किसान कल्याण टैक्स लगाकर सरकार ने व्यापारियों को गहरी चोट दी है। जो किसानों और व्यापारियों के साथ कुठाराघात किया जा रहा है। अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन पूर्वी राजस्थान के अध्यक्ष गिरीश गर्ग ने कहा कि अग्रवाल समाज किसानों और व्यापारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। उनके हितों के खिलाफ सरकार द्वारा टैक्स लगाकर की गई कार्यवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
किसानों और व्यापारियों के साथ गरीब मजदूर वर्ग खड़ा है। उनके द्वारा कारोबार बन्द करने पर गरीब मजदूरों को रोजी रोटी का संकट पैदा हो जाएगा। सरकार किसानों व्यापारियों पर लगाया गया किसान कल्याण टैक्स को तुरन्त वापिस ले, अन्यथा प्रदेश स्तर पर व्यापारी आंदोलन करने के लिए विवश हो जाएगा।
रामपुरा न्यौला के बाइक सवार दो जनों के साथ सादकवाला के नजदीक 23800 रुपए नगदी लूट ले जाने का मामला सामने आया है। थाने में सादकवाला के 5 लाेगाें के खिलाफ नामजद केस दर्ज किया गया है। रामपुरा न्यौला के संदीप कुमार शर्मा(28) पुत्र जगदीश प्रसाद ने एफआईआर दर्ज करवाई है। पुलिस के अनुसार संदीप अपने साथी प्रवीण कुमार पुत्र इंद्राज निवासी 3 एसएचपीडी दुकान बंद कर रात 8:40 बजे बाइक पर घर जा रहे थे। सादकवाला गांव से निकलने के बाद पुलिया के पास सामने से आ रहे बाइक चालक ने टक्कर मारी। उस बाइक से उतरे रघुवीर सिंह उर्फ सोनी पुत्र कृष्ण सिंह व उसके साथी शम्मी पुत्र करनैल सिंह, कृष्ण सिंह पुत्र जागीर सिंह ने दाेनाें से गाली गलौज किया।
(राकेश पालीवाल) शहर के पास मेहंदवास कस्बे के बस स्टैण्ड पर रहने वाली ये है शांति देवी विजयवर्गीय। उम्र है 72 साल की। दोनों लॉकडाउन के दौरान घर से नहीं निकली। तीसरे लॉकडाउन में भी घर में ही रहकर घरेलू कामकाज निपटा रही है। यहां तक की आटा पिसाने भी नहीं गई। वे खुद बरसों पुरानी घर में रखी चाकी से आटा पीस रहीं हैं। कहती हैं पहले तो सभी घर की घटी में ही आटे से लेकर बेसन, मसाला, दलिया आदि पीसा करते थे। अब कोरोना महामारी के चलते वह खुद ही नहीं बेटे नोरतन, गोरी शंकर व चंद्रप्रकाश विजय को भी घर से बाहर नहीं निकलने दे रही। हालांकि तीसरा बेटा सरकारी सेवा में हाेने से उसे एहतियात बरतते हुए सरकारी कामकाज निपटाने को कह दिया है। शांति देवी रसोई भी खुद बनाती है। पिछले पौने दो महीने में करीब 35 किलो गेहूं, बेसन व दलिया आदि पीस लिए है। वह कहती है कि एक किग्रा गेहूं की पिसाई एक घंटे में कर लेती है।
पौष्टिक-शुद्धता और शरीर भी स्वस्थ
बुजुर्ग ने बताया कि दालें भी घर पर खुद बना लेती हैं। मिर्च, धनिया, हल्दी जैसे मसाले भी बाजार से नहीं लाते। सर्दी के मौसम में बाजरी की पिसाई भी इसी घटी से करती हैं। शांति देवी ने बताया कि घटी के आटे से बनी रोटी स्वादिष्ट होती है। साथ ही इसमें पसीना बहाने से शरीर स्वस्थ रहता है।
कहा- अस्पताल जाने की जरूरत नहीं
उन्होंने कहा कि उसका अनुभव है कि घटी फेरने वाली महिलाओं को कभी अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ती। साथ ही उनका कहना है कि गर्भावस्था में महिला को किसी समस्या का सामना भी नही करना पड़ता है।
लाॅकडाउन में कुन्हाड़ी कर्फ्यू एरिया में जरूरतमंदाें की मदद के लिए वाट्सअप ग्रुप कारगर साबित हाे रहा है। ग्रुप में क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, पुलिस कर्मी, समाजसेवी जुढ़े हुए हैं। जाे लाेगाें की हर संभव मदद कर रहे हैं। कुन्हाड़ी थाना इलाके में 3 मई को कोरोना पाॅजीटिव मरीज आने के बाद क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया। निगम के पूर्व नेताप्रतिपक्ष अनिल सुवालका, कुन्हाड़ी सीआई गंगासहाय शर्मा ने व्हाट्सएप ग्रुप बनाया। इस ग्रुप के माध्यम से दूध, सब्जियां, फल, राशन, दवाइयां, नकद पैसे की निकासी के लिए पोस्टमैन की व्यवस्था की व्यवस्था की जा रही है। इस कार्य में समाजसेवी नीरज राजावत, प्रशांत हाड़ा, दिग्विजय राजावत भी सेवा दे रहे हैं। शुक्रवार को कुन्हाडी चुंगी चौराहे पर पुलिस के फ्लैग मार्च का सुवालका व उनकी टीम ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।
बाछेड़ा की नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में शुक्रवार को सांसद टोंक व विधायक मालपुरा के नेतृत्व में भाजपा पदाधिकारियों कार्यकर्ताओं ने पुलिस जांच में ढिलाई बरतने व पीड़ित को डरा कर बयानों में गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर धरना दिया।
धरनार्थियों का आरोप था कि पुलिस पीड़ित को डरा धमका कर बयानों में गड़बड़ी कर रही है नाबालिग के दस्तावेजों में फेरबदल का शक है तथा पीड़ित को चिकित्सक द्वारा भी डराया गया है जो पीड़ित के साथ अन्याय है। जबकि नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने वालों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए।
सांसद व विधायक ने पीड़ित के बयान दुबारा लेने व मुआवजा देने के साथ साथ थानागाजी मामले के अनुसार बाछेड़ा की पीड़ित को भी समान पैकेज देने की मांग की। वार्ता के लिए धरना स्थल पर पहुंचे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोरधन लाल सोकरिया व डीएसपी चक्रवर्ती सिंह राठौड़ सहित तहसीलदार अनिल चौधरी ने कहा कि दुष्कर्म मामले के आरोपियों को पुलिस ने तत्काल गिरफ्तार किया है। रिमांड के लिए पोक्सो कोर्ट में पेश किया है। एएसपी ने कहा है कि पीड़ित के बयान दुबारा करा लिए जाएंगे तथा थानागाजी समाज पैकेज के लिए उच्चाधिकारियों को मांग पत्र प्रेषित कर अनुशंसा की जाएगी। मांग संबंधी ज्ञापन एसडीएम डॉ. राकेश कुमार मीना को सौंपा कर पीड़ित को न्याय दिलाने की गुहार की गई है।
आरोपितों को फांसी मिले
टोडारायसिंह| पचेवर थानान्तर्गत बाछेड़ा गांव में नाबालिग के साथ हुए गैंग रेप के आरोपियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई करने व पीड़ित को आर्थिक सहायकता की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी शहर मंडल के कार्यकर्ताओं ने नगर पालिका अध्यक्ष संतकुमार जैन की अगुआई में मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम डॉ.सूरजसिंह नेगी को ज्ञापन सौंपा है।
ज्ञापन से बताया है कि गत दिवस पचेवर थानान्तर्गत बाछेड़ा गांव के कुछ असामाजिक तत्वों ने एक नाबालिग के साथ गैंग रेप किया। जिसकी हम कठोर आलोचना करते है। आरोपियों को फांसी की सजा दी जाए। पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिलाई जाए। साथ ही परिवार को रक्षा व सुरक्षा भी प्रदान की जाए। पूर्व में भी अलवर में नाबालिग गैंग रेप पीड़ित के परिवार को ऐसी सहायता राज्य सरकार से दी जा चुकी है।
पीड़िता को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दें
उनियारा| पचेवर थाना अंतर्गत पाछेड़ा गांव में नाबालिग बालिका के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले मे त्वरित कार्रवाई करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम एएसडीएम प्रकाश चंद, डीएसपी कालूराम वर्मा को ज्ञापन दिया गया। भाजपा शहर अध्यक्ष नमो नारायण गौतम नगर पालिका अध्यक्ष राकेश बढ़ाया कैलाश चौधरी जगदीश साहू रोबिन सिंह सहित कई लोगों ने एसडीएम प्रकाश चंद्र रेगर एवं डीएसपी कलम वर्मा को मुख्यमंत्री के नाम दिए गए।
ज्ञापन में बताया कि गत दिवस पचेवर थाना अंतर्गत पाछेडा गांव में नाबालिग बालिका के साथ असामाजिक तत्वों द्वारा सामूहिक गैंगरेप किया गया । जिसकी भाजपा शहर मंडल घोर आलोचना करता है। तथा ऐसे अपराधियों को तुरंत गिरफ्तार कर तुरंत कार्रवाई करें एवं पीड़िता को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने तथा परिवार दे किसी एक को सरकारी नौकरी देने की मांग कीl
कोरोना वायरस के खात्मे के लिए कई संस्थाओं द्वारा शहर में रोजाना सेनेटाइजेशन किया जा रहा है। कोहिनूर वेलफेयर सोसाइटी के प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल वहाब कोखर के नेतृत्व में विज्ञाननगर विस्तार योजना, संजयनगर, गणेशनगर में सेनेटाइजेशन किया। टीम में विकास गोस्वामी, शाहबाज खान, उमाशंकर, अनीश खान, कुंजबिहारी नागर, फुरखान राइन, इमरान खान, महावीर, सेवा दे रहे हैं। कार्तिकेय एजुकेशन एवं ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट संस्था द्वारा रामपुरा कोतवाली के सामने ग्रांट होटल की गली में सेनेटाइजेशन किया गया। संस्था अध्यक्ष मीना नामा ने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए रामपुरा कोतवाली के सामने दुकानों और मकानों के दरवाजों पुलिस की गाड़ियों कोतवाली के सामने खड़ी गाड़ियों का सेनेटाइजिंग किया गया। इसमें राधा, शालिनी, अभिषेक सोलंकी, अनिल राव, योगेंद्र का सहयाेग रहा। कोटा उत्तर विधान के वार्ड 10 बोरखेड़ा सब्जीमण्डी, प्रेमजी की बाड़ी, पटेलों की गली का मन्दिर के पास सोडियम हाइपो क्लोराइट का छिड़काव किया गया।
कोरोना वायरस को लेकर रोहतास जिला पूर्व से ही रेड जोन घोषित है। हालांकि रोहतास जिला के सुकून की बात यह है कि अभी तक कुल 22 मरीज ठीक भी हो चुके हैं। लेकिन लोगों को इससे ज्यादा उत्साहित होने की जरूरत नहीं है। लोग संयम रखें और घरो में रहें तभी रोहतास जिला ही नहीं नोखा प्रखंड कोरोना की जंग से जीत सकता है। नोखा में दो कोरोना के पॉजिटिव केस मिलने के बाद प्रशासनिक अधिकारी सभी जगह पर माइक से प्रचार प्रसार करा कर लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं।
अब तक के प्रशासनिक प्रयास से ही कोरोना का चेन नोखा में टूटता दिखाई दे रहा है। लेकिन आम जनों की लापरवाही से यह उजागर हो रहा है। लोग इसको अभी भी हल्का में ले रहे हैं। जिससे कहीं उनपर यह भारी न पड़ जाए। लेकिन सुबह की भीड़ बताती है कि लोग कितना सजग हैं। जबकि दोपहर की सुनी सड़कें नोखावासी की सजगता का परिचय देती है। अगर दोपहर का नजारा वैसे सुबह और शाम में बनी रहे तो कोरोना नोखा से पराजित होकर लौट जाएगा और नोखावासी जीत जायेंगे।
कोरोना संक्रमण पर विजयी पाने के लिये पुलिस को कई बार बल का भी प्रयोग करना पड़ा है। ताकि नोखा में पूरी तरह से लॉकडाउन का पालन कराया जा सके। बेवजह सड़क पर निकले कई लोगों को पुलिस ने वापस घर भी भेजा है। बीडीओ रामजी पासवान, सीओ किशोर पासवान,ईओ सुशील कुमार, थानाध्यक्ष नरोत्तम चन्द्र ने कई बार वाहन चेकिंग चला कर बेवजह बाइक से घूमने वालो पर जुर्माना भी किया है। लेकिन लोग अभी भी जागरूक नहीं हो रहे हैं और बेवजह घर से निकल कर सड़क पर घूमने लग रहे हैं। सुबह में किराना दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है। सुबह से ही लोग भीड़ समान खरीदने के लिये जरूर लगा रहा है।
