लॉकडाउन के बीच शुक्रवार को जिले की रेडक्रॉस सोसाइटी ने विश्व रेडक्रॉस दिवस मनाया। इस मौके पर जिला अस्पताल के ब्लड बैंक से सदस्यों ने रक्तदान कर सेवा कार्य की शुरुआत की। 5 लोगों ने रक्तदान किया तो 10 से ज्यादा लोगों ने जरूरत पड़ने पर रक्तदान करने मदद की पेशकश की।
मार्च से अब तक रेडक्रॉस सोसाइटी से जुड़े हुए जिले के 172 स्कूल व 17 कॉलेज के 5000 से ज्यादा सदस्य कोरोना वॉलिंटियर्स व वारियर्स के रूप में काम कर रहे हैं। जो कई तरीकों से जरूरतमंद तक मदद पहुंचा रहे हैं तो समाज में जागरूकता भी ला रहे हैं। प्रमुख रूप से बालोद, दल्ली राजहरा, गुंडरदेही सहित अन्य इलाकों में रेडक्रॉस सोसाइटी के जरिए जागरूकता अभियान चल रहा है।
इसके अलावा ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जहां कई लोग एकत्रित होते हैं उन जगहों पर जाकर सदस्य लोगों को जागरूक कर रहे हैं ताकि बाजार में आए लोग संक्रमित न हो और अपने साथ कहीं कोरोना लेकर घर न पहुंच जाए। कई स्थानों पर जरूरतमंदों को आवश्यक सामग्री भी सोसाइटी द्वारा दी जा रही है।
राजहरा सहित अन्य शहरी क्षेत्रों में 200 लोगों को राशन भी बांट चुके
शासन द्वारा चलाए जा रहे अनाज बैंक के जरिए राशन वितरण में सोसायटी के सदस्य मदद तो कर ही रहे हैं। स्वयं के खर्चे से दल्ली राजहरा सहित अन्य शहरी क्षेत्रों में 200 लोगों को राशन बांटने का काम भी सोसाइटी के सदस्यों ने किया है। सोसायटी के सदस्यों का कहना है कि रेडक्रॉस का नारा है, सेवा धर्म हमारा है, इस थीम पर हम काम कर रहे हैं ताकि लोगों को हर संभव मदद पहुंचा सके।
गांव के साप्ताहिक बाजारों में भी दूरी मेंटेन करने की सीख दे रहे सदस्य
शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र में होने वाले साप्ताहिक व रोज के बाजारों में भी जाकर सोसाइटी के सदस्य लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग की सीख भी दे रहे हैं। सदस्य खुद माइक व लाउडस्पीकर लेकर बाजार पहुंच रहे हैं और लोगों को कोरोना वायरस से बचने सावधानी बता रहे हैं। आमतौर पर लोग बाजार व सार्वजनिक जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग की अनदेखी करते हैं।
घर पर मास्क सिल रही महिलाएं फिर जरूरतमंद तक बांट रही
घर में बैठकर रेडक्रॉस सोसाइटी से जुड़ी हुई महिला सदस्य मास्क सिलाई का काम कर रही है अब तक 2 महीने में 2000 से ज्यादा लोगों को सोसायटी की ओर से मास्क बांटा जा चुका है। लोगों को जागरूक करने और कोरोना से सावधान करने के लिए सदस्य कोरोना रूपी राक्षस बन कर भी लोगों के बीच जाकर समझा रहे हैं कि बेवजह घर से बाहर न निकलें।
तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य शुक्रवार से डौंडी क्षेत्र के सभी गांव में शुरू हो गया । लोग तेंदूपत्ता तोड़ने के लिए सुबह से ही जंगल की ओर चले गए थे। दोपहर तक तेंदूपत्ता तोड़कर पचास-पचास की गड्डी बनाकर शाम को अपन-अपने गांव के फड़ों में जमा करने पहुंचे।
डौंडी वन परिक्षेत्र अधिकारी पुष्पेंद्र साहू ने बताया कि वैसे तो संग्रहण का कार्य 7 मई से होना था परंतु पानी गिर जाने के कारण अधिकांश गांव में सुबह सूचना देकर तोड़ाई का काम बंद करवा दिए थे। कुछ गांव के लोग जानकारी के अभाव में पत्ता तोड़ लिए थे, जिन्हें सुरक्षित रखने के लिए कहा गया था । शुक्रवार को डौंडी रेंज के तीनों सोसायटी में पत्ता तोड़ाई का काम शुरू हुआ। इस साल भी संग्रहण राशि प्रति 100 गड्डी पर 400 रुपए दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति डौंडी के अंतर्गत ग्राम बेलरगोंदी, सल्हाईटोला, कामता, नर्राटोला, साल्हे, धोतिमटोला, मलकुंवर ,छिंदगाव, उकारी, अवारी, गुदुम, कुसुमटोला में संग्राहकों से तेंदूपत्ता खरीदने के लिए फड़ में पूरी तैयारी हो गई है।
जनश्री बीमा योजना से भी लाभान्वित हो सकेंगे
सभी संग्राहकों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए एक- एक कार्ड पर दो- दो मास्क दिए गए हैं। श्री साहू ने बताया कि संग्रहण राशि के अलावा संग्राहक परिवार का जनश्री बीमा योजना से भी लाभान्वित कराने का प्रावधान है। जिसमें परिवार के मुखिया की दुर्घटना पर 75हजार तथा सामान्य मृत्यु पर 35 हजार रुपए देने का प्रावधान है। साथ ही कोई भी आश्रित सदस्य की मृत्यु होने पर 3500 रुपए दिया जाता है। इसके अलावा अटल समूह बीमा से भी संग्राहक परिवार को 10 हजार देने का प्रावधान है।
शुक्रवार को मुख्य नगरपालिका अधिकारी एनआर रत्नेश व अध्यक्ष शीबू नायर के मार्गदर्शन में राजस्व विभाग की टीम तैयार कर मार्केट में मार्किंग, सैनिटाइज, मास्क व फिजिकल डिस्टेंस का पालन करने जागरूक किया। जिसके लिए निकाय क्षेत्रांतर्गत संचालित दुकानों के संचालन के लिए क्रेता एवं विक्रेता दोनों के लिए फिजिकल डिस्टेंसिंग व मास्क का उपयोग करना अनिवार्य किया गया है।
दुकानों के संचालक अपने दुकान के बाहर फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए कम से कम 1-1 मीटर की दूरी पर स्थाई गोल मार्किंग बनाया जाए। दुकानदार व सभी ग्राहकों को मास्क, रूमाल, गमछा का उपयोग करना अनिवार्य होगा , बिना मास्क के ग्राहकों को सामग्री ना दिया जाए, दुकान के बाहर ग्राहकों के लिये सैनिटाइजर,हैंडवास की व्यवस्था अनिवार्य रूप से की जाए। उल्लंघन करते पाये जाने पर दुकानों को तत्काल सील कर चालान की कार्रवाई की जाएगी।
पाटेश्वर धाम में वाट्सएप के माध्यम से चल रहे सत्संग में महामंडलेश्वर भैयादास महाराज ने कहा कि यह मनुष्य जीवन बड़ा अनमोल है। इस जीवन में तीन काम तो अवश्य कर लेनी चाहिए। प्रथम सेवा भाव मनुष्य के अंदर होना चाहिए। जिसके अंदर सेवा भाव होता है उस पर भगवान की विशेष कृपा होती है।
सेवा करने से 4 फलों की प्राप्ति होती है। प्रथम अर्थ यानी की धन की प्राप्ति होती है। दूसरा धर्म की प्राप्ति होती है। सेवा करने से धर्म बनता है , दया भाव जीव के अंदर आ जाता है। तीसरा काम यानि भौतिक साधनों की प्राप्ति। प्रभु कृपा से वह सब मनोवांछित फल प्राप्त हो जाते हैं जो सेवा करने वाला सोचता है और सेवा करते-करते अंत में मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। इसलिए सेवा अवश्य करनी चाहिए। जिनका हृदय परोपकार की भावना भरी होती है यानी कि सेवा भाव भरा होता है। उनके लिए जगत में कुछ भी दुर्लभ नहीं है। दान के लिए तो भगवान भी भिक्षुक बनकर आते हैं। उस द्वार पर जिस द्वार पर दान होता रहता है। भगवान वेश बदलकर राजा बलि के द्वार पर आए। वामन रूप धारण किया और राजा बलि के द्वार पर जाकर भिक्षा मांग कर भक्तों को दर्शन देकर उद्धार किए । राजा मोरध्वज के द्वार पर भगवान कृष्ण भिक्षुक बनकर आए उसका भी उद्धार किया।
बेमेतरा थाना अंतर्गत ग्राम ढोकला में शुक्रवार को बिजली (गाज) गिरने से खेत में काम कर रहे एक किसान की मौत हो गई। ढोकला निवासी बचानु टंडन (45) खेत गया हुआ था। बेमेतरा थाना प्रभारी राजेश मिश्रा ने बताया कि दोपहर करीब 2 बजे मृतक अपनी पत्नी रैमत बाई टंडन के साथ अपने खेत में धान कटाई कर रहा था। इस दौरान तेज गर्जना के साथ बारिश शुरू हो गई। जहां बिजली गिरने से किसान की मौत हो गई। मृतक के बेटे गोविंद टंडन ने कोटवार डेरहा राम को इसकी सूचना दी। कोटवार ने इसकी सूचना थाने में दी। सूचना पर पुलिस घटनास्थल पहुंची। जहां शव को पोस्टर्माटम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया।
कोरोना संक्रमण ने शहर के साथ जंगल के भीतरी हिस्सों को भी दहशत फैला रखी है। इसी का असर है कि इस बार तेंदूपत्ता संग्रहण के दौरान जंगल में भी सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का इस्तेमाल हो रहा है। जिले के जंगलों में तेंदूपत्ता की तोड़ाई शुरू हो चुकी है। इसके संग्रहण के लिए दूसरे राज्यों से भी ठेकेदार और उनके कर्मचारी पहुंच चुके हैं।
जिला प्रशासन ने इस बार इन ठेकेदारों और कर्मचारियों को 28 दिन के क्वारेंटाइन में रहने की भी हिदायत दी है। सभी क्रेताओं और उनके प्रतिनिधियों के लिए अंबागढ़ चौकी और राजनांदगांव में क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गयाहै। इसके अलावा उन्हें हिदायत दी गई है कि तेंदूपत्ता के किसी भी काम में कोई भी बीमारी व्यक्ति शामिल न हों।खासकर ग्रामीण इलाकों में प्रवेश करने वाले कर्मचारियों की नियमित स्वास्थ्य जांच की हिदायत दी गई है। जिला यूनियन के 50 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के 51 लाटों के लिए 84 हजार 400 मानक बोरा संग्रहण लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसमें से 46 लॉट के लिए 77 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ते का अग्रिम विक्रय कर 46 लॉटों के लिए क्रेता नियुक्त किए जा चुके हैं। हालांकि बदलते मौसम ने वन अमले को परेशान कर रखा है। बारिश होने की आशंका के बीच संग्रहण जारी रखना विभाग के लिए चुनौती बन रही है।
10 जोन अधिकारी, 2 उड़नदस्ता दल करेंगे निगरानी: जिला वनोपज सहकारी यूनियन के प्रबंध संचालक बीपी सिंह ने बताया कि 5 लॉटों आसरा, खुज्जी, डोंगरगांव, भड़सेना व साल्हेटोला में 7400 मानक बोरा विभागीय संग्रहण किया जा रहा है। इस कार्य में 646 संग्रहण केन्द्रों का चयन किया गया है, जिसके लिए 640 फड़ अभिरक्षक, 34 पोषक अधिकारी, 10 जोनल अधिकारी बनाये गए है। सीमावर्ती क्षेत्रों व संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी के लिए 2 उड़नदस्ता दल बनाया गया है। जिसका मुख्यालय चौकी एवं राजनांदगांव रखा गया है।
मौसम से भी बढ़ी परेशानी क्वालिटी पर होगा असर
बढ़े तापमान के चलते तेंदूपत्ता की क्वालिटी अब तक बेहतर रही है। लेकिन अचानक मौसम में बदलाव हो रहा है। जिले में बारिश की स्थिति बन रही है। इसके चलते तेंदूपत्ता संग्रहण से लेकर इसकी क्वालिटी पर बुरा असर पड़ने की आशंका है। इसे देखते हुए भी वन अमला परेशान है। बारिश के बूंद के साथ ही पूरी तरह तैयार हो चुके तेंदूपत्ता की क्वालिटी खराब होने लगती है। अगर आगे भी बारिश होते रही सीधे क्रेताओं को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा।
2 लाख से अधिक मास्ट बांटे गए, लगाना अनिवार्य
तेंदूपत्ता संग्रहण से लेकर दूसरे कामों में लगे मजदूरों के लिए मास्क का इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया गया है। काम शुरू होने से पहले ही जंगल के भीतर काम करने वाले इन संग्राहकों को जिला यूनियन द्वारा 2 लाख 28 हजार मास्क नि:शुल्क वितरित किया जा रहा है, जिसका निर्माण स्थानीय स्व सहायता समूहों व वन प्रबंधन समितियों द्वारा किया जा रहा है । 18 लाख 24 हजार का भुगतान मास्क निर्माण में लगे समूहों को किया जा रहा है।
33 करोड़ से अधिक का मजदूरी भुगतान होगा
वर्ष 2020 में तेन्दूपत्ता संग्रहण हेतु पारिश्रमिक की दर 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा निर्धारित किया गया है। इस कार्य में मानपुर, मोहला, चौकी, डोंगरगांव, छुरिया में 57 हजार संग्राहक परिवारों के द्वारा तेन्दूपत्ता संग्रहण कार्य किया जाएगा। तेंदूपत्ता संग्रहण में लगे इन ब्लाकों के संग्राहकों को कुल 33 करोड़ 76 लाख रुपए पारिश्रमिक के रूप में उनके
खातों में भुगतान किया जाना है। इसके अलावा यहां पर इस काम के लिए उल्टाई-पल्टाई, ढेरी लगाई, बोरा भराई एवं गोदामीकरण कार्य में लगे श्रमिकों को लगभग 70 लाख रुपए का भुगतान किया जाएगा।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत उन किसानों को भी बीमा की राशि मिल गई है जिन्होंने धान की फसल ली ही नहीं। पटवारी ने फसल नुकसान की ऐसी रिपोर्ट बनाई कि अपात्रों को भी फायदा हो गया। ऐसा ही मामला लिटिया गांव में सामने आया है। यहां 6 किसानों को खेती के बिना ही बीमा योजना का लाभ मिल गया है।
