जंगल से गुजरे 10 नालों को संवारने के लिए फारेस्ट विभाग ने सवा तीन करोड़ के प्रोजेक्ट की मंजूरी शासन से मांगी है। ताकि उन्हें बारिश से पहले संवर्धित कर वन्यजीवों के लिए पानी स्टोर किया जा सके। विभाग इन सभी नालों पर आवश्यकता अनुरूप ग्रेबियन स्ट्रक्चर, लूज बोल्डर, ब्रशवुड चेकडेम बनाएगी।
शासन के नरवा, गरुवा, घुरुवा अऊ बाड़ी योजना में शासन की मांग पर विभाग लगातार नालों को संवर्धित करने में जुटा हुआ है। विभाग ने मार्च में वन कर्मियों को चेकडेम में अलग-अलग स्ट्रक्चर की तकनीकी जानकारी प्रशिक्षण के माध्यम से दी थी। फील्ड पर रायपुर से आए इंजीनियरों ने स्ट्रक्चर तैयार कर बारीकियां भी वन कर्मियों को बताई थी, ताकि नरवा विकास के कार्य में किसी तरह की कोई लापरवाही न हो। वर्तमान सरकार इस योजना के माध्यम से वन्य जीव के साथ वन क्षेत्रों से सटे गांवों में जल आपूर्ति के उद्देश्य से नालों को संवारने का काम कर रही है।
इन नालों में होगा काम
खरसिया के शंकरपाठ नाला, धरघोड़ा के हाथीझरिया नाला, घरघोड़ा उपकानाला, तमनार के बरझरिया नाला, रायगढ़ चिटकाझरिया नाला, रायगढ़ भंवरखोल नाला, सारंगढ़ सेमरानाला, गोमर्डा अभयारण्य बंजारी और करपन नाला
नालों को संवारने की हो रही है तैयारी
"बारिश से पहले हमने नालों को संवर्धित करने के लिए नरवा योजना के तहत प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। वन मंडल के लगभग 10 नालों को इस हमने चुना है, जिनमें ग्रेबियन स्ट्रक्चर, लूज बोल्डर चेक डेम बना कर सुरक्षित किया जाएगा। ''
-मनोज पांडेय, डीएफओ रायगढ़ वन मंडल
लॉकडाउन 3 में ढील मिलने के बाद अब उद्योगों में काम की रफ्तार बढ़ी है। जिले में करीब 140 छोटे, बड़े और मझले उद्योगों ने उत्पादन शुरू कर दिया है। पिछले 10 दिनों में उद्योग सुचारू रूप से चलने लगे हैं, जिसमें करीब 4 हजार लोगों को रोजगार मिलने लगा है। इनमें प्रवासी मजदूरों की संख्या ज्यादा है, जो अपने घर लौटना चाहते हैं। उद्योग विभाग इनकी सूची बना रहा है। वहीं संक्रमण का डर और सुरक्षा के साथ काम कराने में दिक्कत के कारण लॉकडाउन में बोईरदादर स्थित इंडस्ट्रियल एरिया की लघु उद्योग इकाइयां शुरू नहीं हो सकेंगी।
बोईरदादर स्थित इंडस्ट्रियल एरिया को लॉकडाउन खत्म होने तक नहीं खोला जाएगा। इंडस्ट्रियल एरिया में 50 छोटे और मझले उद्योग हैं। मार्च में लॉकडाउन होने के बाद यहां पर सारे प्लांट बंद करा दिए गए। लॉकडाउन 3 लागू होने के बाद यहां के व्यापारियों लगातार इंडस्ट्री को खोलने की मांग कर रहे थे। केन्द्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार उद्योगों को खोलने की बात कही थी पर इंडस्ट्रियल एरिया चारों तरफ से खुला है, कही से भी लोगों की एंट्री हो सकती है। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने लॉकडाउन 3 में 17 मई तक इंडस्ट्रियल एरिया को बंद रखने का निर्णय लिया है।
दोबारा काम शुरू होने से 4000 को मिला रोजगार, इनमें दूसरे राज्यों के मजदूर ज्यादा
जिले में छोटे, बड़े और मंझले करीब 140 उद्योग शुरू हो सके। जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार लॉकडाउन में ढील मिलने के बाद 25 अप्रैल के बाद करीब 140 उद्योग शुरू हो गए हैं। 10 दिनों पहले तक करीब 61 उद्योगों को खोलने की अनुमति मिली थी लेकिन इसके बाद फिर 79 उद्योगों में काम शुरू हुआ है। यहां 4 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है। उद्योग संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि अभी करीब 50 फीसदी कर्मचारी बाहरी राज्यों के हैं, वे घर लौटना चाहते हैं।
विभाग बनाएगा अब उद्योगों में काम करने वाले बाहरी मजदूरों की लिस्ट
उद्योगों में ऐसे लोग जो बाहरी राज्यों से हैं। यहां पर काम करते हैं, यदि वह अपने घर में जाना चाहते हैं स्पंज आयरन एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने बताया कि फर्नेस, रोलिंग मिल, पावर सेक्टर से जुड़े उद्योगों में कर्मचारी दूसरे राज्यों के हैं। इनमें करीब 50 फीसदी लोगों घर वापस जाना चाहते हैं, अभी सभी उद्योग प्रबंधन इसकी जानकारी बनाकर उसे उद्योग विभाग दे रहे हैं।
ट्रांसपोर्टर बोले अभी 20 प्रतिशत गाड़ियों को ही मिला माल ढुलाई का काम
ट्रांसपोर्टर अनूप बंसल ने बताया कि जिले में करीब 4 हजार ट्रेलर चलते हैं, लेकिन लॉकडाउन लगने के पहले ड्राइवर, क्लीनर जैसे कर्मचारी अपने घर चले गए। लॉकडाउन की वजह से वह अपने घरो में फंसे हुए हैं, इसकी वजह से करीब 800 ट्रेलर ही चल रहे हैं। बाकी सभी गाड़ियां खड़ी हुई हैं, अधिकांश ड्राइवर झारखंड, बिहार जैसे राज्यों से हैं। हालांकि अभी उद्योगों में भी कामकाज रफ्तार नहीं आई है। कोयले का उत्पादन भी कम हो रहा है। अभी कुछ दिनों तक ऐसे ही हालात रहेंगे, जब लॉकडाउन नहीं हट जाता दूसरे राज्यों से कर्मचारी नहीं आ सकेंगे। उल्लेखनीय है कि खदान और उद्योग वाले जिले में ट्रांसपोर्टिंग के कारोबार से डेढ़ हजार से अधिक परिवारों को रोजगार मिलता है।
दूसरे राज्यों के मजदूरों को उनके घर भेजने की योजना बनाई जा रही है
"उद्योगों में काम कर रहे दूसरे राज्यों के कर्मचारियों की सूची व्यापार एवं उद्योग केंद्र के माध्यम से बनवाई जा रही है। उद्योग प्रबंधनों से इसकी जानकारी ली जा रही है। इसके बाद ब्योरा राज्य सरकार को भेजा जाएगा। जो मजदूर जाना चाहते हैं उन्हें उनके घर भेजने की कार्ययोजना बनाई जा रही है।"
-ऋचा प्रकाश चौधरी, सीईओ, जिला पंचायत
140 उद्योग शुरू हुए हैं
"बोईरदादर स्थित इंडस्ट्रियल एरिया को खोलने की अनुमति अभी नहीं दी गई है, यह ईकाइयां 17 मई तक बंद रहेंगी। इंडस्ट्रियल एरिया चारों ओर से खुला हुआ है। इसके कारण यहां लॉकडाउन की गाइडलाइन के तहत सुरक्षा इंतजाम करना मुश्किल है। इस वजह से इन लघु उद्योगों को फिलहाल अनुमति नहीं दी जा रही है।''
-संजीव सुखदेवे, जीएम, जिला उद्योग केंद्र
शासन ने लोगों को घर बैठे बिजली बिल के भुगतान के लिए हाल ही में मोर बिजली एप की सुविधा दी है। प्ले स्टोर के जरिए इसे आसानी से डाउनलोड कर उपभोक्ता घर बैठे अपने बिल का हर महीने भुगतान कर सकते हैं। इसके अलावा और भी कई ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम है। जिसके जरिए बिजली बिल जमा किया जा सकता है। लेकिन लोग ऑनलाइन के बजाय लाइन में ही खड़े होकर बिजली बिल जमा कर रहे हैं।
कोरोना के बीच इस तरह लाइन में भीड़ बनाकर खड़े होने में भी खतरा है पर लोग नहीं समझ रहे। बालोद केंद्र हो चाहे जिले के ग्रामीण क्षेत्रों का केंद्र बिजली बिल जमा करने के लिए भीड़ लगी है। बिजली कंपनी के ईई लेखन ध्रुव ने कहा कि लोगों को मोर बिजली एप के अलावा अन्य ऑनलाइन पे एप सिस्टम के जरिए भी बिल जमा करने के लिए जागरूक करते हैं। मोर बिजली एप से संबंधित केंद्र में ही बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गए हैं ताकि लोग इसे देखकर इस सिस्टम को अपनाएं लेकिन लोग रूचि नहीं लेते। 70 से 80% लोग सीधे केंद्र में ही आकर बिजली बिल पटाते हैं।
दूरी बनाने रख दिए टायर पर लोग नहीं देते ध्यान
बालोद बिजली केंद्र के एटीपी में बालोद सहित आसपास के 25 गांव के उपभोक्ता आते हैं। सुबह से रात 8 बजे तक यहां लोग बिल पटाने के लिए पहुंचते हैं। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो इसलिए अफसरों ने एटीपी सेंटर के सामने पुराने टायर को रख दिए हैं, ताकि उन्हीं के भीतर लोग खड़े हो।
7 तरह की सुविधा है पर लोग ऑनलाइन में पीछे
राज्य सरकार ने मोर बिजली मोबाइल एप में उपभोक्ताओं के लिए 7 तरह की सुविधा दी है। इसमें नए बिजली बिल देख सकते हैं। इससे बिल का भुगतान कर सकते हैं। बिजली बंद होने की शिकायत भी उसी से कर सकते हैं। बिजली बिल की खपत का पैटर्न क्या है, कितनी छूट मिली है, पिछले भुगतान का विवरण देख सकते हैं। उपभोक्ता क्रमांक को मोबाइल नंबर से लिंक करा सकते हैं। बिल में सुधार करवा सकते हैं।
काला कथे मोर बिजली एप मोला नई पता: साहू
मोर बिजली एप के प्रति लोगों में जानकारी का भी अभाव है। बिजली बिल पटाने पहुंचे नवागांव के दुलार साहू ने कहा कि काला मोर बिजली एप कथे, मोला तो नई पता में तो बस सीधा यहींचे बालोद ऑफिस में आके हर महीना बिजली बिल पटाके जाथो। मोबाइल चलाय ल तो जादा नई आय। इधर बालोद बिजली केंद्र के एटीपी में आने वाले उपभोक्ताओं के लिए सैनिटाइजर का भी इंतजाम नहीं है।
ऑनलाइन से 48 घंटों के भीतर हो जाता है बिल जमा
किसी भी तरीके से अगर आप ऑनलाइन अपने बिजली बिल का भुगतान कर रहे हैं तो उसे जमा होने में 48 घंटे लगते हैं। कई बार सर्वर में दिक्कत ना हो तो 24 घंटे के भीतर भी यह काम हो जाता है। लेकिन खासतौर से ग्रामीण क्षेत्र व एंड्राइड मोबाइल को ठीक तरह से ना चला पाने वाले ऑनलाइन का इस्तेमाल ना कर केंद्र में ही नकद बिल जमा करने के लिए पहुंच रहे हैं। शासन ने बिल जमा करने की तारीख 31 मई तक बढ़ा दी है।
ग्राम कोबा के एथलेटिक्स की इंटरनेशनल व नेशनल प्लेयर दीप्ति साहू इन दिनों घर की बाड़ी को ही खेल मैदान बनाकर प्रैक्टिस कर रही है। 2 महीने पहले गोवा में हुए एक फेडरेशन के तहत इंटरनेशनल एसथेटिक्स में दीप्ति ने गोल्ड मेडल जीता है। अब उनका चयन एशियाड गेम के लिए हुआ है। जहां वह देश का प्रतिनिधित्व करेंगी।
दीप्ति का सपना ओलंपिक तक जाना है। लॉकडाउन में हौसला कमजोर ना हो इसलिए वह घर की बाड़ी में ही सुबह शाम मेहनत कर रही है। उन्होंने बताया कि वे लगातार अभ्यास कर रही हैं।
पूर्व मंत्री नें वीडियो काॅन्फ्रेंंसिंग के जरिए महामारी के दौर में लाॅकडाउन के बाद भी शराब बिक्री शुरू करने पर छत्तीसगढ़ शासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि भाजपा इसकी कड़ी निंदा करती है।
कांग्रेस की सरकार एक ओर जहां जन घोषणा पत्र में पूर्ण शराबबंदी का वादा कर सत्तासीन हुई सत्ता में आने के डेढ़ वर्ष बाद भी लगातार कमेटी पर कमेटी बैठा रही है। शराबबंदी के लिए आज तक कमेटी का कोई फैसला इस ओर नहीं आया है दुखद घटना है कि, उन्होंने कहा सरकार कलेक्टरों से जिलों में धारा 144 लागू कराती है किंतु शराब बेचने के लिए धारा 144 का मजाक उड़ा रहे हैं।
प्रश्नों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा की केंद्र सरकार पर मिथ्या आरोप लगा रहे हैं कि केंद्र के निर्देश पर शराब बिक्री की जा रही है। छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा रोज चिट्ठी लिखकर वह प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्रियों की बैठक में बार-बार शराब बिक्री पर रोक हटाने का अनुरोध कर रहे थे, बघेल सरकार तो पूर्व में ही शराब बिक्री करती किंतु हाईकोर्ट के आदेश पर ही रोका गया था। शराबबंदी तो दूर घर पहुंच सेवा यह सरकार दे रही है। लोक सब्जी खरीदने में शारीरिक दूरी नहीं अपना रहे हैं ऐसे में मदिरा दुकान में हजारों की भीड़ कहां सोशल डिस्टेंस का पालन करेंगे
मीडिया के समक्ष अपने विचार रखते हुए भाजपा जिला अध्यक्ष कृष्णकांत पवार ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार चरणबद्ध तरीके से शराब दुकानों को बंद कराती जा रही थी। पिछले कार्यकाल के अंतिम वर्ष में बालोद जिले के ही 10 दुकानों को बंद कर दी गई थी। यह उचित अवसर था, जब छत्तीसगढ़ सरकार को अपने वादों को अमलीजामा पहनाना था किंतु ऐसा ना कर अपने वादों से मुकर भूपेश बघेल की सरकार करोना महामारी के इस दौर में मजदूरों की घर वापसी के दौर में शराब के दर में वृद्धि कर शराब बिक्री आम जनमानस के लिए धोखा है। जिसका भारतीय जनता पार्टी विरोध करती है। लॉकडाउन खत्म होते ही बड़े आंदोलन के लिए भारतीय जनता पार्टी बाध्य है।
कोरोना पॉजिटिव मरीज के संपर्क में रहने वाला एक मजदूर घर छोड़कर भाग गया है। अर्जुंदा पुलिस ने मामले में गायब मजदूर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। उसके संपर्क में आने से दूसरों को संक्रमण का खतारा है।
मामला ग्राम चीचा का है। 2 दिन पहले दुर्ग में रह रहे बालोद का एक व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जिसे क्वारेंटाइन में रखा गया है। प्रशासन द्वारा इस मजदूर के संपर्क में आए हुए लोगों को ट्रेस किया जा रहा है। जिसके तहत बालोद जिले के अर्जुंदा थाना क्षेत्र के ग्राम चीचा के रहने वाले नरेंद्र सिंह नानक का नाम भी सामने आया था। दुर्ग नगर पालिका निगम के अफसरों ने जिला प्रशासन को खबर करके बताया था कि नरेंद्र भी पॉजिटिव मरीज के संपर्क में रहा है। उसे होम आइसोलेशन पर रखना है और सैंपल लेना है। जिसके बाद चीचा पंचायत की सचिव रश्मि निर्मलकर ने नरेंद्र को घर जाकर समझाया था कि उन्हें होम आइसोलेशन पर रहना है डॉक्टर उन्हें घर पर चेकअप करने के लिए भी आएंगे। लेकिन डॉक्टरों के आने के पहले ही सुबह से ही वह घर छोड़कर भाग गया। जब सचिव दोबारा उनके घर पहुंची तो वह नहीं था। बिना सूचना दिए भागने पर सचिव की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी नरेंद्र सिंह के खिलाफ धारा 188, 269, 270 का केस दर्ज किया है। इसके बाद पुलिस ने मामले की विवेचना शुरू कर दी है।
