पाकिस्तान के पूर्व ऑलराउंडर अब्दुल रज्जाक ने कहा कि हार्दिक पंड्या की पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव से तुलना करना जल्दबाजी होगी। रज्जाक के मुताबिक, कपिल देव और इमरान खान क्रिकेट इतिहास के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडरहैं। पंड्या इनके आस-पास भी नहीं है। मैं भी ऑलराउंडर था, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि मैं इमरान भाई से तुलना करने लगूं। कपिल पाजी और इमरान भाई अलग लीग में थे। पंड्या को वर्ल्ड क्लास क्रिकेटर बनने के लिए अभी काफी मेहनत करने की जरूरत है।
पाकिस्तान के इस पूर्व ऑलराउंडर ने न्यूज एजेंसी से बातचीत के दौरान कहा कि पंड्या अच्छे खिलाड़ी हैं, लेकिन वे और बेहतर ऑलराउंडर बन सकते हैं। यह सिर्फ मेहनत से होगा। जब आप खेल को ज्यादा वक्त नहीं देते हैं, तो इसका आपकी काबिलियत पर असर पड़ता है। पंड्या को शारीरिक और मानसिक रूप से और मजबूत बनना होगा। आप देख सकते हैं कि वे लगातार चोटिल हो रहे हैं। पिछले साल ही उन्हें बैक सर्जरी करानी पड़ी। जब आप ज्यादा पैसा कमाने लगते हैं तो खेल को लेकर थोड़ा रिलेक्स हो जाते हैं। हर खिलाड़ी के लिए यह एक जैसा ही होता है। मोहम्मद आमिर ने भी कामयाब होने के बाद उतनी मेहनत नहीं की, जिसका असर उनके प्रदर्शन पर पड़ा।
बुमराह को लेकर दिए बयान को गलत समझा गया
रज्जाक ने पिछले साल जसप्रीत बुमराह को लेकर दिए बयान पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि बुमराह से मेरी कोई व्यक्तिगत नाराजगी नहीं है। मैं उनकी तुलना ग्लेन मैक्ग्रा, वसीम अकरम, शोएब अख्तर जैसे गेंदबाजों से कर रहा था। क्योंकि इनका सामना करना बल्लेबाजों के लिए ज्यादा मुश्किल था। लेकिन मेरे बयान को गलत समझागया। मुझे लगता है कि बुमराह वर्ल्ड क्लास गेंदबाज बनने की राह पर हैं। लेकिन हमारे वक्त गेंदबाज आज के मुकाबले ज्यादा बेहतर थे। इससे कोई इनकार नहीं कर सकता है। दरअसल, पाकिस्तान के इस पूर्व ऑलराउंडर ने दूसरे गेंदबाजों की तुलना में बुमराह को 'बेबी बॉलर' कहा था। उनके इस बयान पर काफी विवाद हुआ था।
पिछले कुछ सालों में क्रिकेट का स्तर गिरा
पाकिस्तान के इस ऑलराउंडर ने कहा कि पिछले कुछ सालों में क्रिकेट का स्तर गिरा है। आज के गेंदबाजों का सामना करने में बल्लेबाज दबाव महसूस नहीं करते। यह क्रिकेट का बुरा दौर है। हम विश्वस्तरीय खिलाड़ी पैदा नहीं कर रहे हैं, जैसे कि 10-15 साल पहले होते थे। तब सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, सौरव गांगुली जैसे खिलाड़ी थे। वे ऐसे थे कि दुनिया की किसी भी टीम में जगह बना लेते।
'भारत का वर्ल्ड कप में हमारे खिलाफ जीत का सिलसिला जारी रहेगा'
भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मुकाबले को लेकर रज्जाक ने कहा कि 90 के दशक में हमारी टीम मजबूत हुआ करती थी। लेकिन पिछले कुछ सालों में भारत का पलड़ा हम पर भारी रहा है। टीम इंडिया 7 बार वर्ल्ड कप में हरा चुकी है। मुझे लगता है कि भारत का यह रिकॉर्ड आगे भी कायम रहेगा। क्योंकि भारतीय टीम दबाव का सामना करने में हमसे बेहतर है।
कोरोनावायरस के कारण फ्रांस के फुटबॉल टूर्नामेंट लीग-1 के इस सीजन को रद्द कर दिया गया है। लीग के आधे मुकाबले हो चुके थे। ऐसे में अंक तालिका के आधार पर पेरिस सेंट-जर्मेन (पीएससजी) को विजेता घोषित कर दिया गया है। पीएसजी 68 पॉइंट के साथ अंक तालिका में शीर्ष पर है। टीम ने 27 में से 22 मैच जीते, 3 हारे और 2 मुकाबले ड्रॉ खेले हैं। पीएसजी ने पिछले 8 सालों में 7वां और कुल 9वीं बार यह खिताब अपने नाम किया है।
अंक तालिका में दूसरे नंबर पर मार्सेली और तीसरे पर स्टडे रेनाएस हैं। पीएसजी और इन दोनों क्लब को यूईएफए चैम्पियंस लीग में जगह मिलेगी। इनके अलावा लिली, स्टाडे दे रेइमस और नीस यूरोपा लीग में खेलेंगे।
फ्रांस में सितंबर तक सभी खेल गतिविधियां स्थगित
इससे पहले फ्रांस के प्रधानमंत्री एदुआर्द फिलिप ने संसद भवन में भाषण देते हुए कहा था कि कोरोनावायरस के कारण देश में सभी तरह की खेल संबंधी गतिविधियां सितंबर तक स्थगित कर दी गई हैं, जिसमें फुटबॉल भी शामिल है। इसके बाद पीएसजी के अध्यक्ष नासिर अल खलीफी ने फ्रेंच लीग को विदेश में करवाने की बात भी कही थी।
विदेश में लीग-1 कराने पर सहमति नहीं बनी
अल खलीफी ने कहा था, ‘‘यदि फ्रांस में खेलना संभव नहीं है तो हम अपने खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ के लिए सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सुरक्षा के साथ विदेश में भी मैच खेलने को तैयार हैं। हम फ्रांस सरकार के निर्णय का सम्मान करते हैं। यूईएफए (यूरोपीय फुटबॉल संघ) के साथ करार को देखते हुए हम कहीं भी और किसी भी समय चैम्पियंस लीग में खेलने के लिए तैयार हैं।’’ हालांकि विदेश में लीग-1 कराने पर कोई सहमति नहीं बन सकी।
कोरोनावायरस की वजह सेदेश मेंलोग घरों में कैद हैं।सबसे ज्यादादिक्कत किसानों को हो रही है।उन्हें फसल काटने के लिएमजदूर नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में कुछइंटरनेशनल खिलाड़ी अपनेखेती- किसानी के काम में जुटे हैं। इनमेंबॉक्सर अमित पांघल और मनोज कुमार के अलावा महिला हॉकी टीम की खिलाड़ी पूनम मलिक भी शामिल हैं। हाल ही में पूनम ने ट्वीट मेंंकहा था कि कोई किसानोंं का हक छीनने का काम न करे।
पैरालिंपिक एथलीट रिंकु ने मशीन से गेहूं की कटाई की
रियो पैरालिंपिक गेम्स के जेवलिन में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले रिंकु हुड्डा ने कहा, ‘‘मेरा काम मशीन से गेहूं की कटाई करवाना है। 9 एकड़ के गेहूं की कटाई मशीन से पूरी हो गई है। आधी एकड़ और बची है। उम्मीद करता हूं कि बारिश से पहले गेहूं की पैकिंग का भी काम हो जाएगा।’’
बॉक्सर अमित पांघल ने कहा- लॉकडाउन की वजह से मौका मिला, घर का काम कर अच्छा लगा
पिछले साल वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में देश के लिए सिल्वर मेडल जीतने वाले पहले बॉक्सर अमित पांघल भी इन दिनों रोहतक के अपने मान्या गांव में हैं। यहां वे खेती के काम में परिवार की मदद कर रहे हैं। अमित ने कहा, ‘‘मैं हमेशा अपने परिवार वालों का बिना कहे ही सहयोग करता हूं, लेकिन बॉक्सिंग के कारण मैं गेहूं की कटाई के समय गांव से बाहर ही रहा हूं। लॉकडाउन के कारण गांव में हूं। अब मुझे परिवार वालों के साथ गेहूं की कटाई और पैकिंग करने का मौका मिला है। किसान पुत्र होने कारण यह करने में मुझे संतुष्टि मिली है।’’
पूनम ने पहली बार गेहूं की कटाई की
मनोज कुमार ने बताया- खेल की वजह से वक्त ही नहीं मिलता था
दो बार ओलिंपिक में बॉक्सिंग टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके मनोज कुमार बताते हैं कि 1999 के बाद यह दूसरा मौका है, जब वह गेहूं की कटाई के सीजन में अपने गांव राजौंद (कैथल) में हैं। उन्होंने बचपन में बड़ों को ही गेहूं की कटाई करते देखा है। वह भी कई बार मौज- मस्ती करने के लिए उनके साथ गेहूं की कटाई करने के लिए जाते थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण वह अभी अपने घर पर हैं। चूंकि मजदूर नहीं मिल रहे हैं, इसलिए वह सही मायनों में अब खेतों में जाकर गेहूं की कटाई कर रहे हैं।
पीसीबी के पूर्व चेयरमैन नजम सेठी ने खुलासा किया है कि बल्लेबाज उमर अकमल को मिर्गी के दौरे पड़ते हैं, जिसका इलाज कराने से उसनेइनकारकर दिया था। सेठी ने पाकिस्तान के एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा- हमारे पास मेडिकल रिपोर्ट थी, जिसमें यह साफ लिखा था कि अकमल को मिर्गी के दौरे पड़ते हैं। 2013 के वेस्टइंडीज दौरे पर भीउसे मिर्गी का दौरा पड़ा और हमने उसे वापस बुला लिया।
उन्होंने आगे कहा किमैंने उसे दो महीने तक खेलने से रोक दिया, लेकिन बाद में हमने मेडिकल रिपोर्ट सिलेक्टर्स के पास भेज दी और फैसलाउन पर छोड़ दिया। क्योंकि मुझे उनके काम में दखलअंदाजी करना पसंद नहीं था।
अकमल प्रतिभाशाली क्रिकेटर है: सेठी
सेठी के मुताबिक,उमर काफी टैलेंटेड क्रिकेटर हैं, लेकिन वहखुद को टीम से बड़ा समझताहैऔर उसे कभी अनुशासन में रहना पसंद नहीं। वह टीम के लिए नहीं खुद के लिए खेलता है।अकमल कोस्पॉट फिक्सिंग के मामले में दोषी पाए जाने पर पीसीबी ने 3 साल के लिए किसी भी फॉर्मेट (टेस्ट, वनडे और टी-20) में खेलने पर प्रतिबंध लगाया है।
अकमल ने इंटरव्यू में 2 लाख डॉलर की पेशकश की बात कही थी
इससे पहले, अकमल ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें एक बुकी ने स्पॉट फिक्सिंग के लिए 2 लाख डॉलर की पेशकश की थी। इतना ही नहीं, इस खिलाड़ी ने यह दावा भी किया था कि उसे भारत के खिलाफ मैच न खेलने के एवज में भी मोटी रकम देने का वादा किया गया था। इसके अलावा 2015 में ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड में हुए वर्ल्ड कप के दौरान भी मैच फिक्सर ने सम्पर्क साधा था। हालांकि, अकमल पीसीबी की अनुशासन कमेटी को यह बात बताने में नाकाम रहे कि उन्होंने इसकी जानकारी आईसीसी की एंटी करप्शन यूनिट को क्यों नहीं दी।
अकमल ने अक्टूबर 2019 में पिछला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था
अकमल ने पिछला अंतरराष्ट्रीय मैच अक्टूबर 2019 में खेला था। वे पाकिस्तान के लिए 16 टेस्ट, 121 वनडे और 84 टी-20 खेल चुके हैं। इन तीनों फॉर्मेट में उन्होंने 1003, 3194 और 1690 रन बनाए हैं। अकमल ने अपने टेस्ट डेब्यू में न्यूजीलैंड के खिलाफ 129 रन बनाए थे। हालांकि, इसके बाद से उनका करियर कभी पटरी पर नहीं आ पाया। इसी साल फरवरी में उन्होंने फिटनेस टेस्ट के दौरान ट्रेनर से बदतमीजी की थी। इसकी शिकायत पीसीबी से की गई थी। हालांकि, बोर्ड ने उन्हेंचेतावनी देकर छोड़ दिया था।
इंग्लिश प्रीमियर लीग (ईपीएल) को फिर से शुरू करने के लिए प्लान बनाया जा रहा है। क्लबों को अगर सरकार से ट्रेनिंग शुरू करने की इजाजत मिलती है तो वे सप्ताह में कम से कम दो बार खिलाड़ियों और अधिकारियों का टेस्ट करेंगे। कोरोनावायरस के कारण लीग मार्च से स्थगित है। स्पेनिश ला लिगा और जर्मनी की बुंदेसलिगा सहित अन्य यूरोपियन लीग से चर्चा के बाद प्रीमियर लीग के मेडिकल एडवाइजर डॉ मार्क जिलेट द्वारा यह मसौदा तैयार किया गया है। टेस्ट में किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा और सभी महत्वपूर्ण लोगों का टेस्ट लिया जाएगा। टेस्ट का पूरा खर्च लीग उठाएगी।
शुक्रवार को शेयरहोल्डर्स के साथ होने वाली बैठक में इसे पेश किया जाएगा। लीग को जून से बिना फैंस के शुरू करने की तैयारी चल रही है। वहीं, फ्रेंच फुटबॉल लीग के आयोजकों ने मौजूदा सीजन खत्म करने की घोषणा की। आयोजकों ने लीग-1 में टॉप पर चल रहे पेरिस सेंट जर्मेन (पीएसजी) को विजेता घोषित कर दिया है।
स्विस लीग 8 जून से, टीमें 11 मई से ट्रेनिंग करेंगी
स्विस फुटबॉल लीग 8 जून से शुरू हो सकती है। हालांकि फैंस को आने की अनुमति नहीं होगी। सरकार ने नियमों में ढील दी है। टीमें 11 मई से ट्रेनिंग शुरू कर सकती हैं। हालांकि एक ग्रुप में पांच से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकेंगे। लीग मार्च की शुरुआत से स्थगित है।
कोरोनावायरस (कोविड-19) खेल जगत को भी अपनी गिरफ्त में लेता जा रहा है। अब फुटबॉल के लिए एक बुरी खबर यह है कि कतर फीफा वर्ल्ड कप के ब्रांड एंबेसडर आदिल खामिस (54) का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव पाया गया है। इसकी पुष्टि गुरुवार को आयोजन समिति ने की है। इससे पहले भी वर्ल्ड कप की तैयारियों में जुटे 3 स्टेडियम के 8 कर्मचारी भी संक्रमित पाए गए थे। इन सभी के बावजूद फीफा वर्ल्ड कप की सभी तैयारियां जारी हैं। यह टूर्नामेंट नवंबर-दिसंबर 2022 में होना है।
आदिल कतर की राष्ट्रीय टीम से खेल चुके हैं। 18 साल की उम्र में उन्होंने कतर टीम से अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था। उन्होंने 1983 में अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरूआत की और 2000 में संन्यास ले लिया था। उन्होंने सुडान के खिलाफ आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था।
वर्ल्ड कप के लिए 7 नए स्टेडियम तैयार हो रहे
हाल ही में कतर वर्ल्ड कप प्रबंधन ने कहा था, ‘‘सभी 8 संक्रमित कर्मचारी अल-थुमामा, अल-रायन स्टेडियम और अल-बायत स्टेडियम में कार्य कर रहे थे। यह सभी सुप्रीम कमेटी के कॉन्ट्रैक्टर के तौर पर काम करने वाले स्टाफ के सदस्य हैं। ’’ कतर फीफा वर्ल्ड कप के लिए 7 नए स्टेडियम बना रहा है। एक तैयार भी हो गया है, जिसे आधिकारिक तौर पर खोल भी दिया गया है।
कतर में 13,409 कोराना के मामले, 1372 ठीक, 10 की मौत
कतर में गुरुवार तक कोविड-19 के 13, 409 मामले आ चुके हैं। जिनमें 1372 मरीज ठीक हो चुके हैं। जबकि 10 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं दुनिया में 32 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। इनमें 2.23 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
खेल जगत के 7 दिग्गजों की कोरोना से मौत
कोरोनावायरस से अब तक खेल जगत के 7 दिग्गजों की मौत हो चुकी है। पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर जफर सफराज और इटली के धावक दोनातो साबिया (56), स्विट्जरलैंड के आइस हॉकी लेजेंड रोजर शैपो (79), फ्रांस के फुटबॉल क्लब रीम्स के डॉक्टर बर्नार्ड गोंजालेज (60), इंग्लैंड के लंकाशायर क्रिकेट क्लब के अध्यक्ष डेविड हॉजकिस (71), फ्रांस के ओलिंपिक डी मार्शल फुटबॉल क्लब के पूर्व अध्यक्ष पेप दिऑफ (68) और पाकिस्तान के स्क्वैश लीजेंड आजम खान (95) भी दुनिया को अलविदा कह चुके हैं।
