिया गया। इससे जैसे-जैसे बैंक में ब्याज दरें घटती-बढ़ती हैं उसी हिसाब से ब्याज की दरें तय होती है।
ग्रीन जोन में शामिल 24 में से 9 जिलों में भी कोरोना संक्रमित व्यक्ति निकल आए हैं। ये वो लोग हैं जो हाल ही में कुछ दिनों में दूसरे राज्यों से आए हैं। शुक्रवार को राज्य सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट में सीहोर और गुना में भी एक-एक पॉजिटिव मिले हैं। भारत सरकार की 30 अप्रैल को जारी रिपोर्ट में रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन को लेकर वर्गीकरण था। इसमें साफ था कि जिस जिले में अभी तक कोई संक्रमित नहीं मिला या पिछले 21 दिन में कोई केस सामने नहीं आया, ऐसे जिलों को ग्रीन जोन में रखा गया है।
मप्र के 24 जिले इस जोन में थे, लेकिन इसके बाद ग्रीन जोन के 9 जिलों में पॉजिटिव केस मिले हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 3 मई को सभी को सावधान करते हुए अपील की थी कि एहतियात बरतें ताकि कोई भी जिला ग्रीन से ऑरेंज और ऑरेंज से रेड जोन में न पहुंचे। इसी के बाद ग्रीन जोन में लॉकडाउन से ढील दी गई। अब स्थितियां बदल रही हैं। ग्रीन जोन के जिन जिलों में केस निकले हैं, उनमें सीहोर, सतना, पन्ना, नीमच, झाबुआ, गुना, अनूपपुर, अशोक नगर और रीवा शामिल हैं। नीमच में 5 केस, अनूपपुर में तीन और रीवा में दो केस निकले हैं। बाकी जिलों में एक-एक केस हैं।
ग्राहकों की भीड़ लगने व व्यापारियों द्वारा मास्क, सैनिटाइजर ़का उपयोग नहीं करने पर शुक्रवार को नगर निगम के अतिक्रमण दस्ते ने भोपाल टॉकीज से लेकर फतेहगढ़ तक लगीं फलों की दुकानों और ठेलों को हटाया। 20 से ज्यादा ठेले जब्त भी किए। कोरोना लॉकडाउन के बीच हुई अब तक की यह सबसे बड़ी कार्रवाई विवादों में आ गई। व्यापारियों ने आरोप लगाया कि अमले ने उनके फल सड़क पर फेंक दिए। निगम का तर्क है कि कैरेट और ठेले जब्त करने के लिए खाली किए गए। निगम के उत्तर विधानसभा के अतिक्रमण प्रभारी नासिर खान ने बताया कि कार्रवाई दोपहर में 3 बजे शुरू हुई। दुकानदार न तो मास्क लगाए थे और न ग्लव्स पहने थे। निगम के पास भी नहीं थे। व्यापारियों का कहना था कि निगम जबरन परेशान कर रहा है। सरकार शराब की दुकानें खुलवा रही है और निगम फल की दुकानें बंद करवा रहा है।
नेताओं के नाम लेकर धमकाया
व्यापारियों ने खान को विधायक आरिफ अकील व नेताओं के नाम लेकर हटवाने की धमकी दी। कुछ व्यापारियों ने शाहजहांनाबाद थाने में शिकायत की। इसके बाद अमला फतेहगढ़ पहुंचा। अांबेडकर वाचनालय के सामने स्थित निगम दफ्तर के कॉरिडोर में लगी दुकानों व ठेलों को जब्त कर लिया।
निशातपुरा इलाके में एक महिला ने अपनी ढाई साल की बच्ची के सामने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। पुलिस के मुताबिक ग्राम पलासी निवासी जुगल ट्रक चालक है। वह अपनी पत्नी 25 वर्षीय संगीता और ढाई साल की बेटी के साथ रहता है। जुगल लॉकडाउन के कारण अभी घर पर ही रह रहा है। गुरुवार सुबह जुगल बस्ती में बने मंदिर पर चला गया था। दोपहर 1 बजे वह लौटा तो घर का दरवाजा बंद था। अंदर से उसकी बेटी के रोने की आवाज आ रही थी। काफी आवाज देने के बाद भी जब संगीता ने दरवाजा नहीं खोला तो किसी तरह जुगल ने कुंदी हटा कर दरवाजा खोल लिया।
वह कमरे में अंदर पहुंचा तो संगीता फंदे पर लटकी हुई थी। मौके पर पहुंची पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस का कहना है कि परिजनों के बयान के बाद ही खुदकुशी के कारणों का पता चल सकेगा। संगीता मूलत: सूखी सेवनिया की रहने वाली थी। उसके तीन बच्चे हैं। दो बच्चे अपने नाना-नानी के पास सूखी सेवनिया में रहते हैं।
कर्ज में डूबे फैक्टरी संचालक ने फांसी लगाकर दे दी जान
बैरसिया इलाके में फैक्टरी संचालक ने फांसी लगाकर जान दे दी। वे तीन दिन से फैक्टरी में बने गेस्ट हाउस में रुके थे। पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि उन पर कर्जा अधिक हो गया था। संभवत: उसी से परेशान होकर उन्होंने यह कदम उठाया है।
बैरसिया थाना प्रभारी अजय मिश्रा के मुताबिक बैरागढ़ निवासी 35 वर्षीय अमित वरनदानी की बैरसिया में बायो फ्यूल की फैक्टरी है। फैक्टरी कैंपस में ही कर्मचारियों के मकान एवं गेस्ट हाउस बना हुआ है। अमित मंगलवार को फैक्टरी आए थे। तब से ही वे गेस्ट हाउस में ठहरे थे। गुरुवार को कर्मचारियों से बातचीत करने के बाद वे सोने चले गए थे। सुबह जब वे बाहर नहीं निकले तो कर्मचारियों ने दरवाजा खटखटाया। अंदर से कोई उत्तर नहीं मिलने पर कर्मचारियों ने खिड़की का कांच तोड़कर देखा तो कमरे के अंदर अमित फंदे पर लटके हुए थे।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने औरंगाबाद में मालगाड़ी की चपेट में आने से 16 मजदूरों की मौत की घटना पर दुख प्रकट करते हुए उनके परिवारों को 50-50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग की है। राज्य सरकार ने मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख रुपए की सहायता दिए जाने की घोषणा की है जिसे बढ़ाकर 50 लाख रुपए किए जाने की मांग की गई है। नाथ ने कहा कोरोना महामारी के कारण हुए देशव्यापी लॉकडाउन से प्रदेश के हजारों मजदूर विभिन्न राज्यों में फंसे हैं, उनकी सुरक्षित वापसी के इंतजाम किए जाएं।
संबल योजना महज रस्म अदायगी
वहीं, दूसरी ओर कमलनाथ ने कहा है कि कोरोना महामारी के दौर में जब श्रमिकों को काम की जरूरत है, तब संबल योजना महज रस्म अदायगी बनकर रह गई है। इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि डेढ़ महीने में इस योजना से महज 1903 लोगों को ही लाभांवित किया गया है। साथ ही तत्कालीन कमलनाथ सरकार द्वारा संबल योजना के बंद किए जाने के बाद नया सवेरा योजना शुरू करने पर भी सियासत तेज हो गई है।
फर्जी पॉवर ऑफ अटॉर्नी से 1500 करोड़ की 94 एकड़ जमीन हथियाने के मामले में जेल में बंद आरोपियों शफीक मोहम्मद, रफीक और रंजीत को जांच एजेंसी की लापरवाही के चलते शुक्रवार को जमानत मिल गई। इस मामले में जांच एजेंसी 90 दिनों में भी चालान पेश नहीं कर सकी और इसका फायदा आरोपियों को मिला। शुक्रवार को मजिस्ट्रेट लालता प्रसाद ने आरोपियों की ओर से पेश जमानत आवेदन स्वीकार करते हुए उन्हें जेल से रिहा किए जाने के आदेश दिए।
तिलक हाउसिंग सोसायटी के पदाधिकारी हैं आरोपी
इसी साल 8 फरवरी को कोहेफिजा पुलिस ने तिलक हाउसिंग सोसायटी के नाम पर 1500 करोड़ की जमीन के खेल का खुलासा कर अध्यक्ष रिटायर्ड कर्नल भूपेंद्र सिंह, होटल सूरज के संचालक शफीक मोहम्मद सहित पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने 14 पदाधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया था। सभी पर एयरपोर्ट रोड की 93.5 एकड़ जमीन फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए हथियाने और इस पर इंद्रविहार कॉलोनी बनाकर 1700 से ज्यादा लोगों को प्लॉट बेचने का आरोप है। जमीन की कीमत करीब 1500 करोड़ रुपए आंकी गई थी।
15.96 की जगह लिखवा ली थी 93.5 एकड़ जमीन