ग्रामीणों ने इसकी शिकायत भी कर दी है और हल्का पटवारी पर गड़बड़ी का आरोप लगाया है। कृषि विभाग के उप संचालक जीएस ध्रुव ने बताया कि ग्रामीणों को इस संबंध में बीमा कंपनी से शिकायत करनी होगी। बीमा राशि कंपनी के माध्यम से जारी हुई है। लिटिया में फसल बीमा की राशि आने के बाद जब चर्चा छिड़ी तब इस बात का खुलासा हुआ कि कुछ ऐसे किसान भी हैं जो कि तीन से चार साल से खेती नहीं कर रहे हैं और जमीन बेकार पड़ी है पर इन किसानों को बीमा की राशि मिली है। जबकि कुछ किसानों को नुकसान झेलने के बाद भी भुगतान नहीं हुआ है।
बीमा लाभ के लिए पटवारी की रिपोर्ट जरूरी
गांव के राजेन्द्र वर्मा ने बताया कि पटवारी के रिपोर्ट के आधार पर ही फसल बीमा का लाभ मिलता है। यह खुद पटवारी ने ही बताया है। पटवारी के पास जब कोई छोटा किसान बीमा संबंधित काम के लिए संपर्क करता हैं तो उसे टाल दिया जाता है। जबकि बड़े किसानों को पूरा तवज्जो दिया जा रहा है। ग्रामीण वीरेंद्र जंघेल ने बताया कि पटवारी की मिलीभगत से ही बड़े किसानों को खेती नहीं करने के बाद भी बीमा की राशि मिली है। इस संबंध में बताया कि जिस किसान को फायदा हुआ है, उसकी जमीन पांच साल से बेकार पड़ी है। ग्रामीणों ने बताया कि बार-बार इसकी शिकायत कर रहे हैं पर अफसर जांच करने सामने नहीं आ रहे हैं। बताया कि कृषि विभाग के अफसरों से संपर्क किया गया था पर लॉकडाउन का बहाना कर गांव ही नहीं आए।
महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत चल रहे कार्यों में गड़बड़ी रोकने जनपद पंचायत ने सीधे तौर पर आदेश जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि मनरेगा के कार्यों में अब पंचों को भी मजदूरी करना पड़ेगा। बिना काम किए रजिस्टर में हाजिरी नहीं भरी जाएगी। यदि मजदूरी भरने में मनमानी सामने आती है तो सचिव व रोजगार सहायक जिम्मेदार होंगे। जनपद पंचायत सीईओ लक्ष्मण कचलाम ने ब्लॉक के सभी रोजगार सहायकों को पत्र जारी किया है। जनपद द्वारा जारी पत्र में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि ग्राम पंचायतों में कराए जा रहे निर्माण कार्यों में उन्हीं मजदूरी की हाजिरी मस्टररोल में भरा जाए, जो कार्य मे लगे हैं। अधिकांश ग्राम पंचायतों के मनरेगा कार्यों में पंचों द्वारा मस्टररोल में हाजिरी भरने रोजगार सहायकों पर दबाव डालने की शिकायत मिल रही है। जबकि मनरेगा अधिनियम में प्रावधान है कि जो पंच या पंचायत प्रतिनिधि मजदूरी का कार्य नहीं करते उन्हें मजदूरी नहीं मिलेगा। जनपद सीईओ ने आदेश में कहा कि यदि पंचों द्वारा दबाव बनाया जाता है तो तत्काल मनरेगा शाखा में सूचित करें।
महिला प्रतिनिधित्व को मिले मौका, की गई मांग
ग्राम पंचायतों में महिला आरक्षण में महिलाएं चुनकर तो आ जाती है लेकिन उन्हें नेतृत्व करने का मौका नहीं मिल पाता। नाम महिलाओं का और काम पति संभाल रहे हैं। इसलिए अब पतियों की दखलंदाजी को खत्म करने की पहल की जा रही है। जिन पंचायतों में महिला चुनकर आई है उन्हें नेतृत्व करने का मौका मिलेगा।
मानदेय लेने वाले कर्मचारी भी नही कर सकेंगे मजदूरी
लगातार यह भी शिकायत मिल रही थी कि मनरेगा में ऐसे लोग भी काम कर रहे थे जो स्कूल में सफाईकर्मी, मितानिन या पंचायत से अन्य कार्य के लिए मानदेय ले रहे हैं। लेकिन शासन से मानदेय लेने वाले कर्मियों को मनरेगा में काम नहीं मिलेगा। इस दिशा में भी रोजगार सहायकों को विशेष रूप से ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं।
रोजगार सहायकों को किया निर्देशित
जनपद सीईओ ने बताया कि मनरेगा श्रमिकों को मनरेगा अधिनियम एवं योजना का क्रियान्वयन से ग्राम विकास में सहभागिता के संबंध में अवगत, प्रचार-प्रसार व जागरूक करते हुए श्रमिकों द्वारा किए गए कार्य के आधार पर माप पंजी, मस्टररोल में उपस्थिति दर्ज कर मजदूरी राशि अंकित करते हुए मेट माप पुस्तिका अनिवार्य रूप से संधारित की जाए। साथ ही पंचायत प्रतिनिधियों को मनरेगा के कार्य करने के उपरांत ही मस्टररोल में उपस्थिति दर्ज किया जाए। इसे सख्ती से पालन करें।
कोविड-19 की रोकथाम व बचाव के लिए एनसीसी कैडेट्स को ऑनलाइन प्रशिक्षण मंगलवार को शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय में दिया गया। महाविद्यालय के आर्मी सीनियर डिवीजन के 12 व सीनियर विंग के 16 कैडेट एवं नेवल सीनियर डिवीजन के 6 कैडेट्स ने प्रशिक्षण लिया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित इस ऑनलाइन प्रशिक्षण में एनएचएम श्वेता आडिल व जिला चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी कवर्धा डॉ.सुरेश तिवारी के संयोजन में आईपीएस राजेश अग्रवाल, डॉ.प्रशांत श्रीवास्तव एवं डॉ.अलका गुप्ता ने कोविड-19 सुरक्षा, बचाव व रोकथाम के बारे में बताया। कैडेट्स की शंकाओं का समाधान भी किया गया। प्रशिक्षण में एनसीसी अधिकारी आर्मी मेजर किरण दामले, प्रो. संजय देवांगन नेवल से प्रो. विकास काण्डे, महाविद्यालय के रजिस्ट्रार संजय पर्गणीया, 38 छत्तीसगढ़ एनसीसी बटालियन राजनांदगांव के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल राजेश अग्रवाल, सूबेदार मेजर मुखतार सिंह सहित सभी स्टाफ ने भाग लिया।
ब्लाॅक के गातापार जंगल में प्रशासन द्वारा बनाए गए क्वारेंटाइन राहत शिविर में आए बाहरी राज्यों से लोगों की आवाजाही के बाद अब पंचायत ने गांव को सैनिटाइज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। गातापार पंचायत के बालक आश्रम छात्रावास में लॉकडाउन शुरू होने के बाद से ही बाहरी प्रदेशों के साथ मध्यप्रदेश सीमा की ओर से आ रहे लोगों को रोकने राहत शिविर बनाया गया है। यहां अब तक सवा सौ से अधिक लोगांे को रोककर उनका स्वास्थ्य परीक्षण, भोजन सहित रूकने की व्यवस्था बनाई गई है।
फिलहाल शिविर में अभी भी बाहरी प्रदेशों से जंगल के रास्ते आए 15 लोगों को क्वारेंटाइन किया गया है। कवर्धा सहित दुर्ग से बाहर से आए लोगों में पाॅजिटिव मरीज पाए जाने के बाद अब गातापार पंचायत अलर्ट हो गया है। यहां बनाए गए शिविर में भी मध्यप्रदेश, हैदराबाद, नागपुर सहित अन्य जगहों से पैदल सहित अन्य व्यवस्था से आए लोगों को क्वारेंटाइन किया गया था और अभी भी चल रहा है।
मास्क बांटे, घरों में रहने की समझाइश: गातापार जंगल के राहत शिविर में आए लोगों को रूकने और खाने की व्यवस्था संभाल रही गातापार जंगल पंचायत सुबह से पूरे गांव को सैनिटाइज करने की प्रक्रिया शुरू की। गांव की जनसंख्या लगभग 7 सौ के करीब है ऐसे में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए पंचायत स्तर पर गांव के मुख्य चौक-चौराहों के साथ पंचायत और शासकीय कार्यालयों गलियों प्रमुख जगहों के साथ हर घर के सामने हिस्से में सैनिटाइजर का छिड़काव किया गया। लोगों को संक्रमण से बचाव और घरों में ही रहने, बिना कार्य घर से बाहर नहीं निकलने की समझाईश दी गई। इस दौरान ग्रामीणों को पंचायत की ओर से मास्क का वितरण भी किया गया और हिदायत दी गई। किसी भी प्रकार के बीमारी और लक्षण पर स्वास्थ्य केन्द्र सहित स्वास्थ्य कार्यकर्ता के पास जाकर परीक्षण कराने कहा गया।
अमृत मिशन प्रोजेक्ट के तहत ग्रामीण वार्डों में मुख्य पाइप लाइन कनेक्शन का काम चल रहा है। ठेका कंपनी की ओर से जल्दी काम पूरा करने की होड़ में मनमानी भी की जा रही है।
ठेका कंपनी ने तो शुक्रवार को बजरंगपुर नवागांव के चौबे पारा में पाइप लाइन कनेक्शन करने के नाम पर छह माह पहले बनी सड़क की खुदाई कर दी। वार्डवासियों के माध्यम से पार्षद को सूचना मिली तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर काम बंद कराया। ठेका कंपनी के अधिकारियों ने निगम से परमिशन होने की बात कही पर पार्षद राजा तिवारी का कहना था कि इस रास्ते ही पानी का टैंकर आता-जाता है और बिना कोई पूर्व सूचना के खुदाई कैसे कर दी गई। पार्षद ने बताया कि सड़क की खुदाई के कारण नालियों के पास भी मलबा जाम हो गया है। आपत्ति करने पर आयुक्त ने फोन पर आश्वासन दिया कि जल्द ही सड़क की मरम्मत कराई जाएगी। इस आश्वासन के बाद पार्षद ने रास्ता छोड़ा। पार्षद तिवारी ने बताया कि अमृत मिशन प्रोजेक्ट के नाम पर ठेका कंपनी की ओर से मर्जी से कहीं भी खुदाई कर दी जाती है जबकि पार्षदों को इसकी सूचना देनी चाहिए ताकि कोई रास्ता बनाया जा सके।
लॉकडाउन में ढील के साथ ही शादियों के लिए अनुमति मिलने लगी है, लेकिन सोशल डिस्टेसिंग के पालन जैसी शर्तों का कड़ाई से पालन करना होगा। सूरजपुर में कोरोना के केस मिल चुके हैं। इसलिए जिले में 20 लोगों को ही शादियों में शामिल होने की अनुमति दी जा रही है। जबकि ग्रीन जोन में शामिल अंबिकापुर में 50 लोग शामिल हो सकेंगे। अंबिकापुर में शादी की अनुमति के लिए 11 आवेदन अब तक आ चुके हैं और शर्तों के साथ अनुमति दी जा रही है। एसडीएम अजय त्रिपाठी ने बताया कि शादियों में सोशल और फिजिकल डिस्टेसिंग का पालन करना होगा। वहीं मास्क अनिवार्य हैं। शादी में शामिल होने वाले लोगों की अगले दिन सूची देनी होगी। शादियों के लिए जो आवेदन आए हैं, वे सरगुजा और इससे लगे जिलों के हैं।
कोरोना के कारण अब तक टल चुकी हैं दो सौ शादियां, अब नई डेट में होंगी
14 अप्रैल काे खरमास खत्म हाेते ही मांगलिक कार्यों की शुरुआत होनी थी। जिले भर में 15 अप्रैल से 29 मई तक होने वाली दाे साै से अधिक शादियां टल गईं थीं। इससे सराफा, बर्तन, किराना कैटर्स, मिठाई कारीगर, रिसोर्ट, बरातघर, बैंडबाजा वालाें से लेकर पंडितों का 30 करोड़ का लगभग कारोबार प्रभावित हुआ था। शहर में 18 बारात घरों में केवल अप्रैल में 50 शादियां कैंसिल हो गई थीं।
शादियां होंगी, लेकिन सार्वजनिक भवनों का नहीं किया जा सकेगा इनमें उपयोग
शादियों के लिए जिन शर्तों के साथ अनुमति दी जा रही है उनमें शादियां घर पर ही होंगी। बारात नहीं निकाली जाएंगी। वहीं सार्वजनिक भवन का शादियों के लिए उपयोग नहीं होगा। ध्वनि बैंड बाजे और डीजे आदि का उपयोग नहीं कर सकेंगे। वहीं सामूहिक भोज पर भी प्रतिबंध रहेगा। चार पहिया वाहन में ड्राइवर सहित चार लोगों को ही आवागमन की अनुमति होगी।
30 जून तक मुहूर्त, एक जुलाई से बंद हो जाएंगे मांगलिक कार्य
30 जून तक विवाह के लग्न मुहूर्त हैं। एक जुलाई को आषाढ़ शुक्ल एकादशी (हरिशयरी एकादशी है) इस दिन भगवान क्षीर सागर में शयन के लिए चले जाते हैं और पुन: कार्तिक शुक्ल एकादशी देवोत्थान एकादशी के दिन जागते हैं जो 25 नवंबर को है। इन चार महीनों मे कोई मांगलिक कार्य नहीं होते हैं।
वर - वधू अलग-अलग जिले के निवासी होने के कारण आ रही थी दिक्कत
बलरामपुर-सूरजपुर जिले में शादियों के लिए अनुमति मिलने के बाद कई लोगों ने यहां आवेदन लगाया था। लकड़े वाले बलरामपुर के थे और लकड़ी वाले अंबिकापुर के। बलरामपुर जिला प्रशासन से अनुमति मिल गई थी और अंबिकापुर में अनुमति नहीं मिलने के कारण लोग परेशान थे। इसे देखते हुए यहां भी अनुमति दी जा रही है।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर में भर्ती युवक व महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई। दोनों को सांस लेने में दिक्कत थी। इसके चलते दोनाें के सैंपल कोरोना जांच के लिए रायपुर भेजे गए थे। रैपिड टेस्ट के बाद रायपुर से भी दोनों की रिपोर्ट कोरोना निगेटिव आई है।