भारत की स्टार टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा को फेड कप हर्ट अवॉर्ड के लिए एशिया-ओसिनिया जोन से नामित किया गया है। यह उपलब्धि हासिल करने वाली वे भारत की पहली महिला खिलाड़ी हैं। यह जानकारी ऑल इंडिया टेनिस एसोसिएशन (एआईटीए) के महासचिव हिरण्मय चटर्जी ने गुरुवार को दी। सानिया ने मां बनने के दो साल बाद जनवरी में कोर्ट में वापसी की थी। उन्होंने होबार्ट इंटरनेशनल टेनिस टूर्नामेंट का डबल्स खिताब जीता था। इसमें सानिया की जोड़ीदार यूक्रेन की नादिया किचेनॉक थीं।
पूर्व डबल्स की नंबर-1 सानिया 2016 के बाद पहली बार इस साल के लिए फेड कप टीम में शामिल हुईं। उन्होंने अंकिता रैना से साथ मिलकर बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए भारत को फेड कप के प्लेऑफ में पहुंचाया था।
‘टीम की सफलता में योगदान देकर गर्व होता है’
सानिया ने कहा, ‘‘2003 के बाद वापस भारत का पहली बार प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए सम्मान की बात है। मेरा 18 सालों का लंबा करियर है और मैं भारतीय टेनिस टीम की सफलता में योगदान देकर गर्व महसूस करती हूं। फेड कप एशिया/ओसनिया टूर्नामेंट के नतीजे मेरे करियर की बड़ी उपलब्धियों में से एक हैं। यह ऐसा पल है, जिसके लिए हर एथलीट खेलता है और मैं फेड कप हर्ट अवॉर्ड चयन पैनल का मुझे नामित करने के लिए आभारी हूं।’’
1 से 8 मई तक होगी ऑनलाइन वोटिंग
इस साल फेड कप के शीर्ष प्रदर्शन को देखते हुए फेड कप हर्ट अवॉर्ड ग्रुप वन के लिए 6 खिलाड़ियों को नामित किया गया है। हर्ट अवॉर्ड की विजेता की घोषणा ऑनलाइन वोटिंग के आधार पर की जाएगी। फैन्स 1 से 8 मई के बीच ऑनलाइन वोटिंग कर इसके विजेता का फैसला करेंगे।
इन खिलाड़ियों को भी नामिनेशन में जगह मिली
एशिया/ओसनिया क्षेत्र से इंडोनेशिया की प्रिस्का मेडलिन नुगरोहो ऐसी दूसरी खिलाड़ी हैं, जो इस अवॉर्ड के लिए नामित की गई हैं। यूरोप/अफ्रीका क्षेत्र से एस्तोनिया की एनेट कोंटावेट और लक्जमबर्ग की एलिओनोरा मोलीनारो, अमेरिका क्षेत्र से मैक्सिको की फर्नांडो कोंट्रेरास गोमेज और पराग्वे की वेरोनिका केपेडे रोइग इस अवॉर्ड के लिए नामित की गई हैं।
सानिया ने 6 ग्रैंडस्लैम जीते
सानिया ने पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मालिक से शादी की थी। उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में बेटे को जन्म दिया था। सानिया ने छह ग्रैंडस्लैम जीते हैं। वे जनवरी में होने वाले साल के पहले ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट ऑस्ट्रेलियन ओपन में अमेरिका के राजीव राम के साथ मिक्स्ड डबल्स में खेलने वाली थीं, लेकिन चोट के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो गईं।
देश के पूर्व फुटबॉल कप्तान चुन्नी गोस्वामी का गुरुवार को कोलकाता में निधन हो गया। 82 साल के चुन्नी 1962 के एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाली भारतीय टीम के कप्तान थे। बंगाल क्रिकेट टीम के तरफ से वो फर्स्ट क्लास क्रिकेट भी खेले। चुन्नी के परिवार ने उनके निधन की जानकारी दी। भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री और अर्जुन अवॉर्ड से भी नवाजा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, खेल मंत्री किरण रिजिजू और लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने गोस्वामी के निधन पर दुख जताया।
हार्ट अटैक से निधन
चुन्नी लंबे वक्त से शुगर और नर्व प्रॉब्लम्स से जूझ रहे थे। गुरुवार सुबह हालत ज्यादा खराब हुई तो परिवार ने उन्हें कोलकाता के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। यह उन्हें इलाज के दौरान ही दिल का दौरा पड़ा। कुछ देर बाद उन्होंने अंतिम सांस ली।
राष्ट्रपति समेत अन्य लोगों ने दुख जताया
राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, “चुन्नी गोस्वामी के निधन की खबर से दुख हुआ। उनके निधन से भारतीय फुटबॉल प्रशंसकों ने एक लेजेंड खो दिया। वह एक बहुमुखी खिलाड़ी थे। उनके परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।” वहीं, ओम बिड़ला ने कहा, ‘‘पूर्व फुटबॉलर और प्रथम श्रेणी के क्रिकेटर चुन्नी गोस्वामी के निधन की खबर से दुखी हूं। दोनों खेलों में उनकी उपलब्धियों को हमेशा देश याद रखेगा। उनकी आत्मा को शांति मिले।’’
ऑलराउंड स्पोर्ट्समैन
1962 एशियाई खेलों में भारतीय टीम ने स्वर्ण पदक जीता। चुन्नी इस टीम के कप्तान थे। 1964 में टीम एशियन रनर अप रही। इसकी कमान भी बंगाल के इस बेहतरीन फुटबॉलर के हाथ में थी। वो आजीवन कोलकाता के मोहन बागान क्लब से जुड़े रहे। खास बात ये है कि चुन्नी सिर्फ फुटबॉलर ही नहीं थे। वो बंगाल की टीम से प्रथण श्रेणी क्रिकेट भी खेले। इसके अलावा हॉकी के भी वो जबरदस्त फॉरवर्ड थे। लेकिन, पहला प्यार फुटबॉल ही रहा।
27 साल की उम्र में इंटरनेशनल फुटबॉल से संन्यास
चुन्नी ने 1957 में बतौर फुटबॉलर इंटरनेशनल डेब्यू किया। 27 साल के हुए तो इंटरनेशनल फुटबॉल से संन्यास ले लिया। लेकिन, मोहन बागान के लिए खेलते रहे। 1966 में वेस्ट इंडीज टीम भारत दौरे पर थी। हनुमंत सिंह की कप्तानी में सेंट्रल और ईस्ट जोन की कम्बाइंड टीम बनी। इंदौर में मैच हुआ। सर गैरी सोबर्स की कप्तानी वाली टीम को आठ विकेट से हार मिली। चुन्नी ने इस मैच में आठ विकेट लिए। 1971-72 में वो बंगाल टीम के कप्तान बने। टीम को रणजी फाइनल तक पहुंचाया। यहां बॉम्बे (अब मुंबई) से हार मिली।
पुरुष टीम के कप्तान केन विलियम्सन और महिला टीम की खिलाड़ी सूजी बेट्स न्यूजीलैंड के सर्वश्रेष्ठ वनडे क्रिकेटर बने। रॉस टेलर को पुरुष टी-20 जबकि सोफी डिवाइन को महिला टी-20 का अवॉर्ड मिला। विलियम्सन ने टीम को वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचाया था। उन्होंने 2 शतकों के साथ 578 रन बनाए और प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बने थे। टेलर ने टी-20 में इंग्लैंड, श्रीलंका, भारत के खिलाफ 330 रन बनाए। वहीं, बेट्स ने महिला वनडे में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज में दो अर्धशतक बनाए। डिवाइन ने महिला टी-20 में 71 के औसत से 429 रन बनाए थे।
अनुभवी बल्लेबाज टेलर को टी-20 प्लेयर ऑफ द ईयर का खिताब दिया गया। वह श्रीलंका, इंग्लैंड और भारत के खिलाफ पिछली तीनों सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया था। टेलर ने 130 के स्ट्राइक रेट से 330 रन बनाए थे। महिला टीम की कप्तान सोफी डिवाइन को महिला टी-20 प्लेयर ऑफ द ईयर चुना गया। सोफी के नाम टी-20 में लगातार 6 अर्धशतक बनाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड है। उन्होंने 8 टी-20 मैचों में 71.50 के औसत से 429 रन बनाए।
इंग्लैंड क्रिकेट का ‘द हंड्रेड’ टूर्नामेंट एक साल के लिए स्थगित
इंग्लैंड क्रिकेट का विवादित ‘द हंड्रेड’ टूर्नामेंट एक साल के लिए टाल दिया गया है। इसमें हर टीम को 100 गेंद खेलनी थी। बिल्कुल नए प्रारूप वाला यह टूर्नामेंट 8 टीमों के बीच खेला जाना था। इसकी शुरुआत जुलाई में होनी थी। लेकिन अब इंग्लिश क्रिकेट सीजन एक जुलाई तक के लिए टल गया है। उसके बाद अगर मैचों का अायोजन होगा, तो उसमें फैंस नहीं होंगे। ऐसे में इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने इस टूर्नामेंट को एक साल के लिए टालने का फैसला लिया। इस बीच, गोल्फ के लिए ओलिंपिक क्वालिफाइंग अगले साल जून तक के लिए बढ़ा दिया गया है। गोल्फर टोक्यो ओलिंपिक के लिए रैंकिंग अंक अगले साल 28 जून तक जुटा सकेंगे।
चीन के फुटबॉल क्लब वुहान जैल के खिलाड़ी मैदान पर वापस लौट आए हैं। इस क्लब के खिलाड़ियों ने ट्रेनिंग शुरू कर दी है। वुहान कोरोनावायरस का एपिसेंटर था। वुहान जैल क्लब के खिलाड़ी 18 अप्रैल को ही वापस चीन लौटे हैं। वे तीन महीने पहले ट्रेनिंग के लिए स्पेन गए थे। फिर कोरोनावायरस के कारण लॉकडाउन में फंस गए। उन्होंने करीब 104 दिन बाद घरेलू मैदान पर प्रैक्टिस की।
क्लब ने कहा, ‘खिलाड़ी, कोच और स्टाफ के किसी अन्य सोशल एक्टिविटी में हिस्सा लेने पर प्रतिबंध है। उनका टेंपरेचर रोज चेक किया जाता है। खिलाड़ियों के ड्रेसिंग रूम, एंट्री गेट, कैंटीन और फिटनेस सेंटर को पूरी तरह सेनिटाइज करके ही सभी को एंट्री दी जाती है।’ वुहान जैल पिछले सीजन में छठे नंबर पर थी।
डिफेंडिंग चैम्पियन ग्वांगझू एवरग्रेंडे के खिलाड़ी भी लौटे
डिफेंडिंग चैम्पियन ग्वांगझू एवरग्रेंडे क्लब ने भी प्रैक्टिस शुरू कर दी है। लीग फरवरी से स्थगित है। क्लब को करीब 2 हजार करोड़ रु. का नुकसान हुआ है। एवरग्रेंडे वही क्लब है, जो सबसे बड़ा स्टेडियम बना रहा है। आयोजकों को उम्मीद है कि सीजन जून में शुरू हो सकता है।
कोरोनावायरस (कोविड-19) के कारण क्रिकेट में गेंद को चमकाने के लिए लार की जगह आर्टिफिशियल पदार्थ के इस्तेमाल को लेकरबहस जारी है। इसमें अब ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर डेविड वॉर्नर भी शामिल हो गए हैं। वे नहीं मानते हैं कि भविष्य में गेंद पर लार के इस्तेमाल को रोकने की जरूरत है। उन्हें लगता है कि इससे ज्यादा खतरनाक खिलाड़ियों का ड्रेसिंग रूम और अन्य चीजें शेयर करना है। इससे पहले सचिन तेंदुलकर, हरभजन सिंह और आशीष नेहरा के अलावा वेस्टइंडीज के पूर्व तेज गेंदबाज माइकल होल्डिंग और पाकिस्तान के गेंदबाजी कोच वकार यूनुस भी लार इस्तेमाल का समर्थन कर चुके हैं।
कोरोनावायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए लार से गेंद चमकाने के मुद्दे को आईसीसी की मेडिकल कमेटी के प्रमुख पीटर हरकोर्ट ने बैठक में उठाया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, संक्रमण की आशंका को देखते हुए लाल बॉल को चमकाने के लिए अब लार की जगह आर्टिफिशियल पदार्थ के इस्तेमाल को मंजूरी दी जा सकती है।
‘लार के इस्तेमाल से अब तक कोई बीमार नहीं हुआ’
वॉर्नर ने क्रिकेट डॉट कॉम डॉट एयू से कहा, ‘‘आप ड्रेसिंग रूम और अन्य चीजें शेयर कर रहे हैं, जो ज्यादा खतरनाक है। ऐसे में मुझे नहीं लगता कि इसे (लार के इस्तेमाल) बदलने की जरूरत है। यह सैकड़ों साल से चला आ रहा है। मुझे याद भी नहीं है कि इससे कोई बीमार हुआ हो। संक्रमण फैलाने के लिए एक यही चीज जरूरी नहीं है। मैं यह नहीं कह सकता कि गेंद को चमकाने के लिए लार को इस्तेमाल करना चाहिए या नहीं। इस पर फैसला लेने का काम आईसीसी और संचालन संस्थाओं का है।’’
शॉन टैट लार के इस्तेमाल के पक्ष में नहीं
वहीं, पूर्व ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज शॉन टैट के विचार वॉर्नर के बिल्कुल उलट हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लार का इस्तेमाल अब पुरानी बात हो गई है। ऐसे में हमें नए बदलावों को स्वीकार करना चाहिए। मैं गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल के पक्ष में नहीं हूं। यह बिल्कुल अच्छा नहीं है।’’
माहौल ठीक होने के बाद ही क्रिकेट शुरू हो: होल्डिंग
माइकल होल्डिंग ने कहा था, ‘‘आईसीसी को ऐसी स्थिति का सामना करने की जगह क्रिकेट को तभी शुरू करना चाहिए, जब माहौल पूरी तरह से सही हो। आईसीसी के मुताबिक क्रिकेट शुरू होने से पहले खिलाड़ियों को 14 दिनों तक आइसोलेशन में रहना होगा। इस अवधि को पूरा करने के बाद खिलाड़ी मैदान में उतरेंगे तो फिर लार का इस्तेमाल क्यों नहीं कर सकते। अगर दो हफ्ते अलग रहने के बाद भी किसी के स्वास्थ्य पर सवाल उठता है तो आप ऐसी स्थिति में क्रिकेट कैसे खेलेंगे इसका यह मतलब होगा कि आप सबको खतरे में डाल रहे हैं।’’
गेंद पर आर्टिफिशियल पदार्थ का इस्तेमाल खेल शुरू करने की छटपटाहट: वकार
वकार यूनुस ने क्रिकइन्फो से कहा था, ‘‘एक तेज गेंदबाज के तौर पर मैं इसे मंजूर नहीं करूंगा, क्योंकि लार और पसीने का इस्तेमाल करना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। यह आदत की तरह है आप इस पर नियंत्रण नहीं कर सकते। आप गेंदबाज को बाहरी चीज लगाने के लिए दे सकते है। लेकिन खेल के दौरान उसे लार और पसीने का इस्तेमाल करने से रोकना किसी भी सूरत में संभव नहीं होगा। मुझे लगता है कि इस तरह के आइडिया खेल को जल्दी शुरू करनी छटपटाहट भर हैं।’’
बॉल टेम्परिंग के कारण स्मिथ-वॉर्नर पर 1-1 साल का प्रतिबंध लगा था
दक्षिण अफ्रीका में स्टीव स्मिथ की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम को मार्च 2018 में बॉल टेम्परिंग के कारण शर्मसार होना पड़ा था। इसको लेकर पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग समेत कई दिग्गजों ने खिलाड़ियों की आलोचना की थी। केपटाउन टेस्ट में हुई इस घटना के बाद स्मिथ और डेविड वॉर्नर पर 1 साल का प्रतिबंध लगा था, जबकि कैमरून बेनक्राफ्ट को 9 महीने के लिए निलंबित किया गया था। यह तीनों खिलाड़ी सैंडपेपर का इस्तेमाल करके गेंद से छेड़छाड़ करने के दोषी पाए गए थे।
कोरोनावायरस के चलते खेलों की दुनिया भी लॉकडाउन है। प्लेयर्स भी आम लोगों की तरह घर में हैं। इस दौरान कुछ खिलाड़ी वीडियो चैट पर एक-दूसरे से जुड़ रहे हैं। पुरानी बातें, यादें और अनुभव साझा कर रहे हैं। ये बातें गुदगुदाती हैं तो सीख भी दे जाती हैं। ऐसा ही एक वाकया टीम इंडिया के चाइनामैन बॉलर कुलदीप यादव ने शेयर किया। कुलदीप ने बताया कि धोनी ने एक बार उन्हें क्यों फटकार लगाई थी। और मासूम चेहरे वाला ये लेफ्ट आर्म स्पिनर कितना सहम गया था।
ये था मामला..
