रंका के गढ़देवी मोहल्ले में शुक्रवार को पुराने घर की छत को तोड़ने के दौरान मलबे में दबकर दो मजदूरों की मौत हो गई। मृतकों में मुरारी राम (30) और नाबालिग भाेलू चंद्रवंशी (14) शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, भागवत दास अपने पुराने मकान की छत तुड़वा कर नए सिरे से ढलाई कराना चाह रहे थे। इस काम में वे मुहल्ले के ही मुरारी राम और भोलू चंद्रवंशी को लगाया था। अचानक छत टूटकर गिर गई, जिसकी चपेट में दोनों आ गए। लोगों ने जैक लगाकर उन्हें बाहर निकाला और 108 एंबुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजवाया। वहां चिकित्सकों ने दोनों को मृत बताया।
घटना की जानकारी मिलने के बाद रंका पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जानकारी ली। साथ ही नाबालिग से काम कराने के मामले की जांच शुरू कर दी है। इधर, सीओ निशांत अंबर ने कहा कि प्रभावित परिवारों को प्रावधान के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा।
सदर थाना पुलिस ने थाना क्षेत्र के चेतमा गांव से 20 किलो 500 ग्राम अफीम व 20 किलो डोडा के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार तस्कर कैलाश गंझू चेतमा गांव का ही रहने वाला है। कुंदा से 8 किलो अफीम के साथ एक व्यक्ति को पुलिस ने पकड़ा है। गीले अफीम की बाजार की कीमत साढ़े पांच लाख रुपए है। शुक्रवार को सदर थाना में आयोजित प्रेस वार्ता में एसडीपीओ वरुण रजक ने बताया कि एसपी ऋषभ कुमार झा को सूचना प्राप्त हुई थी कि थाना क्षेत्र के चेतमा में रामलाल गंझू व कैलाश गंझू के घर में काफी मात्रा में अफीम व डोडा रखा है। सूचना पर एक टीम का गठन किया गया। गठित टीम में सदर थाना प्रभारी प्रमोद कुमार पांडेय, पुअनि अनिल कुमार, प्रकाश सेठ, विद्यानंद शर्मा, हवलदार पप्पू कुमार यादव, रामदेव यादव, आरक्षी श्याम सुंदर पासवान व अजय कुमार को शामिल किया गया। टीम में शामिल अधिकारी व जवान शुक्रवार की सुबह चेतमा गांव पहुंचे और कैलाश गंझू व रामलाल गंझू के घर में छापेमारी किया।
झारखंड में शुक्रवार की देर रात 22 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। इनमें से गढ़वाके 20 व कोडरमा से दो लोग शामिल है। अब राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 155 हो चुकी है। इधर,झारखंड में शुक्रवार को चार ट्रेनों से 4845लोग अलग-अलग जिलों में पहुंचे। सभी को ट्रेन से लाए जाने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए बसों से घर भेज दिया गया है। साथ ही उन्हें 14 दिन के होम क्वारैंटाइन में रहने को कहा गया है। चार ट्रेनों में से तीन में3645 श्रमिक गुजरात के मोरवी से कोल्हान (पूर्वी सिंहभूम-पश्चिमी सिंहभूम-सरायकेला खरसावां), गुजरात के सूरत सेजसीडीहऔर तेलंगाना के लिंगमपल्ली से धनबाद जबकि 1200 मरीज और वेल्लोर से रांची पहुंचे पहुंचे।
मुंबई से लौटे युवक में कोरोना संक्रमण की पुष्टि
मुंबई में कोरोना जांच के लिए सैंपल देकर रांची लौटे युवक में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। युवक को मुंबई से फोन पर उसके कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी दी गई। इसके बाद युवक ने रांची पुलिस को फोन किया और खुद के कोरोना संक्रमित होने की बात बताई। इसके बाद पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम युवक को रिम्स लेकर पहुंची जहां उसे कोविड-19 सेंटर में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।
वहीं गढ़वा में मिले तीन कोरोना संक्रमितों की तीसरी रिपोर्ट निगेटिव आई है। तीनों में से दो मरीजों को शुक्रवार दोपहर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई जबकि एक मरीज को किडनी की दिक्कत के कारण रांची के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
शुक्रवार को सबसे पहलेवेल्लौर स्टेशन से हटिया के लिए खुली श्रमिक स्पेशल ट्रेन पहुंची। 1200 मरीजों और उनके परिजनों को लेकर ट्रेन बुधवार की रात 10 बजे वेल्लौर स्टेशन से खुली थी। मरीजों और उनके परिजनों के हटिया स्टेशन पहुंचने के बाद उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर उन्हें बाहर निकाला गया। फिर उनकी स्क्रीनिंग कर एंबुलेंस और बसों के जरिए घरों की ओर भेजा गया। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी को एतिहात के तौर पर होम क्वारैंटाइन में रहने को कहा गया है।
वहीं दूसरी ट्रेन तेलंगाना के लिंगमपल्ली से 1250 प्रवासी श्रमिकों लेकर शुक्रवार को दिन के 12:30 बजे धनबाद पहुंची। उपायुक्त ने बताया- लिंगमपल्ली से आने वाली ट्रेन में गिरिडीह के 1197, हजारीबाग के 34 तथा धनबाद के 19 समेत कुल 1250 श्रमिक शामिल हैं। सभी को कोरोना संक्रमण से बचाव के तमाम नियमों को अपनाकर बसों तक पहुंचाया गया और फिर बसों के जरिए उनके घरों के लिए भेज दिया गया।वहीं तीसरी ट्रेनगुजरात के मोरवी से कोल्हान के 1187 मजदूरों को लेकर दोपहर करीब 3 बजेटाटानगर स्टेशन पहुंची। यहां से सभी की स्क्रीनिंग करकेबसों के जरिए घरों की ओर रवाना कर दिया गया। जबकि चौथी ट्रेन गुजरात के सूरत से 1208 श्रमिकों को लेकर देवघर के जसीडीह स्टेशन पहुंची।
राजधानी रांची में अकेले 94 कोरोना संक्रमण का मामला अब तक सामने आ चुका है। वहीं कोरोना संक्रमित चार मरीजों की अब तक मौत हो चुकी है जबकि राज्य के विभिन्न जिलों के केविड-19 सेंटर से 49 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं। वायरस का संक्रमण राज्य के 12 यानी 50 फीसदी जिलों में पहुंच चुका है।
पॉजिटिव पाई गई रिम्स की नर्स के साथ क्वारैंटाइन में रहीं 15 अन्य नर्सों का भी शुक्रवार को सैंपल लिया जाएगा। रिम्स निदेशक डॉक्टर डीके सिंह ने बताया कि होटल के कर्मचारी तक की ट्रेसिंग की जा रही है। उधर, गुरुवार को आई कोरोना जांच रिपोर्ट के आधार पर पांच लोगों में संक्रमण की पुष्टि की गई। पांचों ही पलामू के रहने वाले हैं। इनमें से मनातू व नौडीहा से दो-दो और पाटन की एक महिला शामिल है। बताया जा रहा है कि ये सभी छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के बैकुंठपुर में क्वारैंटाइन सेंटर में थे, जहां से भागकर पलामू पहुंचे थे। पुलिस ने इन्हें 5 दिन पहले पकड़ा था और सरकारी क्वारैंटाइन सेंटर में रखा था।
कोरोना अपडेट्स
राज्य में कुल 155संक्रमित: रांची के 94, बोकारो 10, देवघर 04, पलामू 08, हजारीबाग में 3, गढ़वा में 23, कोडरमा,धनबाद-गिरिडीह-सिमडेगा-जामताड़ा-दुमका में 2-2 और गोड्डा में 1 मरीज में कोरोनावायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है।
राज्य में अब तक 04 की मौत: रांची में तीन जबकि बोकारो के एक मरीज की मौत हो चुकी है।
राज्य में स्वस्थ्य हुए 49 मरीज: रांची में 27, बोकारो में 9, धनबाद में दो, हजारीबाग में तीन, देवघर में दो, गिरिडीह में दो, सिमडेगा में दो जबकि राज्य के अन्य जिलों से संक्रमित मरीजों में 02 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।
मुंबई से एक ही टैक्सी से झारखंड और बिहार लौटने वाले तीन दोस्तों की कोरोना जांच रिपोर्ट शुक्रवार को आई और वे पॉजिटिव पाए गए। इन तीनों में से एक युवक गिरिडीह जिले के गांवा थाना क्षेत्र के भेलवा गांव का निवासी है। इसकी उम्र 32 साल है। इसके अलावा अन्य दो युवक बिहार के दरभंगा के रहने वाले हैं।
युवक ने बताया कि वह और उसके दोनों दोस्त मुंबई के एक प्रिंटिंग प्रेस में काम करते हैं। 4 मई को उन्होंने एक साथ जांच के लिए सैंपल दिया। 6 में को घर जाने के लिए उन्हें पास मिला। तीनों दोस्त एक टैक्सी बुक कर ड्राइवर के साथ 6 मई को मुंबई से रवाना हो गए। इस बीच उनकी रिपोर्ट नहीं आयी। 8 मई को वह रांची पहुंचा। उसके दोनों दोस्त उसे बहु बाजार में छोड़ बिहार के लिए निकल गए। शाम 6 बजे उसके ईमेल के जरिए कोरोना जांच की रिपोर्ट मिली जिसमें उसे पॉजिटिव बताया गया था।
इसके बाद युवक ने खुद 1950 पर फोन कर इसकी जानकारी दी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची और उसे रिम्स के कोविड-19 लाई और इलाज के लिए भर्ती किया गया। इस बीच स्वास्थ्य विभाग और पुलिस प्रशासन ने युवक से इसके दोनों दोस्तों का फोन नंबर लिया। उन दोनों को कॉन्टैक्ट करने की कोशिश की, लेकिन उन दोनों का फोन स्वीच ऑफ बता रहा है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को एक बार फिर स्पष्ट किया कि झारखंड में लॉकडाउन में छूट का निर्णय समय, परिस्थिति और संक्रमण की स्थिति पर निर्भर करेगा। समय अने पर इसका आकलन करने के बाद ही सरकार इस बारे में निर्णय करेगी कि लॉकडाउन किन क्षेत्रों में किस रूप में कब तक चलेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने पहले भी कहा है कि प्रवासियों के आने के बाद चुनौतियां बढ़ेंगी। संक्रमितों की संख्या में भी थोड़ी वृद्धि हुई है। शासन-प्रशासन का पूरे मामले पर सजग है। आनेवाले प्रवासियों को उनके गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचा देने के बाद ही सरकार सिद्दत के साथ सारे विषयों पर निर्णय लेगी। मुख्यमंत्री शुक्रवार को प्रोजेक्ट भवन से निकलते समय मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने बताया कि 12 मई तक गुजरात, पंजाब, आध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पंजाब सहित कई अन्य राज्यों से लोग ट्रेन से आएंगे।
प्रवासियों के आने का सिलसिला कब तक जारी रहेगा के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल आने का ही सवाल नहीं है। झारखंड में फंसे लोगों को उनके गृह राज्य भेजने की भी व्यवस्था करनी है। अब तक 5.5 लाख लोगों ने आने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है। झारखंड के नोडल अधिकारियों को यह सूची उपलब्ध करा दी गई है। अब वह दूसरे राज्यों के नोडल अधिकारियों के साथ संपर्क स्थापित कर उन्हें लाने की व्यवस्था कराएंगे। कब तक लाया जाएगा के सवाल पर सीएम ने कहा कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर योजनावद्ध तरीके से काम कर रही है।
केंद्र सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार जिस ट्रेन में 5000 लोग आसकते थे, 1000-1200 ही आरहे हैं। इसलिए इसमें थोड़ा वक्त लग रहा है। वह झारखंड के प्रवासियों से आग्रह करेंगे कि थोड़ा और धैर्य रखें, उन्हें सरकार घर तक सुरक्षित पहुंचाएगी। उन्होंने कहा कि लोग उतावलापन में पैदल चले आरहे हैं। पटरियों पर चल रहे हैं। इसमें कई तरह की घटनाएं भी हो गई हैं जो मर्माहत करती है। इसलिए वह उनसे जहां हैं, वहीं रहने का आग्रह भी कर रहे हैं।
कोरोनावायरस संक्रमण के डर से हरिहरगंज नगर पंचायत के सियरभुका गांव में शुक्रवार को दिल्ली से अपने घर आए एक ही परिवार के 9 लोगों को ग्रामीणों ने गांव में घुसने से रोक दिया। करीब 8 घंटे बाद बीडीओ हरिशंकर बारीक तथा पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी दीपक कुमार के प्रयास से सभी को होम क्वारैंटाइन कराया गया। इस दौरान दिल्ली से आया परिवार गांव के बाहर ही खड़ा रहा।