सूरजपुर जिले के ललकी निवासी 50 वर्षीय महिला की मौत गुरुवार रात जबकि प्रतापपुर ब्लॉक के ग्राम गंगोटी निवासी 38 वर्षीय युवक की शुक्रवार सुबह मौत हुई है। युवक को शुरू में पेट दर्द व उल्टी आ रही थी। उसे सूरजपुर जिला अस्पताल से रेफर किया गया था। जबकि महिला को शुरू में शुगर व ब्लड प्रेशर की परेशानी थी। परिजन ने उसे े यहां भर्ती कराया था। बाद में दोनों को सांस लेने में भी काफी दिक्कत होने लगी थी। इससे डॉक्टर दोनों को कोरोना संदिग्ध मान रहे थे। सैंपल लेकर जांच के लिए रायपुर भेजे थे। हालांकि रैपिड किट से जांच में दोनों की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। इससे प्रबंधन भी फिलहाल कोरोना संदिग्ध होने से इंकार कर रहा था। मेडिकल कॉलेज में दोनों मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया था।
महिला को निजी अस्पताल प्रबंधन ने भर्ती करने से कर दिया था इंकार
भास्कर ने महिला के नाती से फोन पर बात की। नाती ने बताया कि उसकी दादी को सांस की पुरानी बीमारी थी और उनका अंबिकापुर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज चलता था। लाॅकडाउन से बीच में दादी का रूटीन चेकअप अंबिकापुर में नहीं करा पाए। इस बीच उनकी तकलीफ बढ़ गई और 6 मई को उन्हें अंबिकापुर के संबंधित प्राइवेट अस्पताल में लेकर पहुंचे। यहां अस्पताल प्रबंधन ने यह कहकर भर्ती करने से मना कर दिया।
कोरोना हाटस्पॉट जजावल से दोनों मृतकों का घर 30 से 40 किलोमीटर है दूर
सूरजपुर जिले के प्रतापपुर ब्लॉक अंतर्गत जजावल राहत शिविर में पिछले दिनों कोरोना वायरस के 6 केस सामने आए हैं। इसलिए जजावल कोरोना का हॉटस्पॉट बना है। हालांकि जजावल से युवक का घर करीब 40 किलोमीटर जबकि महिला का घर 30 किमी होना बताया जा रहा है। ये दूरी राहत देने वाली है। इससे रिपोर्ट आने के बाद ही सब कुछ स्पष्ट होगा।
सांस लेने में परेशानी के कई कारण होते हैं
"डाॅ. पीएस सिसोदिया, एमएस मेडिकल काॅलेज अस्पताल का कहना है दोनों मरीजों को सांस लेने में परेशानी की बात सामने आई है, लेकिन यही सिर्फ कोरोना के लक्षण नहीं हैं। सांस लेने में परेशानी के कई कारण होते हैं। दोनों का रैपिड टेस्ट किया गया है। जिसमें रिपोर्ट नेगेटिव आई है। दोनों केस के बारे में सूरजपुर सीएमएचओ को जानकारी दे दी गई है।"
राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत राम वनगमन पथ का चिह्नांकन कर जिले के महत्वपूर्ण स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का फैसला लिया गया है।
इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तरफ से राम वन गमन पथ के महत्वपूर्ण स्थलों को विकसित करने। इन स्थानों के धार्मिक मान्यताओं, लोक आस्थाओं पर आधारित प्रमुख केंद्रों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जन मान्यताओं पर आधारित कार्य करने का निर्देश दिया गया है। कलेक्टर दीपक सोनी ने राम वन गमन मार्ग का सर्वेक्षण कर सौंदर्यीकरण, पौधारोपण, कैफेटेरिया का निर्माण, शौचालय और विद्युत व्यवस्था सहित अन्य कार्यों के लिए कमेटी गठित की है। इसमें वन मंडलाधिकारी अधिकारी जेआर भगत, अश्वनी देवांगन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सूरजपुर, एसके विश्वकर्मा कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग व अन्य को शामिल किया गया है। वहीं कलेक्टर, एसपी, वन मंडल अधिकारी ने ओड़गी के सितलेखनी, लछमन पाव का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया। इसके साथ ही संबंधित दल को उक्त मार्गों का चिह्नांकन कर सौंदर्यीकरण सहित पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने कहा। इन स्थलों में सुविधाओं को विकसित करने के साथ कार्ययोजना के अनुसार प्रस्ताव बनाने निर्देशित किया है।
परियोजना में जिले के ओड़गी, भैयाथान व प्रतापपुर, सूरजपुर, रामानुजनगर ब्लाॅक के कई स्थानों से शोधकर्ताओं ने श्रीराम द्वारा वनवास के दौरान गुजरने के बारे में बताया है। उन्हीं लोक आस्थाओं पर आधारित स्थलों का चिन्हांकन कर राज्य सहित सूरजपुर जिले को भी राम वन गमन पथ मार्ग को एक नई दिशा मिलेगी।
इन स्थानों को किया जाएगा चिन्हांकित
जिले में भगवान राम के वन मार्गों की कई मान्यताएं हैं। इसके अध्ययन के बाद इन स्थलों का समुचित विकास कलेक्टर के मार्गदर्शन में किया जाएगा। कोरिया जिले से सूरजपुर पहुंच मार्ग रसौकी से रक्सगण्डा, सीतालेखनी, बांक, कुदरगढ़, जोगीमारा, डुगडुगी पखना, सारासोर, मरहट्टा, बिल द्वार गुफा सहित विश्व ऋषि आश्रम से रामेश्वरनगर स्थान जो प्राचीन जन मान्यता है। इन स्थानों को चिह्नांकित कर विकसित किया जाएगा।
वन परिक्षेत्र सूरजपुर के उप क्षेत्र केतका बीट में करीब 2 सप्ताह से 8 लाख से तालाब निर्माण कराया जा रहा है। कार्य रात में जेसीबी से किया जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि मशीनों से कार्य होने के कारण उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है। उन्हें काम के संबंध में जानकारी नहीं दी जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि केतका वन परिक्षेत्र में वन विभाग की ओर से जानवरों के पानी के इंतजाम के लिए तालाब की खुदाई का कार्य किया जा रहा है। यहां बरियों की एक जेसीबी और 4 ट्रैक्टरों से तालाब की खुदाई की जा रही है। ग्रामीणों ने तालाब खुदाई के स्थल चयन पर भी सवाल उठाए हैं। ग्रामीणों ने कार्य पर रोक लगाने और जांच करवाने की मांग की है।
वन्य जीवाें के लिए की जानी है पानी की व्यवस्था
एसडीओ बीएस भगत ने बताया कि आमगांव ओपन कास्ट खदान के एवज में एसईसीएल प्रबंधन ने वन्यप्राणियों के लिए पानी की व्यवस्था करने के लिए राशि दी है। इसका कार्य भी शुरू करवा दिया है। पूरे काम को 15 जून तक पूरा किया जाना है।
वन समिति के अध्यक्ष को भी नहीं दे रहे हैं जानकारी
जोबगा टेकराम ने बताया कि वह एक साल से वन समिति के अध्यक्ष हैं, लेकिन आज तक वन विभाग के किसी भी कर्मचारी व अधिकारी ने मेरी ग्राम पंचायत के अंदर कार्य होने की कोई जानकारी नहीं दी है। लाखों रुपए के निर्माण कार्य होने के बावजूद ग्रामीणों को इस काम में रोजगार नहीं दिया जा रहा है। इसके अलावा तालाब खुदाई के लिए जगह भी सही नहीं चुनी गई है।
उचित मूल्य दुकानों से गरीबों को मुफ्त में बांटे जा रहे राशन में हेराफेरी शुरू हो गई है। अप्रैल और मई का राशन एक साथ पिछले महीने बांटा गया था। बाद में प्रति परिवार 5 किलो कोटा बढ़ा दिया गया। मई में जून के राशन के साथ अप्रैल और मई का बढ़ा राशन एक साथ वितरण किया जाना है। कई दुकानदार लोगों को पूरा राशन नहीं दे रहे हैं। अग्रसेन वार्ड के बरेजपारा के लोगों ने खाद्य विभाग में शिकायत की है। आयशा को 65 किलो चावल दिया गया है, जबकि उसे एक क्विंटल 10 किलो मिलना था। शबाना परवीन को 1 क्विंटल 10 किलो की जगह 65 किलो ही दिया है। इसी तरह से कई परिवारों को कम राशन दिया गया है।
अफसरों ने जांच कर कार्रवाई करने के लिए कहा है
वार्ड के लोगों की शिकायत पर नगर निगम में मेयर इन कौंसिल के सदस्य शफी अहमद ने मामले की शिकायत फूड ऑफिसर से की है। अहमद ने कहा कि जांच कर कार्रवाई करने को कहा गया है। सरकार कोरोना संकट में गरीबों को राहत दे रही है और इसमें गड़बड़ी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसी तरह की हैं शिकायतें
शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसी तरह की गड़बड़ी की शिकायत आ रही है। जिले में दो लाख से अधिक परिवारों को उचित मूल्य दुकानों से राशन दिया जाता है। कोरोना संकट में गरीबों को मुफ्त में राशन दिया जा रहा है।
जांच के लिए पहुंचे अधिकारी
शिकायत पर शुक्रवार को खाद्य विभाग के अधिकारी जांच के लिए पहुंचे थे। अधिकारियों ने शिकायत करने वालों का बयान लिया। अधिकारियों ने कहा कि गड़बड़ी पाई गई तो कार्रवाई की जाएगी।
रघुनाथनगर थाना के अंतर्गत ग्राम पंचायत पंडरी के केनवारी पारा में दो पक्षों के बीच जमीन विवाद व अहाता निर्माण को लेकर मारपीट हुई। इसमें एक गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसे मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर रेफर कर दिया गया है।
शुक्रवार को केनवारी निवासी रामनरेश साहू घर के समीप मकान के साथ अहाता का निर्माण करा रहा था। उसका पड़ोसी शंकरलाल कुशवाहा से जमीन विवाद चल रहा है। शंखलाल ने रामनरेश से आवागमन बाधित हो रहा है कहते हुए निर्माण को लेकर विवाद शुरू कर दिया। इसके बाद दोनों पक्ष सपरिवार आपस में भिड़ गए। दोनों पक्षों में लाठी-डंडे चले, इसमें शंख लाल बुरी तरह से घायल हो गया। इसकी सूचना थाने में दी गई।थाना प्रभारी ने टीम घटनास्थल पर रवाना की। पुलिस ने घायलों को रघुनाथनगर सीएचसी में भर्ती कराया। जहां से शंख लाल को वाड्रफनगर सिविल अस्पताल भेज दिया गया। जहां उसकी हालत गंभीर देखते हुए अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में भेज दिया गया है। अन्य घायलों का इलाज रघुनाथनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में किया जा रहा है। इस घटना में पुलिस ने हंस लाल की रिपोर्ट पर आरोपी रामनरेश सहित परिवार के अन्य सदस्यों पर केस दर्ज किया है।
प्रदेश में मई माह में शनिवार और रविवार को विशेष लॉकडाउन का आदेश राज्य सरकार द्वारा जारी किया गया है, लेकिन इससे अधिक परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि इससे सामान्य दिनों की तरह ही व्यवस्थाएं हैं, न तो कोई विशेष सेवा बंद की जा रही है न ही वर्तमान की सेवाओं के समय में बदलाव किया गया है। कलेक्टर जनक प्रसाद पाठक ने शुक्रवार को कोरोना वायरस के संक्रमण से रोकथाम के लिए जिले में सप्ताह में 2 दिन शनिवार और रविवार को पूरी तरह लाॅकडाउन का आदेश जारी किया है। यह आदेश सरकारके निर्देश के परिपालन में किया गया है। मई में शुक्रवार की रात 11 बजे से सोमवार की सुबह 6 बजे तकलागू रहेगा।
इनको रहेगी छूट
अति आवश्यक सेवाओं में कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवा से संबंधित कर्मी, अस्पताल, पंजीकृत क्लीनिक, दवा दुकान, चश्मा दुकान, दवा उत्पादन की इकाई एवं संबंधित परिवहन, खाद्य आपूर्ति से संबंधित परिवहन सेवाएं, खाद्य पदार्थ, दूध्, ब्रेड, फल एवं सब्जी, चिकन, मटन, मछली एवं अंडा के विक्रय वितरण भंडारण सहित परिवहन की गतिविधिया,ं मिल्क प्लांट, घर-घर जाकर दूध बांटना, हाकर, मास्क, सैनिटाइजर, दवाइयां, एटीएम वाहन, एलपीजी गैस सिलेंडर का वाहन एवं अन्य आवश्यक वस्तुएं सेवाएं, बिजली, पेयजल आपूर्ति एवं नगरपालिका सेवाएं, मोबाइल रिचार्ज एवं सर्विसेस दुकानें, पेट्रोल, डीजल पंप एवं एलपीजी, सीएनजी गैस के परिवहन एवं भंडारण, होम डिलीवरी, रेस्टोरेंट में विभिन्न होटलों में रुके अतिथियों के लिए डाइनिंग सेवाएं, सुरक्षा कार्य में लगे सभी एजेंसियां, प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया।
इन शर्ताें के साथ खुलेंगी
जिले में समस्त औद्योगिक संस्थान एवं इकाइयों एवं खान को इस प्रतिबंध से छूट रहेगी। औद्योगिक संस्थानों को प्रतिबंध में छूट दी जा रही है, उनके लिए यह आवश्यक होगा कि वे न्यूनतम कर्मचारियों अधिकारियों का ही उपयोग करेंगे।
ये तो पहले से ही बंद हैं
सभी सार्वजनिक परिवहन सेवाएं जिसमें निजी बसें, टैक्सी, ऑटो रिक्शा, बसें, ई रिक्शा, रिक्शा इत्यादि भी शामिल है, को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाता है।