बाहर से लौट रहे मजदूरों के जरिए कवर्धा और दुर्ग में कोरोना के दस्तक के बाद अब जिले के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में लोग अलर्ट हो गए हैं। बालोद से भी एक कोरोना का मरीज दुर्ग में भर्ती है। गनीमत उनके संपर्क में आए सभी लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है, लेकिन ऐसा खतरा और न बढ़े इसलिए लोग खुद से सावधानी बरत रहे हैं और बाहरी लोगों से दूरी बना रहे हैं।
स्थानीय ग्रामीणों को कोरोना के संक्रमण का डर सता रहा है और बाहर से आने वाले लोगों का विरोध भी कर रहे हैं। मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात को शहर के कुंदरू पारा अटल आवास में भी एक व्यक्ति के महाराष्ट्र से आने की अफवाह उड़ गई थी। जिसके बाद वार्डवासी उक्त व्यक्ति का विरोध करने लगे और उसे आवास में ना रहने देने की बात कहने लगी। हंगामा होते देख पुलिस मौके पर पहुंची और जांच के लिए व्यक्ति को अस्पताल ले गई। जहां फिर उसे क्वारेंटाइन में रखा गया। व्यक्ति महाराष्ट्र का नहीं बल्कि भानूप्रतापपुर से आया हुआ था। लेकिन वार्डवासी बिना किसी पूछताछ के अफ़वाह के आधार पर उसे महाराष्ट्र का समझकर हंगामा कर रहे थे।
जगन्नाथपुर में भी इसी तरह एमपी से कुछ लोगों के आने की अफवाह के चलते ग्रामीणों में खौफ है। जबकि मामला दूसरा है। पूर्व जनपद सदस्य संतोष देशमुख के फॉर्म हाउस में दुर्ग से एक मैकेनिक आया हुआ है। जो मूलनिवासी एमपी का है लेकिन कई साल से दुर्ग में ही रहता है। एक कंपनी की ओर से उसे हार्वेस्टर बनाने के लिए भेजा गया है। कृषि उपसंचालक नागेश्वर पांडे का कहना है अगर हार्वेस्टर और ड्राइवर बालोद जिले के ही हैं तो वे कहीं पर भी काम कर सकते हैं। तहसीलदार रश्मि वर्मा का कहना है कि बाहर से आने वाले ड्राइवर को 28 दिन का क्वारेंटाइन पूरा करना होगा। दिन पूरे होने के बाद उन्हें विभाग की ओर से मेडिकल प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। इसके बाद काम कर सकते हैं। बिना प्रमाण पत्र के उन्हें काम नहीं करने दिया जाएगा। सुरक्षा के लिए यह जरूरी है।
बंद पड़ी मशीन: हार्वेस्टर से फसल काटने वालों को नहीं दी जा रही एंट्री
बुधवार को सुरेगांव थाना क्षेत्र के ग्राम सिब्दि के ग्रामीण पंजाब क्षेत्र से आए हुए एक हार्वेस्टर ड्राइवर को गांव में घुसने नहीं दिया गया। ग्रामीणों का कहना है कि दूसरे राज्य के लोगों को आने ही नहीं देंगे। जबकि हार्वेस्टर ड्राइवर का कहना है कि उनका क्वारेंटाइन पूरा हो चुका है। उन्हें राजनांदगांव के घुमका स्वास्थ्य केंद्र में विभाग में रखा था। जहां समय पूरा होने के बाद उन्हें प्रमाण पत्र भी दिया गया है। अब काम कर सकते हैं। किसान विजयपाल बेलचंदन का कहना है कि मनरेगा के चलते अभी धान कटाई के लिए भी मजदूर नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में हार्वेस्टर भी बिना ड्राइवर के बंद पड़े हैं। धान की कटाई नहीं हो पा रही है।
इधर, कोटा के छात्र अपने घर में ही रहेंगे क्वारेंटाइन
शासन ने राजस्थान के कोटा में फंसे हुए छात्रों को अपने राज्य तो लाया। एक हफ्ते तक बिलासपुर में जिले के छात्रों को क्वारेंटाइन पर भी रखा गया लेकिन उन्हें अब घर पर क्वारेंटाइन पर रहने के लिए भेज दिया गया है। बुधवार को शाम 7:30 बजे बिलासपुर से 32 छात्र बालोद पहुंचे। जहां से उन्हें अपने पालकों के साथ घर भेजा गया। पालकों को भी पहले से अफसरों ने काउंसलिंग करके बता दिया है कि उन्हें घर में क्या-क्या सावधानी बरतनी है। 28 दिनों तक अभी छात्र घर पर ही क्वारेंटाइन रहेंगे। इधर स्वास्थ्य विभाग के अनुसार सुखद खबर यह भी है कि जिले में अब तक कोरोना का एक भी केस नहीं मिला है। बुधवार को भी कहीं कोई संदिग्ध नहीं मिला।
नगर पालिका परिषद जामुल में सड़क, नाली और बाउंड्रीवाल समेत विभिन्न विकास कार्यों के लिए 99.35 लाख रुपए की मंजूरी राज्य सरकार ने दी है।
नगरीय प्रशासन एंव विकास विभाग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक 10 अप्रैल 2020 को विभिन्न विकास कार्यों के लिए 1 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई थी। इसके बाद 20 अप्रैल को 99.35 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई है। आदेश में पेवर ब्लॉक निर्माण, बाउंड्रीवाल व अन्य निर्माण कार्य, बीटी रोड निर्माण और उद्यानिकी का कार्य किया जाएगा। नगर पालिका परिषद जामुल की अध्यक्ष सरोजनी चंद्राकर ने बताया कि क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार को दिया था। जिसकी मंजूरी मिल गई है। अन्य जरूरी विकास कार्यों का प्रस्ताव बनाया गया है। लोगों की मांग अनुरूप क्षेत्र में विकास कार्य कराए जा रहे हैं।
जामुल में इन कार्यों के लिए दी मंजूरी
21.23 लाख रुपए वार्ड 18 उद्यान में बाउंड्रीवाल और अन्य निर्माण होंगे।
14.61 लाख रुपए से पुरैना तालाब में पेवर ब्लॉक निर्माण होगा।
15 लाख रुपए से वार्ड 3 में पुरैना तालाब में देना बैंक तक बीटी रोड निर्माण।
14.66 लाख रुपए से वार्ड 18 स्टेडियम में बाउंड्रीवाल।
12.77 लाख रुपए से वार्ड 4 में दुर्गा मंदिर से स्कूल तक बीटी रोड निर्माण।
10.65 लाख से वार्ड 1 में ट्रांसफॉर्मर के पास बीटी रोड।
10.43 लाख से वार्ड 18 स्टेडियम में उद्यानिकी कार्य होगा।
डेढ़ महीने से लॉकडाउन पीरियड के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने के लिए बीएसपी प्रबंधन ने उत्पादन को घटाकर आधा कर दिया है। स्थिति सामान्य होता देख प्रबंधन भी अब सामान्य उत्पादन की तैयारी में जुट गया है। बंद मिलों में रिपेयर के काम को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं भविष्य में आयरन ओर की कमी न हो इसके लिए दल्ली राजहरा में तीसरी पाली में भी माइनिंग का काम शुरू कर दिया गया है। दल्लीराजहरा में दो पाली में माइनिंग होने से 14,400 टन आयरन ओर की सप्लाई बीएसपी को की जा रही थी। अब माइंस प्रबंधन को 7200 टन अतिरिक्त उत्पादन करना होगा।
लॉकडाउन पीरियड लागू होने के बाद से बीएसपी में उत्पादन को क्षमता से आधा कर दिया गया है। इसके कारण बीते डेढ़ महीने से प्लेट मिल, मर्चेंट मिल, वॉयर एंड राड मिल में उत्पादन बंद है। ब्लास्ट फर्नेस में भी सात नंबर को ब्लो डाउन कर दिया गया है। फिलहाल फर्नेस-1 और 8 ही उत्पादन में है।
लॉकडाउन में 5 लाख टन आयरन ओर बीएसपी में जमा
लॉकडाउन के दौरान बीएसपी में उत्पादन आधा किए जाने से आयरन ओर की डिमांड भी घट गई थी। इस दौरान दल्ली से 2 और राजहरा माइंस से दो रैक आयरन ओर बीएसपी को प्रतिदिन सप्लाई किया गया। खपत कम होने से बीएसपी में 5 लाख टन आयरन ओर जमा है। इनमें 4 लाख टन फाइंस और एक लाख टन लंप्स जमा है।
दल्लीराजहरा में दो पाली में हुई माइनिंग शुरू
दल्ली राजहरा में दो पाली में माइनिंग होने से 14 हजार 400 टन आयरन ओर की सप्लाई प्रतिदिन बीएसपी को की जा रही थी। तीसरी पाली में माइनिंग शुरू करने के साथ ही सीईओ ने दो अतिरिक्त रैक की सप्लाई करने का भी टार्गेट माइंस प्रबंधन को दे दिया है। दो अतिरिक्त रैक आयरन ओर का मतलब अब माइंस प्रबंधन को 7200 टन अतिरिक्त उत्पादन करना होगा। इस प्रकार 21600 टन का उत्पादक प्रतिदिन हो रहा है। लॉकडाउन को देखते हुए 7200 का अतिरिक्त टार्गेट लिया गया है।
अधिक उत्पादन के लिए आयरन ओर की डिमांड
प्रत्येक मिलों में उत्पादन पहले से अधिक लेने की स्थिति में आयरन ओर की डिमांड भी बढ़ जाएगी। इसे ध्यान में रखते हुए बीते सप्ताह सीईओ अनिर्बान दासगुप्ता ने माइंस अफसरों की बैठक ली। जिसमें आयरन ओर की माइनिंग बढ़ाने के लिए तीसरी पाली में भी उत्पादन शुरू करने के निर्देश दिए थे। 4 मई से इसे अमल में लाया गया है। इसे लेकर प्लानिंग की जा रही है।
हर मिलों में उत्पादन पहले से अधिक करने का लक्ष्य
डेढ़ महीने से उत्पादन आधा से भी कम होने की वजह से वित्त वर्ष 2020-21 में उत्पादन बढ़ाने की योजना पर ग्रहण लग गया है। लॉकडाउन समाप्त होने के बाद प्रबंधन की योजना उस बैकलॉग को क्लियर करने के लिए प्रत्येक मिलों में पहले से अधिक उत्पादन लेने की है। एसएमएस-2 और 3, प्लेट मिल, रेल मिल व यूआरएम में कुछ अपग्रेडेशन भी किया है।
ब्लास्ट फर्नेस में लंप्स की कमी का संकट होगा दूर
आयरन ओर का उत्पादन दो पाली में होने की वजह से लंप्स के उत्पादन में भी कमी आ गई थी। ब्लास्ट फर्नेस के लिए लंप्स की कमी का सामना भविष्य में प्रबंधन को करना पड़ सकता था। दल्ली राजहरा के सीजीएम तपन सूत्रधार ने सीईओ को बताया कि तीसरी पाली में उत्पादन बढ़ने से लंप्स का उत्पादन भी बढ़ जाएगा। मान्यता प्राप्त यूनियन एसकेएमएस के राजेंद्र बेहरा के मुताबिक माइंस बीएसपी प्रबंधन के टार्गेट को पूरा करने के लिए तैयार है। इसे लेकर हर संभव प्रयास किया जा रहा है। हमारी तैयारी भी पूरी है।
राजहरा में इस प्रकार आयरन ओर निकालने का काम किया जा रहा है।
भिलाई-3 थाना क्षेत्र में बुधवार दोपहर 35 वर्षीय महिला की लाश नंदोरी गांव स्थित फाॅर्म हाउस के अंदर मिलने से सनसनी फैल गई। फार्म हाउस में मौजूद कर्मचारियों ने महिला की पहचान शांतिबाई पति शंकर निवासी ओडिशा के तौर पर की। तीन दिन से महिला और उसका पति गायब है। पुलिस ने पति से संपर्क किया तो उसने खुद की मरोदा में होने की जानकारी दी। पत्नी के तीन दिन से लापता होने की सूचना दी। पुलिस को महिला की हत्या पर उसके पति पर शंका है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
महिला का पैर दिखा तो हुआ मामले का खुलासा
सीएसपी विश्वास चंद्राकर, टीआई संजीव मिश्रा और एफएसएल अधिकारी अनुपमा मेश्राम सहित अन्य अधिकारी भी पहुंचे। महिला का पैर दिखने से हत्या का पता चला। उसके गर्भवती होने की भी शंका है। फार्म हाउस में रहने वाले मजदूरों ने बताया कि सोमवार से दंपत्ति गायब है। महिला का पति तबियत खराब होने पर उसे इलाज कराने के लिए लेकर निकला था। महिला के दोनों हाथों में गोदना बना हुआ है। पैरों में पायल है,झोपड़ी के पास महिला की चप्पल मिली है।
बुधवार को ट्विनसिटी का अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस के करीब रहा। दोपहर में चली तेज हवा और कुछ मिनट के लिए पड़ी बौछार की वजह से मंगलवार की तुलना में पारा करीब 1 डिग्री सेल्सियस कम रहा। 24 घंटे पहले दिन का तापमान 42 डिग्री सेल्सियस के करीब था। इन दिनों दिन की अवधि 13 घंटे से अधिक और रात 11 घंटे से कम का हो गया है। दिन में रोशनी भी अभी 11 घंटे से अधिक रहने लगी है। यही कारण है कि दिन का तापमान भी 40 से ऊपर रहने लगा है।
इसलिए गर्मी के बाद हवा चली और बूंदाबांदी हुई
रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक हरि प्रसाद चंद्रा ने बताया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के ऊपर तथा पूर्वी विदर्भ और उसके आसपास एक-एक चक्रीय चक्रवाती घेरा बना है। पूर्वी विदर्भ से तमिलनाडु तक द्रोणिका बनी है। इसके कारण बौछारें पड़ीं। आसमान में 20 फीसदी बादल छाए रहे। बौछार पड़ने के फौरन बाद मौसम के खुल जाने की वजह से उमस का अहसास होता रहा। यही कारण है कि शाम को भी लोगों को गर्मी से राहत नहीं मिली।
जिले के किसानों के लिए राहतभरी खबर है। इस खरीफ सीजन में लोन लेते समय बीमा करवाना अनिवार्य नहीं है। वे चाहे तो बीमा करवाएं या फिर नहीं। जितने रकबा का बीमा करवाना चाहते हैं उतना अपनी मर्जी से करवा सकते हैं। इस नए आदेश से सहकारी समितियों से लोन लेने के लिए पंजीकृत 98 हजार किसानों को राहत मिलेगी।
हर सीजन में किसान अपनी फसल लेने के लिए बैंकों से कर्ज लेता है। दुर्ग जिले के 59 सहकारी समितियों से जुड़े किसानों को जिला केंद्रीय सहकारी बैंक की 20 शाखाओं से खरीफ फसल के लिए लोन दिए जा रहे हैं।
बीमा नहीं करवाने की छूट को आप ऐसे समझिए
फसल बीमा केंद्र सरकार करवा रही थी। अधिकृत बीमा कंपनी सोसायटियों में ही लोन के पैसे कटवा लेती। कंपनी किसानों से किश्त के पैसे लेती है और बाकी के शेयर केंद्र व राज्य सरकार से भी लेती रही हैं। इसकी वजह से जितने किसानों का नुकसान नहीं होता था उन किसानों के शेयर का रकम भुगतान सरकार कर रही हैं। इसलिए सरकार ने बीमा को स्वेच्छिक कर दिया है। इधर समितियों में भंडारण हो रहा है।
इससे किसानों को यह होगा फायदा, जानिए
किसान जब लोन लेते तो बीमा की रकम किश्त की रूप में काट ली जाती। ज्यादातर किसान ऐसे भी हैं जो सिंचिंत क्षेत्र में होने की वजह से सूखे या प्राकृतिक आपदा से मतलब नहीं रहता। वहीं प्रदेश सरकार ने अब आरबीसी योजना के तहत प्राकृतिक आपदा में क्षति का मुआवजा दे रही है। किसानों के बीमा कंपनी को किश्त के रूप में दे रहे पैसे बचेंगे। उन्हें लोन की रकम पूरी मिलेगी। कई किसान दूसरे बैंक से लोन भी लेते थे।
अनिवार्यता खत्म कर दी है, आदेश जारी
"इस खरीफ सीजन से लोन लेते समय किसानों को फसल बीमा करवाना अनिवार्य नहीं है। इसे स्वेच्छिक कर दिया गया है। इस नए आदेश को हमने जिला सहकारी बैंक को भेज दिया है। जो अपने शाखा बैंकों में इसे सर्कुलेट किए हैं। इससे किसानों को काफी राहत होगी। किसानों के हित में यह महत्वपूर्ण निर्णय है। इसे क्रियान्वय करेंगे।"
-आरके राठौर, संयुक्त संचालक कृषि दुर्ग संभाग