मालूम हो कि दिल्ली से प्रमोद साव दो ऑटो पर सवार होकर अपने भतीजा सनोज कुमार, अक्षय कुमार, रूबी कुमारी, रानी कुमारी, भाई श्रवण साव, अपनी बहु तथा दो बच्चों के साथ घर के लिए चला था। लगभग 36 घंटे की यात्रा करने के बाद शुक्रवार की सुबह करीब 10 बजे वह हरिहरगंज अंतरराज्यीय सीमा पर पहुंचे।
यहां उन सभी का स्वस्थ्य परिक्षण के बाद होम क्वारैंटाइन की सलाह दी गई। पर कोरोना संक्रमण के डर से ग्रामीणों नेउन्हें गांव में घुसने से ही रोक दिया। सूचना मिलने के बाद प्रशासन व पुलिस गांव पहुंची और ग्रामीणों को समझाया। इसके बाद करीब 8 घंटे की मशक्कत के बाद परिवार को उनके घर में होम क्वारैंटाइन कराया जा सका। साथ ही 14 दिनों तक घर सेेे बाहर नहीं निकलने तथा ग्रामीणों के साथ कोई संपर्क नहीं रखने की हिदायत दी गई।
लॉकडाउन फेज 3 में भी रांची समेत आसपास के क्षेत्रों में अभी भी सोशल डिस्टेंस का पालन करते लोग नजर नहीं आ रहे हैं। रांची में अब तक कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 94 हो चुकी है। नगर निगम की ओर से हर वार्ड को सैनिटाइज किया जा रहा है। इधर, वेल्लौर से शुक्रवार को एक स्पेशल ट्रेन हटिया रेलवे स्टेशन पहुंची। इस ट्रेन में वैसे मरीजों की संख्या ज्यादा रही, जो वेल्लोर में विभिन्न बीमारियों का इलाज कराने गए थे। पर लॉकडाउन होने की वजह से वहां फंस गए थे।वहीं, हटिया रेलवे स्टेशन पर कई एंबुलेंस भी तैनात किए गए थे। सभी की स्क्रीनिंग के बाद ही उन्हें घर भेजा गया। दूसरे जिले में लोगों को भेजने के लिए प्रशासन ने बस की व्यवस्था कर रखी थी।
वेल्लाैर स्टेशन से हटिया के लिए खुली श्रमिक स्पेशल ट्रेन का पूरा पैसा झारखंड सरकार से लेने के बाद ही रेलवे ने ट्रेन को रवाना किया। यात्री विशाल ने बताया कि स्टेशन पर सभी यात्रियाें काे टिकट दिया गया, जिसका पैसा नहीं लिया गया। परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि रेलवे ने पैसा लेने के बाद ही ट्रेन का परिचालन शुरू किया। प्रति टिकट 695 रुपए के हिसाब से 8 लाख 34 हजार रेलवे को किराया के मद में दिया गया है। ज्ञात हाे कि झारखंड के हजारों मरीज वेल्लाैर में फंसे हुए हैं। नोडल अधिकारी अविनाश कुमार ने इसकी पहल की।
इधर, लॉकडाउन के बावजूद लोग सड़कों पर निकल रहे हैं। शहर में वाहनों का मूवमेंट बढ़ गया है। काफी लोग आना-जाना कर रहे हैं। पुलिस भी इक्के दुक्के लोगों को ही रोककर पूछताछ कर रही हैं। पुलिस की सख्ती नहीं दिखाने का असर शहर के प्रमुख सड़कों पर दिख रहा है।
किसी भी जिले के रेड जोन से राजधानी आने वाले व्यक्ति की स्वाबिंग अनिवार्य
वहीं, रांची जिला में प्रवेश करने वाले बाहरी जिला और अन्य राज्य से आने वाले लोगों के लिए कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन सख्ती से कराने की तैयारी जिला प्रशासन ने की है। जो लोग रेड जोन से आएंगे, उनकी स्वाबिंग की जानी अनिवार्य होगी। स्वाबिंग के पश्चात उन्हें क्वाॅरेंटाइन किया जाएगा। डीसी राय महिमापत रे ने सभी प्रतिनियुक्त पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करना सुनिश्चित करेंगे। अन्य प्रदेशों के रेड जोन से ट्रेन से आने वाले सभी लोगों को क्वाॅरेंटाइन कराने के नियम का पालन हर हाल में कराएं। ग्रीन और ऑरेंज जोन जिलों से आने वाले लोगों को शेल्टर होम में रखा जाएगा। इसकी जिम्मेदारी अपर समाहर्ता, जिला मत्स्य पदाधिकारी और जिला कल्याण पदाधिकारी को दी गई है।
राज्य में पान पराग, रजनीगंधा, विमल समेत 11 ब्रांड के पान मसालों की बिक्री पर अगले एक साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव सह राज्य के खाद्य संरक्षा आयुक्त डॉ. नितिन कुलकर्णी की ओर से आदेश जारी किया गया है। पिछले साल राज्य में इन पान मसालों के 41 सैंपल जांचे गए थे। जांच में अधिकांश पान मसालों में खतरनाक मैग्निशियम कार्बोनेट रसायन पाया गया है।
रिपोर्ट में पता चला कि पान मसाले का टेस्ट तीखा करने के लिए मसाले में मैग्नीशियम कार्बोनेट मिलाए गए हैं, जिससे एक्यूट हाइपर और हार्ट अटैक होने की संभावना रहती है। जांच रिपोर्ट के आधार पर स्वास्थ्य सचिव ने इन पान मसालों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रतिबंध के दौरान इन पान मसालों की बिक्री, भंडारण और इस्तेमाल करते हुए पकड़े जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बताते चलें कि राज्य में गुटखा (तंबाकू युक्त पान मसाला) पर पहले से ही प्रतिबंध है।
इन ब्रांड के पान मसालों पर प्रतिबंध
पान पराग पान मसाला, शिखर, रजनीगंधा, दिलरूबा, राज निवास, मुसाफिर, मधु, विमल, बहार, सेहत, पान पराग प्रीमियम
झारखंड में 38.9 प्रतिशत लोग करते हैं तंबाकू का सेवन
सर्वे में झारखंड में तम्बाकू सेवन करने वाले लोगों का प्रतिशत 38.9% है। जिसमें चबानेवाले तम्बाकू सेवन करने वालों का प्रतिशत 34.5% है, जो राष्ट्रीय औषत से बहुत ज्यादा है। सरकार द्वारा यदि पान मसाला के प्रतिबंध को राज्य में सही ढंग से लागू किया जाएगा तो सूबे में तम्बाकू सेवन करने वालों के प्रतिशत में और कमी आएगी।
रामगढ़-रांची फोरलेन के चुटूपालू घाटी में शुक्रवार को चावल लदा ट्रक अनियंत्रित होकर पलट गया। ट्रक में दबने से सवार एक व्यक्ति की मौत हो गई। जबकि, खलासी और अन्य एक व्यक्ति घायल हो गया। वहीं, दुर्घटना के बाद चालक फरार हो गया। गश्ती पुलिस ने तत्काल दो घायल को इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचाया। यहां, प्राथमिक इलाज के बाद एक व्यक्ति को रिम्स रांची रेफर कर दिया गया। इधर, पुलिस ने दुर्घटनाग्रस्त ट्रक को क्रेन से हटाया और सड़क पर बिखरे चावल की बोरियों को एकत्रित कर सुरक्षित रखवाया।
जानकारी के अनुसार शुक्रवार की सुबह करीब 6.30 बजे जमशेदपुर से चावल लदा ट्रक बिहार के बिहारशरीफ जा रहा था। इस बीच चुटूपालू घाटी के गंडके मोड़ के पास ट्रक अनियंत्रित होकर पलट गया और ट्रक चालक, खलासी व सवार अन्य दो लोग घायल हो गए।
रामगढ़ थाना के पुलिस अधिकारी बेंजामिन पूर्ति व सशस्त्र पुलिस बलों ने ट्रक के केबिन में दबे नवादा के काउवकौल के महुडार गांव निवासी कैलाश पांडेय 50 वर्ष को मशक्कत कर बाहर निकाला और सदर अस्पताल में भर्ती कराया। यहां, इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। जबकि, घायल खलासी नलांदा निवासी उमेश सिंह और अन्य एक व्यक्ति का इलाज किया गया। डॉक्टरों ने घायल व्यक्ति को बेहतर इलाज के लिए रांची रेफर कर दिया। इधर, चालक फरार हो गया। पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमाॅर्टम कराया।
प्रखंड मुख्यालय रंका स्थित गढ़देवी मोहल्ला में पुराने घर की छत को तोड़ने के दौरान मलबा में दबकर नाबालिग सहित दो मजदूरों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। घटना शुक्रवार की दोपहर की है। मृतकों में भोलू चंद्रवंशी (14वर्ष) तथा मुरारी राम (30वर्ष) शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार, दोनों मजदूर रंका के गढ़देवी मोहल्ला निवासी भागवत दास के पुराने मकान के छत को तोड़ रहे थे। इसी बीच छत के नीचे दबने से दोनों मजदूरों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। घटना के संबंध में बताया गया कि भागवत दास अपने पुराने पक्के घर की छत को तोड़ कर नए सिरे से ढ़लाई कराना चाह रहे थे। वे पास के मुरारी राम पिता स्वर्गीय रामचंद्र राम और भोलू चंद्रवंशी को छत तोड़ने के लिए लगाया था। इसी बीच छत के टूटकर गिरने समय दोनों मजदूर टूटे छत की चपेट में आकर दब गए। दोनों मजदूरों के छत के नीचे दबने के बाद आसपास के लोगों के द्वारा जैक लगाकर किसी तरह उन्हें बाहर निकाला गया।
इसके बाद आसपास के लोगों ने 108 एंबुलेंस से दोनों घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रंका ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। बाद में रंका पुलिस के द्वारा शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए गढ़वा भेज दिया गया है। पुलिस ने नाबालिग मजदूर से कार्य कराने के मामले को जांच का विषय बताया है।
इधर, इस संबंध में रंका के सीओ सह प्रभारी प्रखंड विकास पदाधिकारी निशात अंबर ने कहा कि दोनों मृतक मजदूरों के परिजनों को पारिवारिक लाभ के तहत लाभ दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने और भी कोई प्रावधान होगा तो इससे भी पीड़ित परिवार को लाभान्वित कराया जाएगा।
लॉकडाउन में परिवहन सेवा पूरी तरह बंद कर दी गई है। इसका जबरदस्त असर ऑटो चालकों पर पड़ा है। ऑटो चालकों की सहायता की मांग को लेकर छोटानागपुर ऑटो चालक संघ के अध्यक्ष शमीम अख्तर सहित अन्य पदाधिकारियों ने शुक्रवार को अपने-अपने आवास पर अनशन किया। उन्होंने सरकार से मांग की है कि जिस तरह कर्नाटक सरकार ने ऑटो चालकों को 5000 रुपए प्रति माह सहित राहत सामग्री देने का निर्णय लिया है, उसी तरह झारखंड में भी सरकार ऑटो चालकों को राहत पहुंचाएं।
बताते चलें कि राजधानी रांची में 8000 से अधिक चालक ऐसे हैं, जो ऑटो चलाकर ही गुजर बसर करते हैं। अब उनके सामने भूखमरी की स्थिति आ गई है। क्योंकि अभी तक जो भी जमा पूंजी थी उससे वह भोजन पानी की व्यवस्था कर रहे थे, लेकिन अब पैसे भी खत्म हो गए हैं।
शमीम अख्तर ने रांची के विधायक-सांसद के प्रति भी नाराजगी जताई। कहा कि इस संकट की घड़ी में कोई भी जनप्रतिनिधि ऑटो चालकों की सुध लेने नहीं पहुंचा। जबकि दिनोंदिन ऑटो चालकों की स्थिति खराब होती जा रही है। उन्होंने कहा कि जल्द ही ऑटो चालकों को राहत नहीं मिली तो सड़क पर उतरने को विवश हो जाएंगे।
राजधानी रांची में कोरोनावायरस का हॉटस्पॉट हिंदपीढ़ी में नालियों की सफाई व कूड़ा उठाने डर से काफी कम सफाईकर्मी पहुंच रहे थे। इसे देखते हुए नगर निगम ने सभी कर्मचारियों को पीपीई किट उपलब्ध कराया। इसके बाद शुक्रवार को तीखी धूप में भी सभी सफाईकर्मियों नेपीपीई किट से लैस होकर हिंदपीढ़ी के नाला रोड सहित ग्वाला टोली रोड, निजाम नगर, सेंट्रल स्ट्रीट थर्ड स्ट्रीट में नालियों की सफाई की।
सफाई कर्मियों ने नालियों में लंबे समय से जमा कूड़ा को निकाला ताकि बरसात का पानी सड़कों पर नहीं बहे। तीखी धूप में सफाईकर्मियों के इस प्रयास की स्थानीय लोगों ने जमकर सराहना की। लोगों ने उनका स्वागत भी किया। वार्ड नंबर 23 की पार्षद साजदा खातून ने इसके लिए सफाईकर्मियों के साथ नगर निगम की टीम का आभार जताया।
वार्ड पार्षदने कहा कि संकट की इस घड़ी में निगमकर्मियों द्वारा किए जा रहे कार्य की जितनी सराहना की जाए, वह कम है। इधर,निगम की दूसरी टीम ने हिंदपीढ़ी के विभिन्न मुहल्लों को सैनिटाइज किया। हिंदपीढ़ी के प्रत्येक मुहल्ले में स्थित घर की खिड़की दरवाजे और बाहरी क्षेत्र को सैनिटाइज किया गया। वहीं, मच्छर मारने वाली दवा का भी छिड़काव किया गया।
जिले के तीनों कोरोना संक्रमित मरीज की तीसरी रिपोर्ट निगेटिव आई है। तीनों में से एक मरीज के किडनी में समस्या थी,जिसके बाद उसे बेहतर इलाज के लिए रांची के अस्पताल में भर्ती कराया गया है जबकि दूसरे और तीसरे मरीज को अस्पताल से शुक्रवार कोछुट्टी दे दी गई है। इस अवसर पर सिविल सर्जन गढ़वा नंद किशोर रजक, बीडीओ मनोज कुमार तिवारी, सीओ यशवंत नायक सहित मेडिकल टीमने कोरोना से ठीक हुए दोनों बच्चों को पुष्पगुच्छ देकर तथा ताली बजाकर स्वागत किया और उन्हेंघर भेजा।
