अनुमंडल के विभिन्न क्षेत्राें में शुक्रवार काे विभिन्न संस्थाओं व शिक्षकों द्वारा कवि गुरु रविंद्रनाथ टैगोर की 159वीं जयंती साेशल डिस्टेंस का ख्याल रखते हुए मनाई गई। इस माैके पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया गया। इस मौके पर घाटशिला के संत नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर के शिक्षकों ने ||ऑनलाइन रवींद्रनाथ टैगोर की जंयती मनाई। एक ऑनलाइन वीडियो मीटिंग प्लेटफॉर्म के जरिए कवि गुरु के जन्मदिन व उनके लिखे रवींद्र गीतों एवं कविताओं का पाठ किया गया। साथ ही उनको स्मरण करते हुए समस्त शिक्षक-शिक्षिकाओं ने कुछ न कुछ प्रस्तुत करने का प्रयास किया।
इस ऑनलाइन कार्यक्रम का संचालन सास्वती रॉय पटनायक एवं अर्पा भट्टाचार्य एवं डॉ प्रसेनजीत कर्मकार ने किया। संगीत चर्चा में साैमिता सनातनी एवं सोमनाथ दे का विशेष योगदान रहा। प्रधानाचार्य संजय कुमार मल्लिक ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में हमारी संस्कृति बाधित नहीं होनी चाहिए। इसीलिए तालाबंदी का नियम मानते हुए ऑनलाइन समारोह का आयोजन किया गया। वहीं इस माैके पर काशिदा में कांचन कर के घर में कवि गुरु रवींद्रनाथ टैगाेर की 159वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर उनके चित्र पर माल्यार्णण कर श्रद्धासुमन अर्पित की गई। इस माैके पर कांचन कर, तापस चटर्जी समेत अन्य उपस्थित थे।
रवींद्रनाथ ठाकुर की मूर्ति पर किया गया माल्यार्पण
शुक्रवार काे कवि गुरु विश्वकवि रवींद्रनाथ ठाकुर की 160वीं जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन मऊभंडार बाबूलाइन स्थित कवि गुरु की मूर्ति के समक्ष किया गया। कवि गुरु की मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। साथ ही उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला गया। वक्ताओं ने कहा कि कवि गुरु को देश के राष्ट्रगान के रचयिता के साथ-साथ बांग्लादेश के भी राष्ट्रगान के रचियता का सम्मान प्राप्त है। वह एक दार्शनिक समाज सुधारक चिंतक के साथ-साथ स्वतंत्र सेनानी भी थे। मौके पर झामुमो के जिला संगठन सचिव जगदीश भकत, काजोल डॉन, विकास मजूमदार, मृत्युंजय यादव, नीलकमल महतो, फारुख सिद्दीकी आदि मौजूद थे।
लॉकडाउन का पालन कराने को लेकर अंचलाधिकारी अरविंद कुमार ओझा एवं थाना प्रभारी अनिल नायक तथा पुलिस बल द्वारा शुक्रवार को चाकुलिया पुराना बजार बैंक ऑफ बड़ौदा तथा डाकबंगला मुख्य सड़क पर वाहन चेकिंग अभियान चलाया गया। इस दौरान पदाधिकारियों ने बेवजह घूमने वाले लोगों पर सख्ती दिखाई। अंचलाधिकारी ने बताया कि लाॅकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर पुलिस की पैनी नजर है। सुबह लगभग 300 लोगों के वाहन की चेकिंग कर चेतावनी देकर छोड़ा गया है। इस अभियान में एसआई ललित खलको, नितेश गुप्ता, जितेन्द्र कुमार, एएसआई अशोक पासवान, अनिल सिंह सहित अन्य पुलिस बल मौजूद थे।
यूसील के तुरामडीह व महुलडीह में मजदूरों की हड़ताल यूनियन नेताअों तथा प्रबंधन के बीच वार्ता केे बाद समाप्त हो गई। शुक्रवार को यूनियन नेताओं एवं प्रबंधन द्वारा समझाने के बाद सभी मजदूर काम पर लौट गए। गुरुवार रात प्रबंधन एवं यूनियन नेताओं के बीच हुई वार्ता के पश्चात यह निर्णय लिया गया था कि प्रभावित कर्मचारियों को अप्रैल 2020 माह के शेष अवधि का कुल 50 प्रतिशत बेसिक एवं डीए अग्रिम भुगतान 3 दिनों के अंदर किया जाएगा। मार्च एवं अप्रैल माह के दौरान अनुपस्थित का समायोजन लिव एप्लीकेशन के द्वारा किया जाएगा। वैकल्पिक रूप से विभागाध्यक्ष की अनुमति लेकर साप्ताहिक छुट्टी के दिन काम करके इस अनुपस्थिति को पूरा करने का मौका दिया जाएगा। बनाई गई कमेटी इन सभी मुद्दों पर जांच कर उसका समाधान करेगी। उपरोक्त बैठक की मध्यस्थता सहायक श्रमायुक्त केंद्रीय चाईबासा प्रवीण कुमार ने की। गुरुवार रात यूनियन के सदस्यों एवं प्रबंधन के लोगों ने मजदूरों को बहुत समझाने की कोशिश की लेकिन मजदूर नहीं मानें। शुक्रवार की सुबह यूनियन एवं प्रबंधन ने उन्हें समझाया तो मजदूर मान गए और ड्यूटी पर वापस चले गए।
हड़ताल के सभी बिंदुओं पर विचार करेगी समन्वय समिति
प्रबंधन एवं श्रमिक संगठनों के बीच बनी समन्वय समिति में चंचल मन्ना, जीसी नायक, जीके गुप्ता, एसके सेनगुप्ता, संजीव रंजन एवं यूनियन की तरफ से धनीराम किस्कू, आनंद महतो एवं सुरजीत सिंह को शामिल किया गया है। यह समिति जिस मजदूर को एडवांस चाहिए, उन्हें आगामी 10 तारीख तक एडवांस की राशि दी जाएगी एवं उसके पश्चात अनुपस्थित पीरियड को छुट्टी में समायोजित करने के लिए आवेदन लेगी। उक्त कमेटी की बैठक शनिवार की सुबह 10:30 बजे होगी। जिसमें हड़ताल के कारणों के सभी बिंदुओं पर विचार होगा। मालूम हो कि लॉकडाउन पीरियड में सरकारी निर्देशानुसार यूसील खुलने के पश्चात भी कुछ मजदूर काम पर नहीं लौटे थे। ऐसे में प्रबंधन ने उनका वेतन काट लिया था। जिससे नाराज होकर गुरुवार की सुबह से तुरामडीह, महुलडीह एवं बंधुउडंग के करीब 2000 मजदूर हड़ताल की थी। हड़ताल खत्म होने पर यूसील प्रबंधन एवं जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली है।
शुक्रवार को सोमयडीह के काशीडीह स्कूल परिसर में फॉरेस्ट ब्लॉक पंचायत के बीहड़ क्षेत्र के 100 ग्रामीणों को विधायक रामदास सोरेन द्वारा दस-दस किलो चावल का वितरण किया गया। विधायक ने बताया कि वैसे ग्रामीणों को चावल बांटा गया, जिनके पास राशन कार्ड नहीं था। राशन कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन दिया है। लॉकडाउन के कारण दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोगों को काम नहीं मिलने से दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। ऐसे राशन से वंचित गरीब लोगों के लिए सरकार सकारात्मक सोच रखते हुए राशन मुहैया करा रही है। मौके पर झामुमो नेता कान्हू सामंत, के बी फरीद, प्रखंड अध्यक्ष प्रधान सोरेन, जिप सदस्य बाघराय मार्डी, सोमाय सोरेन, गोरांगो महाली, रामचंद्र मुर्मू, रवींद्रनाथ मार्डी, कालीपद गोराई, पंसस पावर्ती सिंह सहित अन्य ग्रामीण उपस्थित थे।
कोरोना जैसी वैश्विक अापदा के बीच भारत सरकार द्वारा देशभर में लाॅकडाउन लागू किया गया है। इस लाॅकडाउन के दाैरान भाजपाई अपना फर्ज निभा रहे हैं। इस दाैरान जरूरतमंद लाेगाें के बीच खाद्यान्न व अावश्यक सामान उपलब्ध करवा रहे हैं। भाजपा नेता लखन मार्डी अपने समर्थकाें के साथ घाटशिला विधानसभा क्षेत्र के कालिंदीपाड़ा, फूलडुंगरी के सुसनी जुबनी गांव में मास्क व सैनेटाइजर का वितरण करवाया। इस अवसर पर लखन मार्डी ने बताया कि जरूरतमंदों की मदद करना उनकी पहली प्राथमिकता है। मौके पर धालभूमगढ़ भाजपा मंडल अध्यक्ष विश्वनाथ बेहरा, शशांक शेखर दास, रत्ना मिश्रा, पिंटू आदि मौजूद थे।
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लाॅकडाउन का पालन कराने व सुरक्षा व्यवस्था में लगे चाकुलिया के अंचलाधिकारी अरविंद कुमार ओझा एवं थाना प्रभारी अनिल कुमार नायक तथा पुलिस जवानों को शुक्रवार को थाना परिसर में स्वामी विवेकानंद आईटीआई कॉलेज के प्रिंसिपल तरुण महंती ने सम्मानित किया। इस मौके पर प्रिंसिपल ने पदाधिकारियों को गमछा, छाता, डायरी तथा माला पहनाकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि इस महामारी के समय में प्रशासन आमजन की सुरक्षा के लिए दिन रात मुस्तैदी से सेवा दे रहा है। पदाधिकारी अपने परिवार को छोड़कर निरंतर दूसरे की सेवा में अपना समय दे रहे हैं। ऐसे में इन कर्मवीर योद्धाओं को सम्मानित करना प्रथम कर्तव्य है। इसके लिए अंचलाधिकारी व थाना प्रभारी ने कॉलेज के प्रिंसिपल का आभार व्यक्त किया। मौके पर एसआई ललित खलको, जितेन्द्र, एएसआई अशोक, अनिल सिंह, धर्मेंद्र आदि मौजूद थे।
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ दिनेश कुमार षाड़ंगी ने कहा कि गुड़ाबांदा प्रखंड के बनमाकड़ी स्थित एक मात्र मेसो अस्पताल के बंद रहने को लेकर अस्पताल के परिचालक विकास भारती के अध्यक्ष पद्मश्री अशोक भगत से दूरभाष पर बात कर उनसे तत्काल अस्पताल को चालू करने का आग्रह किया। अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक स्वास्थ्य एवं सफाई कर्मियों की सुरक्षा के लिए पीपीई किट्स, सैनेटाइजर, मास्क तथा आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराने का आग्रह किया। डॉ षाड़ंगी ने इस संबंध में गुरुवार काे जिले के उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला तथा सिविल सर्जन डॉ महेश्वरी प्रसाद से बात कर उपकरण एवं दवा उपलब्ध कराने का आग्रह किया था। शुक्रवार काे उक्त अस्पताल के चालू होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने इसके लिए अशोक भगत, उपायुक्त एवं सिविल सर्जन के प्रति आभार व्यक्त किया तथा धन्यवाद दिया।
हजारीबाग के क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक संजीव कुमार ने धालभूमगढ़ प्रखंड स्थित आमाडूबी के 54 पेंटिंगकारों के बीच राशन का वितरण करवाया। साथ ही 11 अन्य चित्रकारों को एक-एक हजार रुपए की आर्थिक मदद भी पहुंचाई है। उन्होंने आमाडूबी के चित्रकार रंगलाल गायेन के माध्यम से जरूरतमंद परिवारों के बीच चावल, आटा, दाल, नमक समेत अन्य खाद्य पदार्थ वितरित कराए तथा नकद राशि मुहैया कराई। मालूम हो कि जमशेदपुर के डीएफओ रहने के दौरान संजीव कुमार ने कई दफा आमाडूबी का दौरा कर यहां के कलाकारों से मुलाकात की थी। आमाडूबी के चित्रकारों के साथ उनका एक आत्मीय संबंद कायम हो गया था, जो आज भी बना हुआ है। आमाडूबी के चित्रकार समेत अन्य कलाकार उन्हें अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं।
जमशेदपुर डीएफओ रहने के क्रम में बना यह रिश्ता संजीव कुमार आज हजारीबाग के क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक रहकर भी निभा रहे हैं। इसी का परिणाम है कि बीते डेढ़ माह से लॉकडाउन की मार झेल रहे आमाडूबी के चित्रकारों से उन्होंने स्वयं संपर्क साध हाल-चाल जाना। चित्रकार रंगलाल गायेन ने जब उन्हें सभी की व्यथा सुनाई तो उनका मन द्रवित हो उठा। रंगलाल ने बताया कि लॉकडाउन लागू होने के बाद से उन लोगों की स्थिति काफी दयनीय हो चली है। राशन का आभाव होने से परेशानी और भी बढ़ गई हैं। इस पर क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक संजीव कुमार ने तत्काल सभी पीड़ित परिवारों को मदद पहुंचाने की बात कही। संजीव कुमार के प्रयास का ही नतीजा रहा कि आमाडूबी के 54 परिवारों के बीच राशन का वितरण हो सका। सभी ने क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक के प्रति अपना आभार जताया है।
पश्चिमी विक्षोभ के कारण अप्रैल व मई में कई दिन बारिश हुई है। मई में आसमान में भादो महीने जैसा बादल छाए हुए हैं। थोड़े अंतराल में तेज बारिश हो रही है। इस बेमौसम बारिश की बदौलत बीते दस साल में इस वर्ष मई में ग्राउंड वाटर लेवल सबसे अच्छा है। प्रखंड भर में 12 से 20 मीटर की गहराई में पानी मिल रहा है। हर साल गर्मी के दिनों में वाटर लेवल 35 से 50 मीटर तक चला जाता था। इस वर्ष बारिश ने गर्मी में न तो नदियों को सूखने दिया और न ही तालाब व कुएं सूखे हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि इस साल कहीं भी अब तक हैंडपंप सूखने की समस्या नहीं सुनी गई है। गर्मी में हो रही बारिश के चलते पूरे इलाके में भू-जल रिचार्ज हुआ है। इसका फायदा आने वाले कई सालों तक मिलेगा। शहर की बात करें तो इन दिनों शहर के तालाब में पानी कम जरूर हुए पर सूखे नहीं हैं। कटिंगपाड़ा व गोपालपुर के दोनों मुख्य तालाब भरे हुए हैं। शहर के कई इलाके ऐसे हैं, जहां 15 मीटर की खुदाई के बाद ही पानी निकल जा रहा है। इस वर्ष निजी कुओं से लोगों को पर्याप्त पानी मिल रहा है। हर साल गर्मी में सूख जाने वाले कुओं में भी पर्याप्त पानी है। ग्राउंड वाटर के रिचार्ज होने का सबसे अधिक फायदा जल व स्वच्छता विभाग को पहुंचा है।
इस वर्ष शहर में जलापूर्ति नहीं हो रही बाधित