जिले में कोरोना के कम्यूनिटी संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है, मजदूरों का आना शुरू हो गया है। किस्त-किस्त में मजदूर लौट रहे हैं, उन्हें क्वारेंटाइन किया जा रहा है, किंतु दूसरे दिन फिर कोई न कोई श्रमवीरों का जत्था वहीं पहुंच रहा है, ऐसी स्थिति में जिन श्रमवीरों की 14 दिन की अवधि पूरी होगी उनके बाद आए श्रमवीरों की नहीं। इस वजह से यह दावा करना कि जो पहले 14 दिन क्वारेंटाइन में रहे उन्हें कोरोना का खतरा नहीं है गलत होगा क्योंकि वे भी लगातार बाहर से आए मजदूरों के संपर्क में अथवा आसपास रहेंगे ही। श्रमवीरों की वापसी का दौर शुरू हो गया है, प्रशासन द्वारा उन्हें क्वारेंटाइन में रखने के लिए स्थल चयन किया जा चुका है। दावा है कि सभी को 14 दिनों तक उन्हीं क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जाएगा, इसके बाद ही उन्हें उनके घर जाने दिया जाएगा। ऐसी व्यवस्था एकमुश्त एक ही दिन बाहर से आने वाले श्रमवीरों के लिए ठीक है। लेकिन जिले में रोज ही बाहर से लोग आ रहे हैं, उन्हें भी विभिन्न स्थानों में क्वारेंटाइन किया जा रहा है, इसलिए सबकी क्वारेंटाइन पीरियड अलग-अलग होगा। ऐसी स्थिति में उन पर नियंत्रण रखना कठिन होगा।
छूट की सीमा बढ़ने से लापरवाही भी बढ़ गई है
ग्रीन जोन होने के कारण हमारे जिले में लॉकडाउन का उल्लंघन होता रहा है, न तो पुलिस ने सख्ती बरती न ही प्रशासन ने ऐसा कुछ किया। लोगों ने सरकार के आदेश की अवहेलना की। लोग मॉर्निंग वॉक और इवनिंग वॉक के लिए बड़ी संख्या में अभी भी निकलते हैं। अभी लॉकडाउन के तीसरे चरण में छूट की सीमा बढ़ने से लोगों की लापरवाही भी बढ़ गई है। जब सरकार ने कहा लोगों ने माना नहीं, लेकिन जिले में 30 हजार से अधिक मजदूर विभिन्न प्रांतों से लौटेंगे। ऐसी स्थिति में खुद को ही लॉकडाउन का पालन करना अनिवार्य होगा।
अनुमति का आवेदन नहीं लिया क्योंकि दो दिन छुट्टी
जिला प्रशासन द्वारा जिले से बाहर जाने या फिर अन्य राज्य जाने वालों को अनुमति देने या नहीं देने के लिए आवेदन लिया जा रहा है। इसके लिए निर्वाचन शाखा को कंट्रोल रूम बनाया है, जहां 3 काउंटर में अलग-अलग कार्यों के लिए आवेदन लिए जाते हैं, लेकिन शुक्रवार को यहां आवेदन नहीं लिया गया क्योंकि आवेदन लेने पर दूसरे दिन यानि शनिवार को उन्हें अनुमति देनी पड़ती और इस दिन लॉकडाउन होने के कारण अनुमति संभव नहीं था, इसलिए किसी का आवेदन नहीं लिया गया, ऑफलाइन आवेदन करने वालों को ई-पास के लिए अप्लाई करने की सलाह दी गई।
निर्देशों का नहीं हो रहा पालन
कोरोना वायरस से संक्रमित व संदिग्धों के उपयोग किए समान को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही एडवाइजरी जारी कर है। जिसे उनके द्वारा उपयोग किए समानों को खुले में न फेंकने व उनका उचित निपटारा करने के बारे में बताया गया है, लेकिन यहां उन निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है।
कापन की देसी शराब दुकान प्रदेश की ऐसी पहली दुकान है, जो महिलाओं के विरोध के कारण नए वित्तीय वर्ष में अभी तक एक भी दिन नहीं खुल पाई है। गांव के अलावा पड़ोस के गांवों की भी महिलाएं अब आंदोलन का समर्थन करने के लिए दूसरे गांव से आ रही हैं, इसलिए भी उनका मनोबल बढ़ा हुआ है। गांव के पुरुष भी महिलाओं के आंदोलन में प्रत्यक्ष रूप से शामिल हैं, भले ही आज तक कोई भी पुरुष आंदोलन के आसपास भी नहीं पहुंचा है, लेकिन घरों से महिलाओं को दिन भर के लिए जाने दे रहे हैं और जो काम घरों में महिलाओं का होता है, वह काम वे अपने घरों में कर रहे हैं। कापन में स्थित देशी शराब दुकान को बंद कराने को लेकर महिलाओं ने 4 मई से शराब दुकान के सामने प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक आंदोलन किया जा रहा है। पांचवें दिन भी महिलाओं ने आंदोलन जारी रखने से शराब दुकान नहीं खुल सकी। सुबह 9 बजे के पहले गांव की महिलाएं शराब दुकान के सामने सोशल डिस्टेंस का पालन करने के साथ-साथ मास्क लगाकर पहुंच जाती हैं।
क्या कहते हैं गांव के लोग
कापन के बरातू रजक ने बताया कि उनकी पत्नी निर्मला रजक विगत पांच दिनों से आंदोलन में जा रही हैं इसलिए वे घर में सुबह का खाना बनाने के साथ-साथ घर के कामकाज कर रहे हैं। गांव में देशी शराब दुकान बंद कराने उनके द्वारा पूर्ण समर्थन दिया जा रहा है। दिलहरण सिंह कौशिक ने बताया कि पत्नी खोलबहरी बाई कौशिक सुबह 8 बजे घर से निकल जाती है। घर में 3 साल के बच्चे को खाना खिलाने एवं जतन करने के साथ-साथ परिवार को पूरा समय देकर महिलाओं का उत्साह बढ़ाया जा रहा है। रेशम लाल महिलांगे ने बताया कि पत्नी राममती महिलांगे के आंदोलन में आने से घर के कोठार में गायों को चारा पानी देने के बाद सुबह 11 बजे स्वयं खाना पकाया जाता है। दिन भर घर की देखरेख उनके द्वारा की जा रही है।
कलेक्टर ने सरपंच को महिलाओं का आंदोलन खत्म कराने कहा
कापन में कन्या छात्रावास के क्वारेंटीन सेंटर का निरीक्षण करने पहुंचे कलेक्टर जनक प्रसाद पाठक ने सरपंच शंकरलाल गौतम को महिलाओं का आंदोलन खत्म कराने का निर्देश दिया। कलेक्टर ने बताया कि गांव की महिलाओं द्वारा जांजगीर-चाम्पा जिले में धारा 144 लागू होने के बाद भी विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। महिलाएं अपनी मांगों से ग्राम पंचायत को अवगत कराएं। मांगों पर जिला प्रशासन द्वारा पहल की जाएगी।
आबकारी अधिकारी बोले पंचायत जगह दे, दुकान बंद करना संभव नहीं
"आबकारी विभाग द्वारा समझाइश देने के बाद भी महिलाएं नहीं मांग रही है। पूर्व में महिलाओं की मांग थी कि शराब दुकान को अन्यत्र संचालित किया जाए। सरपंच को शासकीय भूमि या भवन उपलब्ध कराने की मांग आबकारी विभाग ने की है। ग्राम पंचायत द्वारा भवन या भूमि उपलब्ध कराने पर दुकान का स्थानांतरण किया जायेगा। दुकान बंद करना संभव नहीं है।''
-नीतिन शुक्ला, सहायक जिला आबकारी अधिकारी
तीसरे चरण के लॉकडाउन शुरू होने के पांचवे दिन पान दुकानों व सेलून को खोलने की अनुमति दी गई, लेकिन पान दुकान के लिए शर्तें इतनी अधिक रख दी गई कि वे केवल पान बेच सकते हैं। इसलिए पहले दिन जिला मुख्यालय के अधिकांश पान दुकानें बंद रहे। चौक-चौराहों में गिने चुने दुकानें ही खुली रहीं।
शुक्रवार से जिले में पान दुकान व सैलून को खोलने की सशर्त अनुमति दी गई। पान दुकान खोलने के लिए शर्त यह थी कि वहां न तो पाउच बेच सकेंगे, ना ही सुपारी न तंबाखू। ऐसे में केवल पान ही बेचा जा सकता था इसलिए अधिकांश दुकानदारों ने दुकानें ही नहीं खोली। नेताजी चौक से लेकर लिंक रोड, बीटीआई चौक से विवेकानंद रोड होते हुए कचहरी चौक और फिर वापस नेता जी चौक तक करीब दो किमी के एरिया में पान की केवल चार दुकानें खुली थी। जो दुकानें खुली थीं वहां भी पाउच हटा दिए गए थे। इन क्षेत्रों में करीब तीस पान की दुकानें हैं।
कच्ची सुपारी बिकने लगी लगभग दोगुनी कीमत पर
जर्दा के साथ सुपारी चबाने की आदत रखने वालों के लिए बुरी खबर है। कच्ची सुपारी जो लॉकडाउन से पहले 380 रुपए किलो बिक रही थी वह लॉकडाउन के तीसरे चरण में उछल कर दोगुनी कीमत पर पहुंच गई है। माधव लॉज के पास दुकान चलाने वाले एक व्यापारी ने बताया कि कच्ची सुपारी अभी 650 रुपए किलो में बिक रही है।
संक्रमण के डर से सैलून में नहीं नजर आई भीड़
आशंका जताई जा रही थी कि करीब डेढ़ माह तक सेलून बंद होने के बाद जब खुलेंगे तो दाढ़ी, बाल कटवाने वालों की भीड़ बढ़ेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अधिकांश सैलून में शुक्रवार होने के बाद भी भीड़ नहीं थी। इसके दो कारण माने जा रहे हैं। बड़ा कारण यह है कि लोग आशंकित हैं कि सैलून से संक्रमण हो सकता है।
रेड जोन से आए मजदूरों को जिस क्वारेंटाइन सेंटर में ठहराया गया है, वहां के लोगों से मिलने के लिए मजदूरों के परिजन आ रहे हैं। क्वारेंटाइन में रह रहे मजदूर से मिलते हुए उसके रिश्तेदारों के फोटो सहित यह खबर दैनिक भास्कर में 8 मई काे प्रकाशित की गई थी। यह घटना प्रशासन को परेशान करने वाली है। इसकी गंभीरता इससे भी समझी जा सकती है कि कलेक्टर व एसपी ने सबसे पहले उसी कुटीघाट सेंटर का विजिट किया और जरूरी निर्देश दिए। साथ ही क्वारेंटाइन सेंटर की बैरिकेडिंग कराने के निर्देश दिए तथा बाहरी लोगों को किसी भी हालत में प्रवेश नहीं देने की हिदायत दी है।
कलेक्टर जनक प्रसाद पाठक और एसपी पारुल माथुर ने ग्राम कुटीघाट के स्कूल भवन में बनाए गए रेड जोन क्वारेंटीन सेंटर का निरीक्षण किया। कलेक्टर ने कहा कि कोविड-19 की सुरक्षा की दृष्टि से सेंटर के परिसर में प्रवेश पूर्णतः वर्जित करें। इसके लिए आवश्यकता अनुसार बैरिकेडिंग और सुरक्षाबल तैनात करने कहा। उन्होंने क्वारेंटीन सेंटर में भोजन, स्वच्छता, चिकित्सा आदि के लिए तैनात किए गए कर्मचारियों को प्रवेश पास जारी करने संबंधित एसडीएम को निर्देश दिए। एसपी माथुर ने कहा कि बिना पास के प्रवेश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने जिले के सभी क्वारेंटाइन सेंटर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने के निर्देश दिए।
नावाबाजार के सटे पीएचसी में बने क्वारेंटाइन सेंटर में प्रवास से लौटे व विगत 29 अप्रैल से भर्ती 33 प्रवासी श्रमिकों का सैंपल निगेटिव आने पर प्रखंडवासी प्रशासन व वासियों ने खुशी जाहिर करने के साथ सभी को सुकून मिला।ब्लॉक प्रमुख रविंद्र कुमार पासवान, सेंटर प्रभारी अशोक कुमार मीणा व इटको मुखिया दीपक गुप्ता तथा रबदा पंचायत के मुखिया डॉ. बीरेंद्र राम ने उन्हें सेंटर से विदा होने के समय सभी 33 प्रवासी श्रमिकों के ऊपर फूल बरसाए। वहीं सामुदायिक प्रभारी ने सभी को घर में रहने, सोशल डिस्टेंस मेंटेन करने तथा जरूरी होने पर मास्क लगाकर ही बाहर निकलने व हैंड वाश व सैनिटाइजर के इस्तेमाल की शपथ दिलायी।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 12वीं के बचे हुए पर्चे की तिथियां घोषित कर दी हैं। इस बार सीबीएसई पैटर्न के अंतर्गत 12वीं की परीक्षा में ट्विनसिटी से करीब 5 हजार बच्चे शामिल हो रहे हैं। मार्च के अंतिम सप्ताह में लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद उनके बचे हुए विभिन्न विषयों के 29 पर्चे स्थगित हो गए थे।
इसमें भाषा और कुछ प्रमुख विषयों के पर्चे हैं। परीक्षाएं 1 से 15 जुलाई के बीच होंगी। परीक्षा पुराने समय के अनुसार होंगी। सिर्फ इसकी तिथियां बदली गई हैं। स्टूडेंट्स को एग्जाम के लिए 53 दिन ही मिलेंगे। ऐसे में स्टूडेंटस् को पूरी मेहनत के साथ और मन लगाकर पढ़ाई और परीक्षा की तैयारी करनी होगी।
12वीं का सीएस, आईटी, भूगोल के पर्चे हैं बचे: क्षेत्रीय समन्वयक आरएस पांडेय ने बताया कि मार्च के अंतिम सप्ताह तक 12वीं के भी अधिकांश पर्चे हो चुके थे, लेकिन भाषा, रीजनल लेंग्वेज और कुछ प्रमुख विषय के पर्चे नहीं हो पाए थे। लॉकडाउन की घोषणा के बाद परीक्षाएं स्थगित कर दी गई थी। नई समय सारणी के अनुसार अब बचे हुए 29 पर्चे होंगे। इसमें मुख्य विषय हैं बिजनेस स्टडी, कंप्यूटर साइंस, इंफर्मेशन टेक्नोलॉजी, भूगोल आदि। परीक्षा की तैयारी के लिए छात्रों को भरपूर समय दिया गया है। इस दौरान वह पर्चों की अच्छे से तैयारी कर सकेंगे।
तैयारी के लिए मिल रहे हैं 53 दिन : 9 मई से 30 जून तक बच्चे परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं। इस तरह उन्हें प्रिपरेशन के लिए 53 दिन मिलेंगे। स्थगित परीक्षाएं 1 जुलाई से होंगी। 15 जुलाई के बीच सारे बचे हुए पर्चे हो जाएंगे। इन दिनों मार्च में हुए पर्चों के मूल्यांकन का कार्य चल रहा है। परीक्षाओं के दौरान ही उनकी उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराया जाएगा, ताकि जल्दी से जल्दी नतीजे घोषित करने में किसी तरह की परेशानी न हो और बच्चे अपनी इच्छानुसार अकादमिक या प्रोफेशनल कॉलेजों में प्रवेश ले सकेंगे।