बता दें कि जिले का पहला कोरोना पॉजिटिव 22 अप्रैल को मिला था। इसके बाद उससे संबंधित लोगों का सैंपल जांच के लिए भेजा गया था। इनकी रिपोर्ट 26 अप्रैल को आयी थी। जिसमें दो और पॉजिटिव पाए गए थे। इसके बाद पॉजिटिव पाए गए लोगों से पहली व दूसरी बार संपर्क में आने वाले लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजा गया जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी।
पठान टोली और साई मोहल्ला के 116 घरों की हर दिन कराई जा रही है जांच
कोविड-19 को लेकर गढ़वा में मिले संक्रमित मरीज के बाद जिला प्रशासन द्वारा सील किए गए पठान टोली व साईं मोहल्ला के 116 घरों के लोगों को अभी कम से कम एक सप्ताह का और इंतजार करना पड़ेगा। पहला मरीज व उनके दो रिश्तेदारों की तीसरी रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। उम्मीद है कि कंटेनमेंट जोन व बफर जोन से पठान टोली व साईं मोहल्ला को मुक्त किया जा सकेगा। यहां के 116 घरों के लोगों की टेस्टिंग स्वास्थ्य विभाग द्वारा रोजाना की जा रही है। अभी तक कंटेनमेंट जोन से 43 लोगों का जांच के लिए सैंपल भेजा जा चुका है। जिसमें सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार लॉकडाउन में फंसे प्रवासी झारखंडवासियों को आश्वस्त करना चाहती है कि कुछ समय लगेगा लेकिन सभी को उनके घर अवश्य वापस लाया जाएगा। आपदा में सभी ने धीरज रखा, थोड़ा और धैर्य रखें। झारखंड सरकार अन्य राज्य की सरकारों से बात कर अधिक संख्या में ट्रेनों के परिचालन के लिए प्रयासरत है।
बताते चलें कि शु्क्रवार को भी दो ट्रेनें झारखंड पहुंची। एक ट्रेन लिंगमपल्ली से धनबाद तो दूसरी वेल्लौर से हटिया पहुंची। धनबाद पहुंचने वाली ट्रेन में श्रमिक व हटिया आने वाली ट्रेन में वैसे लोग शामिल थे, जो विभिन्न बीमारियों का इलाज कराने वेल्लौर गए थे पर लॉकडाउन की वजह से वहां फंस गए थे। झारखंड पहुंचने पर सभी लोगों ने सरकारी को धन्यवाद दिया।
रेल हादसे की खबर व्यथित करने वाली
इधर, मुख्यमंत्री ने औरंगाबाद रेल हादसे पर दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा घटना मन को व्यथित करने वाली है। परमात्मा दिवंगत लोगों की आत्मा को शांति प्रदान करें। यह दुःखद है। कोरोना और लॉकडाउन का सबसे बुरा असर गरीबों पर पड़ा है, जो दिनों दिन इसे झेलने को मजबूर हो रहें हैं।
झारखण्ड राज्य जनसेवक संघ जिला शाखा-सिमडेगा के द्वारा कोविड-19 के बचाव एवं रोकथाम हेतु जिला जनसेवक संघ की ओर से 33 हजार रुपए मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में दिया गया। संघ के जिलाध्यक्ष सेराफिनुस कुल्लू ने उपायुक्त मृत्युंजय कुमार बरणवाल को राशि सौंपा।
उपायुक्त ने सिमडेगा जिला जनसेवक संघ को कोविड-19 की महामारी में सहयोग की सराहना की। साथ ही अन्य पदाधिकारियों एवं सिमडेगा वासियों से अपील की कि अगर आप स्वेच्छा से सहायता देना चाहते है तो खाता नंबर 50100287517365, खाता का नाम - कोरोना सहायता कोष, सिमडेगा, आईएफएससी कोड - एच डी एफ सी 0002290, बैंक एचडीएफसी बैंक सिमडेगा में जमा कर सकते हैं।
जिले के दूसरे कोरोना संक्रमित 17 वर्षीय युवक को तीसरी रिपोर्ट भी कोरोना नेगेटिव आने के बाद उसे बीरू अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। युवक को 14 दिनों तक होम क्वारेंटाइन में रहने को कहा गया है। जिले में अबतक 337 लोगों के सैंपल कोरोना टेस्ट के लिये लिये जा चुके हैं जिसमें से 263 की रिपोर्ट आ चुकी है। 67 लोगों की रिपोर्ट आनी बाकी है। जिले में अन्य प्रदेशों से लोगों का लौटना जारी है। इनमें कुछ लोग ऐसे भी हैं जो रेड जोन के रूप में चिन्हित स्थानों से लौट रहे हैं। प्रशासन इसे लेकर खास सतर्क है और इनकी समुचित जांच के बाद ही क्वारेंटाइन सेंटर या होम क्वारेंटाइन में भेजा जा रहा है। जनता भी समझ रही है कि कोरोना का खतरा बहुत बड़ा है और लंबे समय तक सतर्कता और सोशल डिस्टेंसिंग की जरूरत होगी।
क्वारेंटाइन सेंटर में ठीक से भोजन नहीं मिलने की शिकायत : केरल से लौटे मजदूरों को जिला मुख्यालय के क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया है। इन लोगों ने अपने परिजनों को फोन करके बताया कि केंद्र में उन्हें भोजन की बहुत तकलीफ है। उन्हें सुबह से लेकर दोपहर 2 बजे तक भी खाने के लिये कुछ नहीं मिला है। कोनमेंजरा निवासी गोपाल महतो ने अपने घर फोन कर खाना पहुंचाने को कहा। गोपाल के भाई मदन ने कृषक बंधु संस्था के सचिव प्रभात कुमार को बताया कि भूख से व्याकुल गोपाल बात भी नहीं कर पा रहा था। ज्ञान महतो, दीपक महतो, गोपाल महतो, फिरन महतो, लकुल महतो, मनोज महतो, सुनिल कुजूर के परिजनों ने कहा कि वे लोग अपने परिजन को क्वारेंटाइन सेंटर में ठीक से भोजन नहीं मिलने को लेकर चिंतित हैं।
मजदूराें का पैदल व साइकिलों से लौटने का सिलसिला जारी
ओड़िसा की ओर से पैदल और साइकिल से मजदूरों का सिमडेगा होकर गुजरना जारी है। पैदल जा रहे लोगों की स्थिति दयनीय दिखी। भूखे प्यासे जा रहे इन लोगों को महाबीर चौक में आनंद जैन ने अपने साथियों के साथ जलपान कराया। उधर 23 मजदूर की टोली कोलेबिरा पहुंची। ये सभी मजदूर ओडिशा के झारसुगड़ा में काम करते थे। सभी मजदूर लॉकडाउन में लंबे समय से अपने घर लौटने को लेकर बेताब थे। इसी बीच इन मजदूरों को स्थानीय प्रशासन द्वारा जब मदद नही मिली तो उनका धैर्य टूट गया। इसके बाद ओडिशा से दिन-रात साइकिल चला कर ये मजदूर अपने घर के लिए निकल पड़े है। शुरुआती समय मे तो इन मजदूरों को लगा कि शायद घर पहुंच भी पाएंगे या नही, परंतु इन मजदूरों ने हिम्मत दिखाते हुए धीरे-धीरे कोलेबिरा तक पहुंच गए।
मजदूरों से पूछने पर उन्होंने बताया कि वे दो दिन पहले ओडिशा के झारसुगड़ा से निकले है एवं उन्हें बिहार के पटना जिला जाना है। मजदूरों ने बताया कि रोजगार नहीं रहने और खाने पीने का सामान खत्म होने के कारण वे लोग मजबूरन साइकिल से अपने घर के लिए निकले है। दूसरे दल में 12 लोग थे, इन सभी मजदूरों ने बताया कि ये सभी भी ओडिशा से निकले है एवं इन्हें झारखंड के गढ़वा जिला जाना है।
रांची से पहुंचे दंपती की रिपोर्ट निगेटिव
कोलेबिरा वासियों के लिए गुरुवार की रात राहत भरी खबर आई। रांची की आजाद बस्ती से स्कूटर से कोलेबिरा पहुंचे दंपती की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है। दंपति को उनके बच्चे के साथ आइसोलेशन में रखा गया था।
सिमडेगा में कोविड-19 कोरोना एक नजर में
भेजे गए कुल सैम्पल | 337 |
सैम्पल रिजेक्ट | 05 |
नेगेटिव | 263 |
पॉजिटिव | 02 |
रिपोर्ट पेंडिंग | 67 |
डिस्चार्ज | 02 |
क्वारंटाइन | 54 |
होम क्वारंटाइन | 416 |
झारखंड के 85 प्रवासी मजदूर तेलंगाना के रंगारेड्डी जिला के मिरचल नामक गांव में फंसे हुए है। इनमें 83 लोग गुमला और सिमडेगा जिला के रहने वाले हैं। इनमें से करीब 20 लोग सिमडेगा जिले के कोलेबिरा प्रखंड के रहने वाले है। रेंगारेड्डी जिले के प्रशासन द्वारा उन्हें अपने राज्य झारखंड रेल के माध्यम से भेजने के लिए एक जगह जमा कराया गया था तथा सभी मजदूरों को घर भेजने के लिए पास बनवाया गया था, परंतु बुधवार शाम उन्हें यह कहा कि अब उन्हें भेजने की कोई व्यवस्था नहीं है उनका पास रद्द हो चुका है।
तत्पश्चात सभी मजदूर जिन कंपनियों में काम करते थे उन कंपनियों में वापस लौट गए परंतु उन्हें कंपनियों ने वापस लेने से मना कर दिया। सभी मजदूर मजबूरन पैदल ही झारखंड के लिए निकल पड़े हैं। इनमें से एक व्यक्ति अजय कुमार जो सिमडेगा जिले के कोलेबिरा प्रखंड का रहने वाला है उसने फोन के माध्यम से यह जानकारी दी है कि सभी मजदूरों के पास पैसा भी खत्म हो गया है एवं खाने पीने में काफी परेशानी हो रही है। सभी मजदूरों ने झारखंड सरकार और जिला प्रशासन से झारखंड वापसी के लिए मदद की गुहार लगाई है ।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश काे गुरुवार सुबह हार्ट अटैक आया। परिजन और पार्टी कार्यकर्ता उन्हें लेकर रिम्स पहुंचे, जहां कार्डियाे विभाग में उन्हें भर्ती किया गया। कार्डियाे के पांच डॉक्टरों की टीम इलाज में जुट गई। एक घंटे बाद उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। एंजियाेप्लास्टी के बाद डाॅ. अंशुल ने बताया कि दीपक प्रकाश की हालत अब ठीक है। उनके काेराेनरी आर्टरी में 100 फीसदी ब्लाॅकेज हाे गया था। अब उनकी स्थिति में सुधार है। साेमवार काे डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
दीपक प्रकाश की तबियत बिगड़ने की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री हेमंत साेरेन, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और पेयजल स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर रिम्स पहुंचे। उनका हालचाल जाना। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह, सांसद संजय सेठ, मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय और अन्नपूर्णा देवी भी रिम्स पहुंचे।
सीएम बाेले-रिम्स पर भराेसा जगा, यह गाैरव की बात
दीपक प्रकाश से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री हेमंत साेरेन ने कहा कि उन्हें तत्काल उपचार की जाे जरूरत थी, वह कर दिया गया है। डाॅक्टराें ने उन्हें आराम की सलाह दी है। उनके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हाेगा। वह जल्दी स्वस्थ हाेकर लाैटेंगे। रिम्स में जगे भराेसे के सवाल पर सीएम ने कहा कि यह हमारे लिए गाैरव की बात है। जिन सरकारी अस्पतालाें पर उंगलियां उठाई जाती रही हैं, आज उसी के जिम्मे पूरे देश के स्वास्थ्य की जिम्मेवारी है।
झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी-6) सिविल सेवा परीक्षा के नतीजे 21 अप्रैल को घोषित किए गए। वहीं कट ऑफ मार्क्स 29 अप्रैल को जारी किया गया। इसके बाद रिजल्ट को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीसी-वन कैटेगरी में जेपीएससी ने गलती मानते पहले जारी कट ऑफ मार्क्स में बदलाव कर चुका है। इसी प्रकार आरक्षित कैटेगरी के सफल अभ्यर्थियों के सेवा वितरण में मेरिट की अनदेखी का मामला प्रकाश में आ चुका है। इस संबंध में कई अभ्यर्थियों ने जेपीएससी को आवेदन देकर त्रुटियों की ओर ध्यान आकृष्ट कराया है। सेवा वितरण मामले में भी आयोग ने संशोधन की तैयारी शुरू कर दी है। इसके अलावा मुख्य परीक्षा के पेपर-वन हिंदी-अंग्रेजी का अंक मेरिट में जोड़े जाने का भी अभ्यर्थी विरोध कर रहे हैं। इनका कहना है कि छठी सिविल सेवा के सिलेबस के अनुसार हिंदी और अंग्रेजी पेपर क्वालिफाईंग पेपर है। इसलिए इस पेपर का अंक मेरिट में जोड़ा जाना नियम संगत नहीं है। बताते चलें कि शीघ्र जेपीएससी कार्यालय में आयोग की बैठक होगी, जिसमें अभ्यर्थियों द्वारा आकृष्ट कराए गए सभी बिंदुओं की समीक्षा के बाद समुचित निर्णय लिया जाएगा।
जेपीएससी परीक्षा नियंत्रक : मामला संज्ञान में आया है...आयोग की बैठक में निर्णय लिया जाएगा, रिजल्ट में गड़बड़ियों पर जेपीएससी परीक्षा नियंत्रक ज्ञानेंद्र कुमार से सवाल-जवाब
बीसी-1 कैटेगरी का कट ऑफ मार्क्स पहले 594 अंक था, जिसमें बदलाव कर 593 किया गया?