यादव के मुताबिक, “हम इंदौर में श्रीलंका के खिलाफ टी-20 खेल रहे थे। कुशल परेरा बल्लेबाज थे। उन्होंने मेरी एक गेंद को कवर्स के ऊपर से बाउंड्री के पार भेज दिया। इतने में धोनी ने विकेट के पीछे से आवाज लगाई। कहा- कवर्स और पॉइंट खिसका ले। ऑफ साइड में तीन फील्डर रख ले।”
‘मैं पागल नहीं हूं, 300 वनडे खेला हूं’
कुलदीप के मुताबिक, वो धोनी की बात सुन नहीं पाए। यादव आगे कहते हैं, “अगली बॉल पर कुशल ने रिवर्स स्वीप से फिर चौका मार दिया। इतने में धोनी गुस्से से मेरे पास आए। कहा- मैं पागल हूं। 300 वनडे खेला हूं। समझा रहा हूं तो मानते क्यों नहीं। मैं बहुत डर गया। समझ नहीं पाया कि माही भाई ने मुझे कैसे डांट दिया।”
माही के दिल की बात
कानपुर के कुलदीप बात आगे बढ़ाते हैं। क्या कहते हैं, जानिए। “वो मैच अच्छा रहा। हम जीते। मैच के बाद बस से हम होटल लौट रहे थे। मैं माही भाई की सीट पर गया। मैंने पूछा- माही भाई आपको गुस्सा भी आता है क्या? उन्होंने कहा- गुस्सा नहीं आता। गुस्सा आए तो 20 साल हो गए। लेकिन, मुझे एक्सपीरिएंस हो गया है। तो मुझे लगता है कि बोलना चाहिए। जब कोई सुनता नहीं है तो वो गुस्सा नहीं है। मैं डांटता हूं। बेटा, तुमने अभी मेरा गुस्सा देखा नहीं है।”
भारत के लिए खेलते वक्त दो-तीन बार आया गुस्सा
यादव घटना की तफ्सील बढ़ाते हैं। उनके मुताबिक, माही ने आगे मुझसे आगे कहा, “जब अपने स्टेट के लिए रणजी खेलता था तो कई बार गुस्सा आता था। टीम इंडिया के लिए खेलते वक्त भी तीन-चार बार गुस्सा आया। लेकिन, कभी किसी को कुछ बोला नहीं।” कुलदीप के मुताबिक, धोनी और उनका ये किस्सा ज्यादा लोगों को पता नहीं होगा।
बॉलीवुड एक्टर ऋषि कपूर का 67 साल की उम्र में गुरुवार को निधन हो गया। ल्यूकेमिया यानी ब्लड कैंसर से जूझ रहे ऋषि कपूर ने मुंबई के एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। उनके निधन पर विराट कोहली और रवि शास्त्री समेत खेल जगत के दिग्गजों ने दुख जताया है। विराट कोहली ने लिखा, ‘‘यह सच नहीं हो सकता, मुझे इस खबर पर विश्वास नहीं हो रहा है। कल इरफान खान और आज ऋषि कपूर जी। यह स्वीकार करना मुश्किल है कि ऐसा दिग्गज कलाकार अब हमारे बीच नहीं रहा। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं, भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।’’
एक दिन पहले बुधवार को ही सदाबहार एक्टर इरफान खान का कैंसर के कारण निधन हुआ था। इरफान ट्यूमर और आंतों के इन्फेक्शन से जूझ रहे थे। उन्होंने कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में अंतिम सांस ली थी।
सचिन और रवि शास्त्री ने भी दुख जताया
सचिन तेंदुलकर ने लिखा, ‘‘ऋषि कपूर के निधन की खबर सुनकर बहुत बहुत दुख हुआ है। उनकी फिल्में देखकर ही बड़ा हुआ हूं। पिछले साल जब हम मिले थे, तब वे काफी शालीन थे। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।’’ वहीं, भारतीय टीम के कोच रवि शास्त्री ने भी इसे चौंकाने वाली खबर बताया। दोनों दिग्गजों ने नीतू, रणबीर और कपूर परिवार के लिए संवेदनाएं व्यक्त कीं।
ऋषि के साथ एक युग का अंत हुआ: वकार
पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर वकार यूनिस ने कहा, ‘‘यह वर्ल्ड सिनेमा के लिए भयानक सप्ताह है। आपके साथ ही एक युग का अंत हुआ है, लेकिन आप हमारे दिलों में सदा रहेंगे।’’
सौरव गांगुली ने जब बीसीसीआई अध्यक्ष का पद संभाला था, तब उन्होंने साफ कर दिया था कि उनका ध्यान घरेलू खिलाड़ियों की आय को सुधारने पर होगा। अब जबकि कोरोनावायरस के कारण काफी कुछ प्रभावित हुआ है, ऐसे में घरेलू खिलाड़ियों का भविष्य अधर में लटका है।खिलाड़ी यह जानना चाह रहे हैं कि वे कॉन्ट्रेक्ट में हैं या नहीं। इस पर क्रिकेट संचालन महाप्रबंधक सबा करीम ने कहा है कि बीसीसीआई अधिकारी जल्द ही घरेलू खिलाड़ियों के फाइनेंशियल प्लान पर घोषणा कर सकते हैं।
2020-21 घरेलू सीजन की शुरुआत अगस्त में दलीप ट्रॉफी से होनी है, लेकिन कोरोनावायरस के प्रकोप के कारण इस पर सस्पेंस बरकरार है। करीम ने कहा है कि बोर्ड देखने और इंतजार करने की नीति अपनाएगा। बोर्ड 3 मई को खत्म होने जा रहे लॉकडाउन का इंतजार कर रहा है और इसके बाद सरकार की सलाह के मुताबिक काम करेगा।
ईरानी कप कोरोना के कारण नहीं हो सका
सबा करीम ने कहा, ‘‘अभी तक, हमारे पास कोई बैकअप प्लान नहीं था। हम अपनी एप्रोच में ढिलाई बरतेंगे ताकि हम सीजन में ज्यादा से ज्यादा मैच करा सकें, लेकिन यह सभी लॉकडाउन खत्म होने के बाद सरकार द्वारा जारी की जाने वाली गाइडलाइंस और सलाह पर निर्भर होगा।’’ 2019-20 सीजन का अंत रणजी ट्रॉफी के साथ हुआ था। रणजी ट्रॉफी के चार दिन बाद होने वाला ईरानी कप कोविड-19 के प्रकोप के कारण नहीं हो सका था।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने 2020-21 सीजन के लिए सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट लिस्ट का ऐलान कर दिया है। लिस्ट में 20 पुरुष और 15 महिला खिलाड़ियों को जगह दी गई है। इसमें मार्नस लबुशाने समेत 6 नए चेहरों को शामिल किया गया। वहीं, उस्मान ख्वाजा को 5 साल में पहली बार कॉन्ट्रेक्ट लिस्ट से बाहर होना पड़ा है। ख्वाजा ने पिछला मैच अगस्त में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट खेला था। तभी से वे टीम से बाहर चल रहे हैं।
मार्नस लबुशाने के अलावा एश्टन एगर, जो बर्न्स, मिशेल मार्श, केन रिचर्डसन, मैथ्यू वेड कॉन्ट्रेक्ट में शामिल होने वाले नए खिलाड़ी हैं। वहीं, ख्वाजा के अलावा शॉन मार्श, पीटर हैंड्सकॉम्ब, मार्कस हैरिस, नाथन कूल्टर नाइनल और मार्कस स्टोइनिस को भी कॉन्ट्रेक्ट लिस्ट से बाहर कर दिया गया है।
आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में तीसरे नंबर पर लबुशाने
चीफ सेलेक्टर ट्रेवर हॉन्स ने कहा, ‘‘मार्नस शानदार उभरते हुए खिलाड़ी हैं। उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। जोए टेस्ट में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। एश्टन एगर का टी-20 में बेहतरीन प्रदर्शन रहा है। जबकि रिचर्ड्सन ने टी-20 और वनडे दोनों में ही बेहतरीन खेल दिखाया है।’’ लबुशाने आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में तीसरे नंबर पर काबिज हैं। यह उपलब्धि उन्होंने सिर्फ दो साल में हासिल की है। 2018 में टेस्ट डेब्यू करने वाले लबुशाने ने 14 मैच में 63 की औसत से 1459 रन बनाए हैं।
महिला क्रिकेटरों की लिस्ट में ताहलिया मैकग्रा को शामिल किया गया है, जिसने कई क्रिकेट दिग्गजों को हैरान किया है। हरफनमौला ताहलिया ने पिछले साल भारत-ए के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया-ए टीम की कप्तानी की थी। जबकि बल्लेबाज निकोल बोल्टन और एलिस विलानी के नाम को कॉन्ट्रेक्ट लिस्ट से बाहर कर दिया है।
पुरुष कॉन्ट्रेक्ट लिस्ट:
एश्टन एगर, जो बर्न्स, एलेक्स कैरी, पैट कमिंस, एरॉन फिंच, जोश हेजलवुड, ट्रैविस हेड, मार्नस लबुशाने, नाथन लियोन, मिशेल मार्श, ग्लेन मैक्सवेल, टिम पेन, जेम्स पैटीसन, झाय रिचर्ड्सन, केन रिचर्ड्सन, स्टीव स्मिथ, मिशेल स्टार्क , मैथ्यू वेड, डेविड वॉर्नर औरएडम जाम्पा।
महिला कॉन्ट्रेक्ट लिस्ट:
निकोला कैरी, एश्लीग गार्डनर, रेशेल हेन्स, एलिसा हीली, जेस जोनासेन, डेलिसा किमिसन, मेग लैनिंग, ताहलिया मैकग्रा, सोफी मोलिनक्स, बेथ मूनी, एलिसा पैरी, मेगन शूट, एनाबेल सदरलैंड, टेला व्लाइमेक, जॉर्जिया वेयरहाम।
कोरोनावायरस (कोविड-19) के कारण खेल जगत के लगभग सभी टूर्नामेंट पर असर पड़ा है। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है। ऐसे में दिल्ली कैपिटल के बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे ने खाली स्टेडियम में आईपीएल कराने की सलाह दी है। उन्होंने फ्रेंचाइजी से चैटिंग करते हुए कहा कि उनके लिए लोगों की सुरक्षा सबसे जरूरी है। हम तो घरेलू क्रिकेट में भी बगैर दर्शकों के खेलते आए हैं और इसके आदी हो गए हैं।
रहाणे ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि आईपीएल समेत अन्य टूर्नामेंट्स को भी बगैर दर्शकों के ही कराया जाना चाहिए। हम सभी खिलाड़ी घरेलू टूर्नामेंट बगैर दर्शकों के ही मैच खेलते आए हैं। हम इसके आदी हैं और यह अनुभव हमारे काम आएगा।’’रहाणे ने 65 टेस्ट में 4203, 90 वनडे में 2962 और 20 टी-20 में 375 रन बनाए हैं। उन्होंने आईपीएल के 140 मुकाबलों में 3820 रन बनाए हैं।
‘लॉकडाउन जैसे हालात में सकारात्मक रहें’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह मानता हूं कि हम अपने फैन्स के बिना कुछ भी नहीं हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। मुझे लगता है कि अगर दर्शक घर में आईपीएल देखेंते तो उसमें भी उन्हें मजा आएगा। हमारे लिए उनकी सुरक्षा ज्यादा जरूरी है और अगर टूर्नामेंट बगैर दर्शकों के कराया जा सकता है तो हमें ऐसा करना चाहिए। कोरोना के कारण कई चीजें ऐसी हो रही हैं जैसी पहले कभी नहीं हुईं। हमें इस हालात में भी सकारात्मक रहना है। मैं लॉकडाउन के दौरान सकारात्मक रहने की कोशिश कर रहा हूं और अपने परिवार के साथ वक्त बिता रहा हूं।’’
‘पोंटिंग की कोचिंग में खेलने के लिए उत्सुक हूं’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं दिल्ली कैपिटल्स के लिए खेलने को लेकर उत्सुक हूं, क्योंकि टीम में ईशांत शर्मा, शिखर धवन और श्रेयस अय्यर हैं। उन्होंने मुझे बताया कि टीम एक परिवार की तरह है जहां सब एक दूसरे के लिए खड़े रहते हैं।’’ कोच रिकी पोंटिंग को लेकर रहाणे ने कहा, ‘‘राहुल सर और सचिन सर मेरे प्रेरणा स्रोत्र रहे हैं, लेकिन मैंने हमेशा पोंटिंग सर की भी सराहना की है। मैं उनकी बल्लेबाजी और फील्डिंग को कॉपी करना चाहता हूं। मैं उनके मार्गदर्शन में खेलने के लिए उत्सुक हूं।’’
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के कानूनी सलाहकार तफज्जुल रिजवी ने पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है। पीसीबी के मुताबिक, अख्तर ने यूट्यूब चैनल पर असभ्य भाषा का इस्तेमाल करते हुए रिजवी का मजाक उड़ाया था। अख्तर उमर अकमल पर पीसीबी द्वारा लगाए गए 3 साल के प्रतिबंध को लेकर बात कर रहे थे। अख्तर ने रिजवी के कानूनी अनुभव पर सवाल खड़े किए थे और कहा था कि उन्होंने हमेशा खिलाड़ियों और पीसीबी के बीच समस्याएं पैदा की हैं।
पीसीबी ने कहा, ‘‘पीसीबी अख्तर द्वारा सामाजिक तौर पर बोर्ड के कानूनी विभाग और उसके सलाहकार के खिलाफ इस्तेमाल किए शब्दों से निराश है। अख्तर ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया है, वह गलत और असम्मानजनक है, जिसे समाज में माफ नहीं किया जा सकता। अख्तर के खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज कराया जा सकता है।’’
पाकिस्तान बार काउंसिल भी अख्तर के बयान से नाराज
रिजवी ने फेडरल इंवेस्टीगेशन एजेंसी के पास भी साइबर अपराध कानून के तहत शिकायत दर्ज कराई है। पाकिस्तान बार काउंसिल भी अख्तर के बयान से नाराज है। काउंसिल ने कहा है कि कानूनी मामले और विभाग को लेकर बयानबाजी करते समय अख्तर को एहतियात बरतनी चाहिए। पीसीबी ने इसी हफ्ते उमर अकमल को 3 साल के लिए हर तरह के फॉर्मेट में खेलने से प्रतिबंधित कर दिया है। अकमल पर स्पॉट फिक्सिंग की जानकारी छुपाने का आरोप था। इस पर पीसीबी की अनुशासन कमेटी जांच कर रही थी, जिसमें उन्हें दोषी पाया गया।
सदाबहार अभिनेता इरफान खान का बुधवार को निधन हो गया। सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली समेत खेल जगत के अन्य दिग्गजों ने भी इरफान को श्रद्धांजलि दी। कोहली ने ट्वीट किया, ‘‘इरफान के निधन की खबर से दुखी हूं। उनमें अभूतपूर्व प्रतिभा थी। वह अपनी बहुमुखी प्रतिभा से सभी के दिलों को छू लेते थे। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।’’ इरफान ट्यूमर और आंतों के इन्फेक्शन से जूझ रहे थे। उन्होंने कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में अंतिम सांस ली।
दरअसल, इरफान का क्रिकेट के प्रति काफी लगाव था। वे क्रिकेटर ही बनना चाहते थे, लेकिन पैसों की कमी के कारण उन्हें क्रिकेट छोड़ना पड़ा था और उन्होंने फिल्मी दुनिया में कदम रखा। इरफान पिछले कुछ वर्षों से कैंसर से पीड़ित थे और लंदन से इलाज कराकर वापस भारत लौटे थे। लेकिन मंगलवार की शाम अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गयी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
सचिन तेंदुलकर ने लिखा, ‘‘इरफान के निधन की खबर सुनकर काफी दुखी हूं। वह मेरे पसंदीदा अभिनेताओं में से एक थे और मैंने लगभग उनकी सभी फिल्में देखी थी। उनकी आखिरी फिल्म अंग्रेजी मीडियम में उन्होंने शानदार अभिनय किया था। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके परिजनों को दुख सहने की शक्ति दे।’’
############कोरोनावायरस के खतरे के बीच खेल के लिए कुछ उम्मीद की खबरें आई हैं। नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) जुलाई में नेशनल शूटर्स का कैंप कराने पर विचार कर रही है। दिल्ली के डॉ कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में कैंप का आयोजन किया जा सकता है। कोरोनावायरस की वजह से आईएसएसएफ वर्ल्ड कप को रद्द करना पड़ा था। वहीं, लंदन ओलिंपिक के पब्लिक हेल्थ डायरेक्टर ब्रान मैक्लोस्की ने कहा कि कोरोनावायरस का प्रभाव कम होने के बाद लोकल स्तर के मैचों का आयोजन करना आसान होगा। उनके अनुसार बड़े स्तर के मैच में काफी ट्रैवल करना पड़ा है। इनके आयोजन में चुनौतियां आ सकती हैं।
लॉकडाउन के कारण जिम बंद होने से खिलाड़ी फिटनेस ट्रेनिंग नहीं कर पा रहे थे। इसके लिए आई-लीग की टीम आइजॉल एफसी के खिलाड़ियों ने घर की चीजों से जिम इंस्ट्रूमेंट बना लिए। खिलाड़ी घर में बनी डंबल्स से ट्रेनिंग कर फिटनेस मेंटेन कर रहे हैं। महामारी के कारण देश की घरेलू फुटबॉल लीग (आई-लीग) का सीजन 10 दिन पहले खत्म कर दिया गया था। टॉप पर चल रहे मोहन बागान को विजेता घोषित कर दिया था। लीग 14 मार्च से स्थगित थी।
स्पेन के फुटबॉलर 4 मई से ट्रेनिंग कर सकते हैं
वहीं, स्पेन की सरकार ने घोषणा की है कि प्रोफेशनल खिलाड़ी 4 मई से ट्रेनिंग शुरू कर सकते हैं। इससे पहले, मंगलवार को इटली की सरकार ने भी घरेलू फुटबॉल लीग सीरी ए के खिलाड़ियों को 4 मई से ट्रेनिंग की मंजूरी दी थी। ऐसे में फैंस को खेल के शुरू होने की भी उम्मीद है।पीएसजी चैंपियंस लीग के घरेलू मैच बाहर खेल सकती है। क्लब के अध्यक्ष नासिर अल-खेलैफी ने कहा कि फ्रांस सरकार नए नियम लाती है तो मैचों का आयोजन देश से बाहर करना होगा।
ला लिगा में 12 मार्च से कोई मुकाबला नहीं
कोरोनावायरस की वजह से स्पेन की घरेलू फुटबॉल लीग ला लिगा में 12 मार्च से कोई मुकाबला नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने कहा कि यह फैसला लॉकडाउन समाप्त करने की शुरुआत है। अभी खिलाड़ियों को सिर्फ निजी ट्रेनिंग करने की अनुमति होगी। आने वाले समय में टीम के साथ ट्रेनिंग करने की अनुमति मिलेगी। ट्रेनिंग पर लौटने से पहले खिलाड़ियों को स्क्रीनिंग टेस्ट से गुजरना पड़ सकता है। खिलाड़ियों को किट, मास्क, ग्लव्स में आना होगा। एक समय में 6 खिलाड़ियों को ही मैदान पर रहने की अनुमति होगी।
इंग्लैंड का फुटबॉल क्लब टॉटेनहम हॉट्सपर प्रीमियर लीग का सबसे वैल्यूएबल क्लब बन गया है। टॉटेनहम ने मैनचेस्टर सिटी, यूनाइटेड और यूरोपियन चैंपियन लिवरपूल जैसे बड़े क्लबों को पीछे छोड़ा है। यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल ने प्रीमियर लीग क्लबों के 2018-19 सीजन का वैल्यूएशन किया। इसके अनुसार, टॉटेनहम करीब 24 हजार करोड़ के साथ सबसे वैल्यूएबल क्लब बन गया। उसने प्रीमियर लीग के डिफेंडिंग चैंपियन मैनचेस्टर सिटी को पीछे छोड़ा। सिटी दूसरे नंबर पर है।
टॉटेनहम प्रीमियर लीग की अंक तालिका में आठवें पर है। उसने 2008 के बाद से कोई खिताब नहीं जीता है। 2018 में उसकी वैल्यू 17 हजार करोड़ थी। वह तीसरे पर था। टॉटेनहम, सिटी और यूनाइटेड की वैल्यू 2 बिलियन पाउंड से ज्यादा है।
खिलाड़ियों की सैलरी पर सिर्फ 206 करोड़ खर्चे
टॉटेनहम की वैल्यू इसलिए बढ़ी क्योंकि वह 2018-19 के चैम्पियंस लीग फाइनल में था। खिलाड़ियों को सैलरी, ट्रांसफर लेनदेन पर बिग-6 क्लब में सबसे कम खर्च किया। सैलरी पर सिर्फ 206 करोड़ खर्चे। इससे कमाई 21% तक बढ़ी।
टोक्यो ओलिंपिक समिति के अध्यक्ष योशिरो मोरी के बाद जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने बुधवार को कहा कि कोरोनावायरस पर काबू पाए बिना 2021 में भी ओलिंपिक होना असंभव है। उन्होंने कहा कि हम लगातार यह कह रहे हैं कि ओलिंपिक और पैरालिंपिक बिना किसी बदलाव के होने चाहिए। लेकिन इसके लिए हालात ऐसे होने चाहिए कि एथलीट्स के साथ दर्शक भी सुरक्षित रूप से इसमें हिस्सा ले सकें। उन्होंने विपक्षी पार्टी के सांसद द्वारा टोक्यो ओलिंपिक के आयोजन को लेकर पूछे गए सवाल पर यह जवाब दिया।
अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक संघ और जापान सरकार ने पिछले महीने ही ओलिंपिक को जुलाई 2021 तक के लिए टाल दिया था। इसका आयोजन अब 23 जुलाई 2021 से होना है।
कोरोना के खिलाफ लड़ाई लंबी चलेगी: आबे
प्रधानमंत्री आबे ने कहा कि हम जिस चीज का सामना कर रहे हैं, उससे लड़ाई लंबी चलनी है। इसलिए हम अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक संघ और टोक्यो 2020 की आयोजन समिति के सम्पर्क में हैं। उन्होंने फिर दोहराया कि यह गेम्स इस तरह होने चाहिए कि पूरी दुनिया को यह लगे कि उन्होंने इस वायरस के खिलाफ जंग जीत ली है।
बिना वैक्सीन के ओलिंपिक होना मुश्किल: जापान मेडिकल एसोसिएशन
एक दिन पहले ही टोक्यो 2020 ऑर्गेनाइजेशन कमेटीने कहा था कि अगर अगले साल तक भी कोरोना महामारी पर काबू नहीं पाया जा सका तो इन खेलों को रद्द कर दिया जाएगा। उन्होंने कोरोनावायरस से लड़ाई को ‘एक अदृश्य दुश्मन के खिलाफ जंग’ करार दिया था।इससे पहले, जापान मेडिकल एसोसिएशन के प्रमुख योशिटेके योकोकुरा ने चेताया था कि अगर कोरोनावायरस की वैक्सीन नहीं आई तो अगले साल भी इन खेलों का आयोजन करना बहुत मुश्किल होगा।
जापान मेंकोरोना के 13 हजार से ज्यादा केस
टोक्यो में मंगलवार को कोरोना संक्रमण के 112 नए केस सामने आए। अब तक देश में 13 हजार से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं जबकि 413 की मौत हुई है। अन्य देशों के मुकाबले यहां कोरोना से मौत और केस कम हैं। लेकिन फिर भी आलोचक सरकार की तैयारियों पर सवाल खड़ा रहे हैं। उनके मुताबिक, जापान इस महामारी के संक्रमण की जड़ तक पहुंचने के लिए जरूरी टेस्टिंग नहीं कर रहा है।
ओलिंपिक और पैरालिंपिक की ओपनिंग सेरेमनी एकसाथ कराने पर विचार
इस बीच, टोक्यो 2020 की आयोजन समिति खर्चों को कम करने के इरादे से ओलिंपिक और पैरालिंपिक खेलों की ओपनिंग और क्लोजिंग सेरेमनी एक साथ करने पर विचार कर रही है। इस प्लान के तहत 23 जुलाई को टोक्यो ओलिंपिक के उद्धाटन समोराह के दौरान ही पैरालिंपिक खेलों की शुरुआत भी होगी। वहीं, टोक्यो 2020 का समापन समारोह सितंबर में पैरालिंपिक खेलों के खत्म होने के साथ किया जाएगा। हालांकि, इसके लिए आईओसी की मंजूरी नहीं मिली है।
कोरोनावायरस से प्रभावित स्पेन से एक अच्छी खबर सामने आई है। यहांभी प्रोफेशनल एथलीट्स के साथ ही स्पेनिश फुटबॉल लीग के खिलाड़ी 4 मई से ट्रेनिंग शुरू कर सकेंगे। सरकार ने बुधवार को इसकी घोषणा की। प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने कहा देश में लॉकडाउन हटाने की दिशा में यह पहला ठोस कदम है। आने वाले दो महीने के भीतर अलग-अलग चार चरणों में पाबंदियां हटाईं जाएंगी।इससे पहले, इटली सरकार ने भी फुटबॉल लीग सीरी-ए के खिलाड़ियों को ट्रेनिंग की मंजूरी दी है।
प्रधानमंत्री सांचेज नेकहा कि पहला या जीरो फेज लॉकडाउन से बाहर निकालने की तैयारी होगा। हम फिलहाल इस दौर में आ चुके हैं। सब कुछ ठीक रहा तो पूरे देश में ट्रांजिशन फेज कम से कम 6 हफ्ते का रहेगा। अगर इसमें संक्रमण की स्थिति काबू में रही तो आगे हम और रियायतें देंगे।
ट्रेनिंग से पहले खिलाड़ियों की कोरोना के लिए स्क्रीनिंग होगी
सरकार की घोषणा के बाद लीग में हिस्सा ले रहे क्लब इंडिविजुअल(व्यक्तिगत) ट्रेनिंग शुरू कर करेंगे। हालांकि, ट्रेनिंग शुरू करने से पहलेखिलाड़ियों को कोविड-19 के स्क्रीनिंग टेस्ट से गुजरना होगा। ला लिगा और स्पेनिश फुटबॉल फेडरेशन ने सरकार के इस प्रोटोकॉल पर सहमति जताई है। प्रोटोकॉल के मुताबिक खिलाड़ियों को घर से तैयार होकर आना पड़ेगा। उन्हें अनिवार्य रूप से मास्क और ग्ल्वस पहनने होंगे। एक वक्त में सिर्फ 6 खिलाड़ी ही मैदान पर मौजूद रहेंगे। महामारी की वजह से लीग के मुकाबले 12 मार्च से नहीं हो रहे हैं।
इटली ने भी खिलाड़ी 4 मई से ट्रेनिंग कर सकेंगे
इधर,इटली में भी 4 मई से खिलाड़ी ट्रेनिंग शुरू कर सकेंगे। एक दिन पहले ही प्रधानमंत्रीग्युसेप कोंते ने कहा था कि फिलहाल लॉकडाउन हटाने पर कोई फैसला नहीं हुआ है। लेकिन हम धीरे-धीरे इसमें ढील देने पर विचार कर रहे हैं। इसके तहत सभी प्रोफेशनल खिलाड़ी 4 मई और टीमें 18 मई से ट्रेनिंग शुरू कर सकती हैं। इसके बाद हम समीक्षा करेंगे कि क्या हालात ऐसे हैं कि सीजन को पूरा किया जा सके। यहां भी ट्रेनिंग शुरू करने के लिए हर क्लब से खिलाड़ियों, टेक्निकल स्टाफ, डॉक्टरों की एक टीम बनाई जाएगी। इनका पहले कोरोना टेस्ट होगा और फिर यह आइसोलेशन में ट्रेनिंग करेंगे।
स्पेन में 24 हजार से ज्यादा मौतें
कोरोना की वजह से स्पेन में अब तक 24 हजार लोगों की जान गई है। मृतकों के मामले में अमेरिका और इटली के बाद स्पेन तीसरे स्थान पर है।
ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर का कहना है कि कोरोनावायरस की वजह से टीम कीआगामी इंग्लैंड और स्कॉटलैंड दौरे पर जाने की संभावना बेहद कम है। उन्होंने कहा कि इंग्लैंड में जो कुछ हुआ, उसे देखते हुए हमारा फिलहाल वहां जाना मुमकिन नहीं दिख रहा है। ऑस्ट्रेलिया का इंग्लैंड दौरा 3 जुलाई से शुरू होना है। इस सीरीज में दोनों टीमों के बीच 3 वनडे और इतने ही टी-20 खेले जाने हैं। इससे पहले कंगारू टीम 29 जून को स्कॉटलैंड के खिलाफ भी टी-20 खेलेगी।
ऑस्ट्रेलिय़ा जून में बांग्लादेश दौरे पर जाने वाली थी। वहां भी टीम को 2 टेस्ट खेलने थे। हालांकि, उस दौरे को भीकैंसिल कर दिया गया है। वहीं, जिम्बाब्वे के खिलाफ अगस्त में होने वाली वनडे सीरीज होने की संभावना भी बहुत कम है।
क्रिकेट से ज्यादा वायरस को हराने पर जोर देना होगा
वॉर्नर ने कोरोना औरइंग्लैंड दौरे को लेकर कहा कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन स्वस्थ हो गए हैं। वे दोबारा अपने पैरों पर खड़े हो गए हैं। यह बहुत अच्छी खबर है। लेकिन क्रिकेट से ज्यादा अभी इस वायरस से लड़ना जरूरी है। हमारी प्राथमकिता इस महामारी को हराने की होनी चाहिए। इसके लिए हम सभी को वह कदम उठाने चाहिए।अभी तक इस लड़ाई में ऑस्ट्रेलिया काफी हद तक कामयाब रहा है। इसका श्रेय देश के नागरिकों को देना चाहिए।
'बिना दर्शकों के क्रिकेट का मतलब नहीं'
खाली स्टेडियम में क्रिकेट के सुझाव को उन्होंने सिर से खारिज कर दिया। वॉर्नर ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है। आप जहां भी जाएं और क्रिकेट खेलें आप हमेशा यही चाहते हैं कि उसे दर्शक देखें। मुझे इंग्लैंड में खेलना पसंद है। यहां खेलना शानदार है। जनता और इंग्लिश टीम हमेशा खेल के रोमांच को बढ़ा देती है। इसलिए मैं भी वहां खेलने को लेकर उत्साहित हूं। मैं उम्मीद कर रहा हूं कि दर्शकों को अच्छी क्रिकेट देखने को मिले। लेकिन मौजूदा हालात में इसका होना मुश्किल लग रहा है।
ईसीबी ने 1 जुलाई तक क्रिकेट पर रोक लगाई है
इधर, इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने सभी तरह के क्रिकेट पर 1 जुलाई तक रोक लगाई हुई है। इसी वजह से जून में वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाली घरेलू टेस्ट सीरीज के कार्यक्रम को भी बदला गया है। ईसीबी के चीफ एक्जीक्यूटिव टॉम हैरिसन का कहना है कि अगर क्रिकेट सीजन को शुरू करने में और देरी होती है तो फिर कार्यक्रम में बदलाव की बजाए क्रिकेट मैच ही रद्द किए जाएंगे।
कर्नाटक के पूर्व कोच जे. अरूण कुमार अमेरिकी क्रिकेट टीम के हेड कोच नियुक्त किए गए हैं। उनका करार दो साल का होगा। वे बतौर खिलाड़ी और कोच कर्नाटक के लिए रणजी ट्रॉफी जीतने का कारनामा कर चुके हैं। इसके अलावा वे हैदराबाद और पुडुचेरी क्रिकेट टीम के भी कोच रह चुके हैं।
यूएसए क्रिकेट के सीईओ इयान हिगिंग्स ने मंगलवार को इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि अरूण कुमार हमारे साथ जुड़ गए हैं। वे स्थायी तौर पर अमेरिका में ही रहेंगे। जैसे ही उनका वर्किंग वीजा मंजूर हो जाएगा, वे टीम के साथ जुड़ जाएंगे। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अरूण पिछले महीने ही अमेरिका गए थे। यहां उन्होंने ह्यूस्टन में टीम के खिलाड़ियों, सिलेक्टर्स और सपोर्ट स्टाफ से मुलाकात भी की थी।
यह मेरा पहला अंतरराष्ट्रीय असाइनमेंट
अरूण भी यह जिम्मेदारी संभालने को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि यह मेरा पहला अंतरराष्ट्रीय असाइनमेंट है। मैं हमेशा से ही चुनौतियां पसंद करता हूं और इस बार मुझे बड़ी और बेहतर टीमों के खिलाफ अपनी काबिलियत जांचने का मौका मिलेगा। मैं अमेरिकी खिलाड़ियों के साथ काम करने को तैयार हूं। मेरी कोशिश होगी कि इन दो सालों में देश के क्रिकेट को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाऊं। मेरा एक ही मिशन होगा कि अलग-अलग संस्कृति से आए खिलाड़ियों को एकजुट करूं और यह सुनिश्चित करूं कि यह सभी बड़ी टीमों के खिलाफ अच्छी क्रिकेट खेलें।
'अमेरिकी टीम के साथ वर्चुअल ट्रेनिंग शुरू की'
लॉकडाउन की वजह से अरूण को अब तक वीजा नहीं मिला है। हालांकि, उन्होंने वर्चुअल ट्रेनिंग अभी से शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि मौजूदा हालात में हम मैदान पर कुछ नहीं कर सकते। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम शुरुआत नहीं कर सकते। मैं वीडियो कॉल के जरिए खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ के सम्पर्क में हूं। हम बल्लेबाजों और गेंदबाजों के खेल के बारे में ऑनलाइन समीक्षा कर रहे हैं।
आईपीएल का अनुभव मेरा काम आएगा: अरूण कुमार
अरूण कुमार आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के साथ भी काम कर चुके हैं। इसलिए उन्हें लगता है कि उनका यह अनुभव अमेरिकी टीम के साथ काम करने में मदद करेगा। क्योंकि इस टीम में भी ज्यादातर खिलाड़ी भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के हैं। ऐसे में आईपीएल का अनुभव इनसे तालमेल बैठाने में मदद करेगा।
अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल महासंघ(फीफा) की मेडिकल कमेटी के चीफ मिकेल डी हूग ने कहा है कि मौजदा हालात में कोरोनावायरस को और फैलने से रोकने के लिए कम से कम सितंबर तक फुटबॉल न शुरू किया जाए। इसके अलावा, जब फुटबॉल लौटे तो मैदान पर थूकने वाले खिलाड़ियों को येलो कार्ड दिया जाए। उन्होंने स्काय स्पोर्ट्स को दिए इंटरव्यू में यह बात कही।
मिकेल के कहा कि अगर कोई ऐसा पल है, जहां स्वास्थ्य से जुड़े मामलों को पूर्ण प्राथमिकता देनी चाहिए तो यही है। यह पैसों की नहीं, बल्कि जिंदगी और मौत का सवाल है। उन्होंने कहा कि सेकेंड वर्ल्ड वॉर के बाद से ही यह सबसे नाटकीय हालात हैं, जिसमें हम सब जी रहे हैं। हमें कोरोना के खतरे को कम करके नहीं आकना चाहिए और हकीकत में जीना चाहिए। बेल्जियम के इस फुटबॉल प्रशासक का बयान तब आया है, जब जर्मनी में बुंदेसलीगा को अगले महीने शुरू करने की तैयारी चल रही है। वहीं, प्रीमियर लीग(ईपीएल) जून में खाली स्टेडियम में होने की संभावनाएं टटोली जा रही हैं।
अभी खिलाड़ियों का एकदूसरे के सम्पर्क में आना जल्दबाजी होगी
फीफा की मेडिकल कमेटी के चीफ ने आगे कहा कि यह खिलाड़ियों के लिए बहुत जल्दी होगा कि वे एकदूसरे के सम्पर्क में आएं। कम से कम तब जबकि सोशल डिस्टेसिंग के नियम लागू हैं। फिलहाल दुनिया कॉम्पिटिटिव फुटबॉल के लिए तैयार नहीं है। मुझे लगता है कि यह जल्दी बदलेगा। लेकिन अभी संयम बरतना होगा। उन्होंने कहा कि फुटबॉल तभी संभव है जब एकदूसरे से सम्पर्क दोबारा संभव होगा। फुटबॉल कॉन्टैक्ट स्पोर्ट्स है और मौजूदा हालात में सब इससे दूर करने के लिए ही कह रहे हैं जबकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना है।
फुटबॉल शुरू होने से पहले वैक्सीन का इंतजाम होना चाहिए
फुटबॉल शुरू होने से पहले खिलाड़ियों की टेस्टिंग से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि आपको लगातार यह करना होगा। अगर एक खिलाड़ी पॉजिटिव पाया गया तो आपको सभी को क्वारैंटाइन करना होगा। क्या आपको लगता है कि यह सामान्य टूर्नामेंट जैसे हालात हैं। हमें नहीं पता है कि अलग-अलग देशों में कोरोना कब चरम पर होगा। इसका एक ही हल है कि हमारे पास पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध होनी चाहिए।
'फुटबॉल के नियमों में बदलाव की जरूरत होगी'
डी हूग ने कि जब भी फुटबॉल की शुरुआत होगी तब कुछ नियमों में बदलाव की जरूरत होगी। खासतौर पर खिलाड़ियों के मैदान पर थूकने पर रैफरी को नजर रखनी होगी। क्योंकि यह फुटबॉल में बहुत आम होता है। लेकिन इससे संक्रमण का खतरा बना रहेगा।
ईपीएल को 8 जून से शुरू करने पर विचार
इधर, मार्च से स्थगित इंग्लिश प्रीमियर लीग (ईपीएल) को जून में शुरू करने की चर्चा चल रही है। वायरस की वजह से मुकाबले दोबारा शुरू किए जाएं या सीजन रद्द हो, इसे लेकर सभी पक्षों की 1 मई को अहम बैठक है। इसमें 8 जून से लीग को दोबारा शुरू करने पर विचार किया जाएगा। यूएफा भी कह चुकी है कि फिर से शुरुआत करने के पहले हमें कोई रास्ता निकालना होगा। अभी कुल 92 मैच होने हैं। लिवरपूल टॉप पर है।
कोरोनावायरस के कारण पहले खेल बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। गेंद पर लार या पसीना लगाने की जगह आईसीसी आर्टिफिशियल पदार्थलगाने की अनुमति दे सकता है। इस पर बहस जारी है। इस बीच मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आईसीसी मैच के दौरान किसी खिलाड़ी के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद अतिरिक्त खिलाड़ी को खेलने का मौका दे सकती है।
आईसीसी ने पिछले साल कन्कशन नियम लागू किया है। इसके अनुसार सिर पर गेंद लगने के कारण यदि कोई खिलाड़ी चोटिल होता है तो उसकी जगह रेफरी की अनुमति से दूसरे को उतारा जा सकता है। आईसीसी के प्रवक्ता ने कहा कि क्रिकेट के फिर से शुरू होने से पहले मेडिकल कमेटी से इस तरह की चर्चा हाे सकती है।
इंग्लैंड देश के बाहर घरेलू मैच कराने की तैयारी कर रहा
इंग्लिश एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड ऑस्ट्रेलिया सीरीज के पहले इस तरह के नियम की तैयारी कर रहा है। ऑस्ट्रेलिया को जुलाई में इंग्लैंड का दौरा करना है। इसमें तीन वनडे और तीन टी20 मुकाबले हाेने हैं। इंग्लैंड में 1 जुलाई तक सभी तरह के क्रिकेट पर पाबंदी है। सितंबर से बिना दर्शकों के मैच की शुरुआत की जा सकती है। इंग्लैंड देश के बाहर घरेलू मैच कराने की तैयारी में है।
दुनिया की टॉप-5 लीग में शामिल फ्रेंच लीग-1 का मौजूदा सीजन कैंसिल कर दिया गया है। कोरोनावायरस के कारण फ्रांस में सितंबर तक सभी खेल गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है। पीएम ने इसकी घोषणा की। इसके साथ लीग-1 और लीग-2 के मौजूदा सीजन के मुकाबले अब नहीं हो सकेंगे। नेमार फ्रेंच लीग-1 टीम पीएसजी से खेलते हैं।
अब फ्रांस में चैंपियंस लीग के आयोजन पर भी सवाल खड़ा हो गया है। लीग के मुकाबले अभी स्थगित हैं। इस बीच 55 सदस्य देशों की मदद के लिए यूनियन ऑफ यूरोपियन फुटबॉल एसोसिएशन (यूएफा) आगे आया है। उसने उन्हें 1950 करोड़ रुपए मदद के तौर पर दिए हैं। सभी सदस्य देशों को लगभग 35.50 करोड़ रुपए मिलेंगे। यूएफा के अध्यक्ष एलेक्जेंडर सेफरिन ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि हमारा खेल बेहद चैलेंजिंग दौर से गुजर रहा है। यूएफा ने सभी से 25 मई तक लीग को शुरू करने के संबंध में प्रपोजल मांगा है।
ईपीएल को 8 जून से शुरू करने पर विचार
इस बीच इंग्लिश प्रीमियर लीग (ईपीएल) के मुकाबले मार्च से स्थगित हैं। कुल 92 मुकाबले होने हैं। अभी लिवरपूल टॉप पर है। वायरस के कारण लीग के मुकाबले फिर से शुरू हों या इसे रद्द कर दिया जाए इसे लेकर सभी पक्ष 1 मई को बैठक करने जा रहे हैं। 8 जून से लीग को शुरू करने की चर्चा है। यूएफा ने कहा था कि फिर से शुरुआत करने के पहले हमें कोई रास्ता निकालना होगा।
भारत 2021 में होने वाली मेन्स वर्ल्ड बॉक्सिंगचैम्पियनशिप की ‘होस्ट फीस’ भरने में नाकाम रहा। लिहाजा, अब वो इस प्रतियोगिता का आयोजन नहीं कर पाएगा। भारत के बजाए अब सर्बिया को मेजबानी सौंपी गई है। मंगलवार को इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन (एआईबीए) ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी।
इतना ही नहीं एआईबीए ने भारत पर होस्ट फीस अदा न कर पाने की वजह से करीब 38 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
एसोसिएशन ने क्या कहा?