शफीक मोहम्मद ने मुख्तारनामा के सीरियल नंबर पर एक और मुख्तारनामा बनवाया और कूटरचना करते हुए 15.96 एकड़ जमीन की जगह 93.5 एकड़ लिखवा लिया।
विजय कोटिया, एडीपीओ के मुताबिक, सरकार के आदेश के बाद 11 मार्च को यह मामला ईओडब्ल्यू के पास चला गया था। मामले में जांच चल रही है। कोविड 19 के चलते कार्यालय बंद है, दस्तावेज जब्त नहीं किये जा सके और गवाहों के बयान भी दर्ज नहीं हो पाए थे।
30% अधिकारी- कर्मचारी 30 अप्रैल से मंत्रालय, सतपुड़ा, विंध्याचल भवन सहित कुछ अन्य कार्यालयाें में पहुंच रहे हैं। लाॅकडाउन में दी गई मामूली ढील के बाद कुछ दुकानें भी खुल रही हैं। ऐसे में सड़काें पर वाहन भी ज्यादा दिखाई दे रहे हैं। नतीजा ये कि वल्लभ भवन और बाेर्ड ऑफिस पर वायु प्रदूषण एक माह के मुकाबले 3 से 6 गुना तक बढ़ गया है। 4 अप्रैल की तुलना में इन स्थानाें पर पीएम 2.5 यानी छाेटे कण 3 गुना और पीएम-10 यानी बड़े कणाें की मात्रा 6 गुना बढ़ गई। नाइट्राेजन ऑक्साइड भी तीन गुना बढ़ी। पर्यावरणविद सुभाष सी पांडे ने शुक्रवार शाम डिजिटल डिवाइस के जरिए रैंडम सैंपल एनालिसिस किया। इसके पहले 4 अप्रैल काे ऐसा एनालिसिस किया था।
एक हफ्ते बाद फिर पारा 42 डिग्री पार 6 घंटे में ही 14.2 डिग्री का इजाफा
इधर, मई का दूसरा सप्ताह शुरू होते ही शहर में तपिश भी बढ़ गई है। शुक्रवार को एक हफ्ते बाद और सीजन में दूसरी बार पारा 42 डिग्री पार पहुंचा। तपिश इतनी थी कि दोपहर हाेने से पहले ही 6 घंटे में तापमान में 14.2 डिग्री का इजाफा हो गया था। शुक्रवार को दिन का तापमान 42.3 डिग्री दर्ज किया गया। यह सामान्य से 2 डिग्री ज्यादा रहा।
गांधी मेडिकल कॉलेज के एक एसोसिएट प्रोफेसर समेत 13 जूनियर डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं। एसोसिएट प्रोफेसर को कोरोना का संक्रमण दिल्ली से लौटी जूनियर डॉक्टर के जरिए हुआ था। जबकि कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट की दो जूनियर डॉक्टर्स को यह संक्रमण हार्ट अटैक की शिकायत लेकर इलाज के लिए आए एक कोरोना पॉजिटिव मरीज से हुआ, जिसकी अस्पताल में भर्ती होने के 4 घंटे बाद ही मौत हो गई। यह खुलासा कोरोना पॉजिटिव एसोसिएट प्रोफेसर और जूनियर डॉक्टर्स के कांटैक्ट ट्रेसिंग रिकाॅर्ड में हुआ है। जीएमसी डीन डॉ. एके श्रीवास्तव ने इसकी पुष्टि की है।
डॉ. श्रीवास्तव के मुताबिक गायनेकोलॉजी डिपार्टमेंट की एक जूनियर डॉक्टर की जांच रिपोर्ट 9 अप्रैल को पॉजिटिव आई थी। वह कुछ दिन पहले ही दिल्ली से भोपाल आई थी। इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद इसी डिपार्टमेंट की एक प्रोफेसर सहित 15 डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टॉफ ने कोरोना जांच के लिए अपने नमूने दिए थे। इनमें डिपार्टमेंट की एक सीनियर कंसलटेंट भी शामिल हैं। इनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी। साथ ही पहली कोरोना पॉजिटिव जूनियर डॉक्टर के संपर्क में रहे दो अन्य जूनियर डॉक्टर भी कोरोना संक्रमित हो गए।
हार्ट अटैक की शिकायत लेकर आए मरीज को था कोरोना
हमीदिया अस्पताल की केजुअल्टी यूनिट में 4 मई की दोपहर करीब 12 बजे जोगीपुरा बुधवारा निवासी 35 वर्षीय इसरार सीने में दर्द की शिकायत लेकर पहुंचे। यहां प्रभारी सीएमओ ने मरीज की शुरुआती जांच कर, उसे इलाज के लिए कार्डियोलॉजी वार्ड में रैफर कर दिया। कार्डियोलॉजी वार्ड में ड्यूटी पर रहे दाे जूनियर डॉक्टर्स ने केवल मास्क लगाकर इसरार का इलाज किया। वार्ड में इलाज के दौरान इसरार की मौत हो गई। मरीज की बीमारी की हुई पड़ताल में उसके कोविड पॉजिटिव होने का खुलासा हुआ। आनन –फानन में इसरार का इलाज करने वाले दोनों जूनियर डॉक्टर्स की कोरोना जांच कराई गई।
अलग-अलग समय पर लगी थी सैंपलिंग और स्क्रीनिंग के लिए ड्यूटी
पॉजिटिव पेशेंट कांटैक्ट ट्रेसिंग हिस्ट्री के मुताबिक जीएमसी के 7 जूनियर डॉक्टर्स को कोरोना का संक्रमण, सैंपलिंग और स्क्रीनिंग के दौरान हुआ है। इन डॉक्टर्स की ड्यूटी अलग–अलग समय पर कोविड पॉजिटिव, कोविड संदिग्ध वार्ड और कोविड सैंपलिंग टीम में लगाई गई थी।
नॉन कोविड पेशेंटका इलाज करने वालों को ज्यादा खतरा
डॉ. केएल साहूके मुताबिक, पूर्व स्वास्थ्य संचालक संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा नॉन कोविड पेशेंट का इलाज करने वाले डॉक्टर्स को हैं। अस्पतालों में डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए हॉस्पिटल प्रबंधन को ओपीडी में ट्रेवल हिस्ट्री, कांटेक्ट हिस्ट्री ट्रेसिंग यूनिट बनानी चाहिए। जो हॉस्पिटल के एंट्री गेट और ओपीडी के बीच हो। इससे कोरोना प्रभावित अथवा कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति का संपर्क सीधे नॉन कोविड मरीजों का इलाज करने के लिए तैनात डॉक्टर्स से नहीं होगा।
कोहेफिजा में गुरुवार रात पेट्रोल पंप को चाकू की नोंक पर लूटने का प्रयास कर रहे तीन बदमाशों ने पुलिस पर हमला कर दिया। हालांकि हमले में कोई पुलिसकर्मी घायल नहीं हुआ है। कोहेफिजा पुलिस के मुताबिक हसन अली कोहेफिजा थाने के सामने स्थित पेट्रोल पंप पर कर्मचारी हैं। गुरुवार रात करीब सवा बारह बजे वे ड्यूटी पर थे। तभी कोहेफिजा थाने का निगरानी बदमाश सलमान अपने साथी आसिफ व दानिश के साथ पंप पर पहुंचा। आरोपियों ने हसन को चाकू अड़ाकर रुपए मांगे। हसन ने इनकार किया तो बदमाशों ने कैबिन में रखी टेबल का कांच फोड़ा और रकम छीनने लगे। तभी कोतवाली थाने की डायल-100 हंगामा देखकर रुक गई। उन्होंने आरोपियों को पकड़ने का प्रयास किया, तो बदमाशों ने मारपीट शुरू कर दी। कोहेफिजा थाने को सूचना दी तो एफआरवी व स्टाफ भी मौके पर पहुंच गया था। तभी कोहेफिजा टीआई सुधीर अरजरिया भी आ गए। उनके पहुंचते ही एक आरोपी को दबोच लिया, जबकि दो भाग निकले। पुलिस ने घेराबंदी कर एक अन्य को पकड़ लिया, लेकिन एक फरार है।
बस स्टैंड पर स्थित एक चाय नाश्ते की दुकान लॉकडाउन में प्रतिबंध के बाद भी खुली थी।इसकी शिकायत मिलने पर नायब तहसीलदार और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया। दुकान खुली मिलने पर दुकान को सील कर दिया।दरअसल, कोरोना वायरस को लेकर प्रशासन ने चाय, नाश्ते की दुकानों को खोलने पर प्रतिबंध लगाया है। इसके बाद भी कस्बे में बस स्टैंड पर यादव रेस्टोरेंट खुली हुई थी। इसकी सूचना मिलने पर नायब तहसीलदार अमित जैन, एसआई नीतू अहिरवार, सहित राजस्व और पुलिस विभाग के स्टाफ ने कार्रवाई की। नायब तहसीलदार अमित जैन ने बताया कि सूचना मिलने पर पुलिस और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम ने निरीक्षण किया।इस दौरान उक्त रेस्टोरेंट खुली मिली थी। इस पर मौके पर ही पंचनामा बनाकर दुकान को सील कर दिया गया है।