मिस प्रिंट होने के चलते इस तरह की त्रुटि हो गई थी, इसमें सुधार लिया गया है।
आरक्षित कैटेगरी के सफल अभ्यर्थियों के सेवा वितरण में गड़बड़ी हुई है?
सेवा वितरण में त्रुटि का मामला संज्ञान में आया है। इस पर आयोग की बैठक में निर्णय लिया जाएगा।
पेपर-वन के हिंदी और अंग्रेजी पेपर का प्राप्तांक क्वालिफाइंग रहने के बाद मेरिट लिस्ट में जोड़ा गया है। 5वीं जेपीएससी समेत बीपीएससी और यूपीएससी में भी हिंदी-अंग्रेजी के अंक नहीं जोड़े जाने का प्रावधान है?
5वीं जेपीएससी तक विज्ञापन में उल्लेख था कि हिंदी-अंग्रेजी का अंक जोड़ा नहीं जाएगा। लेकिन छठी जेपीएससी के सिलेबस में बदलाव किया गया है, जिसमें मुख्य परीक्षा का पूर्णांक 1050 अंक है। हिंदी-अंग्रेजी पेपर का अंक नहीं जोड़ना रहता तो मुख्य परीक्षा का पूर्णांक 950 होता।
स्पोर्ट्स कैटेगरी के लिए आरक्षित सभी छह पद रिक्त रह गए हैं? महिला अभ्यर्थी का आरोप है कि स्पोर्ट्स के मानक के अनुसार सर्टिफिकेट देने के बाद भी चयन नहीं हुआ है?
स्पोर्ट्स कैटेगरी में मानक के अनुसार योग्य अभ्यर्थी नहीं मिले हैं। इस कारण सभी पद रिक्त रह गए हैं।
अभ्यर्थियों को इन दो चीजों पर आपत्ति...जिस पर आयोग की बैठक में होगा विचार
मुख्य परीक्षा में हिंदी व अंग्रेजी दोनों मिलाकर 100 अंक की परीक्षा हुई थी। इसमें 30 अंक लाने पर ही अन्य विषयों की उत्तर पुस्तिकाएं जांची जानी थी। अभ्यर्थियों ने सिलेबस का हवाला देकर बताया कि जब क्वालिफाईंग पेपर था तो मेरिट लिस्ट में कैसे जोड़ा गया। एसटी, एससी, बीसी-1 और बीसी-2 कैटेगरी के कई अभ्यर्थियों का चयन 600 या इससे अधिक अंक लाने के चलते अनारक्षित (यूएनआर) श्रेणी में हुआ। इसके बाद भी इन्हें उनकी इच्छा का सेवा आवंटन नहीं हुआ। अभ्यर्थियों ने इसे नियम विरुद्ध बताया।
जो अफसरों का चयन कर रहे...उनकी हर परीक्षा पर उठे सवाल
जेपीएससी की हर परीक्षा सवालों में घिर जाती है। कभी चयन में पैरवी तो कभी मूल्यांकन में धांधली...। सीबीआई जांच में घिरे जेपीएससी की इस परीक्षा में भी त्रुटियां यही इंगित करती हैं कि राज्य के लिए अफसरों के चयन की जिम्मेदारी के साथ बिठाए गए लोगों की अपनी योग्यता ही सवालों के घेरे में है। जेपीएससी-6 का रिजल्ट जारी होने के बाद से ही लगातार इसमें त्रुटियों के आरोप लग रहे हैं। दबाव बढ़ने पर आयोग ने पहले एक त्रुटि स्वीकार कर ली। अब अभ्यर्थियों का विरोध बढ़ता देख दो और संशोधन की भी तैयारी है। यानी परीक्षा की प्लानिंग और मूल्यांकन का काम निश्चित ही त्रुटिपूर्ण रही है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश काे गुरुवार सुबह हार्ट अटैक अाया। परिजन अाैर पार्टी कार्यकर्ता उन्हें लेकर रिम्स पहुंचे, जहां कार्डियाे विभाग में उन्हें भर्ती किया गया। कार्डियाे के पांच डॉक्टरों की टीम इलाज में जुट गई। एक घंटे बाद उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। एंजियाेप्लास्टी के बाद डाॅ. अंशुल ने बताया कि दीपक प्रकाश की हालत अब ठीक है। उनके काेराेनरी आर्टरी में 100 फीसदी ब्लाॅकेज हाे गया था। अब उनकी स्थिति में सुधार है। साेमवार काे डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
दीपक प्रकाश की तबियत बिगड़ने की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री हेमंत साेरेन, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और पेयजल स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर रिम्स पहुंचे। उनका हालचाल जाना। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह, सांसद संजय सेठ, मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय और अन्नपूर्णा देवी भी रिम्स पहुंचे।
सीएम बाेले-रिम्स पर भराेसा जगा, यह गाैरव की बात
दीपक प्रकाश से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री हेमंत साेरेन ने कहा कि उन्हें तत्काल उपचार की जाे जरूरत थी, वह कर दिया गया है। डाॅक्टराें ने उन्हें आराम की सलाह दी है। उनके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हाेगा। वह जल्दी स्वस्थ हाेकर लाैटेंगे। रिम्स में जगे भराेसे के सवाल पर सीएम ने कहा कि यह हमारे लिए गाैरव की बात है। जिन सरकारी अस्पतालाें पर उंगलियां उठाई जाती रही हैं, आज उसी के जिम्मे पूरे देश के स्वास्थ्य की जिम्मेवारी है।
हेरहंज प्रखंड के तासु पंचायत के कसियाडीह गांव के लोगों ने लॉकडाउन में श्रमदान से सड़क की मरम्मती की है। ग्रामीणों का यह कार्य चर्चा का विषय बना हुआ है। ग्रामीणों ने लॉकडाउन में गांव में आने-जानेवाले जर्जर सड़क को मिट्टी और मोरम से बनाया है। गांव के दर्जनों लोगों ने एक-एक सौ रुपए की राशि जमा कर जेसीबी मशीन से मिट्टी मोरम का कटाव कराकर सड़क पर ट्रैक्टर के सहयोग से गिराया और भरी दुपहरिया में गांव के पंद्रह-बीस लोगों ने घर से कुदाल लेकर सड़क बनाने के काम में लग गये। एक ही दिन में पूरी तरह से जर्जर सड़क को दुरुस्त कर दिया। ग्रामीणों ने बताया कि 10 वर्ष पूर्व ग्रेड वन सड़क का निर्माण कार्य कराया गया था, जो पूर्णतः जर्जर हो गया। वाहन तो दूर पैदल जाना मुश्किल हो गया था। उक्त सड़क कसियाडीह से पतरातू तक जाती है। यह जिला मुख्यालय तक पहुंचने का भी रास्ता है। सड़क की दुर्दशा के कारण मरीजों को आपातकाल स्थिति में ले जाना मुश्किल हो जाता था। इस विषय में कई बार प्रखंड से जिला तक के अधिकारियों को अवगत कराया गया।
क्षेत्रीय विधायक व सांसद को भी जानकारी दी गई, लेकिन दोनों ने आश्वासन तक नहीं दिया, पहल करने की बात तो दूर है। अंततः हमलोगों ने खुद से इसे ठीक करने का बीड़ा उठाया। इस लॉकडाउन के दौरान हम सभी ने सोशल डिस्टेंस का पालन कर यह कार्य किया है। गांव के ही दीपक कुमार ने नामक युवक ने बताया कि इस काम के लिए काफी दिनों से हमलोग सोच रहे थे। गांव के ही बिनोद सिंह ने सड़क की दुर्दशा को देख उन्होंने दस से पंद्रह लोगों के बीच यह बात रखी और सबने सड़क को दुरुस्त करने के लिए शारीरिक और आर्थिक रूप से मदद करने की बात कही। इसके बाद सड़क बनकर तैयार हो गया। विनोद सिंह ने बताया कि सड़क जहां तहां इतनी जर्जर हो गई थी कि पैदल भी नहीं चला जा सकता था। सड़क में जर्जर स्थानों पर ग्रामीणों ने श्रमदान कर काम कर सड़क को दुरुस्त किया।
लॉक डाउन के मद्देनजर झारखंड उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार पलामू जिला व्यवहार न्यायालय में कार्य हेतु समय सारणी प्रभारी पीडीजे पंकज कुमार द्वारा निर्धारित की गई है। प्रातः 8:00 से 10:00 बजे तक ड्राप बॉक्स में अधिवक्तागण अपने मुव्वकिल के पिटीशन को जमा कर सकेंगे। इसे सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित होने के बाद उन्हें सूचना दूरभाष या मेल या वाट्सएप नंबर पर दी जाएगी। आवेदन में अधिवक्ता का पूरा नाम, फोन नंबर, वाट्सएप नंबर व मेल आईडी दर्ज करना आवश्यक होगा।
उल्लेखनीय है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पूर्णत अनुपालन करते हुए प्रातः 8:00 से 10:00 तक ही आवेदन जमा लिए जाएंगे। प्राय: सभी कार्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही संपादित होंगे। इसके लिए अधिवक्ताओं द्वारा दर्ज पिटीशन पर सुनवाई की तिथि व समय कोर्ट के द्वारा दूरभाष या मेल या वाट्सएप पर उन्हें दी जाएगी। तभी अधिवक्ता कोर्ट में उपस्थित होंगे। ड्रॉपबॉक्स से ही सच्ची प्रतिलिपि के लिए आवेदन जमा होगा। न्यायिक कार्यों में अग्रिम जमानत ,नियमित जमानत, रिलीज, फैसला आदि का कार्य होगा। इसके लिए सोशल डिस्टेंस व भारत सरकार के तमाम निर्देशों का अनुपालन करना आवश्यक होगा। मुव्वकिलों की आवाजाही बंद रहेगी। माननीय उच्च न्यायालय के दिशा निर्देश पर सभी कार्य किए जा रहे हैं। इस तरह कार्य शुरू होने से मुव्वकिल को अब राहत मिलेगा। इस संबंध में प्रभारी पीडीजे द्वारा कार्य सम्पादन हेतु रोस्टर बनाया गया है।रोस्टर के अनुसार न्यायिक पदाधिकारी कार्य का सम्पादन करेंगे। पीडीजे के अलावा एक एडीजे ,सीजेएम ,एक मजिस्ट्रेट,व सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रत्येक दिन कार्य करेंगे। ये रोस्टर 6 मई से 17 मई तक के लिए बनाया गया है।
यूथ कांग्रेस के विधानसभा अध्यक्ष सह निगरानी समिति सदस्य प्रिंस गुप्ता द्वारा पूर्व बीस सूत्री अध्यक्ष इकबाल सिंह के जनवितरण प्रणाली दुकान की दो दिन पूर्व जांच किए जाने पर बरवाडीह प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा प्रिंस गुप्ता को जान से मारने की धमकी दिए जाने का मामला प्रकाश में आया है। इसपर प्रिंस गुप्ता ने बीडीओ दिनेश कुमार के खिलाफ बरवाडीह थाना में आवेदन दिया है। दिए गए आवेदन में प्रिंस ने कहा है कि जविप्र दुकान की जांच करने से प्रखंड विकास पदाधिकारी सह आपूर्ति पदाधिकारी दिनेश कुमार नाराज थे। इस मामले को लेकर डीलर पर होनेवाली कार्रवाई के संदर्भ में जब फोन पर बीडीओ से बात की गई तो उनके द्वारा अभद्रता से पेश आते हुए मुझे जान से मारने की धमकी दी गई। प्रिंस गुप्ता ने आरोप लगाया है कि इसके पूर्व भी अन्य विकास योजनाओं की जांच और शिकायत करने पर बीडीओ द्वारा उन योजनाओं की जांच करने के बजाय उल्टी धमकी दी जाती रही है।
इधर, प्रखंड विकास पदाधिकारी दिनेश कुमार ने बताया कि मेरे खिलाफ शिकायत किए जाने की जानकारी मुझे हुई है।जो भी आरोप लगाया गया है, वह बेबुनियाद है। बता दें कि महामारी को लेकर कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने योजनाओं की निगरानी करने के लिए प्रखंड स्तर पर निगरानी समिति का गठन किया गया था, जिसके सदस्य यूथ कांग्रेस के विधानसभा अध्यक्ष प्रिंस गुप्ता बनाए गए हैं।