एआईबीए ने मंगलवार रात जारी बयान ने कहा- 2021 में होने वाली मेन्स वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप की मेजबानी अब सर्बिया को सौंप दी गई है। भारत का नेशनल फेडरेशन ऑफ बॉक्सिंग तय वक्त पर होस्ट फीस नहीं भर पाया। एआईबीए और भारत के बीच इस चैम्पियनशिप के लिए एग्रीमेंट 2017 में साइन किया गया था। दूसरे शब्दों में कहें तो तीन साल में भी नेशनल बॉक्सिंग फेडरेशन इस चैम्पियनशिप के आयोजन को सुनिश्चित नहीं कर पाया।
अब जुर्माना भी भरना होगा
एआईबीए ने बयान में आगे कहा, “नई दिल्ली इस टूर्नामेंट की होस्ट फीस भरने में नाकाम रही। यह हमारे होस्ट सिटी एग्रीमेंट के लिए जरूरी था। लिहाजा, कॉन्ट्रेक्ट अब रद्द कर दिया गया है। भारत को अब कैंसिलेशन फीस के तौर पर 500 डॉलर पेनल्टी भी चुकानी होगी।”
पहली बार मेजबानी का अवसर था
बता दें कि भारत पहली बार इस चैम्पियनशिप की मेजबानी मिलने वाली थी। अब सर्बिया के शहर बेलग्रेड में इसका आयोजन होगा। एआईबीए ने कहा, “सर्बिया के पास इस बेहतरीन आयोजन के लिए तमाम सुविधाएं मौजूद हैं। यहां बॉक्सर्स, कोच, ऑफिशियल्स और फैन्स पूरा लुत्फ उठा पाएंगे।”
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और कॉमेंटेटर रमीज राजा ने उमर अकमल पर लगे 3 साल के प्रतिबंध के बाद ऐसे लोगों को जेल में डाले जाने की वकालत की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा आखिरकार अकमल भी मूर्खों की जमात में आधिकारिक रूप से शामिल हो गया। तीन साल का बैन। यह प्रतिभा की बर्बादी है। अब वक्त आ गया है कि देश मेंमैच फिक्सिंग के खिलाफ सख्त कानून लाया जाए और इस तरह के लोगों को जेल में डाला जाए।
राजा ने जिम्बाब्वे के पूर्व गेंदबाज और कॉमेंटेटर प्यूमेलेलो बांग्वा से सोशल मीडिया पर चर्चा के दौरान यह बात कही।बांग्वा ने ट्वीटर पर लिखा- ऐसा लग रहा है कि इस लड़ाई को बुरे लोग जीत रहे हैं। वह (अकमल) जाना माना नाम है, क्या ऐसा नहीं है? क्या आपको लगता है कि जेल की सजा से इस जंग को जीता जा सकता है। इसके जवाब में राजा ने कहा- जेल की सजा इससे निपटने के लिए असरदार साबितहो सकती है, पोमी। शायद यह आखिरी उपाय होगा। यह कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई की तरह है। इससेनिपटने के लिए क्रिकेट जगत को आगे आना होगा। मैच फिक्सिंग के सफाए के लिए खेल से जुड़े सभी पक्षों को एकजुट होना होगा। इसमें क्रिकेट बोर्ड, फैंस, कानून का पालन कराने वाली एजेंसियां, आपको और हमको आगे आना होगा।
भाई पर लगे प्रतिबंध पर कामरान ने कहा- उसे ज्यादा सजा दी गई
उमरपाकिस्तान के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज कामरान अकमल के भाई हैं। अपने भाई पर लगे बैन पर कामरान ने कहा- मैं उमर को दी गई कड़ी सजा से हैरान हूं। वह इसके खिलाफ अपील करेगा। अन्य खिलाड़ियों को इससे पहले इसी तरह के आरोपों के लिए काफी कम सजा दी गई।
एक दिन पहले उमर कोपीसीबी ने 3 साल के लिए बैन किया था
एक दिन पहले उमर अकमल को पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने 3 साल के लिए हर तरह के फॉर्मेट में खेलने से प्रतिबंधित कर दिया था। अकमल पर स्पॉट फिक्सिंग की जानकारी छुपाने का आरोप था। इस पर पीसीबी की अनुशासन कमेटी जांच कर रही थी, जिसमें उन्हें दोषी पाया गया था।
अकमल ने इंटरव्यू में 2 लाख डॉलर की पेशकश की बात कही थी
इससे पहले, अकमल ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें एक बुकी ने स्पॉट फिक्सिंग के लिए 2 लाख डॉलर की पेशकश की थी। इतना ही नहीं, इस खिलाड़ी ने यह दावा भी किया था कि उसे भारत के खिलाफ मैच न खेलने के एवज में भी मोटी रकम देने का वादा किया गया था। हालांकि, अकमल पीसीबी की अनुशासन कमेटी को यह बात बताने में नाकाम रहे कि उन्होंने इसकी जानकारी आईसीसी की एंटी करप्शन यूनिट को क्यों नहीं दी।
आईसीसी को भ्रष्टाचार की जानकारी देना जरूरी
आईसीसी के एंटी करप्शन कोड 2.4.4 और 2.4.5 के तहत हर खिलाड़ी यह जानकारी देने के लिए बाध्य होता है कि उसे कभी पैसों या किसी के द्वारा गलत तरीके से फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई है। अगर खिलाड़ी यह जानकारी छुपाता है तो उसे 5 साल तक की सजा मिल सकती है।
टोक्यो 2020 ओलिंपिक समिति के अध्यक्ष योशिरो मोरी ने कहा है कि अगर अगले साल तक भी कोरोना महामारी पर काबू नहीं पाया जा सका तो इन खेलों को रद्द कर दिया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक संघ और जापान सरकार ने पिछले महीने ही ओलिंपिक को जुलाई 2021 तक के लिए टाल दिया था। इसका आयोजन अब 23 जुलाई 2021 से होना है।
जापान के स्पोर्ट्स डेली को दिए इंटरव्यू के दौरान जब मोरी से पूछा गया कि अगर महामारी का खतरा अगले साल भी बना रहता है तो क्या खेलों को एक सालयानी 2022 तक टाला जा सकता है तो उन्होंने कहा- नहीं, अगर ऐसा होता है तो फिर गेम्स को रद्द कर दिया जाएगा।
'वायरस पर काबू पाने पर ही गेम्स संभव'
मोरी ने आगे कहा कि इससे पहले विश्व युद्ध के समय ही ओलिंपिक को रद्द किया गया था। उन्होंने कोरोनावायरस से लड़ाई को ‘एक अदृश्य दुश्मन के खिलाफ जंग’ करार दिया।उन्होंने कहा- अगर वायरस पर नियंत्रण पा लिया जाता है तो हम अगली गर्मियों में जरूर इन खेलों का आयोजन करेंगे।
जापान के मेडिकल एक्सपर्ट भी गेम्स के होने पर संदेह जता रहे
इससे पहले, जापान मेडिकल एसोसिएशन के प्रमुख योशिटेके योकोकुरा ने चेताया था कि अगर कोरोनावायरस की वैक्सीन नहीं आई तो अगले साल भी इन खेलों का आयोजन करना बहुत मुश्किल होगा।
'वायरस को कंट्रोल करन ही इकलौता विकल्प'
पिछले हफ्ते भी देश की कोरोनावायरस से निपटनेकी तैयारियों की आलोचना करने वाले कोबे यूनिवर्सिटी में संक्रामकबीमारियों के प्रोफेसर केंटारो आइवाटा ने खेलों के आयोजन पर संदेह जताया था। उन्होंने कहा था कि ईमानदारी से बताऊं तो मुझे नहीं लगता कि 2021 की जुलाई में भी गेम्स होंगे। फिलहाल, ओलिंपिक को कराने के लिए सिर्फ दो ही विकल्प मौजूद हैं। पहला है कि हम जापान में वायरस को कंट्रोल करें, जबकि दूसरा यह है कि दुनियाभर में फैली महामारी पर लगाम लगाएं। हालांकि, आयोजन समिति का कहना है कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी।
ओलिंपिक और पैरालिंपिक की ओपनिंग सेरेमनी एकसाथ कराने पर विचार
इस बीच, टोक्यो 2020 की आयोजन समिति खर्चों को कम करने के इरादे से ओलिंपिक और पैरालिंपिक खेलों की ओपनिंग और क्लोजिंग सेरेमनी एक साथ करने पर विचार कर रही है। इस प्लान के तहत 23 जुलाई को टोक्यो ओलिंपिक के उद्धाटन समोराह के दौरान ही पैरालिंपिक खेलों की शुरुआत भी होगी। वहीं, टोक्यो 2020 का समापन समारोह सितंबर में पैरालिंपिक खेलों के खत्म होने के साथ किया जाएगा। हालांकि, इसके लिए आईओसी की मंजूरी नहीं मिली है।
124 साल में पहली बार ओलिंपिक टाले गए
124 साल के इतिहास में ओलिंपिक 3 बार रद्द हुए हैं और पहली बार टाले गए हैं। पहले विश्व युद्ध के चलते बर्लिन (1916), टोक्यो (1940) और लंदन (1944) गेम्स को कैंसिल करना पड़ा था। यह पहला मौका नहीं है, जब टोक्यो में होने वाले ओलिंपिक को टाला गया। 1940 में इस शहर को पहली बार इन खेलों की मेजबानी मिली थी। लेकिन, चीन से युद्ध की वजह से यह गेम्स रद्द हो गए।
वेस्ट इंडीज के आक्रामक बल्लेबाज क्रिस गेल ने अपने पूर्व साथी रामनरेश सरवन पर गंभीर आरोप लगाए। गेल के मुताबिक, कैरेबियन प्रीमियर लीग (सीपीएल) में जमैका तालवा टीम से उनके बाहर होने की वजह सरवन हैं। क्रिस ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक पोस्ट में रामनरेश को सांप, पीठ में छुरा भोंकने वाला और कोरोनावायरस से भी ज्यादा खतरनाक करार दिया।
गेल ने क्या कहा?
क्रिस खुद को जमैका टीम से निकाले जाने का जिम्मेदार रामनरेश को मानते हैं। इस वीडियो में उन्होंने कहा, “सरवन, वर्तमान में तुम कोरोनावायरस से भी घातक हो। तुमने मेरे बर्थडे पर लंबा भाषण दिया। मेरी तारीफ की और ये भी बताया कि हम कितने पुराने साथी हैं। तुम सांप हो। ये भी जानते हो कि कैरिबियाई द्वीप समूह में तुम्हें पसंद नहीं किया जाता। पीठ में छुरा भोंकने वाले हो और अब तक मैच्योर नहीं हुए।” जमैका के बाद गेल सेंट लूसिया के लिए खेले। यहां डेरेन सैमी कप्तान और एंडी फ्लॉवर कोच हैं।
संत होने का दिखावा करते हैं सरवन
गेल ने इसी वीडियो में आगे कहा, “हर आदमी के सामने तुम ऐसा दिखावा करते हो, जैसे कोई संत और अच्छे आदमी हो। लेकिन, तुम शैतान और जहर हो। मैंने सरवन से साफ कहा था कि तुम्हारे पास कोचिंग का अनुभव नहीं है। रात 8 बजे मैच शुरू होते हैं लेकिन तुमने टीम में कर्फ्यु जैसा माहौल बना दिया। तुम टीम में जमैका के ज्यादा खिलाड़ी होने पर सवाल उठाते हो।”
सियासी एंगल भी
गेल के मुताबिक, पिछले साल जमैका में चुनाव थे। वहां के एक मंत्री के आग्रह पर वो कुछ लोगों से मिलने गए थे। उनके जमैका टीम से बाहर होने की एक वजह ये भी हो सकती है। गेल ने सीपीएल में अपना सफर जमैका के साथ ही शुरू किया। चार सीजन इसी टीम से खेले। अगले दो सीजन वो सेंट किट्स और नेविस के लिए मैदान में उतरे। पिछले सीजन में उनकी जमैका टीम में वापसी हुई। गेल के मुताबिक, वो तीन साल के लिए जमैका से इसलिए जुड़े क्योंकि वो अपना कैरियर इसी फ्रेंचाइजी के साथ खत्म करना चाहते हैं।
कोरोनावायरस की वजह से पूरी दुनिया में खेल गतिविधियांठप हैं। अर्जेंटीना फुटबॉल पर भी इसकी मार पड़ी है। यहां भी फुटबॉल एसोसिएशन ने 2019-20 का सीजन खत्म कर दिया है। अध्यक्ष क्लोडियो तापिया ने कहा कि हम टूर्नामेंट खत्म करने जा रहे हैं, ताकि अगले साल होने वाली कॉन्टिनेंटल चैम्पियनशिप के लिए टीमों को नॉमिनेट कर सकें। इधर, 4 दिन पहले डच लीग को भी कैंसिल किया गया था। कोरोना की वजह से यूरोप की यह पहली टॉप फुटबॉल लीग है, जिसे बीच सीजन में ही खत्म किया गया है।
1945 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब चैम्पियन टीम का फैसला हुए बगैर ही लीग खत्म हो गई।अजाक्स और एजेड अल्कमार पॉइंट टेबल में बराबरी पर हैं। इन दोनों टीमों ने अगले सीजन में चैम्पियंस लीग के लिए क्वालिफाई करने की पात्रता हासिल कर ली है।
कोपा सुपरलीग टूर्नामेंट भी पहले राउंड के बाद खत्म
अर्जेंटीनाफुटबॉल एसोसिएशन ने बताया कि मौजूदा और अगले सीजन में किसी टीम को बाहर नहीं किया जाएगा। इसका फायदा जिम्नेशिया के अलावा अन्य तीन फुटबॉल क्लबों को होगा, जिन पर लीग से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा था।सीजन खत्म होने की वजह से यह तीनों क्लब टॉप डिवीजन में ही रहेंगे। इधऱ, 24 टीमों वाले कोपा सुपरलीग टूर्नामेंट को भी पहले राउंड के मुकाबलों के बाद खत्म कर दिया गया। तय शेड्यूल के मुताबिक यह टूर्नामेंट मई के अंत मेंखत्म होने वाला था।
अर्जेंटीना में 20 मार्च से लॉकडाउन है
इससे पहले, मार्च की शुरुआत में बोका जूनियर्स ने फाइनल में जिम्नेशिया को 1-0 हराकर लीग चैम्पियनशिप का खिताब जीता था।अर्जेंटीना में 20 मार्च से ही लॉकडाउन है। यहां 10 मई तक लोगों को क्वारैंटाइन और सोशल डिस्टेंसिंग से जुड़ी पाबंदियों का पालन करना है।
ईरान में भी फुटबॉल सीजन रद्द करने का दबाव
इधर, ईरान में भी कोरोना से पैदा हुए हालात के कारण 4 फुटबॉल क्लब ने एसोसिएशन को चिठ्ठी लिखकर सीजन रद्द करने के लिए कहा है। इसमें मशीन साजी, गोल गोहार और नासाजी ईरान पेशेवर लीग (आईपीएल) को जारी रखना नहीं चाहते हैं। बाकी टीमें टूर्नामेंट जारीरखने का विचार कर रही हैं। लीग के प्रमुख सोहेल मेहदी ने कहा है कि वह जल्द ही इस बात पर फैसला लेंगे कि लीग को जारी रखा जाए या नहीं।
कोरोनावायरस की वजह से भविष्य में गेंद को चमकाने के लिए लार की जगह आर्टिफिशियलपदार्थ के इस्तेमाल को मंजूरी देने पर विचार हो रहा है। हालांकि, इसे लेकर पूर्व क्रिकेटरों की राय बंटी हुई है। वेस्टइंडीज के पूर्व तेज गेंदबाज माइकल होल्डिंग का मानना है कि कोविड-19के कारण गेंद से छेड़छाड़ के लिए आर्टिफिशियल पदार्थ का इस्तेमाल को वैध बनाना ‘विरोधाभासी' है। क्योंकिआईसीसी के मौजूदा नियमों के मुताबिक, ऐसा करना बॉल टेम्परिंग माना जाता है। यानी आप इसे ही वैध करने जा रहे हैं। वहीं,पाकिस्तान के गेंदबाजी कोच वकार यूनुस ने कहा कि गेंद को चमकाने के लिएलार और पसीने का विकल्प कुछ और नहीं हो सकता।
होल्डिंग ने कहा- मैंने पढ़ा है कि आईसीसी कोविड-19 की वजह से गेंद पर लार के इस्तेमाल को रोकने पर विचार कर रही है और खिलाड़ियों से गेंद पर चमक बनाए रखने के लिए अंपायर के सामने कृत्रिम पदार्थों का उपयोग करने की अनुमति देने के बारे में सोच रही है। मैं इसके पीछे के तर्क को नहीं समझ पा रहा हूं। वेस्टइंडीज के इस पूर्व दिग्गज ने कहा-आईसीसी को ऐसी स्थिति का सामना करने की जगह क्रिकेट को तभी शुरू करना चाहिए, जब माहौल पूरी तरह से सही हो।
खिलाड़ी का लार का इस्तेमाल क्यों नहीं कर सकते'