अहमदाबाद से करौली जा रहे एक ही परिवार के 6 जने वाहन पलटने से चालक सहित घायल हो गएl सूचना मिलने पर सीएससी उनियारा में उपचार के लिए भर्ती कराया। करौली जिले के रतिपुरा गांव निवासी बच्चन सिंह लॉकडाउन के कारण परिवार सहित अपने गांव रवाना हुए। परंतु उनियारा पलाई मार्ग के बीच स्थित डिंग के बालाजी मंदिर के पास अचानक चालक को नींद की झपकी आ जाने के कारण अचानक गाड़ी पलटा खा गई एवं सड़क के किनारे 4-5 फीट गहरे खड्डे में चली गई। जिससे गाड़ी में बैठे सभी लोग घायल हो गए। एएसआई रूप सिंह गुर्जर ने बताया कि रतिपुरा करौली निवासी बच्चन सिंह, पत्नी बच्चन सिंह, योगेश, बृजेश, नीलेश व चालाक अहमदाबाद निवासी नरेंद्र पटेल घायल हो गए।
कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट के.के. शर्मा ने लॉकडाउन की अवधि के दौरान अन्य राज्यों से राजस्थान के मूल निवासी जो कि टोंक जिले के रहने वाले हैं के जिले में प्रवेश को लेकर आदेश जारी किए हैं। इसके तहत बाहर से आने वाले लोगों को संबंधित शहर या गांव में संस्थागत क्वारिन्टाइन या होम आइसोलेशन का विकल्प दिया है। हालांकि इस मामले में जिला प्रशासन व चिकित्सा विभाग का निर्णय ही अंतिम होगा।
कलेक्टर शर्मा ने बताया कि टोंक जिले के निवासी अन्य राज्यों, जिलों से परमिट आदि लेकर वाहनों से जिले में प्रवेश कर शहर, गांव में आएंगे। जिले में प्रवेश करते समय उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में अन्य रास्तों से आने वाले व्यक्तियों पर नजर रखने के लिए एसपी निर्धारित चेक पोस्टों पर पुलिसकर्मी नियुक्त करेंगे। साथ ही उपखण्ड अधिकारी द्वारा अपने क्षेत्र की चेक पोस्टों पर दो अध्यापक एवं 2-3 स्वास्थ्य कर्मियों को तैनात करेंगे।
सभी प्रोटोकाॅल, एडवाइजरी का पूरा पालन करना होगा
कलेक्टर ने बताया कि जिले के बाहर से आने वाले व्यक्तियों के संबंध में संस्थागत, होम आइसोलेशन में से एक विकल्प चुनना होगा। जो व्यक्ति संस्थागत क्वारिन्टाइन का विकल्प चुनेंगे उन्हें संस्थागत क्वारिन्टाइन में भेजा जाएगा। होम आइसोलेशन व्यक्ति या परिवार का मकान पर्याप्त रूप से बड़ा और हवादार होना आवश्यक है। शौचालय व स्नानघर भी पर्याप्त संख्या में हाे। होम आइसोलेशन व्यक्ति को सभी प्रोटोकाॅल, आदेश, एडवाइजरी का पूरा पालन करना होगा।
होमआइसोलेशन का उल्लंघन करने पर होगा केस दर्ज
आइसोलेशन होने वाले व्यक्ति, परिवार को इस संबंध में पूर्ण सहमति प्रदान करना आवश्यक होगा। होम आइसोलेशन में यदि कोई व्यक्ति, परिवार द्वारा आदेशों का उल्लंघन किया जाता है तो कोई भी व्यक्ति जिला स्तर पर स्थापित वाॅर रूम के दूरभाष नम्बर 01432-247478 पर शिकायत दर्ज करा सकता है। शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाएगी। शिकायत सही पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति/परिवार को आवश्यक रूप से संस्थागत क्वारिन्टाइन में भेजा जाएगा तथा इनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।
दो निकटतम व्यक्ति या पड़ोसी देंगे जमानत
होम आइसोलेशन का उल्लंघन नहीं किए जाने की सहमति एवं जमानत मुचलका निर्धारित प्रारूप में प्रस्तुत किया जाएगा। साथ ही उसके दो निकटतम पड़ाेसियों, निकट निवासरत रिश्तेदारों, प्रतिष्ठित व्यक्ति द्वारा उनकी जिम्मेदारी ली जाकर जमानत भरनी होगी। साथ ही जमानती ऐसे होम आइसोलेट परिवार की सभी आकस्मिक तथा नियमित आवश्यकताओं एवं व्यवस्थाओं का उत्तरदायित्व लेंगे। होम आइसोलेशन परिवार की जानकारी पास-पड़ाेस एवं मोहल्ले के व्यक्तियों को दी जाएगी। ताकि आदेशों के उल्लंघन की स्थिति में वह शिकायत कर सके।
राजस्थान में कोरोना मरीजों की संख्या 3579 हो गई है लेकिन इस बीच राहत देने वाले कुछ आंकड़े भी सामने आए हैं।
प्रदेश में अब कोरोना के नए केसों की रफ्तार या तो घट रही है या स्थिर है। पहले केसों के दोगुने होने की रफ्तार 11 दिन थी, लेकिन पिछले 18 दिन से इसमें लगाम लग गई है।
आंकड़ों के अनुसार 14 अप्रैल तक प्रदेश में 1000 कोरोना मरीज थे लेकिन 11 दिन बाद ही 25 अप्रैल को कोरोना केस 2000 के पार पहुंच गए।
इस हिसाब से अगले 11 दिन यानी 6 मई को ही प्रदेश में कुल कोरोना केस 4000 के पार पहुंचने चाहिए थे, लेकिन अभी कुल संख्या 3579 ही है।
21 अप्रैल तक प्रदेश में कुल एक्टिव केसों की संख्या 1435 थी। इसके बाद बीते 18 दिन में प्रदेशभर में केवल 1844 केस ही बढ़े हैं। अब 1465 एक्टिव केस ही बचे हैं।
जयपुर की रिकवरी रेट से प्रदेश का औसत सुधरा
राजधानी जयपुर में प्रदेश के सबसे अधिक 1145 रोगी हैं, लेकिन इनमें से अब 720 रिकवर हो चुके हैं। यानी प्रदेश के कुल मरीजों के 20 फीसदी। जयपुर की ही बात करें तो यहां अब तक 63 फीसदी रोगी रिकवर हो चुके हैं।
21 अप्रैल के बाद 9 दिन ऐसे थे जब मरीजों की संख्या पिछले दिन के मुकाबले घटी। मरीज बढ़ने की रफ्तार स्थिर भी रहती तो अब तक 3960 रोगी होते।
उप मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के निर्देश पर शुक्रवार को बाछेड़ा गांव पहुंचे कांग्रेस जिलाध्यक्ष लक्ष्मण गाता व मालपुरा पालिका चेयरमैन आशा महावीर नामा सहित डॉक्टर विक्रम सिंह गुर्जर प्रदेश अध्यक्ष राजस्थान युवा गुर्जर महासभा सहित कांग्रेस पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता व उसके परिवार जनों से मिलकर गहरी संवेदना प्रकट की तथा पायलट की ओर से पीड़िता को एक लाख रुपए सहायता राशि प्रदान की। जिलाध्यक्ष ने जिला कलक्टर टोंक से दूरभाष पर बात कर पीड़ित परिवार को सरकारी योजनाओं के माध्यम से सहायता मुहैया कराने का अनुरोध किया। उन्होंने पुलिस प्रशासन को निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का भी कहा । पीड़ित परिवार की ओर से पायलट के नाम ज्ञापन देकर पीड़िता को जल्दी से जल्दी न्याय दिलाने की गुहार लगाई। इस दौरान आशा महावीर नामा चेयरमैन सहित ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष रामदेव बैरवा, पचेवर सरपंच घनश्याम गुर्जर , कांग्रेस सचिव गोपाल गुर्जर, किसान नेता छोगालाल गुर्जर सहित रामधन जाट, सुरेश शर्मा, युवा नेता कांग्रेस हंसराज गाता व सरपंच भंवरलाल सहित अन्य प्रतनिधि मौजूद थे।
एक समय था के मई-जून में आने वाले रोजों में बर्फ का काफी क्रेज रहता था। लोग ठंडे पेयजल का उपयोग करते थे। लेकिन वर्तमान में कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते लोग ठंडे पानी, ठंडे पेय पदार्थों को पीने में सावधानी बरत रहे हैं। जब के करीब 15-20 साल पहले रमजान माह में बर्फ की बिक्री का भी अपना अलग ही क्रेज हुआ करता था। तुखमे रेहान का शरबत भी काफी पसंद किया जाता था। लेकिन वक्त के साथ कई जायके एवं चीजें बदल गई। लेकिन उनकी यादें आज भी माहे रमज़ान में ताज़ा हो जाती है। कई बुजुर्ग बताते हैं कि जब भी गर्मी माह में रमजान आते थे, तो जगह-जगह बर्फ बेचने वाले नजर आने लगते थे। शाम होते-होते बर्फ खरीदने वालों की भीड़ लग जाया करती थी। बर्फ फैक्टरी से बर्फ ले जाने वालों का तांता लगा रहता था। एडवांस बुकिंग तक हुआ करती थी। करीब दो दशक पहले तक जब फ्रीज कूलर आदि का चलन अधिक नहीं था, उस समय बर्फ का धंधा काफी चलता था तथा बर्फ को देर तक रखने के लिए थर्माकोल के डिब्बे ही अपने आप में काफी महत्व रहते थे। मगरिब की अजान से कुछ देर पहले तक लोग बर्फ खरीदते नजर आते थे। बर्फ के साथ ही तुकमरिया का शरबत भी काफी पसंद किया जाता था। तुकमरिया के दानों को थोड़े से पानी में भीगो दिया जाता था।
जो दो-तीन घंटे में फुलकर बहुत ज्यादा हो जाया करते थे। उसमें गुड़ का पानी, नीबू एवं बर्फ आदि मिलाकर पिया जाता था। तुकमरिया को तुखमे रेहान भी कहा जाता है। गर्मी के दिनों के माहे रमजान में इसका उपयोग पूर्व में काफी हुआ करता था। हजरत अबू हुरेरा (र.) रिवायत है कि रसूल (स.) ने इरशाद फरमाया राेजा ढाल है, इसलिए रोजेदार को चाहिए कि बेहयाई और जहालत की बाते ना करें। अगर कोई शख्स उससे बद जबानी करे या लड़ने झगड़ने पर आमादा हो, तो उससे कह दे की मैं रोजे से हूं।
कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम को लेकर शहर में कर्फ्यू लगा हुआ है। कर्फ्यू में लोगों की आवश्यक वस्तुओं के लिए मिली होम डिलीवरी की अनुमति की आड़ में दुकान खोलने वाले दुकानदारों की अब खैर नहीं। शिकायतें मिलने के बाद कलेक्टर ने आदेश जारी किए हैं कि ऐसे दुकानदारों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
कलेक्टर केके शर्मा ने बताया कि ऐसी शिकायतें प्राप्त हो रही हैं कि कुछ व्यक्ति, व्यापारी धारा 144 का उल्लंघन कर अपनी दुकानें खोल रहे हैं, जो विधि विरूद्ध है। जिला प्रशासन की ओर से जिन व्यक्तियों, व्यापारियों को होम डिलीवरी के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं को पहुंचाने के लिए अनुमत किया गया है, यदि वे भी दुकान के काउंटर से सामान देते हुए पाए गए तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
कलेक्टर ने कहा कि कोरोना संक्रमण महामारी के कारण 2 अप्रैल से टोंक नगर परिषद क्षेत्र में कर्फ्यू लागू है। आमजन की रोजमर्रा की जरूरतों के लिए आवश्यक सामग्री (राशन, परचून, दवा, फल, सब्जी, दूध, एलपीजी आदि) की जिला प्रशासन की ओर से अनुमत दुकानों के द्वारा होम डिलीवरी की व्यवस्था की गई थी। इस व्यवस्था में फिलहाल कोई छूट या बदलाव नहीं किया गया है। अनुमत दुकानों के अलावा टोंक शहर के मुख्य बाजार व कॉलोनियों में स्थित दुकानें भी नहीं खोली जा सकेंगी। कलेक्टर ने व्यवस्था बनाए रखने के लिए एसपी व जिला रसद अधिकारी को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
काेटा में एक बार फिर काेराेना संक्रमित नए मरीजाें की संख्या में वृद्धि हुई है। शुक्रवार काे एक ही दिन में 9 नए मरीज आए हैं। इसी के साथ काेटा में कुल मरीजाें का आंकड़ा 232 पहुंच गया है। नए मरीजाें में छह चंद्रघटा, एक इंदिरा मार्केट, एक बाेरखेड़ा के महालक्ष्मीपुरम व एक लाडपुरा के विक्रम चाैक का निवासी है। महालक्ष्मीपुरम में रहने वाला 35 वर्षीय व्यक्ति काेटा थर्मल का कर्मचारी है, जाे थर्मल की आवासीय काॅलाेनी में सिविल मेंटीनेंस का काम देखता है और अपनी ड्यूटी के तहत उसका कर्मचारियाें की क्वार्टराें में आना-जाना रहता है। इसकी सूचना मिलने के बाद थर्मल प्रबंधन में भी हड़कंप मच गया और चीफ इंजीनियर ने उन सभी लाेगाें की सूची बनाकर चिकित्सा विभाग काे भेज दी, जाे बीते कुछ दिनाें में उक्त कार्मिक के संपर्क में आए हैं। इसके संपर्क में आए कुछ सहकर्मियाें और इंजीनियराें काे भी आइसाेलेट किया गया है। यह कार्मिक संक्रमित कैसे हुआ? इसे लेकर चिकित्सा विभाग पड़ताल कर रहा है, इतना जरूर सामने आया है कि वह नियमित ड्यूटी जा रहा था।