मनिका के पल्हेया पंचायत के डीलर दिनेश प्रसाद को निलंबित करने के संबंध में मनिका निगरानी टीम के सदस्यों ने लातेहार अनुमंडल पदाधिकारी को पत्र लिखा है। पत्र में सदस्यों ने लिखा है कि खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव द्वारा मनिका प्रखंड में निगरानी समिति का गठन किया गया है, जिसके सदस्य सुरेंद्र पासवान, सुरेंद्र भारती एवं दरोगी यादव हैं। 29 अप्रैल, 2020 को मनिका प्रखंड के पल्हेया पंचायत के ग्राम बरवही उरांवटोली के लोग निगरानी समिति के सदस्यों के पास शिकायत की थी कि जनवितरण प्रणाली के दुकानदार दिनेश प्रसाद ने उन्हें अप्रैल एवं मई माह का राशन नहीं दिया और कार्ड में अंकित कर दिया है। साथ ही, कुछ कार्डधारियों के कार्ड में जून माह का भी राशन अंकित कर दिया गया है, जबकि ग्राउंड जीरो से जांच करने पर पता चला कि डीलर दिनेश प्रसाद ने लोगों को राशन दिया ही नहीं और कार्ड में अंकित कर दिया।
कार्डधारियों ने बताया कि डीलर पंचायत समिति सदस्य हैं एवं वे भाजपा पार्टी में काफी ऊपर तक पहुंच रखते हैं। इसी डर से वे लोग डीलर का विरोध नहीं कर पाते हैं। तमाम सबूत इकट्ठा करने के बाद कमेटी के सदस्यों ने डीलर के ऊपर कार्रवाई करने की मांग की, परंतु डीलर पर कार्रवाई नहीं होने से कमेटी सदस्य काफी मर्माहत हैं। जांच टीम ने एसडीओ लातेहार व डीसी लातेहार से डीलर के ऊपर कार्रवाई करने की मांग की है। जांच टीम द्वारा पत्र की प्रतिलिपि खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी लातेहार, अंचलाधिकारी मनिका, खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी मनिका को भी भेजी गई है।
महुआडांड थाना पुलिस को गुरुवार को बैल चोरी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करने में बड़ी सफलता हाथ लगी है। महुआडांड़ थाना क्षेत्र के ग्राम ओरसापाठ के रहने वाले राम बड़ाईक पिता लेदू बड़ाईक का चोरी हुई दो बैल को गुरुवार को महुआडांड़ थाना पुलिस ने बरामद करने में सफलता हासिल की है। दोनों बैल की बरामदगी थाना क्षेत्र के ही अम्बवाटोली निवासी जुबेर अंसारी पिता जमाल अंसारी के घर के पास बने मचान से हुई है। इस संबंध में महुआडांड़ थाना प्रभारी महेन्द्र करमाली ने बताया कि बैल चोरी किये जाने की शिकायत राम बड़ाईक द्वारा की गई थी। राम बड़ाईक के द्वारा दिए गए आवेदन में कहा गया है कि ओरसापाठ गांव से लगातार मवेशियों की चोरी हो रही है।
अब तक 15 से 20 बैलों की चोरी हो चुकी है। जब उसका बैल चोरी हुआ तो गांव के ही कुछ लोगों के साथ खोजबीन करने लगे।खोजबीन करते-करते वे लोग अम्बवाटोली पहुंचे जहां उसका दोनों बैल मचान के नीचे बंधा हुआ था। इसकी जानकारी उनलोगों के द्वारा गश्ती कर रहे पुलिस को दी गई। जिस पर गश्ती कर रही पुलिस तुरंत वहां पहुंची। पुलिस को देखते ही जुबैर अंसारी वहां से भाग गया। पुलिस ने अगल-बगल से जानकारी इकट्ठा करने के बाद बैल को कब्जे में ले लिया है। थाना प्रभारी महेंद्र करमाली ने बताया कि चोरी का बैल जब्त कर लिया गया है। मामले की छानबीन की जा रही है। दोषियों पर कार्रवाई होगी।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विष्णु कांत सहाय की अध्यक्षता में मंगलवार को बैठक हुई। बैठक में अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राजमणि प्रसाद एवं सचिव वृन्द कुमार ने भाग लिया। बैठक में झारखंड उच्च न्यायालय के निर्देशों का अनुपालन शत प्रतिशत कैसे किया जाय इस पर चर्चा की गई। पीडीजे सहाय ने झारखंड उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार न्यायालय कक्ष में ड्रॉप बॉक्स लगाने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रातः 8:00 बजे से 10:00 बजे तक ड्रॉप बॉक्स में अधिवक्ता गण अपने मुवक्किल के पिटिशन को जमा कर सकेंगे, जिसे सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित होने के बाद उन्हें सूचना दूरभाष या मेल से दी जाएगी। उन्होंने कहा है कि दायर पिटिशनों में अधिवक्ता का पूरा नाम, फोन नंबर, वाट्सएप नंबर एवं मेल आईडी दर्ज करना आवश्यक होगा। सोशल डिस्टेंसिंग का पूर्णतः अनुपालन करते हुए प्रातः 8:00 से 10:00 तक कार्य निष्पादित होंगे। प्रायः सभी कार्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही संपादित होंगे। इसके लिए अधिवक्ताओं को यूनिफॉर्म में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष में उपस्थित होना होगा और अपने मामलों की बहस में शामिल होना होगा।
उनके द्वारा दायर पिटिशनों पर सुनवाई की तिथि एवं समय कोर्ट के द्वारा दूरभाष पर या मेल पर उन्हें दी जाएगी। इसके बाद ही वे कोर्ट में उपस्थित होंगे। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राजमणि प्रसाद ने सच्ची प्रतिलिपि प्राप्त करने के लिए प्रक्रिया की चर्चा की। इस पर सहाय ने बताया कि एक ड्रॉप बॉक्स सच्ची प्रतिलिपि के आवेदनों का होगा, जिसमें आवेदन ड्रॉप करने के उपरांत सच्ची प्रतिलिपि देने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। यह जानकारी देते हुए जिला अधिवक्ता संघ के उपाध्यक्ष अधिवक्ता पंकज कुमार ने कहा कि इस दौरान सभी कार्य जैसे अग्रिम जमानत, नियमित जमानत, रिलीज, फैसला आदि का कार्य भी होगा, लेकिन इसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग एवं भारत सरकार के तमाम निर्देशों का अनुपालन करना आवश्यक होगा। उन्होंने कहा कि अधिवक्ता अपने संघ भवन में सुबह 8:00 बजे से 10:00 बजे तक कार्य कर सकते हैं। इस अवधि में टाइपिस्ट एवं फोटो कॉपी करने वाले भी रहेंगे, जो सरकार के कोविड-19 में दिए गए निर्देशों का पूर्णरूपेण अनुपालन करेंगे। सचिव वृंद कुमार ने नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी से प्रतिदिन संघ भवन परिसर को सेनिटाइज कराने की अपील की है।
झारखंड राज्य से बाहर काम करने गए मजदूरों को झारखंड लाने की कवायद सरकार द्वारा जारी है। इसी क्रम में गुरुवार को बस द्वारा सैकड़ों मजदूर चंदवा पहुंचे। स्थानीय ख्रीस्त राजा उच्च विद्यालय परिसर में स्क्रीनिंग कैंप बनाया गया है। सभी मजदूरों की बारी-बारी से यहां स्क्रीनिंग की गई। कैंप में डीआरडीए निदेशक पंकज कुमार सिंह, बीडीओ अरविंद कुमार, सीओ मोहम्मद मुमताज अंसारी, पुलिस निरीक्षक मदन कुमार शर्मा, बीईईओ जवाहर प्रसाद, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. निर्मला शांति लकड़ा, डॉ. नंदकिशोर पांडेय, डॉ. रमेश गुप्ता समेत सभी चिकित्सा कर्मी एवं प्रखंड अंचल कर्मी पूरी तन्मयता से मजदूरों की सेवा में लगे हैं।
गुरुवार को यहां पहुंचनेवाले सभी मजदूर लातेहार जिले के थे। सबसे पहले बेंगलुरु से ट्रेन मार्ग द्वारा मजदूर बरकाकाना पहुंचे थे। बरकाकाना से सड़क मार्ग द्वारा सुबह में सभी लोग चंदवा पहुंचे। इनमें कुल 53 मजदूर शामिल थे। इन सबों की स्क्रीनिंग के बाद इन्हें लातेहार भेज दिया गया। इधर, हैदराबाद से मजदूरों को लेकर एक ट्रेन टाटानगर पहुंची थी। लातेहार के समीप सड़क मार्ग द्वारा 99 मजदूर चंदवा पहुंचे। इनकी भी स्क्रीनिंग के बाद इन्हें भी लातेहार रवाना कर दिया गया। इसके अलावे तीन मजदूर सूरत से पहुंचे थे। मौके पर लातेहार अंचल अधिकारी भी मौजूद थे।
वार्ड सदस्य, मुखिया एवं पंसस को उपायुक्त ने दिया निर्देश
बाहर से आनेवाले सभी मजदूरों को स्क्रीनिंग के पश्चात होम क्वारेंटाइन पर भेजा जा रहा है। ऐसे में अगर कोई संक्रमित जांच से छूट गया तो बड़ी मुश्किल हो सकती है। इसे लेकर जिला प्रशासन ने एहतियातन कदम उठाया है। उपायुक्त ने जिले के सभी वार्ड सदस्य, सभी पंचायत समिति सदस्य एवं सभी मुखियागण को पत्र प्रेषित कर कहा है कि अपने-अपने गांव-कस्बों में बाहर से लौट रहे सभी मजदूरों की स्थिति पर नजर रखें। मजदूरों को होम क्वारेंटाइन का निर्देश दिया गया है। अगर मजदूर बाहर निकलते हैं या बाहरी लोगों से मिलते-जुलते हैं तो इसकी सूचना तत्काल प्रशासन को देने की बात कही है।
ख्रीस्त राजा उवि में लगाया गया है स्क्रीनिंग कैंप
ख्रीस्त राजा उच्च विद्यालय परिसर में मजदूरों की जांच के लिए स्क्रीनिंग कैंप लगाया गया है। यहां आ रहे प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन आदि की व्यवस्था मारवाड़ी युवा मंच के बैनर तले की गई है। मंच के सदस्य लगातार आनेवाले श्रमिकों को भोजन करवा रहे हैं। कैंप परिसर में ही मजदूरों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई थी। लगभग 155 मजदूर को यहां खाना खिलाया गया। मौके पर रविकांत गिनोडिया, शशिकांत किनोडिया, अनूप अग्रवाल, रोहित अग्रवाल, विक्रम शर्मा, मोनू अग्रवाल, किशोर कनोडिया समेत अन्य लोग शामिल थे।
होम क्वारेंटाइन में मजदूरों को रखना भी है चुनौती
गुरुवार को मजदूरों को लेकर आ रही बस चंदवा के इंदिरा गांधी चौक पर रुक गई। फिर क्या था, सभी मजदूर धड़ाधड़ नीचे उतर गए। यह हालत तब है जब मजदूर प्रशासनिक निगरानी में आ रहे हैं। फिर श्रमिक होम क्वारेंटाइन के सरकारी आदेश को वह कैसे मानेंगे, यह भी सरकार के लिए बड़ी चुनौती है।
कस्बे के खेडी राेड से अपने घर जा रही महिला काे जबरन पिकअप वाहन में पटक अश्लील हरकत करने का प्रयास किया गया।
महिला के चिल्लाने पर लोग जमा होने लगे तो आराेपी पिकअप चालक शेरी पुत्र जुगलू जाट निवासी गांव खेडी फरार हाे गया। अनुसूचित जाति की पीडिता ने मामला दर्ज कराया है। जांच सीओ दक्षिण दीपक कुमार करेंगे। थानाधिकारी वीरेन्द्र यादव के अनुसार खेडी राेड निवासी पीड़िता बुधवार काे स्टेट बैंक से पैसे निकलवाने के बाद अपने घर जा रही थी। आराेपी शेरी रास्ते में पिकअप लेकर खड़ा था। उसने महिला के साथ जबरदस्ती कर उसे पिकअप में पटक लिया और वाहन ले जाने लगा।