औरंगाबाद में ट्रेन हादसे का शिकार हुए 16 मजदूरों के शव मध्य प्रदेश लाए जाएंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और रेल मंत्री पीयूष गोयल से बात करके ट्रेन की व्यवस्था करवाई है। शवों को ट्रेन से जबलपुर लाया जाएगा। यहां से मजदूरों के शव उनके गृह जिलों में भेजे जाएंगे। ट्रेन औरंगाबाद (महाराष्ट्र) से 8 मई को शाम 7 बजे रवाना हो गई। मुख्यमंत्री ने औरंगाबाद पहुंचे राज्य सरकार के दल से फोन पर चर्चा कर ट्रेन दुर्घटना में घायल हुए श्रमिकों के संबंध में जानकारी ली। मध्य प्रदेश के ये मजदूर 10 शहडोल और 5 उमरिया के रहने वाले थे।
मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से प्रत्येक मृतक श्रमिक के परिजन को 5-5 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने की घोषणा की गई है। घायलों के इलाज की पूरी व्यवस्था भी की गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर बताया कि विशेष विमान से मंत्री मीना सिंह के साथ राज्य कंट्रोल रूम के अपर मुख्य सचिव आईसीपी केशरी को भी भेजा गया है।
शिवराज ने कहा- सभी मजदूरों को वापस लाएंगे
दतिया : बॉर्डर पर पहुंचे मजदूरों ने हंगामा किया, प्रशासन ने स्कूल में ठहराया
राजस्थान और दिल्ली से पैदल चलकर आए मध्य प्रदेश केअलग-अलग जिलों के करीब400 मजदूर दतिया बॉर्डर पर पहुंचे। पुलिस ने उन्हें मध्य प्रदेशमें प्रवेश देने से मना किया तोवे सिंधु नदी के पुल पर धरने परबैठगए। बाद में एसडीएम की अनुमति से उन्हें प्रवेश दिया गया, लेकिन वहीं एक स्कूल में उन्हें क्वरैंटाइन किया गया है। दतिया अब तक ग्रीन जोन में है।यहां कोरोना का कोई केस नहीं आया है।
आज तीन ट्रेन से करीब 3600 मजदूर आए मध्य प्रदेश
शुक्रवार को केरल और कर्नाटक सेदोस्पेशल ट्रेनों में34 जिलों के 2400 मजदूरविदिशा पहुंचे। यहां स्टेशन पर स्वास्थ्य विभाग नेसभी की स्क्रीनिंग की।पहली ट्रेनसुबह 7 बजे केरल से आई। इसके बाद दूसरी ट्रेन 2घंटे के बादसुबह 9 बजे कर्नाटक से आई। सभी मजदूरों कोगृह जिलेमेंभेजनेके लिए करीब 100 बसों का इंतजाम किया गया था। इधर,औरंगाबाद से 1200 मजदूर लेकर एक ट्रेन रायसेन के ओबेदुल्लागंज पहुंची। इस ट्रेन में खंडवा, खरगोन, सीधी जिले के मजदूर थे।
अब दुकानें सुबह 6 से रात 12 बजे तक खुलेंगी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि कि कोरोना से निपटने के लिए श्रम कानूनों मेंसंशोधन किया गया है।उद्योगों को जरूरी रियायतें देने के लिए कदम उठाए गए हैं। दुकानें पहले सुबह 8 से रात 10 बजे तक खुलती थीं, अब इसे बढ़ाकरसुबह 6 बजे से रात 12 बजे तक किया गया है। कारखानों में अब सप्ताह में 72 घंटे ओवरटाइम किया जा सकेगा।
भोपाल: 27 नए केस मिले
भोपाल में शुक्रवार को कोरोना के 27 नए मरीज मिले हैं। इनमें 8 मरीज हॉटस्पॉट बने जहांगीराबाद के हैं। यहां अब मरीजों की संख्या 147 हो गई है। भोपाल में कोरोना संक्रमण सेमरने वालों की संख्या 24 हो गई है। अब तक पॉजिटिव मरीजों की संख्या 679 हो गई है। इनमें से 399 ठीक होकर घर लौट चुके हैं। गुरुवार को कोरोना के 24 केस सामने आए थे।
इंदौर: एमजीएम में शुरू हुई प्लाज्मा थैरेपी
इंदौर में 372 सैंपल में 28 नए पॉजिटिव मिले। 3 मरीजों की मौत भी हुई है। इधर, अरबिंदो अस्पताल के बाद एमजीएम मेडिकल कॉलेज को भी प्लाज्मा थैरेपी के ट्रायल की अनुमति मिली है। गुरुवार को डॉक्टरों की टीम ने ट्रायल शुरू भी कर दिया। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद की निगरानी में एमजीएम के तहत आने वाले टीबी अस्पताल के मरीजों पर ट्रायल किया जा रहा है।
इंदौर केगोकुलदास अस्पताल का लाइसेंस अस्थाई रूप से निरस्त
कोरोना संदिग्धों के लिए चिह्नित येलो श्रेणी के गोकुलदास अस्पताल में गुरुवार को एक घंटे में तीन मरीजों की मौत के बाद हंगामा हो गया। सिर्फ चार-पांच घंटे में ही यहां 4 मरीजों ने दम तोड़ दिया। एक युवती ने इसका वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। संभागायुक्त (कमिश्नर) आकाश त्रिपाठी और कलेक्टर ने 3 सदस्यीय जांच कमेटी बैठा दी। कलेक्टर के मुताबिक, अस्पताल का लाइसेंस अस्थाई तौर पर निरस्त कर दिया है। यहां के मरीजों को मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में शिफ्ट करेंगे। दोषी पाए जाने परलाइसेंस स्थाई रूप से निरस्त कर अस्पताल सील किया जाएगा।
जबलपुर: 68 रिपोर्ट में से सिर्फ एक पॉजिटिव
गुरुवार देर रात तक आईसीएमआर से 68 जांच रिपोर्ट आईं। इनमें से सिर्फ एक महिला की रिपोर्टपाॅजिटिव आई, जिसकी 5 मई कोमौत हो चुकी है।वहीं स्वस्थ होने पर दो कोरोना मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अब जबलपुर में स्वस्थ होकर जाने वालों की संख्या 17 हो गई है, वहीं कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 114 है।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 3341 संक्रमित : इंदौर 1727, भोपाल 679, उज्जैन 220, जबलपुर 116, खरगोन 80, धार 78, रायसेन 64, खंडवा 52, होशंगाबाद 36, मंदसौर 51, बुरहानपुर 42, बड़वानी-26, देवास 32, मुरैना 22, रतलाम 23, विदिशा 13, आगर मालवा 13, ग्वालियर 12, शाजापुर 8, नीमच, सागर और छिंदवाड़ा 5-5, श्योपुर 4, हरदा-अलीराजपुर-शहडोल-टीकमगढ़-अनूपपुर-शिवपुरी में 3-3, रीवा 2, सीहोर, बैतूल, डिंडोरी, अशोकनगर, पन्ना-निवाड़ी, सतना में एक-एक संक्रमित मिला। अन्य राज्य के 2 मरीज हैं।
अब तक 200 की मौत : इंदौर 86, उज्जैन 43, भोपाल 24, खरगोन 8, देवास में 7, खंडवा 7, बुरहानपुर-मंदसौर 4-4, जबलपुर 5, होशंगाबाद-रायसेन में 3-3, धार, आगर मालवा, शाजापुर, छिंदवाड़ा, अशोकनगर, सागर और सतना में एक-एक की मौत हो गई।
(स्वास्थ्य विभाग द्वारा 8 मई को शाम 6 बजे जारी बुलेटिन के अनुसार)
भोपाल में शुक्रवार को कोरोना के 27 नए मरीज मिले हैं। इनमें 8 मरीज हॉटस्पॉट बने जहांगीराबाद के हैं। यहां अब मरीजों की संख्या 147 हो गई है। भोपाल में कोरोना संक्रमण सेमरने वालों की संख्या 24 हो गई है। अब तक पॉजिटिव मरीजों की संख्या 679 हो गई है। इनमें से 399 ठीक होकर घर लौट चुके हैं।
गुरुवार को कोरोना के 24 केस सामने आए थे। इसमें 12 जहांगीराबाद इलाके से थे, जिसमें से 4 चर्च रोड के एक ही परिवार के मरीज थे। हमीदिया अस्पताल की दो नर्सों में भी कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। मंगलवारा क्षेत्र में तीन नए मरीज मिले हैं। यहां भी मरीजों की संख्या 45 हो गई है। मंगलवारा क्षेत्र में एक नमकीन दुकानदार भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया। बताया जा रहा है कि सोमवार तक वह दुकान में बैठा था, अब पता किया जा रहा है कि वह किससे-किससे मिला था।
19 मरीज और ठीक होकर घर लौटे 679 में से 399 ने कोरोना को हराया
इधर, शहर में गुरुवार को 19 और मरीज ठीक होकर घर लौटे। इनमें 9 महीने का मासूम शुभांकर और 70 वर्षीय फूलवती बाई शामिल है। शहर में 669 लोगों में कोरोना का संक्रमण पाया गया है। इनमें से 399 ठीक होकर घर लौट चुके हैं। इन मरीजों पर अर्ली ऑक्सीजन थैरेपी का इस्तेमाल किया गया है। इसमें मरीजों के गले और लंग्स में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाई जाती है।
पुलिस ने हाथ जोड़कर लोगों को घर लौटने के लिए कहा