कम सैंपलिंग भी वायरस फैलने की वजह
कोटा में कम सैंपलिंग भी संक्रमण फैलने की बड़ी वजह है। टेस्टिंग कम होने से समय पर मरीजों का पता नहीं लगता। इस दौरान वे अन्य लोगों को संक्रमित कर देते हैं। हालांकि पिछले 2 दिनों से सैंपलिंग की संख्या बढ़ी है।
पैरेलल इन्वेस्टिगेशन:परकोटे में काेराेना आउटब्रेक के दाे बड़े कारण
1.तंग गलियाें वाले इस इलाके में कर्फ्यू की पालना नहीं हाे रही है।
2.राशन और दूध की लाइन में भी मिल रहा वायरस का इंफेक्शन
2 मृतकों के 7 परिजन और किराएदार मिले पॉजिटिव
नए आए मरीजाें में 7 उन 2 परिवाराें से संबंधित हैं, जिनके सदस्याें का काेराेना से निधन हाे गया था। इसमें इंदिरा मार्केट निवासी सर्राफा व्यवसायी की पत्नी (54) भी पाॅजिटिव आई है। सर्राफा व्यवसायी 4 मई काे पाॅजिटिव आए थे और उनकी 5 मई काे ही माैत हाे गई थी। वहीं, मकबरा निवासी जिस 76 वर्षीय वृद्ध की गुरुवार को मौत हुई थी, उनके परिवार से 42 वर्षीय पुरुष, 16 वर्षीय बच्चा, 35 वर्षीय महिला, 39 वर्षीय पुरुष, 40 वर्षीय पुरुष और 52 साल की महिला शामिल है। इनमें से कुछ किराएदार हैं।
किराने की दुकान चलाता है लाडपुरा का मरीज
विक्रम चौक लाडपुरा निवासी 60 वर्षीय वृद्ध कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। वे किराने की दुकान चलाते हैं। अभी उनको बीमारी के लक्षण नहीं हैं। इसकी दुकान पर दिनभर लोग सामान लेने आते-जाते रहते हैं। इस वजह से कई लोगों को इंफेक्शन की संभावना है।
चंद्रघटा में एक माह से कर्फ्यू है, लेकिन इसके बावजूद इस एरिया में वायरस कंट्राेल नहीं हो रहा। भास्कर ने काेटा में अब तक आ चुके 232 मरीजाें का विश्लेषण किया ताे सामने आया कि इनमें से 143 मरीज काे अकेले चंद्रघटा एरिया से ही हैं। यानी कुल मरीजाें का 61.63 प्रतिशत। चंद्रघटा में सबसे पहले 6 अप्रैल काे यहां का रहने वाला एक टैक्सी ड्राइवर पाॅजिटिव आया था, उसी दिन से यहां कर्फ्यू लगा दिया गया था।
मेन राेड पर ताे पुलिस तैनात है, लेकिन गलियाें में लाेग आराम से टहल रहे हैं। इस इलाके की गलियां इतनी तंग हैं कि साेशल डिस्टेंसिंग की पालना भी नहीं हाे रही। इस वजह से संक्रमण फैल रहा है।
इस इलाके में जरूरी सामान की किल्लत है। इस वजह से सामान की वैन आते ही भीड़ लग जाती है। पुलिस साेशल डिस्टेंसिंग की सख्ती से पालना नहीं कराती इस वजह से लाेग आसपास ही खड़े रहते हैं और आसानी से संक्रमित हाे जाते हैं।
बारां राेड पर स्थित महालक्ष्मीपुरम में एक व्यक्ति के काेराना पाॅजिटव मिलने के बाद कलेक्टर ने यहां के लाेगाें की सुरक्षा काे देखते हुए कर्फ्यू लागू कर दिया है। 15 मई काे सुबह 6 बजे तक यहां पर लाेगाें के आवागमन पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा।
जारी आदेश के अनुसार बाेरखेड़ा थाना क्षेत्र के बारां राेड पर स्थित महालक्ष्मीपुरम में जयहिंद पारेता के मकान ईएस-101 काे केन्द्र बिन्दु मानते हुए उसके चाराें ओर के क्षेत्र काे पक्की बाउण्ड्रीवाॅल व मेन गेट काे जीराे माेबिलिटी क्षेत्र मानते हुए कर्फ्यू लागू किया गया है। यहां पर आवागमन पूरी तरह से बंद रहेगा, जिसकी पालना सख्ती से की जाएगी। यहां जिस व्यक्ति के काेराना पाॅजिटिव मिला है वह काेटा थर्मल में ऑपरेटर के रूप में काम करता है तथा सिविल मेंटीनेंस के लिए थर्मल काॅलाेनी में तैनात है। उसने चीफ इंजीनियर सहित अन्य अधिकारियाें के यहां काम किया था। इसके बाद थर्मल के लगभग 27 कर्मचारियों को क्वारेंटाइन किया गया है। गौरतलब है कि लगातार कोरोना के नए मरीज मिलने की वजह से शहर के लगभग 11 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा है। परकोटे में एक महीने से कर्फ्यू से परेशान लोगों ने गुरुवार रात को मकबरा और कैथूनीपोल थाने का घेराव भी किया था। हालांकि यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने आश्वासन दिया है कि जिन इलाकों से नए मरीज नहीं आ रहे हैं वहां से कर्फ्यू हटाया जाएगा।
अजमेर जिले में शुक्रवार काे दाे गर्भवतियाें सहित 12 नए काेराेना पॉजिटिव सामने आए। इसमें से अजमेर शहर से 5, नसीराबाद से 3, ब्यावर, गेगल, घूघरा घाटी और नागाैर का एक-एक युवक शामिल है। इसके साथ ही अजमेर जिले में काेराेना पाॅजिटिव का आंकड़ा बढ़कर 199 पर पहुंच गया है।
जानकारी के अनुसार आदर्श नगर स्थित सैटेलाइट हॉस्पिटल में गुरुवार रात काे दाे गर्भवती महिलाएं भर्ती हुई थीं।दाेनाें की प्रसव पूर्व कराई गई जांच में ये काेराेना पॉजिटिव निकली। इसका समाचार मिलते ही अस्पताल में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में दाेनाें काे जनाना अस्पताल रेफर किया गया। पूरे अस्पताल काे सेनिटाइज्ड करवाने के साथ फ्यूमीगेशन किया गया।
अस्पताल में आम दिन की तरह ही शनिवार से फिर से काम शुरू हाेगा। इधर दाे दिन पूर्व नया बाजार हाेलीदड़ा निवासी वृद्ध की काेराेना पॉजिटिव से माैत हाेने के बाद उसके बेटे-बेटी की शुक्रवार काे आई जांच रिपोर्ट भी पॉजिटिव निकली। इसके साथ ही हाेलीदड़ा क्षेत्र में अब तक चार पॉजिटिव सामने आ चुके हैं। अभी वृद्ध की पत्नी की रिपोर्ट आना बाकी है। इसके अलावा वृद्ध के बाबू माेहल्ला, केसरगंज निवासी एक रिश्तेदार की रिपोर्ट भी पाॅजिटिव आई है। इसके बाद प्रशासन ने पूरे केसरगंज क्षेत्र काे सीज कर दिया है।
एक सप्ताह बाद फिर पूरे जिले के लिए ब्लैक फ्राइडे बन गया शुक्रवार
अजमेर जिले के लिए एक सप्ताह बाद शुक्रवार का दिन ब्लैक फ्राइडे के रूप में सामने अाया। शुक्रवार काे एक ही दिन में 12 पॉजिटिव सामने अाए। इससे पहले 29 अप्रैल काे 15 और 30 अप्रैल काे 10 पॉजिटिव एक ही दिन में सामने आ चुके हैं। एक सप्ताह बाद शुक्रवार काे 11 पॉजिटिव मिलने के बाद अजमेर का आंकड़ा 199 तक पहुंचा दिया है। जेएलएन मेडिकल काॅलेज में नागाैर व पाली के एक-एक युवक का उपचार चलने से दाे मरीजों की संख्या बढ़ गई। इसलिए अजमेर जिले के लिए यह आंकड़ा 199 दर्शाया जा रहा है।
आंकड़ाें की जुबानी
- जेएलएन अस्पताल के काेविड-19 वार्ड में भर्ती पॉजिटिव मरीजों की हालत में लगातार सुधार हाे रहा है। शुक्रवार काे पांच और मरीजों की तबीयत सही हाेने पर उन्हें अस्पताल से छुटटी मिल गई। अब तक अस्पताल से 69 मरीजों के दाेनाें सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव अाने के बाद अस्पताल प्रशासन ने उन्हें 14 दिनों के लिए क्वारेंटाइन सेंटर भेज दिया है।
- काेविड-19 सस्पेक्ट वार्ड में 179 मरीज भर्ती हैं। नए मरीजों की जांच के सैंपल एकत्र किए गए हैं।
-अस्पताल प्रशासन ने गुरुवार काे 460 मरीजों के जांच के सैंपल लिए थे। इस रिपोर्ट में 12 पॉजिटिव मिले हैं।
कोरोना मुक्त होने के बाद नए अस्पताल से शुक्रवार को भी 3 मरीज डिस्चार्ज किए गए। इसी के साथ कोटा से डिस्चार्ज हो चुके मरीजों का आंकड़ा 119 पहुंच गया है। अधीक्षक डॉ. सीएस सुशील ने बताया कि आज डिस्चार्ज किए गए मरीजों में मोखापाड़ा की 35 साल की महिला, चंद्रघटा का 34 साल का पुरुष व 13 साल की बच्ची शामिल है। शुक्रवार काे हमारे यहां तीन मरीजों की डेथ भी हुई है, जो सभी कोरोना निगेटिव थे, इन्हें दूसरी बीमारियां थीं। गौरतलब है कि कोटा में अब तक कुल 174 मरीज ठीक हो चुके हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना से बचाव के लिए सतर्कता दलाें का गठन हाेगा : कसेरा
ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना से बचाव एवं निगरानी के लिए सतर्कता दलों का गठन किया जाएगा। यह आदेश कलेक्टर ओम कसेरा ने जारी किए। इन दलों का गठन लोकसेवक की देखरेख में स्थानीय लोगों द्वारा किया जाएगा। यह दल उस ग्राम में बाहर से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जानकारी रखने के साथ उसके आइसोलेशन की स्थिति पर भी निगरानी रखेंगे। ऐसे व्यक्ति से फॉर्म संख्या-4 भरवाना सुनिश्चित करेंगे और आइसोलेशन की अवधि पूर्ण होने तक उस पर निगरानी रखेंगे।
शहर की सीमाएं सील होने के बावजूद पुष्कर में लगातार बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से प्रवासी व श्रमिक पहुंच रहे हैं। खास बात यह है कि अपने घर पहुंचने के बावजूद लोग न तो प्रशासन को सूचना दे रहे हैं और न ही स्क्रीनिंग करा रहे हैं। इस कारण पुष्कर में कोरोना का संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है।
पुष्कर में लोगों की बढ़ती अनधिकृत आवाजाही को गंभीरता से लेते हुए एसडीओ देविका तोमर ने तहसीलदार पंकज बडग़ुजर, थानाधिकारी राजेश मीणा व तिलोरा के सरपंच समुंदर सिंह रावत के साथ निकटवर्ती ग्राम किशनपुरा का दौरा किया।
दौरा करते समय पता चला कि गांव में 9 व्यक्ति अहमदाबाद (गुजरात) से बिना स्वीकृति आए हैं। इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए एसडीओ ने चिकित्सा विभाग की टीम को मौके पर बुला कर सभी 9 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग कराई अाैर उन्हें होम क्वारेंटाइन करा दिया गया।
मेडिकल कॉलेज में मेल नर्स मुकुट नागर और उनकी पत्नी जिज्ञासा पिछले 14 दिनों से कोरोना वार्ड में सेवाएं देने के बाद क्वारेंटाइन में हैं। उनके 5 वर्ष की बेटी प्रज्ञा व 3 वर्ष का बेटा शुभम है, जो पिछले 46 दिनों से अपने माता-पिता से दूर गांव में अपने दादा-दादी के पास रह रहे हैं। वह बार-बार अपने माता-पिता के पास आने की जिद करते हैं, लेकिन किसी तरह उसे समझा बुझाकर रोक रखा है। दोनों पति-पत्नी बच्चे की चिंता न करते हुए कोरोना मरीजाें की सेवा में जुटे हुए हैं।
लगातार ड्यूटी के कारण दोनों पति-पत्नी भी आपस में मिलना तो दूर बात भी नहीं कर पा रहे हैं। मुकुट का कहना है कि मरीजों की सेवा करना हमारा कर्तव्य है। उसे ही प्राथमिकता देकर उन्हें स्वस्थ करने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। जिज्ञासा नागर का कहना है कि मेडिकल के क्षेत्र में मरीजों की सेवा के लिए अाई हूं। उसे पूरा कर रही हूं। उन्होंने कहा कि कोरोना जैसी महामारी में मरीजों की सेवा करने का पहली बार माैका मिला है जिससे बहुत कुछ नया सीखने को मिला है।