हर साल गर्मी के दिनों में शहर में जलापूर्ति व्यवस्था चरमरा जाती थी। इसकी मुख्य वजह सुवर्णरेखा नदी में पानी कम हो जाना था। बीते साल नदी की धार पतली हो जाने के कारण दाहीगोड़ा स्थित इंटकवेल तक पानी नहीं पहुंच पा रहा था। इससे शहर में जलापूर्ति बार-बार ठप हो रही थी। इसके अलावा नलों में पर्याप्त पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही थी। इस वर्ष नदी में पर्याप्त पानी होने से ऐसी समस्या नहीं है। शहर में जलापूर्ति के लिए फिल्टर प्लांट में नदी से पानी लाया जाता है। नदी के पानी की धार को इंटेकवेल की अोर करने के लिए बालू भरकर बोरियां नदी में डाली जाती थी। इस बार ऐसी स्थिति नहीं है।
मार्च और अप्रैल में बारिश होने से गर्मी का नहीं हो रहा अहसास
वर्ष 2020 में ऐसा कोई महीना नहीं है, जिसमें बारिश न हुई हो। जनवरी में पहले दस दिन बारिश का मौैसम बना रहा। फरवरी में भी करीब 20 दिन बारिश हुई। मार्च व अप्रैल में भी बारिश होने से इस वर्ष गर्मी का एहसास नहीं हुआ। शहर सहित जिले के कई इलाकों में बुधवार की शाम को जमकर बारिश हुई थी। मौसम वैज्ञानिकों ने 10 मई तक बारिश की संभावना जताई है।
बीते दस साल में पहली बार हैंडपंप मरम्मत की नौबत नहीं
बीते दस साल में यह पहली बार हुआ है जब हैंडपंप सुधारने के लिए मिस्त्री को किसी गांव में नहीं जाना पड़ा हो। हर साल मार्च से ही हैंडपंप सूखने की समस्या पैदा हाेने लगती थी। एक दो अपवाद को छोड़कर कहीं भी पानी की समस्या नहीं है। हालांकि हैंडपंप खराब होने की सूचना प्राप्त करने के लिए कंट्रोल रूम स्थापित कर नंबर जारी किया गया है।
ओडिशा पाराद्वीप से 22 मजदूराें का दल साइकिल से अपने घर भागलपुर लाैटने के क्रम में घाटशिला पहुंचा। भूखे-प्यासे मजदूर फूलडुंगरी के निकट सड़क किनारे बस पड़ाव पर रुककर लाेगाें से सहयाेग की मांग कर रहे थे। इसी क्रम में उन पर झामुमाे नेता माे. जलील औरर काजल डाॅन की नजर पड़ गई। दाेनाें ने सभी मजदूराें काे पहले भरपेट भाेजन कराया। इसके बाद दूसरे दिन के लिए भी उन्होंने अावश्यक सामग्री उपलब्ध कराई। सभी मजदूराें ने झामुमो नेताओं काे धन्यवाद देते हुए आगे की ओर रवाना हुए। मजदूराें के दल में शामिल बिहार भागलपुर और मधेपुरा के माे. मुबारक, माे. किस्मत, माे सद्दाम ने बताया कि बिहार के भागलपुर, मधेपुरा समेत अन्य क्षेत्र के करीब 50 से ज्यादा लाेग ओडिशा के पाराद्वीप में राेजगार के लिए गए हुए थे। वहां फैक्ट्री में मेहनत मजदूरी कर जीविकोपार्जन कर रहे थे। इसी बीच सरकार द्वारा किए गए लाॅकडाउन में फंस गए। सभी मजदूर घर लाैटने के लिए पाराद्वीप के स्थानीय प्रशासन अाैर बिहार संबंधित जिलाें के स्थानीय प्रशासन से व्यवस्था की मांग करने लगे।
काेई व्यवस्था दाेनाें ही राज्य की सरकार द्वारा नहीं की गई ताे कुछ लाेगाें ने घर से रुपए मंगाकर साइकिल खरीदी। उसके बाद
अपना सामान उस पर लादकर घर के लिए रवाना हुए। जबकि अधिकांश लाेग पैदल ही घर लाैट रहे हैं। सभी मजदूराें ने बताया कि ओडिशा में वे भूखे मर जाते। अब जीवन में दाेबारा कभी भी काम करने के लिए ओडिशा नहीं जाएंगे।
गुजरात के मोरोवी से झारखंड के 1257 मजदूरों को लेकर आज अपराह्न करीब चार बजे श्रमिक स्पेशल ट्रेन टाटानगर पहुंची। ट्रेन में पश्चिम सिंहभूम के 1231, सरायकेला-खरसावां के 13 और पूर्वी सिंहभूम के 7 मजदूर थे। इनमें
मुसाबनी के कागदोहा के बसंत हेंब्रम व मुकेश नायक भी शामिल थे। पूर्वी सिंहभूम के 7 मजदूरों को जमशेदपुर अंचल कार्यालय के रंजीत शर्मा व बीरेंद्र कुमार ने बस से सरस्वती विद्या मंदिर में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में पहुंचाया।
ट्रेन के टाटानगर पहुंचने पर सबसे पहले पश्चिम सिंहभूम के यात्रियों को उतारा गया। मेडिकल जांच
के बाद भोजन-पानी बोतल देकर सबको बस से रवाना किया गया। इन सबको होम क्वारेंटाइन में रहने का निर्देश दिया गया है। अपने घर लौटे अधिकतर मजदूरों ने एक सुर में कहा- गांव में खेती कर लेंगे, पर दूसरे प्रदेश नहीं जाएंगे।
झींकपानी की महिला हुई बीमार, नहीं मिले लक्षण
ट्रेन से आई झींकपानी के बासेबाड़ा गांव की सोमारी बारी की तबीयत रेलवे स्टेशन पर खराब हो गई। इस सूचना पर स्टेशन परिसर में खलबली मच गई। डॉक्टरों ने जांच की तो महिला में कोरोना संक्रमण वाला लक्षण नहीं पाया।
पंखे-बिस्तर तक लेकर आए थे मजदूर
टाटानगर रेलवे स्टेशन पहुंचे कई मजदूर पंखा और बिस्तर तक लेकर आए थे। कुमारडुंगी का निर्मल गागराई टेबल फैन व जगन्नाथपुर की सविता देवी बिस्तर के साथ पहुंची थी। कई मजदूर पानी रखने वाला बर्तन भी लेकर आए थे।
मुसाबनी प्रखंड की माटीगोड़ा पंचायत के कुलामारा मौजा के पोंडाकोचा में अवैध पत्थर खनन की खबर दैनिक भास्कर में 6 मई को प्रकाशित होने के बाद खनन बंद कर दिया गया है। वहां गत दिनों से पोकलेन लगाकर पहाड़ पर खनन किया जा रहा था। पोकलेन में ड्रिल मशीन लगाकर पहाड़ को छलनी किया जा रहा था। जानकारी हो कि पोंडाकोचा गांव राखा वन क्षेत्र के अंतर्गत आता है। अवैध खनन के दौरान पहाड़ की सुंदरता को चार चांद लगाने वाले साल के पेड़ों को भी नुकसान पहुंचाया गया है। इसकी शिकायत ग्रामीणों ने वन विभाग से की थी।
दैनिक भास्कर में प्रमुखता के साथ खबर प्रकाशित होने के बाद वन विभाग की टीम मौके पर जाकर जांच पड़ताल की। उसके बाद खनन स्थल से पोकलेन हटाए गए। शुक्रवार को वहां कोई मजदूर काम करते नहीं दिखा। धालभूम वन प्रमंडल के डीएफओ अभिषेक कुमार के आदेश पर रोआम बीट के सब बीट पदाधिकारी रंजू सोरेन ने खनन स्थल पर जाकर मौका मुआयना किया। वहां का जीपीएस लिया। इसकी रिपोर्ट डीएफओको सौंप दी है। उन्होंने बताया कि डीएफअो के आदेश पर खनन स्थल की जांच की गई।
रिपोर्ट तैयार करके डीएफओको सौंप दी गई है। इस संबंध में डीएफओने बताया कि राखा फाॅरेस्ट रेंज में रेंजर की पदस्थापन नहीं होने के कारण जांच पूरी नहीं हो सकी है। फिलहाल सब बीट अफसर भेजकर प्रारंभिक जांच कराई गई है।
प्रथम दृष्टया वन भूमि प्रतीत नहीं हो रही है। इसके बाद भी जांच की जाएगी। उसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।
भास्कर न्यूज |
लॉकडाउन में पूर्वी सिंहभूम जिले की सीमाएं सील हैं। वहीं अोडिशा में फंसे मजदूरों का आना जारी है। सरकार द्वारा भी दूसरे राज्यों से मजदूरों को वापस बुलाया जा रहा है। लेकिन जिन मजदूरों की व्यवस्था नहीं हो पा रही है, वे या तो पैदल चलकर या फिर साइकिल, ट्रकों आदि से चोरी छिपे अपने जिले और गांव में पहुंच रहे हैं। शुक्रवार को अोडिशा से एक दर्जन साइकिल सवार झारखंड की सीमा में प्रवेश कर बिहार जाते दिखे। कहीं भी रोक-टोक नहीं हो रही है। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। रेड जोन भुवनेश्वर से मजदूर साइकिलों से शहर की सीमा पार करके हाइवे 18 से जातेे दिखे।
इन लोगों ने बताया कि काफी प्रयास के बाद भी जब उन्हें सरकारी सुविधाएं नहीं मिली तो वे साइकिल से गंतव्य की अोर रवाना हो गए। वह बिहार के समस्तीपुर, पूर्णिया, कटिहार जाएंगे। उन्होंने बताया कि रास्ते में कहीं भी जांच स्क्रीनिंग भी नहीं हुई है। हर दिन ये मजदूर अोडिशा से झारखंड की सीमा में प्रवेश करने के बाद विभिन्न थाना क्षेत्र होते हुए अपने गंतव्य की अोर जा रहे हैं। अाश्चर्य की बात यह है कि इन्हें देखकर भी पुलिस नहीं रोक रही है। उन्हें क्वारेंटाइन नहीं किया जा रहा है। बहरागोड़ा, श्यामसुंदरपुर, धालभूमगढ़, घाटशिला तथा गालूडीह थाना होते हुए मजदूर बिना रोक-टोक गुजर रहे हैं। इससे पूर्व गालूडीह थाना क्षेत्र के सालबनी में ट्रक से 85 मजदूरों को जाते हुए पकड़ा गया था। उन्हें गालूडीह महुलिया हाई स्कूल में क्वारेंटाइन किया गया था। इस दौरान उनके नखरे सेे पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारी परेशान हो गए थे। यहीं वजह है कि अब अधिकारी सड़क से जाते हुए भी मजदूर को देख आंख बंद कर लेते हैं। क्वारेंटाइन की अवधि पूूरी होने के बाद सभी को बस से उनके गंतव्य तक पहुंचा दिया गया।
लॉकडाउन में फंसे श्रमिक, कोई व्यवस्था नहीं होने पर पैदल और साइकिल का ले रहे सहारा
लॉकडाउन के चलते देशभर में फंसे मजदूर वापस आने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। कोई घर पहुंचने के लिए निरंतर पैदल चल रहा है तो कोई लिफ्ट लेते हुए आ रहा है। ओडिशा के विभिन्न शहरों में फंसे श्रमिकों को आने की कोई व्यवस्था नहीं हुई तो कुछ पैदल तो कुछ साइकिल से चल दिए। इन मजदूरों में कोई भवन निर्माण के ठेकेदार के यहां मजदूरी करते थे तो कोई चावल मिल में कार्यरत थे। लॉकडाउन के बाद ठेकेदार ने कुछ दिनों तक उनको खाने-पीने की व्यवस्था की, लेकिन अब लॉकडाउन बढ़ जाने से ठेकेदार ने खाना देना बंद कर दिया। इनकी मजदूरी राशि भी नहीं दी। ऐसी स्थिति में पैदल चलने को मजदूर बाध्य हो गए।
हुगली में फंसे 5 मजूदर धालभूमगढ़ पहुंचे, स्क्रीनिंग के बाद क्वारेंटाइन
धालभूमगढ़| जिप सदस्य आरती सामद के प्रयास से शुक्रवार को लाॅकडाउन के दौरान हुगली में फंसे 5 मजदूर धालभूमगढ़ पहुंचे। पांचों मजदूरों का धालभूमगढ़ सीएचसी में कोरोना संक्रमण काे लेकर स्क्रीनिंग की गई। इसके बाद सभी काे पंचायत स्तरीय क्वारंेटाइन सेंटर में रहने के लिए भेजा गया। जिप सदस्य ने बताया कि माैदाशाेली पंचायत के आमाडूबी गांव के गोविंद गायन, लखीराम मुर्मू, प्रधान गोप तथा चुकरीपाड़ा पंचायत के पानीजिया गांव निवासी भरत तथा शरत गोप मजदूरी करने पश्चिम बंगाल के हुगली गए थे। वहां ग्लेज ट्रेडिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में कार्य कर रहे थे। मजदूरों ने कई बार उनसे मोबाइल पर संपर्क कर सहयोग मांगा था। मजदूरों को बंगाल से लाने के लिए उपायुक्त को भी लिखित आवेदन देकर मजदूरों को लाने के लिए सहयोग मांगा गया था।
जमशेदपुर से साइकिल से ही नादिया के लिए चल पड़े मजदूर
धालभूमगढ़ |देशभर में काेराेना संक्रमण से बचाव काे लेकर जारी लाॅकडाउन के दाैरान वाहन नहीं चल रहे हैं। जगह-जगह प्रशासन मुस्तैद है। शुक्रवार काे पश्चिम बंगाल से मजदूरी करने आए 10 मजदूर लाॅकडाउन के दाैरान जमशेदपुर में फंस गए थे। काेई साधन नहीं मिला ताे उक्त सभी 10 मजदूर जमशेदपुर से साइकिल से ही पश्चिम बंगाल घर के लिए रवाना हाे गए। इन 10 मजदूराें काे चाकुलिया प्रखंड क्षेत्र के मुटुरखाम के समीप सिंद्रा खाल के किनारे पेड़ के नीचे आराम करते देखा गया। मजदूरों से पूछने पर उन्होंने बताया कि 10 मजदूर में से 8 मजदूर पश्चिम बंगाल के नादिया जिला के हरिनघाट थाना अंतर्गत कानपुर गांव जा रहे हैं। वहीं साथ में 2 अन्य मजदूर अबुल कलाम तथा इनामुल दोनों कोलकाता जा रहे हैं। उक्त सभी मजदूर जमशेदपुर में भवन निर्माण कार्य में मजदूरी करते थे। जमशेदपुर से चाकुलिया थाना क्षेत्र पहुंचने के क्रम में कहीं भी मजदूरों को किसी ने पूछताछ नहीं की।
खड़गपुर के रेशमी स्टील प्लांट में काम करने वाले 21 मजदूर पहुंचे चाकुलिया, जांच
चाकुलिया |शुक्रवार को खड़गपुर के गोकुलपुर स्थित रेशमी स्टील प्लांट में काम करने वाले 21 मजदूर पैदल चाकुलिया पहुंच गए। रेलवे ट्रैक के किनारे पैदल चलते हुए सभी मजदूर चाकुलिया पहुंचे थे। चाकुलिया पहुंचने पर मजदूर थक गए थे। प्रशासन को इसकी भनक लगते ही सिटी मैनेजर मोनिश सलाम उन्हें चाकुलिया थाना ले गए। चाकुलिया थाना परिसर में ही अंचलाधिकारी अरविंद कुमार ओझा एवं थाना प्रभारी अनिल कुमार नायक ने उन्हें भोजन कराया। इस दौरान सर्विलांस टीम द्वारा सभी मजदूरों की स्वास्थ्य जांच की गई। इसके उपरांत उनके गढवा स्थित घर जाने के लिए व्यवस्था कराने का प्रयास किया गया। परंतु शाम तक कोई व्यवस्था नहीं हो सकी। जिस कारण उन्हें गोविंदपुर स्थित सीएचसी के पीछे बने सामुदायिक भवन परिसर में ठहराया गया है। चाकुलिया से वाहन की व्यवस्था कर उन्हें गढ़वा पहुंचाया जाएगा। मजदूरों में सूर्यदेव सिंह, बलराम, चंदन, अरुण आदि शामिल थे।
डांगुवापोसी वेस्ट रेलवे कॉलोनी स्थित पानी टंकी में संदिग्ध पदार्थ डालने की कोशिश नाकाम हो गई। इस पानी टंकी से डांगुवापोसी रेल क्षेत्र के लगभग 200 क्वार्टरों में रोजाना हजारों लीटर पानी की सप्लाई होती है।
जानकारी के अनुसार, गुरुवार रात करीब 8 बजे दो नाबालिग पानी टंकी के ऊपर खड़े दिखे। वे पानी टंकी के अंदर कुछ डालने की फिराक थे। पास के क्वार्टर की एक महिला की नजर टंकी के ऊपर खड़े युवकों पर पड़ी तो उसने टोका। महिला के विरोध करने पर दोनों कटंकी से उतर कर भाग खड़े हुए।