वेस्टइंडीज के इस पूर्व तेज गेंदबाज ने आगे कहा कि आईसीसी के मुताबिक क्रिकेट शुरू होने से पहले खिलाड़ियों को 14 दिनों तक आइसोलेशन में रहना होगा। उन्होंने सवाल उठाया जब खिलाड़ी इस अवधि को पूरा करने के बाद मैदान में उतरेंगे तो फिर लार का इस्तेमाल क्यों नहीं कर सकते। उन्होंने कहा-अगर दो हफ्ते अलग रहने के बाद भी किसी के स्वास्थ्य पर सवाल उठता है तो आप ऐसी स्थिति में क्रिकेट कैसे खेलेंगे इसका यह मतलब होगा कि आप सबको खतरे में डाल रहे हैं।
गेंद पर आर्टिफिशियलपदार्थ का इस्तेमाल खेल शुरू करने की छटपटाहट: वकार
उधर, वकार भी गेंद पर आर्टिफिशियल पदार्थ के इस्तेमाल के हक में नहीं हैं। उन्होंने क्रिकइन्फो से कहा- एक तेज गेंदबाज के रूप में मैं इसे मंजूर नहीं करूंगा, क्योंकि लार और पसीने का इस्तेमाल करना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। यह आदत की तरह है आप इस पर नियंत्रण नहीं कर सकते। आप गेंदबाज को बाहरी चीज लगाने के लिए दे सकते है। लेकिन खेल के दौरान उसे लार और पसीने का इस्तेमाल करने से रोकना किसी भी सूरत में संभव नहीं होगा। मुझे लगता है कि इस तरह के आइडिया खेल को जल्दी शुरू करनी छटपटाहट भर हैं।
हाल ही में इस संबंध में आईसीसी की बैठक हुई थी। इसमें आईसीसी की मेडिकल कमेटी के प्रमुख पीटर हरकोर्ट ने कहा था किहमारा अगला कदम इंटरनेशनल क्रिकेट को फिर से शुरू करने के लिए एक रोडमैप तैयार करना है। इसमें उन सभी बदलावों को शामिल किया जाएगा, जो क्रिकेट और खिलाड़ियों के लिए जरूरी हैं।
गौरव मारवाह. एफआईएच प्लेयर ऑफ द ईयर और पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह बेंगलुरू साई सेंटर में ट्रेनिंग कर रहे हैं। लॉकडाउन को वे चैलेंजिंग मानते हैं और वे घर को मिस कर रहे हैं। मनप्रीत ने कहा कि यह स्थिति अलग है और सभी को मानसिक रूप से प्रभावित कर रही है। टीम को टोक्यो ओलिंपिकटलने के बाद मानसिक तौर पर संघर्ष करना पड़ रहा है। इससे पहले किसी ने ऐसी परिस्थितियों का सामना नहीं किया था।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन को हम लंबे ब्रेक की तरह ले रहे हैं। हम वीडियो फुटेज को देखकर तैयारी बेहतर कर रहे हैं। इसके अलावा फिजिकल और मानसिक फिटनेस पर भी पूरा फोकस है। इस मुश्किल समय में परिवार के साथ होता तो अच्छा होता। मेरी मां और भाई जालंधर में हैं। फैमिली कई परिवारों की मदद कर रही है। यह जरूरी है।
सभी खिलाड़ी पॉजिटिव रहें यही कोशिश: मनप्रीत
मनप्रीत ने कहा कि हॉकी हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा है। खिलाड़ी के लिए फेवरेट गेम न खेल पाना मुश्किल होता है, लेकिन हमें पता है कि पूरी दुनिया परेशानी से जूझ रही है। बतौर कप्तान मैं इस बात का ध्यान रखता हूं कि सभी खिलाड़ी पॉजिटिव रहें और फिटनेस पर फोकस रखें। सभी को एकजुट रखना भी मेरा अहम काम है।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ट्रेनर रामजी श्रीनिवासन का मानना है कि अगर खिलाड़ी नहीं खेलते हैं तो उनकी फिटनेस का मतलब नहीं रह जाता है। बिना खेल के फिटनेस पर काम करना समय की बर्बादी है। 2011 वर्ल्ड कप के दौरान वे टीम इंडिया के स्ट्रेंथ और कंडिशनिंग कोच थे।
रामजी ने कहा- फिटनेस के बाद अगर आप मैदान पर इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं तो यह बेकार है। एक का दूसरे में सकारात्मक ट्रांसफर ही फिटनेस का आधार है। क्या गेंदबाजों के लिए लॉन्ग ब्रेक मुश्किल हो सकता है। इस पर उन्होंने कहा- गेंदबाजी लय और कौशल आधारित फिटनेस से जुड़ी है। दोनों एक-दूसरे से जुड़े हैं। ऐसे में कौशल आधारित फिटनेस निश्चित तौर पर प्रभावित होगी। उन्होंने कहा कि यह खिलाड़ियों के लिए कठिन समय है, क्योंकि उन्हें टूर्नामेंट शुरू होने से पहले मानसिक और शारीरिक दोनों स्तरों पर काम करना है।
बतौर विकेटकीपर धोनी की जगह लेने का दबाव रहता है
इधर, लोकेश राहुल ने कहा कि विकेट के पीछे महेंद्र सिंह धोनी की जगह लेने का बहुत दबाव रहता है। पिछले कुछ समय से राहुल बतौर विकेटकीपर खेल रहे हैं। उन्होंने कहा- जब मैं विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी निभा रहा था तो नर्वस था, क्योंकि दर्शकों के कारण आप पर दबाव रहता है। अगर आप चूक जाते हैं तो लोग सोचते हैं कि आप धोनी की जगह नहीं ले सकते। विकेटकीपर के रूप में किसी को स्वीकार करने पर लोगों के दिमाग में यह बात जरूर आती है।
दुनियाभर में क्रिकेट टूर्नामेंट पर कोरोनावायरस का असर पड़ा है। भारतीय क्रिकेट भी इससे अछूता नहीं है। कोविड-19 की वजह से पहले आईपीएल को अनिश्चितकालके लिए टाल दिया गया। अब घरेलू क्रिकेट पर भी इसका असर पड़ता दिख रहा है। इस सालघरेलू सीजन की शुरुआत अगस्त में होगी। इसके एक महीने बाद सितंबर में आईपीएलहोने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में आईपीएल से इसके टकराने की आशंका है। बीसीसीआई के पास भी फिलहाल कोई वैकल्पिक प्लान तैयार नहीं है।
बोर्ड के क्रिकेट ऑपरेशन के जनरल मैनेजर सबा करीम ने कहा कि फिलहाल हमारे पास 2020-21 सीजन के लिए कोई ठोस बैकअप प्लान नहीं है। घरेलू सीजन अगस्त में शुरू होना है। इसमें अभी काफी वक्त बचा है। हम महीने दर महीने समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने आईपीएल और घरेलू सीजन के टकराने को लेकर कहा कि इस समय इस विषय पर बात करना मुश्किल है।इस समय क्रिकेट से ज्यादा स्वस्थ और सुरक्षित रहना जरूरी है। मुझे लगता है कि धीरे-धीरे लॉकडाउन के हालात सुधरेंगे। हम इसे लेकर सकारात्मक हैं। हमारी कोशिश होगी कि मौजूदा हालात का बेहतर इस्तेमाल कर पाएं। घरेलू क्रिकेट के लिए जो भी विंडो उपलब्ध होगीउसमें हम ज्यादा से ज्यादा मैच कराने की कोशिश करेंगे।
कोरोना की वजह से ईरानी ट्रॉफी को टालना पड़ा था
2019-20 में घरेलू क्रिकेट सीजन अगस्त में दिलीप ट्रॉफी से शुरू होकर पिछले महीने रणजी ट्रॉफी के फाइनल के साथ ही खत्म हो गया था। हालांकि, सीजन का आखिरी टूर्नामेंट ईरानी कप था। जो रणजी ट्रॉफी के फाइनल के 4 दिन बाद शुरू होना था। लेकिन कोरोना की वजह से बोर्ड ने इसे अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया।
बोर्ड ने पिछले सीजन में2035 घरेलूमैच कराए
करीम ने कहा कि पिछले घरेलू सीजन में बोर्ड ने महिला और पुरुष दोनों वर्ग में 2035 मैच आयोजित किए थे। इसमें से 470 मुकाबले सीनियर पुरुष वर्ग में हुए थे। वहीं, 2018 में घरेलू सर्किट में 8 नई टीमों को भी जोड़ा गया था। हालांकि, इस बार घरेलू सीजन कराना चुनौती होगा। क्योंकि जिस वक्त घरेलू सीजन चल रहा है, उस समय देश में मॉनसून सक्रिय रहता है। इसी दौरान आईपीएल के होने की भी संभावना है। इसलिएहमें जरूरत के हिसाब से लचीला रुख अपनाना होगा। हम सीजन में जो भी बदलाव करेंगे, वह खिलाड़ियों और राज्य क्रिकेट संघों के हित में ही होगा।
डेब्यू टेस्ट में शतक लगाने वाले पाकिस्तानी बल्लेबाज उमर अकमल को पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने 3 साल के लिए हर तरह के फॉर्मेट में खेलने से प्रतिबंधित कर दिया है। अकमल पर स्पॉट फिक्सिंग की जानकारी छुपाने का आरोप था। इस पर पीसीबी की अनुशासन कमेटी जांच कर रही थी, जिसमें उन्हें दोषी पाया गया।
पीसीबी ने ट्वीट किया- उमर अकमल को अनुशासनात्मक पैनल के अध्यक्ष जस्टिस (रिटायर्ड) फजल-ए-मीरन चौहान की तरफ से सभी फॉर्मेट में खेलने पर तीन साल का प्रतिबंध लगाया गया है।
अकमल ने इंटरव्यू में 2 लाख डॉलर की पेशकश की बात कही थी
इससे पहले, अकमल ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें एक बुकी ने स्पॉट फिक्सिंग के लिए 2 लाख डॉलर की पेशकश की थी। इतना ही नहीं, इस खिलाड़ी ने यह दावा भी किया था कि उसे भारत के खिलाफ मैच न खेलने के एवज में भी मोटी रकम देने का वादा किया गया था। इसके अलावा 2015 में ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड में हुए वर्ल्ड कप के दौरान भी मैच फिक्सर ने सम्पर्क साधा था। हालांकि, अकमल पीसीबी कीअनुशासन कमेटी को यहबात बताने में नाकाम रहे कि उन्होंने इसकी जानकारी आईसीसी की एंटी करप्शन यूनिट को क्यों नहीं दी।
आईसीसी को भ्रष्टाचार की जानकारी देना जरूरी
आईसीसी के एंटी करप्शन कोड 2.4.4 और 2.4.5 के तहत हर खिलाड़ी यह बताने के लिए बाध्य होता है कि उसे कभी पैसों या किसी के द्वारा गलत तरीके से फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई है। अगर कोई खिलाड़ी इसकी जानकारी छुपाता है तो उसे 5 साल तक की सजा मिलती है।
अकमल ने अक्टूबर 2019 मेें पिछला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था
अकमल ने पिछला अंतरराष्ट्रीय मैच अक्टूबर 2019 में खेला था। वे अब तक पाकिस्तान के लिए 16 टेस्ट, 121 वनडे और 84 टी-20 खेल चुके हैं। इन तीनों फॉर्मेट में उन्होंने 1003, 3194 और 1690 रन बनाए हैं। अकमल ने अपने टेस्ट डेब्यू में न्यूजीलैंड के खिलाफ 129 रन बनाए थे।हालांकि, इसके बाद से उनका करियर कभी पटरी पर नहीं आ पाया। इसी साल फरवरी में उन्होंने फिटनेस टेस्ट के दौरान ट्रेनर के साथ बदतमीजी की थी। शिकायत के बाद पीसीबी ने उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया।
ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज डेविड वॉर्नर ने हाल में ही टिकटॉक पर अपना अकाउंट बनाया है। इसके बाद से ही वे इस पर लगातार वीडियो पोस्ट कर रहे हैं। सोमवार को भी उन्होंने इस प्लेटफॉर्म परमजेदार वीडियो पोस्ट किया। इसमें वे पत्नी केंडिस का स्विमसूट पहनकर डांस कर रहे हैं जबकि पत्नी ने उनकी क्रिकेट किट पहनी हुई है।उन्होंने यही वीडियो इंस्टाग्राम पर भी शेयर किया, जिसे ढाई लाख से ज्यादा लोग अब तक देख चुके हैं।
वॉर्नर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा-आइसोलेशन में पागलपन। कुछ यूजर्स उनके इस वीडियो को काफी पसंद कर रहे हैं तो कुछ ने इसे खराब बताया। एक यूजर ने लिखा- लॉकडाउन का असर दिख रहा है। एक अन्य यूजर ने इस बल्लेबाज से पूछा- क्या हो गया है आपको?। पिछले हफ्ते बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने अपनी बेटी के साथ एक वीडियो शेयर किया था। इसमें वे बॉलीवुड फिल्म तीस मार खां के गाने'शीला की जवानी' पर थिरकते नजर आए थे।
आईपीएल में हैदराबाद की उन्हें कमान संभालनी थी
ऑस्ट्रेलिया के इस बल्लेबाज को आईपीएल के 13वें सीजन में हैदराबाद टीम की कमान संभालनी थी, लेकिन कोरोनावायरस के कारण लीग अनिश्चितकाल के लिए टाल दी गई है। वॉर्नर इससे पहले 2016 में भी इस टीम की कप्तानी कर चुके हैं। तब हैदराबाद पहली बार चैम्पियन बनी थी। इस टीम की तरफ से वे चार सीजन में खेले हैं। इस दौरान उन्होंने 500 से ज्यादा रन बनाए हैं। इस सीजन में भी हैदराबाद टीम ने उन्हें 12 करोड़ की मोटी रकम देकर रिटेन किया है।
कोरोनावायरस की वजह से इस साल जून में होने वाली फ्रेंच फॉर्मूला वन रेस को सोमवार को रद्द कर दिया गया। रेस के प्रबंध निदेशक एरिक बोलियर ने कहा कि फ्रांस सरकार ने 11 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला किया है। इसके अलावा देश में मध्य जुलाई तक लोगों के इकठ्ठा होने पर भी पाबंदी लगाई गई है। इसी वजह से यह फैसला लिया गया है। फॉर्मूला वन की यह इस साल की दसवीं रेस है, जिसे कोविड-19 के कारण रद्द या टालना पड़ा है।
जिन रेस को रद्द करने का फैसला लिया गया है उनमें फ्रांस के अलावा ऑस्ट्रेलिया और मोनाको ग्रां प्री शामिल हैं जबकि बहरीन, चीन, वियतनाम, नीदरलैंड, स्पेन, अजरबेजान और कनाडा में होने वाली रेस को टाला गया है।
यूरोप में 5 जुलाई से फॉर्मूला वन की शुरुआत होगी
इस बीच, फॉर्मूला वन के बॉस चेस कैरी ने कहा कि कोरोना से प्रभावित सीजन की शुरुआत 5 जुलाई से ऑस्ट्रिया में हो सकती है। उन्होंने कहा कि हमने यूरोप में जुलाई में रेस की शुरुआत करने का लक्ष्य़ रखा है। पहली ग्रां प्री 3 से 5 जुलाई के बीच ऑस्ट्रिय़ा में होगी। सितंबर में यूरेशिया, अक्टूबर में एशिया और नवंबर में अमेरिका में फॉर्मूला वन सीजन की शुरुआत होगी। दिसंबर में बहरीन ग्रां प्री होगी और सीजन का फाइनल अबू धाबी में होगा। इस दौरान हम 15 से 18 रेस करा चुके होंगे।
'दर्शकों की गैरमौजूदगी से हम निराश'
इसके अलावा ब्रिटिश ग्रां प्री भी बिना दर्शकों के होगी। सोमवार को सिल्वरस्टोन सर्किट के मैनेजिंग डायरेक्टर स्टूअर्ट प्रिंगल ने कहा कि मैं यह बताते हुए काफी निराश हूं कि इस साल ब्रिटिश ग्रां प्री बिना दर्शकों के होगी। हम काफी समय से इस मुश्किल फैसले को टाल रहे थे। लेकिन मौजूदा हालात में यह बिल्कुल साफ हो गया था कि सामान्य हालात में रेस कराना आसान नहीं है।
इटली के प्रधानमंत्री ग्युसेप कोंते ने फुटबॉल लीग सीरी-ए दोबारा शुरू करने का फैसला फिलहाल टाल दिया है। उन्होंने देश के नाम संदेश में कहा- चैम्पियनशिप दोबारा तभी शुरू होगी, जब यह सुरक्षित होगा। हालांकि, उन्होंने खिलाड़ियों के अलग-अलग प्रैक्टिस करने कोको हरी झंडी दिखा दी है।इधर, न्यूयॉर्क में भी खाली स्टेडियम में टीमेंप्रैक्टिस शुरू कर सकती हैं। गवर्नर एंड्र्यू कूमो ने इस संबंध में कई टीमों के मालिकों से बात की है।