जबकि, बाहर जिलों से आए कई स्टूडेंट्स वापस चले गए हैं अपने घर
ट्विनसिटी में दुर्ग जिले समेत पूरे राज्य से बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं। उनके साथ ओडिशा, झारखंड और मध्यप्रदेश जैसे पड़ोसी राज्यों के बच्चे भी ट्विनसिटी में ही रह कर 12वीं की परीक्षा के साथ प्रोफेशनल कोर्स में प्रवेश की तैयारी करते हैं। अभी सभी बच्चे छात्रावासों के बंद होने की वजह से अपने घर चले गए हैं। उनके बताए मोबाइल नंबरों पर परीक्षा की सूचना दी जाएगी। स्कूल के सूचना पटल पर भी समय सारणी चस्पा किया जाएगा। बता दें कि दुर्ग-भिलाई के स्टूडेंट्स ऑनलाइन क्लासेस से भी तैयारी कर रहे हैं।
10वीं के बचे सभी पेपर की होगी इंटरनल मार्किंग
10वीं के बचे हुए पर्चे नहीं होंगे। अधिकांश विषयों की परीक्षाएं हो चुकी हैं। सामान्य भाषा और संगीत के पर्चे बचे हैं। उसमें शामिल होने वाले बच्चों की इंटर्नल मार्किंग की जाएगी। यानी शिक्षा सत्र के दौरान यूनिट टेस्ट, हाफ ईयरली और मॉडल पेपर के साथ ही प्रैक्टिकल परीक्षा में जो मार्क्स मिले होंगे उसके अनुसार जिन विषयों की परीक्षाएं नहीं होंगी, उनमें छात्र-छात्राओं को अंक दिए जाएंगे। बताया जाता है कि अभी तक करीब 70 फीसदी कॉपियों का मूल्यांकन हो चुका है। सीबीएसई कॉपी चेक होने के बाद जल्द ही रिजल्ट भी जारी करेगा, ताकी आगे की पढ़ाई शुरू हो सके।
अमृत मिशन फेस टू के तहत नवनिर्मित हाउसिंग बोर्ड पानी टंकी और पाइप लाइन की टेस्टिंग का काम पूरा कर लिया गया है। साथ ही पानी की सप्लाई भी शुरू कर दी गई है। इस टंकी के निर्माण से हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र के करीब 25 हजार परिवार लाभान्वित होंगे। क्षेत्र के हर परिवार को पानी मिल सके। इसके लिए तेजी से नल कनेक्शन भी दिया जा रहा है। मेयर व विधायक देवेंद्र यादव ने पेयजल व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश के बाद अधिकारियों ने यहां प्रोजेक्ट पूरा किया। 25 हजार लोगों को राहत मिलेगी।
बिछाई गई नई पाइप लाइन
नवनिर्मित हाउसिंग बोर्ड पानी टंकी की टेस्टिंग की। इसके बाद टंकी में पानी भरने के साथ ही अमृत मिशन योजना के तहत हाउसिंग बोर्ड एरिया में जो नई पाइप लाइन बिछाई गई हैं।
3500 घरों को मिलेगा रोज साफ पानी
नव निर्मित हाउसिंग बोर्ड पानी टंकी की क्षमता 32 लाख लीटर की है। इसके अलावा हर घर तक पानी की सप्लाई की जा सके। इसके लिए नई वितरण पाइपलाइन लगभग 35 किलोमीटर तक बिछाई गई है। नई पाइप लाइन से नल कनेक्शन देने का काम भी जोरो से चल रहा है। क्षेत्र में करीब 3500 घर है। इसमें से 2600 घरों में नए पाइप से कनेक्शन दिया जा चुका है और मात्र करीब 1000 घर बचे है।
भिलाई के हर घर तक पहुंचाएंगे पानी
हाउसिंग बोर्ड में फेस-2 के तहत प्रोजेक्ट पूरा हो गया है। पानी सप्लाई शुरू हो गई है। पानी टंकी, फिल्टर प्लांट व पाइप लाइन बिछाई गई है। भिलाई के हर घर तक साफ पानी पहुंचेगा।
-देवेन्द्र यादव, मेयर व विधायक, भिलाई
बीएसपी के नगर सेवाएं प्रशासन की बिजली विभाग ने 3 करोड़ से अधिक बकाया बिजली बिल वसूलने के लिए इनकम टैक्स, बीएसएफ, पुलिस प्रशासन सहित 200 उपभोक्ताओं को नोटिस जारी किया है। इन्हें बकाया बिजली बिल का भुगतान करने 15 दिनों का समय दिया है। इस अवधि में भुगतान नहीं करने की स्थिति में बीएसपी प्रबंधन ने बिजली कनेक्शन काटने की चेतावनी दी है।
बिजली विभाग ने ऐसे करीब 400 उपभोक्ताओं की सूची तैयार की है, जिन्होंने वर्षों से बिजली बिल का भुगतान नहीं किया है। इनमें इनकम टैक्स विभाग (9 लाख), बीएसएफ ( साड़ी 5 लाख) और पुलिस प्रशासन (7 लाख) जैसे उपभोक्ता शामिल हैं।
नोटिस देकर ली जा रही है रिसिप्ट, चेतावनी भी दी
बिजली विभाग पूर्व में बकायादारों को नोटिस तो जारी करता था लेकिन रिसीव कॉपी नहीं लेता था। इस बार विभाग ने इस प्रैक्टिस को बदलते हुए नोटिस थमाने के साथ ही रिसिप्ट भी ले रहा है। नोटिस में भुगतान के लिए 15 दिनों का समय दिया जा रहा है। कनेक्शन काटने की भी चेतावनी दी है।
दोबारा लाइन जोड़ने पर भी वसूली जाएगी पेनाल्टी
बिजली विभाग ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि 15 दिनों के भीतर भुगतान नहीं करने पर लाइन तो काटी जाएगी, इसके बाद भुगतान करने पर दोबारा लाइन जोड़ने के लिए भारी भरकम जुर्माना वसूला जाएगा।
बीएसपी सहित सेल की सभी इकाइयों में 10000 अप्रेंटिसशिप भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। आवेदकों को नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग (एनएटीएस) के वेबसाइट में आवेदन की औपचारिकता पूरी करनी होगी। कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय ने 29 अप्रैल को डायरेक्टोरेट आफ पब्लिक एंटरप्राइजेज (डीपीई) को पत्र लिखकर सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों में वर्तमान मैनपावर क्षमता का 10 से 15% अप्रेंटिसशिप भर्ती के लिए कहा है। जिसके मुताबिक, सेल में करीब 10000 अप्रेंटिस की भर्ती की जानी है। अप्रेंटिसशिप करने वालों को शैक्षणिक योग्यता के मुताबिक 5 से 9000 प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा।
एक दिन पहले लावारिस हालत में मिले केरोसीन के टैंकर मामले में पुलिस ने टैंकर मालिक की पहचान कर ली है। यह ट्रक टैंकर किसी सुजीत गुप्ता का है। इसका भाई इससे पहले पिछले दिनों फर्नेस ऑयल कालाबाजारी के मामले में पकड़ा गया था।
इसके बाद पुलिस ने एक बार पुन: काले तेल की कालाबाजारी की आशंका जाहिर करते हुए जांच आगे बढ़ाई है। जब्त किया गया केरोसीन सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीब परिवारों के सप्लाई का था, जिसे अन्यत्र खपाए जाने की तैयारी थी। इस बीच पुलिस की नजर वाहन पर पड़ी और पुलिस ने इसे जब्त कर लिया। अब पुलिस इस मामले में काले तेल के कारोबार से जुड़े पुराने माफियाओं की कुंडली खंगाल रही है।
पुलिस ने बताया कि कोवित्रम इंजीनियरिंग वर्कस के सामने टैंकर लावारिस मिला था। वाहन के नंबर के आधार पर इसके मालिक की पहचान सुजीत गुप्ता के रूप में। प्राथमिक जांच में केरोसिन पीडीएस के होने की बात सामने आई है। इसके आधार पर सुजीत से इस संबंध में दस्तावेज मांगे गए हैं। पुलिस सुजीत गुप्ता के वेयर हाउस में पहले भी कार्रवाई कर चुकी है।
आईजी जीपी सिंह ने किया था पूरे रैकेट का खुलासा
दो साल पहले तत्कालीन आईजी जीपी सिंह ने एक स्पेशल टीम का गठन कर पूरे केरोसिन के इस रैकेट का खुलासा किया था। इस दौरान तीन दर्शन मंदिर, हथखोज और राजनांदगांव के ठिकानों पर छापेमारी की गई। आईओसी के फर्नेस ऑयल की जगह नकली काला तेल बनाने की फैक्ट्री की जानकारी हुई। इसमें संतोष गुप्ता को पुलिस ने गिरफ्तार किया। वर्तमान में वह जमानत पर है। सुजीत उसी संतोष गुप्ता का भाई बताया गया है।
सेक्टर-9 अस्पताल में लॉन्ड्री के नए ठेके और अटेंडेंट्स को काम पर रखने को लेकर लंबे समय से चल रहा विवाद का शुक्रवार को निपटारा हो गया।
ठेकेदार हटाए गए अटेंडेंस को काम पर रखने के लिए तैयार हो गया है। वही भुगतान में गड़बड़ी ना हो, इसके लिए प्रबंधन ने ऑनलाइन सिस्टम लागू करने की बात कही है। भिलाई निवास में जिला प्रशासन की मध्यस्थता में बीएसपी प्रबंधन और सीटू के ठेका यूनियन के प्रतिनिधियों की बैठक हुई।
बैठक में ईडीपीएंडए एसके दुबे ने बताया कि सेक्टर 9 अस्पताल का टेंडर एक-दो दिन में अवार्ड कर दिया जाएगा। सभी अटेंडेंट को काम पर वापस रखा जाएगा। लॉन्ड्री में कार्यरत श्रमिकों को काम पर लिया जाएगा। श्रमिकों को नहीं हटाया जाएगा। ठेकेदारों से चर्चा कर सभी श्रमिकों को एक-दो दिनों में काम पर बुला लिया जाएगा। श्रमिकों के वेतन भुगतान में किसी तरह की गड़बड़ी ना हो इसके लिए चेक की बजाए ऑनलाइन पेमेंट की व्यवस्था की जा रही है। प्रबंधन से चर्चा के बाद अंतिम निर्णय लिया गया है।
कोविड-19 लॉकडाउन के कारण भले ही स्टील मार्केट में डिमांड कम हो गई हो, लेकिन स्थिति के सामान्य होते ही सेल के उत्पादों की डिमांड बढ़ जाएगी। ऐसे में कर्मियों को डिमांड मुताबिक उत्पादन के लिए तैयार रहना होगा। प्रबंधन कर्मियों की सुविधा में किसी भी तरह की सुविधा में कटौती नहीं करने जा रही। सेल प्रबंधन ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से एनजेसीएस सदस्य, यूनियन प्रतिनिधियों के साथ की गई बैठक में कंपनी की स्थिति से अवगत करााय।
शुक्रवार को एनजेसीएस सदस्य यूनियन के प्रतिनिधियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में चर्चा के दौरान सेल प्रबंधन की ओर से डायरेक्टर पर्सनल अतुल श्रीवास्तव व डायरेक्टर फाइनेंस अमित सेन ने यह जानकारी दी। बैठक में यह भी बताया गया कि जो कार्य रुके हुए है, जिसके कारण स्टील प्रॉडक्ट की डिमांड घट गई है। वे सभी रूके प्रोजेक्ट दोबारा और जल्द शुरू होंगे। स्थिति सामान्य होने के साथ ही स्टील प्रॉडक्ट की डिमांड आने लगेगी। इतना ही नहीं जिन पार्टियों ने लॉकडाउन के कारण आर्डर कैंसिल कर दिए हैं, उनसे भी दोबारा आर्डर मिलना तय है। ऐसे में कर्मियों को उत्पादन बढ़ाने के लिए तैयार हो जाना चाहिए।
प्लांट में मिलों और शाप्स को किया जा रहा अपग्रेड
सेल प्रबंधन की ओर से जानकारी दी गई कि भविष्य में स्टील मार्केट में आने वाले उछाल को देखते हुए सभी एकीकृत प्लांट में उन मिलों व शाप्स को अपग्रेड किया जा रहा है। ऐसे स्थलों पर उत्पादन बढ़ने की संभावना है। एसएमएस-3 के साथ रेल मिल, यूआरएम में अपग्रेडेशन चल रहा है।
संकट की घड़ी में कर्मचारी उत्पादन बढ़ाने को तैयार
इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजीवा रेड्डी व सीटू के तपन सेन सहित अन्य यूनियन प्रतिनिधियों ने कहा कि सभी कर्मचारी संकट की इस घड़ी में हर संभव मदद करने को तैयार है। फिर बात उत्पादन बढ़ाने की ही क्यों न हो। इसके लिए संयंत्रों का मेटनेंस कार्य पूरा कर लिया जाए, ताकि उत्पादन बढ़े।
मार्केट डेवलप करने बनाई जा रही योजना
स्टील प्रॉडक्ट्स की डिमांड बढ़ाने को लेकर प्रबंधन द्वारा क्या उपाय किए जा रहे है, यूनियन प्रतिनिधियों के इस सवाल पर प्रबंधन की ओर से बताया गया कि सेल के उत्पाद की मार्केट में डिमांड हो इसके लिए योजना बनाई जा रही है। मार्केट विकसित किया जा रहा है।
नगर पालिक निगम भिलाई के मुख्य कार्यालय में टैक्स जमा करने आने वाले लोगों के लिए अतिरिक्त कक्ष स्थापित किया गया है। ताकि सोशल डिस्टेंस मेंटेन किया जा सके।
निगम में विभिन्न प्रकार के टैक्स जमा करने आने वाले लोगों के लिए सोशल डिस्टेंस मेंटेन करना आवश्यक है। जिसके तहत अतिरिक्त कक्ष में टैक्स काउंटर खोला गया है। गौरतलब है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के संपत्ति कर जमा करने के लिए नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा तिथि में इजाफा करते हुए 15 मई तक के लिए बढ़ाया है। टैक्स जमा करने हेल्पलाइन नंबर 18001216505 भी जारी किया गया है। टैक्स डोरटूडोर भी जमा लिया जा रहा है। इसे भी शुरू करा दिया गया है।
घर बैठे ऐसे कर सकते हैं ऑनलाइन जमा