इसके बाद महिला ने इस घटना की जानकारी आईओडब्ल्यू को दी। सूचना पाते ही सीनियर सेक्शन इंजीनियर रणजीत सिंह, बीएस जामुदा, सिंकू मंडल, आरपीएफ सब इंस्पेक्टर आरके यादव, हेल्थ इंस्पेक्टर घनश्याम मिश्रा एवं मेंस कांग्रेस के सचिव सुभाष मजूमदार घटनास्थल पर पहुंचे। सीनियर सेक्शन इंजीनियर रणजीत सिंह ने इस घटना का जानकारी अपने वरीय अधिकारी को दी। वरीय अधिकारी ने तुरंत उस पानी टंकी में एकत्रित पानी को ड्रेन-आउट करने का आदेश दिया। साथ ही पानी का सैंपल जांच के लिए भेजा।
रेल कर्मियों के अनुसार, 15 दिन पहले इस तरह की घटना रनिंग रूम के पीछे वाली पानी टंकी के साथ हुई थी।
इधर, शुक्रवार को वेस्ट रेलवे कॉलोनी पानी टंकी की सफाई कराई गई। फिर पानी टंकी पर चढ़ने वाले सीढ़ी को हटा दिया गया, ताकि कोई असामाजिक तत्व उस पर चढ़ ना पाए।
गोइलकेरा की सभी 11 पंचायतों में आम की बागवानी से किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक पंचायत में 25 एकड़ जमीन पर आम की बागवानी सरकारी स्तर से शुरू होगी। शुक्रवार को प्रखंड कार्यालय में आयोजित बैठक में बीडीओसुधीर प्रकाश ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों से आ रहे स्थानीय मजदूरों को अपने क्षेत्र में ही रोजगार देने के लिए मनरेगा में अधिक से अधिक मानव कार्य दिवस का सृजन किया जाएगा। इसको लेकर बैठक में उन्होंने सभी पंचायत सचिव व मुखिया को निर्देश दिया। बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की गई। इस दौरान असंतोषजनक प्रदर्शन के कारण कुईड़ा पंचायत के मुखिया और पंचायत सचिव को शोकॉज किया गया। बीडीओ ने सभी पंचायतों को प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों के दौरान मजदूर सामाजिक दूरी का पालन करेंगे। स्वच्छता पर विशेष ध्यान रखना है। साथ ही पंचायत सेवकों को अपने क्षेत्रों में ग्रामीणों को कोविड 19 को लेकर मास्क लगाने, सेनिटाइजर का प्रयोग करने आदि पर जागरूक करने को भी कहा गया है।
अब वनकर्मी लोगों को बागवानी के लिए करेंगे प्रोत्साहित
बिरसा मुंडा बागवानी योजना के तहत सोनुआ प्रखंड में शुक्रवार को बीडीओ समीर कश्यप की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में वन विभाग के संतरा वन प्रक्षेत्र के रेंजर अखिलेश कुमार त्रिपाठी, वनरक्षी, कुन्दरुगुटु वन प्रक्षेत्र के वनपाल और वनरक्षी उपस्थित रहे।।बैठक में रेंजर द्वारा बागवानी से सम्बंधित तकनीकी जानकारी दी गयी। जिसमें फलों के विभिन्न प्रकार और उनके पोषण के बारे विस्तार में बताया गया। उन्होंने बताया कि यहाँ के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग किस्म की मिट्टी पायी जाती है। सभी किस्म के फल का उत्पादन सभी प्रकार के मिट्टी में नहीं किया जा सकता है। मौके पर उन्होंने वनपाल एवं वनरक्षी को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में भ्रमण करें और लाभुकों को बागवानी हेतु प्रोत्साहित करें और बागवानी की उन्नत तकनीक के बारे में भी जानकारी दें।
टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड ठेका कंपनी ने 4 मई से 34 मजदूरों का राशन बंद करा दिया है। इसकी जानकारी मिलने पर यूथ इंटक कांग्रेस जिलाध्यक्ष हसलुद्दीन खान शुक्रवार को कर्मचारियों से मिलने पचायसाई स्थित कर्मचारी क्वार्टर समीप पहुंचे। मजदूरों ने बताया कि वे लोग जमशेदपुर, पुरूलिया, आरा और हजारीबाग से आकर पचायसाई मैदान स्थित कर्मचारी क्वार्टर में रहकर सालभर से संग्रामसाई में निर्माणाधीन कर्मचारी क्वार्टर में काम करते थे। ठेका कंपनी ने अप्रैल महीने की सैलरी एकाउंट में नहीं भेजी है। उसके बाद 4 मई से मेस भी बंद कर दिया गया है। पास में जितने पैसे बचे थे, उस से किसी तरह राशन खरीदकर खाना खा रहे थे। लेकिन अब सब पैसे खत्म होने गए हैं। मजदूरों ने बताया कि इसी क्वार्टर में रह रहे अन्य 11 मजदूरों से काम लिया जा रहा है।
कोरोना वायरस से बचाव को लेकर देश में लागू लॉकडाउन को देखते हुए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि कोई भूखा न रहे। लेकिन निजी कंपनियां इस मुश्किल घड़ी में भी अपने मजदूरों को दो वक्त का भोजन नहीं दे रही हैं।
ऐसा ही एक मामला पश्चिमी सिंहभूम जिले के नोवामुंडी प्रखंड मुख्यालय संग्रामसाई स्थित टीपीएल कंपनी का है। प्लांट में कार्यरत मजदूरों को पिछले तीन-चार दिनों से राशन पानी देना बंद कर दिया गया है। मजदूरों ने कहा कि एक तरफ कंपनी राशन नहीं दे रही है वहीं दूसरी ओर लॉकडाउन की अवधि लगातार बढ़ती जा रही है। इसलिए हम मजदूर अपने घर पहुंच जाए। किसी तरह अपने परिवार और बच्चों के साथ नमक-भात खाकर गुजर-बसर कर लेंगे।
हालांकि, टीपीएल कंपनी प्रबंधन ने जब राशन पानी देना बंद किया तो स्थानीय पुलिस ने सहयोग किया और बीडीओ की ओर से मात्र 10 किलो चावल दिया गया। शुक्रवार को जब मजदूरों का सब्र टूटा तो टीपीएल कंपनी में कार्यरत कई मजदूर कंपनी छोड़ नोवामुंडी से गढ़वा अपने गांव के लिए पैदल निकल पड़े। मामले में सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा को खबर मिली तो अपने पार्टी कार्यकर्ता अमोद साव को भेज मामले की जानकारी ली। उन सभी मजदूरों को रुकवाया और समस्याओं को सुनने के बाद उपायुक्त से बात कर उन मजदूरों को उनके घर तक सही सलामत पहुंचाने के लिए व्यवस्था की।
इधर, मामले की जानकारी मिलने पर जगन्नाथपुर अनुमंडलाधिकारी स्मृता कुमारी व जगन्नाथपुर थाना प्रभारी मधुसूदन मोदक के निर्देश पर उड़नदस्ता टीम पर तैनात जगन्नाथपुर थाना के सअनि नंदकिशोर सिंह ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी मजदूरों को पैदल जाने से रोका और वापस जगन्नाथपुर रसैल उच्च विद्यालय लाया।
पारादीप से 350 किमी सफर कर जैतगढ़ पहुंचे 65 लोग
ओडिशा के पारादीप बंदरगाह इलाके से पैदल ही साढ़े तीन साै किमी दूर पैदल चल कर झारखंड ओडिशा बार्डर के जैंतगढ़ पहुंचने पर 66 मजदूराें काे जगन्नाथपुर बीडीओने शेल्टर हाेम में रखा है। सभी मजदूर झारखंड के गढ़वा और पलामू जिले के हैं। सभी मजदूरों को जैंतगढ़ बेसिक स्कूल स्थित सेल्टर होम में रखा गया है। प्रशासन ने सभी के लिए खाना, नाश्ते व पानी की व्यवस्था कराई। इस दाैरान मजदूराें ने बताया कि वे सभी पारादीप बंदरगाह के पास आईओसीएल रिफाइनरी में काम कम करते थे। लॉकडाउन के कारण एक शिफ्ट में काम चल रहा था। डेढ़ महीने तक लॉकडाउन खुलने की उम्मीद में बैठे रहे। इस बीच पैसा भी खत्म हो गया। इसी बीच उस इलाके में चार कोरोना पॉजिटिव केस मिलने पर डर लगने लगा और पैदल ही वहां से निकल पड़े। रास्ते में बंदी के कारण कहीं भी भोजन नहीं मिला। यहां तक की पानी भी नहीं मिला। लोग चापाकल से पानी नहीं लेने देते थे।
गुजरात के मोरोवी से झारखंड के 1257 मजदूरों को लेकर शुक्रवार शाम करीब 4 बजे श्रमिक स्पेशल ट्रेन टाटानगर स्टेशन पहुंची। इस ट्रेन में पश्चिम सिंहभूम के सबसे ज्यादा 1231 श्रमिक सवार थे। इन्हें पश्चिम सिंहभूम प्रशासन ने 33 बसों से टाटानगर स्टेशन से उनके प्रखंड मुख्यालय तक भेजा। इन यात्रियों को घर तक पहुंचाने के लिए व्यवस्था की देखरेख करने खुद डीसी अरवा राजकमल और एसपी इंद्रजीत माहथा टाटानगर स्टेशन पहुंचे। इनके अलावा पूर्वी सिंहभूम के डीसी रवि शंकर शुक्ला, एसएसपी एम.तमिल वानन , एडीसी सौरव कुमार सिन्हा, डीटीओ दिनेश कुमार रंजन सहित पश्चिम सिंहभूम के सभी अंचलाधिकारी व डीएसपी उपस्थित थे।
ट्रेन के टाटानगर पहुंचने पर सबसे पहले पश्चिम सिंहभूम के यात्रियों को उतारा गया। मेडिकल जांच
के बाद भोजन-पानी बोतल देकर सबको बस से रवाना किया गया। इन सबको होम क्वारेंटाइन में रहने का निर्देश दिया गया है। अपने घर लौटे अधिकतर मजदूरों ने एक सुर में कहा- गांव में खेती कर लेंगे, पर दूसरे प्रदेश नहीं जाएंगे। लॉकडाउनके दौरान काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है।
ठेकेदार ने 900 रुपए लिए, 795 रुपए का दिया टिकट
तांतनगर के छोटा पोखरिया निवासी सोनाराम सोरेन ने बताया- वे और उनके 4 साथी स्वीडन सेरामिक जम्बूरिया नामक कंपनी में ठेका मजदूर थे। ठेकेदार ने बुधवार को उनसे और उनके साथियों से कहा- टाटानगर के लिए खुलने वाली ट्रेन के लिए 900 रुपए प्रति व्यक्ति किराया लगेगा। ट्रेन खुलने के कुछ समय पहले स्टेशन पर उन्हें टिकट लाकर दिया गया, जिस पर 795 रुपए प्रिंट था। यात्रा के दौरान इन्हें यात्रियों से पता चला कि कि रेलवे द्वारा नि:शुल्क टिकट उपलब्ध कराया गया है।
झींकपानी की महिला हुई बीमार
ट्रेन से आई झींकपानी के बासेबाड़ा गांव की सोमारी बारी की तबीयत रेलवे स्टेशन पर खराब हो गई। इस सूचना पर स्टेशन परिसर में खलबली मच गई। डॉक्टरों ने जांच की तो महिला में कोरोना संक्रमण वाला लक्षण नहीं पाया।
पूरे सामान के साथ पहुंचे मजदूर
मोरोवी से टाटानगर रेलवे स्टेशन पहुंचे कई मजदूर अपने साथ पंखा और बिस्तर तक लेकर आए थे। कुमारडुंगी का निर्मल गागराई टेबल फैन व जगन्नाथपुर की सविता देवी बिस्तर के साथ पहुंची थी। कई मजदूर पानी रखने वाला बर्तन भी लेकर आए थे।
खरसावां प्रखंड के प्रोजेक्ट उच्च विद्यालय परिसर जोरडीहा में शुक्रवार काे टाटा स्टील फाउंडेशन के सहयोग से कृष्णापुर और जोरडीहा के 250 जरूरतमंदों के बीच खाद्य सामग्री का वितरण किय। खरसावां विधायक दशरथ गागराई के हाथों से सामाजिक दूरी का पालन करते हुए कृष्णापुर पंचायत के 120 और जाेरडीहा पंचायत के 130 जरूरतमंद लोगों के बीच खाद्यान्न का वितरण किया। मौके पर श्री गागराई ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण जारी लॉकडाउन में कोई भी व्यक्ति भूखा नही रहेगा। इसके लिए सरकार द्वारा काफी प्रयास किया जा राह है। इस दौरान मुख्य रूप से विधायक के धर्मपत्नी बासंती गागराई, प्रखंड अध्यक्ष अर्जुन उर्फ नायडू गोप, पंचायत के मुखिया दशरथ सोय, निर्मल महतो, नियती महतो, प्राण मेलगांडी, सानगी हेम्ब्रम, दिलीप तांती, परमेश्वर तांती आिद मौजूद थे।
विश्व रेडक्रॉस दिवस पर रेड क्रॉस सोसायटी द्वारा चांडिल सामुदायिक भवन में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन कर 251 रक्त यूनिट संग्रह किया गया। एसडीओ चांडिल के उपस्थिति में उक्त कार्यक्रम हुई जिसमें जिले के स्वास्थ्य विभाग का महत्वपूर्ण योगदान रहा। रेड क्रॉस सोसाइटी के सचिव डॉ डीडी चटर्जी ने स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में शामिल होकर ब्लड देने वाले लोगों का हौसला बढ़ाया और उन्हें प्रशस्ति पत्र दी। उन्होंने कहा कि रेड क्रॉस सोसायटी द्वारा प्रत्येक वर्ष विश्व एड्स दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। इस वर्ष केवल रक्तदान शिविर का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिले में रेड क्रॉस की गतिविधि काफी अच्छी है ।प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या में लोगों को मदद की जा रही है।
केंद्रीय विद्यालय सरायकेला में शुक्रवार शाम को ऑनलाइन पैरंट्स टीचर मीटिंग आयोजित हुआ जिसमें कक्षा 2 से कक्षा 6 तक के अधिकांश माता-पिता ने भाग लिया। सभी अभिभावकों ने अपनी जिज्ञासा से शिक्षक एवं प्राचार्य को अवगत कराया। शिक्षक एवं प्राचार्य ने समस्त अभिभावकों के प्रश्नों व जिज्ञासाओं का समुचित उत्तर दिया। प्राचार्य श्री बीपी विमल ने सभी अभिभावकों से अनुरोध किया कि आप केंद्रीय विद्यालय सरायकेला द्वारा आयोजित ऑनलाइन कक्षा में अपने बच्चों को जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करें एवं उन्हें गृह कार्य बनाने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि उन्हें अधिक से अधिक लाभ हो। प्राचार्य ने सभी अभिभावकों से आग्रह किया कि आपका सुझाव सादर आमंत्रित हैं। आप अपने मूल्यवान सुझाव से विद्यालय को लाभान्वित करते रहें ताकि विद्यालय अपना कार्य सुचारू रूप से पूरा कर सकें। प्राचार्य ने सभी अभिभावकों से आग्रह किया की आप अपना हार्दिक सहयोग विद्यालय को देने की कृपा करें ताकि विद्यालय अपने कर्तव्य का निर्वहन कर सकें।