प्रधानमंत्री कोंते ने पहली बार यह बताया कि लॉकडाउन से कैसे इटली उबरेगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल लॉकडाउनहटाने पर कोई फैसला नहीं हुआ है। लेकिन हम धीरे-धीरे इसमें ढील देने पर विचार कर रहे हैं। इसके तहत खिलाड़ी 4 मई और टीमें 18 मई से ट्रेनिंग शुरू कर सकती हैं। इसके बाद हम समीक्षा करेंगे कि क्या हालात ऐसे हैं कि सीजन को पूरा किया जा सके।फिलहाल हमें खिलाड़ियों की सुरक्षा और सेहत को लेकर हर बिंदु पर विचार कर लेना चाहिए। ताकि जब हम लीग को शुरू करने की स्थिति में हों तो कोई बात अधूरी न रह जाए। हम नहीं चाहते हैं कि कोई खिलाड़ी बीमार हो।
ट्रेनिंग से पहलेखिलाड़ियों का कोरोना टेस्ट होगा
इस बीच, इटेलियन फुटबॉल फेडरेशन(एफआईसीजी) ने खिलाड़ियों के मैदान पर लौटने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत मई की शुरुआत में खिलाड़ियों की कोरोनावायरस को लेकर टेस्टिंग होगी। वहीं, ट्रेनिंग के लिए मेडिकल प्रोटोकॉल तय कर दिए गए हैं। ट्रेनिंग शुरू करने के लिए हर क्लब से खिलाड़ियों, टेक्निकल स्टाफ, डॉक्टरों की एक टीम बनाई जाएगी। इनका पहले टेस्ट होगा और फिर यह आइसोलेशन में ट्रेनिंग करेंगे।
सीरी-ए में युवेंटस पहले स्थान पर
बता दें कि कोरोनावायरस की वजह से लीग को 9 मार्च को रोक दिया गया था। तब 8 बार की चैम्पियनयुवेंटस 26 मैच में 63 अंकों के साथ पहले स्थान पर थी। दूसरे नंबर पर 62 पॉइंट के साथ लाजियो है। अभी 12 राउंड के मुकाबले बाकी हैं। इसके अलावा 25वें राउंड के रद्द हुए 4 मैच में भी हैं। लीग में खेलने वाले 15 खिलाड़ी कोरोना से संक्रमित पाए गए थे। हालांकि, अब अधिकतर खिलाड़ी पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। हालांकि, एटलांटा के गोलकीपर मार्को स्पॉर्रटिएलो अभी भी वायरस से संक्रमित हैं। इस बीच, इटेलियन फुटबॉल के चीफ नेसीरी-ए का मौजूदा सीजन 30 जून से बढ़ाकर 2 अगस्त तक करने पर सहमति जताई है।
न्यूयॉर्क में बास्केटबॉल और बेसबॉल टीमें प्रैक्टिस शुरू कर सकती हैं
इधऱ, अमेरिका में कोरोना से सबसे प्रभावित न्यूयॉर्क में खेल दोबारा पटरी पर लौट सकते हैं। गवर्नर एंड्र्यू कुमो ने इसकी उम्मीद जताई है। उन्होंने कई खेल टीमों के मालिकों से इस बारे में बात की है। इसके बाद उन्होंने संभावना जताई कि जल्द ही मेजर स्पोर्ट्स लीग से जुड़ी टीमें खाली स्टेडियम में प्रैक्टिस शुरू कर सकती हैं। हालांकि, उन्होंने टीमों के नाम का खुलासा नहीं किया।
लेकिन न्यूयॉर्क की बेसबॉल टीम यैंकीज, फुटबॉल और कई बास्केटबॉल क्लब ट्रेनिंग शुरू कर सकते हैं। उन्होंने राज्य की अर्थव्यवस्था को धीरे-धीरे खोलने की योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी। यहां 15 मई से मैन्यूफैक्चरिंग और निर्माण से जुड़ी कंपनियां काम शुरू कर सकती हैं। हालांकि, किसी भी तरह की ढील राज्य के उत्तरी हिस्से में पहले दी जाएगी, क्योंकि यह वायरस से कम प्रभावित है।
जसप्रीत बुमराह कुछ सालों के भीतर ही दुनिया के शीर्ष गेंदबाजों में से एक बन गए हैं। लेकिन उनका कहना है कि करियर कीशुरुआत में कई लोगों ने यह सोचा था कि मैं भारत के लिए खेलना वाला आखिरी व्यक्ति रहूंगा। उन्होंने भारत के पूर्व बल्लेबाज युवराज सिंह से इंस्टाग्राम पर लाइव चैट के दौरान यह खुलासा किया।
बुमराह ने कहा कि तब लोगों ने मेरे हाई आर्म एक्शन की वजह से मुझे कहा था कि मैं शायद ही एक या दो से ज्यादा रणजी मैच खेल पाऊं। क्योंकि इस एक्शन की वजह से चोटिल होने की आशंका ज्यादा थी। लेकिन मैं सुधार करता गया और अपने एक्शन पर टिका रहा।
'टेनिस बॉल से खेलने वाले गेंदबाज के एक्शन को कॉपी करता था'
इस गेंदबाज ने किसी का नाम न लेते हुए अपने एक्शन के पीछे की प्रेरणा का भी खुलासा किया। उन्होंने बताया कि मैंने कोई स्पेशल कोचिंग नहीं ली है जो भी सीखा है वह टीवी पर गेंदबाजों को बॉलिंग करते हुए ही सीखा है। मैं शुरुआती दिनों में टेनिस बॉल से खेलने वाले एक गेंदबाज के एक्शन को कॉपी करता था। धीरे-धीरे यह आदत में शामिल हो गया और फिर किसी ने भी मुझे इसे बदलने के लिए नहीं कहा।
मैं टेस्ट क्रिकेट की वैल्यू करता हूं : बुमराह
बुमराह ने य़ुवराज से चैट के दौरान टेस्ट क्रिकेट की अहमियत पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि मैं टेस्ट क्रिकेट की वैल्यू करता हूं क्योंकि यहां हर विकेट के लिए गेंदबाज को मेहनत करनी पड़ती है। मेरे लिए हर टेस्ट अहम है। यह अलग बात है कि अब तक मैं भारत में कोई टेस्ट मैच नहीं खेला हूं और इसका बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं। इस दौरान युवराज ने इस गेंदबाज को याद दिलाया कि उन्होंने बहुत पहले ही कह दिया था कि एक दिन वो(बुमराह) दुनिया के नंबर-1 गेंदबाज बनेंगे। 2017 में ऐसा हुआ भी। तब बुमराह टी-20 में दुनिया के शीर्ष गेंदबाज बने थे।
बुमराह ने 2018 में टेस्ट डेब्यू किया था
बुमराह ने अब तक 64 वनडे, 50 टी-20 और 14 टेस्ट खेले हैं। उन्होंने 2018 में टेस्ट डेब्यू किया था। इसके बाद से ही वे भारतीय कप्तान विराट कोहली की टेस्ट फॉर्मेट में बतौर गेंदबाज पहली पसंद हैं।
भारतीय एथलीट हिमा दास ने रविवार को खुलासा किया कि करियर के शुरुआती दौर में वे साधारण जूतों पर अपने हाथों से एडिडास लिखती थीं। लेकिन अब कंपनी खुद उनकी जरूरत के हिसाब से जूते तैयार करती है, जिस पर उनका नाम लिखा होता है। हिमा ने क्रिकेटर सुरेश रैना से इंस्टाग्राम लाइव चैट के दौरान यह बात कही।
उन्होंने बताया कि शुरुआत में मैं नंगे पांव दौड़ती थी। जब पहली बार नेशनल्स में हिस्सा ले रही थी, तब पिता मेरे लिए साधारण स्पाइक्स वाले जूते लाए थे। इन जूतों पर मैंने खुद हाथ से एडिडास लिख दिया था। आप कभी नहीं जानते कि भविष्य में भाग्य कैसा होगा, आज यही ब्रांडमेरे नाम के जूते बनाता है।
हिमा अंतरराष्ट्रीय ट्रैक इवेंट में गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय
हिमा ने फिनलैंड में 2018 में हुई अंडर-20 वर्ल्ड चैंपियनशिप में 400 मीटर दौड में गोल्ड जीतकर इतिहास रचा था। वे अंतरराष्ट्रीय ट्रैक इवेंट में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय हैं। इसके बाद जर्मनी की जूते बनाने वाली कंपनी ने उन्हें अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया था। कंपनी ने उनकी जरूरत के हिसाब से जूते बनाए, जिसमें एक तरफ उनका नाम और दूसरी तरफ ‘इतिहास रचें’ लिखा है।
2018 एशियन गेम्स के बाद लोगों की एथलेटिक्स में रुचि बढ़ी
बीस साल की इस एथलीट ने रैना से बातचीत के दौरान कहा कि इंडोनेशिया में हुए 2018 एशियन गेम्स के बादलोगों में एथलेटिक्स को लेकर रूचि बढ़ीहै।इन खेलों में हिमा ने 400 मीटर रेस में सिल्वर जीतने के अलावा महिलाओं की 400 मीटर रिले और 400 मीटर मिक्स्ड रिले में भी गोल्ड जीता था। उनके मुताबिक, अब फैंस बार-बार आपका नाम पुकारते हैं। इससे आपको प्रेरणा मिलती है।
हिमा लॉकडाउन में फिटनेस पर काम कर रहीं
हिमा फिलहाल पाटियाला के नेशनल स्पोर्ट्स इंस्टिट्यूट (एनआईएस) में हैं और खुद को फिट रखने में जुटी हैं। ताकि लॉकडाउन खत्म होने पर ट्रैक पर लौटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहें। अपनी तैयारियों को लेकर उन्होंने कहा कि मैं लॉकडाउन को सकारात्मक रूप से ले रही हूं। हमें मैदान पर जाने की इजाजत नहीं है। इसलिए मैं अपने कमरे में ही वर्कआउट करती हूं। मैं योगा करती हूं ताकि शरीर में खून का संचार अच्छा बना रहे। साथ ही डाइट का भी खास ध्यान रख रही हूं। मैं इस दौरान ज्यादा फल खा रही हूं। मैं अपनी चोट से पूरी तरह उबर चुकी हूं और अब फिट हूं। बस यही सोच रही हूं कि खुद को फिट रखना है, ताकि लॉकडाउन हटते ही ओलिंपिक की तैयारियों में जुट जाऊं।
सचिन से पहली बार मिलने पर आंसू निकल आए थे
हिमा ने लाइव चैट के दौरान रैना को सचिन तेंदुलकर से हुई पहली मुलाकात के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि सचिन मेरे रोल मॉडल रहे हैं। मुझे आज भी याद है जबमैंने उन्हें देखा तो रोने लग गई। मेरे लिए यह जिंदगी का सबसे खूबसूरत पल था। अपने रोल मॉडल से मिलना हर किसी के लिए बड़ा खास होता है।
वर्ल्ड क्रिकेट के सबसे बेहतरीन ऑफ स्पिनर्स में शुमार किए जाने वाले सकलैन मुश्ताक ने सचिन तेंडुलकर पर एक दिलचस्प खुलासा किया है। ऑफ स्पिन में ‘दूसरा’ ईजाद करने वाले सकलैन के मुताबिक, उन्होंने सचिन के खिलाफ सिर्फ एक बार स्लैजिंग की थी। सकलैन कहते हैं- इसके बाद मुझे इतनी शर्मिंदगी हुई कि मैच के बाद मैंने इस महान बल्लेबाज से माफी मांगी।
सहारा कप का वाकया
न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में सकलैन ने इस घटना का जिक्र किया। कहा, “बात 1997 की है। सहारा कप कनाडा में खेला जा रहा था। मैंने सचिन से कुछ कहा। वो धीरे से मेरे करीब आए और कहा- मैंने तो आपके साथ कोई बदसलूकी नहीं की। फिर आप ऐसा क्यों कर रहे हैं? उनकी बात सुनकर मैं शर्मसार हो गया। सूझ ही नहीं पड़ा कि क्या जवाब दूं।” 43 साल के सकलैन को सचिन खुद महानतम ऑफ स्पिनर बता चुके हैं।
आगे क्या हुआ?
इसी वाकये का जिक्र आगे बढ़ाते हुए सकलैन कहते हैं, “सचिन ने मुझसे कहा- व्यक्ति और खिलाड़ी के तौर पर मेरे मन में आपकी बहुत इज्जत है। इसके बाद मैंने कभी सचिन के खिलाफ स्लैजिंग नहीं की। मैं ये तो नहीं बता सकता कि असल में मैंने सचिन से कहा क्या था। लेकिन, इतना जरूर है कि मैच के बाद मैं उनके पास गया और तहे दिल से माफी मांगी। इसके बाद कई बार उन्होंने मेरी गेंदों की धुनाई की लेकिन मैंने फिर स्लैंजिंग के बारे में सोचा तक नहीं।”
महान खिलाड़ियों का गुण
वर्ल्ड कप 2019 में इंग्लैंड के स्पिन कोच रहे सकलैन ने कहा, “1999 में चेन्नई टेस्ट में सचिन ने 136 रन की पारी खेली। मैंने सचिन का विकेट लिया। एक बात साफ कर देना चाहता हूं कि उस दिन भगवान मेरे साथ था। नहीं तो जैसा तेंडुलकर खेल रहे थे, उन्हें आउट करना नामुमकिन था। बॉल रिवर्स स्विंग हो रही थी। लेकिन, सचिन ने अकरम जैसे गेंदबाजों को बड़े आराम से खेला।” सकलैन ने पाकिस्तान की तरफ से 49 टेस्ट 169 वनडे खेले। चेन्नई टेस्ट को सकलैन दंगल की तरह देखते हैं।
एकनाथ पाठक. कोरोनावायरस ने सभी स्पोटर्स इवेंट पर असर डाला है। लॉकडाउन के कारण खिलाड़ी घर में कैद होने को मजबूर हैं। लेकिन, वे इस समय का सदुपयोग कर रहे हैं। उन्हें खुद को परखने का शानदार मौका मिला है। जो प्रैक्टिस वे इवेंट के दौरान नहीं कर पाते थे, वे अब कर रहे हैं। वे बेसिक्स सुधारने पर ध्यान दे रहे हैं। इसके लिए शैडो प्रैक्टिस कर रहे हैं। इससे उनकी क्षमता या योग्यता 60% तक बेहतर हो रही हैं। क्रिकेट, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, टेनिस और बॉक्सिंग के खिलाड़ी शैडो प्रैक्टिस कर अपना एंड्यूरेंस, स्ट्रेंथ, फ्लेक्सिबिलटी, तालमेल और स्पीड में सुधार कर रहे हैं।
विभिन्न खेलों में इस तरह शैडो प्रैक्टिस कर रहे
क्रिकेट: फ्रंटफुट, डिफेंस,कवर ड्राइवर, पुल शॉट की प्रैक्टिस कर टेक्निकइंप्रूव कर रहे हैं।
एथलेटिक्स: स्टार्ट पर सबसे ज्यादा मेहनत कर रहे। इसके अलावा एल्टीट्यूड ट्रेनिंग पर काम कर रहे हैं।
बॉक्सिंग: बॉक्सर हुक्स और जैब्स पंच की टेक्निक पर काम कर रहे। इससे फुट स्पीड और हाथ का तालमेल बेहतर होता है।
बैडमिंटन: शटलर सर्विस, स्मैश, फोरहैंड, बैकहैंड जैसे स्ट्रोक की शैडो प्रैक्टिस कर रहे हैं।
टेक्निक और स्ट्रेंथ बेहतर हो रही
ये समय बेसिक टेक्निक को सुधारने का है। शैडो प्रैक्टिस से बैटिंग बेहतर करने का मौका मिला है। मैं कवर, स्क्वैयर और लॉन्ग शाॅट पर काम कर रहा हूं।
-यशस्वी जायसवाल, भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम के ओपनर
हर खिलाड़ी की खुद की स्टैंडर्ड क्वालिटी रहती है। शैडो प्रैक्टिस छोटी-छोटी गलतियों को सुधारने के लिए जरूरी है। इवेंट के दौरान जो टेक्निक सुधारने का मौका और समय नहीं मिलता, वो अभी कर पा रहे हैं। -ज्वाला सिंह, क्रिकेटर यशस्वी जायसवाल के कोच
मैं एल्टीट्यूड ट्रेनिंग के लिए गांव की टेकरी तक दौड़ लगाती हूं। इससे मेरी स्पीड पर काफी फर्क पड़ रहा है और स्ट्रेंथ भी बेहतर हो रही है। मानसिक मजबूती के लिए योग और मेडिटेशन कर रही हूं।
-संध्या रानी, नेशनल एथलीट
रेस्ट से खिलाड़ियों को अच्छा ट्रांजिशन पीरियड मिला है। मैं नेशनल, और खेलो इंडिया के मेडलिस्ट को ट्रेनिंग देता हूं। वे रनिंग में स्टार्ट लेने से लेकर दौड़ने की टेक्निक पर काम कर रहे हैं। इससे एंड्यूरेंस, स्पीड, स्ट्रेंथ बेहतर होती है।-सुरेंद्र मोदी, इंटरनेशनल एथलेटिक्स कोच
कोरोनावायरस की वजह से दुनिया थम सी गई है। अजीब सा खालीपन और सन्नाटा है। दो लाख से ज्यादा लोग महामारी से मारे जा चुके हैं। भारत समेत कई देशों में लॉकडाउन और पाबंदियों को एक महीने से ज्यादा हो गया है। बात खेलों की कर लेते हैं। प्लेयर्स भी घर में हैं। उन्हें लंबा ब्रेक मिल गया। लेकिन, सवाल ये कि खेल जब दोबारा शुरू होंगे तो नजारा पहले जैसा होगा? फैन्स आएंगे? स्टेडियम खचाखच भरे होंगे या खाली रहेंगे। खिलाड़ी क्या ऐहतियात बरतेंगे?