नीट और जेईई एडवांस की तैयारी करने के लिए कोटा गए स्टूडेंट्स को बुधवार उनके पालकों को सौंप दिया गया। 7 दिन तक कोटा से लौटने के बाद वे बिलासपुर में क्वारेंटाइन रहे। उन्हें घर जाने की अनुमति इस शर्त पर दी गई कि वे अपने घर के बाहर आइसोलेशन का बोर्ड लगाकर रखेंगे। ताकि आसपास के लोग सतर्क रहें। साथ ही घर के अंदर अन्य का प्रवेश निषेध रहे। इस दौरान विशेष निगरानी हो सके। इसका बाकायदा फोटों खींचकर प्रशासनिक अफसरों को भेजना भी होगा। छात्रों को सौंपने से पहले पालकों से शपथ पत्र भी लिखवाया गया। इसमें कहा गया कि वे अपने बच्चों को 14 दिनों तक घरों में होम आइसोलेशन में रहेंगे।
सभी स्टूडेंट्स शाम 4.35 के बाद वे दुर्ग पहुंचे। लौटने वालों में अधिकांश नीट की तैयारी के लिए कोटा में रहकर पढ़ाई कर रहे थे। इन बच्चों को रिसीव करने के लिए कांग्रेस की जिलाध्यक्ष तुलसी साहू समेत अन्य कांग्रेस नेता पहुंचे। सभी ने बच्चों के पैरेंट्स से मुलाकात की। इस दौरान पैरेंट्स ने छग सरकार का आभार माना। एक पैरेंट्स ने कहा कि शासन-प्रशासन की पहल के बाद ही सभी स्टूडेंट्स अपने घर लौट पा रहे हैं।
अब आगे नीट की तैयारी ऑनलाइन करेंगे स्टूडेंट्स
स्टूडेंट्स ने बताया कि अब आगे की तैयारी घर में रहकर ऑनलाइन क्लासेस के माध्यम से करेंगे। अधिकांश नोट कंप्लीट है। नीट की तैयारी करने के लिए कोटा गई कैंप-2 निवासी पायल ने बताया कि पिता रेलवे कर्मचारी हैं। वह पिछले करीब 11 महीने बाद घर लौट पाई है। उतई के सीआईएसएफ के हेड कांस्टेबल लाखन सिंह के बेटे सोमेंद्र सिंह ने बताया कि बहन सुहासिनी भी साथ में नीट की तैयारी के लिए कोटा में थी। ऑनलाइन पढ़ाई करेंगे।
सभी की रिपोर्ट निगेटिव इसलिए 7 दिन में ही छोड़ा
एसडीएम खेम लाल वर्मा ने कहा कि कोटा से आए कोई भी बच्चे या अभिभावक कोरोना पॉजिटिव नहीं मिले। इसके कारण 7 दिन ही उन्हें क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया। वैसे भी घर जाने के बाद 14 दिन तक होम क्वारेंटाइन में ही रहेंगे। इस तरह 21 दिन का समय पूरा हो जाएगा। इसी तरह बाहर से आने वाले श्रमिकों को भी दुर्ग में और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों को ग्राम पंचायत से निर्धारित स्थान में रखा जाएगा। बताया गया कि प्रशासन इसकी मॉनीटरिंग करेगा।
चार घंटे देरी से बिलासपुर से निकली सभी की बस
कोटा से बिलासपुर में क्वारेंटाइन रखे गए छात्र सुबह 8 बजे के बजाए दोपहर साढ़े 12 बजे रवाना हुए। खबर है कि वे तैयार ही नहीं हो पाए थे। इसके बाद उनकी नंबरिंग, वाहन से जुड़ी जानकारी, पंजीयन में समय लगा। प्रत्येक बच्चों की काउंटिंग भी की गई। कोटा से कितने आए थे, कहां-कहां रुके। उसमें कितने बच्चे दुर्ग के हैं और कितने-कितने राजनांदगांव, कवर्धा, बालोद, कांकेर और बेमेतरा के हैं। सभी को जिले के अनुसार बसों में बैठाया गया।
एक नजर इधर भी
09 बसों में बिलासपुर से दुर्ग पहुंचे
14 दिन होम क्वारेंटाइन में रहना होगा सभी को।
138 स्टूडेंट्स वापस घर लौटे
फरीदनगर की जिस महिला की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई, उसके साथ उसका पति भी महाराष्ट्र के धुलिया से लौटा था। दोनों साथ-साथ लौटे मगर पति ने पूरी कहानी बदल दी। स्वास्थ्य विभाग को बताया था कि सिर्फ उसकी पत्नी ही महाराष्ट्र से लौटी है। जबकि खुद की ट्रेवल हिस्ट्री छिपाकर वह दो दिनों तक फरीदनगर व आसपास इलाकों में घूमता रहा। बुधवार को इसका खुलासा। पुलिस ने कोरोना पॉजिटिव महिला के पति नईम पिता सैय्यद सलीम के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
टीआई गोपाल वैश्य ने बताया कि ट्रैवलिंग हिस्ट्री छिपाने वाले महिला के पति नईम पिता सैय्यद सलीम के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। दंपत्ति अपने दोनों बच्चों के साथ महाराष्ट्र से भिलाई आए थे। सभी ने भिलाई पहुंचने के लिए ट्रक से लिफ्ट ली थी। पत्नी के महाराष्ट्र से लौटने की जानकारी देकर उसे पति ने अस्पताल में भर्ती करा दिया था। जबकि अपनी जानकारी छिपाकर दोनों बच्चों के साथ घर चला गया था। दो दिनों तक अपने बड़े भाई के परिवार के सदस्य और पिता के साथ घर पर रहा।
अब खतरा ज्यादा क्योंकि... दो दिनों तक घर पर परिजन के साथ रहा पति
पूछताछ में नईम ने पुलिस को बताया कि वह महाराष्ट्र से लौटने के बाद घर चला गया था। दो दिनों तक वह अपने दोनों बच्चे,पिता, बड़े भाई उसकी पत्नी और चार बच्चों के साथ घर पर रहा। इस दौरान वह चौराहे पर भी गया। पड़ोसी और दोस्तों से भी मिला। आरोपी के खिलाफ ट्रैवलिंग हिस्ट्री छिपाने के जुर्म में केस दर्ज किया गया है। आरोपी के खिलाफ धारा 188, 269, 270, 270 और महामारी एक्ट की धारा 3 के तहत कायमी की गई है। आरोपी 14 दिनों के लिए क्वारेंटाइन में है। वहां से निकलने के बाद गिरफ्तारी हो पाएगी।
जानिए कोरोना पॉजिटिव महिला और उसके पति की पूरी ट्रेवल हिस्ट्री...
पुलिस के मुताबिक 28 मार्च को नईम अपने पूरे परिवार के साथ धुलिया गया था। पत्नी और दोनों बच्चों को छोड़कर वह अकेले लौट आया था। एक महीने बाद 28 अप्रैल को वह लिफ्ट लेकर दोबारा महाराष्ट्र पहुंच गया। 3 मई को सभी ट्रक से लिफ्ट लेकर भिलाई लौट आए। 4 अप्रैल को आरोपी अपनी पत्नी को लेकर अस्पताल चला गया था। पुलिस ने आरोपी के मोबाइल नंबर की कॉल लोकेशन और डिटेल निकाली तो वह भी महाराष्ट्र की निकली। जिसके बाद यह पुख्ता हो गया कि आरोपी ने अपनी ट्रैवल हिस्ट्री छिपाई थी।
ऑपरेशन क्वारेंटाइन :रिपोर्ट के बाद महिला के परिवार के 14 लोगों को क्वारेंटाइन में भेजा, सैंपल भी लिया गया
होम क्वारेंटाइन में रहने वालों की संख्या 355 हुई
फरीदनगर लॉकडाउन में आंशिक छूट मिलने के बाद से शहर में होम क्वारेंटाइन में रहने वालों की संख्या 355 हो गई है। इनमें से कई लोग पिछले चार दिनों के भीतर मिले पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आए हैं। इनकी संख्या रोज बढ़ रही है, इसलिए बुधवर को 16 नई टीमें बनाई गई है। सबको होम क्वारेंटाइन में रखे गए लोगों के निगरानी की जिम्मेदारी है।
एम्स में भर्ती मरीजों का हेल्थ स्टेटस नॉर्मल
एम्स में भर्ती सभी पॉजिटिव मरीज की हालत अभी सामान्य बनी है। बुधवार को 9 में से 6 मरीजों ने भास्कर के हेल्थ रिपोर्टर से मोबाइल बात में खुद को पूरी तरह स्वस्थ्य बताया है। कहा किसी को भी अबतक सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार तक नहीं हुआ है। ब्लड, यूरीन और ईसीजी की रिपोर्ट भी नार्मल है।
तस्वीर बीती रात की है। रात एक-डेढ़ बजे तक निगम, स्वास्थ्य और पुलिस की टीम फरीदनगर इलाके में तैनात रही। इनके संपर्क में आने वाले 14 लोगों का सैंपल लेकर क्वारेंटाइन में भेजा गया है।
8 मरीजों के संपर्क में आने वाले 28 की रिपोर्ट निगेटिव
जिले में मिले 8 कोरोना पॉजिटिव मरीजों के क्लोज संपर्क में आने वाले 28 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। स्वास्थ्य विभाग ने इन सबका सैंपल लेने के बाद क्वारेंटाइन किया था। सीएमएचओ डॉ. गंभीर सिंह के मुताबिक क्लोज संपर्क में आने वाले सभी लोग एक्टिव मरीजों के परिजन हैं। स्वास्थ्य विभाग ने सभी के संपर्क में आने वाले करीब 150 लोगों की सूची तैयार की थी। सभी के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है। शेष की रिपोर्ट गुरुवार को आएगी। इधर जिला अस्पताल की फीवर क्लीनिक में मिले 13 और संदेहास्पद का सैंपल बुधवार को भेजा गया है। हालांकि, सैंपल लेने के नए नियम के अनुसार सभी के सभी कोरोना संभावित मरीज हैं। बुधवार को पूर्व के बैकलॉग की आई कुछ रिपोर्ट को लेकर अबतक लिए गए कुल 1854 सैंपलों के सापेक्ष 1723 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। प्रशासन ने फरीदनगर को कंटेनमेंट जोन घोषित किया है।
प्रेमनगर थाना क्षेत्र के जयपुर निवासी 17 वर्षीय किशोरी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं आत्महत्या के कारणों का अभी पता नहीं चल सका है।
जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत जयपुर निवासी शिवप्रसाद की 17 वर्षीय पुत्री मंगलवार की शाम 6 बजे शौच के लिए तालाब की ओर गई थी। काफी देर तक जब किशोरी वापस नहीं लौटी तो परिजनों ने खोजबीन शुरू की। पूरे परिवार ने गांव में रात भर खोजबीन की, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिल सकी। इसी बीच बुधवार की सुबह पांच बजे मृतका की मां शौच के लिए उसी ओर गई तो देखा कि आंगनबाड़ी भवन से 100 मीटर दूर आम के पेड़ पर किशोरी का शव दुपट्टे के सहारे फांसी के फंदे पर लटक रहा है। इस पर महिला ने परिजनों को जानकारी दी। परिजनों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को नीचे उतारा और पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने बताया कि आत्महत्या के कारणों का अभी पता नहीं चल सका है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
सिलफिली से लगे ग्राम मदनपुर में स्थित पार्वती नर्सिंग कॉलेज को क्वारेंटाइन सेंटर बनाने के निर्णय के खिलाफ मदनपुर समेत आसपास के ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर आपत्ति जताई।राज्य सरकार दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को वापस बुला रही है। जिसके लिए जिला प्रशासन एहतियातन क्वारेंनटाइन सेंटर बना रहा है। जिसका ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया है। ऐसे में प्रशासन उन्हें समझाने में जुटा है। इसके बाद भी ग्रामीण मानने को तैयार नहीं है। ग्राम मदनपुर में स्थित निजी नर्सिंग कॉलेज पार्वती इंस्टिट्यूट में सेंटर खोले जाने के विरोध में सिलफिली, मदनपुर, पर्वतीपुर, गनेशपुर, पहाड़ गांव, पंडोनगर के सैकड़ों महिला-पुरुषों ने पार्वती कॉलेज के समीप एकत्रित हो सेंटर खोले जाने का विरोध किया। विरोध प्रदर्शन की सूचना पर पहुंची पिलखा नायब तहसीलदार गरिमा ठाकुर को प्रदर्शनकारी जनपद सदस्य युग्मेश सिंह टेकाम, पंडोनगर सरपंच आगर साय पंडो, मदनपुर सरपंच ओमप्रकाश अगरिया के नेतृत्व में कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा।
ग्रामीणों ने तहसीलदार से लिखित में मांगा आश्वासन
ग्रामीणों ने तहसीलदार से लिखित में आश्वासन मांगा कि सेंटर यह नहीं खुलेगा तो उन्होंने लिखित में देने से मना कर ग्रामीणों से कहा कि आप निश्चिन्त रहें, यहां क्वारेंटाइन सेंटर नहीं खुलेगा। जिसके बाद करीब एक बजे ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन समाप्त किया। बताया जाता है कि मंगलवार शाम प्रशासनिक अमले ने उक्त चयनित भवन का निरीक्षण किया था, जिसके बाद सेंटर बनाने की तैयारी थी।
जजावल में संक्रमण फैलने से लोग दहशत में
ग्रामीणा का कहना था कि वे जजावल वाली स्थिति निर्मित नहीं होने देना चाहते हैं। उन्होंने नायब तहसीलदार को बताया कि सिलफिली में प्रदेश की बड़ी सब्जी मंडी है। चिन्हाकित भवन आसपास दर्जनों गांव के मध्य स्थित एनएच 43 से लगा है, जिससे संक्रमण का खतरा उत्पन्न हो सकता है। नायब तहसीलदार ने उन्हें अवगत कराया कि भवन का चिन्हांकन अवश्य किया गया है, लेकिन अब वे कलेक्टर को मामले से अवगत करा ग्रामीणों का पक्ष रखेंगी।
कोरोना के संक्रमण के खतरे की आशंका से अस्पताल से लेकर बाहरी इलाके में काफी सकर्तकता बरती जा रही है। यहां तक अस्पतालों में सिर्फ इमरजेंसी ऑपरेशन किए जा रहे हैं। इस बीच मेडिकल काॅलेज अस्पताल के नेत्र विभाग व निश्चेतना विभाग के डाॅक्टरों ने पहली बार आंखों में संक्रमण को रोकने एक सात वर्षीय बालक की एक आंख की कार्नियां(पेड्रियाटिक सर्जरी)का सफल ऑपरेशन किया। मंगलवार को नेत्र रोग विशेषज्ञ डाॅ. रजत टोप्पो के नेतृृत्व में शहर से लगे खैरबार निवासी 7 वर्षीय उमेश पैकरा के बाॅयी आंख की कार्नियां का 45 मिनट तक ऑपरेशन चला। इससे उसकी आंख बच गई और संक्रमण का खतरा टल गया है। लकड़ी के कई टुकड़े धंसने से उसकी कार्नियां फट गई थी और प्राकृतिक लेंस भी खराब हो गया है। ऑपरेशन होने के बाद उसे जख्मी आंख से रोशनी का अहसास हो रहा है। अब घाव ठीक होने के बाद उसकी आंख में लेंस प्रत्यारोपित किया जाएगा। ऑपरेशन करने वालों में निश्चतेना रोग विशेषज्ञ डाॅ. रजनी, डाॅ. शिवानी के अलावा नेत्र सहायक रमेश धृतकर, सिस्टर अरूणु खलखो शामिल थे।
खेलते समय गिरने से आंख में धंसे थे लकड़ी के कई टुकड़े
सोमवार को घर के पास ही उमेश खेल रहा था। इसी दौरान वह गिरगया और उसकी बायी आंख में लकड़ी के टुकड़े धंस गए। उसकी आंख खून से लाल हो गई। परिजन उसे अस्पताल ले आए तो जांच में पता चला कि उसके आंख की कार्नियां फट गई है जिससे प्राकृतिक लेंस भी खराब हो गया।
ऑपरेशन नहीं होता तो चली जाती रोशनी
डाॅ. रजत टोप्पो ने बताया कि कार्नियां फटने से उसका पूरा आईबाल खून से भर गया था। साथ ही प्राकृतिक लेंस भी खराब हो गया है। इससे इस आंख से देख नहीं पा रहा था। यदि प्रभावित आंख का ऑपरेशन नहीं किया जाता तो इससे इंफेक्शन बढ़ता और दूसरी आंख को भी प्रभावित करता। इससे उसकी दोनों आंख खराब हो जाती। उन्होंने बताया कि प्राइवेट में इस तरह के ऑपरेशन के लिए करीब 50 से 60 हजार रुपए खर्च आता, लेकिन यहां निशुल्क हो गया।