पाकुड़ जिला के लिट्टीपाड़ा क्षेत्र से चोरी हुई बाइक के साथ चाेर काे पकड़ कर ग्रामीणाें ने पुलिस के हवाले कर दिया। रामगढ़ थाना के झांझर गांव के पास ग्रामीणों ने बाइक चोर काे दबाेचा। पुलिस ने बाइक को भी जब्त कर लिया है। गिरफ्तार बदमाश रोहित मुर्मू पाकुड़ जिला के लिट्टीपाड़ा प्रखंड का रहने वाला है। बदमाश के साथ दो अन्य युवकों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जिसमें रामगढ़ थाना क्षेत्र के झांझर गांव निवासी अंथोनी सोरेन और जामा थाना के ढोलपाथर गांव का फ्रांसिस सोरेन शामिल है।
रोहित मुर्मू अपनी मां को बाइक पर लेकर गुरु बाबा के यहां गया था, जहां आरोपी की मुलाकात लिट्टीपाड़ा थाना के ही धर्मपुर घाघरी गांव निवासी पौलुस मरांडी से हो गई। पौलुस भी अपनी बाइक से गुरु बाबा के यहां गया था, जहां आरोपी तथा पौलुस के बीच दोस्ती हो गई। इस दौरान आरोपी रोहित ने पौलुस से उसकी बाइक चलाने के लिए मांगा, तो पौलुस ने उसे बाइक की चाभी दे दी। इसके बाद आरोपी राेहित बाइक लेकर फरार हो गया। काफी खोजबीन के बाद भी जब उसका पता नहीं चला, तो पीड़ित ने लिट्टीपाड़ा थाना में रोहित मुर्मू पर बाइक चोरी कर भागने की प्राथमिकी दर्ज कराई।
आरोपी चोरी की बाइक लेकर फ्रांसिस सोरेन के साथ अपने संबंधी के यहां झांझर गांव आया हुआ था। कोरोना वायरस को लेकर सतर्क ग्रामीणों ने गुरुवार को झांझर गांव में दो बाहरी व्यक्तियों के आने की सूचना रामगढ़ पुलिस को दी। पुलिस ने गांव पहुंचकर सभी को बाइक सहित रामगढ़ थाना ले आई। पूछताछ के दौरान पता चला कि जब्त बाइक का काेई कागजात नहीं है और यह बाइक चोरी की है। रजिस्ट्रेशन नंबर की जांच करने पर बाइक के मालिक को इसकी सूचना दी गई, तब पता चला कि उक्त बाइक चोरी की है। रामगढ़ पुलिस ने तीनों आरोपी को क्वारंेटाइन सेंटर में रखने के बाद लिट्टीपाड़ा पुलिस को मामले की जानकारी दी।
दुमका जिले के जरमुंडी थाना क्षेत्र में फर्जी बैंक अधिकारी बन कर लोगों के बैंक खातों से पैसे उड़ाने के आरोप में पुलिस ने दो साइबर अपराधियाें रवि कुमार मंडल और निरंजन मंडल गिरफ्तार कर लिया। दोनों साइबर अपराधियों के पास से साइबर अपराध में उपयोग किये गए कई फर्जी आधार, पैन कार्ड, एटीएम , लगभग 25 हजार रुपए नकद और बाइक समेत कई आपत्तिजनक सामान बरामद किया है। दुमका के एसपी अंबर लकड़ा ने बताया कि जिले के जरमुंडी थाना क्षेत्र से साइबर अपराधियों द्वारा फर्जी बैंक अधिकारी बनकर फर्जी तरीके से खाते से राशि उड़ाने की लगातार शिकायतें मिल रही थीं, जिसके अाधार पर कार्रवाई की गई। एसपी ने बताया कि साइबर अपराधियों की गतिविधियों पर नजर रखने और लोगों को ठगने की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई के लिए पुलिस उपाधीक्षक साइबर क्रराइम के नेतृत्व में टीम गठित की गई। टीम ने क ई एटीएम से राशि निकालने के दौरान जरमुंडी थाना क्षेत्र के चोरखेदा गांव के रहनेवाले दाे साइबर अपराधियाें रवि कुमार मंडल और निरंजन मंडल काे गिरफ्तार कर लिया। एसपी ने बताया कि दोनों गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से 25 हजार नकदी के साथ साइबर अपराध के दौरान उपयोग किए जाने वाले विभिन्न बैंकों के कई खाते, एटीएम, आधार कार्ड, पैन कार्ड, मोबाइल फोन बरामद किए गए।
भारतीय पावरलिफ्टिंग के जनक सुब्रत दत्ता का निधन 74 वर्ष की उम्र में गुरुवार की देर रात में ह्रदयाघात से हुआ। रात में ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। सुब्रता क्लासिक इंटरनेशनल आर्गेनाइजेशन के संस्थापक “सुब्रत दत्ता” भारत “आयरन गेम” के महान नायक के रूप में खेल की दुनिया में अत्यधिक पूजनीय हैं। उनके शो की सराहना करते हुए, भारत सरकार के खेल विभाग ने उन्हें अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया।
इंटरनेशनल पावरलिफ्टिंग फेडरेशन (आईपीएफ) ने उन्हें कनाडा में सेंट जॉन में एक समारोह में प्रतिष्ठित “हॉल ऑफ फेम” पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्होंने टाटा स्टील में भी कई वर्षों तक अपनी सेवाएं दी। 1976 और 1978 के बीच कई दशकों तक इस खेल से जुड़े रहे। अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में जर्सी और कई पदक भी जीते हैं। उन्होंने 1964 में एक बॉडी-बिल्डिंग के रूप में शुरुआत की, लेकिन बाद में वेट-लिफ्टिंग और फिर पावर-लिफ्टिंग में बदल गए। लंबे समय तक खेल से जुड़े रहने के बाद उन्होंने कुछ दिलचस्प रिकॉर्ड भी बनाए। वह देश के एकमात्र ऐसे खेल व्यक्ति हैं, जिन्होंने तीनों में बॉडी-बिल्डिंग, वेट-लिफ्टिंग और पावर-लिफ्टिंग के नेशनल चैंपियन बने। सुब्रत दत्ता को भारत की शक्ति “दादा” के रूप में जाना जाता है। सुब्रत दत्ता की यात्रा भारत में एक छोटे से जिम में एक युवा बंगाली लड़के के रूप में शुरू हुई। मामूली शुरुआत से उसके खेल की यात्रा उसे 100 देशों और हर महाद्वीप में उन्हें खेल के शीर्ष पर पहुंचा दिया। 2008 में कनाडा की इंटरनेशनल पावर कांग्रेस ने सर्वसम्मति से सुब्रत दत्ता को इंटरनेशनल हॉल ऑफ फेम में शामिल किया । सुब्रत दत्ता पावर हॉल ऑफ फेम में भारत के पहले और एकमात्र व्यक्ति हैं। कई दशकों तक इस खेल से जुड़े रहने के बाद, दत्ता को लगातार 1976 से 1978 के बीच भारत के स्ट्रॉंग मैन के रूप में चुना गया। उन्होंने हाॅल आॅफ लेने के बाद कहा, यह पुरस्कार मुझे देश में खेल को सुव्यवस्थित करने के लिए और अधिक बल प्रदान करेगा। उन्होंने कहा था कि 1964 में एक बॉडी-बिल्डर के रूप में शुरुआत की थी, लेकिन बाद में वेट-लिफ्टिंग और फिर पावर-लिफ्टिंग में बदल गया।
सुब्रत दत्ता जोड़ दृढ़ संकल्प और चुनौतियों के प्रति प्रतिबद्धता थे । बाॅडी बिल्डिंग में उन्होंने मिस्टर हरक्यूलिस प्रतियोगिता में जीत हासिल की। 1976 में वह नेशनल बॉडीबिल्डिंग चैंपियन बन गए और उन्होंने ‘एमआर इंडिया’ का खिताब हासिल किया। अपनी नई ताकत के साथ उन्होंने ओलिंपिक खेल वेट-लिफ्टिंग में कदम रखा। वह भारत के राष्ट्रीय भारोत्तोलन चैंपियन बने। उसका दूसरा राष्ट्रीय चैम्पियनशिप खिताब भी अपने नाम किया। इसके बाद उन्होंने पॉवरलिफ्टिंग में कदम रखा।
जमशेदपुर में पावरलिफ्टिंग को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दी
सुब्रत दत्ता को पावरलिफ्टिंग में राष्ट्रीय चैम्पियनशिप बनने का गौरव प्राप्त हुआ। तीन अलग-अलग खेलों में तीन नेशनल चैंपियनशिप का यह कारनामा भारत में करने वाले वे पहले खिलाड़ी हैं। भारत के राष्ट्रपति ने उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया। जब उन्होंने प्रतियोगिता से अपने को अलग कर लिया, तो उन्होंने अपनी ऊर्जा भारत के इच्छुक युवा के लिए प्रतियोगिताओँका आयोजन शुरू कर दिया। खेलों में उनके काम ने पावर लिफ्टिंग को जमशेदपुर में इंटरनेशनल पहचान दी। सुब्रत दत्ता को भारतीय पावरलिफ्टिंग के महासचिव, एशियाई पावरलिफ्टिंग के महासचिव और सभी एशियाई पावरलिफ्टिंग के अध्यक्ष सहित कई पदों पर चुना गया था।
सीरीज बम, केन बम, सिलेंडर बम, स्टाेव बम, डायरेक्शनल बम आदि तकनीक से विस्फाेटक बनाने में पाेड़ाहाट जंगल एरिया के माओवादी एक्सपर्ट हैं। हाल के दिनाें में पुलिस ने अलग-अलग जगहाें से विभिन्न प्रकार के बम बरामद किए हैं। जिला पुलिस और सीआरपीएफ की टीम ने बम लगाने में एक्सपर्ट माओवादी डेबरा गागराई उर्फ संजय बाेदरा (32) काे धर दबाेचा है।
डेबरा और उसके साथियों ने एक दिन पहले ही कराईकेला थाना अंतर्गत जाेजाेदगड़ा में पांच सीरीज केन बम लगाए थे, जिससे पुलिस ने बरामद कर डिफ्यूज किया। इसके बाद ही सीआरपीएफ और जिला पुलिस की टीम ने पपरीदा व जरजटआइलाके में अभियान चलाया गया। सूचना थी कि इस इलाके में माओवादियाें का जाेनल कमांडर लाेदरो लाेहार उर्फ सुभाष का दस्ता सक्रिय है। लेकिन घेराबंदी से पहले माओवादी दस्ता भाग निकला। इस दौरान डेबरा गागराई पकड़ा गया। पूछताछ में उसने छह जगहाें पर बम लगाने की घटना में शामिल होने की बात बताई।
जाेनल कमांडर जीवन, सुरेश व लाेदराे का दाहिना हाथ है गिरफ्तार डेबरा: एएसपी
चक्रधरपुर एएसपी नाथू सिंह मीणा ने बताया- डेबरा गागराई माओवादियाें के जाेनल कमांडर जीवन कंडुलना, सुरेश मुंडा और लाेदराे उर्फ सुभाष के दस्ते के साथ काम करता था। डेबरा आईईडी लगाने में माहिर है। वह छह स्थानों में बम लगाने की घटना में शामिल रहा है। जाेजाेदगड़ा में भी गुरुवार को पांच सीरीज केनबम लगाकर जवानाें काे उड़ाने की काेशिश की गई थी। गुरुवार को सूचना के आधार पर ऑपरेशन चलाया गया। इसमें डेबरा पकड़ा गया।
आंध्रप्रदेश के एक्सपर्ट दे गए हैं माओवादियों को बम बनाने की ट्रेनिंग
2014 में बंदगांव से आंध्रप्रदेश का एक वांटेड नक्सली टेबाे के जंगल से पकड़ाया था। वह हर प्रकार का बम बनाने में माहिर था। हाल के दिनाें में छत्तीसगढ़ इलाके में साबुन बम प्रचलन में हैं। साेनुआऔर गुदढ़ी इलाके में तीर बम भी मिला है। केन बम पुरानी पद्धति है। इनदिनों डायरेक्शनल बम, पाइप बम, सिलेंडर और कुकर बम भी बनाए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, पाेड़ाहाट के जंगल में आंध्रप्रदेश के एक्सपर्ट बम बनाने की ट्रेनिंग दे रहे हैं।
मनोहरपुर के डिपो मोहल्ला में रहने वाली सुमन बरवा (19 वर्ष) द्वारा बार-बार शादी के लिए दबाव देने पर उसके प्रेमी किशन गोप (पानी टंकी मोहल्ला निवासी) ने ही उसकी हत्या की थी। प्रेमी ने युवती के ही दुपट्टे से उसका गला दबा दिया। फिर शव को रेल पटरी पर रख दिया, ताकि मामला अस्वाभाविक मौत साबित हो। बुधवार को मनोहरपुर रेलवे के डाउन रेलवे पोल संख्या 371 / 20 के पास रेल पटरी पर उसका क्षत - विक्षत शव पुलिस ने बरामद किया था।
शुक्रवार को मनोहरपुर एसडीपीओ विमलेश कुमार त्रिपाठी ने मामले का खुलासा करते हुए बताया- युवती के परिजनों ने किशन पर हत्या का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस की एक टीम ने किशन के घर पर छापामारी कर उसे गिरफ्तार किया। पुलिस की सख्ती के आगे उसकी एक न चली। उसने सुमन की हत्या की बात स्वीकारते हुए पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी।
दो साल से चल रहा था प्रेम-प्रसंग
सुमन और किशन के बीच दो साल से प्रेम-प्रसंग था। हाल के दिनों में किशन कई रात सुमन के घर आता था और रातभर उसके साथ रहता था। लेकिन दोनों का रिश्ता किशन के परिजनों को मंजूर नहीं था। इसी वजह से किशन और सुमन के बीच हमेशा नोकझोंक होती थी। 5 मई की रात भी दोनों के बीच झगड़ा हुआ था। उसके बाद किशन ने सुमन की हत्या कर शव को रेल की पटरी पर रख दिया और मौके से फरार हो गया।
लॉकडाउन में एक ओर सरकार गरीबों काे मुफ्त अनाज उपलब्ध कराने की कोशिश कर रही है, दूसरी तरफ विभिन्न क्षेत्रों से राशन की कालाबाजारी की खबरें आ रही हैं। मझगांव में भी राशन डीलरों पर ग्रामीणों ने कालाबाजारी और हेराफेरी का आरोप लगाया। परेशान होकर अंबाइमार्चा गांव में ग्रामीणों ने बैठक की। इसमें जगन्नाथपुर एसडीओ और डीसी को स्पीड पोस्ट के माध्यम से लिखित शिकायत करने का निर्णय लिया गया। ग्रामीणों ने बताया- अंबाईमार्चा का डीलर गाैरचंद्र राउत कम राशन देता है। कार्ड रिन्यूअल की बात करने पर बत्तख-मुर्गा की मांग करता है।
सानो गोप ने बताया- डीलर एक लाभुक को 5 से 10 किलो कम राशन दे रहा है। 6 यूनिट वाले लाभुक को 60 के बजाय 35 किलाे ही चावल दिया जा रहा है, जबकि कार्ड में 50 किलो की इंट्री की जाती ह। वार्ड-5 की जयंती पूर्ति ने बताया- कार्ड बनाने के लिए डीलर ने 300 रुपए और एक बत्तख लिया, मगर अब तक कार्ड नहीं बनाया। डीलर की मनमानी से ग्रामीण परेशान हैं। नीलमणी बिरूली ने कहा- विरोध करने पर राशन नहीं देने, कार्ड फाड़ने और कार्ड रद्द कराने की भी धमकी दी जाती है।
डीलर ने दी सफाई ऊपर से ही कम राशन मिलता है तो क्या करें
लाभुकों की शिकायत पर जब शुक्रवार को डीलर गाैर चंद्र से पूछा गया ताे उन्होंने पूरा ठीकरा आपूर्ति विभाग पर ही फाेड़ दिया। कहा- ऊपर से ही कम वजन में राशन मिलता है, इसलिए लाभुकों को कम राशन दिया जा रहा है। इसके अलावे अन्य अाराेपाें से मुकर गए।
जिला मुख्यालय सरायकेला के सामुदायिक भवन में बने लेबर रिसिविंग सेंटर में पिछले 24 घंटे के अंदर 79 मजदूरों को रेस्क्यू कर सरायकेला लाया गया। सभी मजदूरों का स्वास्थ्य जांच करते हुए उन्हें होम क्वारिन्टाइन के लिए अपने-अपने घर भेज दिया गया है। बेंगलुरु से बीती रात 51 मजदूर सरायकेला लाए गए। इसके अलावा बंगाल के दुर्गापुर से 16 व केरल से 12 मजदूरों को रेस्क्यू कर लेबर रिसीविंग सेंटर लाया गया। सामुदायिक भवन में प्रवासी मजदूरों को खाद्य सामग्री, फेस मास्क व सैनीटाइजर भी उपलब्ध कराया गया। जानकारी हो कि पिछले 5 दिनों में जिला प्रशासन द्वारा लगभग 500 मजदूर और विद्यार्थियों को विभिन्न राज्यों से रेस्क्यू कर सरायकेला लाने का काम किया गया है।