कई करदाता घर बैठे ऑनलाइन भी टैक्स जमा कर रहे हैं ऐसे 360 से अधिक लोगों ने ऑनलाइन टैक्स जमा किया है। तिथि बढ़ने के बाद निगम मुख्यालय सहित जोन कार्यालय में टैक्स जमा करने वालों में बढ़ोतरी हुई है। निगम मुख्यालय के अलावा नजदीकी जोन में भी संपत्तिकर जमा किए जा सकते हैं इसके लिए स्पैरो सॉफ्टवेयर लिमिटेड ने कार्यालयों में व्यवस्था की हुई है। करदाता www.cgsuda.com में ऑनलाइन पेमेंट को क्लिक कर भिलाई सलेक्ट करने के बाद ऑनलाइन पेमेंट किया जा सकता है
नगर पालिक निगम भिलाई के मुख्य कार्यालय में टैक्स जमा करने आने वाले लोगों के लिए अतिरिक्त कक्ष स्थापित किया गया है। ताकि सोशल डिस्टेंस मेंटेन किया जा सके।
निगम में विभिन्न प्रकार के टैक्स जमा करने आने वाले लोगों के लिए सोशल डिस्टेंस मेंटेन करना आवश्यक है। जिसके तहत अतिरिक्त कक्ष में टैक्स काउंटर खोला गया है। गौरतलब है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के संपत्ति कर जमा करने के लिए नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा तिथि में इजाफा करते हुए 15 मई तक के लिए बढ़ाया है। टैक्स जमा करने हेल्पलाइन नंबर 18001216505 भी जारी किया गया है। टैक्स डोरटूडोर भी जमा लिया जा रहा है। इसे भी शुरू करा दिया गया है।
घर बैठे ऐसे कर सकते हैं ऑनलाइन जमा
कई करदाता घर बैठे ऑनलाइन भी टैक्स जमा कर रहे हैं ऐसे 360 से अधिक लोगों ने ऑनलाइन टैक्स जमा किया है। तिथि बढ़ने के बाद निगम मुख्यालय सहित जोन कार्यालय में टैक्स जमा करने वालों में बढ़ोतरी हुई है। निगम मुख्यालय के अलावा नजदीकी जोन में भी संपत्तिकर जमा किए जा सकते हैं इसके लिए स्पैरो सॉफ्टवेयर लिमिटेड ने कार्यालयों में व्यवस्था की हुई है। करदाता www.cgsuda.com में ऑनलाइन पेमेंट को क्लिक कर भिलाई सलेक्ट करने के बाद ऑनलाइन पेमेंट किया जा सकता है
लॉकडाउन में फंसे मजदूर किसी तरह अपने घर लौटना चाहते हैं। इस फेर में वे जान जोखिम में डाल रहे हैं। हैदराबाद से झारखंड जाने निकले मजदूर ट्रकों के ऊपर बैठकर जा रहे हैं। कई लोग पैदल ही रवाना हुए थे। रायपुर में आने के बाद सीमेंट लोड ट्रक में बैठकर शुक्रवार को हरदीबाजार के सरईसिंगार चेकपोस्ट पहुंचे। जहां पुलिस ने रोककर नीचे उतारा। नेशनल हाईवे बिलासपुर से पाली मार्ग पर ट्रक के ऊपर बैठकर जा रहे मजदूरों को तो कोई रोकने वाला भी नहीं है।ट्रक व ट्रेलर में शुक्रवार सुबह 4 बजे ग्राम सरईसिंगार-बलौदा मार्ग पर लगे चेकपोस्ट के पास 20-25 प्रवासी मजदूर हाथ में बैग रखे पैदल ही आ रहे थे। जब ड्यूटी में तैनात आरक्षक, कोटवार ने इतनी संख्या में देखा तो उन्हें अस्थाई बनाए शिविर में रुकने कहा। उन्होंने बताया कि वे हैदराबाद से पैदल रायपुर आए हैं। वे हम अपने गांव झारखंड जा रहे है, ये सभी रायपुर से सीमेंट वाले वाहन जो हरदीबाजार आ रहा था, उसमें किराया देकर बैठे थे। तब वह लेकर आया है। वाहन चालक ने कार्रवाई के डर से चेकपोस्ट के पहले ही सभी मजदूरों को उतार दिया। इसके बाद वे पैदल जा रहे हैं। सुबह 7 बजे एक ट्रेलर में 10 मजदूर पहुंचे थे। इस बीच रात 11 बजे भी 7 मजदूर साइकिल से झारखंड जा रहे थे। साइकिल पंक्चर होने पर बनवाया, उसके बाद फिर से निकल गए।
बिजली कंपनी ने अधिकारी कर्मचारियों को निर्देश जारी किया है कि इलाज के लिए रेफर किए गए मामलों में मेडिकल बिल के भुगतान के दौरान फाइनल बिल में अगर सेंट्रल गर्वमेंट हेल्थ स्कीम (सीजीएचएस) कोड का उल्लेख नहीं होगा तो मेडिकल राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा।
सुधार के लिए बिल को वापस भेज दिया जाएगा। इस तरह के बिलों का सुधार हो जाने के बाद ही बिल का सत्यापन किया जाएगा। बिजली कंपनी के ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि निजी अस्पतालों में रेफरल और वहां इलाज होने के बाद मेडिकल राशि लेने के लिए अस्पताल में सत्यापन के लिए प्रस्तुत किए जाते हैं। लेकिन यह देखने को मिल रहा कि कई बिलों में सीजीएचएस का कोड नंबर ही नहीं लिखा होता है। ऐसे में मेडिकल बिल के भुगतान के सत्यापन में दिक्कत होती है और भुगतान में भी देरी होती है। कई बार मरीजों को अधिक भुगतान हो जाने के बाद रिफंड के लिए भी भटकना पड़ता है। ऐसे में बिजली कंपनी ने कहा है कि रेफरल के बाद जब तक इमरजेंसी न हो इलाज से पहले या बिलिंग के पहले निजी अस्पतालों में होने वाले खर्च का इस्टीमेट लेकर ही औषधालय से चेक करवा लिया कि यह सीजीएचएस के दरों के अनुरूप है या नहीं। अगर किसी कारण से कर्मचारी पहले इस्टीमेट नहीं लिया गया है तो फाइनल बिल में सभी भुगतान राशियों के सामने सीजीएचएस कोड का अनिवार्य रूप से उल्लेख होना चाहिए, जिससे कर्मचारियों को परेशानी उठानी ना पड़े।
निर्देश के अनुसार ही अनुबंधित अस्पतालों में उपचार की सुविधा
बिजली कर्मियों की सीजीएचएस दरों पर उपचार के लिए अधिसूचित अस्पतालों की सूची पावर कंपनी समय-समय पर जारी करती है। इन अस्पतालों में कर्मचारियों के सीजीएचएस दरों पर बिलिंग की शर्त पर ही इन्हें अधिसूचित किया जाता है। लेकिन कर्मचारियों की यह शिकायत रहती है कि अस्पताल हमेशा सीजीएचएस दर पर बिलिंग नहीं करते। इससे कर्मियों को आर्थिक नुकसान होता है। उन्हें अतिरिक्त भुगतान खुद ही करना पड़ता है। वहीं विभाग से पूरी राशि नहीं मिल पाती है।
कैशलेस मेडिकल सुविधा की मांग अब तक नहीं हुई पूरी
वर्तमान में कर्मचारी अस्पतालों में खुद के खर्च पर इलाज कराते हैं बाद में उनको मेडिकल भुगतान विभागों से किया जाता है। कर्मचारियों की शिकायत रहती है कि जितना खर्च इलाज में लगता है, उतनी राशि कंपनी से नहीं मिल पाती। इससे आर्थिक समस्या झेलनी पड़ती है। वहीं बिजली कंपनी में अधिकारी कर्मचारी लंबे समय से कैश लेस मेडिकल सुविधा की मांग कर रहे हैं। इसकी प्रक्रिया आगे भी बढ़ाई, लेकिन वास्तव में कर्मचारियों को अब तक इसका लाभ मिलना शुरू नहीं हुआ है।
निगम क्षेत्र के वार्डों में वालंटियर्स की नियुक्ति की गई है जो दूसरे राज्यों या जिले से अाए लोगों की जानकारी देंगे। आयुक्त राहुल देव ने उनकी भूमिका के बारे में बताते हुए कहा कि काेरोना की लड़ाई में हर किसी का सहयोग जरूरी है।
निगम के 8 जोन में वालंटियर की नियुक्ति की गई है। जो स्वेच्छा से कोरोना की लड़ाई में अपना सहयोग करेंगे। शहर के टीपी नगर इंदिरा स्टेडियम परिसर स्थित राजीव गांधी ऑडिटोरियम में इन वालंटियरों को निभाई जाने वाली भूमिका के संबंध में बताया गया। अपर आयुक्त अशोक शर्मा ने भी उनके दायित्वों के बारे में बताया। आयुक्त ने कहा कि शासन के गाइडलाइन के अनुसार लॉकडाउन में फंसे श्रमिकों व अन्य लोगों को आने की अनुमति दी गई है। काफी संख्या में लोग कोरबा पहुंचे भी हैं, जिन्हें क्वारेंटाइन किया गया है। आपके वार्ड में जैसे ही बाहर से लोग आएं। इसकी जानकारी जोन कमिश्नर को दें। ऐसे लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण व क्वारेंटाइन करने की कार्यवाही की जाएगी। बाहर से पहुंचे लोगों से सम्मानजनक व्यवहार किया जाए। वालंटियर यह भी ध्यान रखें कि जो व्यक्ति क्वारेंटाइन पर है वह घर से बाहर निकलकर घूम तो नहीं रहा है। अगर ऐसा है तो इसकी सूचना भी प्रशासन को दें। कोरोना की चेन तोड़ने अलर्ट रहें।
टेंडा नवापारा के पास रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन प्रोजेक्ट कार्यालय में स्कार्पियो सवार डकैतों ने धावा बोलकर सुरक्षा में लगे 3 गार्ड को बंधक बना लिया और 16 लाख रुपए का सामान और तार को गाड़ी में लोडकर भाग निकले। सुबह राहगीरों की मदद से गार्ड कमरे से बाहर आए और कंपनी के अफसरों को घटना की सूचना दी। पुलिस ने डकैती का मामला दर्ज कर डकैतों की तलाश शुरू की। देर रात तक कुछ के गिरफ्तार करने की जानकारी मिली है।
घरघोड़ा थाना में जानकारी देते हुए न्यू मार्डन टेक्नोमेक प्राइवेट कंपनी लिमिटेड ओडिशा के प्रोजेक्ट मैनेजर बैजनाथ आर्य ने बताया कि कंपनी रेलवे में खरसिया से धरमजयगढ तक का इलेक्ट्रिफिकेशन का काम कर रही है। उसके लिए घरघोड़ा के टेंडा नवापारा में स्टोर आफिस बनाया है। गुरुवार की रात 12 बजे के स्कार्पियो से आए 8 से 10 डकैतों ने सुरक्षा ड्यूटी में तैनात तीन गार्डों को बंधक बनाकर 16 लाख रुपए के सामान की डकैती की और भाग निकले। स्टोकर की सुरक्षा ड्यूटी में तैनात गार्ड सुरेश चौहान, त्रिम्बक चौहान और बसंत राठिया ने बताया कि स्टोर में वह तीनों ड्यूटी कर रह रहे थे। अचानक गाड़ी आकर रुकी तो उन्होंने टार्च की रोशनी उन्हें देखने का प्रयास किया। इसी बीच कुछ लोग गाड़ी से उतर कर पास आ गए। उन्हें लगा कि गाड़ी पर सवार लोग रास्ता भूल गए है। चारों उनके पास आते ही मारपीट करने लगे और तब तक गाड़ी भी पास आ गई और उससे उतरे लोगों ने तीनों को बंधक बना कर पास के जंगल की ओर ले गए। यहां पर जान से मारने की धमकी दी और वापस लाकर आफिस रूम में बंधक बना दिया। डकैतों ने स्टोर से एसी, 3 डेस्कटाप कंप्यूटर, प्रिंटर, कापर वायर ड्रम 3000 मीटर, 1500 मीटर रोल्ड ड्रम साथ ले गए। प्रोजेक्ट मैनेजर ने पुलिस को बताया कि डकैती में गए सामान की कीमत 16 लाख रुपए है। थाना प्रभारी घरघोड़ा ने बताया कि शिकायत के आधार पर धारा 323, 342, 395, 457, 506 आईपीसी के तहत अपराध दर्ज कर डकैतों की तलाश जारी है।
स्कार्पियो सवार डकैतों को पता था कि स्टोर में कहां रखा है कीमती सामान
टेंडा नवापारा के रेलवे स्टोर में लूटपाट करने वाले लोग स्कार्पियो से आए थे। गार्ड और स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक लूटपाट करने वाले स्टोर की हर एक जानकारी थी। बदमाशों को पता था कि कौना सा कीमती सामान कहां है। आधे घंटे के अंदर ही बदमाशों ने स्टोर से सामान गाड़ी में लोडकर वहां से भाग निकले। स्थानीय लोगों को शंका है कि बदमाश बाहरी नहीं बल्कि स्थानीय है।
सुबह होने पर ऑफिस के अंदर से आई आवाज तो ग्रामीणों ने बाहर निकाला
स्टोर में गुरुवार लूटपाट के बाद बंधक बने गार्ड शुक्रवार सुबह तक बाहर नहीं निकल पाए। कमरे से गार्ड दरवाजे पर हाथ मारकर आवाज देते रहे। सुबह रास्ते से गुजर रहे कुछ स्थानीय लोगों ने आवाज सुनी तो वहां पहुंचे। उन्होंने हिम्मत जुटाते हुए दरवाजा खोल कर गार्डों को बाहर निकाला, तो गार्ड ने पूरी घटना की जानकारी उन्हें दी और कंपनी प्रबंधन को घटना की सूचना दी।
एसपी की जांच टीम में 4 थानों की पुलिस शामिल
डकैती की सूचना मिलते ही पुलिस शुक्रवार सुबह से हरकत में आई। एसपी संतोष कुमार सिंह घटना के खुलासे के लिए एसडीओपी धर्मजयगढ़ सहित घरघोड़ा, तमनार, लैलूंगा, धरमजयगढ़ पुलिस को लगाया। पुलिस ने घटना स्थल टेण्डा नवापारा की जायजा लेने के बाद चारों ओर नाकेबंदी की। दोपहर बाद बदमाशों की लोकेशन पुलिस को मिलनी शुरू हुई। देर शाम तक पुलिस ने कुछ को गिरफ्तार किया है।
शराब ने बढ़ाए मामले
लॉकडाउन में शराब बिक्री होते ही अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। नशे में ही कापू थाना क्षेत्र के कंचीरा में छोटे भाई ने बड़े भाई की टांगी मार कर हत्या कर दी। वहीं सारंगढ़ के छोटे परसदा में शराबी पति ने पत्नी की गलाघोंट कर हत्या कर दी थी।
कोयले के स्टॉक और दस्तावेजों में टैक्स चोरी के संदेह में जीएसटी विभाग की टीम ने शुक्रवार को इंद्रमणि ग्रुप के कोरबा, बिलासपुर, खरसिया के ठिकानों पर छापा मारा। इसमें खरसिया के छोटे डूमरपाली स्थित भाटिया एनर्जी कोल लिमिटेड और केएल एनर्जी कोल बेनीफिकेशन शामिल हैं। भाटिया एनर्जी कोल लिमिटेड के फर्म में किसी से मुलाकात नहीं होने पर टीम ने उसे सील कर दिया। छाल रोड स्थित केएल एनर्जी पर देर रात तक छापे की कार्रवाई चलती रही। जीएसटी के इन्फोर्समेंट के ज्वाइंट कमिश्नर गोपाल वर्मा ने बताया कि इंद्रमणि ग्रुप की सभी फर्मों में छापा मारा गया है। प्रारंभिक जांच में स्टॉक वेरिफिकेशन और कागजात की छानबीन करने पर हिसाब में ज्यादा अंतर मिला है, यह कार्रवाई आगे भी चलती रहेगी। दोनों कोल वाशरी की कार्रवाई में जीएसटी के साथ खनिज और पुलिस विभाग के अफसर भी मौजूद थे। शुक्रवार को हुई कार्रवाई में रायगढ़ के अलावा बिलासपुर, रायपुर के अफसर भी शामिल हुए।