मंगलवार की रात 11 बजे तबीयत खराब होने पर अपने साथी जवान को इलाज के लिए अस्पताल लेकर जा रहे एक पुलिसकर्मी की खड़े ट्रक से टकराकर मौत हो गई। वहीं सीएएफ का एक जवान घायल हो गया। उसे इलाज के लिए मेडिकल काॅलेज में भर्ती कराया गया है।
शंकरगढ़ थाना प्रभारी प्रकाश राठौर ने बताया कि चांदो निवासी पुलिस जवान आदर्श बाखला अपने साथी सीएएफ के जवान दिलीप मिंज को इलाज के लिए शंकरगढ़ स्वास्थ केंद्र लेकर बाइक से जा रहा था। तब उनकी ड्यूटी मुख्यमार्ग में बादा में लगी थी। वे कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए बनाए गए बैरियर में ड्यूटी कर रहे थे। जैसे ही जमडी पवार हाउस के पास पहुंचे थे, सामने एक खराब ट्रक खड़ा था। अंधेरा होने की वजह से पीछे से टक्कर मार दी। इससे आदर्श बाखला की मौके पर मौत हो गई। वहीं दिलीप गंभीर रूप से घायल हो गया। इसकी जानकारी लोगों ने थाने में दी। इसके बाद जख्मी जवान को अस्पताल ले जाया गया। जहां से प्राथमिक इलाज के बाद अम्बिकापुर रेफर कर दिया गया।
ट्रक हो गया था खराब सड़क किनारे जो ट्रक खड़ा था, उसमें बाक्साइट लोड था। वहीं मौके पर उसका चालक भी नहीं था और न ही इंडिकेटर जल रहा था।
दुष्कर्म में 7 साल सजा काट चुका आरोपी पुलिस की लापरवाही से एक महिला की बलुआ से हमला कर हत्या कर दी। महिला के पति के मुताबिक दो साल से उसकी पत्नी आरोपी के छेड़खानी और मारपीट से परेशान थी। इसकी पुलिस से सोनहत थाने में 5 बार शिकायत भी की , लेकिन हर बार पुलिस ने केस को रफा-दफा कर दिया। महिला के पति ने कहा कि अगर पुलिस हमारी शिकायत पर आरोपी पर सख्ती से कार्रवाई की हाेती तो शायद मेरी पत्नी आज जिंदा होती।
सोनहत के मेंड्रा में बुधवार सुबह एक महिला की हत्या कर आरोपी फरार हो गया। सूचना पर पुलिस ने शव का पंचनामा कर जांच शुरू दी है। मंगलवार की रात युवक धारदार हथियार बलुआ लेकर महिला के घर के बाहर छिपकर खड़ा था, जिसे देखकर महिला डरी हुई थी। वह अपने पति से कहती रही कि वो हमें मार डालेगा। बुधवार सुबह पंचायत बुलाने महिला अपने बच्चों के साथ हसदेव नदी के तट पर एक गुरुजी को लेने गई थी, यहां आरोपी ने महिला के चेहरे और सिर पर बेरहमी से मारकर वारदात को अंजाम दे दिया। जानकारी के अनुसार मेंड्रा के कमलेश की 35 वर्षीय पत्नी सुनीता को गांव का ओम प्रकाश (40) 2 साल से परेशान कर रहा था। वह आते-जाते उसका रास्ता रोक लेता और छेड़खानी की नियत रखता था। आरोपी कई बार घर से बाहर महिला को अकेला पाकर उससे छेड़छाड़ करता था, जिसकी शिकायत महिला और उसके पति ने पुलिस से की थी। मंगलवार रात 10 बजे आरोपी को घर के बाहर बलुआ लेकर खड़ा देखकर महिला डरी हुई थी। बुधवार सुबह कमलेश ने इसकी जानकारी पंचायत में दी और युवक को समझाने के लिए पंचायत बुलाई गई। सुबह करीब 9 बजे पंचायत में शामिल होने वाले एक गुरुजी को बुलाने महिला अपने 8 और 10 वर्षीय 2 बेटों के साथ हसदेव नदी के तट पर गई थीं, इसी बीच रास्ते में आरोपी युवक ने महिला को रोककर उसे मारने-पीटने लगा।
हिरासत में दो लोगों से कर रहे पूछताछ: एसपी
कोरिया एसपी चंद्रमोहन सिंह ने कहा कि पुलिस ने हर शिकायत पर कार्रवाई की है। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय तक पहुंचाया है। आगे कहा कि जिले की 8 लाख जनसंख्या है, जबकि पुलिस जवान 700 हैं। उन्होंने कहा कि वारदात से जुड़े दो लाेगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
जितनी बार शिकायत की गई, तब-तब कार्रवाई की
थाना प्रभारी सोनहत कमलेश्वर पैकरा ने कहा कि जितनी बार भी शिकायत हुई है, पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की है। वह छेड़छाड़ केस में पहले जेल जा चुका है, इसलिए मृतिका से रंजिश रखता था। उन्होंने कहा कि आरोपी की पतासाजी कर रहे हैं।
सख्त कार्रवाई नहीं होने से आरोपी का बढ़ा हौसला
3 दिन पहले आरोपी ने गांव के रामप्रसाद यादव से मारपीट की थी। इसकी शिकायत पुलिस से की गई है। मृतिका के परिजन और ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की, इससे उसके हौसले बुलंद थे। पुलिस के ध्यान नहीं देने कारण वह महिला की हत्या कर फरार हो गया।
युवक की धमकी, पूरे परिवार को मार डालूंगा
महिला के पति कमलेश ने बताया ओमप्रकाश उसकी पत्नी को परेशान करता था। छेड़खानी और झगड़े की शिकायत पुलिस से करने पर कहता था कि पूरे परिवार को मार डालूंगा। बताया कि कई बार इसकी शिकायत पुलिस से की है, लेकिन आरोपी हर बार बच निकलता था और हरकतों से बाज नहीं आ रहा था।
महिला के साथ गए बच्चों ने गांव पहुंचकर सूचना दी
महिला के पीछे साइकिल में आ रहे बच्चों ने जब यह देखा वह गांव की ओर भागे और पिता को सारी बात बताई। बच्चों ने बताया आरोपी ने बलुआ पकड़ा है। ग्रामीण बच्चों के साथ नदी तट पर पहुंचे, लेकिन तब तक आरोपी महिला की हत्या कर वहां से भाग चुका था। महिला के चेहरे पर कई प्रहार थे, पूरा शरीर खून से लथपथ था।
दुष्कर्म के मामले में 2012 में गया था जेल
महिला ने सोनहत थाने में छेड़छाड़ और झगड़े की शिकायत 5 बार की है, लेकिन मामले को पुलिस ने बहुत हल्के में लिया, जबकि आरोपी अप्रैल 2012 में दुष्कर्म के मामले में 7 साल के लिए जेल गया था। वहीं नवंबर 2019 में वह छेडछाड़ के आरोपी में भी सजा काट चुका है। जिस युवक को हत्या का आरोपी बताया जा रहा है, उससे महिला और उसके पति का कई बार झगड़ा हो चुका है। रोशन यादव, दारकरण, छज्जू सिंह, मुनित समेत अन्य ग्रामीणों ने बताया कि आरोपी युवक आदतन अपराधी है। गांव वालों से छोटी-छोटी बात पर झगड़े पर उतारू हो जाता था। 3 दिन पहले ही गांव के रामप्रसाद यादव को बेरहमी से पीटा था। यदि पुलिस सख्ती से कार्रवाई करती तो यह हत्या नहीं होती।
पश्चिमी विक्षोभ के कारण हर रोज जिले में कहीं ना कहीं बादल बरस रहे हैं। जिले में 11 दिन मंे दूसरी ओलावृष्टि हुई। इससे फसल को नुकसान पहुंचा। इससे पहले 26 अप्रैल को ओलावृष्टि से किसानों के घरों को भारी नुकसान पहुंचा था।
मंगलवार की रात को शहर सहित जिले के पाठ इलाकों में आधे घंटे तक आंधी चली। हवा की रफ्तार इतनी तेज थी कि पेड़ों की डंगालें टूटी और शहर में लगे होर्डिंग्स भी उखड़ गए। आंधी के बाद बारिश हुई। इधर पाठ इलाकों में ओलावृष्टि भी खूब हुई है। पंडरापाठ, सुलेसा, महनई, चंपा सहित अन्य इलाकों में रात में गिरे ओले सुबह तक पिघल नहीं पाए।
मंगलवार को सुबह व शाम को आसमान में घने बादल छाए और दोपहर में हल्की धूप थी। रात करीब 10 बजे काले बादलों ने आसमान काे पूरी तरह ढंक लिया और तेज हवाएं चलने लगीं। आंधी के वक्त शहर में एहतियातन बिजली आपूर्ति बंद कर दी। ग्रामीण इलाकों में तार टूटने से रातभर बिजली गुल रही। हवा की रफ्तार जैसे ही थमी बारिश होने लगी। पाठ इलाकों में बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई। सन्ना, पंडरापाठ, सोनक्यारी, आस्ता, सुलेसा, महनई सहित अन्य इलाकों में खेती प्रभावित हुई है।
रविवार तक रोज बारिश
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार इस सप्ताह गुरूवार, शुक्रवार, शनिवार और रविवार चारों दिन बारिश होने की संभावना है। बुधवार को दिन में लोगों को बारिश से राहत मिली थी। मौसम वैज्ञानिकों के पूर्वानुमान है कि अब अगले सप्ताह सोमवार को ही लोगों को आसमान साफ मिलेगा। पर अगले सप्ताह मंगलवार से फिर से बारिश का दौर शुरू हाे जाएगा।
मई में फरवरी जैसा मौसम, न्यूनतम तापमान पाठ इलाकों में 16 डिग्री
बारिश और ओलावृष्टि के कारण जिले के पाठ इलाकों में मौसम सुहाना है। मई के महीने में वहां का तापमान फरवरी जैसा है। सन्ना और पंडरापाठ समुद्र तल से 11 सौ मीटर की उंचाई पर हैं। वहां का तापमान जशपुर के तापमान से भी 4 डिग्री कम रहता है। वर्तमान में सन्ना का न्यूनतम तापमान 16 डिग्री है। इधर जशपुर में बुधवार को दिन का अधिकतम तापमान 31 डिग्री व न्यूनतम तापमान 20 डिग्री पर था।
ओले और बारिश से मिर्च के पौधे नीचे गिरे आम और नाशपाती के फल भी झड़ गए
पाठ इलाकों में मिर्च की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। वर्तमान में समूचे पठारी खेतों मेें मिर्च की फसल लगी हुई है। इस वर्ष बारिश से किसानों को राहत थी कि उन्हें मिर्च में सिंचाई के लिए खर्च नहीं करना पड़ रहा है, पर मंगलवार की रात को हुई ओलावृष्टि से मिर्च की फसल प्रभावित हुई है। किसानों के मुताबिक कई पौधे नीचे गिर गए हैं और मिर्च में भी दाग लगने की आशंका है। इस क्षेत्र में किसान अब टमाटर की पैदावार भी करते हैं। टमाटर की फसल ओले की मार से फटे हैं। आंधी चलने से पेड़ों में लगे नाशपाती के फल झड़ गए हैं। आम के साथ भी यही हुआ है।
काेविड-19 वायरस के संक्रमण की रोकथाम के क्रम में जिले में स्वास्थ्य विभाग यह पता करने में भिड़ा है कि कहीं कोई वायरस से संक्रमित तो नहीं, जिनमें कोविड-19 से ग्रसित होने के जरा से भी लक्षण नजर आ रहे हैं, उनके सैंपल लेकर जांच के लिए रायपुर भेजा जा रहा है। विभाग ने अब तक 433 लोगों के सैंपल कलेक्ट कर जांच के लिए भेज चुकी हैं। सैँंपल जांच में 263 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। विभाग को 164 सैंपल की रिपोर्ट आने का इंतजार है। अब तक भेजे गए सैंपल में से 6 रिजेक्ट किए गए हैं, जिसे फिर से कलेक्ट कर भेजा जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग ने सैंपल कलेक्शन की व्यवस्था हर विकासखंड में रखी है। इसके लिए सभी सीएचसी के डॉक्टर व लैब कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी गई है। जिले के विकासखंडों से कलेक्ट किए जाने सैंपलों को जिला मुख्यालय लाया जाता है और यहां से एक साथ सभी सैंपल रायपुर भेजे जा रहे थे। रायगढ़ में जांच की सुविधा शुरू होने के बाद यहां से सैंपल रायगढ़ भेजे जा रहे हैं। विभाग के मुताबिक अभी बीमार मरीजों के सैंपल कलेक्शन का काम किया जा रहा है। सांस लेने में तकलीफ, तेज बुखार, नाक बहना, गले में लंबे समय से कफ जमा होने की शिकायत लेकर जो मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं, उनके सैंपल लिए जा रहे हैं। बीमार लोगों का पता करने के लिए वार्ड व गांव में सर्वे कराया जा रहा है। जो लोग बाहर से आए हुए हैं और वे बीमार पड़ रहे हैं तो उनका सैंपल खास तौर पर लिया जा रह है। क्वारेंटाइन में रह रहे लोगों के सभी सैंपल लिए गए हैं। इसके अलावा सुरक्षा में लगे पुलिस जवान, स्टाफ नर्सों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। विभाग द्वारा रोजाना ही सैंपल कलेक्शन किया जा रहा है। बुधवार को जिले से 19 नए सैंपल लिए गए हैं।
आप बीमार हैं तो अस्पताल जाकर तुरंत कराएं जांच
स्वास्थ्य विभाग ने अपील जारी की है कि यदि आप बीमार पड़ते हैं तो खुद से दवा ना करें। कोरोना वायरस के संक्रमण के एक भी लक्षण यदि आपके शरीर में दिखाई पड़ रहे हैं तो तत्काल अस्पताल पहुंचकर जांच कराएं। जरूरत पड़ने पर सैंपल लेकर उसे जांच के लिए भेजा जाएगा। जशपुर जिला अभी ग्रीन जोन में है पर पड़ोसी राज्यों के जिले रेड व ऑरेंज जोन में हैं। इसलिए यहां संक्रमण के कई माध्यम हैं।
अभी बाहर से आने वाले प्रवासी मजदूरों से है खतरा
जिले में कोरेाना वायरस की एंट्री की आशंका बढ़ गई है। सरकार बाहर फंसे हुए मजदूरों को लाया जा रहा है। जिले से 1500 मजदूरों की लिस्ट श्रम विभाग ने बनाई है, जो बाहर हैं। प्रशासन ने बाहर से आए मजदूरों के लिए पंचायत स्तर पर क्वारेंटाइन सेंटर बनाने का काम शुरू कर दिया है। लॉकडाउन से पहले जिले में 42 लोग विदेश व 25 सौ लोग दूसरे राज्यों से लौटे थे। जिन्हें होम क्वारेेंटाइन किया था। उनकी अवधि पूरी हो चुकी है।
आज बैशाख पूर्णिमा पर आप अपने घरों या नजदीकी जलाशयों में जाकर सूर्योदय से पहले स्नान करें और दान करें। लॉकडाउन और कोविड-19 वायरस के संक्रमण के कारण इस वर्ष बुद्ध पूर्णिमा पर होने वाले सभी कार्यक्रम निरस्त कर दिए गए हैं। भगवान बालाजी मंदिर में शाम को होने वाली महाआरती सिर्फ पुजारी करेंगे। मंदिर में भीड़ नहीं जुटने दी जाएगी। इस अवसर पर महाप्रसाद का भोग तो लगेगा पर सबके सौभाग्य में यह नहीं होगा। महावीर मंदिर में होने वाले अखंड रामायण के पाठ को भी स्थगित किया है। वैशाख मास की पूर्णिमा को स्नान-दान के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। शास्त्रीय मान्यता है कि इस दिन किसी पवित्र नदी या जलाशय में स्नान करना हजारों पुण्य के बराबर फल दिलाने वाला होता है। वैशाख पूर्णिमा के दिन को दैवीयता का दिन माना जाता है। इसी दिन विष्णु के अवतार भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। ऐसे में इसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की साधना-आराधना बेहद शुभ मानी गई है। इसलिए इस दिन स्नान और दान का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। मान्यता है कि इस दिन ध्यान, दान और स्नान विशेष लाभकारी होता है। पुराणों के अनुसार इस दिन ब्रह्म देव ने काले और सफेद तिलों का निर्माण भी किया था। अतः इस दिन तिलों का प्रयोग जरूर करना चाहिए।
पानी में गंगाजल मिलाकर करें पूर्णिमा स्नान