इन्हीं या इन जैसे सवालों को इस रिपोर्ट में पिरोया गया है। देश की 10 नामी खेल हस्तियां इन पर अपनी राय दे रही हैं।
सचिन तेंडुलकर (पूर्व क्रिकेटर)
“इसमें कोई शक नहीं कि दुनिया सबसे बड़े संकट का सामना कर रही है। मुझे लगता है कि खिलाड़ी गेंद चमकाने में थूक के इस्तेमाल से झिझकेंगे। क्योंकि, कुछ वक्त तक उनके दिमाग में दूसरी ही चीजें चलती रहेंगी। हाई फाइव और आपस में गले मिलने से भी दूरी देखने मिल सकती है। खेल जब फिर शुरू होगा तो शायद सोशल डिस्टेंसिंग भी देखने मिले।”
अभिनव बिंद्रा (ओलिंपिक गोल्ड मेडेलिस्ट शूटर)
“खेल दुनिया को जोड़ते हैं। मैं इस बात को बिल्कुल मानता हूं कि खेल जब शुरू होंगे तो कुछ वक्त सेफ्टी प्रोटोकॉल्स फॉलो किए जाएंगे। खिलाड़ी ऐहतियात बरतेंगे। लेकिन, खेलों का आकर्षण कम नहीं होगा। आम लोग भी भी सेहत के प्रति ज्यादा सावधान रहेंगे। वो फिटनेस के लिए खेलों की तरफ जाएंगे। भारतीय खिलाड़ियों के लिए तो यह मौका है कि वो खुद को ज्यादा बेहतर बनाएं।”
बजरंग पूनिया (पहलवान)
“रेसलिंग कॉन्टेक्ट स्पोर्ट है। ये जब भी फिर शुरू होगी तो आप फिजिकल कॉन्टेक्ट से कैसे बचेंगे? मुझे नहीं लगता कि किसी को कोई हिचकिचाहट होगी। इसलिए मैं नहीं मानता कि खेल में कोई बदलाव होंगे। एक बात तय है। जब खेल फिर शुरू होंगे तो मुकाबले काफी मुश्किल होंगे। खिलाड़ियों के इतने लंबे ब्रेक की आदत नहीं होती। खाली वक्त में वो एक-दूसरे की खूबियों और खामियों का विश्लेषण कर रहे होंगे। प्लेयर्स अब ज्यादा तैयार और फ्रेश होकर उतरेंगे।”
एमसी. मेरिकॉम (बॉक्सर)
“हम सब आशा कर रहे हैं कि दुनिया पहले की तरह होगी। कोरोना तो दुश्मन है। बहरहाल, खेल जब फिर शुरू होंगे तो बदलाव नजर आएंगे। मैं भी कॉन्टेक्ट स्पोर्ट्स में हूं। चिंता है कि आगे क्या और कैसे होगा? मैं अपनी ट्रेनिंग कर रही हूं। दर्शक भी आएंगे। लेकिन, एक बात तय है कि सफाई और सुरक्षा बिल्कुल नए अंदाज में होंगे। जब तक वैक्सीन डेवलप नहीं होगा तब तक फिक्र है। यात्रा कम होगी और टूर्नामेंट्स में भी चेंज दिखेगा।”
विजेंदर सिंह (बॉक्सर)
“मुझे लगता है कि अब फैन्स बहुत आसानी से मुकाबले देखने नहीं आएंगे। लेकिन, भारत में कुछ भी हो सकता है। लोग बहुत लंबे वक्त घर में रहे हैं। वो स्टेडियम जाकर मैच देखना चाहेंगे। हां, ये बात सही है कि अब वो ज्यादा सावधान रहेंगे। विदेश में ट्रेनिंग भी अब पहले जैसी आसान नहीं होगी। खिलाड़ियों के बारे में फिलहाल कुछ भी नहीं कहा जा सकता।”
बाईचुंग भूटिया (फुटबॉलर)
“यह टीवी और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स वाली दुनिया है। स्टेडियम में दर्शकों की कमी का असर खेलों से होने वाली कमाई पर नहीं पड़ेगा। इसकी कमी टीवी और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से पूरी होगी। खेल आयोजन धीरे-धीरे पटरी पर लौटेंगे। जब तक वैक्सीन नहीं आता तब तक लोग कम आएंगे। क्योंकि, फिलहाल खतरा तो रहेगा।”
बी. साई प्रणीत (बैडमिंटन प्लेयर)
“हम काफी सफर करते हैं। लेकिन, अब खेल शुरू होने पर प्लेयर्स चीन या कोरिया और यहां तक कि यूरोपीय देशों में जाने से कतरा सकते हैं। संक्रमण का खतरा कहीं न कहीं दिमाग में जरूर चलता रहेगा। फिर चाहे आप रेस्टोरेंट्स में खाना खा रहे हों या मैच खेल रहे हों। शटल को प्लेयर भी छूते हैं और रेफरी भी। पसीने में शर्ट भी चेंज करनी होती है। जब तक वैक्सीन नहीं आता। चिंता रहेगी। आप लोगों को मास्क लगाए देखेंगे।”
महेश भूपति (टेनिस प्लेयर)
“साफ तौर पर और संक्षेप में कहूं तो खेल नहीं बदलेंगे। जैसे ही कोविड-19 का खतरा टलेगा। खेलों की दुनिया पहले जैसी ही हो जाएगी।”
सरदार सिंह (हॉकी)
“ओलिंपिक के लिहाज से देखें तो प्लेयर्स को तैयारी का अब ज्यादा वक्त मिलेगा। लेकिन, ये भी सही है कि उन्हें नए प्लान बनाने होंगे। खेल जब शुरू होंगे तो आपको यहां भी सोशल डिस्टेंसिंग देखने मिलेगी। देखना होगा कि बॉक्सिंग, रेसलिंग और हॉकी में क्या बदलाव आएंगे। क्योंकि यहां फिजिकल कॉन्टेक्ट होते हैं।”
डी. हरिका (शतरंज)
“इसमें कोई दो राय नहीं कि खेलों पर कुछ असर पड़ेगा। ट्रैवल को लेकर खासतौर पर। खिलाड़ियों पर भी असर होगा। लेकिन, मुझे भरोसा है कि छह महीने से एक साल में सब पहले जैसा हो जाएगा।”
2007 टी20 वर्ल्ड कप के दौरान एक ओवर में छह छक्के लगाने वाले युवराज सिंह ने इस रिकॉर्ड के बारेमें एक नया खुलासा किया। युवी ने इंग्लैंड के स्टार तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड की गेंदों पर छह छक्के लगाए थे। युवी के मुताबिक- इस घटना के अगले दिन स्टुअर्ट के पिता क्रिस उनके पास आए। क्रिस ने युवी से कहा कि तुमने मेरे बेटे का कैरियर खत्म दिया। बहरहाल, ऐसा नहीं हुआ। स्टुअर्ट आज भी इंग्लैंड टीम के नियमित सदस्य हैं।
फ्रेडी तो फ्रेडी हैं- युवराज
2007 में पहला टी20 वर्ल्ड कप खेला गया था। टीम इंडिया विजेता बनी थी। इसके एक मुकाबले में भारत के सामने इंग्लैंड की मजबूत टीम थी। युवराज क्रीज पर थे। ब्रॉड के ओवर शुरू करने से पहले एंड्रू फ्लिंटॉफ ने युवी से कुछ कहा। युवी ने गुस्से में इसका जवाब दिया। आगे जो हुआ, वो विश्व क्रिकेट के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा गया। युवी ने फ्रेडी (फ्लिंटॉफ) का गुस्सा ब्रॉड पर निकाला। एक ही ओवर में छह छक्के लगा दिए। बीबीसी के पॉडकास्ट में युवी ने कहा- फ्रेडी तो फ्रेडी हैं। उनके बारे में क्या कहा जाए। कुछ उन्होंने कहा। मैंने भी जवाब दिया। भारत ने यह मैच पांच विकेट से जीता था।
'मैस्करहैनेस ने पांच छक्के लगाए थे'
युवी के मुताबिक, इस मैच के कुछ हफ्ते पहले इंग्लैंड के ही दिमित्री मैस्करहैनेस ने मेरे एक ओवर में पांच छक्के लगाए थे। संन्यास ले चुके बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, “छह छक्के लगाने के बाद मैंने पहले फ्लिंटॉफ और फिर दिमित्री को देखा। दिमित्री मुस्करा रहे थे।”
'वो भावुक पल'
युवी ने एक अहम और भावुक पल का भी जिक्र किया। उन्हीं के शब्दों में, “मैच के अगले दिन स्टुअर्ट के पिता क्रिस मेरे पास आए। वो आईसीसी मैच रेफरी भी हैं। उन्होंने मुझसे कहा- तुमने तो मेरे बेटे का कैरियर लगभग खत्म ही कर दिया। उसके लिए एक टी-शर्ट पर साइन तो करो। मैंने स्टुअर्ट को टीम इंडिया की जर्सी दी। उस पर लिखा- मेरी गेंदों पर पांच छक्के लगे थे। मैं जानता हूं कि कैसा महसूस होता है। आप इंग्लैंड क्रिकेट का फ्यूचर हैं।- शुभकामनाएं। आज वो दुनिया के सबसे अच्छे तेज गेंदबाजों में से एक हैं। मुझे नहीं लगता कि भारत का कोई गेंदबाज छह छक्के खाने के बाद इतना शानदार कैरियर बना सकता है।”
पाकिस्तान की पूर्व कप्तान सना मीर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया। 34 साल की सना को पाकिस्तान ही नहीं बल्कि दुनिया की महिला क्रिकेट में बेहतरीन ऑफ स्पिनर्स में से एक माना जाता है। 2005 में उन्होंने डेब्यू किया था। उस दौर में पाकिस्तान जैसे देश में महिलाओं का क्रिकेटर होना बड़ी बात मानी जाती थी। तमाम मुश्किलों के बावजूद सना ने इंटरनेशनल क्रिकेट में जगह बनाई।
बेहतरीन कप्तान
सना को महिला क्रिकेट की सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में ही नहीं बल्कि शानदार कप्तान का रुतबा भी हासिल है। उन्होंने कुल 226 मैचों में अपने देश का प्रतिनिधित्व किया। 137 में वो कप्तान रहीं। 2005 में उन्होंने डेब्यू किया था। दाएं हाथ की इस ऑफ स्पिनर और मिडल ऑर्डर बल्लेबाज ने मैदान के बाहर भी पहचान बनाई। वो कई चैरिटी से जुड़ी रहीं।
रिकॉर्ड की बात
सना ने 120 वनडे में 151 विकेट लिए। इस दौरान उनका एवरेज 24.27 रहा। 89 टी20 भी खेले। इनमें 106 विकेट लिए। उनके अलावा निदा डार ने सबसे ज्यादा 98 विकेट लिए। इस लिस्ट में भारत की झूलन गोस्वामी (225), ऑस्ट्रेलिया की अनीसा फिट्जपैट्रिक (180) और एलिस पैरी (152) सबसे ज्यादा विकेट लेने वालों की लिस्ट में शामिल हैं। पाकिस्तान की तरफ से सर्वाधिक वनडे रन बनाने वालों की सूची में वो तीसरे स्थान पर हैं। उन्होंने 1630 रन बनाए हैं। उन्होंने कुल 100 टी20 मैच खेले। दो साल पहले वो आईसीसी वुमन वनडे रैंकिंग में टॉपर रही थीं। सना ने आखिरी पिछले साल टी20 के रूप में बांग्लादेश के खिलाफ खेला था। इसके बाद कहा था- मैं क्रिकेट से अनिश्चकालीन अवकाश लेना चाहती हूं। मुझे परिवार और जिंदगी के बारे में कुछ अहम फैसले करने हैं।
हार्दिक पंड्या के मुताबिक, 2019 में कॉफी विद करण के दौरान हुआ विवाद उन्हें बहुत महंगा पड़ा। टीम इंडिया के इस ऑलराउंडर ने मजाक में कहा- अब तो काफी की जगह मैंने ग्रीन टी पीना शुरू कर दिया है। पंड्या ने ये बातें विकेटकीपर दिनेश कार्तिक से इंस्टाग्राम चैट शो के दौरान कहीं। बता दें कि पंड्या और लोकेश राहुल ने कॉफी विद करण शो में हिस्सा लिया था। इस शो में पंड्या की कुछ टिप्पणियों को महिला विरोधी बताया गया। उन्हें सस्पेंड भी किया गया था।
इतनी महंगी कॉफी नहीं पीना चाहता
पंड्या को मजाकिया स्वभाव के लिए भी जाना जाता है। इस चैट के दौरान उनका यही अंदाज नजर आया। कॉफी विद करण शो का जिक्र हुआ तो हार्दिक ने चुटीली टिप्पणी की। कहा, “अब मैं काफी नहीं पीता। इसकी जगह ग्रीन टी लेता हूं। कॉफी मैंने एक ही बार पी थी। और वो बहुत महंगी पड़ी। इतनी महंगी कॉफी तो स्टारबक्स की भी नहीं होती। उस दिन के बाद मैंने कॉफी से ही तौबा कर ली।”
बिना दर्शकों का आईपीएल अच्छा विकल्प
कोरोनावायरस के कारण आईपीएल को अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। कुछ सुझाव इस तरह के भी आए जिनमें बिना दर्शकों के मैच कराने को कहा गया। हार्दिक ने इस बारे में कहा, “दर्शकों के बिना यह अलग तरह का अनुभव होगा। सच्चाई ये है कि हमें (आईपीएल में) दर्शकों से भरे स्टेडियम में खेलने की आदत है। मैं रणजी ट्रॉफी में बिना दर्शकों के खेला हूं और यह अलग अनुभव रहा है। ईमानदारी से कहूं तो आईपीएल अगर बिना दर्शकों के होगा तो भी यह अच्छा विकल्प होगा। कम से कम लोगों का घर में रहते हुए मनोरंजन होगा।"
ऑस्ट्रेलिया के ओपनर डेविड वॉर्नर ने दुनिया के तीन महान बल्लेबाजों का जिक्र किया। न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन से इंस्टाग्राम वीडियो चैट में वॉर्नर ने क्रिकेट से जुड़े कुछ मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान डेविड ने कहा- मेरी नजर में इस वक्त दुनिया में तीन बल्लेबाज सर्वश्रेष्ठ हैं। विराट कोहली, स्टीव स्मिथ और केन विलियम्सन।
कोरोनावायरस के कारण बाकी खेलों की तरह क्रिकेट भी बंद है। इस साल आईपीएल भी अनिश्चिकाल के लिए टाल दिया गया है।
सनराईजर्स के कप्तान हैं विलियम्सन
वॉर्नर को वर्तमान क्रिकेट के सबसे बेहतरीन और आक्रामक बल्लेबाजों में से एक माना जाता है। विलियम्सन से उनकी बातचीत रोचक रही। दोनों माहिर बल्लेबाज हैं। लिहाजा, बैटिंग पर ही ज्यादा चर्चा हुई। विलियम्सन ने वॉर्नर से तीन मॉर्डन ग्रेट्स के नाम पूछे। इस पर डेविड ने बेझिझक विराट कोहली, स्टीव स्मिथ और विलियम्सन का नाम लिया। विलियम्सन सनराईजर्स हैदराबाद के भी कप्तान हैं। वॉर्नर ने कहा कि वो हमेशा इन तीन बल्लेबाजों की बैटिंग देखना पसंद करेंगे।
विलियम्सन भावुक हुए
वॉर्नर ने विलियम्सन से 2019 वर्ल्ड कप के फाइनल पर बात की तो न्यूजीलैंड का यह कप्तान भावुक हो गया। विलियम्सन ने कहा, “वो बहुत भावुक कर देने वाला लम्हा था। हम इसके लिए तैयार नहीं थे। लेकिन, खेल की दुनिया में इस तरह के लम्हे आते रहते हैं। कई बार चीजें हमारे काबू में नहीं होतीं। खास बस इतना है कि वो वर्ल्ड कप का फाइनल था। लेकिन, मुझे गर्व है कि हमने वहां बेहतरीन प्रदर्शन किया था। मैच के बाद मुझे महसूस हुआ कि कोई शिकायत करना सही नहीं होगा। कई बार हम वो नहीं कर पाते जो करना चाहते हैं।”
दुनिया के मशहूर फुटबॉल क्लबों में से एक चेल्सी ने साफ कर दिया है कि वो प्लेयर्स की सैलरी कम नहीं करेगा। क्लब की तरफ से यह भी साफ कर दिया गया है कि फुल टाइम स्टाफ को भी अस्थायी तौर पर छुट्टी देने की कोई योजना नहीं है। क्लब की सफाई कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में लगाए जा रहे कयासों के बाद आई है। इन रिपोर्ट्स में कहा गया था कि चेल्सी प्लेयर्स की सैलरी कम करने पर विचार कर रहा है।
क्लब ने क्या कहा?
शनिवार देर रात जारी एक बयान में क्लब ने कहा, “हम ये साफ कर देना चाहते हैं कि क्लब अपने फुल टाइम स्टाफ की सैलरी में कोई कटौती नहीं कर रहा है। उनको वही पैकेज मिलता रहेगा जो अब तक मिलता रहा है।” हालांकि, क्लब ने प्लेयर्स से महामारी के दौर में सामाजिक योगदान देने की अपील जरूर दोहराई है।
मदद के लिए आगे आएं प्लेयर्स
एक अलग बयान में चेल्सी मैनेजमेंट ने अपनी मुख्य टीम से चैरिटी में योगदान की अपील दोहराई। कहा, “फिलहाल, मुख्य टीम के प्लेयर्स ने आर्थिक तौर पर ज्यादा मदद नहीं की है। अब बोर्ड ने खिलाड़ियों से कहा है कि वो सामाजिक और आर्थिक योगदान जरूर दें। संकट गहराता जा रहा है। हम चाहते हैं कि हमारे सभी खिलाड़ी क्लब के चैरिटी प्रोग्राम्स में हिस्सा लें।”
एक अच्छी पहल
चेल्सी की महिला फुटबॉल टीम को भी पहले की तरह सैलरी और एरियर्स मिलते रहेंगे। इस बीच, टीम मैनेजमेंट ने ये भी साफ कर दिया है कि वो ब्रिटिश सरकार द्वारा चलाई जा रही रोजगार योजनाओं का लाभ नहीं लेगा। क्लब के अस्थायी कर्मचारियों को भी 30 जून तक का पूरा वेतन और भत्ते दिए जाएंगे। न्यूकैसल और नॉर्विक जैसे प्रीमियर क्लबों ने अपने नॉन प्लेइंग स्टाफ को अस्थायी छुट्टी देने का फैसला किया है। टॉटेनहैम और लिवरपूल की इसी मसले पर काफी आलोचना हुई। अब वो फैसले पर फिर विचार कर रहे हैं।
फुटबॉल पर असर
कोरोनावायरस के चलते खेलों पर भी गंभीर असर हुआ है। दुनिया की ज्यादातर फुटबॉल लीग या तो टाल दी गई है या उन्हें रद्द कर दिया गया है। प्रीमियर लीग, ला लीगा और बुंडेसलीगा अनिश्चितकाल के लिए टाल दी गई हैं।