सामुदायिक भवन में 3 चिकित्सा टीम ने मजदूरों की जांच की
डॉ. विशाल कुमार के नेतृत्व में, एएनएम लीली कुजूर एवं एमपीडब्ल्यू राजेश वर्मा ,डॉक्टर संगीता करकेट्टा के नेतृत्व में एएनएम आशा कश्यप एवं एमपीडब्ल्यू मदन मिंज तथा डॉक्टर अमित कुमार दास के नेतृत्व में एएनएम कुंती सोय तथा एमपीडब्ल्यू श्यामसुंदर महतो द्वारा सभी आने वाले मजदूरों की स्वास्थ्य जांच की गई। स्वास्थ्य जांच के बाद मजदूरों के कलाई पर स्टांप लगाते हुए उन्हें अपने-अपने घर भेज दिया गया।
72 कोरोना संदिग्धों का लिया गया सैंपल
कोरोना संक्रमण से निपटने व संदिग्धों के पहचान के लिए शुक्रवार को जिला 72 संदिग्ध लोगों के स्वाब का सैंपल लिया गया और जांच हेतु एमजीएम अस्पताल जमशेदपुर भेजा गया। इस संबंध में जानकारी देते हुए डीसी ए दाेड्डे ने बताया कि सरायकेला खरसावां जिला में 139 लोग विदेश से आये हैं। जिसमें सभी क्वारिन्टाइन अवधी को पुरा कर चुके हैं जबकि दूसरे प्रदेशों से 3959 लोग आये हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इतने घरों के बहार क्वारेंटाइन से संबंधित पोस्टर लगा दिया है। डीसी ने बताया कि जिला में कुल 12 क्वारेंटाइन केंद्र बनाये गये हैं जिसमें 14 लोगों को रखा गया है।जिला में अब तक 340 लोगों का सैंपल कलेक्शन किया गया है जिसमें से 223 का रिपोर्ट नेगेटिव है व 117 का वेटिंग में है।
बिलासपुर से कुचाई लाए गए दो मजदूर
नागपुर से छत्तीसगढ के बिलासपुर होते हुए कुचाई पहुंचें दो मजदूरों को काेविड केयर सेंटर में 14 दिनों के क्वारेंटाइन में रखा गया है। दाेनाें मजदूरो की कोरोना जांच किया गया। दोनों में कोरोना के कोई लक्ष्ण नही पाया गया। चाईबासा जिला प्रशासन के सहयोग से दोनों कुचाई पहुचे। बताया गया कि नागपुर से कुचाई लौटने के क्रम में दो मजदूरों के साथ में कुचाई के जनालाॅग बाडेडीह गांव का एक युवक शामिल था। विगत चार मई को बिलासपुर पहुंचने पर युवक रवि मुंडा की तबीयत बिगड़ी और छत्तीसगढ के इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंसेस अस्पताल में उसकी मौत हो गयी। मृतक का बिलासपुर में अंतिम संस्कार किया गया। मृतक के मौत के कारणों का पता नही चल सका है। अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट नही मिला है।
ऐप के जरिए मजदूराें की हाेगी निगरानी
घर जाने वाले सभी मजदूरों के मोबाइल पर कोविड-19 पीपल ट्रैकिंग ऐप डाउनलोड किया गया है। इस ऐप की मदद से जिला प्रशासन क्वॉरेंटाइन किए गए सभी लोगों पर नजर रखेगी । एप के मदद से जिला प्रशासन को क्वॉरेंटाइन किए गए व्यक्ति के संबंध में जानकारी मिलती रहेगी। क्वॉरेंटाइन के नियम का अनुपालन नहीं करने वालों पर सख्ती से कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
ए दोड्डे, डीसी, सरायकेला-खरसावां।
कोरोना संकट के दौर में दूसरे राज्यों में फंसे झारखंड के मजदूरों को वापस लाने के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार मुहैया कराने की रणनीति पर प्रशासन ने अमल शुरू कर दिया है। इसके तहत खरसावां प्रखंड मुख्यालय के सभागार भवन में बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना और पोटो हो खेल विकास योजनाओं को जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन के लिए मुखिया, पंचायत सचिव, जन सेवक, कनीय अभियता, बीएफटी, एनआरएलएम सहित कर्मचारियों के साथ एक बैठक प्रखंड विकास पदाधिकारी मुकेश मछुवा की अध्यक्षता में की गई। मौके पर श्री मछुवा ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को लाने के साथ-साथ उनके लिए रोजगार मुहैया कराना है। ग्रामीण क्षेत्रों में भुखमरी की स्थिति ना हो इसीलिए सरकार ने तीन नई योजनाओं की शुरुआत की है।
बिरसा हरित ग्राम योजना
खरसावां में बिरसा हरित ग्राम योजना के अंतर्गत 25 से 30 एकड़ सरकारी और व्यक्तिगत जमीन पर फलदार पेड़ लगाए जाएंगे। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों में वृद्धि करने की कोशिश की जाएगी। ताकि क्षेत्र लोगों को रोजगार मिल सके। 5 लाख परिवारों को 100-100 फलदार पौधों का पट्टा दिया जाएगा।
जल समृद्धि योजना
नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना के तहत ग्रामीणों को जल संरक्षण करने की दिशा में प्रेरित किया जाएगा। जिससे राज्य के किसान दो से तीन फसले पैदा कर सकें। खरसावां समेत पूरा झारखंड, एग्रो क्लामेटिक जोन-7 में आता है। इसका अधिकांश भू-भाग पठारी क्षेत्र है। जिसके अधिकांश वर्षा का जल बहकर राज्य से बाहर चला जाता है।
पोटो हो खेल विकास योजना
वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना के तहत सभी पंचायतों में खेल मैदानों का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही युवक-युवतियों के लिए खेल सामग्री की व्यवस्था की जाएगी। मैदान में खिलाड़ियों के लिए चेजिंग रूम और शौचालय का निर्माण किया जायेगा। चार प्ले ग्राउंड बनाये जायेगे।
बैठक में ये थे शामिल
बैठक में इस दौरान बैठक में सहायक अभियंता गणेश चन्द्र महतो, बीपीओ रानो बास्के, बीसी बीना बाकिरा, बबलू महतो, जेई नीरज सिन्हा अनिल सिंह सहित पंचायत सचिव, रोजगार सेवक, जन सेवक, डीएफडी आदि उपस्थित थे।
कहा गया है कि नारी के सभी रूपों में समर्पण एवं सेवा का भाव सर्वोपरि रहा है। वर्तमान में जहां पूरा विश्व कोरोना संकट की वैश्विक महामारी से जूझ रहा है। संघर्ष की इस गाथा में महिलाओं की भूमिका की श्रेष्ठता से इंकार नहीं किया जा सकता है।
ऐसा ही एक एक नजारा सरायकेला प्रखंड के मानिकबाजार गांव में देखा जा रहा है, जहां महिलाएं संगठित हाेकर राेज गांव के जरुरतमंदाे के बीच खाना बनाकर खिला रही है। जहां मानिकबाजार गांव के तीन टोलों सहित समीप के जोरटांड गांव की महिलाएं भी चार समूहों में समूहबद्घ होकर बीते सोमवार से अपने गांवों के जरूरतमंद गरीबों को आमंत्रित कर दो समय का गरमा-गरम भोजन सोशल डिस्टेंसिंग के साथ परोस कर खिला रही हैं। इसमें सृजन महिला समिति सहित आदिवासी महिला समिति एवं ग्रामीण विकास महिला समिति बारी बारी से प्रतिदिन भोजन की व्यवस्था कर रही हैं। जिसका खर्च भी समूह द्वारा आपसी सहयोग से किया जा रहा बताया जाता है। समिति की महिलाएं बताती है कि भोजन को पकाने से लेकर पर उसने तक काफी स्वच्छता एवं सुरक्षा का ख्याल रखा जा रहा है। और एक समय में तकरीबन 100 से 130 लोग सोशल डिस्टेंसिंग के साथ भोजन का आनंद ले पा रहे हैं।
खिलाने के साथ-साथ लोगों को कर रहीं जागरूक
महिला समिति के सदस्यों द्वारा आगंतुकों को भोजन कराने के साथ-साथ कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षा को लेकर भी लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। जिसमें लॉक डाउन का पालन करने, बेवजह घरों से बाहर नहीं निकलने, मास्क का प्रयोग करने, स्वच्छता का ध्यान रखने और नशापान से दूर रहने की सलाह दी जा रही है।
समाजहित के लिए काम करती है समिति
बताया जा रहा है कि उक्त समितियों का गठन महिलाओं में स्वरोजगार के विकास को लेकर किया गया था। परंतु वर्तमान में कोरोना संकट के दौरान रोजगार ही नहीं होने के कारण समिति के महिलाओं द्वारा राष्ट्रहित एवं समाजहित में गरीब जरूरतमंदों की सेवा का निर्णय लेकर उक्त कार्य शुरू किया गया। जिसके लिए रियायत स्तर पर बैंक द्वारा भी समितियों को लोन की सुविधा दिए जाने की बात बताई जा रही है। जबकि इस पुनीत कार्य में लगे महिलाओं का जज्बा कहता है कि जब तक सामर्थ्य रहेगा और कोरोना संकट से मुक्ति नहीं मिलेगी, तब तक गरीब जरूरतमंदों को भोजन कराकर सेवा का कार्य जारी रखा जाएगा।
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने जामताड़ा के डीईओ सह प्रभारी डीएसई बांके बिहारी सिंह को निलंबित कर दिया है। उन पर धनबाद डीएसई रहने के दौरान प्रारंभिक स्कूलों में चापाकल लगवाने में सरकारी राशि का दुरूपयोग, गबन और सरकारी आदेश के उल्लंघन का आरोप है। प्रथम दृष्टया आरोपों को सही पाते हुए उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी गयी है।
विभागीय कार्रवाई के लिए साक्ष्य और अभिलेखों से छेड़छाड़ को ध्यान में रखते हुए विभाग ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। निलंबन अवधि में सिंह का मुख्यालय प्राथमिक शिक्षा निदेशक का कार्यालय होगा। इधर, डीईओ जामताड़ा का पद रिक्त होने से आरडीडीई संथाल परगना प्रमंडल, दुमका को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
वहीं, डीएसई जामताड़ा का अतिरिक्त प्रभार डीएसई दुमका को दिया गया है। मामले की शिकायत झारखंड अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ के महासचिव रामनारायण सिंह ने की थी। यही नहीं झारखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ, धनबाद के नीलकंठ मंडल ने भी मामले की शिकायत पीएम, सीएम सहित अन्य स्तरों पर की थी।
आदेश के अनुरूप नहीं लगे चापाकल, हुआ राशि का भुगतान
वर्ष 2013-14 में 144 स्कूलों में बिना टेंडर चापाकल लगवाया गया था। नियमत: 180 फुट बोरिंग की जानी थी और 100 फुट से अधिक केसिंग भी डालना था। बावजूद 100 फुट या मानक से कम बोरिंग की गई। चापाकलों की बोरिंग रात के अंधेरे में करा दी गयी। प्रति स्कूल 60 हजार रुपए खर्च किए गए थे और चापाकल लगने के बाद काम से अधिक राशि का भुगतान कई स्कूल प्रभारियों पर दबाव देकर करा दिया गया था। मामले में तत्कालीन संयुक्त सचिव देवेंद्र भूषण सिंह ने जांच की थी और आरोपों को सही पाया था।
फर्जी टेट प्रमाणपत्रों पर शिक्षक नियुक्ति का भी आरोप
सिंह पर फर्जी टेट प्रमाणपत्रों के आधार पर शिक्षक नियुक्ति के भी आरोप लगे हैं। नीलकंठ मंडल द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद मामले की जांच की गयी थी। जांच में पाया गया था कि जिले में फर्जी टेट प्रमाण पत्रों के आधार पर बड़े पैमाने पर नियुक्ति हुई। 130 टेट प्रमाण पत्र, 11 मैट्रिक-इंटर के जाली प्रमाण पत्र के आधार पर हुई नियुक्ति को रद्द करते हुए संबंधितों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। एक अभ्यर्थी सोनी कुमारी की मैट्रिक परीक्षा के समय उम्र 14 वर्ष से कम थी और नियुक्ति के समय 18 वर्ष थी। इसका भी टेट प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया था और उस पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। इसी तरह एक अभ्यर्थी की नियुक्ति नर्सरी टीचर ट्रेनिंग के आधार पर कर दी गयी थी, जो गलत थी।
राज्य की पूर्व समाज कल्याण मंत्री डॉक्टर लुईस मरांडी ने सवालिया लहजे में कहा है कि क्या लॉकडाउन व सोशल डिस्टेंसिंग नियम का पालन क्या सिर्फ गरीब जनता के लिए है या राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व उनके परिवारजनों पर भी लागू होता है। पूर्व मंत्री डॉक्टर लुईस ने शुक्रवार को पत्रकारों को झामुमो छात्र मोर्चा के अध्यक्ष बसंत सोरेन द्वारा दुमका स्थित खजुरिया आवास में बैठक करते हुए तस्वीर जारी की है और मुख्यमंत्री से सवाल किया है कि लॉकडाउन में कैसे भीड़ इकट्ठा किया जा सकता है और बैठक आयोजित की जा सकती है। यह लॉकडाउन के नियमों का सरासर उल्लंघन है। बैठक की अनुमति कौन दिया इसकी भी जांच होनी चाहिए।
लुईस ने यह भी कहा कि एक तरफ जिला प्रशासन उन्हें क्षेत्र में किसी भी प्रकार की गतिविधि करने से मना कर दिया है वहीं मुख्यमंत्री के भाई और झामुमो के नेता लगातार क्षेत्र में घूम रहे हैं और सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन कर रहे हैं। उन्होंने कहां की मुख्यमंत्री को यह बताना चाहिए की लॉकडाउन कि इस अवधि में उनके भाई रांची से बोकारो, बोकारो से बिना किसी परमिशन के 300 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर दुमका कैसे पहुंचते हैं? और यदि उन्हें सक्षम स्तर से अनुमति प्राप्त भी हो तो किस विशेष कारण से उन्हें दुमका आने की अनुमति प्रदान की गई?