वैशाख मास की पूर्णिमा को स्नान-दान की पूर्णिमा भी कहा जाता है। वैशाख पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का अत्यधिक महत्व है। मान्यता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से कई जन्मों के पापों से मुक्ति मिल जाती है। हालांकि इस वर्ष लॉकडाउन होने के चलते लोग घरों से नहीं निकल सकेंगे। पंडित मनोज रमाकांत मिश्रा ने बताया कि ऐसे में आप घर में ही स्नान के पानी में गंगा जल को मिलाकर स्नान कर सकते हैं। इस दौरान गंगा का ध्यान अपने मन में करें, इससे आपको गंगा स्नान का फल प्राप्त होगा।
इस दिन करें ये काम
जिले में ग्रीष्मकाल के दौरान संभावित पानी की किल्लत से निपटने एवं हैंडपंपों को निरंतर चालू रखने के लिए जिले एवं उपखंड स्तर पर पानी निगरानी कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है। इसमें नियुक्त अधिकारी और कर्मी शिकायत मिलने पर तुरंत पानी की समस्या दूर करेंगे। इस कंट्रोल रूम की सेवा 30 जून तक अथवा मानसून आने तक मिलेगी। इसके लिए जिला स्तरीय कंट्रोल रूम का नंबर 07763-223757 और राज्य स्तरीय टोल फ्री नंबर 18002330008 जारी किया है।
पीएचई से मिली जानकारी के अनुसार जिला स्तर पर पेयजल निगरानी कंट्रोल रूम प्रभारी का दायित्व होगा कि प्रतिदिन शाम 5.30 बजे तक टेलीफोन एवं अन्य किसी माध्यम से प्राप्त खराब हैंडपंपों एवं पानी संबंधी शिकायतोें का पंजीयन कर उनके समस्याओं के निराकरण संबंधी प्रतिवेदन दर्ज करेंगे।
अधिकारियों के मोबाइल में भी कर सकते हैं शिकायत
कंट्रोल रूम में जिलास्तरीय कंट्रोल रूम के प्रभारी अनुरेखक रामपप्रसाद लिमजे मोबाइल नंबर 7610652310 को नियुक्त किया है। इसी तरह उपखंडस्तर जशपुर में सहायक अभियंता उपखंड जशपुर कमल प्रसाद कंवर 8519064845, जशपुर के लिए उप अभियंता सुरेन्द्र कुमार साय,8319644924 एवं मनोरा के लिए उपअभियंता उत्पल यादव 9340108565 की ड्यूटी लगाई है। इसी प्रकार उपखंड स्तर कुनकुरी के लिए सहायक अभियंता कुनकुरी एनकेएस महतो 9303823121, फरसाबहार ब्लाक के लिए एनकेएस महतो 9303823121, दुलदुला के लिए उप अभियंता बसंत कुमार एक्का 8770748912 एवं कुनकुरी के लिए उपअभियंता प्रमोद कुमार महतो 9479087270 की ड्यूटी लगाई गई है। पत्थलगांव ब्लाक में उप अभियंता संतोष कुमार नायक 9754199570 की ड्यूटी लगाई गई है।
ग्रीन जोन होने से लॉक डाउन- 3.0 में सुबह 5 घंटे के लिए दुकान खोलने की अनुमति जिला प्रशासन ने दी है। सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठान सुबह 7 से 12 बजे तक खुलेंगी। दुकानदार संक्रमण के खतरे को समझते हुए खुद ही दुकानों के सामने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करा रहे हैं। इधर बाजार के वक्त इसकी जांच के लिए पुलिस और प्रशासन की टीम भीदौरा कर रही है। शहर के पेट्रोल पंपों में भी बाजार खुलने के समय ही ज्यादा भीड़ पहुंच रही है। पेट्रोल पंप में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जा रहा है। बगैर मास्क पहने पहुंचे लोगों को पेट्रोल नहीं दिया जा रहा है।
राज्य सरकार की पहल पर राजस्थान कोटा में लाॅकडाउनके दौरान छत्तीसगढ़ के फंसेछात्र-छात्राओं को वापस लाया गया है।इसी कड़ी में जशपुर जिले के बच्चों को भी रायगढ़ एवं अन्य जिले में स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया था। सहायक आयुक्त एसके.वाहने ने बताया कि रायगढ़ से 8 बच्चों को वापस लाया गया है। दुर्ग से 55 बच्चों की भी वापसी हो रही है। उन्होंने बताया कि बच्चों के पालकों को अवगत कराया गया है कि 14 दिन की क्वारेंटाइन अवधि पूर्ण के करने के बाद बच्चे अब होमक्वारेंटाइन में रहेंगे। उन्हें सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए मास्क भी लगाना भी जरूरी किया गया है। उन्होंने कहा है कि घर रवानगी से पहले बच्चों के पालकों से वचन पत्र भी लिया गया है।
कोरोना महामारी को लेकर भाजपा मंडल महामंत्री रतनलाल जोशी व समाजसेवी मदन जारवाल ने सोमवार को बैरवा मोहल्ले में महिलाओं को मास्क व सेनेटाइजर का वितरण कर लोगों को अनावश्यक घर से बाहर नहीं निकलने के लिए जागरूक किया।
नगर के समाजसेवी ताराचंद महेश्वरी ने बुधवार को शराब दुकान के पास शराब खरीदने पहुंचने वाले लोगों को दूध पिलाया। उन्होंने कहा कि सेहत के लिए शराब की जगह लोगों को दूध पीना चाहिए। संक्रमण काल के दौरान लोगों के शराब पीना छोड़ देना चाहिए, ताकि लोगों को आर्थिक रूप से जूझना न पड़े। सोशल डिस्टेंस का बिना पालन किए ही दुकानों में शराब खरीदने से संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है। ऐसे में सामाजिक दूरी बनाए रखना भी आवश्यक है। इसके लिए सामाजिक संगठन और प्रशासन मदद कर रही है। उन्होंने लोगों को दूध पिलाकर शराब नहीं पीने की अपील की।
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए बाहर से आए लोगों को क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है। जागरूक लोग होम आइसोलेट हो रहे हैं। वहीं शहर से लगे पनेका गांव के सरपंच गणेश राम बारबुद्धे ने नागपुर से लौटे पुत्र को घर पर क्वारेंटाइन कर दिया और अन्य मजदूरों को हॉस्टल मेंठहराया। ग्रामीणों को जब इसकी खबर मिली तो विरोध हो गया।
ग्रामीणों ने भेदभाव का आरोप लगाते हुए सरपंच पुत्र को भी गांव के हॉस्टल में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में रखने कहा। विरोध के बाद सरपंच का पूरा परिवार होम आइसोलेट हो गया है। गांव वालों ने सरपंच को फिलहाल पंचायत भवन नहीं आने और पंचायत संबंधित कोई भी कार्य नहीं करने की समझाइश दी है। बताया गया कि सरपंच का पुत्र महाराष्ट्र के गोंदिया में रहकर पढ़ाई करता है। लॉकडाउन में वह घर लौटा तो सरपंच ने उसे क्वारेंटाइन सेंटर भेजना छोड़कर सीधे घर पर रख लिया। जबकि अन्य प्रदेशों से काम कर लौटे मजदूर व छात्रों को परिवार से दूर हॉस्टल में ठहराया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि नियम सभी के लिए एक है तो फिर सरपंच ने अपने पुत्र को हॉस्टल क्यों नहीं भेजा। इसका विरोध होने पर सरपंच का पूरा परिवार घर पर होम आइसोलेट हो गया है, ताकि नागपुर से लौटे पुत्र के संपर्क में कोई न आ सके।
घर पहुंचे कोटा के छात्र, 11 तक परिवार सहित होम क्वारेंटाइन
लॉकडाउन के बीच कोटा से लाए गए 84 स्टूडेंट्स बुधवार को अपने घर पहुंच गए। सभी को सशर्त घर भेजा गया है। इसके अब वे अपने परिवार के सदस्यों सहित होम क्वारेंटाइन में रहेंगे। इस दौरान परिवार का कोई भी सदस्य अपनी नौकरी, व्यवसाय या दूसरे काम के लिए घर से बाहर नहीं निकल सकेंगे। न ही घर पर किसी बाई या दूसरे कर्मचारी से काम ले सकेंगे। जिले के 84 स्टूडेंट्स को कोटा से लाने के बाद 28 अप्रैल को बिलासपुर में 14 दिन के क्वारेंटाइन रखा गया था, जहां से बुधवार को इन्हे शहर लाया गया। अब तक इन स्टूडेंट्स अपने 14 दिन के क्वारेंटाइन पीरियड में 9 दिन का समय पूरा कर लिया है। शेष बचे 5 दिन का क्वारेंटाइन टाइम अपने घरों में ही पूरा करेंगे।
चेतावनी पत्र देकर बोले- उल्लंघन पर कार्रवाई
सभी स्टूडेंट्स के परिजन से एक चेतावनी पत्र भी भराया गया है। इनमें क्वारेंटाइन अवधि की सभी गाइड लाइन सहित तमाम अहम जानकारी दी गई है। इसमें यह भी चेतावनी दी गई है कि अगर इसका उल्लंघन क्वारेंटाइन अवधि में किया गया, तो संबंधित के खिलाफ सीधे एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। इसके लिए सभी से सहमति ली गई है। अफसरों ने सभी से अपील की है कि इस दौरान सर्दी खांसी या बुखार जैसी शिकायत आई तो स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करें।
होम क्वारेंटाइन की पर्ची फाड़ घूमने निकला पड़ोसियों से किया विवाद, हुई एफआईआर
राजनांदगांव|होम क्वारेंटाइन होने के बावजूद मोहल्ल में घूमने वाले ट्रक ड्रावइर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया है। आरोपी ड्रावइर तीन दिन पहले ही कर्नाटक से बीजापुर होकर शहर लौटा था, जिसे मेडिकल चेकअप के बाद स्वास्थ्य विभाग ने 14 दिन के होम क्वारेंटाइन में रहने की हिदायत दी थी। पुलिस ने बताया कि 24 वर्षीय रोहित यादव को होम क्वारेंटाइन किया गया था। इसके चलते उसके घर पर कोविड-19 क्वारेंटाइन की पर्ची भी लगाई गई थी, लेकिन रोहित बार-बार अपने घर के बाहर लगी पर्ची को फाड़ देता था। घर में रहने के बजाय वह मोहल्ले में घूमने निकल रहा था, जिससे पड़ोसी परेशान हो रहे थे। लेकिन रोहित की मनमानी नहीं थम रही थी। बुधवार को भी सुबह उसने पर्ची फाड़ी और पड़ोस में घूमने निकला, जिसे पड़ोस की महिला ने मना किया तो उससे विवाद करने लगा। आसपास के लोग भी एकत्रित हुए, जिससे रोहित ने गाली गालैज तक कर दी। इसके बाद महिला ने इसकी शिकायत बसंतपुर थाने में दर्ज कराई। बसंतपुर पुलिस ने रोहित यादव के खिलाफ धारा 188, 269, 270, 271, 54 महामारी अधिनियम 2005 का अपराध के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
गर्मी के दौरान शहर में पानी की पर्याप्त आपूर्ति के लिए मोंगरा बैराज से पानी का स्टॉक पहुंच गया है। नगर निगम ने बैराज से 250 एमसीएफटी पानी की मांग की थी, जो बुधवार को शहर पहुंच गई है। इसके साथ ही शहर के लिए 45 दिन का पानी पहुंच गया है। इधर निगम प्रशासन अब वार्डाें में सप्लाई तेज करने के लिए मशक्कत कर रही है।
मोगरा बैराज से पानी पहुंचने के साथ ही मोहारा के सभी फिल्टर प्लांट से सप्लाई बढ़ेगी। जल विभाग के एसई अतुल चोपड़ा ने बताया कि गर्मी के दौरान किसी भी तरह से पानी की दिक्कत न हों, इसके देखते हुए समय पर ही पानी का स्टॉक मंगा लिया गया है। ये स्टाॅक अगले 45 दिन तक के लिए पर्याप्त है। शहर में डिमांड के मुताबिक टैंकरों से पानी की सप्लाई की जा रही है। नलों से भी पर्याप्त पानी पहुंच रहा है। मोंगरा बैराज और मोखली स्टापडैम में शहर के लिए पानी का स्टॉक और भी आरक्षित किया गया है। मोहारा एनीकट का वाटर लेवल कम होते ही दूसरी खेप भी मंगा ली जाएगी। इधर बीते दो दिनों से फिल्टर प्लांट में आई खराबी को भी सुधार लिया गया है। प्लांट का पंप साफ्ट टूटने की वजह से टंकियों के समय में भरने पर दिक्कत आ रही थी, जिसका सुधार भी कर लिया गया है। इसके बाद अब सभी टंकियां समय पर भर रही है।
विशेष टीम भी बनाई गई
गर्मी के दौरान प्लांट में हर साल पंप या दूसरी मशीनों में खराबी की शिकायत सामने आती है। इसे देखते हुए इस बार मेंटेनेंस के लिए विशेष टीम भी बनाई गई है। जो तत्काल किसी भी शिकायत की स्थिति में सुधार का कार्य शुरू करेगी। गर्मी के दौरान शहर में पानी को लेकर किसी भी तरह की दिक्कत लोगों को न हो, इसे देखते हुए विशेष प्लान किया गया है। इधर शहर के आउटर वार्डाें में टैंकरों की मांग भी बढ़ रही है। गुरुवार से इन हिस्सों में अतिरिक्त सप्लाई की योजना बनाई गई है।
लाॅकडाउन में दीगर राज्यों में फंसे मजदूर अब धीरे-धीरे अपने गांव एवं घर लौट रहे हैं। खाने कमाने के लिए पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के नागपुर, नासिक एवं चंद्रपुर गए डेढ़ सौ मजदूर बुधवार को सुबह-सुबह पैदल सफर करते हुए ब्लाॅक मुख्यालय पहुंचे। इन ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण के बाद इन्हें इनके गांवों के लिए रवाना कर दिया गया।
ब्लाॅक के ग्राम आडेझार, करमतरा, मांगाटोला, कौड़ीकसा, नेतामटोला, देववाडवी, मांझीटोला, गोपलीनचुवा क्षेत्र के लगभग डेढ़ सौ मजदूरों की बुधवार को अपने-अपने गांव वापसी हुई। इन गांवों के ग्रामीणों ने बताया कि वे खाने कमाने के लिए होली पर्व के बाद पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के चन्द्रपुर, नागपुर, नासिक गए हुए थे। घर लौटने वाले शत्रुहन लाल, रामसिंह, पार्वतीबाई, कुवंरसिंह, अंकालूराम, बिसाहूराम, अंजोरीलाल ने बताया कि वे सभी लाकडाउन में फंसे हुए थे। ग्रामीणों की मानें तो लाॅकडाउन होते ही उनका काम बंद हो गया था और उन्हँ खाने पीने की समस्याएं आ रही थी। जिनके पास वे काम कर रहे थे वे भी शुरूआत में कुछ दिन खाने-पीने की व्यवस्था किए उसके बाद फिर उन्होंने पल्ला झाड़ लिया। इसके बाद वे घर वापसी के लिए पैदल ही निकल पड़े और बुधवार को अपने क्षेत्र में वापस पहुंच गए।
स्वास्थ्य परीक्षण के बाद मजदूरों को गांव भेजा
पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र से पैदल चलकर ब्लाॅक मुख्यालय पहँचे डेढ़ सौ मजदूरों काे बुधवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में स्वास्थ्य परीक्षण कराने के बाद उन्हें उनके गांव की ओर रवाना कर दिया गया। अस्पताल में मजदूरों का नाम पंजीकृत कर उनसे यात्रा विवरण की जानकारी ली गई और उनसे स्वास्थ्य संबधी समस्यओं की जानकारी ली गई।
छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल की ओर से बसाई गई कॉलोनियों में लोग इस उम्मीद से मकान लेकर रह रहे हैं कि यहां बेहतर सुविधा मिलेगी पर बोर्ड के अफसर रहवासियों को मुसीबत झेलने छोड़ दिए हैं। हर माह पानी का टैक्स 300 रुपए प्रत्येक घर से वसूल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे पर सुविधा देने में कंजूसी की जा रही है। बताया कि हाउसिंग बोर्ड की ओर से लोगों की समस्याओं को दूर करने में गंभीरता दिखाए जाने के बजाए सिर्फ टैक्स की बढ़ाेतरी में ध्यान दिया जाता है।