एमआईसी ने को मंत्री की अनुशंसा पर हाईकोर्ट के लिए अधिवक्ता की नियुक्ति व बोइरदादर के प्रभावित व्यवसायियों को दुकान आवंटन समेत 8 से ज्यादा प्रस्तावों को मंजूरी दी है। बैठक में 12 से ज्यादा प्रस्ताव रखे गए थे, जिसमें दो प्रस्ताव पर सभी सदस्यों ने सहमति के बाद निरस्त किया।
शहर सरकार चुने जाने के बाद दूसरी बाद एमआईसी की बैठक शुक्रवार को बुलाई गई थी। लॉकडाउन की वजह से सिर्फ लंबित मामले और अति आवश्यक विषयों से संबंधित प्रस्ताव बैठक में रखे गए। बैठक में सबसे पहले राष्ट्रीय परिवार सहायता, इंदिरा गांधी पेंशन, सुखद सहायता जैसे समाज कल्याण विभाग के पात्र आवेदनों पर विचार करने के बाद मंजूरी दी गई। 2018 में जल विभाग द्वारा सबमर्सिबल व मेंटेनेंस पर व्यय राशि 46 लाख रुपए कार्य को मंजूरी दी। 2.11 करोड़ के रामपुर ट्रेचिंग ग्राउंड के लिए मंजूर कार्य को भी स्वीकृति दी गई।
इंजीनियर और निरीक्षक की मांग को निरस्त किया
निगम के फील्ड इंजीनियर सूरज देवांगन और स्वच्छता निरीक्षक राजू पांडेय ने निगम से पेट्रोल खर्च की मांग की थी। इसे एमआईसी में रखा था। एमआईसी सदस्यों ने चर्चा के बाद कर्मचारियों सर्व सम्मति इसे निरस्त कर दिया। साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से लॉकडाउन में सहायक ग्रेड-2 को लेखा प्रशिक्षा में जाने की अनुमति भी एमआईसी ने निरस्त कर दी है।
बजट में 6.22 करोड़रुपए का फायदा
एमआईसी ने नए वित्तीय वर्ष के लिए तैयार बजट पर चर्चा की। निगम के लेखा अधिकारी ने सदस्यों को बताया कि इस वित्तीय वर्ष का बजट 6.22 करोड़ फायदे का बजट है। एमआईसी में स्वीकृत होने के बाद यह बजट परिषद में लाई जाएगी। फिलहाल इस वित्तीय वर्ष के बजट में एमआईसी ने आय व्यय से संबंधित जानकारी अब तक सार्वजनिक नहीं की है।
शुक्रवार की दोपहर तक सूर्य लोगों को जमकर तपाया फिर शाम 4 बजे अचानक आसमान में बादल छा गए और देखते ही देखते मौसम बदल गया और नमी युक्त तेज हवा चलने लगी। इससे पारा 5 डिग्री घटकर 33 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। मौसम विभाग के अनुसार अगले 48 घंटे में क्षेत्र में बारिश होने और तेज हवा चलने का अनुमान है।
शहर में शुक्रवार को दोपहर तक तेज धूप खिली थी, लेकिन उसके बाद अचानक आसमान में काले बादल छाने लगे। गरज-चमक के साथ तेज हवा चलने लगी। हवा के साथ नमी और बारिश के छींटों से शाम का मौसम खुशनुमा बना रहा। दोपहर 2 बजे दिन का तापमान 38 डिग्री सेल्सियस रहा, मौसम बदलने के बाद यह शाम चार बजे 35 और छह बजे 33 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। चार घंटे के अंतराल में तापमान में 5 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। दिन का अधिकतम तापमान 38 और न्यूनतम तापमान 22 डिग्री रिकार्ड किया गया। देर शाम को जिले के कुछ हिस्सों में एक दो बार बारिश भी हुई।
मौसम विभाग ने एक दिन पहले ही उत्तर छत्तीसगढ़ के जशपुर, जांजगीर, बिलासपुर, रायगढ़ समेत अधिकांश हिस्सों में अगले चार दिनों का मौसम भी जारी करदिया है, ताकि जिले के रहवासी बदलते मौसम से सतर्क और सुरक्षित हो सके।
उत्तर छग में बंगाल से आ रही नमीयुक्त हवा
मौसम विभाग के विशेषज्ञों के अनुसार एक टर्फ उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश से दक्षिणी कर्नाटक तक 0.9 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है। छत्तीसगढ़ में बंगाल की खाड़ी से बहुत अधिक मात्रा में नमी आ रही है। इसके प्रभाव से शनिवार और रविवार को रायगढ़ जशपुर समेत उत्तर छत्तीसगढ़ के कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ मध्यम वर्षा हो सकती है।
लॉकडाउन में जब देश थमा-थमा सा है। छत्तीसगढ़ के गांवों के बच्चे हर दिन कुछ नया सीख रहे हैं। दूर-दराज के इलाकों में जाकर आंगनबाड़ी की महिलाएं गीत और नृत्य की मदद से गणित और अन्य विषय की जानकारी दे रही हैं। प्रदेश में हाल ही में सरकार ने युनीसेफ के साथ मिलकर चकमक अभियान की शुरूआत की है। जांजगीर जिले के झकरपारा में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नीरा खंडे बच्चों के बीच जाती हैं। चेहरे पर मास्क होता है। बच्चों के साथ खुद के हाथ साफ करती हैं फिर नाचते हुए उन्हें पढ़ाती हैं। ऐसे ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता महेतरीन बरेठ बच्चों को खेल- खेल में शरीर के विभिन्न अंगों के बारे में बताती हैं।
यह है चकमक अभियान
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नेआंगनबाड़ी के बच्चों के लिए इस अभियान को लॉन्च किया था।महिला बाल विकास विभाग द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से इसे तैयार किया गया है। लॉकडाउन के समय जब आंगनबाड़ी केंद्र बंद हैं तो बच्चों को घरों में ही पारिवारिक सदस्यों के साथ दादा-दादी, नाना-नानी के साथ रचनात्मक गतिविधियों में व्यस्त रख कर सिखाने की पहल की जा रही है। बच्चेवीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में खेल गतिविधियां देख रहे हैं। चकमक अभियान में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मोबाइल पर बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक और वाट्सएप पर टास्क दिए जा रहे हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर इन कार्यक्रमों के बारे में बच्चों और उनके अभिभावकों को जागरूक कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ के प्राइवेट स्कूलों के फीस लेने पर लगाई गई रोक के खिलाफ प्रबंधकों ने अब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सरकार के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका में कहा गया है कि उन्हें ट्यूशन फीस लेने की अनुमति दी जाए। इसको लेकर बिलासपुर के 22 प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों के संगठन ने हाईकोर्ट से राहत की मांग की है। याचिका अधिवक्ता आशीष श्रीवास्तव के माध्यम से प्रस्तुत की गई है।
प्राइवेट स्कूल के संचालकों के संगठन बिलासपुर प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने संचालक लोक शिक्षण की ओर से जारी आदेश को चुनौती दी है। इस आदेश में संचालक ने कहा है कि निजी स्कूल लाॅकडाउन अवधि में स्कूल फीस स्थगित रखें। साथ ही आदेश दिया है कि संस्थान के सभी शिक्षक और कर्मचारियों को वेतन देना सुनिश्चित करें। संचालक ने शाला प्रबंधकों को अभिभावकों से फीस नहीं मांगने का आदेश दिया है।
इन आदेशों को चुनौती देते हुए याचिका प्रस्तुत की गई है। याचिका में बताया गया है कि निजी स्कूल सीबीएसई से मान्यता प्राप्त हैं। उनकी तरफ से संचालक को अभ्यावेदन प्रस्तुत किया गया है। इसमें जो अभिभावक सक्षम हैं उनसे ट्यूशन फीस लेने की अनुमति देने की भी मांग की गई है। अगर वे फीस नहीं ले पाएंगे तो कर्मचारियों और शिक्षकों का वेतन कहां से देंगे।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में एक हस्तक्षेप याचिका प्रस्तुत की गई है। इसमें अधिवक्ताओं को प्रकरणों की सुनवाई के दौरान गाउन और कोट से छूट देने की मांग की गई है। याचिका में यह कहा गया है कि कोविड-19 के दौरान उनके गाउन और कोट से विरत रखा जाए, क्योंकि इसे हर दिन नहीं धोया जा सकता। याचिका अधिवक्ता प्रकाश तिवारी ने अधिवक्ता राजीव श्रीवास्तव के माध्यम से प्रस्तुत की है।
इसमें अधिवक्ता अधिनियम के प्रावधान में अधिवक्ताओं द्वारा पहने जाने वाले गणवेश को परिभाषित किया गया है। इस प्रावधान में शिथिलता की मांग करते हुए कोविड-19 के संक्रमण तक गाउन और कोट से अधिवक्ताओं को विरत रखने की मांग की गई है। इसमें यह भी कहा कि हर दिन गाउन और कोट को नहीं धोया जा सकता, इसको हर दिन धोना संभव भी नहीं बताया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दी है गाउन और कोट न पहनने की छूट
याचिका में प्रकरणों की सुनवाई के दौरान अधिवक्ताओं को गाउन और कोट से छूट देने का आदेश हाईकोर्ट से पारित करने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अधिवक्ताओं की परेशानियों को देखते हुए और महामारी के प्रकोप से बचाव के लिए एक याचिका स्वीकार कर अधिवक्ताओं को गाउन और कोट न पहनने की छूट दी है।
लॉकडाउन के इस दौर में पुलिस के कई तरह के चेहरे देखने को मिले। राजनांदगांव की पुलिस इंसानों के प्रति अपनी जिम्मेदारी तो निभा रही है। इन दिनों जानवरों की वजह से चर्चा में है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। लोग पुलिस की तारीफ करते नहीं थक रहे। इस वीडियो में एक सब इंस्पेक्टर बंदरों को बिस्किट खिलाते नजर आ रहे हैं।
यह वीडियो राजनांदगांव के चिखली थाने का है। यहां बतौर प्रभारी पदस्थ जहीर खान बंदरों को हर रोज बिस्किट खिलाते हैं उनके लिए पीने के पानी का बंदोबस्त करते हैं। इसके अलावा पुलिस की तरफ से चलाए जा रहे राहत के अभियान में भी जहीर अपने क्षेत्र में बखूबी योगदान दे रहे हैं। हाल ही में उन्होंने ग्रामीणों को अनाज बांटा था। क्षेत्र के लोगों को हाथ धोने, मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने जैसी बातें भी बताते हैं।
बाहरी राज्यों से लाेगों के आने का सिलसिला लगातार जारी है। उनको क्वारैंटाइन करने की जिम्मेदारी प्रशासन की ओर से तय की जा रही है। ऐसे में छत्तीसगढ़ के दुर्ग में निगरानी के लिए जिला प्रशासन ने मृत शिक्षिकाें तक की ड्यूटी लगा दी है। वहीं लॉकडाउन के चलते दूसरे जिलों में फंसे शिक्षकों काे भी जिम्मेदारी दे दी है। गुरुवार को जब सभी 15 टीमें तय स्थानों पर पहुंची, तब इसका खुलासा हुआ।
दो साल पहले ही हो चुकी है शिक्षिका की मौत
रिसाली निगम के मरौदा क्षेत्र में बाहर से आने वालों को क्वारैंटाइन कराने के लिए अफसरों ने वहां की प्राथमिक स्कूल से रिटायर होने वाली शिक्षिका एस के हरदहा की ड्यूटी लगा दी। हालांकि उनकी मौत दो साल पहले ही हो चुकी थी। वहीं चार की टीम में जिन दो शिक्षकों को भिलाई के रूआबांधा क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई है। वे दोनों लॉकडाउन से दूसरे शहरों में फंसे है।
मृत शिक्षिका को आदेश रिसीव भी करा दिया
इस सूची को प्रशासन की ओर से 6 अप्रैल को जारी किया गया। इस पर 7 अप्रैल से कार्रवाई शुरू होनी थी। यह सूची मंडल, जिला और निगम स्तरीय 9 अधिकारियों के साथ ही मृत शिक्षिका सहित बाहर फंसे शिक्षकों को भी रिसीव करा दी गई। इस आदेश से अफसरों को अवगत कराने के लिए जो प्रतिलिपियां भेजी गई, उसमें 10 वें बिंदु पर सर्व संबंधित को सूचनार्थ एवं पालनार्थ लिखा है।
रिटायर्ड की भी ड्यूटी लगी थी, शिक्षा विभाग ने संशोधन किया
कोरोना के रोकथाम के लिए जारी इस महत्वपूर्ण आदेश में 6 अप्रैल तक तो करीब 6 रिटायर्ड और 3 स्थानांतरित शिक्षकों की भी ड्यूटी लगाई गई थी, लेकिन उसे 7 अप्रैल की डेट में शिक्षा विभाग ने संशोधित कर दिया। पहला आदेश अपर कलेक्टर की हस्ताक्षर से जारी हुआ था, दूसरा संशोधित आदेश जिला शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर से जारी हुआ है।