काेराेना सर्वाइवर्स की एक-एक स्टाेरी नया अनुभव देती है। एक दिन पहले हमने ईसीजी टेक्नीशियन महावीर नागर की कहानी पाठकोंं को बताई थी, अब काेराेना काे मात देकर घर लाैट चुकीं हैल्थ वर्कर ममता कंवर (38) की स्टोरी सुनिए। ममता खुद भी हैल्थ वर्कर हैं और आशा सहयोगिनी हैं। डोर टु डोर सर्वे करते हुए अपनी टीम मेंबर के पॉजिटिव आने के बाद उनका सैंपल लिया गया था और वे पॉजिटिव पाई गई थीं। करीब 20 दिन भर्ती रहने के बाद जब वे घर लौटीं तो लगा जैसे इससे बढ़िया कोई दुनिया नहीं है।
ममता ने भास्कर से इस बीमारी को लेकर सारे अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि कोरोना वार्ड में सबसे खतरनाक एकमात्र चीज डिप्रेशन है। वहां आपने यदि इस समस्या पर काबू पा लिया तो कोरोना हार जाएगा। लेकिन यह कहना आसान है, कर पाना मुश्किल। मैं खुद शुरुआती दो-तीन दिन तक तो ऐसी परेशान रही कि क्या होगा? कई बार ऐसा लगा, जैसे अब जिंदगी पर फुल स्टॉप ही लगने वाला है। क्योंकि इस बीमारी का नाम ही ऐसा हो चुका। लेकिन धीरे-धीरे जैसे दिन निकलते गए, मैं नॉर्मल होती गई और आज स्वस्थ होकर अपने परिवार के बीच हूं। मैंने वार्ड में कई बार तो यह भी देखा कि लोग चिल्लाने लग जाते, एक कहता-मैं खुदकुशी कर लूंगा, दूसरा कहता-मैं यहां से भाग जाऊंगा। लेकिन इन सबके बीच रहकर भी आपको निगेटिव की बजाय पॉजिटिव सोचना पड़ेगा और यही उस वार्ड में आपकी सबसे बड़ी ताकत साबित होगा।
फोन पर हमेशा हिम्मत देते रहे पति
ममता कहती हैं कि मेरा भरा-पूरा परिवार है। हम ज्वाइंट फैमिली में रहते हैं। सास-ससुर, देवर, पति व 3 बच्चे हैं। सभी कॉल करते तो आंसू निकल आते। पति सुनील हमेशा हिम्मत देते और कहते-कुछ नहीं होगा। सब ठीक हो जाएगा। यह भी एक पॉजिटिव पहलू रहा। मैं उन सभी लोगों को भी यही कहूंगी कि आप कोविड वार्ड मंे एडमिट अपने पेशेंट से फोन पर बात करें तो उसके सामने निगेटिव बातें नहीं करें, उसे हौसला देें। ज्यादातर लोग फोन करके डराने लगते हैं, जो गलत है।
सिर्फ एक सलाह-मोबाइल में कोरोना से जुड़ा कुछ नहीं देखें
इस बीमारी की सबसे अजीब बात मुझे सिर्फ यह लगी कि इस दौर में हौसला देने के लिए परिवार का कोई सदस्य साथ नहीं होता। दूसरी कोई बड़ी बीमारी हो तो मरीज के पास कम से कम परिवार वाले तो होते हैं। उनका चेहरा देखकर आपकी आधी समस्या वैसे ही दूर हो जाती है। ऐसे समय में आपका तनाव में आना स्वाभाविक है, लेकिन वक्त काटते रहो और मोबाइल में भी पॉजिटिव चीजें ही देखो। ज्यादातर लोग वहां मोबाइल में भी इसी बीमारी से जुड़ी चीजें देखते रहते हैं, जो डराती है।
आदर्श नगर सैटेलाइट अस्पताल शनिवार सुबह आठ बजे से फिर आमजन के लिए शुरू हाे जाएगा। सेटेलाइट अस्पताल में गुरुवार रात दाे गर्भवती महिलाएं भर्ती हाेने के बाद अस्पताल प्रशासन ने पूरा अस्पताल खाली करवा दिया।
यहां भर्ती गर्भवती व प्रसूताओं काे जनाना अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया, जबकि रात काे जिस वार्ड में दाेनाें पॉजिटिव गर्भवती महिलाएं भर्ती थी, वहां भर्ती सभी मरीजों काे जेएलएन में बनाए गए काेराेना के संदिग्ध मरीजों वाले वार्ड में भर्ती कर दिया गया है।
अस्पताल अधीक्षक डॉ. राकेश पोरवाल ने बताया कि शुक्रवार काे अस्पताल परिसर देर शाम फिर सेनिटाइज करने के बाद फ्यूमीगेशन किया गया। अब इसे शनिवार से खोल दिया जाएगा।
इनका कहना है...
पूरे अस्पताल काे सेनिटाइज करने के बाद फ्यूमीगेशन करवा दिया गया है। शनिवार से अस्पताल आमजन के लिए खाेल दिया जाएगा।
- डाॅ. राकेश पाेरवाल, अधीक्षक, सेटेलाइट अस्पताल अजमेर
एम्स के सुपर स्पेशियलिटी पाठ्यक्रमों डीएम, एमसीएच में प्रवेश के लिए होने वाले एंट्रेंस टेस्ट की तारीख घोषित कर दी गई है। राष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन होने वाला यह टेस्ट 5 जून को किया जाएगा। एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि पहले यह यह एंट्रेंस टेस्ट 4 अप्रैल होना था, लेकिन कोरोनावायरस के चलते हुए लॉकडाउन के कारण स्थगित कर दिया था। लेकिन, उस समय आयोजन की नई तिथि की घोषणा नहीं की थी।
शर्मा ने बताया कि शुक्रवार को ऑफिशियल वेबसाइट पर जारी नोटिफिकेशन में नई तिथि घोषित हुई है। एंट्रेंस टेस्ट के लिए एडमिट कार्ड 21 मई को जारी कर दिए जाएंगे। 10 जून को एंट्रेंस टेस्ट के रिजल्ट की घोषणा की जाएगी। इसके बाद सफल स्टूडेंट्स के लिए इंटरनल एसेसमेंट का कार्य 22, 23 एवं 24 जून को किया जाएगा। इसके बाद 30 जून को फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा।
इस बीच एम्स ने पीजी एंट्रेंस एग्जाम का रिवाइज शेड्यूल जारी किया है। संस्थान की वेबसाइट पर जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि परीक्षा जून में आयोजित की जाएगी। पहले पीजी एंट्रेंस एग्जाम 3 मई को आयोजित होना था।
जेएलएन अस्पताल में इलाज के दौरान दम ताेड़ चुके काेराेना पॉजिटिव वृद्ध के शव काे शुक्रवार सुबह सुपुर्द ए खाक कर दिया गया। चिकित्सा विभाग व नगर निगम की संयुक्त टीम ने शुक्रवार काे फॉयसागर राेड स्थित कब्रिस्तान में शव काे दफनाया।
खानाबदोश तीन दिन पूर्व रेलवे स्टेशन के बाहर बीमार अवस्था में मिला था। उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। बीती रात गुरुवार काे उसकी माैत हाे गई। पिछले एक सप्ताह से काेराेना पॉजिटिव की माैत के बाद अंतिम संस्कार में हाेने वाली परेशानी शुक्रवार काे नहीं देखने काे मिली। इस मामले में भास्कर में प्रकाशित समाचारों के बाद प्रशासन ने आखिर तुरंत एंबुलेंस की व्यवस्था की।
अजमेर सहित आसपास के जिलों में फंसे बिहार के मजदूरों के लिए राहत भरी खबर है। रेलवे और जिला प्रशासन की ओर से आने वाले दो-तीन दिन में बिहार के पूर्णिया के लिए स्पेशल ट्रेन रवाना की जा सकती है, ताकि वे अपने घरों को लौट सके।
इस मामले में अजमेर जिला प्रशासन ने रेलवे के अधिकारियों से बात की है। इस ट्रेन से करीब 900 मजदूरों को रवाना करने की संभावना है। जिला प्रशासन ने 5 दिन पहले ही अजमेर से कोलकाता के लिए 1086 जायरीन को रवाना किया था। इसके बाद से ही मजदूरों के लिए बिहार ट्रेन भेजे जाने की तैयारी चल रही थी। रेलवे और संबंधित सरकार की अनुमति मिलने के साथ ही इन मजदूरों को स्पेशल ट्रेन से बिहार भेजा जाएगा।
अजमेर स्टेशन से गुजर चुकी हैं 12 ट्रेन
अजमेर से करीब एक दर्जन नॉन स्टॉप मजदूर स्पेशल ट्रेनें गुजर चुकी हैं। इन ट्रेनों का अजमेर में ठहराव नहीं किया जा रहा। आईआरएसआरटीसी कुछ ट्रेनों में यात्रियों को खाना देने के लिए इन्हें 2 से 3 मिनट तक रूकवाती भी है तो इन ट्रेनों में से मजदूरों को बाहर नहीं निकलने दिया जाता।
लॉकडाउन में जरूरतमंदों को चिंता सता रही है कि पता नहीं कब डीलर के यहां राशन खत्म हो जाए। इसलिए सुबह से ही राशन की दुकानों पर लोग लंबी लाइनों में लग रहे हैं। राशन डीलरों के यहां वितरण के दौरान अव्यवस्था का आलम होने के कारण लोगों में जिला प्रशासन के खिलाफ भी गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। कई स्थानों पर पुलिस ने दुकानों पर पहुंचकर लॉकडाउन का पालन कराते हुए व्यवस्था बनाई। लंबे समय से क्षेत्र में अधिकतर राशन डीलरों की दुकानों पर एक ही समस्याएं सामने आ रही है। डीलरों के पास कार्ड धारकों की जरूरत के अनुसार राशन सामग्री नहीं पहुंच रही है। जिससे सभी लाभार्थियों को लाभ नहीं मिल पा रहा। कई कार्डधारक कई बार बिना राशन सामग्री लिए रह जाते हैं। राशन डीलरों का कहना है कि अधिकारियों ने कई परिवारों को नए राशन कार्ड जारी किए गए हैं, लेकिन अभी तक जिला स्तर से नए कार्ड धारियों के लिए राशन सामग्री आना शुरू नहीं हुआ है। जबकि कार्डधारक दुकानों पर आकर राशन लेने के लिए भीड़ जमा करने लगे हैं। ऐसे में यदि उन्हें राशन नहीं देते हैं या उनसे कुछ कहते हैं तो वह लड़ाई झगड़े पर उतारू हो जाते हैं। राशन डीलरों ने जिला स्तरीय अधिकारियों से नए राशन जो शुरू हुए हैं उनकी राशन सामग्री जल्द से जल्द भेजने की मांग की है।
यह है मामला:
लाॅकडाउन से पहले सभी कार्ड धारियों को राशन मूल्य पर मिलता था और कई राशन कार्डधारक अपने गांव में नहीं रह कर शहरों में निवास करते थे। अब राशन निशुल्क देना शुरू किया है। साथ ही लाॅकडाउन होने की वजह से सभी लाभार्थी शहरों से गांव की ओर आ गए। जिसकी वजह से सभी लाभार्थी अब अपना राशन लेने के लिए उचित मूल्य की दुकानों पर पहुंच रहे हैं। पहले जो कार्डधारक राशन ले रहा था, उसी के आधार पर जिला स्तर से राशन का स्टॉक आ रहा था। ऐसे में अब एकाएक लॉकडाउन होने से जिला स्तर से राशन का स्टॉक नहीं बढ़ा, लेकिन राशन सामग्री लेने वालों की संख्या बढ़ गई। जिसकी वजह से यहां सभी कार्ड धारियों तक राशन नहीं पहुंच पा रहा है।
जिन राशन डीलरों के अतिरिक्त गेहूं का आवंटन शुरू हुआ है, उनकी लिस्टिंग चल रही है। प्रत्येक उपभोक्ता को समय रहते राशन उपलब्ध करवा दिया जाएगा। जिन उपभोक्ताओं को नए राशन कार्ड जारी हुए है या जिन्हें एक बार भी लाभ नहीं मिला है। उन्हें अभी किसी भी तरह का लाभ उचित मूल्य की दुकान से नहीं दिया जाएगा।
-कपिल झांझडिया, डीएसओ
रामगंज कर्फ्यूक्षेत्र में लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग व आवाजाही की निगरानी के लिए ड्रोन उड़ा रहे दो पुलिस मित्रों पर हमला करने का मामला सामने आया है। इस संबंध में पुरानी कोतवाली का रास्ता संजय बाजार निवासी आकिब कुरैशी ने गुरुवार को रामगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उनके दो साथी मोहम्मद सलीम व अशफाक उल्लाह सुबह करीब 11 बजे एचएआर कॉलोनी में रिकॉर्डिंग करने के लिए ड्रोन उड़ा रहे थे। इस दौरान कॉलोनी से निकले कुछ लोगों ने गालीगलौज करते हुए उनके साथ मारपीट की और कैमरा छीनने की कोशिश की। पुलिस ने आपदा प्रबंधन, महामारी एक्ट और राजकार्य में बाधा डालने में मुकदमा दर्ज करके हमला करने वाले लोगों की पहचान करने में जुटी।
सात क्षेत्राें में कर्फ्यू बढ़ाया, 2 से हटाया
करधनी के बालाजी विहार व सदर क्षेत्र में हसनपुरा स्थित बैंक कॉलोनी से कर्फ्यू हटायाा है। अब 35 थाना इलाकों में कर्फ्यू है। शिप्रापथ इलाके में अग्रवाल फार्म, जालूपुरा में नवलगढ़ हाउस व वेलकम चौराहा, शास्त्री नगर में पेन्टर कॉलोनी व डीपी कॉलोनी, आमेर में गांधी चौक बस स्टैंड, लालकोठी में हरिजन बस्ती, करधनी में श्याम सरोवर कॉलोनी व भांकरोटा में सिरसी रोड स्थित नाडिया गांव में कर्फ्यू लगाया गया