बैठक नहीं की गांव से लोग अपनी समस्या लेकर आ गए थे: बसंत
झामुमो छात्र मोर्चा के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के भाई बसंत सोरेन ने किसी भी प्रकार के अपने आवास में बैठक आयोजित किए जाने से इनकार करते हुए कहा कि गांव से कुछ लोग सुबह-सुबह उनसे मिलने आ गए थे इसलिए वे ग्रामीणों की समस्या सुन रहे थे, बैठक या किसी भी प्रकार की सभा उनके द्वारा नहीं बुलाई गई थी। विपक्षी पार्टियां बेवजह इसे राजनीतिक रंग दे रही है।
बसंत ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी से लड़ने के लिए हमें राजनीति से ऊपर उठकर सामूहिक तरीके से काम करने की जरूरत है। बसंत ने कहा कि ग्रामीणों ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा राहत के तौर पर चलाए जा रहे खाद्यान्न वितरण और सामुदायिक किचन सुदूरवर्ती गांव में बेहतर तरीके से चल रहा है। कुछ इलाकों से शिकायतें मिल रही हैं जिसे पार्टी अपने स्तर से सरकार को संज्ञान देकर कार्रवाई करने का अनुरोध करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता कोरो ना जैसी महामारी से लड़ने के लिए एकजुट हैं।हमें इस विपदा की घड़ी में मिलकर काम करना होगा।
गुजरात के मोरवी में फंसे कोल्हान के 1187 मजदूरों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन शुक्रवार दोपहर 4 बजकर 11 मिनट परटाटानगर रेलवे स्टेशन पहुंची। मजदूरों को रिसीव करने और उनकी जांच के लिए स्टेशन पर पूरी तैयारी की गई थी। श्रमिक स्पेशल ट्रेन गुरुवार को सुबह 10.40 बजे मोरवी से खुली थी। उधर, इलाज के लिए सीएमएसी वेल्लौर गए 1200 मरीजों व उनके परिजनों को लेकर स्पेशल ट्रेन शुक्रवार को रांची के हटिया रेलवे स्टेशन पहुंचीइसमें 115 लोग पूर्वी सिंहभूम जिले के थे। इन्हें लाने के लिए जिला प्रशासन ने जमशेदपुर से 5 बसें गुरुवार देर रात रांची भेजी थी।शुक्रवार को इन्हें लाने के बाद जांच के बाद होम क्वारैंटाइन में भेज दिया गया।
निजी अस्पतालों में ई-ओपीडी सेवा जल्द, लगेंगी ट्रूनेट मशीन
जमशेदपुर समेत राज्य के सभी निजी अस्पतालों में ई-ओपीडी (टेली कॉन्फ्रेंसिंग) सेवा जल्द शुरू होगी। साथ ही कोरोना की जांच के लिए ट्रूनेट मशीन लगाई जाएगी। मशीन का आर्डर दे दिया गया है। यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने दी। कहा कि डायबिटीज, हाइपरटेंशन समेत बहुत सी बीमारियों के मरीजों को नियमित रूप से डॉक्टरी सलाह की जरूरत होती है। इसलिए निजी अस्पतालों में भी टेली कॉन्फ्रेंसिंग से परामर्श देने की सुविधा शुरू की जा रही है। कुलकर्णी ने बताया कि राज्य में कुल 51 हजार 935 गर्भवती महिलाओं की सूची तैयार की गई है। इनकी डिलिवरी मई माह में होनी है। इसमें से 14691 पूर्वी सिंहभूम जिले की हैं। जिन महिलाओं को कोरोना जांच की जरूरत है।
एमजीएम में रिकॉर्ड 333 सैंपल की जांच, सभी की रिपोर्ट निगेटिव
एमजीएम के वायरोलॉजी लैब में गुरुवार को 333 कोरोना संदिग्धों के सैंपल की जांच हुई। सभी की रिपोर्ट निगेटिव मिली है। इसमें कोल्हान सहित राज्य के दूसरे जिलों के भी शामिल हैं। यह एक दिन में अभी तक सबसे अधिक सैंपल की जांच रिपोर्ट है। वहीं, पूर्वी सिंहभूम जिले से कुल 75 संदिग्ध मरीजों का नमूना जांच के लिए भेजा गया है। इसमें एमजीएम, टेल्को, बहरागोड़ा, मुसाबनी, कदमा सहित अन्य जगहों के सैंपल शामिल हैं। इस तरह जिले में अबतक कुल 2178 संदिग्धों का नमूना लिया जा चुका है। इसमें 1850 की रिपोर्ट निगेटिव है। 328 की रिपोर्ट शुक्रवार को आने की संभावना है। वहीं, एमजीएम के विशेष ओपीडी में 150 लोगों की जांच हुई, जबकि सर्विलांस केंद्र में 25 लोगों का नमूना लिया गया।
शहर में 70 मेगावाट बिजली खपत घटी
लॉकडाउन के कारण बिजली की खपत भी गैर कंपनी इलाकों में घटी है। अप्रैल और मई में अभी मानगो और जमशेदपुर डिवीजन में 80 से 90 मेगावाट बिजली की आपूर्ति हो रही है, जबकि पिछले साल अप्रैल और मई में दोनों डिवीजन में 150 से 160 मेगावाट बिजली की खपत हुई थी। गैर कंपनी इलाकों मानगो, कदमा, बारीडीह, गोविंदपुर, जुगसलाई, परसुडीह, सुंदरनगर, बागबेड़ा समेत कई इलाकों में बिजली की खपत में कमी आई है। लॉकडाउन होने के कारण इन इलाकों में उद्योग धंधे और दुकानें बंद हैं। ऐसे में सामान्य दिनों में होने वाली बिजली खपत जो 150 से 160 मेगावट होती थी, उसमें 70 मेगावाट बिजली की खपत घटी है। ईई पीके विश्वकर्मा ने बताया कि जमशेदपुर डिवीजन में पिछले साल अप्रैल और मई में 115 मेगावाट खपत हुई थी।
लॉकडाउन में को-ऑपरेटिव कॉलेज कैंपस से छह पेड़ काट ले गए चोर
लॉकडाउन में को-ऑपरेटिव कॉलेज के बंद होने का फायदा उठाकर चोरों ने परिसर से यूकेलिप्टस के छह पेड़ काट ले गए। बुधवार को जब कॉलेज खुला, तो इसकी जानकारी हुई। प्रिंसिपल डॉक्टर वीके सिंह ने कॉलेज के दोनों गार्ड को शोकॉज जारी किया है। गार्ड का कहना है कि कॉलेज कैंपस बहुत बड़ा है और वे मुख्य गेट पर तैनात रहते हैं। जहां पेड़ काटा गया है वह वहां से बहुत दूर है। इसलिए उन्हें इस बारे में पता नहीं चल सका। वहीं, इस पूरे मामले की शिकायत कॉलेज प्रशासन पुलिस में भी करने की तैयारी कर रहा है। इस मामले ने कॉलेज की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। 36 एकड़ में फैले कैंपस दो गार्ड के भरोसे है। एक समय में एक गार्ड रहता है। जिसके लिए पूरे परिसर पर नजर रखना कतई संभव नहीं है।
जैप जवानों के सैंपल नहीं लेने पर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक को शोकॉज
सिविल सर्जन डॉक्टर महेश्वर प्रसाद ने सदर अस्पताल के ओपीडी में जैप जवानों की कोरोना जांच नहीं होने पर उपाधीक्षक डॉक्टर आरएन झा को गुरुवार को शो-कॉज जारी किया है। उनसे जैप जवानों का सैंपल नहीं लेने का कारण पूछा है। बताते चलें कि बुधवार को सदर अस्पताल में जांच नहीं होने पर जैप जवान साकची स्थित सर्विलांस कार्यालय पहुंच गए। इसकी सूचना मिलने पर सीएस ने उपाधीक्षक को नोटिस देकर ओपीडी के ड्यूटी डॉक्टर की भी जानकारी मांगी गई है। सीएस ने गायब रह रहे डॉक्टरों की भी सूची मांगी है।
असम में 45 दिनों से फंसे जवाहर नवोदय विद्यालय बहरागोड़ा के 21 छात्र और शिक्षक आज लौटेंगे शहर
असम के गुवाहाटी में लगभग 45 दिनों से फंसे पूर्वी सिंहभूम के बहरागोड़ा स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय के 21 छात्र और दो शिक्षक अब जमशेदपुर लौट सकेंगे। इसमें बहरागोड़ा के पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने मदद की। मालूम हो कि लॉकडाउन से पूर्व एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत बहरागोड़ा जवाहर नवोदय विद्यालय के 21 छात्र और दो शिक्षक असम के गोलपारा स्थित नवोदय विद्यालय गए थे। लॉकडाउन के कारण सभी छात्र और शिक्षक दूसरे राज्य में फंस गए। बुधवार को असम के गोलपारा से बच्चों को लेकर जमशेदपुर लौट रही बस को गुवाहाटी प्रशासन ने रोक दिया। इसके बाद सभी 21 स्कूली बच्चों और दो शिक्षकों को पकड़कर गुवाहाटी में क्वारेंटाइन सेंटर भेज दिया गया। असम सरकार ने कुणाल षाड़ंगी के ट्वीट पर संज्ञान लेकर गुरुवार को सभी को बस को जमशेदपुर रवाना कर दिया।
केंद्र और राज्य सरकार के पहल के बाद लॉकडाउन की वजह से बाहर फंसे श्रमिकों, छात्रों और अन्य लोगों की घर वापसी का सिलसिला लगातार जसीडीह स्टेशन पर जारी है। शुक्रवार को गुजरात के सूरत में फंसे झारखंड के विभिन्न जिलों के 1208 मजदूरों को स्पेशल ट्रेन से जसीडीह स्टेशन लाया गया। इस दौरान स्टेशन पर ट्रेन को पहले पूरी तरह से सैनिटाइज्ड किया गया, जिसके बाद सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए एक-एक कर सभी श्रमिकों का स्वागत उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी नैंसी सहाय एवं वरीय अधिकारियों के द्वारा किया गया एवं उनके सकुशल घर वापसी के लिए शुभकामनाएं दी गयी। इसके अलावे स्टेशन परिसर में स्वास्थ्य जांच के लिए बने काउंटर पर श्रमिकों की थर्मल स्कैनिंग भी की गई।
उपायुक्त ने सभी श्रमिकों को 14 दिनों तक होम क्वारैंटाइन के नियमों का पालन करने का निर्देश दिया गया। साथ ही सभी को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन एवं चिकित्सकों द्वारा दिए गए चिकित्सकीय परामर्श का भी पालन करते हुए साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की बात कही है। उपायुक्त ने बताया कि श्रमिकों को उनके गंतव्य स्थान तक भेजने के लिए प्रयोग किये जाने वाले बसों को पूरी तरह से सैनिटाइज्ड कर सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा गया। इसके अलावे ट्रेन के भीतर से लेकर प्लेटफॉर्म तक हर जगह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है।
चिकित्सकों की विशेष टीम की थी तैनाती
श्रमिकों के आगमन को लेकर उपायुक्त के निर्देशानुसार चिकित्सकों की विशेष टीम की प्रतिनियुक्ति भी की गयी थी, ताकि थर्मल स्कैनिंग और स्वास्थ्य जांच के साथ किसी भी अपात स्थिति में आने वाले लोगों के अन्य स्वास्थ्य संबंधी जांच भी किये जा सके।
सुरक्षा के दृष्टिकोण से उठाये गए सभी कदम
श्रमिकों के आगमन को लेकर जसीडीह रेलवे स्टेशन परिसर को पूर्ण रूप से सैनिटाइज्ड किया गया। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के लिए बैरिकेडिंग कर जगह-जगह पर गोल घेरा का निर्माण कराया गया है। इसके अलावे सुरक्षित व्यवस्था व विधि-व्यवस्था के लिए जसीडीह स्टेशन परिसर में पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों की टीम के साथ रेलवे के अधिकारी, जिला स्तर के दण्डाधिकारी एवं सुरक्षाकर्मियों की तैनाती भी की गई थी।
लॉकडाउन फेज 3 में धनबाद व बोकारो में पुलिस पहले से ज्यादा सख्त रवैया अपना रही है। बिना जरूरी काम वाहन से घरों से बाहर निकले लोगों की गाड़ियों की चेकिंग की जा रही है। पर शुक्रवार कोधनबाद के बैंक मोड़, जेपी चौक, धैया रोड वओवरब्रिज के पास लोग लॉकडाउन का खुला उल्लंघन करते नजर आए। सड़कों पर आम दिनों की तरह भीड़ दिखी। यहां पुलिस द्वाराकोई चेकिंग नहीं की गई। बताते चलें किगुरुवार को चेकपोस्टों पर पुलिस ने सख्ती बरती और कई बाइकों का चालान काटा था। इधर, आज भी एक स्पेशल ट्रेन तेलंगाना केलिंगमपल्लीसे श्रमिकों को लेकर धनबाद पहुंची।
17 से 25 घंटे सफर कर धनबाद पहुंचे लोगों की 10 घंटे इंतजार करने के बाद भी नहीं हुई मेडिकल जांच
गुरुवार को ओडिशा की औद्याेगिक नगरी अंगलू से 108 तथा यूपी के प्रयागराज व वाराणसी से 59 यात्री बस से 17 से 25 घंटे बाद जब धनबाद पहुंचे तो उन्हें सदर अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया। लोग मेडिकल जांच के लिए अस्पताल के बाहर धूप में खड़े रहे। जमीन पर बैठ कर जांच की बारी का इंतजार करते रहे। 10 घंटे बीत गए, पर जांच नहीं हुई। स्क्रीनिंग करने के बाद प्रेस्किप्शन थमा दिया गया और उन्हें अगले दिन जांच के लिए आने को कहा गया। जांच के लिए 10 घंटे तक इंतजार करने वाले लोग इस व्यवस्था से निराश हुए। उन्होंने अपने स्तर से अपत्ति जताई। पर उनकी एक नहीं सुनी गई। मेडिकल जांच के लिए उन्हें पुन: शुक्रवार को सदर अस्पताल आना होगा। एकबार फिर उन्हें यहां आकर इंतजार करना होगा। तमाम परेशानियों का सामना करना होगा।
कंटेनमेंट एरिया कुमारधुबी में 14 और डीएस काॅलाेनी में 16 मई तक रहेगा कर्फ्यू