बड़ी बात यह है कि कौरिनभाठा के पीछे बसे दीनदयाल आवास कॉलोनी के ब्लॉक नंबर 15 के पास तो सप्लाई लाइन के वॉल्व के पास सैप्टिक का गंदा पानी जमा हो रहा है। लगातार रिसाव की वजह से सैप्टिक का पानी मेन सप्लाई लाइन से मिलता जा रहा है। लोगों के घरों में गंदे पानी की आपूर्ति होने लगी है। लोग ऐसे हालातों में पानी को उबालकर उपयोग में नहीं लाएंगे तो बीमार पड़ जाएंगे।
मरम्मत करने आ ही नहीं रहे: कॉलोनी के रहवासियों की ओर से इस समस्या से हाउसिंग बोर्ड के अधिकािरयों और कर्मचारियों को अवगत करा दिया गया है पर विडंबना है कि माहभर हो गए कोई मरम्मत करने नहीं पहंुचा है। कॉलोनी के रहवासी आशीष वैष्णव ने बताया कि वॉल्व की मरम्मत नहीं होने से आसपास के घरों में बदबूदार पानी आ रहा है। कुछ लोग तो मजबूरी में पानी का जार बाहर से मंगा रहे हैं।
टैक्स लेने में हैं आगे
सप्लाई लाइन के पानी से सिर्फ कपड़े ओर बर्तन धोने का काम कर रहे हैं। लॉक डाउन की वजह से लोग घर तक सीमित हैं। इसलिए बाहर से पानी मंगा लेते हैं पर ज्यादा दिन तक यह नहीं चल पाएगा। कॉलोनी के ही श्रीकांत मुदलियार, राकेश शर्मा, टीएल रंधावा ने बताया कि हाउसिंग बोर्ड की ओर से पानी का टैक्स तो बराबर लिया जा रहा है पर साफ पानी नहीं दे रहे हैं। बबीता जैन ने बताया कि उपर मंजिल में तो पर्याप्त पानी पहुंचता भी नहीं है। सिर्फ 20 मिनट नल चलता है। इसके बाद पानी के लिए परेशान होना पड़ जाता है।
निगम को हैंडओवर करने की मांग की जा रही
हाउसिंग बोर्ड के कॉलोनी में रहने वाले लोग पूर्व में धरने पर बैठे थे। कॉलोनी के रहवासियों का कहना है कि निगम को टैक्स देने में दिक्कत नहीं होगी, क्योंकि निगम की व्यवस्था हाउसिंग बोर्ड से बेहतर है। महापौर ने धरना को समाप्त कराने के दौरान आश्वासन भी दिया था कि प्रक्रिया को जल्द पूरी कराएंगे। हाउसिंग बोर्ड के ईई सीएस बेलचंदन का कहना है कि कर्मचारियों को भेजकर जल्द ही मरम्मत कराएंगे। पानी टंकी की समय-समय पर सफाई कराते रहते हैं।
लॉकडाउन के बाद शराब दुकान खुलने के दो दिनों में ही खत्म हो गई है। शहर के सभी चार दुकानों में गिनती के ही स्टॉक मौजूद हैं। सस्ती रेंज की लगभग पूरी शराब बिक गई है। इसके बाद अब नए स्टॉक का इंतजार किया जा रहा है। बुधवार शाम में दुकान बंद होने के पहले स्टॉक खत्म हो जाने की वजह से ज्यादातर लोगों को बैरंग लौटना पड़ा।
दुकान खुलने के पहले ही दिन सोमवार को शौकीनों ने पौने तीन करोड़ रुपए की शराब खरीद ली थी, दूसरे दिन मंगलवार को भी 2 करोड़ 81 लाख रुपए की शराब बिक गई। बगैर किसी त्योहारी सीजन के आम दिनों की तुलना में जिले में ये बिक्री का रिकाॅर्ड ही बताया जा रहा है। दो दिन की बंपर बिक्री के बाद बुधवार दोपहर तक ही दुकानों के स्टॉक खत्म हो गए। शहर में दो अंग्रेजी और दो देशी शराब की दुकान मौजदू हैं। इन चारों दुकानों में स्टॉक अंतिम स्टेज पर रहा। जो शराब उपलब्ध थे, वे भी हैवी रेंज की श्रेणी के थे। इसके चलते तीसरे दिन शराब दुकानों से कतार गायब हो गई और लोगों को खाली हाथ लौटना पड़ गया। इधर ड्राइ हो चुके दुकानों में वापस स्टॉक के लिए शराब से भरी गाड़ियां दुकानों में पहुंचने लगी थी। मामले को लेकर सहायक आबकारी आयुक्त नीतू नोतानी ठाकुर ने बताया कि तीन दिन में लगभग साढ़े 6 करोड़ रुपए की शराब बिक गई है।
दुकानों से भीड़ कम करने के लिए होम डिलीवरी शुरू
इधर शराब की होम डिलीवरी के लिए बनाए गए एप में भी ऑर्डर आने शुरू हो गए हैं। तीन दिनों में आबकारी को एप में 850 से अधिक ऑर्डर मिले हैं। इन्हें एप्रूव कर डिलीवरी पहुंचाई भी जा रही है। बुधवार तक करीब 22 लोगों को शराब की होम डिलीवरी दी गई थी, आगे इसमें तेजी लाने का प्रयास आबकारी विभाग की टीम कर रही है, ताकि शराब की दुकानों में भीड़ कम से कम हो सके।
डोंगरगांव इलाके के ग्राम कोनारी के आंगनबाड़ी में अज्ञात आरोपी ने आग लगा दी है। इससे आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए रखा चावल, दाल सहित अन्य पौष्टिक खाद्य पदार्थ जलकर खाक हो गया है।
आगजनी से केंद्र में रखे करीब 60 हजार रुपए के सामनों की क्षति हुई है। केंद्र की कार्यकर्ता मालती देवांगन ने पुलिस काे बताया कि 5 और 6 मई की दरमियानी रात आंगनबाड़ी केंद्र में आग लगने की जानकारी मिली। ग्रामीणों सहित जब वे मौके पर पहुंचे तो केंद्र का ताला टूटा हुआ था। भीतर रखे सामान में आग लगा दी गई थी।मिली जानकारी के अनुसार केंद्र से करीब 25 किलो चावल की भी चोरी कर ली गई थी, जिसे बच्चों के भोजन के लिए रखा गया था। आग बुझाने के पहले ही लगभग पूरा सामान जलकर खाक हो गया। डोंगरगांव पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
नागपुर से बिलासपुर तक निर्माणाधीन तीसरी रेल लाइन के निर्माण में रेलवे किसानों की जमीन पर अतिक्रमण कर दिन-रात काम करा रहा है। मंगलवार को रेलवे किसान संघर्ष समिति जटकन्हार व धुसेरा के किसान पदाधिकारियों अध्यक्ष नैनकुमार जनबंधु, नोहर लाल वर्मा, घनश्याम साहू, नकुल साहू, मन्ना लाल, धनीराम, बसंत, ललित, श्यामलाल, महावीर, रोहित, रजवंतिन आदि ने कार्यस्थल पर विरोध करते हुए रेलवे के निर्माण कार्य को रूकवा दिया और खुदाई में लगें जेसीबी को वापस भेजा।
साथ ही रेलवे के अफसरों से फोन पर चर्चा कर काम को तत्काल बंद कराने की बात कही। किसानों ने कहा कि सभी किसानों की मौजूदगी में भूमि नाप के बाद ही काम चालू किया जाए। किसानों ने दो टूक कहा कि बिना नाप-जोख हुए ही काम करना अनुचित है और खेतों में रखे गए मिट्टी व स्लीपर को भी तत्काल उठाया जाए। बता दें कि जटकन्हार रेलवे स्टेशन के समीप चल रहे तीसरी लाइन निर्माण में रेलवे ने किसानों की बिना सहमति के ही निर्माण कार्य शुरू करा दिया है। जबकि किसान अपनी जमीन में चल रहे निर्माण का विरोध कर रहे है। इसके बाद भी लॉकडाउन के बीच रेलवे तेजी से काम करा है। महिला किसान रजवंतिन बाई ने बताया कि उसके खेत के ट्यूबवेल को रेलवे ने निर्माण के दौरान दबा दिया। इस तरह से रेलवे तीसरे लाइन के निर्माण कार्य में किसानों को नुकसान पहुंचा रहा है। तीसरी लाइन का निर्माण कार्य राजनांदगांव जिला में अंतिम चरण पर है। परंतु किसानों की सहमति के बिना ही तेजी से काम चल रहा है। जिसे लेकर किसान रेलवे के रवैये से आक्रोशित है।
दिन में विरोध को देख रात में करा रहे काम: किसानों ने बताया कि प्रभावित किसान समय-समय पर रेलवे के मनमानी रवैये का विरोध करते रहे हैं। कई बार दिन में किसानों के पहुंचने की वजह से रेलवे रात में मशीनों से काम पूरा कराने में लगा है। रात में मशीनों से काम कराकर अब स्लीपर, सीमेंट व गिट्टी भी डंप किया जा रहा है। जबकि जमीन अधिग्रहण करने से पहले अब तक न तो किसी किसान को मुआवजा मिला है और न ही नौकरी दी गई है।
बुआई होगी प्रभावित आंदोलन की दी चेतावनी
किसानों ने कहा कि मानसून आने के पहले खेत में जुताई व सफाई का काम शुरू हो चुका है। लेकिन रेलवे के निर्माण कार्य के चलते किसानी कार्य प्रभावित हो रहे है। अगले माह मानसून आते ही बोआई का कार्य प्रारंभ होगा। लेकिन रेलवे के मनमानीपूर्ण रवैया के चलते बोआई का कार्य भी प्रभावित होगा। तीसरी लाइन निर्माण के लिए अन्य खेतों में भी मटेरियल रखकर कब्जा कर लिया गया है। किसानों ने कहा कि यदि अब निर्माण कार्य किया जाता है तो वे उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।
लगातार पत्र लिखने के बाद भी ध्यान नहीं दे रहे
प्रभावित किसानों ने बताया कि रेल परियोजना के लिए शासन द्वारा अधिग्रहित की गई भूमि के प्रभावित किसानों के परिवार में से एक सदस्य को नौकरी व चार गुना मुआवजा दिए जाने संबंधित पत्र प्रभावित किसानों द्वारा कलेक्टर को पत्र लिखकर 8 अक्टूबर 2018 को प्रभावित किसानों की सूची की मांग के लिए अवगत कराया था जो कि आज तक नहीं मिला। वहीं 11 नवंबर 2019 को भारत सरकार रेल मंत्रालय के पत्र में भूमि अधिग्रहण से प्रभावित नीतियों में संशोधन किए जाने की सूचना दी गई थी।
सर्वे को बताया गलत, उपस्थिति में दोबारा नाप की मांग
तीसरी लाइन के लिए रेलवे के सर्वे को किसानों ने गलत बताया है। उनका कहना है कि उनकी गैर मौजूदगी में रेलवे ने नाप-जोख कर लिया और काम शुरू करा दिया। इसका विरोध करते हुए किसानों ने दोबारा नए सिरे से सर्वे कराकर अधिग्रहण की कार्रवाई करने का मांग किया था। परंतु रेलवे ने मनमानी करते हुए बिना मुआवजा दिए ही तीसरी लाइन का काम शुरू करा दिया। साथ ही रेलवे ने प्रभावित किसानों की सूची अब तक राजस्व को उपलब्ध नहीं कराया है। इसलिए किसान विरोध में उतर गए।
लॉकडाउन के बीच शराब की बिक्री के विरोध में भाजपा की ओर से प्रदेश स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधायक डॉ रमन सिंह ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि देशभर में कोरोना का संक्रमण फैला हुआ है। ऐसे में लोग घरों तक सिमटे हुए हैं और प्रदेश सरकार शराब बिक्री कराकर संक्रमण को बढ़ावा देने का काम कर रही है। डॉ रमन ने कहा कि लॉक डाउन में 40 दिन से लोगों ने तपस्या की। लोग शासन-प्रशासन की बातें मानकर घर तक सीमित रहे पर शराब बिक्री ने जनता की तपस्या को भंग कर दिया। डॉ रमन ने कहा कि प्रदेश का कुल बजट 1 लाख 20 हजार करोड़ है और आबकारी का बजट 5 हजार 500 करोड़ है। अगर सरकार दुकान बंद भी रखती तो केवल 300 करोड़ रुपए का ही नुकसान होता। कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने चुनावी घोषणा पत्र में लिखा है कि प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी करेंगे तो फिर अब क्यों ऐसा नहीं कर रहे हैं। प्रदेश सरकार के लिए राजस्व से बढ़कर कुछ नहीं है।
लॉक डाउन की धज्जियां उड़ा दी: आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार ने शराब दुकानों में लोगों की भीड़ लगवाकर लॉक डाउन के नियमों की धज्जियां उड़ाने का काम किया है, इसे बढ़ावा दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के मंत्रियों को शराबबंदी के लिए दूसरे राज्यों में दौरा करने की जरूरत नहीं है, मंत्री केवल प्रदेश के शराब दुकानों के सामने 10 मिनट खड़ा होकर देख लें तो पता चल जाएगा कि स्थिति क्या है? प्रदेश सरकार के पास पैसों की कमी तो नहीं है फिर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में कोरोना जांच की व्यवस्था नहीं कर पाएं हैं। यह तो अच्छा हुआ के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के मार्गदर्शन में प्रदेश में एम्स खुल गया। डॉ रमन ने हैरानी जताई कि मजदूर सड़क पर पैदल चलकर गांव पहंुच रहे हैं।
लॉकडाउन के बीच बाहर फंसे और राज्य में चलाए जा रहे राहत अभियानों के बारे में जानकारी देते हुए ग्रामीण जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष पदम कोठारी ने कहा कि प्रदेश में कोई व्यक्ति भूखा नहीं है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सबसे पहले लोगों के राशन,पानी का इंतजाम किया। सूखा राशन से लेकर लोगों तक भोजन पहंुचाया जा रहा है। कोठारी ने कहा कि जिले के 58 लाख गरीब परिवारों को अप्रैल, मई, जून तीन माह का राशन नि:शुल्क में दिया गया। बिना राशन कार्ड वाले व्यक्तियों को भी प्रति व्यक्ति 5 किलो चावल देने का प्रावधान भी किया गया है। इसी तरह लॉक डाउन के बाद भी गांवों में मनरेगा के माध्यम से हजारों लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।
कोठारी ने बताया कि दूसरे राज्यों में 1 लाख 24 हजार 205 श्रमिक फंसे हुए हैं। इन्हें वापस लाने के लिए मुख्यमंत्री ने रेलवे मंत्री को पत्र लिखा है। सीधे दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ ही अफसरों के संपर्क में रहते हुए वहां फंसे मजदूरों के लिए भोजन की व्यवस्था की जा रही है। अध्यक्ष कोठारी ने कहा कि लॉक डाउन की वजह से पढ़ाई चौपट न हो, इसलिए प्रदेश सरकार की ओर से पढ़ाई तुंहर दुआर ऑनलाइन सिस्टम लॉन्च किया गया है। वहीं कोटा में पढ़ाई करने गए 2 हजार 252 स्टूडेंट्स को बसों के माध्यम से छत्तीसगढ़ लाया गया है। इसके पीछे राज्य सरकार की ओर से 1 करोड़ 45 लाख रुपए व्यय किए हैं। बताया कि वनोपज संग्रहण में भी छत्तीसगढ़ अन्य राज्यों की तुलना में नंबर एक पर रहा है। लॉकडाउन के दौरान हर वर्ग के लोगों का ख्याल रखा जा रहा है। पत्रवार्ता के दौरान महापौर हेमा देशमुख, कमलजीत सिंह पिंटू सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
कोविड-19 कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए जारी लॉकडाउन के बीच जिले में मनरेगा का कार्य भी चल रहा है। राजनांदगांव जिला अन्य जिलों से मनरेगा के तहत काम दिलाने में नंबर एक पर है। जिले में पूरे प्रदेश में सबसे अधिक 2 लाख 3 हजार 831 मजदूरों को मनरेगा अंतर्गत ग्रामीणों को अपने ही घर के आस-पास गांव के अंदर रोजगार प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