पालिका की ओर से लाॅकडाउन में आम लोगों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग एवं मास्क लगाए रखने की पालना के लिए एक टीम का गठन किया।
ईओ जितेंद्र कुमार मीणा ने बताया सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाए बिना घूमने वाले लोगों की जांच के लिए टीम का गठन किया है। समझाइश के बाद भी इनकी पालना नहीं करने पर जुर्माना लगाया जाएगा। पालिका की ओर से भामाशाह के सहयोग से गरीब व बेसहारा लोगों के लिए भोजन तैयार करवाया गया। पालिकाध्यक्ष आईना महक ने बताया कि नगरपालिका के कर्मचारियों व पार्षदों के सहयोग से जरुरतमंदाें काे खाने के पैकेट दिए।
कोरोना महामारी के चलते लागू किए लॉकडाउन से बंद बाजारों में अब फिर से रौनक लौट आई है। हालांकि अभी 17 मई तक लॉकडाउन है, लेकिन कस्बे में कोई पॉजिटिव केस नहीं होने के कारण शासन-प्रशासन ने कुछ रियायतों के साथ दुकानें खोलने की छूट दी है। यही वजह है कि कस्बे सहित गांवों के बाजारों में दुकानें खुलीं, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का मखौल भी पूरी तरह उड़ा।
बाजारों और दुकानों के आगे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कहीं नजर नहीं आया। लॉकडाउन-3 के लिए जिला प्रशासन की शर्तों और रियायतों के साथ नया आदेश जारी किया। इसी के मुताबिक कस्बे में अलग अलग दिन वार के अनुसार सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक बाजारों में दुकानें खुल गईं। यही नहीं सार्वजनिक वाहन बंद होने के बाद भी सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव अचानक बढ़ गया। दुपहिया वाहनों की खूब रेलमपेल रही। कस्बे के साथ ही ग्रामीण इलाकों में भी लॉकडाउन-3 में राहत मिली। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में तो पहले ही दुकानें खुल रही थी, लेकिन अब समय बढ़ाए जाने और अन्य तमाम तरह की दुकानों की भी छूट देने से कस्बाई बाजारों में रौनक आई, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का यहां भी पालन नहीं हुआ।
इधर, सीआई छुट्टनलाल मीणा ने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। दिनभर पुलिस गाड़ी से अनाउंस करवाकर लोगों को सोशल डिस्टेंस बनाए रखने व मास्क लगाने की हिदायत दी जा रही है। साथ ही कस्बे में करीब 6 जगहों पर चेक पोस्ट बनाकर नाकाबंदी की जा रही है।
कस्बे में वार्ड संख्या 19 चरेलिया माेहल्ला में रहने वाले सिंगी जाति के एक ही परिवार के 40 महिला-पुरूष व बच्चे तीन दिन का सफर कर महाराष्ट्र से ट्रक से शुक्रवार काे यहां पहुंचे। यहां सभी की स्क्रीनिंग कर बालिका स्कूल में बनाए क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया है।
नगर से प्रतिवर्ष सैकड़ों की संख्या में धंधा करने के लिए सिंगीवाले जाति के लोग महाराष्ट्र जाते हैं। पूरे देश में लागू किए गए लॉकडाउन के बाद यहां कुछ परिवार तो पहुंच गए थे, लेकिन मंजूर अली व उसके परिवार के 40 सदस्य महाराष्ट्र के चीकली जिला बुरडाना में फंस गए थे। ये लोग वहां से 5 मई को ट्रक से रवाना हुए और शुक्रवार काे यहां पहुंचे। इनके आने के बाद प्रशासन हरकत में आ गया।
एसडीएम संजीव कुमार शर्मा ने ब्लॉक कोरोना नोडल अधिकारी डॉ नरेश मीणा व पुलिस अधिकारियों को सूचना दी। इस पर चिकित्सा टीम व पुलिस जाब्ता ने इनको पहले अपने कब्जे में लेकर सीधा यहां बालिका स्कूल में बनाएं गए क्वारेंटाइन सेंटर में ले गए। यहां महाराष्ट्र से आए सभी सदस्यों की स्क्रीनिंग की गई। टीम में शामिल डॉ. पवन सोनी, योगेन्द्र पंकज, राजेन्द्र सोनी व रघुराज सोनी ने इनकी जांच की। थानाधिकारी धनराज मीणा ने बताया कि सभी काे 14 दिन के लिए क्वारेन्टाइन सेंटर में रहने के लिए पाबंद किया। वहीं क्वारेन्टाइन सेंटर व चरेलिया बस्ती को सेनेटाइज किया गया। नायब तहसीलदार बजरंगसिंह व कपिल मालव ने क्वारेंटाइन सेंटर का निरीक्षण कर नगरपालिका काे बाहर से आए लाेगाें के भोजन व्यवस्था व साफ सफाई करवाने के लिए निर्देश दिए।
बाहर से आए लोगों की स्क्रीनिंग
कस्बे में शुक्रवार काे बाहर से आए 36 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। बीसीएमओ डॉ. गिरिराज मीणा ने बताया कि किसी में कोरोना के लक्षण नहीं पाए गए है। इनमें से 16 को होम आइसोलेट कर दिया गया है। अब तक कुल 1285 लोगों की स्क्रीनिंग की गई है और 592 लोगों को होम आइसोलेट किया जा चुका है। वहीं दूसरी ओर चिकित्सा विभाग की ओर से क्षेत्र के जनकपुर में मोबाइल ओपीडी यूनिट कैंम्प लगाकर 65 मरीजों का उपचार किया गया।
अंतरराष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस पर जीवन रक्षक युवा टीम की ओर से शुक्रवार को रक्तदान शिविर लगाया गया। इसमें 29 यूनिट रक्तदान किया गया।
टीम संचालक सौरभ प्रजापति ने बताया कि श्रीराम ब्लड बैंक में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें युवाओं ने उत्साह से 29 यूनिट रक्तदान किया। टीम संस्थापक सुरेश मोरवाल व शिवप्रकाश नागर ने बताया कि इस दाैरान भास्कर नागर, विकास नायक, धीरज कपूर, मनीष महावर, रघुवीर खंडारिया, विक्रम गुर्जर, सोनू वाल्मीकि, भारत, दीपक प्रजापति, पुष्पेंद्र नागर, मनीष गुर्जर ने रक्तदान किया।
जन्मदिन पर रक्तदान कर बचाई जान
एक व्यक्ति ने अपने जन्मदिन पर शुक्रवार काे रक्तदान कर एक मरीज की जान बचाई। खेड़ारसूलपुर में पोस्ट मास्टर पद पर कार्यरत अनूप मेहरा का शुक्रवार काे जन्मदिन था। इसी दाैरान उन्हें सूचना मिली की काेटा अस्पताल में भर्ती एक मरीज काे रक्त की आवश्यकता है। ताे अनूप ने अस्पताल पहुंचकर रक्तदान किया और मरीज की जान बचाई।
देशव्यापी लॉकडाउन लागू होने के बाद कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा शुक्रवार को पहली बार पुष्कर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने शेल्टर होम, गारमेंट फैक्ट्री व क्वारेंटाइन सेंटर का निरीक्षण किया।
उन्होंने एसडीओ को पुष्कर उपखंड क्षेत्र में लॉक डाउन की सख्ती से पालना कराने, बाहर से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का डाटा संधारित कर उसे क्वारेंटाइन करने तथा औद्योगिक गतिविधियों को सुचारू और तेज करने के लिए उद्यमियों की सहायता करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर शर्मा ने सबसे पहले उन्होंने वैष्णव धर्मशाला में बनाए गए शेल्टर होम में ठहराए गए साधु-संतों की कुशलक्षेम पूछी तथा शेल्टर होम की व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त किया। अमूमन सभी साधु-संतों ने कलेक्टर को बताया कि उन्हें दोनों समय पर भोजन मिल रहा है तथा किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं है। संतों ने बताया कि शेल्टर होम में उनके मनोरंजन के लिए राम कथा का नियमित वाचन किया जा रहा है। इसके बाद कलेक्टर ने तिलोरा रोड स्थित एक गारमेंट फैक्ट्री का अवलोकन किया।
फैक्ट्री में रखे फर्स्ट एड बॉक्स में अवधिपार दवाइयां मिली। फैक्ट्री में सेनेटाइजर की भी माकूल व्यवस्था नहीं थी। इस पर उन्होंने गहरी नाराजगी जताते हुए एसडीओ देविका तोमर को फैक्ट्री मालिक को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। साथ ही कलेक्टर ने फैक्ट्री मालिक व श्रमिकों को नियमों की पालना के लिए पाबंद किया। कलेक्टर शर्मा ने मोतीसर रोड स्थित होटल डेरा मसूदा में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। एसडीओ तोमर के अलावा तहसीलदार पंकज बडग़ुर्जर, थानाधिकारी राजेश मीणा, चिकित्सा प्रभारी डॉ. आरके गुप्ता आदि भी मौजूद थे।
कोटा-झालावाड़ नेशनल हाईवे-52 पर बाइपास पर दरा की ओर से आ रहे ओवरलोड भूसे से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉली ने अपनी साइड छोड़कर दूसरी साइड में चल रहे ट्रक को टक्कर मार दी। इससे अनियंत्रित हाेकर ट्रैक्टर-ट्रॉली हाईवे पर ही पलट गए। जिससे उसमें भरा भूसा वहीं फैल गया। ट्रक चालक के सतर्कता से ट्रैक्टर ट्रॉली को बचाते हुए ट्रक काे डिवाइडर पर चढ़ाने से बड़ा हादसा होने से टल गया। ट्रॉली में भरा भूसा सड़क पर फैल गया। जिससे दूसरे वाहनों को निकलने में परेशानी का सामना करना पड़ा। गनीमत रही कि ट्रैक्टर चालक कूद गया व जान बचा ली।
वहीं ट्रक चालक ठाकराराम निवासी बाड़मेर ने बताया कि ट्रैक्टर चालक के लापरवाही से ट्रैक्टर चलाने यह हादसा हुअा। सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची व सड़क मार्ग को बहाल करने के लिए टोलप्लाजा से मशील बुलाकर ट्रैक्टर-ट्राॅली को से हटवाकर मार्ग बहाल करवाया।
व्यापार महासंघ के प्रतिनिधी मंडल ने शुक्रवार को एसडीएम रामावतार बरनाला को ज्ञापन देकर कस्बे के बाजार में दुकानों के खोलने का रोटेशन समाप्त कर सभी दुकानें एक साथ खोलने व इनके खुलने का समय सुबह 10 से 5 बजे तक करने की मांग की है।
ज्ञापन में बताया कि दुकान खोलने का समय कम होने से बाजार में भीड़ की समस्या हो जाती है। जिससे व्यापारियों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। व्यापारियों की समस्या देखते हुए दुकानों के खोलने का समय बढ़ाने व दुकानें एक साथ खोलने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में महासंघ संयोजक राघवेन्द्र कौशिक, अध्यक्ष देवेंद्र जैन, उपाध्यक्ष रामावतार शर्मा, सुरेंद्र सोनी, महामंत्री प्रमोद कोठारी, नरेंद्र मंगल, कोषाध्यक्ष महावीर गर्ग, संगठन मंत्री भुवनेश परिहार शामिल रहे।
अजमेर से अन्य जिलाें में जाने के लिए ऑफलाइन पास शुक्रवार काे भी जारी नहीं हाे पाए। वहीं राज्य सरकार के गृह विभाग ने ऑनलाइन पास जारी करने के संबंध में कड़े दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत अंतरराज्यीय व अंतर जिला पास जारी करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट काे पावर दी है लेकिन इसकी अंतिम रूप से मंजूरी गृह विभाग ही देगा।
गृह विभाग ने अंतर जिला के लिए इमरजेंसी में ऑफलाइन पास जारी करने के भी निर्देश दिए हैं। इसके लिए जिला मजिस्ट्रेट स्वयं या उनकी ओरर से अधिकृत अधिकारी पास जारी कर सकते हैं लेकिन इसकी भी कड़ी प्रक्रिया रखी गई है। गृह विभाग ने निर्देश दिए हैं कि मेडिकल इमरजेंसी, डेथ सहित अन्य गंभीर मामलाें में कलेक्टर एनओसी व पास जारी कर सकते हैं। इसकी सूचना गृह विभाग काे देनी हाेगी।
अंतर जिले के लिए पास की व्यवस्था