भोपाल में पुलिस प्रशासन ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम और बचाव के लिए शुक्रवार को सभी थाना क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया गया। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है, इसके लिए पुलिस कर्मियों ने अलग-अलग स्थानों पर अनाउंसमेंट किया और लोगों का हाथ जोड़कर सुझाव मांगा। पुलिस ने लोगों से अपील की कि वह अपने घरों में रहें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। साफ़-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
सीनियर आईएएस अफसर वीरा राणा को राज्य का नया मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) बनाया गया है। अभी वेखेल और युवा कल्याण विभाग की एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (एसीएस)थीं। राणा को वीएलकांताराव के स्थान पर जिम्मेदारी दी गई है। कांताराव के प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली जाने के बाद से ये पद खाली हो गया था।फिलहाल, अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी अरुण कुमार तोमर प्रभारी के तौर पर इस पद की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
वीरा राणा को ऐसे समय में राज्य का मुख्य निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया गया था,जब प्रदेश में 24 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होना हैं। अब वेचुनाव आयोग के दिशा-निर्देशन में काम करेंगी।इसके अलावा, चुनाव वाले इलाकों में आचार संहिता का पालन कराने से लेकर जरूरी प्रशासनिक व्यवस्था की जिम्मेदारी भी संभालेंगी।
वीरा राणा1988 बैच की आईएएस अधिकारी
इससे पहले मुख्य निर्वाचन अधिकारी रहेवीएल कांताराव के निर्देशन मेंमध्य प्रदेश में2018 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव हुए थे। भारत निर्वाचन आयोग ने प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के लिए प्रदेश सरकार से तीन आईएएस अधिकारियों का पैनल बुलाया था। इसमें भारत निर्वाचन आयोग ने वीरा राणा के नाम पर मंजूरी दी है। राणा इसके पहले प्रशासन अकादमी में महानिदेशक, कुटीर औरग्रामोद्योग विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग कार्मिक जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं।
24 सीटों पर होने हैं उपचुनाव
मध्य प्रदेश में24 विधानसभासीटों पर उपचुनाव होने हैं। यह सीटेंप्रदेश के 15 जिलों में हैं। प्रदेश के मुरैना, भिंड, ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, अशोकनगर, गुना, सागर, अनूपपुर, रायसेन, इंदौर, देवास, धार, मंदसौर औरआगर-मालवा जिले में उपचुनाव होंगे। तारीखों की घोषणा अभी नहीं हुई है।
सिंधिया के समर्थन में 22 विधायकों ने इस्तीफा दिया था
प्रदेश में सियासी घमासानके बीच 10 मार्च कोज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में कांग्रेस से22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था। यह सभी सीटें खाली चल रही हैं।जबकिजौरा और आगर मालवा विधानसभाकी सीट विधायकों के निधन के कारण खाली हुई हैं।यहां जून के पहले पखवाड़े के उपचुनाव होने की संभावना है। चूंकि सीट खाली होने के बाद 6 महीने में चुनाव कराना जरूरी होताहै। इन दोनों सीट केविधायकों की मौत नवंबर और दिसंबर में हुई थी। लेकिन, कोरोना संकट औरलॉकडाउन के चलते फिलहाल संभव नहीं दिख रहा है।
महाराष्ट्र के औरंगाबाद से 1223 मजदूर लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन शुक्रवार सुबह रायसेन के ओबेदुल्लागंज पहुंची। स्वास्थ्य की जांच करने के बाद इन्हें बसों से इनके गृह जिलों के लिए रवाना किया गया। ट्रेन में खंडवा, खरगोन, सीधी समेत 24जिलों के मजदूर लाए गए हैं। इसमें सबसे अधिक खंडवा के295मजदूर शामिल हैं। वहीं,शुक्रवार को केरल और कर्नाटक सेदोस्पेशल ट्रेनों में34 जिलों के 2400 मजदूरविदिशा पहुंचे। इन्हें भी इनके गृह जिलों के लिए रवाना कर दिया गया है।गुरुवारऔर आज यानि शुक्रवार सुबह तक देश के अलग-अलग हिस्सों से करीब 7000 हजार मजदूरों को मध्य प्रदेशबुलाया जा चुका है।
वहीं 24 जिलों के 1223 मजदूरों की ओबेदुल्लागंजस्टेशन परडॉक्टरों के दल ने स्क्रीनिंग की। इसके बाद सभी श्रमिकों को नाश्ता कराया गया। इन मजदूरों को संबंधित जिलों से आई बसों में बैठाकर रवाना कर दिया गया। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंगका पालन भी कराया गया। एएसपी एपी सिंह, एसडीएम विनीत तिवारी सहित बड़ी संख्या में अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे। इनमें खंडवा के सबसे ज्यादा 295, दमोह के 244 मजदूर शामिल हैं। जबकि रायसेन का एक, विदिशा का एक और सीहोर के 10 मजदूर शामिल हैं। वहीं भोपाल के 4, राजगढ़ 2, अशोकनगर 4, दतिया 71, गुना 16, ग्वालियर 15, शिवपुरी 34, बैतूल 145, खरगोन 157, मुरैना 58, छतरपुर 80, हरदा 2, होशंगाबाद एक, भिंड 16, निवाड़ी 10, सागर 34, टीकमगढ़ 3, आगर 2, उज्जैन 17 मजदूर औबेदुल्लागंज स्टेशन पर ट्रेन से लाए गए।
दो ट्रेनों में करीब 2400 मजदूर कर्नाटक और केरल से विदिशापहुंचे
इधर,शुक्रवार को केरल और कर्नाटक सेदोस्पेशल ट्रेनों में34 जिलों के 2400 मजदूरविदिशा पहुंचे। स्टेशन पर स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगाई गई थीं, इसके साथ ही सुरक्षा के भी प्रबंध किए गए थे। पहली ट्रेन कर्नाटक से मजदूरों को लेकरसुबह 7 बजे केरल से आई और इसके बाद दूसरी ट्रेन दो घंटे के बादसुबह 9 बजे कर्नाटक से आई। इन दोनों ट्रेनों में करीब 2400 मजदूर विदिशा रेलवे स्टेशन पर पहुंचे। इन मजदूरों को उनके गृह जिलों में रवाना करने के लिए करीब 100 बसों का इंतजाम किया गया था। मजदूरों को उनके गृह जिलों में रवाना करने से पहले स्क्रीनिंग की गई।
गुरुवार और आज सुबह तक ट्रेनों से लाए गए करीब 7000 मजदूर
मध्य प्रदेश सरकार ने हैदराबाद, मुंबई और दिल्ली-नोएडा के साथ ही शुक्रवार को सुबहकेरल, कर्नाटकसे दो ट्रेनें विदिशा पहुंचीं। वहीं औरंगाबाद से मजदूरों को लेकर स्पेशल ट्रेन रायसेन के ओबेदुल्लागंज पहुंची। इसके पहले गुरुवार को हैदराबाद से कटनी 997 मजदूरों को लेकर स्पेशल ट्रेन आई, भोपाल में मुंबई के पनवेल से करीब 1200 श्रमिक और दिल्ली से करीब 1200 मजदूरों को लेकर एक स्पेशल ट्रेन छतरपुर रात को 8 बजे आई थी। गुरुवार और शुक्रवार को सुबह तक देश के अलग-अलग हिस्सों से करीब 7000 हजार मजदूरों को बुलाया जा चुका है।
1200 मजदूर शनिवार को गोवा से ग्वालियर पहुंचेंगे
मध्यप्रदेश के उत्तरी अंचल के करीब 1200 श्रमिकों को एक विशेष ट्रेन से शनिवार को ग्वालियर लाया जाएगा। इन श्रमिकों को गोवा से एक विशेष ट्रेन से ग्वालियर लाया जा रहा है। यह ट्रेन कल यानी शनिवार को ग्वालियर पहुंचेगी। इस ट्रेन में राज्य के ग्वालियर, भिंड, मुरैना, श्योपुर, दतिया, शिवपुरी, गुना और अशोकनगर जिले के मजदूर हैं। इन श्रमिकों को आवश्यक स्वास्थ्य परीक्षण संबंधी प्रोटोकाल के बाद उनके गांवों में भेजा जाएगा।