कंटेनमेंट एरिया कुमारधुबी बाघाकुड़ी और डीएस काॅलाेनी अजंतापाड़ा में 28 दिनाें तक कर्फ्यू रहेगा। डीसी अमित कुमार ने कहा कि काेराेनाे पॉजिटिव का मामला प्रकाश में आने के 28 दिनाें तक एपिक सेंटर के आसपास के एरिया काे सील कर रखना है। अगर इस अवधि में काेई काेराेना पॉजिटिव मरीज नहीं मिलता है ताे कर्फ्यू काे हटा लेना है। कुमारधुबी के बाघाकुड़ी में 16 व डीएस काॅलाेनी में 18 अप्रैल काे काेराेना पॉजिटिव मरीज मिले थे। 16 अप्रैल की आधी रात से बाघाकुड़ी माेहल्ला के एपिक सेंटर के तीन किलाेमीटर काे सील कर कर्फ्यू लगा दिया गया था। वहीं, डीएस काॅलाेनी अजंतापाड़ा में 18 अप्रैल की आधी रात से कर्फ्यू लगाया गया था। बाघाकुड़ी एरिया में 14 मई तथा डीएस काॅलाेनी में 16 मई काे 28 दिनाें की मियाद पूरी हाे जाएगी।
लॉकडाउन में चोरी-छिनतई में 70-72, सड़क हादसे में 60, जबकि हत्या में 33 फीसदी की कमी आई है। फायरिंग में कोई अंतर नहीं आया है। सीतारामडेरा में गैंगवार पुलिस की सबसे बड़ी चूक है। आंकड़ों पर गौर करें तो एक जनवरी से 23 मार्च तक अपराधी ज्यादा सक्रिय रहे। इस दौरान हत्या की 6, चोरी की 18, छिनतई की 10 और फायरिंग की तीन घटनाएं हुईं। सड़क हादसों में पांच लोगों की मौत हुई।
वहीं, 24 मार्च से 30 अप्रैल तक हत्या की 4, चोरी 5, छिनतई और फायरिंग की तीन-तीन घटनाएं हुईं। सड़क हादसों में दो लोगों की मौत हुई। सीतारामडेरा में गैंगवार को छोड़कर कोई संगीन अपराध नहीं हुआ है। एक जनवरी से लेकर 23 मार्च तक जहां शहर के 18 थानों में 355 से अधिक मामले दर्ज हुए। वहीं, 24 मार्च से 30 अप्रैल तक महज 170 मामले ही दर्ज हुए। इनमें सबसे अधिक 40 केस लॉकडाउन तोड़ने के हैं।
लॉकडाउन में लूट, डकैती, छिनतई जैसे अपराध का आंकड़ा नहीं के बराबर रहा। सड़क हादसे, हत्या, साइबर ठगी सहित अन्य मामलों में भी कमी आई है। लॉकडाउन में कोरोना को लेकर फेसबुक पर जारी पोस्ट में धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने के 4 केस हुए। तीन बिष्टुपुर साइबर थाना में और एक कदमा थाना में दर्ज हुआ है।
लॉकडाउन के पहले की घटनाएं | लॉकडाउन के पहले के मामले |
साइबर ठगी- 23 | साइबर ठगी- 04 |
हत्या- 06 | हत्या- 04 |
चोरी- 18 | चोरी- 05 |
सड़क दुर्घटना- 05 | सड़क दुर्घटना- 02 |
छिनतई- 10 | छिनतई- 03 |
फायरिंग- 03 | फायरिंग- 03 |
वाहन चोरी- 30 | वाहन चोरी- 04 |
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते प्रसार से बचाव और रोकथाम के लिए सूरत, गुजरात में फंसे गिरिडीह जिला के 1094 श्रमिकों की घर वापसी हुई। सभी श्रमिकों को लेकर सूरत, गुजरात से विशेष ट्रेन से 3.15 बजे धनबाद स्टेशन पहुंची। बैंगलोर, कर्नाटक से विशेष ट्रेन से गिरिडीह जिला के फंसे 62 व्यक्ति बड़काकाना, स्टेशन रामगढ़ पहुंचे। जसीडीह, देवघर से श्रमिकों को लाने के लिए 2 बसों तथा डालटेनगंज, पलामू से श्रमिकों को लाने के लिए 2 बसों को भेजा गया था।
जिला प्रशासन द्वारा धनबाद स्टेशन से सभी श्रमिकों को लाने केलिए प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी धीरेंद्र कुमार, कार्यपालक दंडाधिकारी के साथ 9 दंडाधिकारियों के नेतृत्व में 45 सैनेटाइज बड़ी बस सम्मान रथ तथा बड़काकाना, रामगढ़ से श्रमिकों को लाने के लिए प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी लोकेश सिंह के नेतृत्व में 2 बड़ी बसों के साथ तथा डालटेनगंज पलामू से श्रमिकों का लाने के लिए प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी धर्मदेव मंडल सहायक अभियंता, पथ प्रमंडल, गिरिडीह के साथ 2 बसों के साथ तथा जसीडीहए देवघर से श्रमिकों को लाने के लिए प्रतिनियुक्त पदाधिकारी अनिल कुमार, जिला भू-अर्जन कार्यालय के साथ 2 बसों की व्यवस्था की गई थी।
सूरत से धनबाद स्टेशन से गिरिडीह जिला के गिरिडीह प्रखंड के 70, बिरनी के 106, बेंगाबाद के 116, बगोदर के 03, देवरी के 280, गांडेय के 23, गांवा 17, जमुआ 156, राजधनवार 208, सरिया 6, तिसरी 70 और डुमरी के 24 लोग शामिल थे। डीसी ने कहा कि जिले में वापस लौटे सभी श्रमिकों का रिसीविंग सेंटर ताराटांड़ में स्वास्थ्य जांच व स्वास्थ्य विभाग का क्वारेंटाइन मुहर लगाकर सभी का निबंधन करते हुए होम क्वॉरेंटाइन में रहने के निर्देश के साथ जिला प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करने का आदेश दिया गया। देवरी प्रखंड के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय देवरी में बाहर से आए प्रवासी मजदूरों को गुरुवार को जांच कर होम क्वारेंटाइन में भेज दिया गया।
कंटेनमेंट एरिया कुमारधुबी बाघाकुड़ी और डीएस काॅलाेनी अजंतापाड़ा में 28 दिनाें तक कर्फ्यू रहेगा। डीसी अमित कुमार ने कहा कि काेराेनाे पॉजिटिव का मामला प्रकाश में आने के 28 दिनाें तक एपिक सेंटर के आसपास के एरिया काे सील कर रखना है। अगर इस अवधि में काेई काेराेना पॉजिटिव मरीज नहीं मिलता है ताे कर्फ्यू काे हटा लेना है। कुमारधुबी के बाघाकुड़ी में 16 व डीएस काॅलाेनी में 18 अप्रैल काे काेराेना पॉजिटिव मरीज मिले थे। 16 अप्रैल की आधी रात से बाघाकुड़ी माेहल्ला के एपिक सेंटर के तीन किलाेमीटर काे सील कर कर्फ्यू लगा दिया गया था। वहीं, डीएस काॅलाेनी अजंतापाड़ा में 18 अप्रैल की आधी रात से कर्फ्यू लगाया गया था। बाघाकुड़ी एरिया में 14 मई तथा डीएस काॅलाेनी में 16 मई काे 28 दिनाें की मियाद पूरी हाे जाएगी।
बीसीसीएल में उत्पन्न वित्तीय संकट के कारण मई माह का वेतन भुगतान 15 मई के बाद हाेने की संभावना है। कोरोना काे लेकर जारी लाॅकडाउन के कारण वेतन मिलने पर अगले दाे तीन महीने तक संकट के बादल मंडराते रहेंगे। काेविड के कारण कल कारखानाें के बंद हाेने से पावर प्लांटाें का उत्पादन गिरा है। पावर प्लांटाें ने काेयला कंपनियाें से काेयले की खरीद कम कर दी है। अप्रैल माह में बीसीसीएल का डिस्पेच मात्र एक मिलियन टन ही हाे सका।डिस्पेच नहीं हाेने से कंपनी के पास काेयले का स्टॉक जमा हाे गया है। लाॅकडाउन का असर काेयला के आक्शन पर पड़ रहा है। ई-आक्शन रद्द हाेने से इस मद में भी राशि नहीं मिल रही है।
भुगतान के लिए पावर प्लांटों पर दबाव
कंपनी की वित्तीय स्थिति को देखते हुए पावर प्लांटाें से भुगतान करने के लिए पत्राचार किया जा रहा है। व्यक्तिगत स्तर पर फाइनेंस और सेल्स विभाग के अधिकारियाें द्वारा संपर्क स्थापित किया जा रहा है, ताकि भुगतान प्राप्त हाे सके। सीएमडी पीएम प्रसाद ने बताया कि काेविड-19 से बीसीसीएल समेत सभी संस्थान प्रभावित हैं। काेविड के प्रभाव से कंपनी काे उबारने का प्रयास जारी है।
गुजरात में फंसे झारखंड के लोगों को झारखंड लाने का क्रम जारी है। गुरुवार को सूरत से 1198 कामगाराें काे लेकर दूसरी स्पेशल ट्रेन धनबाद पहुंची। ट्रेन सुबह 3.50 बजे धनबाद स्टेशन पहुंची। स्टेशन पर सभी काे कतारबद्ध कर ट्रेन से उतारा गया। सभी की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। इसके बाद उनका स्वागत किया गया। 27 घंटे का सफर कर पहुंचे कामगाराें काे लंच पॉकेट अाैर पानी देकर बस से गृह जिला रवाना कर दिया गया। उपायुक्त अमित कुमार के निर्देश पर प्रवासी श्रमिकों का सहयोग एवं मार्गदर्शन के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल की तैनाती प्लेटफार्म पर की गई थी। श्रमिकों को उनके संबंधित जिले तक पहुंचाने के लिए 46 बड़ी बस, एक छोटी बस तथा 9 छोटे वाहनों की व्यवस्था की गई थी।
लाॅकडाउन में काे-ऑपरेटिव काॅलेज के बंद हाेने का फायदा उठाकर चाेराें ने परिसर से यूकेलिप्टस के छह पेड़ काट ले गए। बुधवार काे जब काॅलेज खुला, तो इसकी जानकारी हुई। प्रिंसिपल डाॅ. वीके सिंह ने काॅलेज के दाेनाें गार्ड काे शोकॉज जारी किया है। गार्ड का कहना है कि काॅलेज कैंपस बहुत बड़ा है और वे मुख्य गेट पर तैनात रहते हैं। जहां पेड़ काटा गया है वह वहां से बहुत दूर है। इसलिए उन्हें इस बारे में पता नहीं चल सका। वहीं, इस पूरे मामले की शिकायत काॅलेज प्रशासन पुलिस में भी करने की तैयारी कर रहा है। इस मामले ने काॅलेज की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। 36 एकड़ में फैले कैंपस दाे गार्ड के भराेसे है। एक समय में एक गार्ड रहता है। जिसके लिए पूरे परिसर पर नजर रखना कतई संभव नहीं है।
कानाश पंचायत के देड़ाग गांव में बुधवार की देर रात मोहन किस्कू (18) नामक युवक की जहरीला पदार्थ खाने से मौत हो गई। गुरुवार सुबह पुलिस ने कोरोना वायरस संक्रमण जांच हेतु मेडिकल टीम द्वारा सैंपल लेने के बाद शव काे पोस्टमार्टम के लिए एमजीएम भेज दिया। मृतक की मां पुनता किस्कू के अनुसार बेटा मोहन किस्कू बुधवार की रात करीब 8:00 बजे घर से निकला था। बाद में करीब रात 9:00 बजे गांव के लड़कों ने बताया कि वह गांव के पास फुटबॉल ग्राउंड में गिरा हुआ है। एंबुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धालभूमगढ़ ले जाया गया। जहां से एमजीएम रेफर कर दिया गया। ले जाने क्रम में ही उसकी मौत हो गई।
लॉकडाउन 3 के दौरान शहर में पुलिस ने थोड़ी ढिलाई बरती तो दुकानदारों ने पाबंदियों के बाद भी दुकानें खोल दी। कपड़े के आयरन करने की दुकानें, मोबाइल, पंखे व बिजली उपकरण की दुकानें लोग खोल दिए थे। गुरुवार को सीओरिंकू कुमार सभी गैर जरूरी दुकानों के दुकानदारों को चेतावनी देतेे हुए शटर गिरवाया। प्रशासन के सामने अब यह चुनौती है कि आर्थिक गतिविधियों को बनाए रखने के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग व अन्य नियम कायदों को किस तरह लागू कराया जाए। दूसरी चुनौती बाहर से आ रहे लोगों को लेकर है। जिनसे कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है। बड़ी संख्या में लोगों के आने से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना मुश्किल हो रहा है। घाटशिला में आरपीएफ जवान को छोड़ दें तो कोरोना के एक भी मामले नहीं आए हैं।
सब्जी मंडी की भीड़ ने बढ़ाई चिंता
सब्जी मंडी में उमड़ रही भीड़ चिंता का कारण बनकर सामने आई है। दाहीगोड़ा सकर्स मैदान में लगाए जाने वाले सब्जी बाजार में सब्जी विक्रेता एक तो सोशल डिस्टेंसी का ख्याल नहीं रख रहे हैं, वहीं अधिकांश मास्क तक नहीं पहन रहे हैं। सब्जी मार्केट में पाबंदियों में छूट के बाद से हालात और खराब हुए हैं। यहां बहुत भीड़-भाड़ हो लग रही है। अगर कोरोना संक्रमण से बचना है तो नियम तोड़ने वालों को किसी तरह की रियायत नहीं दी जानी चाहिए।
गुरुवार काे छत्तीसगढ़ और ओडिशा में कार्यरत मजदूर साइकिल पर सवार हाेकर अपने घर बिहार और झारखंड के गाेड्डा का रास्ता नापते दिखे। छत्तीसगढ़ के रायपुर से 5 मजदूर जब काेई साधन नहीं मिला ताे वे साइकिल से ही अपने घर गाेड्डा करीब 924 किमी साइकिल से ही रवाना हुए। विपिन कुमार महताे, निरंजन महताे, विनाेद महताे, तपन मंडल ने बताया कि वह 29 अप्रैल काे रायपुर से अपने घर गाेड्डा के रवाना हुए थे।
गुरुवार सुबह जब वे ओडिशा के जामशाेला बाॅर्डर पर पहुंचे ताे वहां बाॅडर पर तैनात पुलिस बल ने उन्हें राेककर जानकारी ली। इसके बाद थर्मल स्कैनर से जांच के बाद भाेजन और पानी की व्यवस्था कर आगे के लिए रवाना कर दिया। सभी मजदूराें ने बताया कि छत्तीसगढ़ के रायपुर में लाॅकडाउन वन से ही फंसे हुए थे। काेई व्यवस्था हाेते नहीं देख खुद ही साइकिल से घर चल दिए। फाेरलेन सड़क पर पानी व खाने की व्यवस्था नहीं रहने के कारण काफी परेशानी हाे रही है।