पीड़िता को कई जगह से काट लिया। महिला की चींख-पुकार सुन आसपास के मूर्तिकार उसे बचाने दाैडे़। पिकअप की स्पीड कम हाेते ही महिला गाड़ी से कूद गई। जबकि आरोपी फरार हाे गया। पुलिस ने एससी एसटी एक्ट आदि धाराओंमें मामला दर्ज किया है।
सदर थाना पुलिस ने अपराध की दुनिया में तेजी से पांव पसार रहे तूफानी गिरोह के सरगना रॉबिन्सन भगत उर्फ तूफानी बाबा समेत चार गुर्गों को हथियार के साथ गिरफ्तार किया है। इनमे रॉबिन्सन के अलावा महेंद्र पन्ना उर्फ काड़ा, वीरेंद्र खड़िया व अशोक उर्फ लोइसो उरांव शामिल है। वहीं गिरोह का एक सदस्य आर्सेल मिंज अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। चारों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने लूट की तीन घटनाओं का उद्भेदन करते हुए दस हजार एक सौ रुपया बरामद भी की है।
बुधवार की शाम करीब सात बजे एसपी को यह गुप्त सूचना मिली कि रॉबिन्सन भगत अपने गैंग के चार-पांच लड़काें के साथ जशपुर रोड स्थित जगन्नाथ मंदिर के पास करौंदी बगीचा में बैठा हुआ है। इस सूचना के बाद एसपी ने थाना प्रभारी शंकर ठाकुर के नेतृत्व में टीम गठित कर मौके पर भेजा। पुलिस को देख रॉबिन्सन व उसके साथी भागने लगे। पुलिस ने खदेड़ कर पांच में चार अपराधियों काने हथियार के साथ पकड़ लिया, जबकि एक भागने में सफल रहा।
गुरुवार को एसपी हरदीप पी जनार्दनन ने सदर थाना परिसर में प्रेस वार्ता कर पूरे मामले का उद्भेदन करते हुए बताया कि शहर से सटे रामनगर में 21 मार्च को हनुमान भंडार के काउंटर में बैठे मालिक से तीन अज्ञात अपराधियों ने हथियार दिखाकर 15 हजार रुपए की लूट की थी।
अपराधियों ने लूट में अपनी संलिप्तता स्वीकार की
हरिलाल साहू व हनुमान भंडार से लूट की घटना के संबंध में पूछताछ में चारों ने अपनी संलिप्तता स्वीकार की। साथ ही चारो में एक आरोपी काड़ा ने पिछले दिनों सिलम ढलान में मां बेटी के साथ लूट की घटना में भी शामिल होने की बात स्वीकार की। इसके बाद उसकी निशानदेही पर 10,400 रुपए बरामद किए गए।
17 अप्रैल को गिरोह ने दो घटनाओं को दिया था अंजाम
17 अप्रैल को रात करीब आठ बजे शास्त्री नगर स्थित हरिलाल साहू के घर एवं दुकान के काउंटर से चार अज्ञात अपराधियों द्वारा हथियार दिखाकर 21 हजार रुपए की लूट की थी। जांच में पता चला कि रॉबिन्सन भगत उर्फ तूफानी बाबा के गैंग ने दोनों घटनाओं को अंजाम दिया है। गिरफ्तार अपराधियों ने पूछताछ में अपना नाम क्रमशः शहर के करम टोली सरहुल नगर निवासी 27 वर्षीय रॉबिन्सन भगत उर्फ तूफानी बाबा, जारी थाना क्षेत्र निवासी 22 वर्षीय महेंद्र पन्ना उर्फ काड़ा, रायडीह थाना क्षेत्र निवासी 19 वर्षीय बीरेंद्र खड़िया और करमटोली के अखाड़ा निवासी 19 वर्षीय अशोक उर्फ लाइसो उरांव बताया। साथ ही उन्होंने फरार अभियुक्त का नाम करमटोली निवासी आरसेल मिंज बताया।
एक मिसफायर और एक जिंदा गोली भी बरामद
चारों के पकड़े जाने के बाद मौके पर ही उनकी तलाशी लिए जाने पर रॉबिन्सन के पास से एक लोडेड दोनाली देशी कट्टा, बीरेंद्र के पास से एक लोडेड देशी कट्टा, महेंद्र के पास से भी एक देशी लोडेड कट्टा व लाइसो के पास से 315 बोर की दो मिसफायर एवं एक जिंदा गोली बरामद किया गया।
भरनो प्रखण्ड के चेटो गौरटोली गांव में बिजली का करंट लगने से पति-पत्नी घायल हो गए हैं। दोनों का इलाज भरनो अस्पताल में चल रहा है। जानकारी के अनुसार बीते रात 8 बजे गौरटोली गांव निवासी अमित उरांव अपने घर में बिजली के टूटे तार ठीक कर रहा था। इस क्रम में वह बिजली की करंट के चपेट में आ गया। पति को करंट से बचाने में मुन्नी देवी भी चपेट में आ गयी। दोनों काे परिजनों ने तुरंत सामुदायिक स्वस्थ्य केंद्र भरनो पहुंचाया, जहां दोनों का इलाज चल रहा है।
गुरुवार को महाराष्ट्र के नागपुर से साइकिल से दुमका व बिहार राज्य के बांका लौट रहे 18 प्रवासी मजदूरों के बीच स्वयं सेवी संस्था एराउज के डायरेक्टर फादर अनुरंजन पूर्ति के नेतृत्व में भोजन कराया गया। फादर अनुरंजन पूर्ति, पल्ली पुरोहित फादर जोरेम, फादर सिप्रियन कुल्लू, सिस्टर सितारा आदि ने भोजन परोसा। मजदूरों ने कहा कि वे सभी नागपुर में रहकर मेट्रो स्टेशन निर्माण कंपनी में काम करते थे। लॉकडाउन के बाद कंपनी में निर्माण कार्य ठप्प हो गया।
एक माह तक नागपुर में ही फंसे रहे। इस दौरान खाने पीने व रहने के लिए काफी परेशानी झेलनी पड़ी। कंपनी के मालिक सीपी सोसई ने तकलीफ में हाथ बांटने के बजाय खुद अपने हाथ खड़े कर दिए। थक हारकर वे सभी 29 मार्च को अपने अपने घर जाने के लिए साइकिल से निकल पड़े। साइकिल की व्यवस्था पर मजदूरों ने कहा कि कंपनी की साइकिल है।
प्रखंड कार्यालय परिसर में लगने वाली सब्जी बाजार में लाॅकडाउन के नियमों का पालन, लोगों को जागरूक करने और बाजार की विधि व्यवस्था की जिम्मेवारी गुरुवार को एनसीसी कैडेट्स को जिम्मेवारी सौंपी गई। प्रखंड प्रशासन द्वारा लाॅकडाउन को लेकर राज्य सरकार के दिशा-निर्देश के अनुरूप साप्ताहिक बाजार-हाट नहीं लगाने के वैकल्पिक व्यवस्था के रुप में प्रखंड परिसर में ही निर्धारित समयावधि में प्रत्येक दिन सब्जियों की दुकानें लगाने की व्यवस्था की गई है।
सोशल डिस्टेंस, मास्क पहनकर खरीदारी करने एवं अन्य आवश्यक नियमों के पालन हेतु एनसीसी कैडेट्स को लगाया गया है।सुबह से ही दर्जन भर एनसीसी कैडेट्स बाजार आने वाले लोगों के बीच सेनेटाइजर, बिना मास्क वालों को मास्क वितरण, सोशल डिस्टेंसिंग एवं हाथों में आवश्यक संदेशों की तख्तियां लेकर लोगों को जागरूक करते नजर आए। इस दौरान बीडीओ प्रवीण कुमार अाैर सीअाे सुमंत तिर्की ने कहा बाजार लगाने से पूर्व में कहा गया था कि मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंस का पालन करना है।
लाॅडाउन 3 में मेडिकल व अन्य इमरजेंसी में आवागमन के लिए प्रतिदिन एक सौ से अधिक लोग पास बनवाने के लिए प्रखंड और अनुमंडल कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। ऐसे में प्रतिदिन प्रखंड कार्यालय के समक्ष लोगों का जमावड़ा लग रहा है। जहां सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं हो रहा है। लाेगाें की शिकायत है कि पास बनाने को लेकर अनावश्यक विलंब किया जाता है।
घाघरा प्रखंड से आए सत्यनारायण साहू ने बताया कि उसे अपनी बेटी को लाने लोहरदगा जिला के कुड़ु जाना है। अपने वाहन से बेटी को लाने के लिए 2 दिन से पास बनवाने के लिए कार्यालय का चक्कर लगा रहे है। सदर अनुमंडल पदाधिकारी के कार्यालय जाने पर वहां के कर्मियों द्वारा बताया गया कि प्रखंड मुख्यालय से आवेदन पत्र अग्रसारित होने के पश्चात सदर अनुमंडल पदाधिकारी कार्यालय से पास निर्गत होगा।
जब वह पास के लिए आवेदन पत्र प्रखंड मुख्यालय में जमा करने आया, तब प्रखंड विकास पदाधिकारी के अनुपस्थित रहने के कारण उसका आवेदन जमा नहीं हो रहा है। इस बारे में जब वह उपायुक्त से मिलने का प्रयास किया तो उसे उपायुक्त कार्यालय के गेट पर ही सुरक्षाकर्मियों द्वारा रोक दिया गया और उपायुक्त से मिलने नहीं दिया गया।
अधिकारियों की अनुपस्थिति में होगी थोड़ी परेशानी : डीसी
इस संबंध में उपायुक्त से पूछने पर उन्होंने स्वीकार किया कि इमरजेंसी सेवाओं के लिए अंतर जिला आवागमन में पास को लेकर लोगों को थोड़ा विलंब हो सकता है। आपात स्थिति में पदाधिकारियों को क्षेत्र भ्रमण के साथ कार्यालय के कार्य को भी निष्पादित करना है। ऐसे में त्वरित कार्रवाई होना संभव नहीं है। इस कारण लोगों को थोड़ी परेशानी हो सकती है।
संत पियूश जनता उवि में बने क्वारेंटाइन सेन्टर में प्रवासी मजदूरों की संख्या बढ़ती जा रही है। गुरुवार सुबह को रांची से आए तीन कोरोना संदिग्ध व्यक्तियों को डॉक्टरों ने सैम्पल के लिए गुमला भेज दिया। मेराल मुखिया शीतल खलखो के द्वारा छत्तीसगढ़ से आए बन्झर निवासी तथा सीसी करमटोली पंचायत के मुखिया दिलीप बड़ाईक के द्वारा केरल से आए बुमतेल निवासी को क्वारेंटाइन किया गया। संत पियूश जनता उवि क्वारेंटाइन सात संदिग्ध को रखा गया है।
सिसई के प्रखंड मुख्यालय सभागार कक्ष में बीडीओ प्रवीण कुमार ने सभी मुखिया एवं सभी पंचायत समिति सदस्य के साथ बैठक की। बैठक में कहा गया कि देश अथवा राज्य के रेड जाेन क्षेत्र से प्रखंड के विभिन्न गांवों में लाैटने वाले मजदूर और अन्य को पहले क्वारेंटाइन सेंटर में रखना है, वहीं बिना रेड जाेन से आने वाले लाेगाें काे हाेम क्वारेंटाइन में रहने की सलाह देनी है। सभी मुखिया और पंचायत समिति सदस्य को पंचायत भवन में सप्ताह में 2 से 3 दिन बैठक कर प्रवासी मजदूर छात्र आया हुआ है उस पर कड़ी निगरानी रखना है 14 दिन के अंदर किसी प्रकार से कोई व्यक्ति बीमार होता है तो उसे तुरंत प्रखंड प्रशासन को इसकी जानकारी देनी है।यह भी बताया कि क्वारेंटीन किए गए लाेगाें काे पारिवारिक के सदस्यों, दोस्त अथवा किसी से भी मिलने जुलने नहीं देना है। परिवार का कोई भी सदस्य उनसे मिलने आता है तो उसको भी कम से कम 1.5 मीटर की दूरी से रहकर बात करने की अनुमति देना है। प्रवासी मजदूर को किसी भी सार्वजनिक स्थल पर जाने नहीं देना हैं।
सभी मजदूरों की 14 दिनों तक कड़ी निगरानी की जाएगी
साथ ही सभी मजदूरों की 14 दिनों तक कड़ी निगरानी करना है। बैठक में अंचल अधिकारी सुमंत तिर्की, पुसो थाना प्रभारी मिचराय पाड्या , प्रशिक्षु पुअनि रंजन कुमार झा, प्रमुख देवेंद्र उरांव, उप प्रमुख दीपक अधिकारी, शिक्षा विभाग की बीपीओ पुष्पा टोप्पो, सीडीपीओ सुनीता केरकेट्टा पंसस बैबुल अंसारी, ममता कुमारी,सरवरी बेगम, सुनीता देवी, मुखिया रेखा देवी, अशोक कुमार भगत ,फ्लोरेंस देवी, हेमा देवी, सुनीता देवी, सुफल उरांव, कृष्णा उरांव, चमरु उरांव, सहित सभी पंचायत सचिव, जनसेवक उपस्थित थे।