राजधानी में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। अब तक 679 पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं। वहीं रोजाना 1 हजार से ज्यादा लोगों की सैंपलिंग हो रही है। इनकी रिपोर्ट आने के साथ ही मरीजों की संख्या में तेजी आएगी। ऐसे में पहले से पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आए पड़ोसियों और परिजनों को क्वारेंटाइन करने के लिए शहर के विभिन्न इलाकों में 28 नए क्वारेंटाइन सेंटर में 828 कमरें तैयार कराए जा रहे हैं। इसकी जिम्मेदारी कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने नगर निगम कमिश्नर बी विजय दत्ता को दी है। कलेक्टर ने बताया कि शहर के विभिन्न इलाकों में 10 क्वारेंटाइन सेंटर में 150 से ज्यादा लोग रह रहे हैं। इसमें से ज्यादातर का क्वारेंटाइन पीरियड पूरा होने वाला है। कई बार पॉजिटिव मरीज के परिजन ये शिकायत करते थे कि उनके घरों के पास क्वारेंटाइन संेटर बनाकर शिफ्ट किया जाए। लोगों के सुझाव को देखते हुए अब ऐसे इलाकों में सेंटर बनाए जा रहे हैं, जिससे क्वारेंटाइन होने वाले लोगों को ऐसा न लगे कि उनको बहुत दूर शिफ्ट कर दिया गया है।
पुतलीघर कम्युनिटी हाल में तोड़फोड़ का विरोध
इधर, पुतलीघर कम्युनिटी हॉल, इकरा स्कूल एवं रैन बसेरा को नया क्वारेंटाइन सेंटर बनाने का विरोध भी शुरू हो गया हैं। पुतलीघर कम्युनिटी हॉल में तोड़फोड़ चल रही हैं। इसको एक हफ्ते में नई शक्ल देने की तैयारी हैं। यहां हॉल को ख़त्म करके पार्टीशन किया गया हैं। ताकि नए कमरे बनाए जा सके। नए टॉयलेट के साथ बिजली की नई फिटिंग का काम शुक्रवार से शुरू होगा।
रहवासी बोले... संक्रमण का खतरा बढ़ेगा
पूर्व पार्षद शाहिद अली ने पुतलीघर कम्युनिटी हॉल, इकरा स्कूल एवं रैन बसेरा को नया क्वारेंटाइन सेंटर बनाने का विरोध शुरू कर दिया हैं। उनका कहना है कि यह स्थान सधन आबादी वाले हैं। अफसरों के इस निर्णय से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ेगा। रहवासी आबिद खां का कहना है की प्रशासन अपने निणय पर पुनः विचार करे तो बहुत अच्छा होगा। मौजूदा फैसला समझ से परे हैं।
सरकार का फैसला गलत
रहवासी मोहसिन अहमद का कहना है की सरकार का फैसला गलत है। घनी आबादी वाले इलाके में नया क्वारंटाइन सेटर बनाने की कोई तुक नहीं है। इससे आबादी को और संक्रमण का खतरा होगा।
ये हैं नए क्वारेंटाइन सेंटर
जेएनसीटी कॉलेज बैरसिया रोड , मित्तल कॉलेज, करोंद , राजवाड़ा मैरिज गार्डन, करोंद , संस्कार मैरिज गार्डन शांति नगर , फॅादर एंजिल स्कूल गोंडीपुरा , हैनीमल होम्योपैथिक कॉलेज न्यू जेल रोड , बी जैन सर्वेादय ज्ञानपीठ बड़वई , केवल राम चेतराम-कमल नगर नेवरी , लालाराम रखमल शिक्षा समिति बड़वई,ट्रूबा कॉलेज, न्यू जेल रोड पलासी ,कैलाश मैरिज गार्डन पटेल नगर , आकाश मैरिज गार्डन पटेल नगर , टीटीआई हॉस्टल स्मार्ट सिटी रोड , आदिम जाति छात्रावास , शासकीय कन्या स्कूल जहांगीराबाद , शासकीय महाराणा प्रताप स्कूल जहांगीराबाद , सेंटफ्रांसीस स्कूल जहांगीराबाद , बोरवन स्कूल जहांगीराबाद , आनंद विद्या मंदिर जहांगीराबाद , श्यामा प्रसाद मुखर्जी महाविद्यालय खटलापुरा ,एमवीएम , विधि महाविद्यालय, मिंटो हॉल आदि ।
जहांगीराबाद...संक्रमण के लिहाज से हॉट स्पॉट। यहां गुरुवार को एक दूध वाले को सड़क पर थूकना महंगा पड़ गया। दूध वाले का कसूर यह था कि संक्रमण के इस दौर में उसने यह करतूत की और फिर निगम के अमले से बहस की। निगम अधिकारी ने भी उस पर थूकने के मामले में अब तक सबसे बड़ी कार्रवाई की। इसके तहत 2500 रुपए वसूले और फिर उसी से गंदगी को साफ भी कराया। दरअसल, कुछ लोगोंे की ऐसी मनमानी पूरे इलाके के लिए संक्रमण का खतरा बन सकती है। इसी करण सख्ती की जा रही है।
करतूत..बहस..नसीहत
दोपहर 1 बजे... जहांगीराबाद में दूध बेचने आए शफीक ने सड़क पर गाड़ी चलाते हुए गुटखा थूक दिया। ड्यूटी पर तैनात निगम के एएचओ अजय श्रवण ने उसे रोका और कहा कि सार्वजनिक स्थान पर थूकना मना है। इस पर शफीक ने बहस शुरू कर दी। श्रवण ने उसे नसीहत दी कि तुम्हारी यह हरकत अन्य लोगों की परेशानी का कारण बन सकती है।
फाइन भरा...झाड़ू थामी
...लेकिन शफीक माना । श्रवण ने उसे कहा कि थूकने पर एक हजार और कंटेनमेंट एरिया में गंदगी फैलाने और शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने के लिए अब उसे पांच हजार रुपए स्पॉट फाइन भरना होगा। बहस बढ़ी तो मौके पर मौजूद पुलिस बल भी निगम के साथ आ गया। आखिर शफीक 2500 रुपए देने पर सहमत हुआ तो अमले ने गंदगी भी उसी से साफ कराई।
संक्रमण रोकने अभी ऐसी सख्ती जरूरी है
उल्लेखनीय है कि राज्य शासन ने करीब एक सप्ताह पहले थूकने पर एक हजार रुपए का जुर्माना करने के आदेश जारी किए थे। सबसे पहले कोलार में एक व्यक्ति पर एक हजार रुपए का जुर्माना हुआ था। इसके बाद रवींद्र भवन मैन रोड पर से गुजरते एक व्यक्ति से भी निगम अमले ने एक हजार रुपए वसूल लिए थे। अपर आयुक्त राजेश राठौड़ ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर थूकने वालों के खिलाफ पूरे शहर में सख्ती की जा रही है।
जिले के सांची थाना क्षेत्र के धोबीखेड़ा गांव में शुक्रवार को 80 वर्षीय एक बुजुर्ग की हत्या कर दी गई। उनकाधड़ चारपाई पर पड़ा मिला। जबकि सिर गायब था। अनुमान लगाया जा रहा है कि सिर को लेकर हत्यारोपी फरार हो गया। तलाश के लिए भोपाल पुलिस को भी लगाया गया है। एसपीमोनिका शुक्ला ने बताया कि अभी तक सिर नहींमिला है। मरने वाले की पहचान बाबूलाल शर्मा के रूप में की गई है।
पुलिस के अनुसार, डॉग स्क्वाड और सांची पुलिस जांच में जुटी है। भोपाल से टीम भी मौके पर पहुंच गई है। परिजनने बताया कि बाबूलाल घर से बाहर बाड़े में सो रहेथे।वेसुबह चारपाई में मृत मिले। परिजन सुबह चाय देने के लिए थे। मौके से उनका धड़ पड़ा था।
मौके पर नहीं मिला खून
एसपी शुक्ला पुलिस बल के साथमौके पर पहुंचीं। बुजुर्ग कासिर नहीं मिला है। घटनास्थल पर खून भी नहीं पड़ा था। वृद्ध काघर मेहगांव, पग्नेश्वर और धोवा खेड़ी के तिराहे पर है। यहां एक और घर उनकी बहन का है। दो ही घर हैं और बाकीसुनसान क्षेत्र है। बुजुर्ग केदो बेटे हैं और 6 एकड़ जमीन है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के बाहर फंसे श्रमिकों से अपील करते हुए गुरुवार को कहा कि वह पैदल चलकर अपने घर के लिए नहीं निकलें,उनको वापस लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।प्रदेश के हर मजदूर को वापस लाया जाएगा। सीएम ने यह बात ट्रेन हादसे के बाद कही है। औरंगाबाद में रेल की पटरी पर सो रहे मध्य प्रदेश के 16 मजदूरों की शुक्रवार तड़के मालगाड़ी सेकटने से मौत हो गई है।
सीएम शिवराज ने ट्वीट कर कहा- श्रमिकों को लानेकीप्रक्रिया लगातार चल रही है। इसमें थोड़ी देर लग सकती है, लेकिन हम सब को वापस लाएंगे।
औरंगाबाद रेल हादसे में मरने वाले मजदूर शहडोल और उमरिया के
औरंगाबाद में हुए रेल हादसे में मध्य प्रदेश के 16 मजदूरों की मौत हो गई है। इसमें ज्यादातर मजदूर शहडोल और उमरिया जिले के निवासी हैं।