गृह विभाग के निर्देशानुसार अंतर जिला के लिए पास जिला मजिस्ट्रेट जारी कर सकते हैं। इसके लिए मेडिकल इमरजेंसी, परिवार में किसी की मृत्यु, श्रमिकों काे भेजा जाना, किसी संस्था के स्वामी या प्रबंधकीय अधिकारी के उसके कार्यस्थल पर जाने के लिए या अन्य किसी भी तरह की आवश्यक परिस्थिति मे जिला मजिस्ट्रेट काे पास जारी करने की पाॅवर दी गई है। इसके लिए संबंधित आवदेक RajCop Citizen mobile app के जरिये आवेदन कर सकता है। जिला मजिस्ट्रेट काे इंस्टेंट पास ऑफलाइन जारी करने की भी पाॅवर रहेगी।
अजमेर की पूर्व उपखंड अधिकारी व महिला चिकित्सा अधिकारी के बीच गत 21 अप्रैल काे हुए विवाद के मामले में काेई कार्रवाई नहीं हाेने से खफा चिकित्सकों ने शुक्रवार काे ब्लैक फ्राइडे मनाया।
इस दाैरान विरोध व्यक्त करने के दौरान कोई काली पट्टी में ताे काेई काली टाई और कई स्टाफ ताे पेंट और शर्ट दोनों ही काले पहनकर आए। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन व अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के बैनर तले विराेध प्रदर्शन किया गया।
चिकित्सक एसडीएम द्वारा अभद्र व्यवहार करने के मामले में कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। अरिस्दा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी ने राज्य के सभी चिकित्सकों को गांधीवादी तरीके से प्रखर विरोध प्रदर्शन के बाद कहा कि हमने साबित कर दिया है कि हम सच्चे गांधीवादी है और अब गेंद सरकार के पाले में है।
चिकित्सकों ने अपनी बात सोशल मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ओर चिकित्सा मंत्री तक पहुंचाई। अजमेर में सीएमएचओ कार्यालय सहित सभी अस्पतालों में विराेध प्रदर्शन करते हुए चिकित्सकों ने डाॅ. ज्योत्सना रंगा काे न्याय दिलाए जाने की मांग की है।
चंद्रवरदाई नगर में एक शादी में भात भरने 18 मार्च को अजमेर आए 42 लोगों की डेढ़ महीने बाद भी घर वापसी नहीं हो पाई है।
गत दिनों इन्होंने प्रशासन ने आगरा जिले एवं दिल्ली जाने के लिए अनुमति मांगी थी, जिला प्रशासन ने इंतजार करने के लिए कहा था। इसके बाद यह मामला पूर्व पार्षद ललित गुर्जर चौपड़ा के जरिए उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट तक पहुंचा था।
बताया जा रहा है कि पायलट के दफ्तर से भी प्रशासन को इस संबंध में कुछ निर्देश जारी किए गए थे। शुक्रवार को इस मसले पर पीड़ित लोगों के प्रतिनिधि कलेक्ट्रेट कलेक्टर एवं एसडीएम से मिलने एवं अपनी पीड़ा बताने पहुंचे तो उन्हें कलेक्ट्रेट के बाहर की आरएसी तथा पुलिस के जवानों ने रोक लिया अैर अंदर जाने ही नहीं दिया। पूर्व पार्षद ललित गुर्जर चौपड़ा ने इस मामले में विरोध जताया है।
गुर्जर का कहना है कि परेशान लोगों को अधिकारियों को अपनी पीड़ा और परेशानी बताने का मौका तक नहीं दिया गया। जब जायरीन, श्रमिकों को घर वापसी के लिए पास जारी किए जा चुके हैं तो इन लोगों को भी घर वापसी के लिए अनुमति देकर रवाना किया जाना चाहिए। यह लोग डेढ़ महीने से परेशान हो रहे हैं।
बिना स्क्रीनिंग सफाई एवं अन्य कार्य कर रहे नगर पालिका के कर्मचारियों की शुक्रवार को एसडीओ के निर्देश पर थर्मल स्क्रीनिंग कराई गई।
पालिका के ठेकाकर्मियों ने पालिका के सफाई कर्मचारियों पर बिना स्क्रीनिंग कार्य करने की शिकायत करते हुए एसडीओ को बताया कि कई सफाई कर्मचारी अजमेर, नसीराबाद एवं किशनगढ़ से अपडाउन करते थे और अभी वे मुख्यालय पर ही रह रहे हैं।
यह सभी कर्मचारी बिना स्क्रीनिंग के काम कर रहे है। बिना स्क्रीनिंग के कार्य करने वाले सफाई कर्मियों से कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका व्यक्त की। एसडीओ देविका तोमर ने कार्यवाहक ईओ पारस जैन को सभी कर्मचारियों की स्क्रीनिंग कराने के निर्देश दिए।
कोरोना योद्धा के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे नगर पालिका के ठेका कर्मियाें में बीते दो माह से वेतन नहीं मिलने पर राेष है। आक्रोशित श्रमिकों ने शुक्रवार को काम का बहिष्कार कर दिया।
इस दाैरान पालिका की व्यवस्थाएं लड़खड़ा गईं। सूचना मिलते ही एसडीओ देविका तोमर, तहसीलदार पंकज बडग़ुजर व कार्यवाहक ईओ पारस जैन ने ठेका कर्मियों से वार्ता कर उनकी समस्या सुनी तथा उन्हें शीघ्र ही ठेकेदार से बकाया वेतन दिलाने का भरोसा दिलाया। साथ ही ठेकेदार को भी श्रमिकों को बकाया वेतन देने के लिए पाबंद किया। करीब दो घंटे की समझाइश के बाद ठेका कर्मी वापस काम पर लौट आए।
लौंगिया क्षेत्र में शुक्रवार को आटा वितरण के दाैरान सोशल डिस्टेंस टूट गया। यह हाल भी तब है जब जिले में पॉजिटिव मरीजों की संख्या 200 के करीब है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत कर्फ्यूग्रस्त इलाकों में आटा चक्कियां नहीं चलने के कारण सरकारी राशन पाने वाले परिवारों को रसद विभाग की ओर से आटे का वितरण किया जा रहा है।
इसी क्रम में शुक्रवार को आटे का वितरण लौंगिया क्षेत्र की पार्किंग में होने लगा तो वहां अन्य लोग भी आटा लेने के लिए पहुंच गए,जो कि इस योजना के लिए पात्र ही नहीं थे। बाद में पुलिस को सख्ती दिखाते हुए यह वितरण कराना पड़ा।
मालूम हो कि शहर में सोशल डिस्टेंस की पालना आए दिन टूट रही है। जिला रसद अधिकारी अंकित पचार ने बताया कि अचानक भीड़ बढ़ जाने के बाद पुलिस की मौजूदगी में राशन बांटा।
शहर में शुक्रवार को 34नए पॉजिटिव केस सामने आए। इनमें सुभाष चौक क्षेत्र में8 दिन की एक बच्ची पॉजिटिव मिली है। वहीं, सिविल डिफेंस का जवान भी पॉजिटिव पाया गया है। व्यक्ति की सैनिटाइजेशन की ड्यूटी लगी थी,जो सरकारी दफ्तरों को सैनिटाइज करने का काम करता था। फिलहाल, युवक की कॉन्टेक्टडिटेल निकाली जा रही है। इसके बाद कुल संक्रमितों का आंकड़ा 1149पहुंच गया।
जानकारी के अनुसार, नगर निगम में सिविल डिफेंस के जवान की सैनिटाइजेशन की ड्यूटी लगी थी। युवक 5 मई तक रोज नगर निगम गया था। इसके बाद अब युवक से कॉन्टेक्ट में आए लोगों की डीटेल निकाली जा रही है। 34 नए पॉजिटिव केस में चौड़ा रास्ता फिल्म कॉलोनी में 13, चांदपोल, रामगन, जालूपुरा, सांगानेरी गेट, गांधी नगर में 2-2 पॉजिटिव मिले। वहीं बास बादानपुर, भट्टा बस्ती, सिरसी, आदर्श नगर, अनिता कॉलोनी सांगानेर, सुभाष नगर, आमेर, मानसरोवर, फुलैरा, निवारू रोड झोटवाड़ा में 1-1 संक्रमित मिला। इसके साथ 1 की लोकेशन के बारे में जानकारी नहीं दी गई है।
सुपर स्प्रेडर में संक्रमण जारी है। गुरुवार काे देर रात तक जारी रिपाेर्ट के अनुसार भट्टा बस्ती निवासी एक और सब्जी विक्रेता पॉजिटिव पाया गया है। शहर के अलग-अलग इलाकाें में 21 नए मामले सामने आए। मानसराेवर में जरूरतमंदाें काे खाने के पैकेट बांटने वाला एक युवक भी काेराेना संक्रमित पाया गया है।
संक्रमित सब्जी वाले के संपर्क में आने वाले 13 लोग क्वारैंटाइन
सुपर स्प्रेडर्स के बुधवार को लिए गए 637 सैंपल में से भट्टा बस्ती में एक सब्जी वाला कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद मरीज को अस्पताल पहुंचाया गया।उसके संपर्क में आने वाले 13 लोगों को तुरंत प्रभाव से क्वारैंटाइन कर दिया गया है। उधर, प्रशासन ने रैंडम सैंपलिंग में तेजी लाई और गुरुवार को 1007 लोगों के सैंपल एकत्रित किए। इनकी रिपोर्ट शुक्रवार को आनी है। गौरतलब है कि पिछले सात दिन में 3357 सैंपल लिए जा चुके हैं। अब तक आई 2350 लोगों की रिपोर्ट में 21 सुपर स्पेडर पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें 14 सब्जी वाले और 7 अन्य दुकानदार हैं।
मुहाना मंडी ; संक्रमित क्षेत्र की लाइन में दुकानें बंद
मुहाना मंडी फल ब्लॉक में पपीता व्यापारी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद से व्यापारियों में भय का माहौल बना हुआ है। फल का व्यापार ठप सा रहा। फल ब्लॉक में जिस जगह पर कोरोना पॉजिटिव व्यापारी की दुकान थी, उसके आसपास की 25 दुकानें बंद रहीं। हरी सब्जी ब्लॉक में भी कारोबार रोजके मुकाबले कम रहा। मुहाना मंडी समिति सचिव करण ने बताया कि मुहाना मंडी में फल ब्लॉक में पॉजिटिव मिला था, उस एरिया को प्रशासन ने सील तो नहीं किया। सुबह मंडी समिति की ओर से व्यापारियों से समझाइश की इसके बाद उस लाइन में फलों की दुकानों काे बंद कर दिया गया।
जयपुर की 60 से अधिक कॉलोनियों में कर्फ्यू लगा
33 थाना इलाके में फैले कोरोना के कारण भट्टा बस्ती व खोह नागोरियान इलाके में एक-एक जगह और कर्फ्यू लगाया गया है। पॉजिटिव मिलने के कारण भट्टा बस्ती इलाके में हाउसिंग बोर्ड सेक्टर 2 में लाल बहादुर शास्त्री सामुदायिक भवन जाने वाली रोड स्थित गेट लेकर शबरी कानन पार्क की दीवार तक, सेक्टर 3 में न्यू जालूपुरा, भौमिया कच्ची बस्ती व तिराहे बिहारी मस्जिद और खोह नागोरियान में शिकारियों की ढाणी में कोरोना आंशिक कर्फ्यू लगाया गया है। मोती डूंगरी इलाके में मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद बरकत मार्ग व तिवाड़ी जी बाग में लगा कर्फ्यू हटा दिया गया।
जयपुर में अभी यहां लगा कर्फ्यू
जयपुर के खोह नागोरियान, मोती डूंगरी, सोढ़ाला, ब्रह्मपुरी में 5-5, बजाज नगर औरभट्टा बस्ती4-4,शास्त्री नगर, सदर, करधनी में3-3,आमेर, गलतागेट, मुहाना, लालकोठी, आदर्श नगर, मुरलीपुरा औरमालपुरा गेट में2-2,करणी विहार, सिन्धी कैम्प, नाहरगढ़, झोटवाड़ा, महेश नगर,ट्रांसपोर्ट नगर, प्रताप नगर, मालवीय नगर, गांधी नगर, सांगानेर, रामनगरिया, जालूपुराऔरसंजय सर्किल एक-एकजगह आंशिक कोरोना कर्फ्यू लगाहै।
प्रदेश केमुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार कोकहा है कि लॉकडाउन के कारण कोई अभिभावक आर्थिक स्थिति के चलते फीस जमा नहीं करा पाता है तो निजी स्कूल ऐसे विद्यार्थी का नाम नहीं काटें। यदि कोई स्कूल ऐसा करता है तो राज्य सरकार उसकी मान्यता निरस्त कर सकती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग इस बात का भी परीक्षण कराए कि निजी स्कूल विद्यार्थियों को फीस एवं अन्य शुल्कों में किस प्रकार राहत दे सकते हैं और उन विद्यालयों का संचालन प्रभावित नहीं हो। सीएम गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कांफ्रेंसके जरिए स्कूल शिक्षा, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा से जुड़े विषयों पर समीक्षा कर रहे थे।
सीबीएसई के अनुरूप लेंगे बोर्ड परीक्षाओं पर निर्णय
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं एवं बारहवीं कक्षाओं की शेष परीक्षाएं फिलहाल स्थगित रहेंगी। बाद में सीबीएसई द्वारा लिए जाने वाले निर्णय के अनुरूप फैसला किया जाएगा, ताकि दोनों बोर्ड की परीक्षाओं में एकरूपता बनी रहे और प्रदेश के विद्यार्थियों का अहित न हो। इसी प्रकार उच्च एवं तकनीकी शिक्षा में भी परीक्षाओं का आयोजन स्थितियां सामान्य होने पर करवाया जा सकेगा |