गुमला से पैदल चलकर घाघरा पहुंचे डालटनगंज के दस मजदूर को प्रखण्ड प्रशासन ने हाई स्कूल घाघरा में बने क्वारेंटाइन सेंटर में भोजन कराने के बाद उन्हें अपने घर भेज दिया। मजदूरों ने बताया कि सरकार द्वारा चलाई जा रही राहत बस में गिरिडीह से उनके घर डालटनगंज के लिए बैठाया गया था। लेकिन बस गुमला में देर रात लाकर छोड़ दिया। जहां सुरक्षाकर्मियों के सहयोग से सभी को सदर हॉस्पिटल गुमला में स्क्रीनिंग किया गया। उनके गांव कोई बस नहीं रहने की बात सुनकर वे लोग पैदल ही अपने गांव डालटनगंज के लिये निकल पड़े।
करीब 25 किलोमीटर दूरी पैदल घाघरा आने के बाद थकान से रुक गए। मजदूरों ने बीडीओ विष्णुदेव कच्छप को अपनी व्यथा से अवगत कराया। जिसपर बीडीओ ने जिला मुख्यालय गुमला में सूचना देते हुए सभी 10 मजदूरों को प्लस टू हाई स्कूल में बने क्वारेंटाइन सेंटर में भेज दिया। साथ ही उन्हें भोजन कराने के बाद डालटनगंज भेज दिया गया।
लॉकडाउन की वजह से पिछले डेढ़ माह से आवश्यक सेवाओं को छोड़ अन्य दुकानें बंद है। जिस कारण व्यापारियों का धैर्य टूट रहा है। दुकानें बंद होने से उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है। व्यापारियों का कहना है कि सशर्त 4 से 5 घंटे दुकानों को खोलने की छूट मिलनी चाहिए। चुंकी 17 मई को लाॅकडाउन समाप्त हाेने अथवा काेराेना का प्रकोप खत्म हाेने की फिलहाल काेई संभावना नहीं दिख रही है। ईश्वर की कृपा से अपना गुमला जिला अभी तक ग्रीन जोन में है। इसलिए डरने की नहीं सिर्फ सावधान रहने की जरूरत है।
अब दुकान खोलने की अनुमति दी जाए : पंकज
कपड़ा व्यवसायी पंकज साबू ने कहा कि व्यवसायी स्वयं सतर्क है। लेकिन अब हिम्मत जवाब दे रही है। सरकार को टाइम लिमिट या वैकल्पिक व्यवस्था के साथ दुकान खाेलने की छूट प्रदान करनी चाहिए। सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए व्यवसायी व्यापार कर सकेंगे।
व्हाट्सएप के द्वारा लायंस क्लब गुमला का सत्र 2020- 21 का वार्षिक चुनाव संपन्न हुआ। जिसमें अध्यक्ष अशोक कुमार जायसवाल को चुने गए। अन्य पदाधिकारियों में पूर्व अध्यक्ष देवेंद्र नाथ सिंह, सचिव- शंकर लाल जाजोदिया, कोषाध्यक्ष- अनिल कुमार अग्रवाल,चेयरपर्सन की सदस्यता- मनमोहन लाल केसरी, प्रथम उपाध्यक्ष-पदम कुमार साबू, द्वितीय उपाध्यक्ष- राजकुमार अग्रवाल, अध्यक्ष क्लब प्रशासक- बनवारी लाल अग्रवाल, चेयरपर्सन नेतृत्व- मनोरमा प्रसाद, अध्यक्ष विपणन और संचार- मुरली मनोहर प्रसाद,चेयरपर्सन गतिविधियों- दामोदर कसेरा, अध्यक्षीय सेवा गतिविधियां- पवन कुमार अग्रवाल, चेयरपर्सन एनवायरमेंट- रीता कुमारी गुप्ता, चेयरपर्सन फंड जुटाने- पंकज कुमार गुप्ता बनाए गए हैं।
गुमला एसपी ह्दीप पी जनार्दनन भरनो के थानेदार सिद्देश्वर सिंह को निलंबित कर अनिल कुमार गुप्ता को भरनो थाना का नया थाना प्रभारी बनाया है। हालांकि भरनो थाना प्रभारी सिद्देश्वर सिंह को किस कारण से सस्पेंड किया गया है। इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है।
वहीं नए थाना प्रभारी अनिल कुमार गुप्ता ने योगदान देने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि क्षेत्र में अपराध पर नियंत्रण लगाना, अवैध शराब की खरीद बिक्री पर रोक लगाना व क्षेत्र में अमन चैन और शांति व्यस्था बनाना हमारी पहली प्राथमिकता होगी। क्षेत्र की जनता अपनी समस्या काे लेकर निःसंकोच थाना आ सकते हैं। समस्या का समाधान किया जाएगा। उन्होंने कोरोना को लेकर लॉकडाउन का पालन करने की बात कही और आम जनता से कानून को अपने हाथ में नहीं लेने की बात कही। अनिल कुमार गुप्ता इससे पूर्व कुरुमगढ़ थाना में थाना प्रभारी के रूप में कार्यरत थे।
भास्कर न्यूज|
घाघरा प्रखंड प्रशासन के तत्वावधान में कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर जागरुकता झांकी निकाली गयी। कोरोना जागरुकता झांकी प्रखंड कार्यालय घाघरा से प्रारंभ होकर घाघरा चांदनी चौक तक गई। झांकी में यमराज एवं कोरोना वायरस की आकर्षक झांकी के साथ भ्रमण कर रहे घाघरा पंचायत के मुखिया एवं वार्ड सदस्य के द्वारा ग्रामीणों को दो गज की सामाजिक दूरी, चेहरे में मास्क का उपयोग, साबुन से हाथ धोने एवं लॉकडाउन का अधिक से अधिक पालन करने की अपील की गयी।
इस अवसर पर उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित करते हुए बीडीओ विष्णु देव कच्छप ने कहा कि कोरोना जागरूकता झांकी कोरोना संक्रमण से बचाव की महत्वपूर्ण पहल है। ग्रामीण इस झांकी में दिए गए संदेशों के साथ लॉकडाउन का पालन करते हुए सामाजिक दूरी बनाए रखें। मौके पर जीपीएस कुंवर राम मोची, मुखिया गीता कुमारी वार्ड सदस्य सलावंती देवी, सामाजिक कार्यकर्ता अनिरुद्ध चौबे, प्रेम साहू, उत्तम साहू राजू सिंह तोमर सहित कई लोग उपस्थित थे।
कोरोना से बचाव के लिए सड़क पर बनाया आकर्षक पेंटिंग व लिखे गए स्लोगन
घाघरा|बैंक ऑफ इंडिया घाघरा शाखा के सामने घाघरा मुख्य पथ पर ग्राम सेवा पथ गम्हरिया द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर बनाए गए आकर्षक पेंटिंग व लिखे गए स्लोगन का अवलोकन अंचलाधिकारी दिनेश प्रसाद गुप्ता ने किया। साथ ही कोरोना पेंटिंग एवं लिखे स्लोगन की प्रशंसा सीओ दिनेश प्रसाद गुप्ता, बैंक प्रबंधक चौधरी व अन्य लोगों ने करते हुए ग्राम सेवा पथ के कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन भी किया।
इस अवसर पर सीओ दिनेश प्रसाद गुप्ता ने ग्रामीणों को कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर सामाजिक दूरी का पालन करने की अपील की। साथ ही कहा कि मुख्य पथ पर बनाए गए कोरोना पेंटिंग व लिखे गए स्लोगन दो गज की दूरी है जरूरी को प्रत्येक नागरिक अपनाकर लॉक डाउन का पालन अधिक से अधिक करें। मौके पर बैंक ऑफ इंडिया घाघरा शाखा के प्रबंधक रोशन चौधरी , ग्राम सेवा पथ गम्हरिया के विवेक साहू ,पवन साहू ,बबलू गोप, सामाजिक कार्यकर्ता मनोज साहू, शिवकुमार साहू सहित कई लोग उपस्थित थे।
बीडीओ के आवास पहुंची घोडाटाँगर निवासी महिला मजदूर बालमती देवी की माली हालत सुन बीडीओ विष्णुदेव कच्छप ने उसे पांच सौ रुपए गुरुवार को दिए। महिला मजदूर बलमति ने बीडीओ को बताया कि उसके पति बेचन लोहरा ईंट भट्ठा कमाने जहानाबाद गया हुआ है। उसके नव सदस्यीय परिवार के पास घर पर भोजन को लेकर परेशानी उठाना पड़ रहा है। उसने यह भी बताया कि वह जॉब कार्डधारी मजदूर है। लेकिन घर में हो रही कठिनाइयों के कारण बीडीओ से मिलने उनके आवास पहुंच गयी।
बीडीओ से उसने मनरेगा योजना में काम दिए जाने की मांग की। ताकि उसे दूसरे के पास हाथ न पसारना पड़े। साथ ही उसने बताया कि वह खुद और उसका एक बड़ा बेटा काम करेगा। मौके पर ही बीडीओ ने बदरी पंचायत के पंचायत सेवक बिंदेश्वर महतो को बालमती व उसके बेटे को तत्काल मजदूरी मुहैया कराने का निर्देश दिया। मौके पर घाघरा प्रखंड के उपप्रमुख कृष्णा कुमार लोहरा भी मौजूद थे
चैनपुर प्रखंड मुख्यालय में लॉक डाउन के नियमों की खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। मुख्यालय के जितने भी चौंक-चौराहे पर व्यापारी अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान के शटर को आधे खोल कर गैर जरूरी सामानों की बिक्री कर रहे हैं। जबकि लॉकडाउन के दौरान सरकार के यह आदेश है कि किसी भी परिस्थिति में आवश्यक सेवाओं को छोड़कर गैर जरूरी प्रतिष्ठानों को नहीं खोलना है। लेकिन चैनपुर प्रखंड मुख्यालय के व्यापारी सरकार के बनाए गए कायदे-कानून को ताक में रखकर लॉकडाउन के नियमों का बेखौफ उलंघन कर रहे हैं।
नियमों की अनदेखी अपने प्रतिष्ठानों को खोल कर गैर जरूरी सामानों की बिक्री कर रहे हैं। प्रखंड मुख्यालय में इस तरह लॉकडाउन के नियमों के धज्जियां उड़ते देखा जा रहा है। वहीं जो दुकानदार चोरी-छिपे सामानों की बिक्री कर रहे हैं वह ग्राहकों से ऊंचे दामों में सामान की बिक्री कर रहे हैं। जिससे लोगों में कोविड-19 संक्रमण का खतरा भी बढ़ रहा है जिसे लेकर चैनपुर प्रखंड मुख्यालय के लोग चिंतित हैं।
रायडीह प्रखण्ड के झिलमिल युवा क्लब सिलम के निदेशक सह पंचायत समिति सदस्य खुशमन नायक के नेतृत्व में युवाओं की टोली द्वारा लॉकडाउन में काफी सराहनीय कार्य किए जा रहे हैं। लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों की बात हो या फिर गावं के गरीब एवं जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने की हर स्तर पर बढ़ चढ़ कर सहयोग कर रहे हैं। लोगों को कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए जागरूक भी कर रहे हैं। झिलमिल युवा क्लब के पास न प्रशासन का सहयोग न कोई समाज सेवियों का फिर भी लोगों के राहत एवं बचाव के लिए दिन रात परिश्रम कर रहे हैं।
निदेशक खुशमन नायक के द्वारा रोड पर पैदल या साइकिल से यात्रा कर रहे प्रवासी मजदूरों को लगातार अपने पॉकिट से पांच सौ से लेकर एक हजार रुपये तक प्रदान कर लोगों का भूख मिटाने का कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में बुधवार की सुबह उड़ीसा से बिहार के दरभंगा जिला एवं झारखण्ड के गढ़वा जिला के लिए साइकिल से यात्रा कर रहे चार प्रवासी मजदूरों को खटखोर गावं के पास रोक कर 500 रुपए खाने पीने के लिए दिया गया। इस कार्य में मन्तु नायक, जीतू नायक, शक्ति नायक, कृष्णा लोहरा, विकास सिंह, विक्की नायक, नारायण नायक, बाबूलाल नायक, सनी लोहरा सहित कई युवा इस पुनीत कार्य में लगे हुए हैं।