शहडोल जिले के निवासी : धनसिंग गोंड, निरवेश सिंग गोंड, बुद्धराज सिंग गोंड, रविन्द्र सिंग गोंड, सुरेश सिंग कौल, राजबोहरम पारस सिंग, दिपक सिंग, श्रीदयाल सिंग और धर्मेंद्रसिंग गोंड शामिल हैं।
उमरिया जिले के निवासी : अच्छेलाल सिंग, बिगेंद्र सिंग, प्रदीप सिंग गोंड, संतोष नापित, मुनीम सिंग, ब्रिजेश और नेमशाह सिंग शामिल हैं।
मध्य प्रदेश के 80 हजार मजदूरों को वापस लाया जा चुका
मुख्यमंत्री ने कहा-धैर्य रखें और मुझ पर भरोसा रखें। मैं हमेशा आपके साथ था, हूं और रहूंगा। आप जहां हो, वहीं रहें।कृपया, पैदल चल कर न आएं और हमसे जल्द से जल्द संपर्क करें। देश के पंजीकृत श्रमिकों को एसएमएस के द्वारा भी संदेश भेजे जा रहे हैं। अब तक हम करीब80 हजारमजदूरों को वापस ला चुके हैं। हम देश के हर राज्य के अखबारों में विज्ञप्ति जारी कर रहे हैं।सोशल मीडिया द्वारा उन तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।प्रदेश के सभी विधायक लगातार उनके सम्पर्क में लगे हुए हैं। चौहान ने कहा कि उनके लिए प्रदेश में एक कॉल सेंटर लगा कर टोल फ्रीनम्बर 0755-2411180 भी जारी किया है।
गुरुवार और आज सुबह ट्रेनों से लाए जा चुके करीब 4600 मजदूर
मध्य प्रदेश सरकार ने हैदराबाद, मुंबई और दिल्ली-नोएडा के साथ ही शुक्रवार को सुबह औरंगाबाद से 1200 मजदूरों को लेकर स्पेशल ट्रेन रायसेन के ओबेदुल्लागंज पहुंची। वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मजदूरों को बसों से उनके जिलों के लिए रवाना किया जा रहा है। इसके पहले गुरुवार को हैदराबाद से कटनी 997 मजदूरों को लेकर स्पेशल ट्रेन आई, भोपाल में मुंबई के पनवेल से करीब 1200 श्रमिक और दिल्ली से करीब 1200 मजदूरों को लेकर एक स्पेशल ट्रेन छतरपुर रात को 8 बजे आई थी।
जिले का सबसे बड़ा गांव आनंदपुर इस भीषण गर्मी में जलसंकट की समस्या से जूझ रहा है। यहां पर लोगों को दाे-दाे किलोमीटर दूर से सिर पर पानी ढोना पड़ रहा है। कोई साइकिल से तो कोई मोटरसाइकिल से पानी की व्यवस्था करते हुए नजर आ रहे हैं। लोगों को यहां पर रात्रि जागरण भी करना पड़ रहा है। पानी के लिए दो-दो तीन-तीन बजे रात तक शिव मंदिर के पास लोगों की लाइन लगी रहती है। ग्रामीणों में बहुत ही आक्रोश व्याप्त होता जा रहा है। यहां के लोगों को तो कभी शाहपुर अाैर बिरला मंदिर के हैंडपंप से पानी लाने को मजबूर हैं। महिलाओं के साथ-साथ छोटे-छोटे बच्चों को पानी ढाेना पड़ रहा है। बच्चे तक अपने घरवालों की मदद करते नजर आ रहे हैं। और छोटे-छोटे ड्रम अपनी साइकिलों पर टांगकर पानी भरने के लिए मजबूर हैं।
20 वार्ड, 2 टंकी, 16-18 लाइन
ग्राम पंचायत आनंदपुर में 20 वार्ड हैं, जिनमें लगभग 5000 के आसपास आबादी है। ग्राम पंचायत के अनुसार 16 पाइपलाइन डल चुकी हैं। पानी के लिए दो टंकियां बनी हैं, जिसमें एक 25-30 साल पुरानी है, वह भी जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो रही है, पानी का रिसाव होता है। नई टंकी जो 3 वर्ष पहले बनकर तैयार हुई है, उसकी पहले ही टेस्टिंग में फेल हो चुकी है। लेकिन जिम्मेदार इस भीषण समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
सबसे ज्यादा विधायक मोहल्ला और इंदिरा आवास कॉलोनी प्रभावित
सबसे अधिक पानी की किल्लत विधायक मोहल्ला और इंदिरा आवास कॉलोनी वार्ड नंबर 1 में है। यह वह मोहल्ले हैं जहां पर सबसे अधिक दलित अनुसूचित जाति के लोग निवास करते हैं। इंदिरा कॉलोनी में 5-6 दिन के बीच एक बार नल आते हैं। विधायक मोहल्ला में भी यही स्थिति है। वार्ड नंबर 8 में तो 10-15 घर ऐसे हैं जहां पाइपलाइन तक नहीं डाली गई। इस मोहल्ले की निवासी राधाबाई विश्वकर्मा ने बताया कि सरपंच पति से बार-बार बोलते हैं लेकिन वे आजकल की कहकर टाल देते हैं। 5 साल के अपने सरपंची कार्यकाल में अभी तक हमारे मोहल्ले में पानी नहीं पहुंचा। हम इधर उधर दूसरों के नल से पानी भरते हैं। कभी-कभी तो रात को 10-11 बजे दूसरों के आश्रित पानी के लिए खड़े रहना पड़ता है। यहां के निवासियों को भीषण गर्मी में कुएं से पानी लाना भी पड़ रहा है। स्थिति और भी गंभीर होती जा रही है अब कुआं भी जवाब दे रहे हैं और पानी नीचे जा चुका है, दूषित हाेने के कारण पानी पीकर उल्टी-दस्त हाेने की आशंका रहती है।
ग्रामीणाें द्वारा खाेदने के बावजूद पाइपलाइन काे सही नहीं करा सके जिम्मेदार
इंदिरा आवास कॉलोनी के निवासियों ने बताया की 2 मई को हम ने आवेदन दिया था। जिस पर सरपंच पति द्वारा बोला गया कि आप अपनी लाइन खोद लें तो मैं पाइपलाइन को सही करवा दूंगा। लेकिन 5 दिन बीत जाने के पश्चात भी अभी तक हमारी पाइपलाइन सही नहीं की गई। जो पाइपलाइन कहीं-कहीं माेहल्ला वासियाें ने खोदी है, उसमें हमारे बच्चे गिर जाते हैं। आवेदन में ग्रामीणजनों ने पानी की पाइप लाइन को जल्द से जल्द ठीक करने को कहा था, लेकिन अभी तक पाईप लाइन को ठीक नहीं किया गया। माेहल्ला के भारत सिंह रघुवंशी ने बताया कि अब हम सभी माेहल्लावासी पानी की भीषण समस्या से कलेक्टर को अवगत कराने के साथ ही चक्काजाम व हड़ताल करने को मजबूर हो जाएंगे।
एक तरफ जहां कोराेना जिंदगियां छीन रहा है तो वहीं उससे बचने के लिए लगाया गया लॉकडाउन ने भी लोगों को बेराजगार कर दिया है। ट्रेन में चने बेचकर गुजारा करने वाला मंगल राजपूत बेराेजगारी में दिन काट रहा था। घर में इतने रुपए भी नहीं बचे थे कि सरकारी राशन खरीद सके। ऐसे में गुरुवार की सुबह आर्थिक संकट झेल रहे पिता-पुत्र के बीच विवाद हुआ। इसके बाद बेटे को रेलवे लाइन पर आती मालगाड़ी के सामने दौड़ गया। जब पिता ने उसे बचाने का प्रयास किया तो दोनों मालगाड़ी से टकरा गए। बेटे की मौके पर मौत हो गई। जबकि पिता ने शासकीय अस्पताल में दम तोड़ दिया।
जीआरपी चौकी प्रभारी पीजी दंडौतिया ने बताया घटना सुबह दस बजे मालगोदाम के सामने उस समय हुई। जब डाउन ट्रैक पर भोपाल की ओर से मालगाड़ी आ रही थी। तभी 20 वर्षीय राजा ठाकुर उर्फ छोटू दौड़ता हुआ आया। मालगोदाम का प्लेटफार्म पर कराता डाउन ट्रेक पर आ रही मालगाड़ी के आगे दौड़ने लगा। पीछे दौड़ता आ रहा। 50 वर्षीय पिता मंगल राजपूत बेटे का पकड़ने की कोशिश में दौड़ा। इससे उसे बचाया जा सके। लेकिन दोनों मालगाड़ी की चपेट में आ गए। इससे बेटे की मौके पर ही मौत हो गई। पिता गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसे पुलिस लोगों की सहायता से उठाकर तत्काल शासकीय जन चिकित्सालय ले गई। उसने वहां दम तोड़ दिया।
लॉकडाउन में काम धंधा बंद हो गया था। किराए के पैसे नहीं होने से मकान मालिक रोजाना घर से खाली करने का दबाव बना रहे थे। खाने पीने की परेशानी के चलते मुंबई छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। ऐसे हालात पुष्पेंद्र सिंह के है, जो मुंबई से अपने घर लखनऊ के लिए साइकिल से 8 अन्य सदस्यों के साथ सफर कर रहा है। पुष्पेंद्र ने बताया कि वे लोग 24 अप्रैल को हम नो लोग मुंबई से रवाना हो गए थे। नासिक तक करीब पौने 200 किलोमीटर पैदल ही सफ़र किया। इसके बाद नासिक से साइकिल खरीद कर भूख-प्यास और रात गुजारने जैसी तकलीफ के बीच यहां तक 664 किलोमीटर लंबा सफर करके पहुंचे हैं। लॉक डाउन के दौरान बड़ा पाव खाकर दिन गुजारे हैं। महाराष्ट्र से इंदौर तक के सफर में कई बार भूखे ही सफर करना पड़ा। कैसे भी करके अपने घर लखनऊ पहुंच जाएं। कितने दिन घर पहुंचने में लगेंगे कह नहीं सकते। हम लोग पिछले कई सालों से मुंबई में रह कर एलमुनियम गलाने का काम करते आ रहे हैं। अभी तक वे जितनी दूरी तक करके आए हैं। अभी उप्र तक उन्हें पहुंचने में उतनी ही दूरी तक करनी पड़ेगी।