आरटीई की आय सीमा फिर से एक लाख से बढ़ाकरढाई लाख होगी
गहलोत ने कहा कि यूपीए सरकार के समय शिक्षा का अधिकार अधिनियम लाकर गरीब वर्ग के बच्चों को निजी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने का ऐतिहासिक कदम उठाया गया था। विगत कुछ वर्षों में इस कानून की भावना के अनुरूप जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल पाया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस कानून की पारदर्शिता के साथ पालना सुनिश्चित करवाई जाए। इसके लिए अभिभावकों की आय सीमा को एक लाख से बढ़ाकर ढाई लाख रूपए किया जाए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आरटीई के जरिए बच्चों को बड़े नामी निजी स्कूलों में भी पढ़ने का अवसर मिले ।
ग्रीष्मावकाश में मिड-डे मील का हो पारदर्शी वितरण
सीएम गहलोत ने निर्देश दिए कि शिक्षा विभाग ग्रीष्मावकाश में बच्चों को मिड-डे मील के लिए उचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करे उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण बच्चों को पका हुआ भोजन उपलब्ध कराना संभव नहीं है। ऐसे में अभिभावकों को सूखी राशन सामग्री उपलब्ध कराने के लिए पारदर्शी तरीके से उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए।
सभी भर्तियों में मेरिट एवं काउंसलिंग से होगी प्रथम नियुक्ति
मुख्यमंत्री ने लिपिक ग्रेड द्वितीय भर्ती परीक्षा - 2018 के अभ्यर्थियों को जिला एवं विभागों का आवंटन पुनः नई प्रक्रिया से करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी विभागों को मेरिट के आधार पर उनकी आवश्यकता के अनुरूप चयनित अभ्यर्थियों की सूची उपलब्ध कराएं। उसके बाद संबंधित विभाग मेरिट एवं काउंसलिंग के आधार पर उन्हें जिला आवंटित करे। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि भविष्य में सभी भर्तियों में प्रथम नियुक्ति सभी विभागों द्वारा मेरिट एवं काउंसलिंग के आधार पर ही दी जाए।
राज्य में इस गर्मी के मौसम में अभी तक 224 प्रतिशत अधिक बरसात हो चुकी है। साथ ही प्रदेश में पिछले सप्ताह 305 प्रतिशत अधिक बरसात हुई है। अब अगले 48 घंटों में राज्य में अधिकतम तापमान में चार डिग्री तक की बढ़ोतरी होने का अनुमान है। इसके तापमान में गिरावट आएगी।
मौसम विभाग के अनुसार राज्य में पिछले सप्ताह 30 अप्रैल से सात मई के बीच पश्चिमी राजस्थान में 4.8 मिमी बारिश हुई जो सामान्य 1.5 मिमी से 222 प्रतिशत अधिक है। पूर्वी राजस्थान में 5.7 मिमी बारिश हुई जो सामान्य 1.4 मिमी से 418 प्रतिशत अधिक है। यानी प्रदेश में 5.7 मिमी बारिश हुई जो सामान्य 1.4 मिमी से 305 प्रतिशत अधिक है।
साथ ही राजस्थान में इस गर्मी के मौसम में अभी तक 224 प्रतिशत अधिक बरसात हो चुकी है।पश्चिमी राजस्थान में 29.9 प्रतिशत बारिश हो चुकी है जो सामान्य 10.9 मिमी से 174 प्रतिशत अधिक है। वहीं पूर्वी राजस्थान में 34.1 मिमी बारिश हो चुकी है जो औसत 8.5 मिमी से 3.1 प्रतिशत अधिक है। पूरे राजस्थान की बात करें तो अभी तक 31.8 मिमी बारिश हो चुकी है जो औसत 9.8 एमएम से 224 प्रतिशत अधिक है।
मौसम विभाग के अनुसार कम दबाव के क्षत्र से पश्चिमी राजस्थान के ऊपर बना चक्रवाती परिसंचरण अब उत्तरपश्चिमी राजस्थान के ऊपर आ गया है। इसके प्रभाव से प्रदेश में मौसम इस प्रकार रहेगा -
1 (8-14 मई)
नौ मई से राज्य में बादल गरजने, धूलभरी आंधी, तथा बिजली गरजने के साथ 30 से 50 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। इस दौरान वर्षा का औसत सामान्स से कम रहने का अनुमान है।
2 (15-21 मई)
दूसरे सप्ताह भी वर्षा का औसत सामान्स से कम रहने का अनुमान है।
तापमान (8-14 मई)
राज्य में अगले 48 घंटों में राज्य के कई स्थानों पर अधिकतम तापमान में दो से चार डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होगी। इसके बाद तापमान में गिरावट आएगी। नौ मई को जोधपुर संभाग में तापमान 44 से 45 डिग्री तक जा सकता है।राज्य में पहले सप्ताह में तापमान सामान्य से अधिक और दूसरे सप्ताह में तापमान सामान्य से कम रह सकता है।
शुक्रवार को सबसे गर्म जैसलमेर रहा
प्रदेश में लगातार जारी बारिश और ओलावृष्टि के बीच गर्मी अपना असर दिखाने लगी है। गुरुवार को सबसे अधिक तापमान जैसलमेर में 44.8 डिग्री रहा। बाड़मेर में 44.7, चूरू में 44.7 तथा कोटा में 44.1 डिग्री तापमान रहा। कोटा में तेज गर्मी से बचने के लिए जू में पानी का छिड़काव किया गया। बीती रात सबसे अधिका तापमान जोधपुर में 28.8 डिग्री रहा। बाड़मेर में 28.4 डिग्री तापमान रहा।
लॉकडाउन के चलते ट्रेनें बंद होने से ट्रेनों के संचालन पर आश्रित दिहाड़ी मजदूरों (कुली, वेंडर) के समक्ष लंबे समय से रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में रेलवे के विभिन्न विभाग इनकी मदद के लिए आगे आ रहे हैं। इसी के तहत शुक्रवार को उत्तर पश्चिम रेलवे महिला कल्याण संगठन की ओर से जयपुर जंक्शन परिसर में कुलियों की सहायता के लिए राशन और जरूरी समान के पैकेट का वितरण किया गया।
संगठन की अध्यक्षा यशा प्रकाश और सचिव शिखा गोयल ने जंक्शन पर कुलियों और वेंडर्स को 250 राशन और जरूरी सामग्री में पैकेट बांटे। इस दौरान उनके साथ संगठन की संयुक्त सचिव पारुल त्यागी, डीआरएम मंजूषा जैन सहित बड़ी संख्या में अधिकारी व महिला रेलकर्मी मौजूद रहीं। गौरतलब है कि इस दौरान रेलवे महिला कल्याण संगठन की ओर से बनाए गए मास्क भी सभी जरूरतमंद लोगों को बांटे गए।
(शिवांग चतुर्वेदी). रेलवे स्टेशन रोड स्थित रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय (डीआरएम ऑफिस) में शुक्रवार को एक बड़ा हादसा होने से टल गया। डीआरएम ऑफिस की दूसरी मंजिल पर पे-बिल सेक्शन के कमरे की छत का एक बड़ा हिस्सा गिर गया। छत का हिस्सा गिरने से वहां कार्य कर रही कार्यालय अधीक्षक कौशल्या दासवानी घायल हो गई। उन्हें प्राथमिक उपचार के लिए रेलवे अस्पताल भिजवाया गया। इसके अलावा कंप्यूटर सेट भी क्षतिग्रस्त हो गया। इस सेक्शन में करीब 20 कर्मचारी कार्य करते हैं। लेकिन लॉक डाउन के चलते कर्मचारियों की संख्या कम होने से बड़ा हादसा होने से टल गया।
रेलवे से जुड़े सूत्रों ने हादसा होने की बड़ी वजह प्रशासनिक लापरवाही को बताया। ऐसा इसलिए क्योंकि रेलवे की दोनों मान्यता प्राप्त संगठनों और एसोसिएशन द्वारा पिछले लंबे समय से पीएनएम और अन्य बैठकों में प्रशासन से हॉल कि मरम्मत की मांग की जा रही थी। लेकिन इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे थे। ऐसे में लापरवाही की वजह से ही यह हादसा हुआ। छत गिरने के बाद कर्मचारी संगठन ने प्रशासन से जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज को प्लाज्मा थैरेपी ट्रायल स्टडी की अनुमति मिली है। यह अनुमति दिल्ली के आईसीएमआर ने दी है। अब मेडिकल कॉलेज के अधीन अस्पतालों में भर्ती कोरोना के गंभीर बीमार मरीजों को यह थैरेपी दी जाएगी। प्रदेश में जयपुर एसएमएस के बाद सरकारी दूसरा सेंटर है जहां प्लाज्मा थैरेपी की अनुमति मिली है। इसके साथ ही जयपुर के निजी महात्मा गांधी अस्पताल को भी अनुमति प्रदान की गई है।
इस तकनीक से कोरोना के गंभीर मरीजों, जिनमें किसी भी कारण से एंट्री बॉडी नहीं बन पा रही है उनका इलाज किया जाएगा। थैरेपी लेने वाले सभी डोनर और मरीजों का पूरा डाटा आईसीएमआर के पास भेजा जाएगा। जिससे वे आगे दूसरे अनुमति लेने वाले मेडिकल कॉलेजों के लिए गाइडलाइन बना सकें। डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जीएल मीणा ने बताया कि मेडिकल काॅलेज की और से अनुमति के लिए 22 अप्रेल से प्रयास किया जा रहा था। इसके लिए प्रस्ताव बनाया गया जिसे पहले एथिकल कमेटी से पास कराकर दिल्ली आईसीएमआर में भेजा गया। जहां शुक्रवार को अनुमति मिल गई है।
क्या होती है प्लाज्मा थैरेपी
एमडीएम ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. जीसी मीणा ने बताया कि कोरोनावायरस से पीड़ित जो लोग अब पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं उनके ब्लड में जो एंटीबॉडीज बन जाती हैं उन्हें ही प्लाज्मा कहते हैं । इस थैरेपी में ठीक हुए व्यक्ति के ब्लड से एंटीबॉडीज निकालकर कोरोनावायरस से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में डाली जाती हैं। यह एंटीबॉडी संक्रमण को खत्म करने में मदद करती हैं। और ज्यादातर मामलों में जब पर्याप्त एंटी बॉडी बन जाती हैं तो वायरस नष्ट हो जाता है। ऐसे में वह व्यक्ति, जो वायरस को मात देकर स्वस्थ हो गया है, अगर ब्लड डोनेट करता है, तो उसके खून से प्लाज्मा में मौजूद एंटीबॉडी को दूसरे मरीज में डाला जा सकता है। और बीमार या संक्रमित शरीर में जाकर ये एंटीबॉडी फिर से अपना काम शुरू करते हैं और मरीज को ठीक होने में मदद करते हैं।
कौन दे सकता है
प्लाज्मा थैरेपी में कोरोना संक्रमित मरीज जो कि लक्षण मुक्त हो गया है। और उसके बाद 28 दिन भी पूरे कर चुका है। वह व्यक्ति प्लाज्मा डोनेट कर सकता है।
क्या प्रक्रिया है
कोरोना को मात देकर स्वस्थ हुए व्यक्ति का प्लाज्मा लिया जाएगा। जिसके लिए एमडीएम ब्लड बैंक में एफेरेसिस मशीन है। उस पर व्यक्ति की पूरी जांच कर फीट होने पर लिया जाएगा। एक व्यक्ति से करीब 35 मिनट के इस प्रोसेस में करीब 500 एमएल प्लाज्मा निकाला जाएगा। बाकि ब्लड मरीज को फिर से चढ़ा दिया जाएगा। यह एसडीपी वाली मशीन पर ही एसडीपी की तरह ही होगा। निकाला गया प्लाज्मा बीमार व्यक्ति की अनुमति के बाद उसे चढ़ाया जाएगा। इसमें एक समान ग्रुप वाले व्यक्ति को ही दे सकेगा। एक व्यक्ति से निकाला हुआ प्लाज्मा दो संक्रमित व्यक्तियों के काम आ सकता है। गाइडलाइन के अनुसार प्लाज्मा की दो डोज एक व्यक्ति को दी जाएगी। यदि पहली डोज के बाद कोई रिएक्शन या समस्या नहीं होती है तो 24 घंटे बाद दूसरी डोज दी जाएगी।
शहर में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या से बने दहशत भरे माहौल के बीच शुक्रवार शाम एक अच्छे समाचार ने सभी का हौसला बढ़ा दिया। एक साथ 71 लोग कोरोना को मात देकर खुशी-खुशी अपने घर के लिए विदा हुए। इस तरह शहर में अब तक मिले 851 कोरोना संक्रमितों में से 339 लोग अस्पताल से एकदम स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुके है। इन सभी लोगों को इनका इलाज करने वाले डॉक्टरों व अन्य चिकित्साकर्मियों ने तालियां बजाकर विदा किया।