जिले में कुल 4 हज़ार 129 कार्य प्रगतिरत है। 11 हजार कार्य पूर्व से स्वीकृत है एवं कुल 772 पंचायतों में लगातार काम चल रहा है। वर्ष 2020 - 21 मे लॉकडॉउन के बावजूद भी लगभग 5 हजार से अधिक नवीन जॉब कार्ड बनाया गए हैं। इसके अंतर्गत लगभग 14,600 नवीन मजदूर रोजगार के लिएरजिस्टर्ड हुए हैं। राजनांदगांव जिले के 9 ब्लॉक जिसमें सबसे अधिक खैरागढ़ ब्लॉक आज 33,995 मजदूर, छुरिया ब्लॉक 32,946 मजदूर, राजनांदगांव ब्लॉक 28,639 मजदूर, अंबागढ़ चौकी ब्लॉक 19,372 मजदूर, डोंगरगढ़ ब्लॉक 21,165 मजदूर, मानपुर ब्लॉक 17,111 मजदूर, छुईखदान ब्लॉक 27,026 मजदूर, डोंगरगांव ब्लॉक 11,572 मजदूर, मोहला ब्लॉक 12,005 मजदूर को रोजगार प्रदान कर रहा है। जिला पंचायत सीईओ तनुजा सलाम ने बताया कि राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी किए गए आदेशों का पालन करते हुए लगातार सोशल एवं फिजिकल डिस्टेंसिंग, मास्क/गमछा का उपयोग, कार्यस्थल पर हाथ धुलवाने की व्यवस्था करने कहा है।
आरटीआई कार्यकर्ता रमाशंकर गुप्ता पर जानलेवा हमला करने वाले 5 आरोपियों ने बुधवार को थाने पहुंचकर सरेंडर कर दिया, जबकि मुख्य आरोपी पिता-पुत्र दोनों फरार हैं। पुलिस ने आरोपियों से 1 कार, स्कूटी और घटना में प्रयुक्त डंडा जब्त किया है।
गौरतलब है कि 4 मई को आरटीआई कार्यकर्ता रमाशंकर गुप्ता मुक्तिधाम आमाखेरवा के पास हो रहे अवैध निर्माण कार्य की फोटोग्राफी करने गए थे, तभी मुक्तिधाम के सामने चौकीदार के घर के पास लाठी-डंडे से लैस होकर कुछ लोगों ने उनके साथ गाली-गलौज करते हुए उन पर जानलेवा हमला कर दिया था। हजारी चौक मनेंद्रगढ़ निवासी 68 वर्षीय रमाशंकर गुप्ता पिता हजारी लाल की रिपोर्ट पर थाना मनेंद्रगढ़ में केस दर्ज किया गया। पुलिस घटना में शामिल नामजद व अन्य अज्ञात आरोपियों की पहचान कर उनके अलग-अलग ठिकानों पर दबिश दे रही थी कि इस बीच बुधवार को प्रकरण में शामिल आरोपी 28 वर्षीय अशोक कुमार मौर्य उर्फ राधे पिता मुन्ना लाल पनिका, 55 वर्षीय अश्वनी सिंह पिता स्व. बीएन सिंह राजपूत, 26 वर्षीय सोनू उर्फ सेमलाल पिता प्रेमलाल, 45 वर्षीय सविता देवी पति स्व. राकेश कुमार परिहार, 35 वर्षीय अजय प्रसाद पिता स्व. राम सेवक शाह सूडी ने सरेंडर कर दिया। पूछताछ में आरोपियों ने अपना जुर्म स्वीकार किया है। आरोपी अश्वनी, सविता और अशोक से घटना में प्रयुक्त डंडा और आरोपी सेमलाल से स्कूटी जब्त की गई है। इसी स्कूटी से उसने आरोपी निक्कू को छोड़ा था। आरोपी अजय प्रसाद शाह ने आरोपी प्रमोद और उसके बेटे शशांक को अपने घर में शरण देकर जिस कार से भगाने में सहयोग किया था उस कार को भी आरोपी अजय से जब्त किया गया है।
आरोपी की पत्नी के संबंध में कोई गवाह सामने नहीं आए हैं: एसपी शुक्ला
सभी आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर भेजा गया। वहीं प्रकरण के दो मुख्य आरोपी प्रमोद अग्रवाल और शशांक उर्फ निक्कू फरार हैं। मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने से पुलिस की भूमिका पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। बुधवार को पुलिस के मामले में खुलासा के दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पंकज शुक्ला ने कहा कि आरोपी की पत्नी के संबंध में कोई गवाह सामने नहीं आए हैं, वहीं पत्नी की भूमिका भी स्पष्ट नहीं है कि वह वारदात में शामिल थी। उन्होंने आगे कहा कि पुलिस मुख्य आरोपी पिता-पुत्र की तलाश कर रही है। जिले की सीमाएं सील हैं, ऐसे में वे दूसरी जगह नहीं भाग सकते। जल्द से जल्द उन्हें गिरफ्तार कर लेंगे।
देवाडांड गोदाम से मेरो सोसायटी जा रहे ट्रक से गिरकर एक मजदूर की मौत हो गई। मजदूर को घायल अवस्था में मंगलवार दोपहर खड़गवां सीएचसी में भर्ती कराया गया, जहां रात 8 बजे उसने दम तोड़ दिया।
चावल लेकर ट्रक देवाडांड से मेरो सोसायटी के लिए निकला था। शिवपुर बरदर में ट्रक के ऊपर बैठा मजदूर रण सिंह उधनापुर चौक के पास बिजली के तार में फंसकर नीचे गिर गया और गंभीर रूप से घायल हो गया। दोपहर 2.30 बजे शिवपुर सरपंच ने अपनी गाड़ी से घायल को अस्पताल पहुंचाया जहां भर्ती कर उसका इलाज किया जा रहा था। डॉक्टर ने बताया उसके सिर और पैर पर चोट लगी थी, इस बीच इलाज के बीच रात 8 बजे मौत हो गई।
पीएम किए बगैर कहा- शव लेकर जाओ
डॉक्टर ने पीएम किए बगैर परिजन से शव लेकर जाने को कहा। परिजन ने जब पीएम के लिए जोर दिया तो कहा कि इसकी जरूरत नहीं है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों के दखल देने के बाद शव का पीएम किया गया।
राज्यमंत्री गुलाब कमरो ने भरतपुर सोनहत ब्लॉक में 54 करोड़ के विकासकार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया है। इसमें सनबोरा नदी पर 5 करोड़ 47 लाख से तैयार पुल का लोकार्पण किया। इसके साथ उन्होंने 20 करोड़ 18 लाख से तैयार होने वाले बहरासी से सनबोरा 32 किमी सड़क का भूमिपूजन किया।
सिरखोला में चांटी बैरियर से कुंवारपुर तक 15 करोड़ 20 लाख की 23 किलोमीटर सड़क का भूमिपूजन किया। इसके बाद भरतपुर से डोम्हरा अटल चौक तक 3 करोड़ 83 लाख की 10 किमी सड़क का भूमिपूजन किया। वहीं 5 करोड़ 30 लाख से रापा से बड़गांव कला 33.70 किमी बीटी रोड के नवीनीकरण के लिए भूमिपूजन किया। 2 करोड़ 54 लाख से मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत करवा से मैनपुर तक तैयार होने वाली सड़क, 27 लाख का उप स्वास्थ्य केंद्र का भूमिपूजन किया। जनपद पंचायत भरतपुर में मनरेगा योजना से 35 ग्राम पंचायतों में 1 करोड़ 38 लाख से होने वाले 132 कार्यों का भूमिपूजन किया है।
राज्य शासन ने कोटा में मेडिकल व इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा की पढ़ाई कर रहे छात्रों की परेशानी को देखते हुए उनकी मदद के लिए कदम बढ़ाया और उन्हें कोटा से लाकर विभिन्न जिलों में 14 दिनों के लिए क्वारेंटाइन किया था।
जिन्हें अब उनके गृह जिलों में बसों से पहुंचाया जा रहा है। अब सभी छात्रों एवं उनके अभिभावकों को 14 दिनों तक घरों पर ही होम आइसोलेशन में रहना होगा ताकि कोविड-19 के संक्रमण के संभावित खतरे से बचा जा सके। इन बच्चों को सुरक्षित घर वापसी को लेकर कलेक्टर दीपक सोनी व पुलिस अधीक्षक राजेश कुकरेजा ने इंतजाम कराया है। कोटा के स्टूडेंट जो रायगढ़ से सूरजपुर में आ रहे है उनकी थर्मल स्क्रीनिंग जांच, बच्चों को मास्क वितरण, स्टूडेंट को उनके अभिभावकों के साथ घोषणा पत्र लेकर भेजने एवं वाहन के सैनेटाइजेशन की व्यवस्था कराई है। प्रशासन की टीम के द्वारा बच्चों के जिले में आने की सूचना पूर्व से ही सभी पालकों को दे दी गई थी। बुधवार को कोटा में पढ़ने वाले 32 स्टूडेंट जिन्हें रायगढ़ में क्वारेंटाइन कर रखा गया था, उन्हें सुबह एक बस मुख्यमंत्री डीएवी पब्लिक स्कूल लेेकर तिलसिवां पहुंची। बसों से स्टूडेंट के उतरने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उनकी थर्मल स्क्रीनिंग करते हुए मास्क वितरण किया। विभिन्न जिलों में ठहरे 158 स्टूडेंट जो सूरजपुर, प्रेमनगर, प्रतापपुर, रामानुजनगर, भैयाथान व ओड़गी के रहने वाले हैं उनमें से 32 स्टूडेंट आ चुके हैं।
ग्राम पंचायत कटोरा पूरे कोरिया जिले में सुर्खियों में बना हुआ है, जहां पंचायती राज अधिनियम की पूरी तरह से खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
नव-निर्वाचित सरपंच नंदिनी सिंह चुनाव जीतने के बाद 5 महीने से संबंधित अफसरों सहित ग्राम पंचायत सचिव शिव कुमार सिंह को कह चुकी हैं कि उन्हें पदभार दिया जाये। लेकिन सचिव उन्हें हर बार टाल रहे हैं। नंदनी सहित नव-निर्वाचित उप सरपंच प्रमिला विश्वकर्मा, पंच नानबाई सारथी, सुनीता राजवाड़े, भूपेन्द्र प्रजापती, नारायण राजवाड़े आदि ने यह बताया कि पदभार सौंपने के लिए हमने कई बार कहा, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।नव-निर्वाचित सरपंच और पंचों ने बताया कि 5 मई को सुबह 11 बजे फिर से सचिव से सरकारी कागजात व संपत्ति की जानकारी मांगी तो सचिव ने कुर्सी, टेबल, पंखा, कूलर, आलमारी, सरकारी भवन की जानकारी देते हुए कहा कि यह पंचायत की संपत्ति है, लेकिन उपस्थित सरपंच सहित पंचों ने मांग की कि हमें सामान्य सभा की सूचना पंजी, कार्यवाही पंजी, ग्राम सभा की सूचना पंजी, कार्यवाही पंजी, कैश बुक, पास बुक, और 2015 से 2019 तक के सभी कागजात दिया जाए। इस पर सचिव ने कहा कि यह नियम में नहीं है, जितना नियम में हैं, उतनी जानकारी मैं दे रहा हूं।
परदेस में फंसे मजदूरों को विभिन्न राज्यों से ट्रेन से ही लाया जाएगा। लेकिन यह ट्रेन कब व कितने मजदूरों को लेकर आएगी यह अभी तय नहीं है। लेकिन इतना तय हो गया है कि जिले के मजदूरों को चांपा रेलवे स्टेशन में ही उतारा जाएगा। इसके अलावा पड़ोसी जिला कोरबा और रायगढ़ के मजदूरों को भी यहीं उतारा जाएगा। चांपा से ही अन्य जिले के मजदूरों को उनके जिले के लिए या तो भेजा जाएगा या फिर वहां से साधन लेकर वहां के अधिकारी आएंगे। यह अभी तय नहीं हुआ है पर इसकी संभावना अधिक है कि संबंधित जिले के अफसर बस की व्यवस्था कर मजदूरों को लेने आएंगे।
दूसरे प्रदेश गए मजदूरों की वापसी की तैयारी तो शुरू हो गई है, अभी तक जिले के 30 हजार से अधिक मजदूरों को चिह्नांकित किया जा चुका है जो जम्मू कश्मीर से लेकर देश भर के विभिन्न राज्यों में फंसे हैं। उनमें से 15 हजार मजदूरों को वापस लाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पहले चरण में उनकी घर वापसी होगी। इन मजदूरों को लाने के लिए 12 विशेष ट्रेनें चलाई जाएगी। मजदूरों के आने की व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश भर में 8 रेलवे स्टेशनों को चिह्नांकित किया है जहां मजदूरों को लेकर लौटने वाली ट्रेन रूकेगी। इनमें बिलासपुर जोन के अलावा चांपा जंक्शन बस है। इसी स्टेशन में तीन जिलों जांजगीर-चांपा, कोरबा और रायगढ़ जिले के मजदूरों के लिए स्टॉपेज बनाया गया है।
अधिकारियों ने किया स्टेशन का निरीक्षण
बुधवार को कलेक्टर जनक प्रसाद पाठक, डीजे राजेश श्रीवास्तव और एसपी पारुल माथुर ने चांपा रेलवे स्टेशन का का निरीक्षण किया। उन्होंने मुख्य द्वार के सामने पार्किंग स्थल पर बसों को खड़ा करने तथा इन बसों को श्रमिकों के गंतव्य ग्रामों की ओर ले जाने आवश्यक व्यवस्था बैरिकेडिंग विभिन्न ग्रामों के लिए प्रस्थान करने दिशा के अनुरूप बसों को खड़ी करने तथा श्रमिकों की सुविधा के लिए बसों में बैठने की जानकारी देने आदि के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश दिए।
जिलेवार संख्या, नाम और कोच की जानकारी मिलेगी
ट्रेन जब रवाना होगी तो मजदूरों के नाम, पता, वे किस ब्लॉक के हैं। उनकी पूरी जानकारी जिला प्रशासन व पुलिस के पास आएगी, इसके लिए दोनों विभाग के अधिकारी रेलवे के अधिकारियों को कॉर्डिनेट करेंगे। ताकि उनके आने के पहले ही उन्हें क्वारेंटाइन सेंटर तक ले जाने की व्यवस्था हो सके।
कब आएगी मजदूरों की ट्रेन यह अभी तय नहीं
मजदूरों को लेकर ट्रेन कब आएगी इसेे अभी गोपनीय ही रखा जाएगा, क्योंकि जानकारी सार्वजनिक होने पर स्टेशन में भीड़ होने की आशंका है। जब मजदूरों को लेकर ट्रेन रवाना होगी, उसकेे बाद ही संबंधित जिले के अफसरों को जानकारी मिलेगी कि उनके जिले के कितने मजदूर किस ट्रेन से कितने बजे रवाना हो रहे हैं।
स्टेशन में रहेगी पूरी तैयारी
"श्रमिकों को लेकर आने वाली ट्रेन केवल चांपा में रूकेगी। रायगढ़ और कोरबा जिले के मजदूरों को भी इसी स्टेशन में उतारा जाएगा। यहां पर हमारे जिले के मजदूरों को उनके ब्लॉक के क्वारेंटाइन सेंटर तक पहुंचाने के लिए पूरी व्यवस्था की जाएगी। अभी दूसरे जिले के मजदूरों को वहां के अधिकारी लेने आएंगे कि पहुंचाना होगा यह तय नहीं हो पाया है।''
-संतोष महतो, एएसपी व प्रभारी अधिकारी पुलिस
मजदूरों को वापसी के बाद क्वारेंटाइन करने के लिए बड़ी संख्या में भवनों की जरूरत पड़ेगी। वैसे जिला प्रशासन ने विभिन्न शासकीय हॉस्टल, भवनों, बड़े शासकीय हाईस्कूल व हायर सेकंडरी सहित करीब 800 भवनों को चिह्नांकित किया है। पहले चरण में जहां व्यवस्था पूरी है ऐसे 86 भवनों को फाइनल कर लिया गया है।
एसडीएम चांपा बजरंग दुबे ने अनुविभाग के 26 ग्राम पंचायतों में क्वारेंटाइन सेंटर के लिए 77 भवनों का चयन किया गया है। चांपा एसडीएम के जारी आदेश के अनुसार क्वारेंटाइन किए गए श्रमिकों के भोजन, आवास, चिकित्सा एवं अन्य आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों कर्मचारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। ग्रामीण क्षेत्र के क्वारेंटाइन सेंटर के लिए बम्हनीनडीह के जनपद सीईओ कुबेर सिंह उरेटी को नोडल अधिकारी बनाया गया है। इसी प्रकार सहायक नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी बीईओ कमल बंजारे को दी गई है। क्वारेंटाइन सेंटर में भोजन व्यवस्था के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी अमित भारत को सौंपा गया है। सहायक बीईओ हिमांशु मिश्रा भोजन व्यवस्था में सहयोग करेंगे। क्वारेंटाइन सेंटर के स्थल प्रभारी संबंधित क्षेत्र के पटवारी और कोटवार होगें। मॉनिटरिंग के लिए तहसीलदार राम सजीवन शर्मा, नायब तहसीलदार गरिमा मनहर, जयंती देवांगन को क्लस्टर वार नोडल अधिकारी बनाया गया है।