कन्नोज तक का सफर पैदल ही तय कर रहे
महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश के कन्नौज के लिए रवाना हो रहे मजदूर इस लंबे सफर में करीब 200 किलोमीटर तक जहां इनको पैदल चलना पड़ा, वहीं रास्ते में कहीं ट्रक तो कहीं लोडिंग वाहन की मदद से सफर कर यह लोग विदिशा तक पहुंचे। राहुल कुशवाह ने बताया कि अन्य साथियों को आर्थिक तंगी की वजह से खाने की समस्या से परेशान होना पड़ा।
अजमेर से ही पैदल चलते हुए आ रहे हैं। रास्ते कई जगह पुलिस वाले मिले और उन्होंने खाना भी खिलाया, लेकिन किसी ने भी वाहन की व्यवस्था नहीं की।साहब कोई व्यवस्था आप ही करवा दो। अजमेर से पैदल ही 450 किमी का सफर तय करते हुए लटेरी रोड पर स्थित मदनखेड़ी चौराहे पर अपने 6 साथियों के साथ पहुंचे मजदूर नरेश ने अपनी पीड़ा बताई। उसके साथ चल रहे सागर सहपुरा गांव में रहने वाले दीपक, करोड़ी, नारायण, महेश, वर्षा और विनिता की भी यही व्यथा थी।
भास्कर ने बताई मजदूरों की व्यथा तो ग्रामीणों ने की लोडिंग की व्यवस्था: मदनखेड़ी चौराहे से 3 किमी और पैदल चलते हुए जब से मजदूर मुरवास गांव में पहुंचे तो यहां ग्रामीणों ने उन्हें चाय और नास्ता करवाया। दैनिक भास्कर ने मजदूरों की व्यवस्था उन्हें सुनाई तो ग्रामीण असगर खान ने उन्हें 20 किमी दूर स्थित सिरोंज तक पहुंचाने के लिए लोडिंग का प्रबंध कर दिया। सिरोंज में मां दुर्गा ब्रह्मचारिणी सेवा समिति ने उन्हें भोजन करवाया।
अपनी 6 साल की बेटी वाणी को गोद में लेकर चल रहे नरेश ने बताया कि हम सब अजमेर में प्लास्टिक की फैक्ट्री में काम करते थे। लॉकडाउन लगा तो वहीं फंस कर रहे गए। फैक्ट्री मालिक ने भी साथ नहीं दिया। डेढ़ महीने से वहीं अपने कमरे में रूके हुए थे। जब रुपए खत्म हो गए और भूखे रहने की नौबत आई तो वहां से वापस निकलने में ही भलाई समझी। 3 मई को अजमेर से 700 किमी दूर सागर के लिए ही पैदल ही निकल गए। रास्ते में कई जगह पुलिस वाले मिले और खाना खिलाया, लेकिन गाड़ी की व्यवस्था किसी ने नहीं की। वर्षा ने बताया कि हमें अजमेर में 9000 रुपए महीना पगार मिलती थी, लेकिन जब जरूरत पड़ी तो वहां पर न ठेकेदार काम आया और न ही सरकार। सागर में अपने घर पहुंच जाएं तो वहीं रह कर मजदूरी करेंगे। अब वापस अजमेर लौट कर नहीं जाएंगे।
नगर में इन दिनों गरीब परिवारों, जरूरतमंदों के लिए अन्न सेवा समिति गुरुद्वारे पर देवदूत का कार्य कर रही है। नर सेवा ही नारायण सेवा है। इस बात को सर्वोपरि मानकर समिति 70 परिवारों को प्रतिदिन सुबह और शाम भोजन पहुंचा रही है।
वहीं शाम 6 बजे गुरुद्वारे पर अन्न सेवा समिति गुरु नानक देव जी तथा गुरु गोविंद सिंह जी के बैनर तले सदस्यों द्वारा आटा, चावल, दाल, शकर, बिस्किट, नमक, चाय पत्ती के पैकेट वितरण किए जा रहे हैं। जरूरतमंदों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो इसलिए अन्न सेवा समिति के सदस्यों द्वारा परिवारों के सदस्यों को राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। आपात स्थिति और जरूरतमंद गरीब असहाय लोग इनको भोजन नहीं मिल रहा है उनके घर जाकर भी अन्न सेवा समिति के सदस्य ताजा और गरम भोजन उपलब्ध करा रहे हैं। जिससे उन्हें मिलने वाली वस्तुएं को लेकर किसी तरह की परेशानी न हो। दूसरी ओर प्रशासन भी जरूरतमंद लोगों के यहां अन्न सेवा समिति के साथ मदद कर रहा है। नगर से पैदल गुजरने वाले लोगों को भी भोजन का इंतजाम किया जा रहा है।
नगर वासियों का मिल रहा सहयोग अन्न सेवा समिति के सदस्य दिनेश शर्मा और सनी गुरुदत्ता ने बताया कि हमारी समिति 22 मार्च से सेवा कार्य कर रही है। जिसको रविवार को 40 दिन से अधिक हो चुके हैं। नगरवासियों द्वारा और सेवा करने वाले लोगों द्वारा विशेष सहयोग प्राप्त हो रहा है। गुरुद्वारे के ग्रंथी दर्शन सिंह ने बताया कि हमारे धर्म में सेवा कार्य का मार्ग दिखाया गया है। उसी मार्ग पर चलकर हम सेवा कार्य को अंजाम दे रहे हैं। गोविंद सिंह गुरुदत्ता, तेज प्रकाश नेमा, प्रशांत परमार, कमलेश महेश्वरी ने बताया कि देश में इस समय कोरोना वायरस ने हाहाकार मचा रखा है जिसके चलते मानव जाति संकट के दौर से गुजर रही है। संकट की घड़ी में कई लोगों को रोजी रोटी का संकट भी आ गया है। ऐसे जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए हमारी अन्न सेवा समिति कर रही है।
देश में कोरोना वायरस के दौरान हुए लॉकडाउन के चलते सब कुछ बंद पड़ा है। ऐसे में महिलाओं को रोजगार देने और देश को कोरोना वायरस से बचाने के लिए जीवन शक्ति योजना की शुरूआत की गई है।
योजना जानकारी देते हुए नगरपालिका में प्रशासक के रूप में प्रभारी एसडीएम अंजू अरुण कुमार ने कहा की योजना से जो शहरी महिलाएं काम न होने की वजह से घर पर खाली बैठी थी वह अब इस दौरान अच्छी आय अर्जित कर पाएंगी। साथ ही इसके जरिए वह कोरोना वायरस से चल रही लड़ाई में भी अपनी भागीदारी दे पाएंगी। योजना में सरकार महिलाओं को मास्क बनाने का काम सौंप रही है। इसके बाद सरकार महिलाओं से 11 रुपए प्रति मास्क खरीद कर जनता तक पहुंचाने का काम करेगी।
सीएमओ नीरज श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि आवेदन करने के लिए पात्रता एवं दिशा निर्देश आवेदन करने वाली महिलाएं शहरी क्षेत्र की होनी जरूरी है। आधार कार्ड पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर होना अनिवार्य है। आवेदक एक महीन में कितने मास्क बनाने की क्षमता रखती है, यह बताना जरूरी होगा। एक बार में कम से कम 200 मास्क के आर्डर को पूरा करना होगा। मास्क बनाने के लिए महिलाओं को सूती कपड़े का इस्तेमाल करना होगा। सरकार तक मास्क पहुंचने के बाद ही रुपए महिला उद्यमियों के खातों में भेजा जाएगा। एक मास्क के लिए सरकार महिला उद्यमियों को 11 रुपए देगी। मध्य प्रदेश जीवन शक्ति योजना के लिए लगने वाले दस्तावेज आवेदक के पास आधार कार्ड होना अनिवार्य है। मोबाइल नंबर की आवश्यकता होगी। स्थानीय निवासी होने का प्रमाण पत्र बैंक खाते की पूरी जानकारी देना होगी।
कॉल सेंटर में रजिस्ट्रेशन कराना होगा: इस पूरी योजना को संचालित कर रहे नोडल अधिकारी आदित्य तिलंकर ने बताया कि मास्क बनाने की इच्छुक महिलाओं को उनके टेलीफोन अथवा मोबाइल फोन के माध्यम से कॉल सेंटर नंबर 0755-2700800 पर कॉल कर अपना पंजीयन कराना होगा। पंजीयन के बाद उन्हें मोबाइल पर ही मास्क बनाने का ऑर्डर मिल जाएगा। एक बार में उन्हें कम से कम 200 मास्क बनाने
का आर्डर मिलेगा।