किस्को प्रखंड के किस्को, नवाडीह, तालीमी मिशन नवाडीह एवं नारी आदि गांव में अंजुमन इस्लामिया की बैठक हुई। बैठक में आपसी सहमति से निर्णय लिया गया है कि सरकार की ओर से लागू लॉकडाउन का सख्ती से पालन करते हुए इस बार रमजान में सभी घरों में रहे। ईद को लेकर किसी तरह की खरीददारी करने के लिए दुकानों में भीड़ भाड़ ना लगाएं और घर में रहकर लॉक डाउन का पालन पूरी तरह से करने का अपील की गई। वहीं मदरसा गुलशन इस्लामिया नवाडीह की बैठक सदर रौनक इकबाल के सदारत में हुआ। बैठक में फारूक कैशर, इशहाक अंसारी, रहीमुद्दीन अंसारी, अजबुद्दीन अंसारी उपस्थित थे।
शहर से सटे बेहरा टोली बस्ती में करीब 67 परिवारों के पास न तो राशन कार्ड हैं। और न ही उन्हें कहीं से जीविकोपार्जन के लिए अनाज मिल रहा है। ऐसे में इन परिवारों को लॉक डाउन के बीच राशन की भारी किल्लत से जूझना पड़ रहा है। रोज-कमाने खाने वाले इन परिवारों को कहीं से कोई मदद भी नहीं मिल पा रहा हैं।बस्ती में निवास करने वाले अधिकतर लोग दिहाड़ी मजदूर, ठेले वाले व सब्जी विक्रेता हैं। 22 मार्च से जनता कर्फ्यू लगने के बाद से कोई भी काम पर नहीं निकल रहे है। लॉकडाउन लागू होने व लगातार घरों में रहने के बाद इन परिवारों के पास बचा-कुछा पैसा भी खत्म हो गया है। वहीं कई घरों में राशन के लाले पड़ गए है। जबकि कई घरों में खत्म होने के कगार पर है। इन परिवारों का कहना है कि उनके पास राशन कार्ड या फिर लेबर कार्ड नहीं है। कई बार उन्होंने राशन कार्ड बनवाने के प्रयास किए।
ऑनलाइन आवेदन दी। लेकिन उन्हें सुविधा नहीं मिल सकी। कई लोगो का सफेद कार्ड बना दिया गया। जो बेकार साबित हो रहा है। ऐसे में उन्हें सस्ते सरकारी राशन का लाभ नहीं मिल रहा है। रोज-कमाने खाने के कारण ज्यादा पैसा पास नहीं है। ऐसे में अब राशन की किल्लत बढ़ने लगी है। परिवार चलना मुश्किल हो रहा है। कई स्थानों में राशन डीलर द्वारा जिनके पास कार्ड नहीं है उन्हें भी सरकार के आदेश पर राशन दिया जा रहा है। जबकि इस इलाके के राशन डीलर द्वारा राशन नही दिया जा रहा है। संपन्न लोगों का यहां बहुसंख्यक कार्ड बना है। गरीब के जगह संपन्न लोग राशन ले रहे है। वहीं मनरेगा जैसी योजनाओं में भी काम नहीं मिलता है।
बेहरा टोली के इन परिवारों के समक्ष पड़े है खाने के लाले
बेहरा टोली बस्ती के तारा तिर्की, गुजरा, इमा कुल्लू, नीलिमा,सिकुन्दा मिंज, मैनो उरांव, बसंती खलखो,मुक्ति बरवा, नीलिमा तिर्की, बुधनी तिग्गा, बिरसमुनी, मारियानी, जीतन उरांव, बसंती तिर्की, सुशीला तिर्की, रोशनी तिर्की, सोमारी तिर्की, एतवारी, बुध्मानी देवी, सोनी उरांव, सुहाती डुंगडुंग, अनिता तिग्गा, बसंती, पत्रसियो, अनिता खलखो, कलावती, लछमी, छेनो, भिखारी खालको, पंडो देवी, सीखा, बूटा इन तिर्की समेत 67 परिवार के लोग शामिल है।
प्रखंड सभागार में बीडीओ राजीव नीरज की अध्यक्षता मे सभी मुखिया,पंचायत सेवक,रोजगार सेवकों के साथ बैठक सम्पन्न हुआ। बीडीओ ने सभी को निर्देश देते हुए कहा कि लॉकडाउन में मुख्यमंत्री द्वारा मनरेगा अन्तर्गत तीन नई योजना का शुभारंभ करने के लिए निर्देश दिए। जिसमें नीलाम्बर पीतांबर जल समृद्धि योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना तथा वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना का शुभारंभ करने का निर्देश दिए। बीपीओ तरणि महतो ने कहा कि काम करते वक्त सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए काम कराएं।
मौके पर मुख्य रूप से बीपीओ तरणि महतो, रजनी मिंज, मुर्तजा मियां, दिलीप बड़ाईक, भालेन मिंज, सावित्री टोप्पो, शीतल खलखो, नागेन्द्र उरांव, नागेन्द्र उरांव, नागेन्द्र चौधरी, जोर्ज टोप्पो, बासुदेव राय, रंजीत उरांव, अरबिन्द कुजूर, अजय काश्मीर टोप्पो, सुजित कुमार, शकील रजा, ज्योतिष कुजूर उपस्थित थे।
सिसई प्रखंड कार्यालय अंतर्गत कार्यरत सरकारी कर्मियों द्वारा लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों की सहायता हेतू उपायुक्त कोविड-19 सहायता कोष में कुल 50 हजार 300 रुपए की सहयोग राशि जमा कराई गई। इस बावत प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रवीण कुमार ने कहा वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) के रोकथाम व बचाव को लेकर देश में लॉकडाउन थ्री जारी है। महामारी संक्रमण से पुरा विश्व संक्रमण का दंश झेल रहा है। विश्व के वैज्ञानिक बिमारी के इलाज खोजने मे दिन-रात प्रयासरत है। बावजूद इसके वैश्विक महामारी का सार्थक इलाज अब तक नहीं मिल सका है।
लाॅकडाउन जारी रहने के कारण गरीब, असहाय, दिव्यांग, दैनिक मजदुर, छोटे-मोटे दुकानदार, रिक्शा चालक, मेहनत-मजदूरी कर परिवार चलाने वाले सभी जरूरतमंद लोगों के कठिनाइयों को दूर करने के लिए सभी को मिल-जुलकर सहयोग करने की जरूरत है।
लोगों को कम से कम कठिनाइयों का सामना करना पड़े और जरूरतमंदों तक राहत पहुंचाने के लिए सरकार एवं प्रशासन दिन-रात प्रयासरत है। इसी को लेकर प्रखंड कार्यालय में कार्यरत 59 कर्मियों द्वारा स्वेच्छा पूर्वक उपायुक्त गुमला कोविड-19 सहायता कोष में 50 हजार 300 रुपए जमा कराई गई है। जिससे की जरूरतमंद लोगों तक सहायता पहुंचाई जा सके। उन्होंने प्रखंड के सभी समर्थवान नागरिकों से अपील किया की इस वैश्विक महामारी से रोकथाम व बचाव के लिए जाति धर्म, भेदभाव से ऊपर उठकर मानवता का परिचय देते हुए स्वेच्छा से जितना हो सके अपना योगदान करें। साथ ही आम जनमानस से भी अपील किया कि समय समय पर सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। सभी के सामूहिक प्रयास से हम इस महामारी को हरा पाने में अवश्य सफल होंगे।
लाॅकडाउन लागू किये जाने के बाद से प्रखंड क्षेत्र में लोगों की हो रही परेशानियों को देखते हुये विभिन्न स्वंयसेवी संस्था व सरकार द्वारा गरीब,असहायों के बीच राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है। वहीं कामडारा प्रखंड क्षेत्र के गांव पोकला मे समाजसेवी राजेन्द्र हरिहर के पुत्र अमित हरिहर ने बगैर कोई मदद के अपने स्तर से पोकला गांव के कुल 25 अत्यंत गरीब व असहायों के बीच पांच-पांच किलो चावल आटा, आलू, तेल, सोयाबिन, हल्दी -मसाला व अन्य सूखा राहत सामग्री का वितरण किया। ग्रामीणों ने अमित के द्वारा वितरण किये गये राहत सामग्री को पाकर काफी खुश नजर आए वहीं क्षेत्र मे उसके दरियादिली व नेक कार्य को काफी सराहा जा रहा है। वहीं अमित हरिहर ने कहा कि गरीबों की मदद करने से मुझे काफी आत्मसंतुष्टि मिलती है।
शहरी क्षेत्र के छत्तर बगीचा स्थित आनंद मार्ग स्कूल में गुरुवार को श्रीश्री आनंदमूर्ति जी का 99वां जन्मदिवस मनाया गया। जिसकी अगुवाई प्रचारक संघ के भुक्ति प्रधान गणेश लाल के अलावे अन्य मार्गी दादा दीदी व आचार्य प्रज्ञानंद अवधूत ने की। मौके पर आचार्य प्रज्ञानंद ने बताया कि आज के ही दिन श्री श्री आनंदमूर्ति जी का जन्म वैशाखी पूर्णिमा 1921 को जमालपुर बिहार में हुआ था।
आनंद मार्ग सिद्धांत के अनुसार भगवान तारक ब्रह्म के रुप में 7 हजार वर्ष पूर्व सदाशिव के रुप में, 3500 वर्ष पहले श्री कृष्ण के रुप में तथा 1921में श्री श्री आनंदमूर्ति जी तारक ब्रह्म के रुप में धरती पर विश्व कल्याण के लिए अवतरित हुए।
मनुष्यों के कल्याण लिए आनन्द मार्ग प्रचारक संघ का स्थापना 1955 ई. में मुंगेर में हुआ। समाज की सेवा के लिए अानंद मार्ग युनिवर्सल रिलीफ टीम की स्थापना की गई। जो 180 देशों में कार्यरत है। जो प्राकृतिक आपदा होने पर लोगों को सहायता देने का कार्य कर रही है। मौके पर मार्गी दीदी सूर्यावती देवी ने लोगों को लॉक डाउन में नियमित योग साधना और मन लगाकर ध्यान करने की बात कही। उन्होेंने कहा योग और साधना का नियमित अभ्यास करने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ता है तथा मनुष्य अध्यात्म की ओर बढ़ता है। कार्यक्रम समाप्ति के पश्चात बसारटोली, बक्सीडीपा, प्रेमनगर, बीआईडी, बदला, मिशन चौक, छत्तर बगीचा के बुजुर्गों एवं दिव्यांगों को घर घर जाकर नया वस्त्र और मास्क दिया गया।
लॉकडाउन के कारण प्रखंड क्षेत्र के कुलबुरु पंचायत के अंतर्गत गांव कुरकुरा तेतरटोली मे विगत दस वर्षों से रह रहे आदिम जनजाति के दो बिरहोर परिवारों की स्थिति काफी दयनीय हो गई है। इसकी जानकारी मिलते ही कुरकुरा थाना की पुलिस ने उन्हें राहत सामग्री मुहैया कराई। प्राप्त जानकारी के उक्त बिरहोर आदिम जनजाति के दो परिवार लगभग दस वर्ष पूर्व गांव कुरकुरा तेतरटोली में आकर एक कटहल पेड़ के नीचे में रहकर अपना जीवन गुजर-बसर कर रहे थे। और लगभग दो वर्षों तक ठंडा, गर्मी व बरसात में उसी पेड़ के नीचे छोटे-छोटे बच्चों के साथ रहता देखकर गांव का एक युवक संजय साहू का दिल पसीज गया। इसके बाद उसने उक्त दोनों परिवार को अपने घर में रहने के लिये जगह दिया। फिलहाल उक्त बिरहोर परिवार के पास रहने के लिये अपना घर नहीं है।
वहीं उनलोगों के पास राशन कार्ड तक नहीं है। गांव व आसपास मे कोई छोटा-मोटा काम व मजदूरी मिलता है तो किसी तरह से अपने पेट का भरण-पोषण करते हैं। वहीं लॉकडाउन के वजह से उनकी परेशानी और बढ़ गई है। वहीं रामचंद्र बिरहोर की पत्नी बहरी देवी ने बताया कि उसका पति कुछ दिन पहले रोजी-रोजगार की तलाश मे बेड़ो प्रखंड की ओर गया हुआ था। जो लॉकडाउन के कारण फंस गया है और अब तक नहीं लौटा है। वहीं अनाज को लेकर हो रही परेशानी को देखते हुए कामडारा प्रदान संस्था की ओर से दो बार दिया गया था। अब वह भी समाप्ति के कगार पर है। वहीं अब तक पंचायत का मुखिया, जनप्रतिनिधि व प्रखंड प्रशासन हमारी सुधि तक नहीं लेने आए हैं।