उपायुक्त के आदेशानुसार बहरागोड़ा के जवाहर नवोदय विद्यालय से माइग्रेशन पॉलिसी के अंतर्गत नवोदय विद्यालय ग्वालपाड़ा असम के 20 विद्यार्थियों व उनके साथ जा रहे तीन शिक्षकों को असम पुलिस कस्टडी में लेकर स्वास्थ्य एवं अन्य औपचारिकताएं पूरी करने हेतु गुवाहाटी स्थित क्वारेंटाइन सेंटर लेकर चली गई। इसकी जानकारी बहरागोड़ा के पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी को मिली तो उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए झारखंड पुलिस एवं असम के मुख्यमंत्री और वहां के पुलिस प्रशासन को ट्वीट किया। जिसका संज्ञान लेते हुए असम के स्वास्थ्य मंत्री विश्व हेमंत शर्मा स्वयं गुवाहाटी के क्वारेंटाइन सेंटर पहुंच सभी को मुक्त कराया। बस बुधवार की रात 2 बजे ग्वालपाड़ा असम की सीमा में प्रवेश की। जहां से जिला प्रशासन ने बस को विद्यालय में न ले जाकर वहां से 100 किलोमीटर दूर गोवाहाटी के क्वारेंटाइन सेंटर लेकर चला गया। और वहां बच्चों और शिक्षकों को 14 दिनों के लिए क्वारेंटाइन करने की प्रक्रिया चलने लगी। इधर इसी बस से पूर्वी सिंहभूम के बच्चों को जो ग्वालपाड़ा से वापस आना था।
जानकारी हो कि नवोदय विद्यालय में माइग्रेशन पॉलिसी के अंतर्गत हिंदी प्रदेशों के जवाहर नवोदय विद्यालयों को गैर हिंदी प्रदेशों के जवाहर नवोदय विद्यालयों से जोड़ा गया है। जिसके अंतर्गत कक्षा 9 में पढ़ने वाले एक तिहाई विद्यार्थियों को आपस में जुड़े विद्यालयों में 1 सत्र के लिए अदला-बदली होती है। इसी क्रम में नवोदय विद्यालय पूर्वी सिंहभूम के 21 विद्यार्थी जवाहर नवोदय विद्यालय ग्वालपाड़ा असम एवं वहां के 21 विद्यार्थी जवाहर नवोदय विद्यालय पूर्वी सिंहभूम में भेजे गए थे। जिन्हें मार्च में वार्षिक परीक्षा के बाद अपने-अपने विद्यालयों में वापस लौटना था। पूर्वी सिंहभूम के बच्चों को वापस जाने के लिए 27 मार्च को रेल आरक्षण कराया गया था। लेकिन लाॅकडाउन के चलते दोनों तरफ बच्चे फंस गए।
पूर्वी सिंहभूम के नवोदय विद्यालय के विद्यार्थी असम के ग्वालपाड़ा से आज होंगे रवाना
उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम के पत्र के आलोक में उपायुक्त ग्वालपाड़ा ने भी यात्रा आदेश जारी कर दिया है। अब यही बस जवाहर नवोदय विद्यालय में फंसे पूर्वी सिंहभूम के बच्चों को लेकर शुक्रवार काे वापसी की यात्रा करेगी। इससे पहले सभी बच्चे, शिक्षक व ड्राइवर आदि की मेडिकल जांच होगी। बस को सैनेटाइज किया जाएगा। मार्ग में बच्चों एवं स्टाॅफ को क्वारेंटाइन संबंधी सरकार के सभी निर्देशों का अनुपालन करना अनिवार्य होगा। इस संबंध में जवाहर नवोदय विद्यालय पूर्वी सिंहभूम के प्राचार्य डॉ आरके सिंह ने बताया कि ऐसी समस्या आई थी, जिसका समाधान हो गया है। अब उसी बस से पूर्वी सिंहभूम के बच्चे शुक्रवार काे चलेंगे। यहां जिला प्रशासन के दिशा निर्देश के अनुसार आवश्यक जांच एवं औपचारिकताएं पूरी करने के बाद बच्चों को उनके अभिभावकों को सौंपा जाएगा। इस संबंध में संबंधित अभिभावकों को उनके मोबाइल पर सूचना दे दी जाएगी।
पांड्राशाली ओपी अंतर्गत माटकाेबेड़ा में निर्माणाधीन एफसीआई गाेदाम भवन से जेनरेटर समेत अन्य सामान चुराने के मामले में पुलिस ने छह आराेपियाें काे गिरफ्तार कर गुरुवार काे जेल भेज दिया। इनमें बामिया पूर्ति उर्फ लीमला, बैगाे पूर्ति उर्फ गंगू, विकास पूर्ति, पांडू पूर्ति, बैगाे पूर्ति और डुबलिया पूर्ति (सभी पांड्राशाली निवासी) शामिल हैं। इस मामले में केजे इंटरप्राइजेज के कर्मचारी भागीरथी ने 1 मई काे पांड्राशाली ओपी में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
चक्रधरपुर के जलेश्वर साहू (84) परिवार से दूर रहकर रांची में गुजारा कर जीवन जी रहे थे। वे पिछले 12 साल से रांची के खादगड़ा में अकेले किसी तरह गुजारा कर रहे थे। लॉकडाउन के कारण होटलों के बंद होने से उन्हें खाने के लाले पड़ गए। चक्रधरपुर में उनके तीन बेटे रहते हैं। इस बीच उन्हें चक्रधरपुर आने का मौका मिला तो वे तुरंत बैग लेकर चल पड़े। लेकिन यहां पहुंचते ही उल्टा हो गया। किसी ने उन्हें होम क्वारेंटाइन नहीं किया। फिर वे मायूस होकर सरकार के बने रैन बसेरा (क्वारेंंटाइन सेंटर) पहुंचे और क्वारेंटाइन हो गए। लेकिन यहां भी खाने की दिक्कत हो गई। गुरुवार दोपहर तीन बजे तक उन्हें खाने में कुछ नहीं मिला।
जलेश्वर साहू बताते हैंवे 12 साल से परिवार से दूर रांची में रहे। रांची कोर्ट में अधिवक्ता और लोगों का सहयोग करते हुए दो जून की रोटी का जुगाड़ कर लेते थे। लॉकडाउन में समस्या हो गई। उनके चार बेटे हैं। तीन बेटे चक्रधरपुर के झुमका मोहल्ला में अलग-अलग रहते है। एक बेटा जमशेदपुर के बागबेड़ा में रहता है। उनका भरापूरा परिवार है। बेटों के परेशानी से वे रांची चला गया था। रांची से चाईबासा की बस आ रही ती तो उसमें चले आए। बुधवार रात नौ बजे वे चक्रधरपुर पहुंचे थे।
लेकिन कोरोना को लेकर हर कोई डरा हुआ है। इस कारण बेटों ने होम क्वारेंटाइन के लिए घर में जगह नहीं दी। वे नहीं चाहते थे कि परिवार में किसी को तकलीफ नहीं हो, इसलिए बिना कुछ बोले क्वारेंटाइन सेंटर में रहने चले आए। चक्रधरपुर बस स्टैंड के रैन बसेरा को क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है। वहां 28 से 30 लोग रहते हैं।
लॉकडाउन में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहे, इस उद्देश्य से आंगनबाड़ी केंद्रों को होमलेस किचन बनाया गया। ताकि लोगों को भोजन मिल सके। होमलेस किचन में (आंगनबाड़ी केंद्र) को बांटने के लिए राशन सामग्री विभाग से भेजा गया है। राशन सामग्री की पैकेट में आलू और प्याज भी है, वितरण में देरी होने से ये सड़ रहे हैं। ऐसा सीडीपीओ कार्यालय में सामग्री वितरण में लापरवाही के कारण हुआ है।
राशन सामग्री आए हुए पांच दिन हो गये हैं और अब भी 25 प्रतिशत पैकेट बांटना बाकी है। बताया जाता है कि टाटा स्टील से विगत रविवार 3 मई को ही 268 पैकेट आये। इन पांच दिनों में 178 पैकेट ही बंटा है, बाकी कार्यालय में रखा हुआ है। ऐसे में सवाल उठता है कि सामग्री ही जब खराब हो जाएगी, तो आम जनता को उसका लाभ कैसे पहुंचेगा।
आंगनबाड़ी केंद्रों से वितरण होने वाला पोषाहार पिछले जनवरी महीने से वितरण बंद है। यह पोषाहार 3 से छह साल के बच्चे, गर्भवती, धात्री महिला, छह महीने से तीन साल तक के बच्चों को सुखा राशन वितरण करना है। लेकिन जब से यह जिम्मेदारी जेएसएलपीएल को मिला है, तब से नियमित वितरण में गड़बड़ हो गई है।
हम नहीं दे रहे हैं, डीडीसी साहब दे रहे हैं : सीडीपीओ
होमलेस किचन को लेकर आई सामग्री सड़ने की बात पर सीडीपीओ मुनेश्वरी बारा कहती हैं कि ये सड़ी हुई सामग्री हम नहीं दे रहे हैं, डीडीसी साहब ही दे रहे हैं। पैकेट के अंदर ही सामान सड़ रहा है, इसमें मैं क्या कर सकती हूं।
पैकेट में यह सामग्री
चावल 10 केजी, दाल ढाई केजी, नमक एक केजी, बिस्किट 4 पैकेट, साबुन 2 पीस, प्याज एक केजी, आलू दो केजी और सरसों तेल 1/2 केजी दिया गया है।
लाॅकडाउन के कारण जिले में कराेड़ोंरुपए की याेजनाएं पेंडिंग पड़ी हैं। इसमें ऐसी कई महत्वपूर्ण याेजनाएं भी शामिल हैं जाे लाेगाें के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। जिले में ग्रामीण पेयजलापूर्ति याेजना के पाइप लाइन के जरिए घर-घर तक पीने के लिएस्वच्छ पानी पहुंचाने का काम चल रहा है।
इस याेजना के तहत जिले के विभिन्न प्रखंडाें के कुल 22 जगहाें पर करीब 400 कराेड़ रुपए की लागत से काम चल रहा है। लेकिन लाॅकडाउन के वजह से यह काम ठप पड़ा हुआहै। इसमें से मात्र दाे जगह सदर प्रखंड के गायसुटी पंचायत एवं जगन्नाथपुर प्रखंड के जैंतगढ़ में पेयजलापूर्ति याेजना बनकर तैयार है और चालू भी हाे गया है। लेकिन बाकी जगहाें पर निर्माण का कार्य चल रहा है। लेकिन लाॅकडाउन के कारण यह कार्य भी ठप पड़ा हुआहै। जिले के मझगांव, सदर प्रखंड के कुरसी, मंझारी प्रखंड के जलधर, तांतनगर प्रखंड के सेरेंगबिल एवं चक्रधरपुर के छोटानागरा में करीब-करीब बनकर तैयार है। लेकिन लाॅकडाउन के कारण शेष काम नहीं हाे पा रहा है। लाॅकडाउन की स्थिति ऐसी ही रही ताे गरमी के माैसम में भी यहां के लाेगाें काे पीने का पानी नसीब नहीं हाेगा।
छह कराेड़ की लागत से बन रहा जाेड़ा तालाब का काम भी ठप
नगर परिषद की एक बड़ी याेजना जाेड़ा तालाब का जीर्णाेद्धार व साैंदर्यीकरण का कार्य भी लाॅकडाउन के वजह से रूका हुआ है। जाेड़ा तालाब का जीर्णाेद्धार व साैंयदयीकरण का कार्य करीब 6 कराेड़ की जा रही है। कुछ माह पहले ही इस तालाब के जीर्णाेद्धार व साैंदर्यीकरण का कार्य शुरू हुआथा। जीर्णाेद्धार का कार्य काफी तीव्रगति से चल रहा था। इसी बीच काेराेना वायरस के बढ़ते संक्रमण काे देखते हुए जिले काे लाॅकडाउन किया गया। जिस वजह से यह काम ठप पड़ गया।
पेयजलापूर्ति के लिए 1200 चापाकल लगने थे, अब तक 300 ही लग सके
पेयजल विभाग के कार्यपालक अभियंता प्रभु मंडल ने बताया कि कुछ जगहाें पर योजना बनकर तैयार है। लाॅकडाउन समाप्त हाेते ही इसे चालू कर दिया जाएगा। जिले में कुल 1200 साेलर आधारित पेयजलापूर्ति याेजना के तहत नलकूप बनाने का काम चल रहा है। इसमें से 300 नलकूप बनकर तैयार हैं। लेकिन लाॅकडाउन के कारण अन्य साेलर नलकूप का निर्माण कार्य रूका हुआहै।
रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कार्य ठप
इधर, लाॅकडाउन के कारण करीब 40 कराेड़ के लागत से बन रही रेलवे ओवरब्रिज निर्माण का कार्य भी ठप पड़ा है। यहां कार्य कर रहे मजदूर लाॅकडाउन वजह से अपने अपने घराें में दुबक गए हैं। निर्माणाधीन रेलवे ओवरब्रिज के कारण लाेगाें काे काफी परेशानी हाे रही है।
जिले की महिला स्वसहायता समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भर कर आर्थिक और सामाजिक रूप से सक्षम करने में वन विभाग का प्रयास सफल होने लगा है। जिला लघुवनोपज सहकारी संघ द्वारा मां दंतेश्वरी, दुर्गा मंडली एवं गणेश मंडली समूह की महिलाओं को 1.75 लाख रुपए प्रति समूह के हिसाब से तीन समूहों को 5 लाख 25 हजार रुपए कच्चा फूल झाड़ू घास खरीदने के लिए दिया गया था। इन महिला समूहों द्वारा निर्मित झाड़ू की मांग छत्तीसगढ़ के अलावा दिल्ली में की गई थी, जिसे समय रहते पूरी की गई। माड़ की झाड़ू का उपयोग दिल्ली को चकाचक करने में किया जा रहा है।
नाफेड दिल्ली से 35 हजार नग माड़ की झाडू़ की मांग आई थी, जिसे 34 रुपए प्रति नग के मान से बेचा गया। इससे 11 लाख 90 हजार की राशि प्राप्त हुई थी। इसमें से समूह ने करीब 5 लाख 79 हजार 457 रुपए का मुनाफा कमाया। अधिक लाभ होने से चालू वर्ष में अधिक मात्रा में कच्चा फूल झाड़ू घास खरीद कर बड़ी संख्या में झाड़ू निर्माण की योजना है। समूह की महिलाओं ने राज्य सरकार और वन विभाग के अधिकारियों की तारीफ करते कहा है कि उनकी मदद के बिना यह काम संभव नहीं है।
3 समूह की 33 महिलाएं बना रही हैं फूल झाड़ू
ओरछा में प्रत्येक महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष और सहायक वन परिक्षेत्र अधिकारी का संयुक्त खाता कोआपरेटिव बैंक में खोला गया है। इसमें दोनों के संयुक्त हस्ताक्षर कर खाता से पैसा निकालकर ओरछा के समूह कच्चे फूल झाड़ू की खरीदते हैं। वन विभाग द्वारा नारायणपुर में प्रसंस्करण केंद्रों की शुरुआत की गई है। दूरस्थ इलाके के 10-12 अंचल के करीब 1500 संग्राहकों द्वारा फूल झाड़ू का संग्रहण कर इसे महिला स्वसहायता समूह को बेचा जाता है। प्रसंस्करण केंद्र में 3 महिला स्वसहायता समूह की लगभग 33 महिलाएं काम कर रही हैं।