ब्लाक में बनाए जाएंगे 160 क्वारेंटाइन सेंटर - देवरी-चांपा बम्हनीनडीह जनपद पंचायत अंतर्गत प्रवासी मजदूरों के लिए बना 61 क्वारेंटाइन सेंटर को चिह्नांकित किया गया है। जहां 3200 मजदूरों के लिए रहने व खाने की व्यवस्था की जाएगी। सीईओ केएस उरेती ने जनपद पंचायत के 60 ग्राम पंचायतों में 61 क्वारेंटाइन सेंटर बनाया है। इन 61 क्वारेंटाइन सेंटर में लगभग 3200 मजदूरों के रहने की व्यवस्था की गई है।
सक्ती में 118 क्वारेंटाइन सेंटर की व्यवस्था की गई
सक्ती में 118 सेंटर बनाए जा रहे है। एसडीएम सुभाष राज ने बताया स्थानीय सरपंच व सचिवों को स्थल का प्रभार दिया गया है। इसके अलावा क्लस्टर स्तर पर नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। बीईओ पीसी राठौर, एबीईओ ऋषि कवर, श्याम, अनिल नोरगे, स्कूल समन्वयक मदन मोहन जायसवाल, छोटेलाल राव, लेखपाल चौधरी, एमपी सिदार, केके देवांगन, जीके लाठिया, निखिल कश्यप और यशवंत राज सिंह मंडलेकर को क्लस्टर वार नोडल अधिकारी का दायित्व सौंपा गया है।
मिनी स्टेडियम को बनाया पिकअप पाइंट
कलेक्टर जनक प्रसाद पाठक ने लाॅकडाउन में फंसे हुए जिले के लोगों के वापस आने के पर जिला मुख्यालय जांजगीर के मिनी स्टेडियम पेंड्री भाठा को पिकअप पॉइंट बनाया है। पिकअप पॉइंट में बैरिकेडिंग व्यवस्था के लिए डीएफओ जेके उपाध्याय आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराएंगे। इसी प्रकार सीएमएचओ डॉ.एसआर बंजारे मेडिकल टीम उपलब्ध कराएंगे । पीडब्ल्यूडी के ईई वायके गोपाल बैरिकेडिंग व्यवस्था करेंगे। सीएमओ मनोज सिंह पेयजल एवं टेंट की व्यवस्था करवाएंगें।
कस्बे की पुलिस चौकी परिसर में लगे पेड़ों पर पुलिस चौकी इंचार्ज एएसआई इस्लाम खान, बीट कांस्टेबल हरीश दारा, समाजसेवी भानसिंह मेहता ने बेजुबान पक्षियों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए दैनिक भास्कर द्वारा चलाए जा रहे परिंडे बांधो अभियान से प्रेरित होकर पुलिस चौकी परिसर में स्थित पेड़ों पर 5 परिंडे बांधकर नियमित जल भरने का संकल्प लिया। पुलिस चौकी इंचार्ज खान ने दैनिक भास्कर द्वारा चलाए गए अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि बेजुबान पक्षियों को भीषण गर्मी में पेयजल, खाने के लिए दाना उपलब्ध कराना इबादत से कम नहीं। इस नेक कार्य में पुलिस जवान नियमित इन परिंडाें में पानी भरकर पक्षियों को चुगने के लिए पेड़ों के नीचे बाजरे का दाना डालने की बात कही है।
शाहाबाद. मुख्यालय के पुलिस थाना परिसर में बुधवार को दैनिक भास्कर की पहल पर परिंडे बांधो अभियान चलाया गया। सीआई हरिप्रसाद राणा ने बताया कि पशु-पक्षी पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भीषण गर्मी के मद्देनजर बेजुबान पक्षियों के लिए परिसर में लगे पेड़ों पर परिंडे बांधकर इनमें पानी भरा गया। आगे भी इन परिंडाें में पानी भरने की जिम्मेदारी स्टाफ ने ली है। इस माैके पर हैड कांस्टेबल ओमप्रकाश पंकज, कांस्टेबल रोहिताश बड़ारा, अडीसाल सिंह, पूरन सिंह आदि उपस्थित रहे।
यादव महिला संगठन ने बांधे परिंडे: बारां. यादव महिला संगठन की सचिव एडवोकेट हिमानी यादव ने बताया कि कोरोना महामारी से लोग पीड़ित हैं। इसके कारण पशु-पक्षी भी दाना-पानी के लिए परेशान हैं। दैनिक भास्कर की ओर से चलाए जा रहे अभियान से प्रेरित होकर बुधवार को यादव महिला संगठन की सदस्याओं ने अलग-अलग जगह परिंडे बांधे और उनमें प्रतिदिन पानी भरने का संकल्प लिया। इस अवसर पर संगठन की ज्योति, कृष्णा सोन, चंचल यादव, मधु, मीनाक्षी, उमादेवी, मोना, पिंकी, फूलवती, रेखा यादव, रीना यादव, शिवानी, सुनीता, अनीता, वंदना यादव ने परिंडे बांधे।
कापन में देसी शराब दुकान बंद कराने के लिए महिलाओं का धरना प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी रहा। आंदोलन को समर्थन देने व नारी शक्ति द्वारा किए जा रहे आंदोलन को मजबूती देने के लिए मौहाडीह एवं मुड़पार की महिलाएं भी बुधवार को बड़ी संख्या में धरना प्रदर्शन करने पहुंची।
महिलाएं गांव में शराब भट्टी हटाने के लिए नारे लगाने के साथ-साथ तख्ती के माध्यम से भी विरोध प्रदर्शन कर रहीं हैं। विरोध कर रहीं माधुरी बाई एवं मीना बाई ने बताया कि तीन दिनों से शराब दुकान को हटाने के लिए धरना प्रदर्शन करने के बाद भी जिला प्रशासन एवं आबकारी विभाग द्वारा कोई भी पहल नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने दावा किया कि शासन द्वारा देसी शराब दुकान को बंद कराने के लिए जब तक आदेश जारी नहीं होगा, महिलाओं का धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। इस दौरान दिव्यांग कुमारी कश्यप सात घंटे तक लगातार धरना प्रदर्शन स्थल में उपस्थित रही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने शराब बंदी की बात कही थी, लेकिन सत्ता में आने के बाद कांग्रेस अपना वादा नहीं निभा रही है।
बढ़ा विरोध का दायरा, अन्य गांव की महिलाएं पहुंचीं
महिलाओं ने देसी शराब दुकान के विरोध का बढ़िया तरीका निकाला है। वे नियमित रूप से दुकान खुलने से पहले ही मौके पर पहुंच जाती हैं, हाथों में तख्ती लेकर अपने स्तर पर विरोध में नारेबाजी करतीं हैं तथा शांत होकर मौके पर बैठ जाती हैं। उनके द्वारा कोई भी विरोध का ऐसा काम नहीं किया जा रहा है जिससे कानून का उल्लंघन हो रहा हो। आंदोलन का कमांड भी महिलाओं के ही हाथ में है इसलिए भी अधिकारी अधिक दबाव नहीं बना पा रहे हैं।
लॉकडाउन-3 में दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को वापस भेजा जा रहा है। बुधवार को ओडिशा गए तागा के दो मजदूरों को क्वारेंटाइन के लिए कापन ले जाते समय गाड़ी से कूदकर अपने गांव पहुंच गए। मामले में एसडीएम ने दोनों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
तागा के कुछ लोग झारसुगुड़ा (आेडिशा) काम करने गए हुए थे। लॉकडाउन होने से वे झारसुगुड़ा में ही फंस गए। राज्य शासन द्वारा श्रमिकों के लाने की व्यवस्था कराई गई। बुधवार को झारसुगुड़ा से आए मजदूरों को गाड़ी से कापन हाईस्कूल में बने क्वारेंटाइन सेंटर ले जाया जा रहा था। इसी बीच विजय कश्यप और सुरेश कश्यप गाड़ी से कूदकर अपने गांव तागा पहुंच गए। मामले की जानकारी होते ही जनपद सीईओ सत्यव्रत तिवारी ने इसकी सूचना जिला प्रशासन काे दी। जिसके बाद डायल 112 की टीम को तागा भेजकर भागे मजदूरों को घर से निकालकर क्वारेंटाइन सेंटरपहुंचाया गया।
लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी: एसडीएम मेनका
"बाहर से आने वाले मजदूरो के लिए व्यवस्था की जा रही है। सरपंचों को निर्देशित किया गया है वे अपने यहां आने वाले लोगों की जानकारी दें। मजदूर भी लापरवाही न करें। जानकारी छुपाने पर कार्रवाई की जाएगी।''
-मेनका प्रधान, एसडीएम, जांजगीर
हनुमान धारा रेत घाट में रेत चोरी का प्रमुख अड्डा बनते जा रहा है। यहां से आसानी से रेत माफिया रेत निकाल कर बेच रहे हैं। कभी राजस्व विभाग के अधिकारी कार्रवाई करते हैं तो कभी माइनिंग वाले। सप्ताह भर में दूसरी बार रेत का अवैध रूप से परिवहन करते पांच ट्रैक्टर जब्त किए गए हैं।
चांपा के हनुमान धारा रेत घाट का ठेका अभी नहीं हो पाया है। यानि यहां से रेत निकालना पूरी तरह से अवैध है। चांपा नगर के आउटर में होने के कारण यहां से बड़ी मात्रा में रोज रेत निकाली जा रही है।
रेत माफियाओं के लिए यह घाट वरदान साबित हो रहा है। यहां से रेत निकालकर मनमानी कीमत में बेच रहे हैं, इससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। सप्ताह भर पहले एसडीएम बजरंग दुबे ने इसी घाट से अवैध रेत परिवहन की सूचना पर टीम के साथ छापामार कार्रवाई की थी तब भी चार ट्रैक्टर अवैध रूप से रेत का परिवहन करते पकड़े गए थे।
फिर भी नहीं आ रहे बाज
कार्रवाई के बाद भी रेत का अवैध कारोबार करने वाले ट्रैक्टर चालक बाज नहीं आ रही है। सोमवार को खनिज विभाग की टीम ने रेत का अवैध परिवहन करते पांच ट्रैक्टर्स को पकड़ा। जिला खनिज अधिकारी एनके सूर ने बताया कि सोमवार को हनुमान धारा से अवैध रेत परिवहन की सूचना मिलने पर कार्रवाई की गई। जहां पांच ट्रैक्टर रेत का अवैध परिवहन करते हुए जब्त किए गए। सभी के खिलाफ माइनिंग एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।
केन्द्र सरकार की नई गाइडलाइन के मुताबिक कोरबा जिला गुरुवार से ग्रीन जोन में अा जाएगा। जिसके बाद यहां कुछ और व्यवसायिक सेवाओं को शुरू करने की छूट मिल सकती है। इधर कटघोरा के 3 वार्ड को छोड़ बाकी शहर में अतिआवश्यक वस्तुओं की दुकानों को सशर्त खोलने की अनुमति देने की तैयारी भी प्रशासन कर रहा है।
केंद्र सरकार ने कोरोना के लिए जिलों को 3 जोन में बांटा है। हर जोन के लिए कौन सी सुविधाएं जारी रहेगी, कौन सी प्रतिबंधित रहेगी, यह तय किया है। कोरबा जिला पूर्व में रेड जोन में था। 16 अप्रैल को कटघोरा में तीन संक्रमित मरीज मिले, उसके बाद से अब तक कोई मरीज नहीं मिला है। पिछले गुरुवार को 14 दिन से कोई भी मरीज नहीं मिलने से कटघोरा रेड से ऑरेंज में ले आया था। इसी बीच केंद्र सरकार ने तय किया कि अब यदि अंतिम मरीज मिलने के बाद 21 दिन तक कोई मरीज नहीं मिलता है तब वह जिला ग्रीन जोन में आ जाएगा। पहले यह अवधि 28 दिन की थी। 16 अप्रैल के बाद 21 दिन की समय सीमा 7 मई को पूरी हो रही है। यूं आज से कोरबा जिला कोरोना मानचित्र के ग्रीन जोन में आ गया है। इसके साथ ही अभी जिन व्यवसाय की अनुमति है, उसके अलावा कुछ और व्यवसायिक सेवाओं को छूट देने की तैयारी प्रशासन कर रहा है। इधर कटघोरा जो पूरे प्रदेश का हॉट स्पॉट बन गया था वहां से अब कोई पॉजिटिव मरीज नहीं होने के कारण न केवल शासन-प्रशासन वरन कटघोरा के लोगों ने भी राहत की सांस ली है। कटघोरा में 4 अप्रैल की रात को पहला पॉजिटिव केस मिला था। उसके बाद यह संख्या बढ़ते हुए 16 अप्रैल को 27 की हो गई। एक केस कोरबा का रहा। ये सभी 28 मरीज स्वस्थ हो गए हैं। 16 अप्रैल के बाद कोई केस नहीं आने के कारण अब कटघोरा को भी प्रशासन जल्द ही कुछ छूट देने जा रहा है। हालांकि वार्ड क्रमांक 10,11 व 3 को कंटेनमेंट जोन में रखा गया है। इन 3 वार्डों में अगले एक सप्ताह तक अभी के जैसे ही स्थिति रहेगी। उम्मीद है कि प्रशासन पहले कटघोरा में आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को छूट देगा। अगले 1 सप्ताह तक यदि सब कुछ ठीक रहा तो कटघोरा में भी जिला के अन्य शहरी स्थानों के जैसे ही सशर्त व्यवसायिक छूट दी जाएगी। जिसमें समय की पाबंदी के साथ-साथ कोरो ना प्रोटोकॉल के अनुसार सोशल डिस्टेंस व फिजिकल डिस्टेंस अनिवार्य रूप से पालन करने की शर्त प्रमुख रूप से रहेगी।
कटघोरा-बिलासपुर हाईवे पर पाली के आसपास सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। मरम्मत नहीं होने के कारण मंगलवार रात में हुई बारिश के बाद पाली के सती दाई मंदिर के पास रात करीब 3 बजे कीचड़ में ट्रक फंस गया। जिस कारण दोनों ओर वाहनों की कतार लग गई। जिसमें आवश्यक वस्तुओं के परिवहन में लगे मालवाहकों के साथ ही रायपुर के क्वारेंटाइन सेंटर से कोटा में पढ़ने वाले छात्रों को लेकर शहर लौट रही 4 बस व प्रवासी मजदूरों का लेकर जा रही करीब 5-6 बसें फंसी रहीं। ये जिम्मेदार अफसरों की लापरवाही के कारण हुआ। एक सप्ताह पहले भी यहां जाम लगा था, जिसके बाद कलेक्टर किरण कौशल ने रोड की मरम्मत के निर्देश दिए थे। लेकिन अब तक अफसरों ने मरम्मत नहीं कराई। सुबह 7 बजे पुलिस ने क्रेन की व्यवस्था करके कीचड़ में फंसे ट्रक को बाहर निकलवाकर गड्ढे में मलबा भरवाया। कोयला परिवहन में लगे वाहनों का रूट बिलासपुर से सीपत-बलौदा-हरदीबाजार की ओर डाइवर्ट किया गया। इसके बाद सड़क मरम्मत पर ध्यान नहीं दिया गया और सती दाई मंदिर के पास गड्ढे को ढंग से नहीं भरा गया।
भूखे गुजारनी पड़ी रात, परिजन भी रहे परेशान
कोटा से लौटे एक छात्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रायपुर से रात 8 बजे कोरबा के लिए रवाना किया गया। इस दौरान छात्रों को न तो खाना खिलाया गया और न ही खाना पैकेट की व्यवस्था की गई। सभी भूखे पेट ही वे सफर कर रहे थे। उम्मीद थी कि सुबह से पहले घर तक पहुंच जाऐंगे। लेकिन पाली के जाम में 4 घंटे तक फंसने के बाद भूख से तड़पते रहे। दूसरी ओर उनके इंतजार में परिजन भी सुबह तक परेशान रहे।
स्टेडियम से चेकअप के बाद घर भेजे गए छात्र
रायपुर से रवाना हुए 7 लग्जरी बसों में प्रत्येक में 25-25 लोगों को बैठाया गया था। बसों का सीधा स्टापेज इंदिरा स्टेडियम में तय किया गया था। बिलासपुर से सीपत-बलौदा मार्ग होते 3 बसें रात लगभग 2 बजे पहुंच गई। जबकि बिलासपुर से पाली रूट होते आ रही बसें जाम में फंसने के कारण सुबह 8 बजे पहुंची। इंदिरा स्टेडियम में सभी छात्रों व उनके साथ पहुंचे पालकों का हेल्थ चेकअप किया। जिसके बाद उन्हें घर भेजा गया।
जाम लगने के बाद आनन-फानन में भरे गड्ढे
पाली नगर के पास हाईवे में ढाई किमी खराब सड़क की मरम्मत के लिए 8 करोड़ 60 लाख रुपए की मंजूरी मिली है। एक सप्ताह पहले कीचड़ में वाहन फंसने पर 12 घंटे तक जाम लगने से कलेक्टर किरण कौशल ने नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को मरम्मत का निर्देश दिया। लेकिन अधिकारियों ने गड्ढे में मलबा भरकर खानापूर्ति कर दी। बुधवार को वाहन फंसने से जाम की स्थिति दोबारा होने पर फिर आनन-फानन में सड़क पर गड्ढे भरवाएं गए।