आज कोरोना को पराजित कर घर लौटने वालों में 45 पुरुष व 26 महिलाएं शामिल है। इनमें सबसे अधिक 84 वर्ष के घोड़ा का चौक निवासी राधा किशन व सबसे कम महज नौ माह की इनायत भी शामिल है। इसके अलावा डेढ़ वर्ष की वैदिका भी कोरोना से ठीक होकर आज अपने परिजनों के साथ घर के लिए रवाना हुई। आज डिस्चार्ज हुए लोगों में 11 जने 60 वर्ष से अधिक व 17 जने 20 वर्ष से कम आयु के है।
कोविड केयर सेंटर बोरानाडा से आज 44 व्यक्ति स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। जिला प्रभारी अधिकारी कोविड-19 व उपनिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉक्टर सुनील कुमार सिंह बिष्ट ने उन सभी को शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर ब्लॉक सीएमएचओ डॉक्टर मोहन दान देथा, डॉ विष्णु अग्रवाल, डॉ दिनेश व्यास ,डॉक्टर पंकज सहित भंवरलाल ग्वाला, गिरधारी व सभी नर्सिंग स्टाफ ने उनको शुभकामनाएं दी। डिस्चार्ज होने वालों ने सभी डॉक्टर्स व नर्सेज एवं अन्य कार्मिकों का आभार जताया।
सबसे ज्यादा एक्टिव केस जोधपुर में
आंकड़ों के अनुसार पिछले एक सप्ताह से प्रदेश में सबसे ज्यादा राेगी जोधपुर में ही मिल रहे हैं, जिससे जोधपुर में एक्टिव केस भी बढ़ गए हैं। जोधपुर ने एक्टिव केस के मामले में जयपुर को भी पीछे छोड़ दिया है। जोधपुर में 851 मरीजों में 523 एक्टिव केस हैं ताे जयपुर में 1137 केसों में 407 एक्टिव केस हैं, जाे जोधपुर से 116 कम हैं। अजमेर 130 एक्टिव केस के साथ तीसरे नंबर पर है, लेकिन ये आंकड़ा जोधपुर से चार गुना कम है। चौथे नंबर पर चित्तौड़गढ़ में 114 एक्टिव केस हैं।
फोटो एल देव जांगिड़
राजधानी जयपुर में कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन के दौरान गश्त पर मौजूद दो पुलिसकर्मियों ने दर्द से तड़प रही गर्भवती महिला की मदद की। रात पौने 12 बजेइन दोनों पुलिसकर्मियों नेमहिला की मदद कर निजी कार से उसे महिला चिकित्सालय पहुंचाया। वहीं, महिला के आस-पड़ोस में रहने वाले लोग उसकी मदद के लिए आगे नहीं आए। पुलिसकर्मियों की इस मदद की लोग सराहना कर रहे हैं।
यह है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के नार्थ जिले में जालुपरा थाने में मौजूद एएसआई सुनील कुमार रात्रिकालीन जाब्ता चेकिंग के इनचार्ज की ड्यूटी कर रहे थे। करीब पौने 12 बजे जालुपूरा निवासी साबिर की गर्भवतीपत्नी को तेज दर्द उठाऔर उसकी तबियत बिगड़ गई। ऐसे में परिवार के लोग घबरा गए।साबिर ने पड़ोसियोंसे मदद के लिए गाड़ी मांगी। ताकि वह अपनी पत्नी को जल्द से जल्द महिला चिकित्सालय पहुंचा सके,लेकिन किसी ने उन्हें अपनी गाड़ी नहीं दी।ऐसे में किसी तरह साबिर अपनी पत्नी को लेकरपरिवार के सदस्यों के साथकरीम होटल तक पहुंचे।
घर से करीब 200 मीटर दूर तक पहुंचते वक्त बिगड़ गई हालत
ड्यूटी प्वाइंट पर एएआई सुनील कुमार व हेडकांस्टेबल दुर्गाप्रसाद नजर आए। होटल तक पहुंचने में गर्भवती महिला की तबियत और बिगड़ गई थी,तब उनके परिजनों नेपुलिसकर्मियों से किसी तरह अस्पताल पहुंचाने में मदद की गुहार लगाई,लेकिन वहां कोई गाड़ी नजर नहीं आई। ऐसे में एएसआई सुनील कुमार ने खुद अपनी निजी कार से गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि महिला अपने पति के साथ बाइक पर बैठकर हॉस्पिटल पहुंचने की स्थिति में नहीं थी।
एएसआई सुनील कुमार नेसाथी हेडकांस्टेबल दुर्गाप्रसाद के साथ तत्काल महिला को कार से चांदपोल स्थित जनाना हॉस्पिटल पहुंचाया। जहां महिला का उपचार शुरू किया गया।एएसआई सुनील ने महिला के पति को किसी भी तरह की मदद के लिए अपने मोबाइल नंबर भीदिए। इसके बाद पुलिसकर्मियों की इस मानवीय मदद की चर्चा सुबह तक इलाके में पहुंच गई। परिवार के सदस्यों ने भी कहा- जब मदद के लिए पड़ोसीआगे नहीं आए,तब जालुपुरा थाने के ये दोनों पुलिसकर्मी फरिश्ता बनकर आए।
(संजीव शर्मा)। कोर्ट ने राजेन्द्र मिर्धा अपहरण केस में जयपुर जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे आतंकी अभियुक्त हरनेक सिंह को सशर्त 28 दिन की विशेष पैरोल पर रिहा करने का निर्देश दिया है। वहीं राज्य सरकार के 17 अप्रैल 2020 के उस आदेश को रद्द कर दिया जिमें अभियुक्त को 13 अप्रैल को दी गई विशेष पैरोल पर रिहा करने का आदेश निरस्त कर दिया था।
सीजे इन्द्रजीत महान्ति व जस्टिस एसके शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश शुक्रवार को हरनेक सिंह की आपराधिक याचिका पर दिया। अदालत ने कहा कि अभियुक्त 13 साल से ज्यादा की सजा काट चुका है और पूर्व में मिली पैरोल के तय समय में वापस आ गया था। उसे भी 13 अप्रैल के आदेश से 147 अन्य कैदियों के साथ राज्य स्तरीय पैरोल कमेटी की सिफारिश पर विशेष पैरोल मिली थी, लेकिन उसे पैरोल पर नहीं छोड़ा और बाद में 17 अप्रैल को पैरोल आदेश रद्द कर दिया। इस दौरान न तो परिस्थतियों में कोई बदलाव हुआ और न ही पैरोल रद्द करने का कोई उचित कारण दिया है। ऐसी स्थिति में प्रार्थी अभियुक्त को पैरोल मंजूर करने व राज्य सरकार का 17 अप्रैल का आदेश रद्द किया जाता है।
प्रार्थी के अधिवक्ता विश्राम प्रजापति ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने केवल इस आधार पर हरनेक की मंजूर की गई विशेष पैरोल को रद्द कर दिया था कि वह बाहरी राज्य का है और राजेन्द्र मिर्धा अपहरण कांड का अभियुक्त है। कानूनी रूप से दी गई पैरोल रद्द करने के लिए यह कोई आधार नहीं है। इसलिए प्रार्थी अभियुक्त को विशेष पैरोल पर रिहा किया जाए। हरनेक सिंह फरवरी 2007 से ही जयपुर जेल में बंद है।
यह है मामला
प्रदेश में चर्चित रहे इस मामले में कांग्रेस के तत्कालीन वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामनिवास मिर्धा के बेटे राजेन्द्र मिर्धा का 17 फरवरी, 1995 को सी-स्कीम स्थित घर से अपहरण हुआ था। आतंकियों ने मिर्धा का अपहरण खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट के मुखिया देवेन्द्रपाल सिंह भुल्लर को रिहा करने के लिए किया था। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए जयपुर के मॉडल टाउन कॉलोनी में मकान नंबर बी-117 पर छापा मारा और गोलीबारी की।
पुलिस कार्रवाई में आतंकी नवनीत सिंह कांदिया मारा गया जबकि दयासिंह लाहौरिया व उसकी पत्नी सुमन सूद और हरनेक सिंह फरार हो गए थे। बाद में लाहौरिया व सुमन सूद अमेरिका भाग गए थे। इन दोनों को तीन फरवरी, 1997 को प्रत्यर्पित करके भारत लाया गया।
कोर्ट ने लाहौरिया को उम्रकैद व सुमन को पांच साल कैद की सजा दी। इस दौरान पंजाब पुलिस ने हरनेक सिंह को 2004 में गिरफ्तार किया और 26 फरवरी 2007 को राजस्थान पुलिस के सुपुर्द किया। मिर्धा अपहरण कांड में महानगर की एडीजे कोर्ट ने 7 अक्टूबर 2017 को हरनेक सिंह को उम्रकैद की सजा दी।
संभाग के सिरोही जिले में आबूरोड के निकट शुक्रवार शाम दो कारों की जोरदार भिड़ंत में छह जनों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। महाराष्ट्र से सिरोही आ रहे एक परिवार की कार डिवाइडर पार कर सामने से आ रही एक अन्य कार से जा भिड़ी। अभी यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि दोनों कारों में कितने-कितने लोग सवार थे।
सिरोही पालनपुर हाइवे पर आज शाम महाराष्ट्र से सिरोही की तरफ आ रही एक इनोवा कार किंवरली के निकट बेकाबू हो गई। चालक कार पर से नियंत्रण खो बैठा और तेज रफ्तार के कारण कारण इनोवा डिवाइडर के उपर से होकर सामने से आ रही एक स्विफ्ट कार से जा टकराई। तेज रफ्तार के साथ हुई भिड़ंत के कारण दोनों कारें एक-दूसरे टकरा कर पूरी तरह से चकनाचूर हो गई। दोनों कारों में सवार लोग अंदर ही फंस गए। वहां से निकलने वाले अन्य वाहन चालकों ने ग्रामीणों की मदद से राहत कार्य शुरू कर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच कारों में फंसे लोगों को बड़ी मुश्किल से बाहर निकलवाया। तब तक छह लोगों की मौत हो चुकी थी। गंभीर रूप से घायल दो जनों को इलाज के लिए अहमदाबाद रवाना किया गया। ऐसे में अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि मृतक कौन लोग थे। साथ ही दोनों कारों में कितने-कितने लोग सवार थे। हादसे की सूचना मिलते ही जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद स्वयं मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू कराया। ऐसा माना जा रहा है कि लॉक डाउन में मिली छूट के तहत महाराष्ट्र से अनुमति लेकर एक परिवार के लोग अपने निजी वाहन से सिरोही लौट रहे थे।
फोटो जयदीप पुरोहित, सिरोही
कोरोना संक्रमण के कारण सूर्यनगरी में लोगों के मरने का क्रम थम नहीं रहा है। शुक्रवार को शहर में बीजेएस निवासी 47 वर्षीय रामसिंह की एमडीएम अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। उन्हें यहां पर लीवर में तकलीफ होने के कारण भर्ती कराया गया था। इस तरह शहर में कोरोना से अब तक 17 जनों की मौत हो चुकी है। जबकि अब तक 851 करोना संक्रमित मिल चुके है।
सीएमएचओ की तरफ से जारी सूचना में बताया गया है कि रामसिंह को लीवर में काफी समय से तकलीफ़ थी। इस कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। एहतियात के तौर पर उनका सैंपल लिया गया था। जांच में वे पॉजिटिव पाए गए। आज दोपहर पश्चात इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। शहर में गुरुवार को भी आत्महत्या करने वाला एक युवक मरने के बाद लिए गए सैंपल में कोरोना संक्रमित पाया गया था। शहर में सबसे पहले प्रताप नगर निवासी एक बुजुर्ग की मौत हुई थी। इसके बाद से अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है।
अब तक इनकी हो चुकी है मौत
शहर में कोरोना से सबसे पहले प्रताप नगर निवासी 77 वर्षीय लालचंद की मौत हुई थी। इसके बाद से खेतानाडी क्षेत्र के 59 वर्षीय मोहम्मद हाफिज, मोहनपुरा पुलिया क्षेत्र के दिनेश परिहार, प्रताप नगर की रमजान बानो व उदय मंदिर निवासी रोशन आरा , बम्बा मौहल्ला निवासी 70 वर्षीय अब्दुल गनी, नई सड़क निवासी 56 वर्षीय जुबैदा, नई सड़क निवासी 72 वर्षीय मोहम्मद हुसैन, 27 वर्षीय सबीना, 67 वर्षीय सलीम मोहम्मद व 85 वर्षीय मुनबीब की मौत हो चुकी है। जबकि सोमवार को घंटाघर निवासी 52 वर्षीय अयूब व दर्पण सिनेमा के पीछे रहने वाले 67 वर्षीय शब्बीर हुसैन की मौत हो गई थी। इसके अलावा मंगलवार को खेतानाडी क्षेत्र निवासी 53 वर्षीय अब्दुल रशीद व मानसागर निवासी 82 वर्षीय कृष्णा दवे में कोरोना की पुष्टि उनकी मौत के बाद हुई।