बाहर से आने वालों को क्वारेंटाइन कराने के लिए शिक्षा विभाग के अफसरों ने शिक्षकों का डाटा दिया। जिम्मेदार अफसर बैठकर इस सूची को बनवाए। उसी के आधार पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा सबको फिल्ड के काम की ट्रेनिंग भी दी गई। गुरुवार से सभी टीमों को फील्ड में भेजा जा रहा है।
-बीरेंद्र बहादुर पंचभाई, प्रभारी अपर कलेक्टर
छत्तीसगढ़ हाईकाेर्ट और अधीनस्थ निचली अदालतों में ग्रीष्मकालीन अवकाश को निरस्त कर दिया गया है। यह अवकाश 18 मई से 12 जून तक निर्धारित था। इस अवधि में नवीन प्रकरणों के अतिरिक्त प्राथमिकता के आधार पर पांच साल से पुराने लंबित मामलों की सुनवाई होगी। यह आदेश रजिस्ट्रार जनरल के हस्ताक्षर से पारित हुआ है।
आदेश में ऐसे अधिवक्ता जो ई-फाइलिंग करने में अभ्यस्त नहीं हैं या फिर जिनके पास पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं है, उनके लिए भी व्यवस्था की गई है। हाईकोर्ट ने अधिवक्ताओं को सहायता देने के लिए लॉकडाउन अवधि के दौरान हार्ड काॅपी से ई-फाइलिंग और वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा प्रदान की है। इसके लिए हाईकोर्ट परिसर में अलग से काउंटर हेल्प डेस्क के रूप में खोलने का निर्णय लिया है।
लॉकडाउन के दौरान बिलासपुर बाजार ऑड-इवन के हिसाब से खुलेगा। पहले दिन दुकानदारों में असमंजस की स्थिति बनी रही। कुछ दुकानदारों को तो सुबह दुकान खोलने पर ही पता चला कि उनकी आज दुकान खोलने की बारी ही नहीं है। प्रशासन ने बाद में ऐसे सभी दुकानदारों की दुकानें बंद करवाई। उन्हें आदेश दिए गए कि अपनी बारी के हिसाब से ही दुकानें खोलें ताकि लॉकडाउन संबंधी सरकारी हिदायतों का ठीक से पालन हो सके।
ढील मिलते ही बाजारों में ग्राहकों की भीड़ बढ़ने लगी। यहां तक कि लोग सोशल डिस्टेंसिंग जैसी अनिवार्य शर्त को भी भूलने लगे। प्रशासन ने देर शाम ऑड-इवन की प्रक्रिया लागू करने का निर्णय लिया जिसकी अधिकतर दुकानदारों को जानकारी न मिल सकी। बाजार की दुकानों पर नंबर लगाने का काम देर रात तक चला। कुछ बाजारों में वीरवार दिन में भी नंबर लगाए गए जिससे दुकानदारों में असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। साढौरा रोड, कपालमोचन बाइपास मार्ग व छछरौली रोड पर भी सभी दुकानों पर नंबर लगा दिए गए हैं। कुछ दुकानदारों तो दुकान खोलने पर ही पता चला कि उनका नंबर एक है या दो। पूरे बाजार में एक व दो नंबर दिए गए। तहसीलदार बिलासपुर तरुण सहोता ने बताया कि एक नंबर वाली दुकानें सोमवार, बुधवार, शुक्रवार व दो नंबर वाली मंगलवार, गुरुवार व शनिवार को दुकानें खोलेंगे। रविवार को बाजार बंद रहेगा। हालांकि इससे डेरी व केमिस्ट की दुकानों को अलग रखा गया है। उनका कहना है कि यह निर्णय इसलिए लिया गया है कि बाजार में किसी भी समय लोगों की भीड़ न बढ़े। लोग लॉकडाउन की शर्तों का पालन सही से करें। उन्होंने कहा कि सभी दुकानदारों व सेल्समैन का मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है। दुकान में आने वाले हर ग्राहक का मुंह कपड़े या मास्क से ढका होना चाहिए।
डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने गुरुवार को सरिया स्थित हजारीबाग रोड रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने रेलवे प्लेटफार्म, स्टेशन परिसर, आरपीएफ बैरक आदि का निरीक्षण किया। इस बाबत डीसी सिन्हा ने बताया कि गुरुवार को श्रमिकों व मजदूरों को लेकर जो स्पेशल ट्रेन हैदराबाद से धनबाद पहुंची उसमें 99 प्रतिशत लोग गिरिडीह जिले के विभिन्न क्षेत्रों के रहने वाले हैं। कुल 1200 पैसेंजर में 1157 गिरिडीह जिले के हैं। साथ ही शुक्रवार को भी एक ट्रेन गुजरात के सूरत से आने वाली है उसमें भी 99 प्रतिशत लोग गिरिडीह जिले के विभिन्न क्षेत्राें के ही हैं। उन्हें फिर धनबाद से लाने के लिए उन्हें 46 बसें प्रतिदिन भेजनी पड़ती है।
जिसमें समय भी अधिक लगता है और परेशानी भी अधिक होती है। अब चूंकि हर ट्रेन जिले के इस हजारीबाग रोड स्टेशन से होकर गुजरती है तो हम इसे लेकर सरकार के पास प्रस्ताव भेजेंगे कि उक्त ट्रेनों का ठहराव इसी स्टेशन पर हो ताकि लोगों को कम परेशानी हो और प्रशासन को भी सहूलियत हो उन्हें घर भेजने में। अब यदि सरकार यहां ट्रेनों का ठहराव दे देती है तो चारों तरफ बेरिकेडिंग कर लोगों की स्वास्थ्य जांच व स्कैनिंग की जाएगी। जिनका स्वास्थ्य ठीक रहेगा उन्हें होम क्वारेंटाइन का निर्देश देकर घर भेज दिया जाएगा। जबकि जो संदिग्ध पाये जाएंगे उसे सरिया हाईस्कूल में बनाये क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जाएगा। निरीक्षण के दौरान एसपी सुरेन्द्र कुमार झा, एसडीएम रामकुमार मंडल, एसडीपीओ बिनोद कुमार महतो, सीओ सुनीता कुमारी, इंस्पेक्टर आरएन चौधरी, आरपीएफ इंस्पेक्टर पंकज कुमार व रेलवे के अधिकारी भी उपस्थित रहे।
आईआईटी भिलाई के फिजिक्स के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. ध्रुव प्रताप सिंह ने एक नया एक्टिव मैटर का डिजाइन किया है। इसकी सहायता से गर्भ में ही बच्चों की जन्मजात बीमारियों को समझने और दूर करने में मदद किया जा सकता है। सिकलीन, हीमोफिलिया, थैलेसिमिया जैसी बीमारियों के इलाज में कारगर साबित हो सकता है। कैंसर की कोशिकाओं के मूवमेंट को भी जान सकते हैं। यह मैटर कई बीमारियों की रोकथाम में सहयोगी साबित हो सकता है। इस तरह आईआईटी भिलाई ने एक और नई उपलब्धि हासिल की है।
इसे डिजाइन करने के लिए हर दिन 6-7 घंटे लैब में बिताया, रिसर्च प्रकाशन से पहले रिव्यू भी मांगा
एक्टिव मेटर को डिजाइन करने के लिए हर दिन 6-7 घंटे लैब में बिताया। निकलने वाले आउट पुट पर जर्मनी और स्पेन के वैज्ञानिकों से चर्चा होती रही। इसके बाद सभी के सहयोग से इसकी रिपोर्ट तैयार की। फिर प्रकाशन के लिए नेचर क्रिएशंस को भेजा। प्रकाशन के पहले 5 बिंदुओं पर रिव्यू मांगा गया। उसे प्रैक्टिकल करके दिखाया गया। रिसर्च की सारी जानकारी दी गई। तब दूसरी बार में रिसर्च को प्रकाशित किया। एक्टिव मैटर में काम कर रहे वैज्ञानिकों से मूल्यांकनकर्ताओं ने चर्चा भी की।
जर्मनी में डेढ़ साल रहकर डॉ. ध्रुव ने काम किया
डॉ. सिंह ने बताया कि इस काम के लिए जर्मनी में करीब डेढ़ साल रहे। वहां एक्टिव मेटर की सारे प्वाइंट्स पर काम किया। वैज्ञानिकों से डिस्कशन भी किया गया। इस काम में मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर इंटेलिजेंट सिस्टम्स, जर्मनी और सेविले विश्वविद्यालय स्पेन के वैज्ञानिकों का डॉ. सिंह को सहयोग मिला। शोध को अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका नेचर कम्युनिकेशंस ने स्वीकार किया है। एक्टिव ेटर के काम को प्रमाण मिला है। इसके विभिन्न पहलुओं पर विश्व के अन्य वैज्ञानिकों से चर्चा भी हुई है।
आकार बदलता रहता है यह मैटर, इसलिए फायदा
डॉ. सिंह ने बताया कि जैसे हम छोटी मछलियों के समूह को पानी में तैरते देखते हैं या फिर पक्षियों के समूह को हवा में उड़ते हुए। उस दौरान वह विभिन्न आकृतियों में दिखाई देती है, ठीक उसी तरह यह एक्टिव मेटर भी होता है। इसका स्वरूप और मूवमेंट दोनों पल पल बदलते रहता है। इसे एक्टिव मैटर नाम दिया गया है। विश्व में लगभग 6 स्थानों पर काम चल रहा है। उसमें अपना भिलाई भी शामिल है। स्वरूप बदलने की प्रक्रिया को जानने की कोशिश की जा रही है, ताकि कई बीमारियों का उपचार हो।
शहर के होम्योपैथी डॉ. धीरेंद्र तिवारी ने कोरोना मरीजों पर दवा के ट्रायल की अनुमति प्राप्त कर ली है। यह अनुमति केंद्र सरकार की आईसीएमआर संस्था के क्लीनिकल ट्रायल रजिस्ट्री ऑफ इंडिया (सीटीआरआई) ने दी है। अब वह जल्द ही कोरोना मरीजों पर अपनी दवा का प्रयोग करेंगे। यदि दवा की टेस्टिंग सफल होती है तो अंबिकापुर शहर के नाम एक उपलब्धि जुड़ जाएगी। कोरोना वायरस के खात्मे के लिए पूरे विश्व के डॉक्टर और वैज्ञानिक शोध में जुटे हैं। इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देश के युवाओं से आगे आने की अपील की थी। मालूम हो कि 24 अप्रैल से पहले आयुष विभाग के डॉक्टरों को कोरोना मरीजों के उपचार के लिए अनुमति नहीं थी। इसकी अनुमति मिलते ही देश भर के डॉक्टरों ने अपने प्रोजेक्ट सबमिट किए।
इसी क्रम में अंबिकापुर निवासी सांईं निदान होम्योपैथी क्लीनिक के डायरेक्टर डॉ. धीरेंद्र तिवारी ने भी 27 अप्रैल को अपना प्रोजेक्ट सबमिट किया और 8 मई से मरीजों और क्वारेंटाइन किए गए संदिग्धों पर ट्रायल की अनुमति मांगी। इस पर बुधवार को आईसीएमआर की ओर से देशभर में क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति देने वाली संस्था सीटीआरआई ने अनुमति प्रदान कर दी है। डॉ. धीरेंद्र तिवारी ने बताया कि शहर के लिए यह बड़ी उपलब्धि है। क्योंकि इस आपदा से निपटने के लिए देशभर के डॉक्टरों ने अपने प्रोजेक्ट सबमिट किए थे। इनमें से पूरे देश में सिर्फ 5 से 6 डॉक्टरों को अनुमति प्रदान की गई है। डॉ. धीरेंद्र तिवारी ने बताया कि उन्होंने प्रोजेक्ट में 3 महीने के रिसर्च का समय मांगा है। इस दौरान वह 100 मरीजों पर रिसर्च करेंगे।
इस तरह करेंगे मरीजों का इलाज : डॉ. धीरेंद्र ने बताया कि होम्योपैथी में आर्सेनिक एलबम दवा इम्युनिटी बूस्टर के तौर पर जानी जाती है। आयुष मंत्रालय भी कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रयोग करने का सुझाव दे चुका है। उन्होंने बताया कि इस दवा से कोरोना मरीजों के ठीक होने की संभावना है। इसी कारण उन्होंने अपने प्रोजेक्ट में इसी दवा के प्रयोग और ट्रायल की अनुमति मांगी थी। उन्होंने बताया कि इसके प्रयोग से रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होगी और शरीर में वायरस से लड़ने वाले तत्वों को मजबूती प्रदान करेगा। इससे शरीर में मौजूद तत्व इस वायरस का खात्मा कर सकेंगे। इसके साथ ही यह मानव शरीर में उन तत्वों को भी विकसित करेगा, ताकि आगे आने वाले समय में यदि फिर से कोरोना वायरस का हमला हो तो उनसे निपट सकें।
सीएमएचओ पीएस सिसोदिया ने बताया कि कोरोना मरीजों के इलाज के लिए अनुमति मिली है तो यह अच्छी बात है। लेकिन इस बारे में अभी हमारे पास कोई पत्र नहीं आया है। इस कारण अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है। यदि कोई आदेश प्राप्त होता है तो उसके हिसाब से उन्हें अनुमति प्रदान की जाएगी।
भिलाई-3 पुलिस ने गुरुवार को केरोसीन से भरा टैंकर जब्त किया है। टैंकर में करीब 350 लीटर पीडीएस केरोसीन होने की संभावना हैं। शंका है कि टैंकर के जरिए मिट्टी तेज की कालाबाजारी की जा रही थी। पुलिस को टैंकर लावारिश हालत में क्षेत्र में खड़ा मिला है।
पुलिस टैंकर के चालक और मालिक की तलाश कर रही है। टीआई संजीव मिश्रा के मुताबिक कोवित्रम इंजीनियरिंग वर्क के सामने टैंकर के खड़े होने की सूचना मिली थी। इंजीनियरिंग वर्कस में ट्रक की बॉडी बनाने का काम होता है। टीम पहुंची तो वहां पर ना मालिक मिला और न ड्राइवर का पता चला।
रसोई गैस सिलेंडरों की कालाबाजारी, 11 की जब्ती
दुर्ग | शहर में गैस सिलेंडरों की कालाबाजारी शुरू हो गई है। यह सिलेंडर कहां से और कैसे पहुंच रहे हैं, फिलहाल इसका खुलासा नहीं हो पाया है। खाद्य विभाग ने केलाबाड़ी क्षेत्र से करीब 11 नग सिलेंडर जब्त किया है। मामले में आरोपी जेठूराम साहू के विरुद्ध घरेलू सिलेंडरों का अवैध भंडारण एवं परिवहन के मामले में द्रवित पेट्रोलियम गैस प्रदाय एवं वितरण अधिनियम आदेश 2000 की धारा (3)(4)(6) व (7) के तहत कार्रवाई की। खाद्य नियंत्रक सीपी दीपांकर ने बताया कि मामले में आगे की कार्यवाई जारी है।