दिल्ली से गल्ला मंडी इछावर आए ट्रक ड्राइवर को रात में ही प्रशासनिक अधिकारियों व पुलिस ने पूछताछ के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में क्वारेंटाइन कर दिया है। वहीं सैंपल जांच के लिए भेज दिया है।
दिल्ली से गल्ला मंडी के व्यापारी का अनाज भरने के लिए आए ट्रक कंडक्टर को ग्वालियर में जांच के बाद कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। उसे छोड़कर ड्राइवर इछावर आ गया। इसकी सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी हरकत में आए। इसके बाद मंडी व्यापारी और ट्रक ड्राइवर को क्वारेंटाइन कर दिया है। वहीं मंडी परिसर सहित ट्रक को सैनिटाइज किया गया। मंगलवार की रात्रि में एक ट्रक दिल्ली से इछावर आया था। रात को ड्राइवर मंडी में ट्रक कर खड़ा करके सो गया। इस बीच प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना मिली एक ट्रक जो कि दिल्ली से चला है। वह इछावर मंडी पहुंचा है। इसका क्लीनर कोरोना पॉजिटिव निकला था। इसके बाद एसडीएम प्रगति वर्मा, तहसीलदार राजेंद्र जैन, थाना प्रभारी मनीष राज रात में ही मंडी पहुंचे और ट्रक में सो रहे ड्राइवर से पूछताछ की व उसे जांच के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के क्वारेंटाइन वार्ड में भर्ती किया गया है। वहीं इसका सैंपल जांच के लिए भेजा गया है।
जिस व्यापारी के यहां पर ट्रक ड्राइवर माल भरने के लिए आया था उनको भी क्वारेंटाइन कर दिया गया है। वहीं पूरे मंडी प्रांगण व्यापारी के ऑफिस सैनिटाइज किया गया। इस संबंध में एसडीएम प्रगति वर्मा ने बताया कि एहतियात के तौर पर दिल्ली से आए ट्रक ड्राइवर को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। वही मंडी में
सैनिटाइज किया गया है।
नवनिर्मित रिंग रोड पर अमाछार गांव के पास बेतवा के नए पुल का निर्माण कार्य चालू हो गया है। 150 मीटर लंबे इस पुल का निर्माण कार्य 12 करोड़ की लागत से पूरा होगा। पुल निर्माण के लिए मिट्टी टेस्टिंग का काम चालू कर दिया गया है। पिलर बनाने के लिए जेसीबी मशीन से 40 फीट गहरे गड्ढे किए जा रहे हैं। बेतवा पर पुल नहीं होने से पिछले 1 साल से रिंग रोड से आवागमन ठप पड़ा हुआ है ।
लोक निर्माण विभाग ने 23 करोड़ की लागत से 2 साल पहले 10 किमी लंबे रिंग रोड का निर्माण शुरू किया था। रिंग रोड बन जाने के बाद भी बेतवा पर पुल नहीं होने से वाहन चालक ढोलखेड़ी चौराहा तक नहीं पहुंच पा रहे है। इस मामले में कलेक्टर डॉक्टर पंकज जैन ने मौके का निरीक्षण कर सेतु निगम के अधिकारियों से पुल का निर्माण कार्य तुरंत चालू करने को कहा था । इसके बाद 3 दिन पहले ही पुल बनाने के लिए मिट्टी परीक्षण का कार्य शुरू कर दिया गया । पिलर भी खोदे जा रहे हैं। पुल बन जाने से जल्द ही लोगों को आवागमन की सुविधा मिल सकेगी। इसके अलावा उदयगिरि के पास बेस नदी पर भी नए पुल का निर्माण पूरा हो चुका है । इस पर एप्रोच रोड बनाई जा रही है।
12 करोड़ रुपए आएगी नए पुल की लागत
इस संबंध में सेतु निगम भोपाल के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर जेके तिवारी ने बताया कि रिंग रोड पर बन रहे इस नए पुल की लागत 12 करोड़ रुपए आएगी। पुल निर्माण के लिए मिट्टी का परीक्षण शुरू कर दिया गया है। इसके बाद ड्राइंग डिजाइन तैयार की जाएगी । नए ब्रिज का निर्माण ग्राम सौराई की ओर से शुरू किया गया है।
150 मीटर होगी पुल की लंबाई
बेतवा के नए पुल की लंबाई 150 मीटर होगी तथा उसकी चौड़ाई 10 मीटर रहेगी। पुल के दोनों ओर 200- 200 मीटर की एप्रोच रोड बनाई जाएगी।
जमीन अधिग्रहण का मामला सुलझा
मध्य प्रदेश सेतु निगम भोपाल के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर जेके तिवारी ने बताया कि बेतवा के नए पुल के निर्माण में जमीन अधिग्रहण का मामला उलझा हुआ था। शासन के नियमों के मुताबिक पुल के निर्माण में 5 किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है। सभी किसानों को नियमानुसार मुआवजा राशि का वितरण भी कर दिया गया है। इससे अब नए पुल के निर्माण में कोई बाधा नहीं रहेगी। दोनों ओर एप्रोच रोड का निर्माण भी किया जाएगा। जिसके बन जाने से आने-जाने वालों को सुविधा मिलना शुरू हो जाएगी।
12 से अधिक गांवों को मिलेगी आवागमन की सुविधा
रिंग रोड पर बेतवा नदी का नया पुल बन जाने के बाद विदिशा में सागर रोड से अशोकनगर और गुना की ओर जाने वाले वाहनों को 10 किमी का लंबा चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा । वाहन चालक ओलंपस स्कूल के सामने से ग्राम सौराई और ढोलखेड़ी होते हुए सीधे अशोक नगर रोड पर पहुंच सकेंगे। इससे 10 किमी का चक्कर बच जाएगा। आसपास के 12 से अधिक गांवों के लोगों को विदिशा आवागमन में सुविधा मिल जाएगी।
विदिशा में भी रंगई के पुल की मिलेगी सौगात
बेतवा नदी पर रंगई के पास नए पुल का निर्माण कार्य 50 फीसदी से ज्यादा हो चुका है । इस साल यह पुल बनकर तैयार हो जाएगा। इस पुल के चालू हो जाने से विदिशा और भोपाल के बीच आवागमन की समस्या नहीं रहेगी। यहां बेतवा का 150 साल पुराना पुल जर्जर हो चुका है। इस वजह से यहां कभी भी आवागमन प्रभावित हो सकता है। नया पुल बन जाने से राहत मिलेगी।
लॉकडाउन से निर्माण कार्य में लेबर की समस्या
मध्य प्रदेश सेतु निगम के ईई जेके तिवारी ने बताया कि लॉक डाउन के कारण नए पुल के निर्माण में लेबर की समस्या आ रही है। स्थानीय स्तर पर तथा बाहर से भी लेबर काइंतजाम करना काफी मुश्किल साबित हो रहा है।
बेस नदी का पुल तैयार बारिश से पहले चालू करेंगे ट्रैफिक
विदिशा के पास उदयगिरी और ढोल खेड़ी चौराहे के बीच करीब 15 करोड़ रुपए की लागत से बेस नदी का नया पुल तैयार हो गया है। बारिश से पहले आवागमन शुरू कर दिया जाएगा। यहां भी किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। सभी 6 किसानोंको मुआवजा राशि का वितरणशासन के नियमों के मुताबिक कर दिया गया है।
मंडी बोर्ड ने निजी मंडी परिसर को मूल मंडी/उपमंडी परिसर के साथ रखकर निजी कंपनी, एसोसिएशन को लाइसेंस जारी कर एक निश्चित क्षेत्र में व्यापार करने के लिए अध्यादेश जारी किया है।
प्रदेश में पूंजीवादी प्रथा को बढ़ावा देने के विरोध में एवं मप्र की मंडियों में कार्यरत आर्थिक रूप से कमजोर हम्माल, तुलावटियों के पास अपनी आजीविका का और कोई साधन नहीं है, वह बेरोजगार हो जाएंगे। इस अध्यादेश के विराेध में मंडी कर्मचारियों ने तहसील परिसर में बुधवार को 6 मई को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम संबोधित ज्ञापन एसडीएम प्रथम कौशिक को दिया। मंडी बोर्ड कर्मचारी संघ के प्रांतीय सचिव राजेश खरे के साथ कर्मचारियों ने ज्ञापन में मंडी कर्मचारियों ने संशोधित अध्यादेश को वापस लेने की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी कि यह अध्यादेश वापस नहीं लिया गया, तो मजबूरन हड़ताल एवं आंदोलन किया जाएगा। इसके बाद मुख्यमंत्री राहत कोष में 15 हजार 490 रुपए का चेक एसडीएम प्रथम कौशिक को सौंपा गया। इस अवसर पर मंडी समिति सचिव बीएस राजपूत, महेंद्रसिंह बैस लेखापाल, हरिसिंह टांक मौजूद रहे।